महासमुन्द
नंदनवन जंगल सफारी की टीम ने इलाज कर छोड़ा
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
महासमुंद, 11 नवंबर। करीब 500 किलोमीटर की उड़ान के बाद बीमार गिद्ध बागबाहरा वनक्षेत्र में पहुंचा था। राजधानी रायपुर के समीप स्थित नंदनवन जंगल सफारी के वन अधिकारियों एवं चिकित्सकों की टीम ने विलुप्त प्रजाति के सफेद पूंछ वाले बीमार गिद्ध का रेस्क्यू कर उसकी जान बचाने में सफल रहे।
यह बीमार गिद्ध लगभग 500 किलोमीटर की उड़ान भरता बीते दिनों छत्तीसगढ़ राज्य के महासमुंद वनक्षेत्र के बागबाहरा पहुंचा था। इस बीमार गिद्ध के रेस्क्यू के बाद नंदनवन जंगल सफारी के वन्य चिकित्सकों एवं वन अधिकारियों ने बड़ी सावधानी के साथ इलाज किया। इसके स्वास्थ्य पर सतत निगरानी रखी। जिसके चलते कुछ ही दिनों में यह गिद्ध स्वस्थ एवं सामान्य स्थिति में आ गया। जंगल सफारी की टीम ने इस गिद्ध को फिर से उड़ान भरने के लिए छोड़ दिया है।
नंदनवन जंगल सफारी के अधिकारियों द्वारा बीमार गिद्ध के बचाव कार्य की मुख्यमंत्री विष्णु देव साय एवं वन मंत्री केदार कश्यप ने सराहना की है। उन्होंने गिद्ध के रेस्क्यू ऑपरेशन और इलाज में लगी अधिकारियों की टीम को बधाई और शुभकामनाएं दी है। मुख्यमंत्री ने कहा कि विलुप्त होती गिद्ध की इस प्रजाति के लिए किए गए प्रयासों की जितनी सराहना की जाए कम है।
मालूम हो कि भारत में सफेद पूंछ वाला गिद्ध (वाईट रुम्पड वल्चर) प्रजाति की संख्या देश में 13 हजार से भी कम रह गई है। यह गिद्ध बड़े पेड़ों पर घोंसला बनाते हैं और साल भर में केवल एक ही अंडा देते हैं। जिससे इनकी संख्या बढऩे की गति धीमी होती है। ये गिद्ध केवल उन्हीं क्षेत्रों में पाए जाते हैं, जहां जैव विविधता समृद्ध होती है और प्रदूषण या औद्योगीकीकरण का प्रभाव कम होता है। गिद्ध के इस प्रजाति के संरक्षण एवं संवर्धन को लेकर लगातार प्रयास किए जा रहे हैं।