जशपुर
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
पत्थलगांव, 17 अक्टूबर। रविवार को पत्थलगांव युवा मोर्चा के जिला महामंत्री अवधेश गुप्ता एवं युवा मंडल अध्यक्ष के नेतृत्व में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल का पुतला दहन किया गया। इस दौरान भारी संख्या में पुलिस बस स्टैंड में मौजूद थी। पुलिस ने जलते पुतले को छीनते हुए पानी डालकर बुझाया। वहीं देररात को घायलों को मुआवजा देने की मांग को लेकर चल रहा धरना-प्रदर्शन 7 दिन का समय देते हुए समाप्त कर दिया गया। पत्थलगांव में माहौल आज पुरी तरह शांत है।
भाजयुमो के जिला महामंत्री अवधेश गुप्ता ने बताया कि 15 अक्टूबर को दुर्गा शोभायात्रा के दौरान कार के रौंदने से घायल लोगों को अब तक किसी तरह के मुआवजा नहीं देने के कारण मुख्यमंत्री भूपेश बघेल का पुतला दहन किया है। जहां प्रदेश के मुखिया एक ओर लखीमपुर जाकर मुआवजा दे सकते हैं। पर अपने राज्य के गरीब आदिवासी घायलों का हाल चाल जानने और मुआवजा देने नहीं आते है। जिससे मुख्यमंत्री का दोहरा रवैया सामने आ गया, जिसका भाजयुमो पुरजोर तरीके से विरोध करती है।
इस पुतला दहन कार्यक्रम में युवा मोर्चा के युवा मंडल अध्यक्ष जयपाल सिंह राजपूत, शौरभ शर्मा, ग्रामीण महामन्त्री चेतन श्रीवास, सुनील गर्ग, हरि जायसवाल, मिथलेश लकड़ा,बाल कुमार नारंगे, मनोज नारंगे, अम्बर चोहान, हिमांशु शर्मा, विवेक तिवारी, शुंभम बंशल, दीपक साहू, विवेक तिर्की, बोनी बिलियम, सुरेश साहू, गोलू चौहान मौजूद रहे।
शनिवार को केंद्रीय राज्यमंत्री रेणुका सिंह, भाजपा की सांसद गोमती साय, प्रदेश मंत्री अनुराग सिंह देव, पूर्व राज्य सभा सांसद रणविजय सिंह जूदेव, प्रदेश मंत्री ओपी चौधरी, जशपुर राजपरिवार के युवराज यश प्रताप सिंह जूदेव, जिला उपाध्यक्ष सुनील अग्रवाल, मंडल अध्यक्ष अनिल मित्तल सहित अनेक नेता एवं पार्टी कार्यकर्ताओं ने दिन भर सडक़ में बिठाकर प्रदर्शन करते रहे, जिसमें मृतक परिवार को एक करोड़ और घायल आदिवासी परिवार के सदस्यों को 50-50 लाख रु का मुआवजा देने की मांग करते रहे, जो रात्रि 10 बजे 7 दिन का समय देते हुए इन मांगों को मानने कहते हुए धरना प्रदर्शन समाप्त कर दिया। तब जाकर प्रशासन ने राहत की सांस ली।
बीते दो दिनों से चल रहे प्रदर्शन में शहर पूरी तरह बन्द हो गया था, गाडिय़ों की आवाजाही बिल्कुल बन्द हो गई थी, उन्हें सामान्य कर दिया गया। गाडिय़ों की आवाजाही शुरू कर दी गई है। पुलिस के साथ जिला प्रशासन पूरे शहर की हालात पर नजर बनाए हुई थी।
पत्थलगांव में मुस्लिम समाज के द्वारा मस्जिद में एक मीटिंग रखी गई, जिसमें यह निर्णय लिया गया कि पत्थलगांव में जो दर्दनाक घटना हुई है, वह हमारे बीच के भाई थे और उनकी आत्मा को शांति मिले। घटना को देखते हुए मुस्लिम समाज के द्वारा 19 अक्टूबर को ईद मिलादुन्नबी पर निकाले जाने वाले जुलूस को सामाजिक सौहार्द बनाये रखने स्थगित कर दिया गया है।