सरगुजा

सरगुजा संभाग में शीत लहर चलने का येलो अलर्ट
13-Dec-2024 9:12 PM
सरगुजा संभाग में शीत लहर चलने का येलो अलर्ट

अंबिकापुर में इस सीजन का सबसे कम 5.9 डिग्री पर पहुंचा पारा

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता

अम्बिकापुर,13 दिसंंबर। अगले 72 घंटे के लिए सरगुजा संभाग में शीत लहर चलने का येलो अलर्ट मौसम विभाग द्वारा जारी किया गया है, वहीं शुक्रवार का दिन सरगुजा संभाग मुख्यालय अंबिकापुर का सबसे ठंडा रहा,यहां 5.9 डिग्री पर पारा पहुंच गया, जो इस सीजन का सबसे न्यूनतम तापमान है।

6 डिग्री के नीचे पारा पहुंचने से लोगों में ठिठुरन महसूस हुई। लोगों ने दिन के समय भी गर्म कपड़े से लादे हुए नजर आए, वहीं शाम होते-होते अलाव का सहारा लेने लोग मजबूर हैं। शुक्रवार को सरगुजा संभाग के सूरजपुर - 7.8, बैकुंठपुर - 7.4, बलरामपुर - 4.8 और अम्बिकापुर का तापमान 5.9 डिग्री रहा। छत्तीसगढ़ के शिमला मैनपाट में तापमान 4 डिग्री के आसपास बना हुआ है।

सरगुजा अंचल में शीतलहर जैसे हालात है,13 दिसंबर  को राजमोहिनी देवी कृषि महाविद्यालय एवं अनुसंधान केंद्र अंबिकापुर से प्राप्त जानकारी के अनुसार अधिकतम तापमान 24.0 डि.से दर्ज  तो न्यूनतम तापमान 3.6 डि.से . जो कि सामान्य न्यूनतम तापमान 9.6 डि.से . से 6.0 डि.से  कम दर्ज  किया गया है। इस हालत में एक ओर ठिठुरन से आम जन परेशान हैं वहीं पशु, कुक्कुट व  फसल को बहुत अधिक नुकसान हो रहा है तथा संभावना है।

भारत मौसम विज्ञान मेट सेंटर रायपुर मौसम सारांश से जानकारी को माने तो अगले 72 घंटे के लिए 15 दिसंबर को प्रात: 8.30 बजे तक संभाग के चिन्हांकित जिला क्षेत्र में शीतलहर चलने की संभावना है। 

संस्था के एक्सपर्ट डॉ. रंजीत कुमार एवं यमलेश ने पशुपालक भाइयो को इस लहर से बचाब के सम्बन्ध में बताया कि ठण्ड से पशुओं के श्वसन एवं तापमान में उतार-चढ़ाव, बुखार , पेट फूलना, लीवर कमजोर होना या हाइपोथर्मिया आदि  समस्याएं  आ सकती है, अत: किसान भाई स्वयं व परिवार को शीत लहर के प्रकोप से बचाएं।

पशुओं को भोर में पशुओं को चरने जाने न दे एवं रात के समय मवेशियों को शेड के अन्दर रखें। रात के समय कुक्कुट आवास में प्रकाश व्यवस्था करें जिससे चूजों के वृद्धि, विकास मुर्गियों के प्रजनन, अंडा देने के साथ साथ चूजों को गर्मी मिल सके। कुक्कुट आवास या पशुशाला को ठंडी हवा से बचने के लिए हीटर से गर्मी दिलाने एवं बोरो से ढंकने की व्यवस्था करें। पशुओं के बिछवान के रूप में पुआल आदि का उपयोग करें।

पशुओं को नियमित खुरैरा करें। पशुओं को ऊर्जा की जरुरत पूरी करने रोज राशन में प्रोटीन, 10 से 20 ग्राम नमक,  खनिज मिश्रण, गेहूं के दाने, गुड़ आदि का समावेश करें एवं साफ गुनगुना पानी पिलायें।  ठंडी में अक्सर पशुओं के पेट फूलने की समस्या आती है निदान के लिए टेम्पोल दवा 100 ग्राम /पशु गर्म पानी में मिलाकर पिलायें। आवश्यकतानुसार पशु चिकित्सक से संपर्क स्थापित करें।

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