रायपुर
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
रायपुर, 30 जुलाई। भारतीय राज्य पेंशनर्स महासंघ के राष्ट्रीय महामंत्री तथा छत्तीसगढ़ राज्य संयुक्त पेन्शनर फेडरेशन के प्रदेश अध्यक्ष वीरेन्द्र नामदेव ने छत्तीसगढ़ में तबादलों पर लगायें गये प्रतिबन्ध पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा है कि राज्य में लगभग दो वर्षों से कोरोना के परिपेक्ष्य में मितव्ययिता बरतने के उद्देश्य को लेकर स्थानांतरण से बैन नही हटाये जाने के कारण प्रदेश में स्वेच्छा से रिक्त पदों पर स्वयं के व्यय पर 1-2 वर्ष के भीतर रिटायर होने वाले घर के निकट की जाने की आस में तबादला चाहने वाले लोग सबसे ज्यादा परेशान है और अब तक अनेक लोग इन दो बर्षो में घर के पास तबादला आस लिये रिटायर हो गए है।
जारी विज्ञप्ति मे उन्होंने मितव्ययिता को लेकर स्थानांतरण पर लगे प्रतिबन्ध का स्वागत किया है परन्तु स्वयं के व्यय पर और सेवानिवृत्ति के कगार पर अपने गृह नगर या आस पास रिक्त पदों पर तबादला चाहने वालों के लिये प्रतिबन्ध को तुरन्त हटाये जाने की मांग की है,क्योंकि इसमें कोई भी स्थापना व्यय का कोई भार सरकार पर नहीं पड़ेगा और मितव्ययता निर्णय यथावत कायम रहेगा।
उन्होंने आगे बताया है कि मितव्ययता को लेकर व्यूरोक्रेट के सलाह पर राज्य सरकार ने तबादले पर प्रतिबंध लगाया हुआ है, परन्तु जब से भूपेश सरकार पदारूढ़ हुई है तब से मुख्यमंत्री के समन्वय के नाम पर लगातार सरकारी खर्चे पर हमेशा स्थानान्तरण हुये है और हो रहे हैं जिससे मितव्ययिता एक जुमला बनकर रह गया है। पूर्व में डॉ.रमन सिंह सरकार में भी यही होता रहा है।
जारी विज्ञप्ति में उन्होंने बताया कि छत्तीसगढ़ सरकार के पूर्व में जारी सभी स्थानांतरण नीति में सेवानिवृत्ति के निकट आयु के लोगो को उनके गृह निवास के पास और स्वेछा से स्वयं के व्यय पर स्थानांतरण चाहने वालो के लिये सहानुभूति पूर्वक विचार कर रिक्त पदों के विरुद्ध तबादला करने का प्रावधान किया जाता है।इसलिए वे सभी अपने लिये तबादले पर बैन से छूट चाहते है।