कोरिया

ढंके चावल को हटाकर दोबारा लिया सैंपल
12-Oct-2021 5:14 PM
ढंके चावल को हटाकर दोबारा लिया सैंपल

एसडीएम के साथ खाद्य औषधि विभाग के निरीक्षक पहुंचे गोदाम

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
बैकुंठपुर (कोरिया),  12 अक्टूबर।
कलेक्टर श्याम धावड़े के निर्देश पर एसडीएम के साथ खाद्य एवं औषधि प्रशासन की टीम तीसरी बार छिंदडांड़ स्थित नागरिक आपूर्ति निगम के गोदामों पर पहुंचीं। गोदाम का मुआयना किया, दवाईयों की दुर्गध खत्म हो चुकी थी, चावल के लॉट में से फिर सैंपल लेकर रायपुर भेजा गया। मंगलवार को एसडीएम के निरीक्षण में सड़ा चावल जैसी बात सामने नहीं आई, वहीं अब पूरी जांच खाद्य औषधि विभाग की रिपोर्ट पर टीकी है, कि चावल खाने लायक है या नहीं।

इस संबंध में एसडीएम ज्ञानेन्द्र सिंह ठाकुर का कहना है कि ढंक कर रखे चावल को दुबारा सैंपल लिया गया है, रिपोर्ट का ही इंतजार है, जांच जारी है। वहीं खाद्य एवं औषधि विभाग के निरीक्षक सागर दत्ता का कहना है कि 1 अक्टूबर को भेजे गए सैंपल की रिपोर्ट 15 अक्टूबर के बाद आ सकती है, वहीं आज तो सैंपल भेजा जा रहा है, उसकी रिपोर्ट को आने में समय लगेगा। जिस लॉट का सैंपल लिया गया है, उसको उचित मूल्य दुकानों मे भेजने से मना कर दिया गया है।

कलेक्टर श्याम धावड़े के निर्देश पर बीते 1 से 12 अक्टूबर तक तीसरी बार एसडीएम जांच के लिए नागरिक आपूर्ति निगम के गोदाम पहुंचें, उन्होंने पूरे गोदाम का मुआयना किया, गोदाम में काफी मात्रा में चावल के बोरों के छल्ले रखे हुए है, जिसमें से चावल निकाल निकाल कर देखा गया, वहीं उन्हें सैंपल के तौर पर रायपुर भेजे जाने के लिए पैकटों में भरा गया। वहीं मंगलवार को गोदाम में किए गए धुमरीकरण (फुमीगेशन) को लेकर दुर्गंध एकदम खत्म हो चुकी थी। जिसके बाद लिए गए सेंपल का पंचनामा बनाकर टीम लौट गई। इस दौरान मीडिया का काफी जमावड़ा देखा गया।

 नागरिक आपूर्ति निगम के गोदाम प्रभारी ने बताया कि बीते 1 अक्टूबर को जिस लॉट से सैंपल लिया गया था, उसमें 960 बोरे रखे हुए हंै, और अभी जिस लॉट से सेंपल लिया गया, उसमें 3480 बोरे हंै, जिन्हें रिपोर्ट आने तक कहीं सप्लाई नहीं किया जाएगा, हमारे पास उचित मूल्य दुकानों में भेजने के लिए काफी मात्रा में चावल उपलब्ध है।

7 दिन तक रहता है असर
नागरिक आपूर्ति निगम के गोदाम प्रभारी की मानें तो चावल को कीट पंतगों, चूहों से बचाने के लिए जिस दवा का उपयोग किया जाता है, उसका असर 7 दिन तक रहता है, उसके बाद मैलाथियान दवा का छिडक़ाव किया जाता है, खाद्यान पर इसका बिल्कुल भी प्रभाव नहीं होता है। मैलाथियान दवा के स्प्रे की दुर्गध 2 से 3 दिन तक गोदाम में रहती है। इसका भी प्रभाव खाद्यान पर बिल्कुल नहीं पड़ता है, जबकि कीट पतंगे चूहे यहां तक सांप भी इससे मर जाते हंै।
उन्होंने बताया कि वर्तमान में पोस्ट मानसून की समयावधि 1 सितंबर से 30 अक्टूबर तक होती है। यही कारण है जांच के दौरान चावल को ढंक कर रखा गया था।

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