बेमेतरा
बेमेतरा, 11 नवंबर। शासकीय प्राथमिक शाला अकोला विकासखण्ड साजा में देवउठनी पर्व के अवसर पर बच्चें छत्तीसगढ़ी पारम्परिक वेशभूषा में लोकगीत सुआ नृत्य प्रस्तुत किए। शाला की प्रधान पाठिका हिमकल्याणी सिन्हा बच्चों को बताई की भगवान विष्णु चार माह सोने के बाद जागते है। इन चार महीनों में भगवान विष्णु के सोने या देव शयन करने के कारण मांगलिक कार्य वर्जित होते है। भगवान विष्णु के पुन: जागने के बाद ही सभी मांगलिक कार्य सम्पन्न हो पाते है देव जागरण या उत्थान होने के कारण देवोत्थान एकादशी भी कहते है साथ ही बच्चों को वृंदा और भगवान विष्णु से सबंधित कथा भी सुनाई। इस दिन यादव भाई गाय को सोहई भी बाँधते है। घरों में हाथा देते है और सभी की सुख समृद्धि की मंगल कामना करते है। शाला की शिक्षिका हेमलता ठाकुर ने बच्चों से कहा कि साल में 24 एकादशी होते है। बच्चें गमला में तुलसी का पौधा रोपित किए। गन्ना, जाम, केला, लाल रंग का वस्त्र, चंदन रोली, मौली, धूप दीप आदि से तुलसी पूजन किए। इस तरह बच्चे हर्षोउल्लास के साथ शाला में देवउठनी एकादशी का पर्व मनाये।