बिलासपुर, 3 दिसंबर। अरपा नदी के उद्गम स्थल के संरक्षण को लेकर हाईकोर्ट में दायर जनहित याचिका पर सोमवार को सुनवाई हुई। शासन ने कोर्ट को जानकारी दी कि जमीन अधिग्रहण की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है और इसे पूरा होने में करीब 16 माह का समय लगेगा। वहीं, नगर निगम का शपथपत्र समय पर पेश न होने के कारण कोर्ट ने 5 दिसंबर को अगली सुनवाई निर्धारित की है।
पहले की सुनवाई में नगर निगम यह स्पष्ट नहीं कर सका था कि गंदे पानी को बिना ट्रीटमेंट नदी में जाने से कैसे रोका जाएगा। कोर्ट ने विस्तृत कार्ययोजना प्रस्तुत करने का निर्देश दिया था। सोमवार की सुनवाई में नगर निगम ने बताया कि सीवरेज प्लानिंग के लिए कंसल्टेंट से काम कराया जा रहा है, लेकिन योजना अभी तक पूरी नहीं हुई है।
गौरेला-पेंड्रा-मरवाही जिले के कलेक्टर द्वारा प्रस्तुत शपथपत्र में बताया गया कि नदी के उद्गम स्थल को संरक्षित करने के लिए निजी 5 एकड़ जमीन और वन विभाग की 5 एकड़ जमीन अधिग्रहित की जा रही है। इस प्रक्रिया में दावा-आपत्ति जैसी कानूनी प्रक्रियाएं भी शामिल हैं, जिससे इसे पूरा होने में 16 माह लग सकते हैं।
डिवीजन बेंच के जस्टिस संजय के अग्रवाल ने नगर निगम के अधूरे शपथपत्र पर असंतोष जताते हुए पूछा कि गंदे पानी को नदी में जाने से रोकने के लिए क्या उपाय किए जाएंगे। कोर्ट ने सुझाव दिया कि जब तक ट्रीटमेंट प्लांट तैयार नहीं हो जाता, स्टॉप डेम खोल दिए जाएं ताकि नदी में पानी का प्रवाह बना रहे।