कोण्डागांव

किसानों ने 250 एकड़ में लगाये हैं बासमती धान
12-Oct-2021 6:55 PM
किसानों ने 250 एकड़ में लगाये हैं बासमती धान

 प्रकाश नाग

केशकाल, 12 अक्टूबर (‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता)।  बासमती की खेती अब तक सिर्फ पंजाब व हरियाणा प्रदेश की माटी में खुशबू बिखरेती आ रही है। लेकिन अब छत्तीसगढ़ के कोंडागांव जिला में भी इसकी शुरुआत की गई है । कोंडागांव कलेक्टर पुष्पेंद्र मीणा के निर्देशानुसार कृषि विभाग के अधिकारियों के मार्गदर्शन में जिले में ढाई सौ किसानो ने ढाई सौ एकड़ में बासमती की फसल लगाई है ।

 केशकाल विधानसभा अन्तर्गत फरसगांव ब्लॉक के ग्राम पतोडा, चिचाड़ी, पासंगी और भंडारसिवनी सहित अन्य गांवों में भी फसल लाया गया है इसी तरह केशकाल ब्लॉक के ढोढेरापाल में 20 किसान, सिंगनपुर, सिदावंड और पिपरा में 10- 10 किसानों ने एक-एक एकड़ में फसल लगाए हुए हैं। पहली बार किसानों के खेतों में सुगंध प्रजाति बासमती की फसलें लहलहा रही हैं।

कृषि विभाग की आत्मा योजना के द्वारा पूरे कोंडागांव जिला अंतर्गत पांचो ब्लॉक कोंडागांव, केशकाल, फरसगांव, माकड़ी और बडेराजपुर ब्लॉक के 250 किसानों ने अपने एक-एक एकड़ में खेती कर रहे है। किसानों ने बताया कि जब भी सुबह- सुबह खेत आते हैं तो पूरे खेत के चारों ओर बासमती धान की खुशबू फैल जाती है जिसे सडक़ पर चलने वाले लोग भी उत्सुकतावस देखने पहुंच रहे हैं।

आमतौर पर ये देखा जाता है कि छत्तीसगढ़ के बस्तर क्षेत्र में किसान अपने खेतों में कीमती धान की प्रजातियां नहीं लगाते। यही वजह है कि पूरे छत्तीसगढ़ के किसानों को अपनी उपज बेचने के लिए भारी मुसीबतों का सामना करना पड़ता है। समर्थन मूल्य में धान बेचने सरकार व कोचियों का इंतजार करना पड़ता है। सरकार के खिलाफ आंदोलन व कोचियों से रेट के लिए झगडऩा भी पड़ता है, लेकिन कीमती धान की प्रजाति बासमती की 80 से 90 प्रतिशत खेती करने वाले हरियाणा व पंजाब के किसानों के धान को सरकार व निजी फर्म हाथोंहाथ पैंतीस से पैतालीस सौ रुपए प्रति क्विंटल में खरीदते हैं। जिससे वहां के किसान काफी समृद्घ हैं। अब कृषि विभाग की आत्मा योजना से छत्तीसगढ़ के किसानों को भी पंजाब व हरियाणा के किसानों की तरह समृद्घ बनाने के लिए बासमती बोने के लिए प्रेरित किया जा रहा है ।

जैविक खेती से बासमती धान की अधिक पैदावार रासायनिक खाद से छुटकारा

बासमती की खेती करने वाले पतोडा के किसान अभिमन्यु नाईक ने बताया कि मैं पूर्व में हाइब्रिड धान का उपयोग कर रासायनिक खाद यूरिया से खेती करता था । लेकिन कुछ माह पूर्व कृषि विभाग के अधिकारियों ने मेरे घर आकर छत्तीसगढ़ सरकार की महत्वकांक्षी योजना आत्मा योजना के बारे में जानकारी दिए जिसके तहत सर्वप्रथम मैंने रागी लगाया  जिसे श्रीविधि से फसल लगाया था । जिसमे किसी भी प्रकार का रासायनिक खाद का उपयोग नहीं किया और उक्त फसल मे जैविक खाद का उपयोग ही किया जिसमें मुझे दोगुना फायदा हुआ । इसी तरह बासमती धान के बारे में जानकारी दिए जिसके बाद मैंने अपने 1 एकड़ खेत में कृषि विभाग के अधिकारियों द्वारा दी जानकारी अनुसार फसल लगाया, जिसमें सर्वप्रथम कतार विधि से रोपाई किया  और धान की फसल लगाया हु। आगे अभिमन्यु ने बताया कि एक्सटेंशन रिफार्म आत्मा योजना अंतर्गत पहली बार अपने खेतों में बासमती धान की फसल लगाई है। सुंगधित धान की गुणवत्ता को बचाए रखने के लिए समन्वित कीट प्रबंधन के तहत फेरोमोन ट्रेप , नीम आधारित कीटनाशक एजेडीरेक्टिन पद्घति से खरपतवार व बीमारियां दूर की जाती है। किसी तरह के जहरीले कीटनाशक का उपयोग नहीं किया गया है और कतारब्ध्द रोपाई किया गया है, और फसल भी बहुत अच्छा है ।

रागी फसल में दुगनी आमदनी के बाद अब बासमती खेती की ओर अग्रसर किसान

कृषि विभाग के निर्देश पर सबसे पहले पतोडा के दोनो किसान रागी का फसल उत्पादन किये थे जिसके तहत किसानों को कम खर्च कर दुगना आमदनी कमाई हुआ था । जिसके बाद अब किसान बासमती की खेती कर रहे हैं । किसान जेठूराम नाईक ने भी बताया कि एक एकड़ खेत में बासमती का फसल लाया हूं पहले की अपेक्षा इस बार धान बहुत अच्छा और सुगंधित फसल हुआ है कृषि विभाग के अधिकारियों द्वारा जानकारी दिया गया जिसके तहत मुझे कतार बद्ध तरीके से फसल लगाने की जानकारी दी गई और समय-समय पर विभाग के कर्मचारियों द्वारा जानकारी देने के बाद फसल लगाया है जिसके तहत आज बासमती का फसल बहुत अच्छा हुआ है । पिछले बार भी रागी का फसल लगाने विभाग के द्वारा जानकारी दी गई थी जिसमें मैने 9 क्विंटल रागी बेचा है और मुझे डबल फायदा हुआ है इसलिए तरह अब बासमती धान का भी फसल लगाया हूं जिसमें और अधिक फायदा होगा यह योजना तक हम लोगों को पहुचाने के लिए कृषि विभाग व सरकार को धन्यवाद ज्ञापित भी किया ।

कृषि विभाग के कर्मचारी तकनीकी प्रबंधक फरसगांव टिकेश्वर नाग ने बताया जाता है कि क्षेत्र में पहली बार सुगंधित बासमती पीबी 1121 किस्म की धान का खेती किया गया है, जिसे किसानों को कतार विधि से फसल लगाया गया है । इस खेती को जैविक विधि से करवाया जा रहा है जिसमें किसी भी प्रकार का रासायनिक खाद का उपयोग नहीं किया गया है, जिसकी वजह से फसल बहुत अच्छा उत्पादन हो रहा है । पूरे फरसगांव अंतर्गत 50 किसानों को बासमती का खेती करने प्रेरित किया गया है। प्रारंभिक में किसान भारी उत्साहित है क्योंकि इसके खुशबू से आसपास के किसान आगामी समय खेती करने की बात कह रहे हैं ।पतोडा के दो किसान अभिमन्यु नाईक और जेठूराम नाईक को रागी का फसल उत्पादन किए थे जिसमें भारी फायदा हुआ जिसे देखते हुए उन लोगों ने बेशकीमती बासमती का धान लगाने की बात कही जिसके बाद हमारे द्वारा प्रशिक्षण देकर कतार पद्धति से फसल लगाया गया जिसमें इन सब का फसल बहुत अच्छा है । अब आने वाले समय में और अधिक किसानों को प्रेरित करने की बात कही जिसके चलते क्षेत्र के किसानों की आय में वृद्धि होगी।

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