महासमुन्द
पूर्व विधायक कहते हैं-कर्मचारी भ्रष्ट है, कर्मचारियों का आरोप- नेताजी दखल करते हैं
बीच बचाव के लिए कलेक्टर को आना पड़ा
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
महासमुंद, 28 नवम्बर। बुधवार को महासमुंद तहसील कार्यालय में दिलचस्प मामला सामने आया। भाजपा नेता पूर्व विधायक और कर्मचारी-अधिकारी एक दूसरे के खिलाफ आमने-सामने ही धरने पर बैठ गए। धरने पर बैठे कर्मचारी और नेता को बीच-बचाव करने आखिरकार कलेक्टर को आना पड़ा।
हु्आ यह कि पूर्व विधायक डॉ. विमल चोपड़ा कल महासमुंद तहसील परिसर में अपने समर्थकों के साथ धरने पर बैठ गए और जमकर नारेबाजी की। डॉ.चोपड़ा ने आरोप लगाया कि पिछले 7-8 माह से छोटी-छोटी समस्याओं को लेकर किसान, कामगार, गरीब और कई लोग तहसीलदार, कलेक्टर के पास आ रहे हैं। पर कोई काम नहीं हो रहा है। तहसील में बिना पैसा दिए कोई कार्य नहीं होता है। जनता प्रताडि़त है। इसीलिए आज यहां धरने पर बैठना पड़ा। यदि एक सप्ताह में कार्य नहीं होता है तो हम लोग राजस्व मंत्री के पास जाएंगे।
दूसरी तरफ तहसील कार्यालय के कर्मचारी भी डॉ. विमल चोपड़ा पर न्यायालीन कार्य नहीं करने देने का आरोप लगाते हुए तहसील परिसर में धरने पर बैठ गए। तहसील कर्मचारियों ने कहना था कि हम लोग पिछले दो-तीन महीनों से परेशान हैं। डॉ.विमल चोपड़ा न्यायालीन एवं कार्यालयीन कार्यों में दखलअंदाजी करके दवाब डालते हैं। इसीलिए हम लोग अनिश्चितकालीन कलमबंद हडताल कर धरने पर बैठे हैं।
इस धरने से बनी स्थिति को देखते हुए कलेक्टर विनय कुमार लंगेह ने दोनों पक्षों से बातचीत कर समस्या का समाधान जल्द निकालने की बात कही। एसडीएम व तहसील दफ्तर के कर्मचारियों पर भ्रष्टाचार का आरोप लगाते हुए पूर्व विधायक डॉ. विमल चोपड़ा ने समर्थकों के साथ एसडीएम दफ्तर से सटे आंगन में धरना देते हुए एसडीएमए तहसीलदार के विरूद्ध जमकर नारेबाजी की। बाद कलेक्टोरेट पहुंचकर वहां के बाबू सहित कर्मचारियों की शिकायत की।
समाचार कवर करने गए पत्रकारों पर भी डॉ. चोपड़ा ने अपनी नाराजगी जताई। इधर, पूर्व विधायक का धरना चल ही रहा था कि शासकीय कार्य में बाधा डालने, दबाव पूर्वक कार्य कराने तथा दुव्र्यवहार का आरोप लगाते हुए एसडीएम व तहसील दफ्तर के कर्मचारी भी काम बंद कर उनके समक्ष आकर धरने पर बैठ गए तथा अनि श्चितकालीन कलमबंद हड़ताल शुरु कर दी।
इस तरह एक ओर डॉ.चोपड़ा ने भ्रष्ट कर्मचारियों की शिकायत मुख्यमंत्री तथा राजस्व मंत्री से करने की बात कही तो दूसरी ओर कर्मचारियों ने कहा कि जब-जब डॉ.चोपड़ा तहसील कार्यालय आएंगे, तब-तब कलमबंद कर काम नहीं करेंगे।
मालूम हो कि डॉ. चोपड़ा हर बुधवार एसडीएम कार्यालय परिसर में लोगों की समस्याएं सुनते हैं। बीते बुधवार को डॉ. चोपड़ा वहां एक राजस्व प्रकरण लेकर पहुंचे थे। लेकिन संतोषजनक जवाब नहीं मिलने पर वे एसडीएम चेंबर में ही साथियों के साथ धरने पर बैठ गए थे।
इधर, धरने पर बैठे एसडीएम व तहसील दफ्तर के कर्मचारियों ने डॉ. चोपड़ा पर आरोप लगाते हुए कहा कि पूर्व विधायक डॉ.विमल चोपड़ा प्रत्येक बुधवार को अपने कार्यकर्ताओं के साथ कार्यालय अनुविभागीय अधिकारी राजस्व एवं तहसील कार्यालय महासमुंद में लोगों को इक_ा कर दबावपूर्वक दबावपूर्वक कार्य कराए जाने का प्रयास करते हैं। न्यायालयीन प्रकरणों की सुनवाई के दौरान अपने कार्यकर्ताओं के साथ न्यायालय में अनाधिकृत रूप से आकर न्यायालयीन कार्य में बाधा उत्पन्न करते हुए नारेबाजी करते और कराते हैं। साथ ही न्यायालय की फोटोग्राफी व वीडियो रिकार्डिंग भी की जाती है। जिससे कार्य करने में परेशानी होती है। कर्मचारियों पर भ्रष्ट होने का बेबुनियाद आरोप भी लगाया जाता है।
तहसील दफ्तर से निकलकर पूर्व विधायक डॉ. चोपड़ा व समर्थकों ने पूर्व विधायक कांग्रेस नेता विनोद चंद्राकर का पुतला फूंका। वहां से रैली की शक्ल में कलेक्टोरेट पहुंचे। जहां प्रशासन ने बैरिकेड लगा रखे थे। नारेबाजी के कुछ देर बाद उन्हें प्रवेश दिया गया। जहां कलेक्टर व प्रदर्शनकारियों के बीच चर्चा चली। इस बीच एक पीडि़त ने भी अपनी बातें रखी।
शिकायत पर कलेक्टर विनय कुमार लंगेह ने कहा कि वे स्वयं ही पीडि़त लोगों के प्रकरणों की नई फाइल तैयार कर अपनी निगरानी में प्रकरणों को देखेंगे। इस दौरान मोहन साहू, पवन साहू, पार्षद देवीचंद राठी, हनीश बग्गा, महेंद्र सिका, विक्की गुरुदत्ता, भरत खत्री, जितेंद्र साहू, गोविंद साहू, नईम खान, माखन पटेल, सुरेंद्र दास सहित बड़ी संख्या में लोग उपस्थित थे।