‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
सारंगढ़ बिलाईगढ़़, 11 दिसंबर। छत्तीसगढ़ प्रदेश के किसान भाईयों को धान बेचने में हो रही परेशानी तथा सरकार के किसान विरोधी रवैये के विरोध व किसान भाईयों के हित में जिला ब्लॉक कांग्रेस कमेटी सारंगढ़ ग्रामीण व शहर तथा उलखर कोसीर के संयुक्त तत्वाधान में एकत्रित होकर अनुविभागीय अधिकारी को राज्यपाल के नाम से ज्ञापन सौंपा गया जिसमें 14 नवंबर से पूरे प्रदेश में धान खरीदी शुरू है, लेकिन धान खरीदी केन्द्रों में फैली अव्यवस्था तथा सरकार की नीतियों के कारण किसानों को परेशान होना पड़ रहा है।
3 दिसंबर को कांग्रेस ने धान खरीदी केन्द्रों चलो अभियान चलाया, जिसमें कांग्रेस के वरिष्ठ नेतागण, पदाधिकारी धान खरीदी केन्द्रों पर गये, जहां उन्होंने किसानों की परेशानियों को देखा धान खरीदी केन्द्रों पर किसान निम्नांकित परेशानियों से जूझ रहे है। बारदाने की कमी है, जिससे किसानों को धान बेचने में परेशान होना पड़ रहा।
सरकार ने कहा है कि 50 प्रतिशत नये, 50 प्रतिशत पुराने बारदानों का उपयोग किया जाये। 50 प्रतिशत पुराने बारदाने समितियों में पहुंचे ही नहीं है, जिसके कारण धान खरीदी बाधित हो रही है। पुराने बारदाने फटे हुये है जिसमें धान भरा ही नहीं जा सकता, किसानों से कहा जा रहा 50 प्रतिशत बारदानो की व्यवस्था स्वंय करो उसका भुगतान किया जायेगा, लेकिन किसानों के बारदाने का पैसा भी नहीं मिल रहा।
टोकन की व्यवस्था अव्यवहारिक है, जिससे किसानों को परेशान होना पड़ रहा, नंबर ही नहीं आ रहा। टोकन कटने की तारीख से 7 से 10 दिन बाद धान बेचने के लिये किसानों को बुलाया जा रहा है। 15 दिन बाद तक का भी टोकन नहीं मिल रहा।
इलेक्ट्रॉनिक कांटा में जो तौलाई हो रहा है उसमें 1.5 किलोग्राम से 2.5 किलोग्राम अधिक तौला जा रहा है। सोसायटियों में धान का उठाव नहीं होने के कारण जगह की कमी है। धान के बोरे जाम है। जगह का अभाव हो गया है।
अनावरी रिपोर्ट कम बनाई गयी है तथा खरीदी भी 21 क्विंटल के हिसाब से नहीं हो रही है। किसानों से पूरा धान नहीं खरीदा जा रहा है। अनावरी रिपोर्ट गलत बनाया जा रहा जिसके आधार पर मात्र 9 से 12-14 क्विंटल धान खरीदा जा रहा। किसानो से पूरा 21 क्विंटल धान नहीं खरीदा जा रहा है। बड़े किसान अपनी बारी का इंतजार कर रहे उनकी बारी ही नहीं आ रही है। सरकार ने यह घोषणा किया है कि 72 घंटे में किसानों के खाते में पैसा आयेगा, लेकिन जो लोग धान बेच चुके है, उनके खाते के रकम हफ्तों तक नहीं आया है, जो रकम आ रहा है वह एक मुश्त 3100 नहीं है। सिर्फ 2300 रू. प्रति क्विंटल ही आ रहा है। (जो समर्थन मूल्य है उतना) भाजपा ने 3100 रू. एक मुश्त देने का वादा किया था। हमारी मांग है धान की कीमत का भुगतान 3217 रू. में करें क्योंकि 3100 रू. भाजपा ने अपने चुनावी वायदे में कहा था। इस वर्ष केन्द्र सरकार ने धान का समर्थन मूल्य 117 रू. बढ़ा दिया है। इस कारण इस वर्ष धान की खरीदी 3100 रू. से बढ़ाकर 3217 रू. किया जाए।
इस कारण सोसायटी में संग्रहण केंद्रों के बीच परिवहन की लागत अतिरिक्त आ रही है। लेवर चार्ज बढ़ गया इसमें भ्रष्टाचार किया जा रहा है। पिछले वर्ष का सुखत का पैसा सोसायटियों को अभी तक नहीं दिया गया। हमारा आपसे आग्रह है कि किसानों की परेशानियों के निराकरण तथा किसानों का पूरे धान की खरीदी सुनिश्चित करने हेतु आप हस्तक्षेप कर राज्य सरकार को आवश्यक निर्देश देने की मांग रखी।