राष्ट्रीय
नई दिल्ली, 30 दिसंबर | केंद्र ने कोरोनोवायरस के नए म्यूटेंट के तेजी से फैलने वाले स्ट्रेन के मद्देनजर ब्रिटेन से आने और ब्रिटेन जाने वाली उड़ानों पर रोक को 7 जनवरी तक बढ़ाने का फैसला किया है। बुधवार तक केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने भारत में नए स्ट्रेन के 20 मामले सामने आने की जानकारी दी। पहले प्रतिबंध 31 दिसंबर तक था। हालांकि, नए स्ट्रेन के लिए बढ़ते नमूनों के मद्देनजर, एक नया निर्णय लिया गया।
केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने बुधवार को एक ट्वीट में कहा, "ब्रिटेन से आने और यहां से ब्रिटेन जाने वाली उड़ानों पर 7 जनवरी 2021 तक अस्थायी रोक बढ़ाने का निर्णय लिया गया है।"
उन्होंने कहा, "इसके बाद सख्ती से उड़ानों की बहाली शुरू होगी, जिसके लिए जल्द ही विवरण की घोषणा की जाएगी।"
यह फैसला पुरी के यह कहने के एक दिन बाद सामने आया है कि 31 दिसंबर से आगे ब्रिटेन की उड़ानों के अस्थायी निलंबन को बढ़ाये जाने की संभावना है।
मंगलवार को एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए, मंत्री ने कहा था कि निलंबन से पहले ब्रिटेन और भारत के बीच प्रति सप्ताह 60 से अधिक उड़ानें संचालित की जा रही थीं।
पुरी ने कहा, " हम अस्थायी निलंबन के एक छोटे से विस्तार की उम्मीद कर रहे हैं क्योंकि हमें जो कुछ हुआ है उसकी पूरी तस्वीर मिल रही है। मुझे उम्मीद नहीं है कि विस्तार लंबा या अनिश्चित होगा।"
निलंबन 22 दिसंबर को दिन के 11.59 बजे से शुरू हुआ था।
निलंबन से पहले, विस्तारा, एयर इंडिया, वर्जिन अटलांटिक और ब्रिटिश एयरवेज दोनों देशों के बीच उड़ानों का परिचालन कर रहे थे। (आईएएनएस)
लखनऊ, 30 दिसंबर प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने बुधवार को एक अवैध खनन घोटाले के संबंध में उत्तर प्रदेश के पूर्व मंत्री गायत्री प्रसाद प्रजापति, उनके ड्राइवर और बेटों के कई आवासीय और अन्य ठिकानों पर छापे मारे। मामला 2012 और 2016 के बीच राज्य के विभिन्न जिलों में खनन पट्टों को आवंटित करने के मानदंडों के उल्लंघन से संबंधित है।
ईडी ने पूर्व मंत्री के खिलाफ 4 अगस्त, 2019 को धनशोधन रोकथाम अधिनियम, 2002 के तहत मामला दर्ज किया था।
ईडी की टीमों ने अमेठी में उनके आवास पर छापेमारी की, जबकि एक अन्य टीम ने अमेठी जिले के टिकारी इलाके में उनके ड्राइवर राजा राम के ठिकानों पर छापा मारा।
प्रजापति के बेटे अनिल और अनुराग के लखनऊ के विभूति खंड कार्यालय में एक और छापा मारा गया।
ईडी के सूत्रों ने आरोप लगाया कि प्रजापति के बेटों की कंपनियों के माध्यम से अवैध खनन से धन निकाला गया।
इस बीच, राज्य सतर्कता ने प्रजापति के खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत एक एफआईआर भी दर्ज की है, जिसमें उनकी आय के ज्ञात स्रोतों से अधिक होने का दावा किया गया है। सीबीआई ने भी पिछले साल खनन घोटाले में पूर्व मंत्री के खिलाफ मामला दर्ज किया था।
प्रजापति इस समय 2017 के सामूहिक दुष्कर्म मामले में लखनऊ जेल में बंद हैं, जबकि उनका बेटा अनिल धोखाधड़ी के एक मामले में जेल में है। (आईएएनएस)
नई दिल्ली, 30 दिसंबर | मोदी सरकार द्वारा शुरू किए गए कृषि सुधार पर तकरार का समाधान तलाशने के लिए बुधवार को छठे दौर की औपचारिक वार्ता के दौरान भी तीन केंद्रीय मंत्रियों के सामने 40 किसान नेता होंगे। विज्ञान-भवन में आज (बुधवार) दोपहर दो बजे होने जा रही वार्ता के लिए किसान नेता सिंघु बॉर्डर से प्रस्थान कर चुके हैं। उधर, केंद्रीय कृषि मंत्रालय के सू़त्रों ने बताया कि आज की वार्ता में भी सरकार की ओर से केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर, रेलमंत्री पीयूष गोयल और केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग राज्यमंत्री सोम प्रकाश मौजूद रहेंगे। साथ ही, वार्ता के दौरान कृषि सचिव संजय अग्रवाल और कृषि मंत्रालय के अन्य अधिकारी भी मौजूद रहेंगे।
इससे पहले पांच दिसंबर को पांचवें दौर की वार्ता भी तीनों केंद्रीय मंत्रियों के साथ 40 किसान नेताओं ने की थी, लेकिन नये कृषि कानूनों को वापस लेने की मांग पर किसान नेताओं के अड़ जाने की वजह से वार्ता विफल रही।
किसान नेता मेजर सिंह पुनावाल पूर्व की वार्ता में शामिल रहे हैं, लेकिन निजी कार्य के चलते वह आज (बुधवार) की वार्ता में शामिल नहीं होंगे। लेकिन उनका कहना है कि किसान नेता मुख्य रूप से तीनों कृषि कानूनों को रद्द करवाने की प्रक्रिया और एमएसपी को कानूनी जामा पहनाने पर बात करेंगे।
मेजर सिंह पुनावाल पंजाब में ऑल इंडिया किसान सभा के जनरल सेक्रेटरी हैं। उन्होंने कहा कि उनके संगठन के दूसरे पदाधिकारी आज की बैठक में हिस्सा लेंगे, लेकिन चर्चा उन्हीं मुद्दों पर होगी जो संयुक्त किसान मोर्चा की तरफ से सुझाए गए हैं।
पुनावाल ने कहा, सरकार ने पहले जो प्रस्ताव भेजा था उस पर इसलिए वार्ता करने को किसान नेता राजी नहीं हुए क्योंकि सरकार ने नये कानूनों में संशोधन की बात कर रही थी, लेकिन अब किसानों द्वारा सुझाए गए मुद्दों पर वार्ता होने जा रही है और हम उन्हीं मुद्दों पर बात करना चाहेंगे।
किसान संगठन की ओर से वार्ता के लिए जो चार मुद्दे सुझाए गए हैं उनमें ये शामिल हैं:
1. तीन केंद्रीय कृषि कानूनों को रद्दध्निरस्त करने के लिए अपनाए जाने वाली क्रियाविधि
2. सभी किसानों और कृषि वस्तुओं के लिए राष्ट्रीय किसान आयोग द्वारा सुझाए लाभदायक एमएसपी पर खरीद की कानूनी गारंटी देने की प्रक्रिया और प्रावधान
3. राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र और आसपास के क्षेत्रों में वायु गुणवत्ता प्रबंधन के लिए आयोग अध्यादेश, 2020 में ऐसे संशोधन जो अध्यादेश के दंड प्रावधानों से किसानों को बाहर करने के लिए जरूरी हैं, और
4. किसानों के हितों की रक्षा के लिए विद्युत संशोधन विधेयक 2020 के मसौदे को वापिस लेने (संशोधन पिछले पत्र में गलती से जरूरी बदलाव लिखा गया था) की प्रक्रिया।
भारतीय किसान यूनियन के एक नेता ने बताया कि सरकार के साथ वार्ता के लिए किसान नेता सिंघु बॉर्डर से रवाना हो चुके हैं। देश की राजधानी दिल्ली और हरियाणा की सीमा स्थित सिंघु बॉर्डर किसान एक महीने से ज्यादा समय से चल रहे किसान आंदोलन का मुख्य धरना स्थल है। आंदोलनकारी किसान सिंघु बॉर्डर, टिकरी बॉर्डर और गाजीपुर बॉर्डर पर 26 नवंबर से डेरा डाले हुए हैं।
दिल्ली की सीमाओं पर संयुक्त किसान मोर्चा के बैनर तले 40 किसान संगठनों के नेताओं की अगुवाई में चले आदोलन में शामिल किसान केंद्र सरकार द्वारा लागू कृषक उपज व्यापार और वाणिज्य (संवर्धन और सुविधा) कानून 2020, कृषक (सशक्तीकरण एवं संरक्षण) कीमत आश्वासन और कृषि सेवा करार कानून 2020 और आवश्यक वस्तु (संशोधन) कानून 2020 को निरस्त करने की मांग कर रहे हैं। (आईएएनएस)
विवेक त्रिपाठी
लखनऊ, 30 दिसंबर | उत्तर प्रदेश में विधानसभा चुनाव से पहले होने वाले पंचायत चुनाव में आम आदमी पार्टी (आप) व ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) ओवैसी की पार्टी के बाद शिवसेना भी अपने प्रत्याशी मैदान में उतार कर दो-दो हाथ करने के लिए आतुर है।
विधानसभा आम चुनाव से पूर्व सेमीफाइनल माने जाने वाले पंचायत चुनाव मार्च-अप्रैल तक प्रस्तावित है। इसके लिए अनेक राजनीतिक दल तैयारियों में लगे हैं।
शिवसेना के उत्तर प्रदेश के राज्य प्रमुख अनिल सिंह ने आईएएनएस को बताया कि पार्टी की ओर से पंचायत चुनाव के लिए जिलावार समीक्षा कर प्रभारी नियुक्त किए जा रहे हैं। सभी जिलों से आवेदन मांगे जा रहे हैं। इसके अलावा शिवसेना प्रतिनिधिमंडल महाराष्ट्र में संगठन के शीर्ष नेताओं से भेंट कर उन्हें चुनाव की तैयारियों से अवगत कराएगा। प्रदेश पदाधिकारियों को चुनाव प्रबंधन के गुर सीखने के लिये महाराष्ट्र भेजा जाएगा। यह लोग करीब एक सप्ताह रूकेगे। वहां के बीएमसी और ग्रामीण आंचल में शिवसेना कैसे काम कर रही, यह सीखेगे। वहां से लौटने के बाद पूर्वांचल, पश्चिम बुन्देल खंड में प्रशिक्षण होगा। इसके बाद प्रत्याशियों का चयन कर उन्हें मैदान में उतारा जाएगा। अगर इसी बीच कांग्रेस से बात बन गयी तो उनके साथ गठबंधन कर चुनाव लड़ा जाएगा। चुनाव में सफलता भी मिलेगी।
अनिल सिंह ने बताया कि पूरे प्रदेश में हमारा संगठन अच्छा काम कर रहा है। पिछले चुनाव में 16 जिला पंचायत सदस्य और 150 से ज्यादा हमारे प्रधान चुनकर आए थे, जो ऑन रिकार्ड है। उन्होंने बताया कि कांग्रेस के समर्थन से पंचायत चुनाव के लड़ने के लिए 16 जनवरी को हमारे सांसद अरविन्द सावंत आ रहे हैं, उनके साथ बैठक होगी। हमारा महाराष्ट्र में गठबंधन है। यहां भी हो सकता है। इसके लिए बातचीत हो रही है। बाकी बैठक में तय कर दिया जाएगा। (आईएएनएस)
-ज़ुबैर अहमद
पश्चिम बंगाल में छह महीने से भी कम समय में विधानसभा चुनाव होने जा रहे हैं, लेकिन राज्य भर में चुनावी माहौल अभी से काफ़ी गर्म हो चुका है.
जीत किसकी होगी ये कहना काफ़ी मुश्किल है, लेकिन इस समय केवल एक रुझान साफ़ है और वो ये कि इस चुनाव में सीधी टक्कर सत्तारुढ़ तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) और भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के बीच है.
बीजेपी पश्चिम बंगाल को हर हाल में जीतना चाहती है. पार्टी ने अभी से अपने संसाधनों को चुनावी मुहिम में इस्तेमाल करना शुरू कर दिया है. पार्टी के अध्यक्ष जेपी नड्डा और गृह मंत्री अमित शाह के रोड शो हों या फिर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रमुख मोहन भागवत का दौरा, बीजेपी गंभीरता से बंगाल के चुनावी मैदान में कूद चुकी है.
इसके अलावा सुवेंदु अधिकारी और कुछ दूसरे नेताओं का टीएमसी छोड़कर बीजेपी में शामिल होना बीजेपी की मुहिम के लिए काफ़ी अहम माना जा रहा है.
लेकिन चुनाव के बाद बंगाल में सत्ता की बागडोर बीजेपी पहली बार संभालेगी या टीएमसी तीसरी बार विधानसभा चुनाव जीतकर सत्ता पर बनी रहेगी, ये कई बातों पर निर्भर करेगा.
कोलकाता में राजनीतिक विश्लेषक अरुंधति मुखर्जी कहती हैं, "फ़िलहाल झुकाव बीजेपी की तरफ़ अधिक दिखाई देता है." कोलकाता रिसर्च ग्रुप के सियासी विश्लेषक रजत रॉय के विचार में भी इस समय बीजेपी की मुहिम में गति दिखती है.
लेकिन अरुंधति मुखर्जी के अनुसार इसका मतलब ये नहीं है कि बीजेपी ही चुनाव जीतेगी. वो कहती हैं, "राज्य में बहुत सारे ऐसे लोग हैं, जो ममता बनर्जी की सरकार से ऊब चुके हैं. एंटी-इनकंबेंसी फ़ैक्टर भी है. बहुत सारे लोग ऐसे भी हैं, जो मोदी सरकार को पसंद नहीं करते. ये दोनों तरह के लोग कांग्रेस और वाम मोर्चे के गठबंधन को वोट देंगे. अगर गठबंधन का वोट शेयर बढ़ा, तो ममता बनर्जी का जीतना आसान हो जाएगा."
कोलकाता के ही राजनीतिक जानकार विश्वजीत भट्टाचार्य इस बात से सहमत हैं कि गठबंधन को अगर अधिक वोट मिले, तो नुक़सान बीजेपी को होगा, क्योंकि टीएमसी का वोट शेयर कई चुनावों से लगभग एक जैसा है.
वो कहते हैं, "मेरे विचार में कांग्रेस और वामपंथी मोर्चे के वोटर ममता बनर्जी को वोट देंगे, क्योंकि ये टैक्टिकल वोट करेंगे और अगर ये हुआ तो ममता बनर्जी चुनाव जीत सकती हैं."
इसलिए अनुमान ये लगाया जा रहा है कि अगर ममता बनर्जी की पार्टी ने अगले चुनाव में अपना वोट शेयर बनाए रखा और कांग्रेस और वाम फ्रंट के गठबंधन ने पिछले साल के आम चुनाव में हासिल किए अपने 12 प्रतिशत वोट विधानसभा चुनाव में हासिल कर लिए तो टीएमसी की जीत तय है.
बंगाल में बीजेपी को पड़ने वाले वोट एक समय में वाम दलों को पड़ा करते थे. टीएमसी के वोटर बीजेपी की तरफ़ ट्रांसफ़र नहीं हुए हैं. बीजेपी का 2019 के आम चुनाव में वोट शेयर लगभग 40 प्रतिशत तक पहुँच गया, जिसने कई लोगों को हैरान कर दिया और ये बढ़ोतरी वाम मोर्चे के वोट ट्रांसफ़र होने से हुई थी.
राज्य में बीजेपी ने धीरे-धीरे अपनी जड़ें जमानी शुरू कर दी हैं. साल 2011 में हुए विधानसभा चुनाव में बीजेपी ने कुल 294 सीटों में से 289 पर अपने उम्मीदवार खड़े किए थे, लेकिन इसे एक भी सीट हासिल नहीं हुई. इसका वोट शेयर केवल चार प्रतिशत था.
पश्चिम बंगाल में लेफ्ट कार्यकर्ता
2014 के लोकसभा चुनाव में इसे राज्य की 42 सीटों में से केवल दो पर जीत हासिल हुई. इसका वोट शेयर 17 प्रतिशत रहा. पिछले विधानसभा चुनाव में इसे 10 प्रतिशत से कुछ अधिक वोट शेयर मिले और केवल तीन सीटें.
लेकिन 2019 के लोकसभा चुनाव में पार्टी ने 18 सीटें जीतीं. इसका वोट शेयर बढ़कर 40.64 प्रतिशत हो गया. बीजेपी अगले साल अप्रैल-मई में होने वाले विधानसभा चुनाव में इस परिणाम को दोहराने की उम्मीद कर रही है.
दूसरी तरफ़ 2011 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस पार्टी के साथ मिलकर वाम मोर्चे की 34 साल पुरानी सरकार को उखाड़ फेंकने के बाद ममता बनर्जी को बंगाल में पहली बार सरकार बनाने का अवसर मिला. टीएमसी ने चुनाव में 184 सीटें जीती थीं और पार्टी का वोट शेयर 39.9 प्रतिशत था.
2014 के आम चुनाव में देश भर में मोदी लहर थी, लेकिन इसके बावजूद बंगाल में ममता बनर्जी की टीएमसी को 42 सीटों में से 34 पर कामयाबी मिली.
2016 के विधानसभा चुनाव में पार्टी ने कांग्रेस से एलायंस ख़त्म करने के बावजूद 211 सीटें हासिल कीं और इसका वोट शेयर 44.9 प्रतिशत था. पिछले साल हुए आम चुनाव में पार्टी ने केवल 22 सीटें जीतीं लेकिन इसके वोट शेयर में केवल पांच प्रतिशत की गिरावट देखने को मिली.
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ममता बनर्जी बनाम कौन?
रजत रॉय का तर्क ये है कि पार्टियों के वोट शेयर के बजाय दूसरे कई और फ़ैक्टर पर निगाह डालने की ज़रूरत है. उनके मुताबिक़ ममता बनर्जी टीमएसी का चेहरा हैं और मुख्यमंत्री भी. वोटर जानते हैं कि अगर उनकी पार्टी जीती, तो मुख्यमंत्री कौन होगा. वो कहते हैं, "बीजेपी में कोई मुख्यमंत्री का चेहरा नहीं है. कोई भी ममता के क़द का नहीं है."
बीजेपी नरेंद्र मोदी और अमित शाह को सामने ला रही है, लेकिन इसका ममता बनर्जी को ये कहने का मौक़ा मिल गया है कि बीजेपी बाहर की पार्टी है. रजत रॉय कहते हैं, "ममता बनर्जी बंगाली बनाम बाहरी का कार्ड खेल रही हैं और इसका असर दिखाई दे रहा है. सोशल मीडिया पर भी ये बहस का मुद्दा बन गया है."
रजत रॉय के अनुसार ममता बनर्जी की इस मुहिम को बीजेपी की कुछ ग़लतियाँ भी शक्ति दे रही हैं. रवींद्रनाथ टैगोर और अमर्त्य सेन के बारे में दिए गए बयान से ममता बनर्जी ने कहना शुरू कर दिया है कि बीजेपी बंगाल की संस्कृति के ख़िलाफ़ है और ये बंगाली वोटर के लिए एक संवेदनशील मामला है.
अरुंधति कहती हैं कि आम धारणा ये है कि ममता बनर्जी एक फ़ाइटर है. "उनकी नज़रों में भी जो उन्हें पसंद करते हैं और ऐसे लोगों की नज़रों में भी जो उन्हें नापसंद करते हैं, वो एक फ़ाइटर हैं."
रजत रॉय के अनुसार धारणा आम ये भी है कि वो ईमानदार हैं, लेकिन पार्टी के अधिकतर नेता भ्रष्ट हैं. वो कहते हैं, "इसीलिए वो हर जगह कहती हैं कि लोग वोट उन्हें दें और बंगाल में टीएमसी को वोट नहीं पड़ते, ममता बनर्जी को वोट दिए जाते हैं."
ओवैसी फ़ैक्टर
कुछ लोगों का कहना है कि असदुद्दीन ओवैसी की ऑल इंडिया इत्तेहादुल मुस्लिमीन पार्टी ममता बनर्जी की जीत में रोड़ा अटका सकती है. ओवैसी ने बंगाल में चुनाव लड़ने की घोषणा पहले ही कर दी है.
विधानसभा की कुल 294 सीटों में से 70 ऐसी सीटें हैं, जहाँ मुस्लिम वोटर 20 प्रतिशत से अधिक हैं और राज्य में लगभग चार प्रतिशत मुसलमान ऐसे हैं, जिनकी एकमात्र भाषा उर्दू है और वो जिन इलाक़ों में रहते हैं वो बिहार के उन इलाक़ों से सटे हैं, जहाँ से ओवैसी को बिहार विधानसभा के चुनाव में कामयाबी मिली है.
ओवैसी ख़ुद बंगाल का दौरा कर चुके हैं और वहाँ पिछले छह महीनों में उनकी पार्टी की कई शाखाएँ खुल चुकी हैं.
क्या वो टीएमसी का गेम ख़राब कर सकते हैं?
अरुंधति मुखर्जी कहती हैं कि ओवैसी का असर होगा. वो कहती हैं, "ममता बनर्जी का मुसलमानों पर यक़ीनन ज़ोर है, लेकिन ओवैसी का थोड़ा ही असर होगा. ओवैसी ऐसे मुद्दे उठा रहे हैं, जिसका मुसलमानों पर असर होता है. वो उनकी नौकरियों और शिक्षा जैसे मुद्दे भी उठा रहे हैं. टीएमसी का मुस्लिम वोट शेयर इस बार थोड़ा घटेगा."
रजत रॉय के मुताबिक़, मुसलमान ममता बनर्जी को वोट देते आये हैं लेकिन उनका एक बड़ा हिस्सा राज्य सरकार से ख़ुश नहीं है, क्योंकि मुसलमानों को नौकरियों और शिक्षा में बेहतरी के दिए गए वादे पूरे नहीं किए गए. "लेकिन मेरे विचार में ममता से नाराज़ मुसलमान भी टैक्टिकल वोटिंग करेंगे, क्योंकि मुस्लिम समुदाय बीजेपी के ख़िलाफ़ वोट करेगी."
लेकिन विश्वजीत भट्टाचार्य कहते हैं कि ओवैसी का इस चुनाव पर कोई ख़ास असर नहीं पड़ेगा.
ममता बनर्जी बीजेपी की राह में आख़िरी रोड़ा
बीजेपी में बड़े नेता राज्य में पार्टी के नेताओं को ये पैग़ाम दे रहे हैं कि वो 200 सीटें जीतने की उनकी मुहिम पर ज़ोर दें. अमित शाह ने भी सार्वजनिक सभाओं में कम से कम 200 सीटें जीतने का दावा किया है. लेकिन अंदरूनी तौर पर पार्टी को मालूम है कि 200 सीटों का लक्ष्य वास्तविक नहीं है. हाँ पार्टी ये ज़रूर मानती है कि ध्रुवीकरण से इस लक्ष्य के क़रीब ज़रूर जाया जा सकता है. ऐसे में बीजेपी चाहेगी कि ओवैसी की पार्टी चुनाव लड़े.
राज्य में मुसलमानों की आबादी लगभग 28-30 प्रतिशत है, जो जम्मू-कश्मीर और असम के बाद सबसे अधिक है. विश्वजीत भट्टाचार्य के अनुसार मोहन भागवत ने कई बार कहा है कि हिंदू इंडिया की कल्पना मुस्लिम आबादी वाले राज्यों पर सत्ता में आए बिना नहीं की जा सकती.
विश्वजीत कहते हैं, "ये आरएसएस का मक़सद है. हमारे देश में सबसे अधिक मुस्लिम आबादी वाले राज्य जम्मू-कश्मीर में गए और सत्ता में आए. असम दूसरा सबसे अधिक मुस्लिम आबादी वाला राज्य है. वो वहाँ भी गए और चुनाव जीता और तीसरा सबसे ज़्यादा मुस्लिम आबादी वाला राज्य पश्चिम बंगाल है. बीजेपी पश्चिम बंगाल में सत्ता में आने के लिए बहुत बेक़रार है. इसकी इस कोशिश में आख़िरी रोड़ा ममता बनर्जी हैं."
दूसरा ये कि 2025 में आरएसएस की स्थापना के 100 साल पूरे हो जाएँगे. आरएसएस का पहला सियासी धड़ा यहीं बना था. इन्हीं कारणों से बीजेपी सत्ता में आने के लिए उतावली हो रही है.
amit shah photo by BAPI BANERJEE
बंगाल में आरएसएस दशकों तक ग़ुमनाम रहने के बाद एक बार फिर से एक अहम सामाजिक संस्था बन कर उभरी है. आरएसएस एक ऐसी संस्था है, जो अपनी शाखाओं की संख्या की जानकारी नहीं देती लेकिन बंगाल की मीडिया के अनुसार 2011 में इसकी शाखाओं की संख्या 800 थी जो 2018 में 2000 से अधिक हो गई है
राजनीतिक विशेषज्ञ रजत रॉय स्वीकार करते हैं कि पश्चिम बंगाल में आरएसएस की शाखाएँ बढ़ी हैं. उनके विचार में मध्यम वर्ग के हिंदू हिंदुत्व विचारधारा से प्रभावित हुए हैं और एक सोच ऐसी उभरी है कि मुसलमानों को सबक़ सीखाना है. वो कहते हैं, "इस सोच का सियासी पार्टियाँ और बुद्धिजीवी वर्ग विरोध नहीं कर सके हैं."
राज्य में इसके पनपने का एक बड़ा कारण हैं दिलीप घोष जिन्होंने 2014 के अंत में राज्य की बीजेपी इकाई के अध्यक्ष के रूप में कार्यभार संभाला. वो एक पुराने प्रचारक हैं जिन्होंने पूर्व और पूर्वोत्तर राज्यों में लगभग 25 वर्षों तक काम किया है.
घोष के अपने शब्दों में, "मैं आज जो कुछ भी हूँ, आरएसएस की वजह से हूँ. संघ एक अनुशासित जीवन जीने का तरीक़ा सिखाता है और यही वह प्रशिक्षण है जिसने मुझे राज्य के बीजेपी प्रमुख की भूमिका निभाने की ताक़त दी. आरएसएस हमारे देश के लिए सही तरह के पुरुषों का निर्माण करता है, हमारा मंत्र है साउंड बॉडी में साउंड माइंड. मुझे आरएसएस का प्रचारक होने पर गर्व है और आज भी मैं संघ के दैनिक अभ्यास का अनुसरण करता हूं, जैसे मैंने एक युवा कैडर के रूप में किया था."
सुवेंदु अधिकारी एक फ़ैक्टर?
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सुवेंदु अधिकारी टीएमसी के एक बड़े नेता के रूप में देखे जाते थे. उनका बीजेपी में जाना ममता बनर्जी के लिए बड़ा झटका था.
विश्वजीत भट्टाचार्य कहते हैं उनका असर बंगाल के कई इलाक़ों में है. वो तीन सहकारी बैंकों के चेयरमैन हैं और उनके अपने क़रीबी साथी दो सहकारी बैंकों के चेयरमैन हैं. कई कॉटेज इंडस्ट्री इन बैंकों से पैसे लेते हैं. अधिकारी ने बीजेपी में शामिल होने से पहले कई रैलियाँ कीं ताकि वो ये परख सकें कि जनता उनके साथ है या नहीं. उनके साथ कई और नेता भी टीएमसी से बीजेपी में शामिल हुए लेकिन उनका क़द सबसे ऊंचा था.
लेकिन ये कहानी अभी ख़त्म नहीं हुई है. विश्वजीत भट्टाचार्य कहते हैं, "मेरे विचार में अभी कुछ और चीज़ें बदलने वाली हैं. सुवेंदु के तृणमूल कांग्रेस छोड़ कर चले जाने जैसे और भी मामले सामने आ सकते हैं."
रजत रॉय के अनुसार सुवेंदु अधिकारी के बीजेपी में शामिल होने से पार्टी को झटका ज़रूर लगा है, लेकिन इसका चुनाव में असर दक्षिण बंगाल के कुछ इलाक़ों तक सीमित होगा, ख़ासतौर से उन इलाक़ों में जहाँ उनका प्रभाव है. (bbc.com)
लखनऊ, 30 दिसंबर| उत्तर प्रदेश विधि विरुद्ध संपरिवर्तन प्रतिषेध अध्यादेश, 2020 के तहत प्रदेश में एक महीने में अब तक 54 लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है। आधिकारिक सूत्रों के अनुसार, कानून लागू होने के बाद उत्तर प्रदेश पुलिस ने 16 एफआईआर दर्ज की है, 86 लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया और उनमें से 54 को गिरफ्तार किया है।
31 आरोपियों को गिरफ्तार किया जाना बाकी है।
नए कानून के प्रावधानों के तहत सबसे अधिक एटा में 26 लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया, इनमें से 14 के खिलाफ एक ही मामले में प्राथमिकी दर्ज की गई है।
एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने कहा कि महिलाओं के परिवार के सदस्यों की शिकायतों पर ज्यादातर प्राथमिकी दर्ज की गईं।
अधिकारी ने कहा, "मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर, पुलिस को जबरन धर्मांतरण के खिलाफ कार्रवाई करने के स्पष्ट निर्देश जारी किए गए थे। कई मामलों में, लोग नए कानून से अनजान थे और पुलिस ने अंतर-धार्मिक विवाह के इच्छुक लड़की और लड़के के माता-पिता की काउंसलिंग की।"
पिछले एक महीने में बिजनौर और शाहजहांपुर में दो-दो और फिरोजाबाद, एटा, बरेली, मुरादाबाद, कन्नौज, हरदोई, सीतापुर, सहारनपुर, मुजफ्फरनगर, आजमगढ़, मऊ और गौतम बुद्ध नगर में एक-एक एफआईआर दर्ज की गई।
एटा जिले में, एक स्थानीय व्यापारी ने मोहम्मद जावेद के खिलाफ अपहरण और गैरकानूनी रूप से एक हिंदू युवती का धर्म परिवर्तन करा उसे मुस्लिम बनाने के लिए जलेसर पुलिस स्टेशन में मामला दर्ज कराया था। पुलिस ने जावेद के परिवार के 14 सदस्यों को गिरफ्तार किया, जबकि मुख्य आरोपी सहित 12 अन्य अभी भी फरार हैं।
मऊ में नए कानून के तहत 16 लोगों के खिलाफ चिरैयाकोट पुलिस स्टेशन में 3 दिसंबर को एक प्राथमिकी दर्ज की गई थी।
शबाब खान उर्फ राहुल और उसके 13 परिचितों पर अपहरण का मुकदमा दर्ज किया गया था।
पुलिस ने कहा कि खान, जो पहले से ही शादीशुदा है, और उसके सहयोगियों ने, धर्म परिवर्तन कराने के लिए 30 नवंबर को 27 वर्षीय एक महिला का कथित तौर पर अपहरण कर लिया। बाद में, आठ लोगों को गिरफ्तार किया गया, जबकि आठ अन्य फरार हैं। एटा में कम से कम 12 लोग, मऊ में आठ, शाहजहांपुर में पांच, सहारनपुर में चार और सीतापुर और मुजफ्फरनगर में एक-एक लोग अभी भी फरार हैं। (आईएएनएस)
कुवैत सिटी, 30 दिसंबर (आईएएनएस) कुवैत 2 जनवरी, 2021 से कुवैत अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे पर उड़ान संचालन फिर से शुरू करेगा। यह जानकारी देश के नागरिक उड्डयन महानिदेशालय (डीजीसीए) ने दी। समाचार एजेंसी सिन्हुआ की रिपोर्ट के अनुसार, डीजीसीए के प्रवक्ता साद अल-ओतैबी ने मंगलवार को एक बयान में कहा कि उड़ानों की बहाली शनिवार को 4 बजे शुरू होगी।
इसके साथ ही उन्होंने कहा कि सभी निर्णय कोरोनावायरस परिस्थिति के अनुसार बदल सकते हैं।
कुवैत की सरकार ने कोरोनावायरस महामारी की स्थिति के कारण 21 दिसंबर से 1 जनवरी, 2021 तक सभी अंतर्राष्ट्रीय वाणिज्यिक उड़ानों को निलंबित करने का फैसला किया था।
जौनपुर, 30 दिसंबर | उत्तर प्रदेश के जौनपुर जिले के गोबरा गांव में एक लकड़बघ्घे (हाइना) ने लोगों पर हमला कर दिया, जिसमें समाजवादी पार्टी के नेता सहित चार लोग घायल हो गए। स्थानीय ग्रामीणों ने बाद में लकड़बघ्घे को पीट-पीटकर मार डाला। घायल व्यक्तियों को स्थानीय अस्पताल में इलाज के लिए भर्ती कराया गया है। खबरों के अनुसार, एक स्थानीय पुजारी ने एक हनुमान मंदिर के पास एक लकड़बघ्घे को घूमते देखा और एक स्थानीय सपा नेता नीरज पहलवान को सूचना दी, जिन्होंने वन अधिकारियों को इसके बारे में बताया।
वन विभाग की टीम गांव पहुंची लेकिन जंगली जानवर का पता नहीं लगा सकी।
अगले दिन, मंगलवार को, नीरज पहलवान कुछ अन्य स्थानीय लोगों के साथ उसी मंदिर के पास घूम रहे थे, तब लकड़बघ्घा फिर से दिखाई दिया और उन लोगों पर हमला कर दिया।
ग्रामीणों ने लाठी-डंडों से लकड़बघ्घे पर हमला किया और जानवर को पीट-पीटकर मार डाला।
(आईएएनएस)
प्रयागराज, 30 दिसंबर | इलाहाबाद हाई कोर्ट ने एटा के मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट (सीजेएम) को एक वकील पर पुलिस द्वारा कथित हमले की जांच करने और 8 जनवरी तक रिपोर्ट पेश करने का निर्देश दिया है। एटा में वकील और उसके परिवार पर कथित पुलिस हमले का संज्ञान लेते हुए चीफ जस्टिस गोविंद माथुर और न्यायमूर्ति सौमित्र दयाल सिंह की खंडपीठ ने सीजेएम को जांच के दौरान सभी प्रासंगिक ऑडियो-विजुअल, इलेक्ट्रॉनिक साक्ष्य और दस्तावेजों का निरीक्षण करने का निर्देश दिया और पूरी रिपोर्ट पेश करने को कहा।
हाईकोर्ट की खंपीठ ने एटा जिला मजिस्ट्रेट और वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक को सीजेएम द्वारा मांगे गए सभी संबंधित तथ्य और दस्तावेज देने का भी निर्देश दिया। अदालत ने 8 जनवरी को अगली सुनवाई की तारीख तय की है।
इससे पहले, उत्तर प्रदेश बार काउंसिल, जो कि राज्य में अधिवक्ताओं की सर्वोच्च संस्था है, ने इलाहाबाद हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस को पत्र लिखकर 21 दिसंबर को हुए हमले पर उचित कार्रवाई करने का अनुरोध किया था।
पत्र के अनुसार, एटा में एक एडवोकेट राजेंद्र शर्मा के साथ पुलिस ने बदतमीजी की और पिटाई की। पुलिस ने उनके रिश्तेदारों को भी परेशान और अपमानित किया।
इसी घटना पर चीफ जस्टिस के सचिवालय को इलाहाबाद कोर्ट के बार एसोसिएशन (एचसीबीए) की ओर से एक पत्र प्राप्त हुआ था। इसके अलावा, कई अधिवक्ताओं ने ई-मेल के जरिए इस मुद्दे को उठाया था।
मामले का संज्ञान लेते हुए अदालत ने कहा, इन पत्रों में दिए गए तथ्यों पर विचार करने के बाद, हम एटा के मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट से घटना की पूरी रिपोर्ट मांगना उचित समझते हैं।
(आईएएनएस)
नई दिल्ली, 30 दिसंबर : ब्रिटेन में सामने आया कोरोना का नया स्ट्रेन भारत को अपनी चपेट में लेता जा रहा है. ब्रिटेन से भारत आए 20 लोग अब तक इस स्ट्रेन से पॉजिटिव पाए गए है. मंगलवार को स्वास्थ्य मंत्रालय ने जानकारी दी थी इस संक्रमण से 6 लोग संक्रमित है लेकिन अब इनकी संख्या बढ़कर 20 हो गयी है.
इसमें दिल्ली के एनसीडीसी लैब में 8, nimhans में 7, सीसीएमबी हैदराबाद लैब में 2 सैंपल के यूके के नए स्ट्रेन होने का पता चला है. वहीं NIBG कल्याणी - कोलकात्ता, NIV पुणे, IGIB दिल्ली में एक- एक सैंपल के यूके के नए स्ट्रेन होने की पुष्टि हुई है.
इन सभी व्यक्तियों को संबंधित राज्य सरकारों द्वारा हैल्थ केयर में आइसोलेशन में अलग रखा गया है. उनके सम्पर्क में आने वालों को भी क्वारंटाइन के तहत रखा गया है. सह-यात्रियों, पारिवारिक संपर्कों और दूसरे लोगों के लिए बड़े स्तर पर कॉन्टैक्ट ट्रेसिंग शुरू की गई है.
केंद्र सरकार ने 25 नवंबर से 23 दिसंबर तक यूके से भारत आए लोगों के आरटी पीसीआर टेस्ट करने का फैसला किया था. पॉजिटिव आने पर सैंपल को लैब में जीनोम सिक्वेंसिग के लिए भेजा जा रहा था जिसे पता चले की आखिर किस वायरस के स्ट्रेन से पॉजिटिव है. वहीं 31 दिसंबर तक यूके फ्लाइट्स सस्पेंड किया गया.
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय की तरफ से दी गई जानकारी के मुताबिक अब तक डेनमार्क, नीदरलैंड, ऑस्ट्रेलिया, इटली, स्वीडन, फ्रांस, स्पेन, स्विट्जरलैंड, जर्मनी, कनाडा, जापान, लेबनान और सिंगापुर द्वारा नए यूके वेरिएंट के मिलने की खबर आई है.
गोरखपुर (उत्तर प्रदेश), 30 दिसंबर| उत्तर प्रदेश आतंकवाद रोधी दस्ता (एटीएस) गोरखपुर में एक मोबाइल स्टोर के दो मालिकों से पूछताछ कर रहा है। उत्तर प्रदेश एटीएस के पुलिस महानिरीक्षक जीके गोस्वामी ने हालांकि स्पष्ट किया कि यह न तो छापा था और न ही तलाशी अभियान, बल्कि 2018 के आतंकी फंडिंग मामले में चल रही जांच है।
एटीएस ने 24 मार्च, 2018 को मोबाइल फोन और हवाला लेनदेन में थोक व्यापार से संबंधित एक अन्य मामले में पूछताछ के लिए, गोलघर क्षेत्र के बलदेव प्लाजा में मोबाइल की दुकान के मालिक नसीम अहमद और अरशद नईम को गिरफ्तार किया था।
उन्होंने कहा, "उस समय एटीएस द्वारा एक निश्चित राशि जब्त की गई थी और इसके स्रोतों को सत्यापित किया जा रहा था।"
उन्होंने कहा कि मामले में आगे की जांच के लिए 16 सदस्यीय एटीएस टीम को गोरखपुर भेजा गया था।
एक अन्य एटीएस अधिकारी ने कहा कि 24 मार्च 2018 को, यूपी एटीएस ने उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश और बिहार के विभिन्न जिलों से 10 लोगों को गिरफ्तार करके पाकिस्तान से संचालित एक आतंकी फंडिंग नेटवर्क का भंडाफोड़ किया था।
इसी ऑपरेशन में, दो दुकान मालिकों को भी गिरफ्तार किया गया और एटीएस टीम ने कथित तौर पर 45 लाख रुपये जब्त किए। हालांकि दोनों को जमानत दे दी गई थी, लेकिन वे जब्त नकदी और उसके स्रोतों के बारे में नहीं बता पा रहे थे। उन्होंने कहा कि एटीएस टीम के पास नकदी अभी भी पड़ी है।
अधिकारी ने कहा कि एक टीम उनसे पैसे के स्रोतों की जांच करने और उनके लैपटॉप और कंप्यूटर की हार्ड ड्राइव की जांच करने के लिए पूछताछ कर रही है।
(आईएएनएस)
नई दिल्ली, 30 दिसंबर | दिल्ली जल बोर्ड के उपाध्यक्ष राघव चड्ढा ने यमुना में गंदगी फैलाने का एक वीडियो जारी किया है। दिल्ली जल बोर्ड के मुताबिक, यह वीडियो हरियाणा का है। हरियाणा में बिना 'ट्रीट' किया गया दूषित पानी यमुना में छोड़ा जा रहा है, जिससे नदी में अमोनिया का स्तर बढ़ रहा है। राघव ने मंगलवार को कहा, "साफ पानी दिल्ली का हक है। दिल्ली को वैसे भी जरूरत से कम पानी मिल रहा है। उसमें भी इतना अमोनिया मिल रहा है कि हमारे वॉटर ट्रीटमेंट प्लांट्स में बार-बार दिक्कतें आ रही हैं। कई बार प्लांट बंद भी करना पड़ता है। सोमवार को यमुना के पानी में 7 पीपीएस तक अमोनिया था, जिस वजह से हमारे वजीराबाद, चंद्रावल प्लांट की क्षमता 50 फीसदी तक कम हो गई और ओखला प्लांट पर भी काफी असर पड़ा।"
दिल्ली जल बोर्ड के उपाध्यक्ष ने कहा कि पिछले एक साल से, यमुना नदी में अमोनिया के स्तर में काफी उतार-चढ़ाव रहा है। हरियाणा सिंचाई विभाग के संबंधित अधिकारियों को कई बार सूचित करने के बावजूद सामान्य स्थिति बहाल करने की दिशा में कोई ठोस कार्रवाई और सुधार नहीं हुआ है। फरवरी, मार्च, जुलाई, अक्टूबर, नवंबर और अब दिसंबर में वजीराबाद, चंद्रावल और ओखला प्लांट के उत्पादन में हरियाणा द्वारा सप्लाई किए जा रहे कच्चे पानी में मौजूद अमोनिया की वजह से 25 से 80 फीसदी तक की कमी आई है।
दिल्ली जल बोर्ड के मुताबिक, हरियाणा के इस व्यवहार की वजह से दिल्ली की परेशानी काफी बढ़ जा रही है। पिछले 2 साल में ये अमोनिया का सबसे उच्चतम स्तर है, यमुना में अमोनिया 7पीपीएम तक बढ़ गया है जबकि प्लांट्स में अधिकतम 0.8 पीपीएम तक अमोनिया का ही ट्रीटमेंट किया जा सकता है।
राघव चड्ढ़ा ने कहा, "दिल्ली सरकार और दिल्ली जल बोर्ड के लगातार अनुरोध के बावजूद हरियाणा सरकार कोई एक्शन नहीं ले रही है। यमुना में नालों के जरिए इंडस्ट्री से निकलने वाला अमोनिया लगातार घुल रहा है। मैं सेंट्रल पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड और अपर यमुना रिवर बोर्ड से की अपील करता हूं कि हरियाणा सरकार की लापरवाही को ध्यान में रखकर उन पर तुरंत कार्रवाई करें।"
यमुना नदी के पानी में अमोनिया का स्तर बढ़ने से दिल्ली के जिन इलाकों में जलापूर्ति प्रभावित होगी उनमें सिविल लाइंस, हिंदू राव हॉस्पिटल और इसके आसपास के इलाके, कमला नगर, शक्ति नगर, करोल बाग, पहाड़गंज, एनडीएमसी एरिया, ओल्ड और न्यू राजेंद्र नगर, पटेल नगर (ईस्ट वेस्ट), बलजीत नगर, प्रेम नगर, इंद्रपुरी और इसके आस पास के इलाके, कालका जी, गोविंदपुरी, तुगलकाबाद, संगम विहार, अंबेडकर नगर, पह््रलादपुर और आसपास के इलाके, रामलीला मैदान, दिल्ली गेट, सुभाष पार्क, मॉडल टाउन, गुलाबी बाग, पंजाबी बाग, जहांगीरपुरी, मूलचंद, साउथ एक्सटेंशन, ग्रेटर कैलाश, बुराड़ी और कैंट इलाके और दक्षिणी दिल्ली के कुछ अन्य इलाके शामिल हैं।
--आईएएनएस
नई दिल्ली, 30 दिसंबर | नये कृषि कानूनों के विरोध में सड़कों पर उतरे किसानों के नेता सरकार के साथ छठे दौर की वार्ता के लिए निर्धारित समय के अनुसार बुधवार को दोहपर दो बजे विज्ञान भवन पहुंचेंगे। वार्ता के लिए मुद्दे भी पहले से ही तय है। मेजर सिंह पुनावाल पंजाब में ऑल इंडिया किसान सभा के जनरल सेक्रेटरी हैं। मेजर सिंह से जब पूछा कि आज (बुधवार) वह सरकार से क्या बात करेंगे तो उन्होंने कहा कि सरकार से मुख्य रूप से तीनों कृषि कानूनों को रद्द करवाने की प्रक्रिया और एमएसपी को कानूनी जामा पहनाने पर बात होगी।
पुनावाल ने कहा, सरकार ने पहले जो प्रस्ताव भेजा था उस पर इसलिए वार्ता करने को किसान नेता राजी नहीं हुए क्योंकि सरकार ने नये कानूनों में संशोधन की बात कर रही थी, लेकिन अब किसानों द्वारा सुझाए गए मुद्दों पर वार्ता होने जा रही है और हम उन्हीं मुद्दों पर बात करना चाहेंगे।
किसान संगठन की ओर से वार्ता के लिए जो चार मुद्दे सुझाए गए हैं उनमें ये शामिल हैं:
1. तीन केंद्रीय कृषि कानूनों को रद्द करने के लिए अपनाए जाने वाली क्रियाविधि
2. सभी किसानों और कृषि वस्तुओं के लिए राष्ट्रीय किसान आयोग द्वारा सुझाए लाभदायक एमएसपी पर खरीद की कानूनी गारंटी देने की प्रक्रिया और प्रावधान
3. राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र और आसपास के क्षेत्रों में वायु गुणवत्ता प्रबंधन के लिए आयोग अध्यादेश, 2020 में ऐसे संशोधन जो अध्यादेश के दंड प्रावधानों से किसानों को बाहर करने के लिए जरूरी हैं, और
4. किसानों के हितों की रक्षा के लिए विद्युत संशोधन विधेयक 2020 के मसौदे को वापिस लेने (संशोधन पिछले पत्र में गलती से जरूरी बदलाव लिखा गया था) की प्रक्रिया।
हालांकि वार्ता के दौरान इस बात पर भी सबकी निगाहें होगी कि वहां किसान नेताओं के लिए खाने-पीने का इंतजाम कौन करता है।
किसान नेता मेजर सिंह पुनावाल कहते हैं कि खाना सरकार का खाएंगे या खुद का इंतजाम करेंगे यह महत्वपूर्ण नहीं है क्योंकि जो किसान 35 दिनों से सड़कों पर बैठे हैं उनके लिए खाने-पीने का इंतजाम देश के किसान ही कर रहे हैं और यहां भी हम खुद ही इंतजाम कर लेंगे, लेकिन महत्वपूर्ण बात यह है कि सरकार किसानों की बात सुने।
उधर, देश की राजधानी दिल्ली की सीमाओं पर संयुक्त किसान मोर्चा के बैनर तले 40 किसान संगठनों के नेताओं की अगुवाई में चल रहा किसान आंदोलन बुधवार को 35वें दिन जारी है और उम्मीद की जा रही है कि सरकार के साथ होने जा रही छठे दौर की वार्ता से किसानों की समस्याओं का कोई हल निकलेगा जिससे आंदोलन समाप्त होगा।
आंदोलनकारी किसान संगठनों के नेता कृषक उपज व्यापार और वाणिज्य (संवर्धन और सुविधा) कानून 2020, कृषक (सशक्तीकरण एवं संरक्षण) कीमत आश्वासन और कृषि सेवा करार कानून 2020 और आवश्यक वस्तु (संशोधन) कानून 2020 को निरस्त करने की मांग कर रहे हैं। संसद के मानसून सत्र में पेश तीन अहम विधेयकों के दोनों सदनों में पारित होने के बाद इन्हें सितंबर में लागू किया गया। हालांकि इससे पहले अध्यादेश के आध्यम से ये कानून पांच जून से ही लागू हो गए थे।
--आईएएनएस
नोबेल पुरस्कार विजेता अर्थशास्त्री अमर्त्य सेन का कहना है कि भारत में मनमाने तरीके से देशद्रोह के आरोप थोपकर लोगों को बिना मुकदमे के जेल भेजा रहा है।
जानेमाने अर्थशास्त्री अमर्त्य सेन ने किसान आन्दोलन का खुलकर समर्थन किया है।
उन्होंने पीटीआई को ई-मेल के माध्यम से दिए एक साक्षात्कार में भारत की केंद्र सरकार के तीन नए कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों के आंदोलन का समर्थन किया।
सेन ने कहा कि तीनों कृषि कानूनों की समीक्षा करने के लिए मज़बूत आधार मौजूद हैं क्योंकि इन कानूनों के खिलाफ किसान प्रदर्शन कर रहे हैं। उन्होंने कहा ककि निश्चित तौर पर इन कानूनों की समीक्षा करने के लिए एक मजबूत आधार पाया जाता है, लेकिन पहली जरूरत यह है कि उपयुक्त चर्चा की जाए, न कि कथित तौर पर बड़ी रियायत देने की बात कही जाए, जो असल में बहुत छोटी रियायत होगी। सेन ने यह भी कहा कि भारत में वंचित समुदायों के साथ व्यवहार में बड़ा अंतर मौजूद है। उन्होंने कहा कि भारी असमानता की मौजूदगी, भारत के नीति निर्माण के हर पहलू को प्रभावित करेगी।
हार्वर्ड विश्वविद्यालय के प्राध्यापक 87 वर्षीय सेन ने कहा कि जो व्यक्ति सरकार को पसंद नहीं आ रहा है, उसे सरकार द्वारा आतंकवादी घोषित किया जा सकता है और जेल भी भेजा सकता है। प्रख्यात अर्थशास्त्री ने कहा, ‘असहमति और चर्चा की गुंजाइश कम होती जा रही है। लोगों पर देशद्रोह का मनमाने तरीके से आरोप लगा कर बगैर मुकदमा चलाए जेल भेजा जा रहा है।
अमर्त्य सेन ने इस बात पर दुख जताया कि कन्हैया कुमार, शेहला राशिद और उमर खालिद जैसे युवा कार्यकर्ताओं के साथ अक्सर दुश्मनों जैसा व्यवहार किया गया है। उन्होंने कहा कि शांतिपूर्ण एवं अहिंसक तरीकों का इस्तेमाल करने वाले कन्हैया, खालिद या शेहला जैसी युवा एवं दूरदृष्टि रखने वाले नेताओं के साथ राजनीतिक संपत्ति की तरह व्यवहार करने के बजाय उनके साथ दमन योग्य दुश्मनों जैसा बर्ताव किया जा रहा है, जबकि उन्हें गरीबों के हितों के प्रति उनकी कोशिशों को शांतिपूर्ण ढंग से आगे बढ़ाने का अवसर दिया जाना चाहिए था।
कोविड-19 या कोरोना महामारी से लड़ने की भारत की कोशिशों पर सेन ने कहा कि बगैर किसी नोटिस के लॉकडाउन थोपा जाना गलत था जबकि सामाजिक मेलजोल से दूरी रखने की जरूरत के मामले में भारत सही था। उन्होंने कहा कि आजीविका के लिए गरीब श्रमिकों की जरूरत को नजरअंदाज करना भी गलती थी। उन्होंने यह बात मार्च के अंत में लॉकडाउन लागू किए जाने के बाद करोड़ों लोगों के बेरोजगार हो जाने और प्रवासी श्रमिकों के बड़ी तादाद में घर लौटने का जिक्र करते हुए कही। अर्थशास्त्री अमर्त्य सेन ने कहा कि भारत के विभाजन के बाद पहली बार इतनी संख्या में लोगों ने भारत के अंदर पलायन किया। (parstoday)
लखनऊ, 30 दिसंबर | उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मंगलवार को अधिकारियों से कहा कि जिस जमीन पर किसी गरीब की झोपड़ी है, वह उसके नाम होनी चाहिए। उन्होंने कहा, अगर ऐसी जमीन रिजर्व श्रेणी की नहीं है। उसे लेकर कोई विवाद नहीं है तो झोपड़ी की जमीन संबंधित व्यक्ति के नाम करने के लिए स्वामित्व योजना के तहत अभियान चलाएं। कुछ जिलों की तरह जरूरत के अनुसार गरीबों के आवास क्लस्टर में भी बनाए जा सकते हैं।
मुख्यमंत्री ने यहां अपने आवास पर मुख्यमंत्री आवास योजना (ग्रामीण) के तहत स्वीकृत 21562 आवासों के लाभाथियों के खाते में पहली किस्त के रूप में 87 करोड़ रुपये का हस्तातंरण किया।
मुख्यमंत्री योगी ने कहा कि प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री आवास योजना के हर लाभार्थी को शासन की सभी योजनाओं (शौचालय, रसोईगैस, बिजली, आयुष्मान भारत, जीवन ज्योति और जीवन सुरक्षा आदि) से संतृप्त करने के लिए अभियान चलाएं।
इन लाभार्थियों को वहां की जरूरत के अनुसार, स्वरोजगार के किसी कार्यक्रम (बकरी एवं मुर्गी पालन, डेयरी आदि) से जोड़ें। इस बाबत उनको जरूरी प्रशिक्षण दें और बैंकर्स से जोड़ कर जरूरी पूंजी उपलब्ध कराकर उनको स्वरोजगार के लिए प्रेरित करें।
उन्होंने कहा कि घर के लिए मिले पैसे का उपयोग घर के लिए ही हो स्थानीय प्रशासन इसे सुनिश्चित कराए। गरीबों को मकान बनाने के लिए ईंट, बालू, मिट्टी, छड़ आदि वाजिब दाम पर और आसानी से मिलें यह भी सुनिश्चित कराएं। इनकी आपूर्ति करने वालों से संपर्क करें। मकान के कार्य की प्रगति की साप्ताहिक समीक्षा करें। इसके लिए नोडल अधिकारी नियुक्त करें।
मुख्यमंत्री ने कहा कि जिस वर्ग के लोगों को इस तरह के आवास मिलते हैं, वही टीबी, इन्सेफेलाइिटस, कालाजार और कुपोषण जनित रोगों के प्रति सर्वाधिक संवेदनशील होता है। इस वर्ग को गोशालाओं से चिन्हित कर पालने की शर्त के साथ एक स्वस्थ्य गाय दें। सरकार ऐसे गायों को पालने के लिए प्रति माह जो 900 रुपये देती है वह उसके खाते में दें। मनरेगा के तहत गायों के रहने के लिए छाजन भी बनाए जा सकते हैं।
इस मौके पर मुख्यमंत्री ने अलग-अलग जिलों के लाभार्थियों से बात की। नाम, पता, पति का काम, कितने बच्चे हैं आदि जैसे सवाल पूछे। यह भी पूछा कि शासन की किन-किन योजनाओं का लाभ मिला है। स्थानीय प्रशासन को निर्देश दिया कि इन सबको अभियान चलाकर शासन की सभी योजनाओं से संतृप्त करें। मुख्यमंत्री ने कहा कि मिले पैसे से घर बनाना है,साथ में शौचालय भी। बच्चों को नियमित स्कूल भेजें और उनको खूब पढ़ाएं।
जिन लाभार्थियों से मुख्यमंत्री ने बात की, उनमें अयोध्या की प्रेमा, आजमगढ़ की सोनी, कुशीनगर की संगीता, जौनपुर की आशा, गोरखपुर के अक्षयबर, रायबरेली की अंशु, सोनभद्र की के बरई, वाराणसी की मीरा, प्रतापगढ़ के त्रिवेनी और मीरजापुर की मुनरीदेवी शामिल रहीं।
--आईएएनएस
कोहिमा, 30 दिसंबर | राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने मंगलवार को नगालैंड में नेशनल सोशलिस्ट काउंसिल ऑफ नगालैंड-इसाक मुइवा (एनएससीएन-आईएम) के पांच कैडरों के खिलाफ एक जबरन वसूली मामले में विशेष अदालत में आरोपपत्र (चार्जशीट) दायर किया। एनआईए के सूत्रों ने कहा कि यह मामला एनएससीएन-आईएम के स्वयंभू कर्नल रायलुंग नसरंगबे और उनकी पत्नी रूथ च्वांग के आवासीय परिसर से अवैध हथियार, गोला-बारूद और विस्फोटक के साथ करीब 1.59 करोड़ रुपये की बरामदगी से संबंधित है।
चार्जशीट में जिन आरोपियों को नामित किया गया है, उनमें स्वयंभू लामसीरालु, झिंगशंगम मुइनाओ और रामिंगल पमे के अलावा स्वयंभू कर्नल रायलुंग नसरंगबे और उनकी पत्नी रूथ च्वांग शामिल हैं।
एनआईए के एक बयान में कहा गया है, "मामले की जांच से एनएससीएन-आईएम की ओर से मणिपुर में सड़क निर्माण परियोजनाओं को अंजाम देने वाली विभिन्न कंपनियों की आपराधिक धमकी से संबंधित एक सुव्यवस्थित जबरन वसूली रैकेट का खुलासा हुआ है।"
एजेंसी ने अपने बयान में यह भी कहा है कि जांच से पता चला है कि एनएससीएन-आईएम ने विभिन्न वित्तीय साधनों और अचल संपत्ति में निवेश के साथ ही आतंकवाद के लिए आय भी अर्जित की है।
भारतीय दंड संहिता के विभिन्न धाराओं के साथ ही विस्फोटक पदार्थ अधिनियम, शस्त्र अधिनियम, नगालैंड सुरक्षा विनियमन, पासपोर्ट अधिनियम और भारतीय वायरलेस टेलीग्राफी अधिनियम की धारा 120 बी के तहत एनएससीएन (आईएम) के पांच कैडरो के खिलाफ आरोपपत्र दायर किया गया है।
नागा संगठन के प्रमुख समूह - एनएससीएन-आईएम ने अगस्त 1997 में केंद्र सरकार के साथ युद्धविराम समझौता किया था और तब से संगठन शांति वार्ता में लगा शामिल रहा है।
इस संगठन ने 23 साल पहले संघर्ष विराम संधि पर हस्ताक्षर करने के बाद दिल्ली और यहां तक कि भारत के बाहर भी केंद्र सरकार के साथ लगभग 80 दौर की वार्ता की है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार ने 2015 में एनएससीएन-आईएम के साथ एक फ्रेमवर्क समझौते पर हस्ताक्षर किए थे।
--आईएएनएस
अयोध्या, 30 दिसंबर | श्रीराम मंदिर निर्माण के लिए गठित श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के खाते से धोखाधड़ी करते हुए सितंबर में निकाले गए छह लाख रुपये के मामले में अयोध्या पुलिस ने मुंबई निवासी चार बदमाशों को गिरफ्तार किया है।
अयोध्या के डीआईजी दीपक कुमार ने मंगलवार को यह जानकारी दी।
पुलिस के अनुसार, श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के खाते से कुछ लोगों ने क्लोन चेक के माध्यम से दो बार में 2.50 लाख और 3.50 लाख रुपये निकाले थे। ट्रस्टियों के जाली हस्ताक्षरों के साथ यह धोखाधड़ी की गई थी।
2.5 लाख रुपये और 3.5 लाख रुपये के दो क्लोन चेक का उपयोग करके अयोध्या के भारतीय स्टेट बैंक से महाराष्ट्र में पंजाब नेशनल बैंक में राशि हस्तांतरित की गई थी।
लखनऊ में एक एसबीआई क्लियरिंग हाउस में तीसरे क्लोन चेक की जांच के बाद घोटाले का भंडाफोड़ हुआ।
पुलिस ने बताया कि सभी बदमाशों ने साथ मिलकर यह धोखाधड़ी की। आरोपियों ने श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के चेक का क्लोन बनाकर दो बार में मुंबई की बैंक ऑफ बड़ौदा शाखा से छह लाख रुपये निकाले और आपस में बांट लिए। इसके बाद उन्होंने 9.86 लाख रुपये का एक और क्लोन चेक बैंक में डाला, मगर इस बार उनकी मंशा सफल नहीं हो पाई।
धोखाधड़ी का तब पता चला, जब बैंक के एक वरिष्ठ अधिकारी ने अधिक मूल्य का चेक मिलने पर इसकी जांच करनी चाही और उन्होंने ट्रस्ट के सचिव चम्पत राय से संपर्क किया गुजारिश की कि वे यह सत्यापित करें कि उन्होंने उच्च-मूल्य वाले चेक पर हस्ताक्षर किए हैं या नहीं।
राय द्वारा यह पुष्टि किए जाने के तुरंत बाद लेनदेन रोक दिया गया कि उन्होंने इस तरह की कोई मंजूरी नहीं दी थी। इसके बाद खाता सीज कर लिया गया था।
गिरफ्तार किए गए लोगों की पहचान मुंबई निवासी प्रशांत शेट्टी (40) और महाराष्ट्र के ठाणे निवासी तीन व्यक्ति विमल लल्ला (40), शंकर सीताराम गोपाले (54) और संजय तेजराज (35) के रूप में हुई है। हालांकि, इस घोटाले का मास्टरमाइंड अभी भी फरार है, जो बनारस का निवासी है।
अयोध्या डीआईजी ने कहा कि इस धोखाधड़ी में बैंक कर्मचारियों की संलिप्तता से इनकार नहीं किया जा सकता है।
--आईएएनएस
नई दिल्ली, 30 दिसंबर | दिल्ली सरकार के कैबिनेट मंत्री गोपाल राय को आवंटित सभी विभागों की जिम्मेदारी अगले कुछ दिनों के लिए उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया संभालेंगे। गोपाल राय करीब 20 दिन के लिए इलाज कराने मुंबई गए हैं। वर्षो पहले उन्हें रीढ़ की हड्डी में गोली लगी थी, जिस कारण इस समय उनकी रीढ़ में दर्द बढ़ बढ़ गया है। दिल्ली सरकार में श्रममंत्री गोपाल राय के कार्यालय द्वारा दी गई आधिकारिक जानकारी में कहा गया है कि उनकी रीढ़ की हड्डी में आई गंभीर चोट का अभी और उपचार किया जाना है। यही इलाज कराने के लिए वह मुंबई गए हैं। उनकी अनुपस्थिति में उनके सभी विभागों की जिम्मेदारी मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया को दी है।
दिल्ली के पर्यावरण मंत्री गोपाल राय इससे पहले कोरोना वायरस की चपेट में भी आ चुके हैं। कोरोना पॉजिटिव होने के बाद 26 नवंबर को गोपाल राय दिल्ली के मैक्स हॉस्पिटल में भर्ती हुए थे।
दिल्ली सरकार में मंत्री गोपाल राय ने 26 नवंबर को एक ट्वीट के जरिए तब जानकारी साझा करते हुए कहा था, "मुझमें कोरोना वायरस के शुरुआती लक्षण दिखाई दिए थे, जिसके बाद मैंने टेस्ट कराया। मेरी रिपोर्ट पॉजिटिव आई है।"
हालांकि कोरोना वायरस की रिपोर्ट निगेटिव आने के बाद गोपाल राय ने वापस श्रम मंत्रालय समेत अपने अन्य विभागों का कार्य संभाल लिया था। अब एक बार फिर अगले 20 दिनों तक वह अपने विभागों से दूर रहेंगे।
--आईएएनएस
लखनऊ, 30 दिसंबर | मशहूर शायर मुनव्वर राना की बेटी सुमैया राना के समाजवादी पार्टी में शामिल होने को लेकर उत्तर प्रदेश सरकार के अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री मोहसिन रजा ने सवाल उठाए। मंत्री रजा ने मंगलवार को बयान जारी कर कहा कि समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने राष्ट्र विरोधी शायर मुनव्वर राना की बेटी सुमैया राना को अपनी पार्टी में ज्वाइन कराया है, जो चंद दिनों पहले प्रदेश में घूम-घूमकर देश के कानून के खिलाफ लोगों को भड़का रही थीं। सपा अध्यक्ष ने आज फिर से यह बात साबित कर दिया कि जो देश विरोधी गतिविधियों में शामिल रहेगा, वह समाजवादी पार्टी में आ सकता है।
उन्होंने कहा कि तुष्टिकरण की राजनीति के चलते देश तोड़ने वाले और आतंकियों को महिमामंडित करने वाले राष्ट्रविरोधी लोगों को अखिलेश यादव समाजवादी पार्टी में शामिल करते हैं और अपनी पार्टी का सदस्य बनाते हैं।
मंत्री मोहसिन रजा ने कहा, "कुछ ही दिनों पहले शायर मुनव्वर ने कहा था कि यदि आतंकी कत्ल कर रहे हैं तो सही कर रहे हैं, उनका यह अधिकार है। इससे साबित होता है कि जो आतंकियों को महिमामंडित करे, जो देश को तोड़ने की भाषा बोले, जो देश को तोड़ने जैसी गतिविधियों में शामिल रहे, वह समाजवादी पार्टी में आ सकता है। यह है तुष्टिकरण और निजी स्वार्थों की राजनीति, जिसे अखिलेश यादव ने आज अपने मंच से फिर साबित कर दिया, जिसे पूरे देश ने देखा।"
नागरिकता संशोधन कानून के विरोध में लखनऊ के घंटाघर पर
प्रदर्शन में मुख्य भूमिका में रहीं सुमैया राना राज्य की योगी सरकार के खिलाफ लगातार आवाज उठाती रही हैं। उनके खिलाफ पुलिस कार्रवाई भी कर चुकी है। इसी साल नवंबर में उन्हें घर में नजरबंद भी किया गया था।
सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने मंगलवार को सुमैया को पार्टी की सदस्यता दिलाई।
--आईएएनएस
नई दिल्ली, 30 दिसंबर | सिख संगठन अखिल भारतीय शिरोमणि सिंह सभा ने सुप्रीम कोर्ट में सार्वजनिक अवकाश घोषित करने के लिए एक समान और गैर-मनमानी नीति लागू करने की मांग की है। वकील दुर्गा दत्त के माध्यम से दायर याचिका में दलील दी गई है कि दसवें सिख गुरु 'गुरु गोविंद सिंह' की जयंती महत्वपूर्ण है, जो सिख समुदाय के लिए एक धार्मिक प्रतीक है। याचिका में कहा गया है कि अब तक उनकी जयंती के लिए देश भर में सार्वजनिक अवकाश घोषित नहीं किया गया है, जिसका सिख संगठन को गहरा दुख है।
याचिकाकर्ता ने दलील दी है कि दसवें सिख गुरु की जयंती देश भर में 'प्रकाश पर्व' के रूप में मनाई जाती है और इसे सार्वजनिक छुट्टी के साथ संपूर्ण देश में आयोजित किए जाना चाहिए, ताकि लोगों में देशभक्ति, राष्ट्रवाद और भाईचारे की भावना पैदा हो सके।
याचिकाकर्ता ने शीर्ष अदालत से गुहार लगाते हुए कहा है कि गुरु गोविंद सिंह की जयंती पर सार्वजनिक अवकाश की घोषणा के माध्यम से भारत के लोगों के बीच एकता, अखंडता और बंधुत्व की भावना को बढ़ावा मिलेगा और यह चीज आम जनता को देशभक्ति, राष्ट्रवाद और भाईचारे के उच्च आदशरें का पालन करने के लिए प्रेरित करेगी।
दलील में यह भी कहा गया है कि सिख धर्म 2.58 करोड़ लोगों के साथ दुनिया का पांचवा सबसे बड़ा धर्म है।
याचिकाकर्ता ने कहा कि गुरु गोविंद सिंह अन्याय के खिलाफ खड़े रहे और उनकी शिक्षाएं आने वाले समय में भी प्रासंगिक रहेंगी। याचिकाकर्ता ने कार्मिक, लोक शिकायत और पेंशन मंत्रालय की आकस्मिक प्रतिक्रिया का हवाला देते हुए कहा कि फिलहाल प्रकाश पर्व को राजपत्रित सार्वजनिक अवकाश घोषित करने का कोई प्रस्ताव नहीं है।
संगठन ने केंद्र के साथ-साथ सभी राज्य सरकारों और केंद्र शासित प्रदेशों को भी पक्षकार (पार्टी) बनाया है।
--आईएएनएस
नई दिल्ली, 29 दिसंबर | भारतीय वायु सेना के प्रमुख आर. के. भदौरिया ने मंगलवार को कहा कि पाकिस्तान चीनी नीति में मोहरा बन रहा है और अमेरिकी सेनाओं के बाहर निकलने के बाद बीजिंग अफगानिस्तान में प्रवेश करने के लिए इसका इस्तेमाल कर सकता है। एक वेबिनार के दौरान लद्दाख में चीन की आक्रामकता के पीछे के उद्देश्यों को समझाते हुए एयर चीफ मार्शल भदौरिया ने कहा, चीन की नीति में पाकिस्तान तेजी से मोहरा बन गया है। सीपीईसी (चाइना पाकिस्तान इकोनॉमिक कॉरिडोर) से जुड़े कर्ज की वजह से आने वाले वक्त में उसकी सैन्य निर्भरता चीन पर और ज्यादा बढ़ जाएगी।
वहीं अफगानिस्तान से अमेरिकी फौजों के जाने के बाद इस क्षेत्र में चीन के लिए पाकिस्तान के रास्ते के अलावा सीधे तौर पर भी दखल देने का रास्ता खुल गया है। इस सबके जरिए चीन अपने प्रभाव को बढ़ाना चाह रहा है।
इस साल लद्दाख में चीनी आक्रामकता पर, उन्होंने कहा कि चीन इस क्षेत्र पर हावी होने की कोशिश कर रहा है।
भारत और चीन के बीच लद्दाख में नौ महीने से गतिरोध बना हुआ है।
भदौरिया ने कहा कि चीन ने अपनी सेना भारी संख्या में एलएसी पर तैनात की है। उनके पास रडार, सतह से हवा में मिसाइल और सतह से हवा में वार करने वाली मिसाइल बड़ी संख्या में हैं। उनकी तैनाती मजबूत रही है तो हमने सभी आवश्यक कदम उठाए हैं। साथ ही उन्होंने कहा कि वैश्विक मोर्चे पर भारत और चीन के बीच संघर्ष किसी भी ²ष्टिकोण से अच्छा नहीं है।
वायुसेना प्रमुख भदौरिया ने चीन के तौर-तरीकों पर सवाल उठाते हुए कहा है कि वैश्विक मोर्चे पर अनिश्चितताओं ने भी चीन को अपनी बढ़ती शक्ति का प्रदर्शन करने का मौका दिया है।
उन्होंने यह भी कहा कि यदि कोई स्थिति उत्पन्न होती है तो भारत को किसी भी दुस्साहस का मुकाबला करने के लिए प्रभावी क्षमता बनाए रखने की आवश्यकता है।
उन्होंने कहा, हमारी पश्चिमी सीमा पाकिस्तान की स्थापना के बाद से सक्रिय है और अब नए मोर्चे एवं क्षेत्र भी सक्रिय हैं। (आईएएनएस)
नई दिल्ली, 29 दिसंबर | केंद्र सरकार ने मंगलवार को भारत में वाहनों के लिए फ्रंट साइड एयरबैग अनिवार्य करने पर जनता की प्रतिक्रिया मांगी। सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय द्वारा जारी एक प्रस्ताव में भारत में सभी नए और मौजूदा वाहनों में फ्रंट साइड एयरबैग को अनिवार्य बनाने के लिए कहा गया है।
मंत्रालय ने एक बयान में कहा, "कार्यान्वयन के लिए प्रस्तावित समयसीमा नए मॉडल के लिए 1 अप्रैल 2021 और मौजूदा मॉडलों के लिए 1 जून 2021 है।"
बयान में कहा, "इसे ड्राफ्ट अधिसूचना सं. जीएसआर 797 (ई) दिनांक 28 दिसंबर 2020 को मंत्रालय की वेबसाइट पर प्रकाशित किया गया है।" (आईएएनएस)
पणजी, 29 दिसंबर | गोवा सरकार राज्य में चिकित्सा उद्देश्यों के लिए कानूनी तौर पर भांग (कैनबिस) की खेती को अनुमति देने के प्रस्ताव पर विचार कर रही है। कानून मंत्री निलेश कैबरल ने मंगलवार को यह जानकारी दी। कैबरल ने कहा कि प्रस्ताव को स्वास्थ्य विभाग ने स्थानांतरित कर दिया है। उन्होंने कहा कि गोवा में शराब की बिक्री के समान अन्य राज्यों में भांग कानूनी रूप से बेची जा रही है।
उन्होंने कहा, "फाइल कानून विभाग से हमारे पास आई थी। हम इसे केवल कानूनी नजरिए से देख रहे हैं।"
प्रस्ताव के अनुसार, औषधीय उद्देश्य के लिए भांग, जिसे मारिजुआना के तौर पर भी जाना जाता है, उसकी नियंत्रित खेती की अनुमति देने की संभावना है, ताकि दवा कंपनियों को प्राकृतिक दवा बेची जा सके।
कानून मंत्री ने कहा कि प्रस्ताव के बारे में विवादास्पद कुछ भी नहीं है। उन्होंने दावा किया कि 1985 में नार्कोटिक्स ड्रग्स एंड साइकोट्रोपिक सब्सटेंस (एनडीपीएस) अधिनियम लागू होने से पहले, गोवा में चरस (हैश) और गांजा (मारिजुआना) कानूनी रूप से उपलब्ध थे।
मंत्री ने कहा, "संयुक्त राज्य अमेरिका सरकार की लॉबिंग के कारण एनडीपीएस अधिनियम भारत में पेश किया गया था, जिसके बाद दवा क्षेत्र की ओर से दबाव डाला जा रहा है।"
उन्होंने कहा कि जिस तरह से शराब की बिक्री होती है, वैसी ही भांग भारत में कुछ राज्यों में लाइसेंस प्राप्त दुकानों में बेचा जा रहा है।
गोवा में विपक्ष इस मुद्दे पर सत्तारूढ़ पार्टी पर निशाना साध रहा है। गोवा फॉरवर्ड पार्टी ने कहा कि यह कदम राज्य, विशेषकर युवाओं के हित में नहीं है।
गोवा फॉरवर्ड के प्रमुख और पूर्व उपमुख्यमंत्री विजई सरदेसाई ने सवाल दागते हुए कहा, "इससे गोवा के युवाओं को क्या फायदा होगा? क्या यह उनके भविष्य के लिए जरूरी है?" (आईएएनएस)
अमरावती, 29 दिसंबर | आंध्र प्रदेश के राजामुंदरी में ब्रिटेन से लौटी एक महिला को कोरोनावायरस की नई किस्म से संक्रमित पाया गया। एक वरिष्ठ अधिकारी ने यह जानकारी मंगलवार को दी। हालांकि, महिला के साथ लौटे बेटे को कोरोना टेस्ट में निगेटिव पाया गया है।
आंध्र के स्वास्थ्य और परिवार कल्याण आयुक्त कटामनेनी भास्कर ने बताया कि राज्य में ब्रिटेन में पाए कोरोनावायरस के नए प्रकार के अभी कोई सबूत नहीं मिले हैं।
उन्होंने जनता से घबराने और अफवाहों पर विश्वास न करने की अपील की, क्योंकि सरकार द्वारा स्थिति की लगातार निगरानी की जा रही है।
अधिकारी ने कहा कि ब्रिटेन से आंध्र प्रदेश लौटे 1,423 में से 1,406 लोगों का पता लगाया जा चुका है, जबकि 17 लोगों की तलाश जारी है।
उन्होंने कहा, "सभी 1,406 व्यक्तियों का आरटी-पीसीआर टेस्ट कराया गया, जिसमें से 12 लोग कोरोना पॉजिटिव पाए गए हैं। सभी व्यक्तियों के 6,364 प्राथमिक संपर्को का भी टेस्ट कराया, जिसमें से 12 लोग कोरोना पॉजिटिव पाए गए हैं।
कुल मिलाकर कोरोनावायरस से 24 लोग पॉजिटिव पाए गए हैं, सभी के सैंपलों को सेंटर फॉर सेल्युलर एंड मॉलिक्यूलर बायोलॉजी (सीसीएमबी), हैदराबाद में जीनोम अनुक्रमण के लिए भेजा गया। राजामुंदरी से संबंध रखने वाली महिला में कोरोना के नया प्रकार पाया गया। अधिकारी ने कहा कि शेष 23 सैंपलों की अभी रिपोर्ट आना बाकी है। (आईएएनएस)
चंडीगढ़, 29 दिसंबर | हरियाणा पुलिस ने मंगलवार को कहा कि इस साल लापता हुए 1,716 बच्चों का पता लगाया गया है और उन्हें उनके परिवारों को सौंप दिया गया। खोजे गए बच्चों में 771 लड़के और 945 लड़कियां थीं। आधिकारिक बयान में कहा गया है कि उनमें से कुछ लंबे समय से लापता थे।
पुलिस ने इस साल 1,189 बाल भिखारियों और 1,941 बाल श्रमिकों को भी बचाया है।
पुलिस महानिदेशक मनोज यादव ने कहा कि कानून-व्यवस्था बनाए रखने और अपराध पर अंकुश लगाने के अलावा, अधिकारियों और पुलिसकर्मियों ने लापता बच्चों को ट्रेस करने और फिर से उनके परिवार से मिलाने को प्राथमिकता दी।
उन्होंने कहा कि अपराध शाखा की विशेष मानव-तस्करी रोधी इकाई ने 283 बच्चों का पता लगाया। (आईएएनएस)