सरगुजा
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
अम्बिकापुर/लखनपुर, 4 नवंबर। कूटरचित दस्तावेज, एवं फर्जी विक्रेता के जरिये अपनी बहन के खाते की भूमि को विक्रय करने के मामले में लखनपुर पुलिस ने आरोपी भाई सहित 2 आरोपी को गिरफ्तार किया है। फर्जी विक्रेता को सम्पूर्ण घटनाक्रम की जानकारी थी और वह प्रार्थिया से भी पूर्व परिचित थी।
पुलिस के मुताबिक़ प्रार्थिया प्रेमा बाई पति जय सिंह जजगी लखनपुर ने 4 अगस्त को थाना लखनपुर आकर रिपोर्ट दर्ज कराई कि प्रार्थिया के माता-पिता की मृत्यु पश्चात पिता के नाम की भूमि प्रार्थिया के भाई छतर राम एवं प्रार्थिया के नाम पर सम्मिलित रूप से नामंतरण हुआ था। प्रार्थिया के भाई छतर राम द्वारा प्रार्थिया से धोखाधड़ी करने के आशय से एक अन्य रिश्ते की दीदी जिसका नाम भी प्रेमाबाई है, उसे अपनी बहन के रूप में रजिस्ट्रार ऑफिस में खड़ा कर आरोपियों द्वारा सांठगांठ कर प्रार्थिया एवं आरोपी की संयुक्त भूमि को 5 अप्रैल 2023 को अन्य क्रेता को फर्जी रजिस्ट्री कर निष्पादन करा दिया गया है। इसकी जानकारी प्राप्त होने पर प्रार्थिया द्वारा थाना आकर मामले की लिखित शिकायत की है, जिस पर थाना लखनपुर में अपराध पंजीबद्ध कर विवेचना में लिया गया।
पुलिस टीम द्वारा मामले के आरोपियों का पता तलाश कर घेराबंदी कर पकडक़र पूछताछ की गई। आरोपी द्वारा अपना नाम छतर राम जजगी लखनपुर, प्रेमा बाई पति आनंद राम बंधा लखनपुर का होना बताये।
आरोपी छतर राम से घटना के सम्बन्ध में पूछताछ किये जाने पर बताया कि आरोपी कई लोगों से उधार लिया था, आरोपी उधार का पैसा पटा नहीं पा रहा था। आरोपी छतर राम अपनी बहन प्रेमा बाई को संयुक्त जमीन को बेचने की बात बोला लेकिन आरोपी की बहन अपनी संयुक्त खाते की भूमि को बेचने के लिए तैयार नहीं हुई। इसी बीच आरोपी अपने रिश्ते की दीदी जिसका नाम भी प्रेमा बाई था, उसे रजिस्ट्रार ऑफिस में उसकी अपनी बहन की जगह खड़ा होने के लिए राजी कर लिया और उक्त कार्य के लिए 5000/- नगद देने के लिए बोला।
आरोपी छतर राम प्रेमा बाई को उसकी बहन की जगह रजिस्ट्रार ऑफिस में खड़ी करवाकर कूटरचित दस्तावेज के जरिये संयुक्त खाते की भूमि को अन्य क्रेता को कुल 22 डिसमिल के तीन प्लाट 60000/- रुपये में विक्रय कर देना स्वीकार किया गया। आरोपी छतर राम द्वारा महिला आरोपी फर्जी विक्रेता प्रेमा बाई को 5000/- रुपये दिए गये थे, जिसे आरोपिया द्वारा खर्च हो जाना बताया गया है, शेष रकम 55000/- रुपये के बारे में आरोपी से पूछताछ किये जाने पर खर्च हो जाना बताया गया है। मामले में आरोपियों द्वारा सदर धारा का अपराध घटित करना पाये जाने पर गिरफ्तार कर न्यायिक अभिरक्षा में भेजा गया है।