रायगढ़
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
रायगढ़, 8 नवंबर। खुद को अविवाहित बताकर युवती से शारीरिक संबंध बनाकर उसे गर्भवती करने के बाद शादी से मुकर जाने वाले आरोपी को अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश की अदालत से 10 साल सश्रम कारावास और जुर्माने से दण्डित किया है।
अभियोजन पक्ष के अनुसार मामला संक्षेप में इस प्रकार है कि पीडि़ता 2019 में हण्डी चौक में स्थित डेन्टल क्लीनिक में काम करती थी। उस वक्त क्लीनिक में लाईट बनाने का काम चल रहा था। लाईट बनाने का काम अभियुक्त भुनेश्वर साहू निवासी छातामुडा द्वारा लिया गया था।
इस दौरान भुनेश्वर ने पीडि़ता से उसका मोबाईल नंबर लिया और बात करने लगा। भुनेश्वर अपने आपको कुंवारा बताकर पढ़ाई करना बताया गया और पीडि़ता को पसंद करता हूं शादी करूंगा बोला गया। इस दौरान पीडि़ता उसे अपने घर मिलवाने ले गई थी। मई 2019 में भुनेश्वर उसे रायगढ़ कोर्ट ले जाकर नोटरी में लिखवा कर शादी किया और बैकुंठपुर में किराये के मकान में डेढ़ माह तक रख कर शारीरिक संबंध बनाता रहा।
पीडि़ता का तबियत खराब हुआ तो भुनेश्वर उससे कहा कि घर चली जाओ मैं अपने घर में बात कर लिया हूं समाज में बात कर अपने घर ले जाउंगा। उसके बाद अपने घर ले जाने के लिये वह टाल मटोल करता रहा। इस दौरान बीच-बीच में पीडि़ता से मिलने जाता और शारीरिक संबंध बनाता था, जिससे वह गर्भवती हो गई थी। 22 जून 2020 को भुनेश्वर की पत्नी ने पीडि़ता को फोन करके बताया कि भुनेश्वर की पत्नी है और उनके दो बच्चे हैं। जिसके बाद पीडि़ता ने भुनेश्वर से इस संबंध में पूछा और दोनों के बीच लड़ाई हुई। जिसके बाद भुनेश्वर ने पीडि़ता को रखने से साफ इंकार कर दिया।
पीडि़ता की शिकायत के बाद पुलिस ने आरोपी को गिरफ्तार कर न्यायालय में पेश किया गया जहां से उपार्पण पश्चात प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश रायगढ़ के न्यायलय में उपार्पित पश्चात दोनों पक्षों की सुनवाई के बाद अभियुक्त भुनेश्वर साहू को पीडि़ता को शादी का प्रलोभन देकर उसके साथ बलात्कार के मामले में भादवि की धारा 376 (के) (एन) का दोषी पाया गया। जिसके बाद अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश एफटीसी रायगढ़ के विद्वान न्यायाधीश जगदीश राम ने आरोपी भुनेश्वर साहू को 376 (के) (एन) के अपराध में दस वर्ष के सश्रम कारावास एवं 5 हजार रूपये के अर्थदण्ड से दंडित किया है। अर्थदण्ड न पटाने पर 6 माह का अतिरिक्त कारावास भुगताने का भी प्रावधान रखा गया है। इस मामले में अपर लोक अभियोजक हरिलाल पटेल ने पैरवी की।