धमतरी

बीज निगम किसानों को ऊंचे दर पर बेच रहा अमानक चना बीज
13-Dec-2024 2:32 PM
बीज निगम किसानों को ऊंचे दर पर बेच रहा अमानक चना बीज

 कलेक्टर से शिकायत 

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
कुरुद, 13 दिसंबर।
धमतरी जिला भारतीय किसान संघ के प्रतिनिधि मंडल ने कलेक्टर नम्रता गांधी एवं कृषि उपसंचालक से भेंट कर शासकीय एवं निजी क्षेत्रों में किसानों के हो रहे शोषण पर रोक लगाने की मांग करते हुए मुख्यमंत्री एवं कृषि मंत्री के नाम का ज्ञापन सौंपा। 

भारतीय किसान संघ धमतरी जिलेजिलाध्यक्ष लालाराम चंद्राकर, दुलार सिंह, प्रदीप, लोकनायक चंद्राकर आदि ने 12 दिसंबर को कलेक्टर से मुलाकात कर बताया कि बीज विकास निगम द्वारा किसानों को सोसाइटियों के माध्यम से अमानक चना बीज वितरित किए जाने की शिकायत करते हुए अपने साथ प्रमाण स्वरूप ले गए चना बीज दिखाया। गाड़ाडीह समिति के माध्यम से 85 रुपए किलो में ग्राम उमरदा निवासी लोकनायक चंद्राकर को बेचा गया 9 कट्टा चना बीज से लिए गए सेंपल में कंकड़ पत्थर काले दाने दाल साफ नजर आ रहा है। गैर प्रमाणित बीज को बोरे में भरकर किसानों को ठगने की शिकायत करने पर संबंधित अधिकारी बीज निगम मरौद के अधिकारी अमन दोहरे उक्त बीज वापस लेने से इंकार कर रहे हैं। 

किसान नेताओं ने कहा कि एक तरफ सरकार फसल चक्र परिवर्तन का आह्वान कर रही है लेकिन किसानों को प्रमाणित बीज तक  उपलब्ध नहीं हो रहा है। न जाने ऐसे कितने किसानों के साथ बीज निगम के द्वारा धांधली किया जा रहा है इस पर तत्काल कार्रवाई किया जाए वरना भारतीय किसान संघ ऐसे अधिकारियों के खिलाफ आंदोलन करने के लिए मजबूर होगा। संघ के जिलाध्यक्ष श्री चन्द्राकर ने बताया कि जिले के कृषि उपज मंडियों में धान विक्रेता किसानों से बोली के बाद धान भरने, कांटा, तौलाई चार्ज किसानों से वसूला जा रहा है जबकि यह क्रेता की जिम्मेदारी है। किसानों से इस प्रकार शुल्क लिया जाना अनुचित है उसे तत्काल बंद किया ।

खुले में घूम रहे पशुओं के लिए गौ अभ्यारण्य की स्थापना कर उसमें पानी चारे की व्यवस्था के साथ गोबर से रिसर्च आधारित खाद का निर्माण कर सोसाइटी में सप्लाई किया जाए इससे लोगों को रोजगार प्राप्त होगा। साथ ही आवारा पशुओं को भी एक जगह व्यवस्थित किया जा सकता है। 

सीएम को भेज गए ज्ञापन में संघ ने दलहन तिलहन फसल के लिए धमतरी जिले के कृषि उपज मंडियों समर्थन मूल्य पर खरीदी की व्यवस्था करने, सब्जी उत्पादक किसानों से विक्रय पर 10 फीसदी दलाली टैक्स की वसूली को पूरे प्रदेश स्तर में बंद कराने की मांग शामिल हैं। मंडी स्तर पर लाइसेंस के माध्यम से निर्धारित दर पर बोली किया जाए। इससे राज्य सरकार को राजस्व की प्राप्ति एवं उपभोक्ता को सस्ती मूल्य पर सब्जी उपलब्ध होगी। संबंधित अधिकारियों ने उपरोक्त मांगों का जल्द समाधान करने का आश्वासन दिया।

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