धमतरी

कूरूद डीजे कांड में दोषमुक्ति के निर्णय को सही ठहरा न्यायालय ने की अपील निरस्त
03-Dec-2024 2:47 PM
कूरूद डीजे कांड में दोषमुक्ति के निर्णय को  सही ठहरा न्यायालय ने की अपील निरस्त

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
कुरूद, 3 दिसंबर।
नगर में शांति सद्भावना की गौरवशाली परंपरा को कलंकित करने वाली घटना डीजे कांड के सभी आरोपियों को तीन साल पहले कुरुद न्यायालय ने दोषमुक्त किया था, लेकिन दूसरे पक्ष ने इस फैसले को जिला न्यायालय में चुनौती दी थी। अपीलकर्ता तथा बचाव पक्ष को सुनने के बाद अपर सत्र न्यायाधीश धमतरी द्वारा निर्णय पारित कर विचारण न्यायालय के निर्णय को वैधानिक रूप से हस्तक्षेप योग्य नहीं पाया और आरोपीगण की दोषमुक्ति को यथावत रखते हुए अपील निरस्त कर दी। कांग्रेस ने इसे न्याय की जीत बताते हुए फैसले का स्वागत किया है। 

ज्ञात हो कि 20 फरवरी 2015 को नगर में हुए बहुचर्चित डीजे कांड वाली घटना जिसमें पूर्व मंत्री के बंगले एवं थाना में तोडफ़ोड़ एवं पथराव के मामले में कांग्रेसियों एवं अन्य आरोपियों के अभियोजन पक्ष की ओर से प्रस्तुत गवाहों के बयान एवं बचाव पक्ष के अधिवक्ता मुकेश साहु द्वारा प्रस्तुत तर्कों पर विचार कर कुरुद न्यायालय ने उक्त दोनों प्रकरणों में सभी आरोपीगणों को दोष मुक्त कर दिया था। इससे पूर्व भी भाजपा महिला पार्षद की शिकायत वाले केस में 21 लोगो को दोषमुक्त किया गया था। 

घटना के संबंध में कुरूद विधानसभा युकाध्यक्ष देवव्रत साहू, ने बताया कि फरवरी 2015 में वार्ड क्र.14 में रॉयल क्लब द्वारा डीजे डांस प्रतियोगिता का आयोजन किया गया था। लेकिन अतिथि नहीं बनाने की छोटी सी बात को लेकर सत्ता पक्ष द्वारा प्रशासन की मदद से बिजली बंद करा दी गई थी। जिससे गुस्साई भीड़ ने सत्ताधारी नेताओं के दमनकारी और तानशाही नीति का विरोध जताया था। इसके बाद राजनीतिक दुर्भावना के तहत दर्जनों कांग्रेसियों एवं नगर के युवा और छात्रों सहित कुल 21 लोगो को 40 दिनों तक जेल भेजवा दिया गया। सत्ता पक्ष द्वारा की गई गुंंडागर्दी के खिलाफ तब पुलिस ने रिपोर्ट तक दर्ज नहीं की थी। 6 साल तक चली सुनवाई के बाद कोर्ट ने नगर पंचायत अध्यक्ष तपन चंद्राकर,पूर्व मंडी अध्यक्ष नीलम चन्द्रकर, विधानसभा युकाध्यक्ष एवं पार्षद देवव्रत साहू, डूमेश साहू, योगेश चंद्राकर, ऐश्वर्य साहू, बालमुकुंद साहू रूपेश साहू, परमानंद यादव ,महेंद्र साहू भूपेंद्र साहू, रमजान खान, रूपेश साहू , पुष्कर गोस्वामी, अविनाश गौर,गालो रतलानी, महेश नगारची, गिरधर दीवान, चेतन साहू,अनवर, रमजान खान,, भूपेंद्र, संतोष, अजय,लिकेश साहू को दोषमुक्त किया था। 

उक्त प्रकरण मे विचारण न्यायालय के द्वारा पारित दोषमुक्ति के निर्णय को दुसरे पक्ष ने जिला न्यायालय में अपील के माध्यम से चूनौती दी गयी थी। करीब तीन साल तक चले इस प्रकरण में दोनों पक्षों की दलील एवं साक्ष्यों पे गौर करते हुए अपर सत्र न्यायाधीश धमतरी द्वारा 2 दिसम्बर को निर्णय पारित कर विचारण न्यायालय के निर्णय को वैधानिक रूप से हस्तक्षेप योग्य नहीं पाया और आरोपीगण की दोषमुक्ति को यथावत रखते हूए अपील निरस्त कर दी। फैसले का स्वागत करते हुए कांग्रेस नेता नीलम चंद्राकर, तपन चंद्राकर, देवव्रत साहू ने कहा कि सत्य परेशान हो सकता है लेकिन पराजित नहीं, सत्ता के नशे में चूर एक बड़े भाजपा नेता के इशारे में षड्यंत्र पूर्वक झूठे केश में फंसाकर तानाशाही तरीके से कुल 21 लोगों को जेल भेजा गया था। लेकिन दूसरी बार न्यायालय में सत्य की जीत हुई। यह फैसला नगर एवं क्षेत्र की एकता एवं भाईचारे पर कुदृष्टि रखने वाले षड्यंत्रकारियों के मुंह पर करारा तमाचा है।
 

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