बेमेतरा

बेमेतरा की तीनों विस सीटों पर भाजपा का कब्जा
04-Dec-2023 3:40 PM
बेमेतरा की तीनों विस सीटों पर भाजपा का कब्जा

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता

बेमेतरा, 4 दिसंबर। बेमेतरा के मतदाताओं ने 3 विधानसभा सीटों में भाजपा विधायकों को चुना। बेमेतरा , साजा और नवागढ़ में भाजपा प्रत्याशियों को मतदाताओं ने जिताया। साजा से ईश्वर साहू , बेमेतरा से दीपेश साहू और नवागढ़ से दयालदास बघेल ने जीत का परचम लहराया।

नया चेहरा , जातिगत समीकरण  ने दिलाई जीत

बेमेतरा के भाजपा प्रत्याशी दीपेश साहू ने पहली बार चुनाव लड़ा और पहले ही चुनाव में कांग्रेस प्रत्याशी और वर्तमान विधायक आशीष छाबड़ा को पराजित किया। बेमेतरा विधानसभा क्षेत्र में मतदाताओं ने बड़े स्तर पर अपना समर्थन दिया, जिसके चलते उनकी जीत की राह आसान हुई इससे उन्हें फायदा मिला।

बेमेतरा से भाजपा प्रत्याशी दीपेश साहू पहले राउंड की मतगणना में पीछे रहे जब के कांग्रेस प्रत्याशी आशीष छाबड़ा आगे रहे, लेकिन अगले कुछ राउंड में पैसा पलट गया और दीपेश सब आगे हो गए। इससे भाजपा करता कार्यकर्ताओं में जोश का संचार हो गया पुलिस की त्रिस्तरी सुरक्षा व्यवस्था के चलते मतगणना स्थल पर शांति रही। मतगणना के पूरी प्रक्रिया की वीडियोग्राफी कराई गई वहीं सीसीटीवी कैमरे से भी निगरानी की जा रही थी। मतगणना स्थल पर अभ्यर्थी और निर्वाचन अभिकर्ता को पेन और कागज लाने की इजाजत दी गई। इसके अलावा इलेक्ट्रॉनिक गेट गेजेट्स अंडर ले जाने की अनुमति नहीं दी गई। नियमों के तहत पूरी प्रक्रिया निभाई गए इससे मतगणना शांतिपूर्ण ढंग से संपन्न हुई।

सत्ता विरोधी लहर का लाभ मिला

भाजपा प्रत्याशी की जीत में सबसे बड़ा हाथ उनका युवा होना और सत्ता विरोधी लहर को बताया जा रहा है। जनता के बीच स्वच्छ छवि भी आधार है। इसके चलते उसकी जीत हुई। वही विधायक आशीष छाबड़ा के खिलाफ लोगों में बढ़ता संतोष भी एक कारण रहा, जिसके चलते भाजपा प्रत्याशी दीपेश साहू को जीत मिली।

दीपेश साहू भाजपा - वोट मिले —  977311

निकटतम प्रतिद्वंद्वी — आशीष छाबड़ाा

वोट मिले —   88597

विकास प्राथमिकता - दीपेश साहू

मैं मतदाताओं के विश्वास पर खरा उतरने का प्रयास करूंगा। जनता के मुद्दों को प्राथमिकता के साथ सामने लाना और क्षेत्र के विकास में भागीदार बनूँगा।

हार स्वीकार , कहां कमी रही समीक्षा करेंगे -आशीष

आशीष छाबड़ा ने कहा कि मैं जानता कि आदेश को दिल से स्वीकार करता हूँ। हमसे कहा कमी रह गई, इसकी समीक्षा की जाएगी। क्षेत्र की जनता के विकास के मुद्दे हमेशा उठाता रहूंगा।

पहला चुनाव जनता ने दिलाई जीत

साजा विधानसभा चुनाव को लेकर सरगर्मी काफी तेज रही। भाजपा प्रत्याशी ईश्वर साहू ने अपना पहला चुनाव लड़ा और पहले चुनाव में उन्हें जनता का अपार समर्थन मिला। जिसके बदौलत उन्हें विजयश्री मिली।

दरअसल दो समुदायों की झड़प में उन्होंने अपने बेटे को खो दिया था, जिसके कारण उसके प्रति सहानुभूति की लहर भी थी। इसमें हिंदुत्व का भी एक एंगल था जिसे भाजपा ने भांपते हुए प्रत्याशी बनाया।

ईश्वर साहू , भाजपा —-

वोट मिले —  1017789

निकटम प्रतिद्वंद्वी — रविन्द्र चौबेे

वोट मिले —  996,593

जनता का आभार - ईश्वर साहू

जनता की भावनाओं का सम्मान करते हुए काम करूंगा। लोगों की अपेक्षाओं पर खरा उतरने का काम करूंगा। लोगों ने मुझे जिताया, इसके लिए मतदाताओं और पार्टी का धन्यवाद करता हूँ।

जनता का आदेश

स्वीकार -रविन्द्र चौबे

हमे जनता का जनादेश स्वीकार है। हार के बावजूद जनता की निरंतर सेवा करता रहूंगा। जनहित के मुद्दों पर हमेशा खड़ा रहूंगा। हार की समीक्षा करेंगे।

कांग्रेस प्रत्याशी की बार-बार सीट बदलने से जनता में गया गलत संदेश, भाजपा को मिला लाभ

 नवागढ़ विधानसभा सीट भी प्रदेश की सबसे चर्चित सीटों में से एक रही। यहां कांग्रेस प्रत्याशी गुरु रुद्रकुमार के बार-बार सीट बदलने की वजह से काफी आलोचना हुई। वहीं भाजपा ने इसे बड़ा मुद्दा बनाया और चुनावी जीत के लिए इस्तेमाल किया।

सत्ता विरोधी लहर का भी मिला फायदा

नवागढ़ विधानसभा में सत्ता विरोधी लहर का भी फायदा भाजपा को मिला। यहां कांग्रेस प्रत्याशी गुरु रूद्रकुमार का लगातार सीट बदलने का मुद्दा काफी छाया रहा। इसके चलते भी भाजपा प्रत्याशी दयालदास बघेल को जीत मिली।

लगातार संपर्क का भी

मिला फायदा

पूर्व विधायक रहे भाजपा प्रत्याशी दयाल दास बघेल की जीत में उनका जनता से जुड़ाव भी महत्वपूर्ण रहा। मतदाताओं ने उनके कामों को याद रखा।

 वही सत्ता विरोधी रहर के चलते उनकी राह आसान हो गई। चुनाव प्रचार में भी उन्होंने जनता से सहयोग की अपील की ,जिसे मतदाताओं ने माना और उन्हें एक बार फिर विधायक बना कर अपना जनप्रतिनिधि चुना।

दयालदास बघेल , भाजपा

वोट मिले —  1011631

निकटम प्रतिद्वंद्वी — गुरु रूद्रकुमार

वोट मिले —   86454

खरा उतरूंगा- दयालदास बघेल

जनता ने एक बार फिर मौका दिया है। इसके लिए उनका आभार जताता हूँ। साथ ही विश्वास दिलाता हूँ कि मैं उनकी अपेक्षाओं पर खरा उतरने का पूरा प्रयास करूंगा।

हार के कारणों की होगी

समीक्षा -गुरु रूद्रकुमार

हार के कारणों का विश्लेषण करेंगे। कहां चूक हो गई, उसे सुधारा जाएगा। जनता के लिए हमेशा काम करता रहूंगा। हार की समीक्षा करेंगें।

 


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