गोरेला पेंड्रा मरवाही
प्लेटफॉर्म पर गिनवाता था ट्रेन के डिब्बे, सरगना आसनसोल से गिरफ्तार
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
गौरेला-पेंड्रा-मरवाही, 18 नवंबर। जिले में रेलवे में नौकरी का झांसा देकर ठगी करने वाले एक गिरोह का भंडाफोड़ हुआ है। पुलिस ने सरगना कपिल बरनवाल को आसनसोल (पश्चिम बंगाल) से गिरफ्तार किया है।
ग्राम कुम्हारी निवासी पुनीत प्रधान ने मरवाही थाने में शिकायत दर्ज कराई कि रेलवे में नौकरी दिलाने के नाम पर उनसे 12 लाख रुपये की ठगी की गई। यह राशि 9 महीने की फर्जी ट्रेनिंग के दौरान अलग-अलग किश्तों में वसूली गई थी। ट्रेनिंग के दौरान पुनीत को प्लेटफॉर्म पर ट्रेन के डिब्बे गिनने जैसे कार्य करवाए गए।
ठगी का पता चलने पर पुनीत ने पुलिस से संपर्क किया। पहले की गई जांच में तीन अन्य आरोपियों—अमित मंडल, विधान बैरागी, और योगेश रजक को गिरफ्तार किया गया था। इनकी भूमिका अलग-अलग रही, जैसे युवाओं को ट्रेनिंग देना और उन्हें आसनसोल भेजने की जिम्मेदारी निभाना।
गिरोह का सरगना कपिल बरनवाल काफी समय से फरार था और बार-बार अपनी लोकेशन बदल रहा था। जैसे ही वह आसनसोल लौटा, मरवाही पुलिस ने स्थानीय पुलिस के सहयोग से उसे गिरफ्तार किया। आसनसोल पुलिस के इंस्पेक्टर कौशिक कुंडू की मदद से उप निरीक्षक श्यामलाल गढ़वाल, सहायक उप निरीक्षक मनोज हनोतिया, और प्रधान आरक्षक अजय सिंह ने इस ऑपरेशन को अंजाम दिया।
गिरफ्तारी के बाद पता चला कि कपिल बरनवाल आसनसोल में भी फर्जी पुलिस अधिकारी बनकर घूमने के मामले में पहले से जमानत पर था।
पूछताछ में कपिल ने बताया कि वह केवल आठवीं तक पढ़ा है और यह सब कुछ उसने अपनी लक्जरी जीवनशैली के लिए किया। उसकी पत्नी पूजा हलदर एक मेकअप आर्टिस्ट है और उसके संपर्कों के जरिए गिरोह अन्य युवाओं को फंसाता था। गिरोह के सदस्य कभी आरपीएफ अधिकारी तो कभी स्वास्थ्यकर्मी बनकर लोगों को धोखा देते थे।
पुलिस पूछताछ में अन्य आरोपियों की पहचान और उनकी भूमिका का खुलासा हुआ है। गिरोह के खिलाफ आगे की कार्रवाई जारी है।