‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
गरियाबंद, 19 अगस्त। विभागीय अधिकारियों के रवैये से परेशान विशेष पिछड़ी जनजाति कमार भुंजिया समाज के दर्जनों लोगों ने अपनी मांगों को लेकर गरियाबंद मुख्यालय से पदयात्रा रैली निकालकर मुख्यमंत्री से मिलने के लिए रवाना हुए थे।
जिला प्रशासन टीम के अधिकारियों द्वारा बीच में रैली को रोककर मान-मनौव्वल कर जनजाति प्रतिनिधियों का कलेक्टर से मुलाकात कर चर्चा व आश्वासन के बाद पदयात्रा रैली स्थगित किया गया।
बुधवार को विशेष पिछड़ी जनजाति कमार व भुंजिया समाज दर्जनों पुरुष महिलाओं एवं पढ़े -लिखे युवक युवतियों जिला मुख्यालय स्थित कमार सामुदायिक भवन में एकत्रित होकर बैठक कर 4 बजे अपनी विभिन्न मांगों का हाथों में बैनर-पोस्टर लेकर नारेबाजी करते हुए मुख्यमंत्री निवास के लिए रैली निकली। तिरँगा चौक पार कर चुके पद यात्रा रैली की जानकारी प्रशासनिक अधिकारियों को मिलते ही सिटी कोतवाली के पास पदयात्रा रैली को रोककर सामूहिक टीम द्वारा प्रदर्शनकर्ताओं को मान-मनौव्वल करते हुए जिला प्रशासन से बातचीत के लिए आमंत्रित किया गया।
कलेक्टर से समाज के नेतृत्वकर्ताओं को मिलाया गया। घंटों बातचीत और कलेक्टर से आश्वासन मिलने के बाद पदयात्रा को स्थगित कर वापस लौट गए।
विशेष पिछड़ी जनजाति कमार-भुंजिया समुदायों की ये थी मांग
विशेष पिछड़ी जनजाति के पढ़े लिखे युवक युवतियों को नौकरी में सीधी भर्ती मांग सहित , काबिज भूमि पर वन अधिकार पट्टा , दैनिक बेतन भोगी कर्मचारियों की नियमितीकरण, ग्रामपंचायत कुल्हाड़ी घाट में समाज के लिए रैन बसेरा, अनुकंपा नियुक्ति , एवम कमार टोला से अन्य वर्ग का कब्जा हटाने की प्रमुख मांग थे।
कलेक्टर गरियाबंद नीलेश कुमार क्षीरसागर का कहना है कि समुदाय के लोगों द्वारा विभिन्न मांगों को लेकर पद यात्रा निकाल मुख्यमंत्री से भेंट करना चाहते थे जिसमें कुछ विषयों का समाधान किया गया। वह शासन स्तर की बातों के लिए सीएम हाउस से चर्चा हुआ है शासन स्तर विषयों पर मुलाकात के लिए आने-जाने की व्यवस्था किया जाएगा।