बेमेतरा
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
बेमेतरा, 19 दिसंबर। ग्राम बहू नवागांव, बैजलपुर, मोहभठ्ठा रोड जैतखाम में आयोजित गुरु घासीदास जयंती समारोह में विधायक दीपेश साहू बतौर मुख्यअतिथि शामिल हुए। सर्वप्रथम विधायक ने गुरुगद्दी व जैतखंभ की पूजा चना कर क्षेत्र वासियों की खुशहाली व समृद्धि की कामना किया। इस अवसर पर विधायक ने समाज के लोगों को संबोधित करते हुए कहा कि आज हम सभी गुरु घासीदास की जयंती हर्षोल्लास के साथ मना रहे हैं।
बाबा जी का संदेश है की मनखे-मनखे एक समान इससे बढक़र दूसरा कोई संदेश नहीं हो सकता। उन्होंने कहा कि बाबा गुरु घासीदास के मानवता और भाईचारे का संदेश दिया है जो आज भी सार्थक है। उन्हें कहा कि बाबा के सत्य के रास्ते में चलने का संदेश दिया है। जैतखाम में सफेद ध्वजा शांति भाईचारे का प्रतीक है। इस अवसर पर विजय सिन्हा,राजेंद्र शर्मा, अवधेश चंदेल ,छोटेलाल साहू, मोंटी साहू, विकास तंबोली, हर्षवर्धन तिवारी, राकेश मोहन शर्मा, केशव साहू, धर्मेंद्र साहू, रोशन दत्ता, गौरव साहू ,युगल देवांगन, गोलू कोसले आदि उपस्थित रहे।
गुरु घासीदास ने दुनिया को सामाजिक समरसता का संदेश दिया - छाबड़ा
ग्राम बहुनवागांव में गुरु बालक दास स्मृति स्थल सतनाम धाम एवं नगर के वार्ड 7 में आयोजित परम पूज्य बाबा गुरु घासीदास जयंती समारोह में बतौर मुख्यअतिथि आशीष छाबड़ा पूर्व विधायक हुए शामिल हुए।
इस अवसर पर पूर्व विधायक आशीष छाबड़ा ने कहा कि बाबा गुरू घासीदास जी ने ‘मनखे-मनखे एक समान’ के अपने प्रेरक संदेश के जरिए लोगों में स्वाभिमान जगाया,गुरू बाबा घासीदास ने देश और दुनिया को मानवता का संदेश दिया, बाबा गुरू घासीदास ने तत्कालीन समय में सहज-सरल छत्तीसगढ़ी भाषा में पंथी गीतों के जरिए अपने विचारों को जन-जन तक पहुंचाया, गुरू बाबा के उपदेशों में समतामूलक समाज निर्माण की परिकल्पना की गई है, जिसे साकार करने के लिए हम सबको मिलकर काम करना होगा।
बाबा के बताएं मार्ग पर चलकर छत्तीसगढ़ का सपना साकार होगा - योगेश
पूज्य गुरु बाबा घासीदास के 267वीं जयंती के अवसर पर भाजपा किसान नेता योगेश तिवारी विधनसभा क्षेत्र के ग्राम मोहभ_ा, करही, चेटवा, बेरला, लाटा खुडमुड़ा में आयोजित समारोह में बतौर मुख्य अतिथि शामिल हुए। इस अवसर पर गांव में शोभायात्रा निकाली गई। जिसमें समाज के लोग बढ़ चढक़र शामिल हुए।
वही जगह-जगह समाज के लोगों की ओर से स्वल्पाहार का वितरण किया गया। इस अवसर पर किसान नेता ने कहा कि गुरु के संदेश आज के संदर्भ में ज्यादा प्रासंगिक है। बाबा ने उस समय के समाज में प्रचलित ऊंच-नीच, भेद-भाव, छूआछूत का प्रबल विरोध किया। मनखे-मनखे एक समान का उपदेश दिया । बाबा की यही भावना को बाबा साहेब अम्बेडकर ने हमारे संविधान की प्रस्तावना में भी शामिल किया है। आपसी मतभेद से नहीं बल्कि सामाजिक समरसता से ही समाज एवं देश का विकास होता है।
कार्यक्रम मे रवि गडपाले, सौरभ मिश्रा, नीलकंठ पटेल, पीयूष शर्मा मनोज सिन्हा, नेरेश बलराम बंजारे, यशवंत, वाई के डिडोरे, सेवा निवृत उपसंचालक जिला मत्स्य विभाग, होरीलाल सिन्हा, सजनी यादव, विजय डेहरे, आगर दास डेहरे, मूलचंद बंजारे, खेमसीह बारले, खिलावन जांगड़े, शांति लाल बांधे , भारद्वाज जी, डॉक्टर विजय कुरे जी, डॉक्टर सोहित कुमार रात्रे, पी आर पाटले, देवदास सोनवानी, जयप्रकाश सोनवानी, सनत सोनवानी बाबूलाल मारकंडे, भारती दया सोनवानी, धनी मारकंडे, राजेन्द्र बंजारे, टापू सोनवानी, बद्री मारकंडे, राजू सोनवानी, आदि उपस्थित थे।



