रायपुर, 3 दिसंबर। मंगलवार को आदिनाथ दिगंबर जैन बड़ा मंदिर (लघु तीर्थ) मालवीय रोड में जैन मुनि आगम सागर पुनीत सागर एवं धैर्य सागर ने नित्य अभिषेक,शांति धारा पूजन के पश्चात सुबह 8.30 बजे आचार्य श्री का पूजन अष्ट द्रव्यों से किया गया।तत्पश्चात श्री पुनीत सागर ने अपने प्रवचन में बताया कि पाप और पुण्य हमारे अच्छे और बुरे कर्मो कार्यों के कारण बनते है। इसलिए समय का लाभ लेकर हमेशा लेकर अच्छे कार्य करना चाहिए। श्री आगम सागर महाराज ने कहा कि आचार्य श्री विद्या सागर ने अपने जीवन को लोहे कि तरह जिया। जीवन भर किसी भी सहारे में नहीं रहे। अपने अन्तिम समय में भी वोआपने अपने सभी नियमों का पालन करते रहे। उनकी कृपा से छतीसगढ़ के डोंगरगढ़ में चंद्र गिरी का विशाल तीर्थ बन रहा है आचार्य श्री इस धरती के ऐसे संत थे जो ख्याति पूजा लाभ से हमेशा दूर रहे। उनके प्रथम समाधि दिवस के उपलक्ष्य पर 1008 श्री सिद्ध चक्र महा मंडल विधान में ज्यादा से ज्यादा संख्या में धर्म प्रेमी बन्धुओ को भाग लेना चाहिए।
साथ ही आचार्य श्री ने राजधानी रायपुर के श्री आदिनाथ दिगंबर जैन बड़ा मंदिर को लघु तीर्थ बनाने का को मंगल आशीर्वाद दिया है उसे भी जल्द से जल्द पूरा किया जायेगा।