‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
सारंगढ़, 13 दिसंबर। छत्तीसगढ़ शासन की हुई कैबिनेट में हमारे वर्ष 2022 - 23 के भुगतान पर सहमति नहीं बनी , साथ ही एसएलसी से परिवहन व्यय भी फाइनल नहीं हो पाया। यह बड़ी वादा खिलाफी की गई है। पूरे प्रदेश के मिलर्स जो सरकार से बड़ी उम्मीद लगाए बैठे थे वह सभी सकते में हैं निराश और आक्रोशित हैं।
सरकार के कैबिनेट के निर्णय के बाद अब पुन: प्रदेश एसोसिएशन अपने मिलर्स के साथ कस्टम मिलिंग कार्य करने के निर्णय पर पुनर्विचार करेगा। सभी मिलर्स की आज के कैबिनेट पर निगाह थी और सभी के मन में था कि - सरकार अपनी बातों को कैबिनेट में पास कराकर मिलर्स का काम सुचारू करेगी लेकिन इसका उलट कैबिनेट ने निर्णय कर मिलर्स की आर्थिक रूप से कमजोर हो चुकी कमर को तोडक़र रख दिया है। मिलर्स को मिल संबंधी खर्चों के लिए भुगतान करने की और अपना काम करने पैसों की जरूरतें थी। इसके लिए पिछले दिनों पूरे प्रदेश के मिलरों ने अपनी कुछ जायज़ मांगों के पूरा होने तक कस्टम मिलिंग कार्य से दूरी बना ली थी। सरकार ने मिलर्स से चर्चा कर बड़ा आश्वासन दिया लेकिन अब पूरे प्रदेश के मिलर्स सरकार के वर्तमान निर्णय के खिलाफ हैं कि मिलर्स का वर्ष 2022-23 के बजाय वर्ष 2023-24 का भुगतान किया जाए।
यह जानकारी योगेश अग्रवाल प्रदेश अध्यक्ष छत्तीसगढ़ प्रदेश राइस मिलर एसोसिएशन द्वारा जारी किया गया है।