‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
रायपुर, 5 दिसंबर। प्रदेश के पुराने सामाजिक संगठनों में से एक,प्रदेश देवांगन कल्याण समाज में दो फाड़ होने का खतरा बढ़ गया है। 1 दिसंबर को दीनदयाल आडिटोरियम में कराए एक सम्मेलन में प्रदीप देवांगन के प्रदेश देवांगन समाज के गठन को एक बड़े खेमे ने अवैधानिक कहा है । बैठक में इस खेमे ने एक दर्जन से अधिक लोगों को निष्कासित कर दिया था।
आज दूसरे खेमे के तीन वरिष्ठों रामगोपाल देवांगन,महेश देवांगन और कुंज लाल देवांगन ने पत्रकार वार्ता में कहा कि पंजीयन क्र. 2338 की समिति अल्पमत में आ गई है। प्रदीप देवांगन का समाज प्रमुखों एवं संस्थापक सदस्यों का निष्कासन अवैधानिक है। यह विश्वास खो चुके प्रदीप देवांगन का बौखलाहट में लिया गया निर्णय है।
दुर्भाग्यजनक है कि 1 दिसम्बर को अवैधानिक रूप से प्रदीप देवांगन ने आम सभा की, जिसमें न ही संस्थापक सदस्य उपस्थित थे और न ही कार्यकारिणी के सभी निर्वाचित सदस्य यहाँ तक कि सदस्यों की संख्या भी अत्यंत सीमित थी अर्थात न कार्यकारिणी का कोरम पूरा था और न ही सदस्यों का, फिर भी मनमाने ढंग से समाज के निर्वाचित 19 कार्यकारिणी सदस्यों में से 12 सदस्यों को एवं कुछ समाज प्रमुखों को निष्कासन करने का निर्णय लिया गया।
इनका कहना है कि डॉ ओमप्रकाश देवांगन तो प्रदेश देवांगन कल्याण समाज (2338)का सदस्य भी नहीं है, उसे कैसे निष्कासित किया गया ? संगठन के सदस्यों की संख्या मात्र 2400 के लगभग है, तो 10 लाख सदस्यों के दावे की सत्यता बताएं।
अगर 10 लाख सदस्य हैं तो सदस्यता शुल्क की राशि 120/- रूपये प्रतिवर्ष के हिसाब से 12 करोड़ की राशि कहां है ?
ऐसे गलत कार्यों के लिए प्रदीप देवांगन स्वयं समाज से माफी मांगे अन्यथा मानहानि का दावा एवं अन्य वैधानिक कार्यवाही की जायेगी। महेश देवांगन संरक्षक प्रदेश देवांगन समाज छत्तीसगढ़ रायपुर (छ.ग.) मो.नं. 7587720111 कुंजलाल देवांगन संरक्षक एवं संस्थापक सदस्य प्रदेश देवांगन कल्याण समाज छत्तीसगढ़ धमतरी (छ.ग.) मो.नं. 9425214832
रामगोपाल देवांगन संरक्षक एवं संस्थापक सदस्य प्रदेश देवांगन कल्याण समाज छत्तीसगढ़ भखारा, जिला धमतरी (छ.ग.) मो.नं. 9691079279