बलौदा बाजार
लोग बोले यह पक्षपात है, बेहतर था कि कार्रवाई नहीं होती
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
बलौदाबाजार, 5 अक्टूबर। त्योहारी सीजन शुरू हो चुका है। नवरात्र दिवाली दशहरे में शहर की सडक़ों पर पैर रखने की जगह नहीं रहती। नगर पालिका ने मुख्य मार्गों और सार्वजनिक स्थलों से अतिक्रमण हटाने के लिए अभियान शुरू किया था। इसका उद्देश्य मुख्य मार्गों को फिर से चौड़ा करना और जनता के लिए आवागमन को सुगम बनाना था। इसके लिए नगर पालिका की टीम अतिक्रमण के खिलाफ तीन दिनों तक कार्रवाई की लेकिन आधी अधूरी होकर समाप्त हो गई। नगर पालिका द्वारा मुख्य मार्ग पर अतिक्रमण हटाने के लिए की गई कार्रवाई को लेकर अब सवाल उठ रहे हैं।
सप्ताह भर पहले ही मुख्य मार्ग में तीन दिनों तक 2 घंटे प्रतिदिन के हिसाब से कार्रवाई कुल 6 घंटे हुई। इसमें नगर पालिका की टीम ने आधा भी अतिक्रमण नहीं हटाया था और कार्रवाई बंद कर दी। कई जगह पर अभी अतिक्रमण मौजूद है। कई व्यवसायी ने भी नाराजगी जाहिर करते हुए कहा कि अगर अतिक्रमण हटाने का अभियान शुरू किया गया था तो उनके इस तरह अधूरा नहीं छोडऩा था पूरी तरह से और निष्पक्ष तरीके से अंजाम दिया जाना चाहिए था।
बिना किसी ठोस नतीजे के पालिका ने रोक दी कार्रवाई
शहर के नागरिक शिवशंकर अग्रवाल ने कहा कि शुरुआत में अतिक्रमण हटाने की इस प्रक्रिया से नगरवासियों में एक उम्मीद जगी थी कि सडक़ों पर से अतिक्रमण हटेगा और ट्रैफिक की समस्याएं कम होगी। विशेष रूप से प्रवासी नागरिकों और व्यापारियों को उम्मीद थी कि इस कार्रवाई के बाद शहर में आवागमन और व्यापारिक गतिविधियां सुगम होगी। लेकिन जब कार्रवाई अधूरी रह गई और बिना किसी ठोस नतीजे के रोक दी गई तो जनता की उम्मीदें निराशा में बदल गई।
व्यवसायी बद्री केसवानी, हेमचंद केसरवानी, इदू पंजवानी का कहना है कि ऐसी आधी अधूरी कार्रवाई करने से तो बेहतर था कि कोई कार्रवाई ही नहीं होती। इस तरह की कार्रवाई से न केवल नागरिकों की उम्मीदें टूटी है, बल्कि प्रशासन की छवि भी धूमिल हुई है।
इसी तरह नजर अंदाज करते रहे तो समस्या और बढ़ेगी
चेंबर ऑफ कॉमर्स बलौदाबाजार ने कहा कि शहरी क्षेत्र में अतिक्रमण और सडक़ों पर फुटपाथों का कब्जा बढ़ती जनसंख्या और व्यापारिक गतिविधियों का नतीजा है लेकिन इससे आमजनों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ता है। शहर में एक भी पार्किंग स्थल नहीं है ऐसे में इस स्थिति में प्रशासन की भूमिका अत्यंत महत्वपूर्ण हो जाती है अगर प्रशासन इस तरह समस्याओं को नजर अंदाज करता है तो स्थिति और भी बिगड़ जाएगी।
कार्यक्रमों के कारण कार्रवाई रोकी गई-सीएमओ
इस मामले में मुख्य नगर पालिका अधिकारी सीएमओ का कहना है कि स्वच्छता कार्यक्रमों के चलते अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई बीच में ही रोकनी पड़ी, जो जल्द ही फिर से शुरू होगी।