सरगुजा

बांग्लादेश में इस्कॉन संतों की गिरफ्तारी और हिंदुओं पर अत्याचार के विरोध में हरिनाम संकीर्तन
05-Dec-2024 10:40 PM
बांग्लादेश में इस्कॉन संतों की गिरफ्तारी और हिंदुओं पर अत्याचार के विरोध में हरिनाम संकीर्तन

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता

अम्बिकापुर, 5 दिसंबर। बांग्लादेश में इस्कॉन के संत चिन्मय कृष्ण प्रभु सहित अन्य भक्तों की गिरफ्तारी, हिंदू मंदिरों में तोडफ़ोड़ और लगातार हिंदू समुदाय पर हो रहे अत्याचारों के चलते वहां भयावह स्थिति उत्पन्न हो गई है। इस गंभीर स्थिति में बांग्लादेश में रहने वाले अल्पसंख्यक हिंदुओं की सुरक्षा और सांप्रदायिक सौहार्द की स्थापना के लिए इस्कॉन अंबिकापुर प्रचार केंद्र के सदस्यों द्वारा हरिनाम संकीर्तन और नरसिंह कवच स्तोत्र का आयोजन किया गया।

इस्कॉन अंबिकापुर प्रचार केंद्र के प्रभारी दयानिधि प्रभु ने बताया कि आज से 500 वर्ष पूर्व अखंड भारत के बंगाल प्रांत (आज का पश्चिम बंगाल और बांग्लादेश) से ही भगवान श्री चैतन्य महाप्रभु ने हरे कृष्ण आंदोलन की शुरुआत की थी। बांग्लादेश के भूभाग में फैले गौड़ीय वैष्णव परंपरा और सनातन धर्म से जुड़े अनेक पवित्र स्थलों में से अधिकांश को कालांतर में नष्ट कर दिया गया। वर्तमान में बचे हुए देवस्थलों और मंदिरों के अस्तित्व पर भी गहरा संकट मंडरा रहा है।

दयानिधि प्रभु ने बताया कि इस्कॉन ने बांग्लादेश में जाति-धर्म के भेदभाव से ऊपर उठकर दशकों से समाज सेवा की है। आर्थिक और प्राकृतिक आपदाओं के दौरान इस्कॉन भक्तों ने वहां के नागरिकों को प्रसाद, राशन और अन्य राहत सामग्री वितरित की है। बांग्लादेश में इस्कॉन के लाखों अनुयायी रहते हैं, जिनमें करीब 40,000 गुरु परंपरा में दीक्षित वैष्णव भक्त हैं। लेकिन वर्तमान में वे सभी और समूचा हिंदू समुदाय भय और अनिश्चितता के माहौल में जीवन यापन कर रहा है।

भारत सरकार से मदद की अपील

दयानिधि प्रभु ने विश्वास व्यक्त किया कि भारत सरकार इस दिशा में सार्थक पहल करते हुए जल्द ही बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों पर हो रहे अत्याचार को रोकने और शांति स्थापना में सहायता करेगी। उन्होंने सभी भक्तों और समाज के लोगों से अपील की है कि बांग्लादेश में इस्कॉन संतों की रिहाई और हिंदू समुदाय की सुरक्षा के लिए परम भगवान से अधिक से अधिक प्रार्थना करें।

सामूहिक प्रार्थना का आह्वान

इस्कॉन अंबिकापुर प्रचार केंद्र के इस आयोजन के माध्यम से यह संदेश दिया गया है कि सभी भक्त भगवान से सामूहिक रूप से प्रार्थना करें ताकि बांग्लादेश में धर्म, शांति और न्याय की पुन: स्थापना हो सके।

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