धमतरी
सहकारिता को पिछले दरवाजे से खत्म करने का है प्रयास-रँजना
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
धमतरी, 30 जुलाई। जिले के 89 उपार्जन केन्द्रों के माध्यम से विभिन्न सहकारी समितियों के द्वारा खरीदे गए धान को उठाव के अभाव में जो 13 करोड़ रुपए लगभग का सुखत हो जाने केपश्चात हुए नुकसान की भरपाई पर प्रश्नचिन्ह उठाते हुए सदन में नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक विधायकद्व्य रंजना डिपेंद्र साहू तथा पुन्नूलाल मोहले ध्यानाकर्षण सूचना के माध्यम से बताया कि परिवहनकर्ता को 72 घंटे के अंदर में सोसायटी से धान का उठाव किया जाना अनुबंधित होता है।
किंतु उक्त अनुबंध का पालन ना कर परिवहन करने वाले ने गलती की है जिसके कारण भीषण गर्मी में धान में सुखत हो जाने से वजन में कमी आ गयी है, जिससे पूरे जिले में 5213 मेट्रिक टन धान जिसकी कीमत लगभग 13 करोड़ रुपया की आर्थिक क्षति का आकंलन किया गया है। वर्तमान में अभी भी उठाव ना होने के कारण दो लाख टन धान सोसायटीओं में अभी रखा हुआ है।
उक्त ध्यानाकर्षण के माध्यम से आसंदी की ओर से सदन को अवगत कराया गया कि सहकारी समितियों से संबंधित जनप्रतिनिधियों तथा अधिकारी कर्मचारियों को अनुबंधकर्ता के बारे में भी जानकारी के अभाव में धान के उठाओ संबंधित संपर्क करने में परेशानी होती है, जिसकी जानकारी भी उन्हें नहीं दी जाती संबंधित अनुबंध कर्तव्य विभाग की लापरवाही के कारण समितियों को हो रहे नुकसान से किसानों को सेवा देने वाली संस्था सहकारिता समितियों का विघटन हो सकता है।
ऐसे में किसान हित को ध्यान में रखते हुए विधायक रंजन डिपेंद्र साहू ने कहा कि सुखत की राशि वास्तविकता में किसकी गलती है। उससे वसूला जाए क्योंकि सहकारी समितियां किसी भी प्रकार से सीधे-सीधे उक्त खामियाजा को भुगतने के लिए आर्थिक रूप से सक्षम एवं तैयार भी नहीं है। नहीं उनका किसी प्रकार का इसमें दोष है वह तो समुचित सुरक्षा प्रदान कर धान खरीदी संपन्न करते हैं तथा उसे सुविधाजनक दृष्टिकोण से सुरक्षित रख देते हैं उठाओ का पूरा-पूरा जिम्मेदारी परिवहनकर्ता व फेडरेशन का है।