राष्ट्रीय
जम्मू, 11 जनवरी | जम्मू से करीब 150 किलोमीटर की दूरी पर स्थित रामबन में एक क्षतिग्रस्त पुल के चलते जम्मू-श्रीनगर नेशनल हाईवे को अभी भी बंद रखा गया है। अधिकारियों ने इसकी सूचना दी है। ट्रैफिक पुलिस ने इस पर कहा है, "राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण ने बताया है कि पुल की मरम्मत में कम से कम पांच दिन लगेंगे। हालांकि, जम्मू-डोडा-किश्तवार, जम्मू-रामबन, मगरकोट-बनिहाल और बनिहाल-काजीगुंड यातायात के लिए खुले हैं। यात्रियों से अनुरोध है कि वे इसी हिसाब से अपनी यात्रा करें।"
जम्मू-श्रीनगर राजमार्ग, कश्मीर घाटी को देश के बाकी हिस्सों से जोड़ने वाला मुख्य सड़क मार्ग है। भारी बर्फबारी, भूस्खलन के चलते एक हफ्ते तक बंद रहने के बाद 3 जनवरी को इसे एक तरफा यातायात के लिए खोल दिया गया।
कश्मीर घाटी को जम्मू से जोड़ने वाली एक दूसरी सड़क मुगल रोड को भी यहां बर्फ जमा होने के चलते बंद रखा गया है। (आईएएनएस)
नई दिल्ली, 11 जनवरी | कांग्रेस ने हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर के इस्तीफे की मांग की है। कांग्रेस ने रविवार को प्रदेश के करनाल जिले में कृषि कानूनों के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे किसानों के खिलाफ पुलिस के इस्तेमाल का विरोध किया और मुख्यमंत्री से इस्तीफे की मांग की। कांग्रेस की राज्य प्रमुख कुमारी शैलजा ने यहां एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा, "मुख्यमंत्री को इस्तीफा दे देना चाहिए, क्योंकि उन्होंने लोगों, विशेष रूप से किसानों का विश्वास खो दिया है।"
कांग्रेस की वरिष्ठ नेता ने कहा कि यह पहली बार नहीं है, जब हरियाणा पुलिस ने किसानों के खिलाफ बल प्रयोग किया है।
खट्टर के गृह जिले करनाल में रविवार को किसान महापंचायत में खट्टर के आगमन से ठीक पहले सैकड़ों प्रदर्शनकारी किसानों ने जमकर विरोध जताया, जिस कारण मजबूरन कार्यक्रम को रद्द करना पड़ा।
पुलिस ने स्थिति पर काबू पाने के लिए आंसूगैस के गोले दागे और ठंड में जलतोप से पानी की बौछार की।
जैसे ही किसानों ने कार्यक्रम स्थल में प्रवेश किया, उन्होंने सुरक्षा उद्देश्यों के लिए मंच के सामने लगाए गए बांस के बाड़े को तोड़ दिया और मेजों और कुर्सियों को क्षतिग्रस्त कर दिया। उन्होंने कार्यक्रम स्थल पर लगाए गए बैनर भी फाड़ दिए।
किसान महापंचायत स्थल पर, जब प्रदर्शनकारियों ने आयोजन स्थल पर तोड़फोड़ की उस समय बड़ी संख्या में प्रशासनिक अधिकारियों और कैबिनेट मंत्रियों के अलावा 2,000 से ज्यादा किसान मौजूद थे।
कार्यक्रम स्थल पर अराजकता फैलने के बाद पुलिस ने मंत्रियों को वहां से सुरक्षित निकाला।(आईएएनएस)
नई दिल्ली, 11 जनवरी | केंद्रीय मत्स्य, पशुपालन और डेयरी मंत्रालय ने सोमवार को जानकारी दी कि देश के 10 राज्यों में एवियन इन्फ्लुएंजा यानी बर्ड फ्लू की पुष्टि हो चुकी है। देश के विभिन्न हिस्सों में पक्षियों के मरने की ताजा खबरों के बीच केंद्र सरकार ने इस संबंध में जानकारी दी है। राजस्थान के टोंक, करौली और भीलवाड़ा जिलों में कौवे और अन्य पक्षियों की मौत की पुष्टि हो चुकी है। इसके अलावा गुजरात के वलसाड, वड़ोदरा और सूरत जिलों में भी पक्षियों की मौत की पुष्टि की गई है।
वहीं उत्तराखंड के कोटद्वार और देहरादून जिलों में कौवों की मौत की पुष्टि की गई है। महाराष्ट्र और दिल्ली समेत 10 राज्यों में बर्ड फ्लू की पुष्टि हुई है। मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि नई दिल्ली और संजय झील क्षेत्रों में दिल्ली में कौवे और बतखों की मौत हुई है।
इसके अलावा महाराष्ट्र के परभानी जिले में और मुंबई, ठाणे, दापोली और बीड में भी एवियन इन्फ्लुएंजा के प्रकोप की पुष्टि हुई है।
राज्यों से लोगों में जागरूकता पैदा करने और गलत सूचना के प्रसार से बचने का अनुरोध किया गया है। इसके साथ ही राज्यों व केंद्रशासित प्रदेशों से अनुरोध किया गया है कि वे जल निकायों, लाइव बर्ड मार्केट्स, चिड़ियाघरों, पोल्ट्री फार्मों आदि के आसपास निगरानी बढ़ाने के साथ-साथ शवों के उचित निपटान और पोल्ट्री फार्मो में जैव-सुरक्षा को मजबूत करें।
इसके अलावा राज्यों से कहा गया है कि वे पर्याप्त संचालन के लिए पीपीई किट और सहायक उपकरण का पर्याप्त स्टॉक बनाए रखें। राज्य के पशुपालन विभागों से कहा गया है कि वे रोग की स्थिति के बारे में सतर्कता के लिए स्वास्थ्य अधिकारियों के साथ प्रभावी संचार और समन्वय सुनिश्चित करें और नागरिकों में बीमारी पहुंचने जैसी किसी भी संभावना से पार पाया जाए।(आईएएनएस)
कोलकाता, 11 जनवरी | प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने सोमवार को सार्वजनिक क्षेत्र की कोयला कंपनी ईस्टर्न कोलफील्ड्स लिमिटेड (ईसीएल) से अवैध कोयला खनन और चोरी के संबंध में पश्चिम बंगाल के 12 अलग-अलग स्थानों पर व्यापक छापेमारी की। सूत्रों के अनुसार, प्रवर्तन निदेशालय के अधिकारियों की एक बड़ी टीम ने व्यवसायी गणेश बागड़िया और संजय सिंह के कार्यालयों और आवास पर तलाशी अभियान चलाया।
कोलकाता के लेक टाउन एरिया, गरिया, हुगली जिले के कोननगर के कानीपुर और उत्तरी 24 परगना जिले में कोयले के अवैध कारोबार के सिलसिले में सोमवार सुबह से ही छापेमारी की जा रही है।
माना जा रहा है कि बागडिया और सिंह दोनों अवैध कोयला रैकेट का कथित प्रमुख साजिशकर्ता (किंगपिन) अनूप माझी उर्फ लाला के संपर्क में रहे हैं, जो कथित तौर पर विनय मिश्रा के साथ मिलकर सिंडिकेट चला रहा था।
इससे पहले, पिछले साल 28 नवंबर को केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) की भ्रष्टाचार-रोधी शाखा ने पश्चिम बंगाल, बिहार, झारखंड और उत्तर प्रदेश में कोयला तस्करी के रैकेट के संबंध में 45 विभिन्न स्थानों पर छापे मारे थे।
सूत्रों के अनुसार, केंद्रीय जांच एजेंसी ने बर्दवान जिले के आसनसोल, दुगार्पुर और रानीगंज में माझी के कार्यालयों और घरों पर छापे मारे थे।
अधिकारियों ने माझी के सहयोगियों के कुछ घरों में भी तलाशी अभियान चलाया था। माझी अवैध कोयला संचालन का कथित किंगपिन है।(आईएएनएस)
नई दिल्ली, 11 जनवरी | प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को देशभर के सभी मुख्यमंत्रियों को संबोधित करते हुए कहा कि कोरोना वैक्सीन को लेकर अफवाह न फैलने दें। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आशंका जताई कि देश और दुनिया के शरारती तत्व भारत में चलने जा रहे इस बड़े टीकाकरण अभियान में अफवाहों के जरिए रुकावट डालने की कोशिश कर सकते हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से आयोजित बैठक में मुख्यमंत्रियों से कहा, "ये हम सभी के लिए गौरव की बात है कि जिन दो वैक्सीन को इमरजेंसी यूज का ऑथराइजेशन दिया गया है, वो दोनों ही मेड इन इंडिया हैं। राज्य और केंद्र शासित प्रदेश को ये सुनिश्चित करना होगा कि अफवाहों, वैक्सीन से जुड़े अप्रचार को कोई हवा न मिले।"
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, "देश और दुनिया के अनेक शरारती तत्व हमारे अभियान में रुकावटें डालने की कोशिश कर सकते हैं। ऐसी हर कोशिश को, देश के हर नागरिक तक सही जानकारी पहुंचाकर हमें नाकाम करना है।"
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि भारत को टीकाकरण का जो अनुभव है, जो दूर-सुदूर क्षेत्रों तक पहुंचने की व्यवस्थाएं हैं वो कोरोना टीकाकरण में बहुत काम आने वाली हैं। इस टीकाकरण अभियान में सबसे अहम उनकी पहचान और मॉनीटरिंग का है, जिनको टीका लगाना है। इसके लिए आधुनिक टेक्नोलॉजी का उपयोग करते हुए को-विन नाम का एक डिजिटल प्लेटफॉर्म भी बनाया गया है।
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, "दुनिया के 50 देशों में तीन-चार सप्ताह से वैक्सीनेशन का काम चल रहा है, लेकिन अब भी करीब-करीब 2.5 करोड़ वैक्सीन हो पाई हैं। अब भारत में हमे अगले कुछ महीनों में लगभग 30 करोड़ आबादी के टीकाकरण का लक्ष्य हासिल करना है।" (आईएएनएस)
पटना, 11 जनवरी| बिहार के गोपालगंज जिले में एक शराब के अवैध तस्कर ने आबकारी अधिकारियों को यह कहकर धोखा देना चाहा कि उसके घर में पाए गए बिल चूहों ने खोदे हैं। लेकिन वे अधिकारियों को समझाने में नाकाम रहा, जिन्होंने वहां से आईएमएलएफ की 50 बोतलें जब्त की थीं। गोपालगंज के आबकारी अधीक्षक राकेश कुमार ने कहा कि विभाग को एक विशेष गुप्त सूचना मिली थी कि बिहार-उत्तर प्रदेश सीमा पर स्थित मंझगढ़ शेख टोली गांव में आरोपी मनोज कुमार के घर में अवैध शराब के कारोबार संचालन हो रहा है।
राकेश ने कहा, "आबकारी और पुलिस अधिकारियों की एक संयुक्त टीम ने रविवार शाम को मनोज के घर पर छापा मारा। लेकिन उन्हें तलाशी के दौरान शराब की एक भी बोतल नहीं मिली। हालांकि, एक सतर्क अधिकारी ने परिसर के भीतर मिट्टी के फर्श में एक छोटा सा छेद देखा। इसके बारे में जब मनोज से पूछा गया तो उसने कहा कि ये महज एक चूहे का बिल है।"
अधिकारी ने कहा, "हमारी टीम उसका असंतुष्ट जवाब पाकर चूहे के बिल को खोदने लगी। बिल के पास से मिट्टी और ईंटों को हटाए जाने के बाद, हमें शराब की बोतलों का एक ढेर मिला। आरोपी मनोज ने शराब को छिपाने के लिए फर्श के भीतर एक होल बनाया था।
उन्होंने कहा, "हमने 375 एमएल के 28 प्वाइंट और 180 एमएल की 23 निप्स बरामद की। आरोपी को शराब निषेध अधिनियम के तहत गिरफ्तार कर लिया गया और उसके सहयोगियों को गिरफ्तार करने के लिए आगे की जांच चल रही है।
मनोज ने कबूल किया कि उसने उत्तर प्रदेश के आसपास के जिलों से शराब की तस्करी की थी।
बिहार में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार द्वारा लगभग पांच साल पहले शराब की बिक्री और खपत पर प्रतिबंध लगा दिया गया था, लेकिन बिहार में इसकी तस्करी और बिक्री जारी है। (आईएएनएस)
नई दिल्ली, 11 जनवरी | प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को जोर देकर कहा कि भारत कोविड-19 के खिलाफ निर्णायक लड़ाई में उतर रहा है, क्योंकि देश 16 जनवरी से मेड इन इंडिया टीकाकरण अभियान की तैयारी कर रहा है। कोविड वैक्सीन रोल-आउट पर मुख्यमंत्रियों के साथ हुई बैठक के दौरान टिप्पणी करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि जन प्रतिनिधि प्राथमिकता सूची में नहीं हैं और पहले दौर के टीके फ्रंटलाइन कार्यकर्ताओं को दिए जाएंगे। उन्होंने यह भी कहा कि राज्य सरकारों को कोविड टीकों के पहले दौर के लिए भुगतान नहीं करना होगा, क्योंकि केंद्र इसकी लागत वहन करेगा।
मोदी ने कहा, "हमें जन जागरूकता पैदा करना जारी रखना है, लेकिन दूसरे और तीसरे राउंड के बाद अधिकतम जागरूकता की जरूरत होगी, जब हम तीन करोड़ टीकाकरण कर चुके होंगे।"
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, "जनप्रतिनिधि प्राथमिकता सूची में नहीं हैं। केवल फ्रंटलाइन और हेल्थकेयर कार्यकर्ता इस सूची में हैं। कोरोनावायरस के खिलाफ लड़ाई भारत के संघवाद का उदाहरण है।"
उन्होंने कहा कि भारत कोविड-19 के खिलाफ एक निर्णायक लड़ाई में प्रवेश कर रहा है। मोदी ने कहा कि हम 16 जनवरी से टीकाकरण अभियान शुरू करने जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि यह हमारे लिए गर्व की बात है कि जिन दो वैक्सीन को इमरजेंसी यूज ऑथराइजेशन दिया गया है वह दोनों ही मेड इन इंडिया हैं।
मोदी ने कहा कि दोनों भारतीय टीके दुनिया के किसी भी अन्य टीके की तुलना में अधिक प्रभावी मूल्य (कास्ट इफेक्टिव) हैं।
मोदी ने कहा, "पहले से ही स्वीकृत टीकों के अलावा, चार अन्य भी पाइपलाइन में हैं। यह भविष्य के लिए बेहतर तरीके से योजना बनाने में हमारी मदद करेगा। हमारे विशेषज्ञों ने देशवासियों को प्रभावी वैक्सीन उपलब्ध कराने के लिए सभी सावधानियां बरती हैं।"
मोदी ने कहा कि ये टीके देश की स्थिति को ध्यान में रखते हुए बनाए गए हैं। मोदी ने कहा, "दूसरे चरण में 50 वर्ष से अधिक उम्र के लोगों को टीका लगाया जाएगा।" (आईएएनएस)
-अभिषेक पांडे
धमतरी. प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के आत्मनिर्भर भारत के सपने को एक 11 साल का बच्चा साकार करता नजर आ रहा है. छत्तीसगढ़ के धमतरी के मकई तालाब के पास स्लम एरिया में रहने वाले 11 साल के बच्चे ने इतनी कम उम्र में ही अपनी बैंड पार्टी बना ली है. बच्चे ने उम्र में अपने बराबर के दोस्तों को गाना-बजाना सिखाया. इसके बाद अब ग्रुप को शादी, पार्टी समेत अन्य मांगलिक कार्यक्रमों में परफॉर्म करने का ऑर्डर मिल रहा है. इससे बच्चों की इस बैंड पार्टी की कमाई भी हो रही है. इससे उनके स्कूल की फीस व अन्य खर्चे आसानी से वहन हो जाते हैं. बच्चों की इस बैंड पार्टी की चर्चा आस पास के गांवों में भी हो रही है.
धमतरी के मकई तालाब के किनारे बसे हुए स्लम बस्ती में रहने वाला राजू अन्य बच्चों से एकदम अलग है. कक्षा 6वीं में पढ़ने वाला राजू एक बैंड ग्रुप का लीडर है. इस हाफ टिकट उम्र वाले ग्रुप में एक लड़का तो दूसरी कक्षा पढ़ता है. मतलब सिर्फ 6 बरस का है. इस ग्रुप में कुल 9 बच्चे हैं, और सभी ढोल या बाजा बजाना जानते हैं. ग्रुप लीडर राजू ने खुद किसी तरह पैसे जमा करके बाजा वगैरह खरीदा. खुद से बजाना भी सिख गया. इसके बाद अपने पड़ोस के दोस्तों को इकट्ठा कर उन्हें भी बजाना सिखाया और 9 लोगों की एक टीम खड़ी कर दी.
शादी-पार्टी से हो रही कमाई
ग्रुप लीडर राजू का कहना है कि उसकी टीम स्थानीय शादियों, सगाई, जन्मदिन जैसे छोटे छोटे आयोजन में अपना परफॉर्मेंस देती है, जिससे इन्हें प्रति ऑर्डर 1200 रुपये तक कि कमाई होती है. इसके साथ ही बच्चों में म्यूजिक स्किल भी डेवलप हो रहा है. राजू का कहना है कि वो बड़ा होकर एक धूमाल पार्टी खड़ा करेगा. इसके लिए परिवार के लोगों का भी समर्थन उसे मिल रहा है.
भारत में 16 जनवरी से कोरोना के खिलाफ टीकाकरण कार्यक्रम शुरू होने जा रहा है. कोविड-19 के पहले चरण में कुछ खास लोगों को प्राथमिकता दी जा रही है. आम जनता में वैक्सीन कार्यक्रम को लेकर काफी उत्सुकता दिख रही है.
डॉयचे वैले पर आमिर अंसारी का लिखा-
केंद्र सरकार के मुताबिक कोरोना वायरस के खिलाफ वैक्सीन के लिए प्राथमिकता वाले समूहों में संक्रमित होने या मृत्यु का खतरा ज्यादा होने वाले लोग, स्वास्थ्यकर्मी, अंग्रिम पंक्ति के कर्मचारी, 50 वर्ष के ऊपर के उम्र वाले लोग और पहले से बीमार व्यक्ति शामिल हैं. भारत जैसे देश में जहां आबादी 1.3 अरब के करीब है, वहां वैक्सीन कार्यक्रम चलाना कोई आसान काम नहीं है. इसीलिए सरकार ने इसे चरणबद्ध तरीके से शुरू करने का फैसला लिया है. सरकार टीका कार्यक्रम से जुड़ी जानकारी राज्यों और स्वास्थ्य सेवाओं से जुड़े लोगों के साथ बांट भी रही है ताकि लोगों तक जानकारी का अभाव ना हो. यहीं नहीं सरकार टीके को लेकर कोई भी गलत जानकारी लोगों तक ना पहुंचे और अफवाह से बचाने के लिए उचित समय पर सोशल मीडिया के सहारे सूचना दे रही है. केंद्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय के मुताबिक कोविड-19 वैक्सीन सुरक्षित और प्रभावी है और यह चरणबद्ध तरीके से उपलब्ध होगी. उसका कहना है कि कोविड-19 वैक्सीन के साथ-साथ कोरोना अनुरूप व्यवहार भी कोविड-19 संक्रमण से बचाने के लिए जरूरी है. कोविड-19 वैक्सीन के लाभार्थियों का पहले से रजिस्टर्ड होना जरूरी है. सरकार के मुताबिक वैक्सीन उनको नहीं दी जाएगी जो पंजीकृत नहीं है.
कोविड-19 वैक्सीन के लिए कैसे कराएं रजिस्ट्रेशन?
दुनिया के सबसे बड़े टीकाकरण अभियान के लिए एक पुख्ता आधार और सहायक व्यवस्था देने के लिए सरकार ने एक मजबूत प्रौद्योगिकी विकसित की है. बीते दिनों केंद्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय ने टीकाकरण के मुख्य आधार कोविन सॉफ्टवेयर पर चर्चा के लिए एक अहम बैठक भी की थी. सरकार ने दो वैक्सीन को आपात इस्तेमाल की मंजूरी दी है. जिनमें सीरम इंस्टीट्यूट की वैक्सीन कोविशील्ड और भारत बायोटेक की कोवैक्सीन शामिल हैं. देश में आपात मंजूरी मिलने के साथ ही लोगों में कोरोना के खिलाफ टीके को लगवाने की उत्सुकता भी बढ़ गई है. कोविड-19 से मुकाबला करने के लिए प्रौद्योगिकी और डाटा प्रबंधन पर गठित अधिकार प्राप्त समूह के अध्यक्ष और कोविड-19 के टीकाकरण प्रशासन पर राष्ट्रीय विशेषज्ञ समूह के सदस्य राम सेवक शर्मा के मुताबिक एक सक्षम, विश्वसनीय और त्वरित तकनीक से देश के कोविड-19 टीकाकरण के लिए आधार और बैकअप दोनों तैयार होगा, जो दुनिया का सबसे बड़ा टीकाकरण कार्यक्रम होगा. उनके मुताबिक टीकाकरण संबंधी डाटा रियल टाइम हासिल करना अहम है और कोविन ऐप से इसमें खास तौर पर मदद मिलेगी. इससे लाभार्थियों को आसानी से पहचाना जाएगा.
अनुमान के मुताबिक स्वास्थ्य कर्मचारियों और अंग्रिम पंक्ति के कर्मचारियों जिन्हें टीका लगाया जाएगा उनकी संख्या करीब तीन करोड़ है. हालांकि कोविड-19 वैक्सीन की शुरूआत के लिए कोविन डिजिटल मंच होगा लेकिन कुछ मीडिया रिपोर्ट में कहा जा रहा है कि गूगल प्ले या एप्पल स्टोर से किसी भी तरह का ऐप नहीं डाउनलोड करना चाहिए क्योंकि आधिकारिक ऐप अभी रिलीज नहीं हुआ है. रिपोर्टों के मुताबिक ऐसे किसी ऐप पर अपनी निजी जानकारी नहीं डालनी चाहिए जो कि सरकार द्वारा अधिकृत नहीं है. कोविन ऐप अभी प्री-प्रोडक्ट चरण में है. इसमें स्वास्थ्य अधिकारियों का डाटा है जो टीकाकरण कराने के लिए पहली कतार में होंगे.
आम लोगों को क्या करना होगा?
वर्तमान में आम लोग कोरोना वायरस महामारी के लिए शुरू हो रही वैक्सीन के लिए पंजीकरण नहीं करा सकते हैं क्योंकि फिलहाल इस तक पहुंच अधिकारियों के पास ही है. एक बार जब ऐप लाइव हो जाएगा और प्ले स्टोर पर उपलब्ध होगा तो इसके चार मॉड्यूल होंगे-यूजर एडमिनिस्ट्रेटर मॉड्यूल, लाभार्थी पंजीकरण, टीकाकरण-स्वीकृति और स्टेटस अपडेशन. एक बार लाइव होने के बाद कोविन ऐप या वेबसाइट पर रजिस्ट्रेशन के विकल्प मिलेंगे जिसमें सेल्फ रजिस्ट्रेशन, इंडीविजुअल रजिस्ट्रेशन और बल्क अपलोड शामिल होगा.
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक ऐप लाइव होने पर लोगों को इसमें पंजीकरण कराने के लिए फोटो पहचान पत्र अपलोड करना होगा. जरूरी दस्तावेजों में आधार, ड्राइविंग लाइसेंस, मतदाता पहचान पत्र, पैन कार्ड, पासपोर्ट या जॉब कार्ड मान्य होंगे. आम लोगों को वैक्सीन के लिए कितनी कीमत चुकानी होगी इसकी अभी जानकारी नहीं दी गई है.
अमरावती, 11 जनवरी | युवजन श्रमिक रायथू कांग्रेस पार्टी (वाईएसआरसीपी) ने सोमवार को आगामी विधान परिषद का चुनाव लड़ने के लिए पोथुला सुनीता को अपना उम्मीदवार चुना है। इस दिन जारी एक बयान में कहा गया, "एमएलसी चुनाव के लिए हाल ही में जारी की गई अधिसूचना के लिए सुनीता वाईएसआरसीपी की उम्मीदवार हैं।"
वाईएसआरसीपी पार्टी के प्रमुख और मुख्यमंत्री वाई.एस. जगन मोहन रेड्डी संग सुनीता ने हाल ही में उनके निवास पर मुलाकात की, जहां उन्होंने उनसे फॉर्म बी प्राप्त किया।
उन्होंने मंत्री बालिनेनी श्रीनिवास रेड्डी, सांसद वेमिरेड्डी प्रभाकर रेड्डी और पोथुला सुरेश की उपस्थिति में सत्ताधारी पार्टी के उम्मीदवार के रूप में उनका चयन करने के लिए जगन मोहन का शुक्रिया अदा किया।
सुनीता के इस्तीफे के चलते आंध्र प्रदेश विधान परिषद में आकस्मिक रिक्ति के लिए उप-चुनाव की तारीख 28 जनवरी को निर्धारित की गई है। सुनीता ने 1 नवंबर, 2020 को इस्तीफा दे दिया था, जबकि उनका कार्यकाल 3 मार्च, 2023 तक था।
तेलुगू देशम पार्टी की एमएलसी थीं, जिन्होंने राज्य के विकास को नुकसान पहुंचाने वाली अपनी पार्टी की कथित गतिविधियों के विरोध में इस्तीफा दे दिया और बाद में सत्ताधारी वाईएसआरसीपी को अपना समर्थन दिया। (आईएएनएस)
पटना, 11 जनवरी | बिहार में विपक्षी दलों का महागबंधन राज्य में 30 जनवरी को मानव श्रृंखला बनाने की तैयारी में है। कृषि कानूनों के विरोध में महागठबंधन में शामिल राष्ट्रीय जनता दल (राजद), कांग्रेस और वाममपंथी दल के नेता इस मानव श्रृंखला में शामिल होंगे। राजद के नेता भाई वीरेंद्र ने सोमवार को कहा कि मानव श्रृंखला को लेकर राजद ने तैयारी प्रारंभ कर दी है। इसके लिए प्रखंड और पंचायत स्तर तक के कार्यकर्ताओं को निर्देश दिया गया है।
राजद के नेता और पूर्व उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने रविवार को महागठबंधन के नेताओं की बैठक के बाद कहा था कि हम लोगों ने 30 जनवरी को मानव श्रृंखला बनाने का निर्णय लिया है। यह श्रृंखला पंचायत स्तर तक बनेगी। उन्होंने कहा कि राज्य के गांवों में रहने वाले छात्र, किसान बेरोजगार हैं। युवा डिग्री लेकर रोजगार की तलाश में भटक रहे हैं।
इधर, भाकपा माले ने भी पूर्व निर्धारित 25 जनवरी की जगह अब 30 जनवरी को मानव श्रृंखला में शामिल होने की घोषणा की है।
पटना में सोमवार को भाकपा माले और अखिल भारतीय किसान महासभा के नेताओं ने कहा कि, "किसान विरोधी तीनों कृषि कानूनों को रद्द करने, न्यूनतम समर्थन मूल्य पर धान खरीद की गारंटी करने, धान खरीद की सीमा समाप्त करने, बिहार में मंडियों को फिर से बहाल करने सहित कई मांगों पर अब 25 जनवरी की बजाए महात्मा गांधी के शहादत दिवस यानी 30 जनवरी को महागठबंधन के आह्वान पर पूरे बिहार में मानव श्रृंखला का आयोजन होगा।"
संवाददाता सम्मेलन में भाकपा माले के राज्य सचिव कुणाल, पोलित ब्यूरो के सदस्य धीरेन्द्र झा, विधायक दल के नेता महबूब आलम, अखिल भारतीय किसान महासभा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष के डी यादव शामिल थे।
नेताओं ने कहा कि अब 25 जनवरी को यानी गणतंत्र दिवस की पूर्व संध्या पर पूरे राज्य में 26 जनवरी को किसान परेड के समर्थन में मशाल जुलूस का आयोजन किसान महासभा के बैनर तले किया जाएगा, तथा 26 जनवरी को राज्य में 'खेती बचाओ-देश बचाओ-संविधान बचाओ' संकल्प दिवस का आयोजन किया जाएगा। (आईएएनएस)
नई दिल्ली, 11 जनवरी | दिल्ली हाईकोर्ट ने एक महिला द्वारा दायर याचिका पर शहर की सरकार से जवाब मांगा, जिसकी शादी 16 साल की उम्र में हुई थी, उसने अपनी शादी को चुनौती देते हुए बाल विवाहों को अवैध घोषित करने की मांग की। याचिका के अनुसार, महिला जब 16 साल की थी तब शादी करने के लिए उसे 'मजबूर' किया गया था लेकिन वह कभी भी अपने पति के साथ नहीं रही। उसने स्नातक की पढ़ाई पूरी कर ली है और आगे की पढ़ाई कर रही है।
याचिका के माध्यम से, उसने यह घोषित करने की मांग की है कि उसकी शादी को अवैध करार दिया जाए।
याचिकाकर्ता ने कहा, "18 साल से कम उम्र में शादी के लिए सहमति किसी भी परिस्थिति में वैध सहमति नहीं हो सकती है।"
अन्य बातों के अलावा, महिला ने अदालत से दिल्ली सरकार को राज्य में हुए बाल विवाहों को अवैध घोषित करने के लिए उचित निर्देश देने की मांग की।
दिल्ली महिला आयोग (डीसीडब्ल्यू) और दिल्ली सरकार याचिका में प्रतिवादी हैं। उसने अपने पति और दो अन्य प्रतिवादियोंसे पूर्ण सुरक्षा प्रदान करने के लिए आवश्यक व्यवस्था के लिए भी अनुरोध किया है। (आईएएनएस)
गाजीपुर बॉर्डर (नई दिल्ली/उप्र), 11 जनवरी तीन कृषि कानूनों पर सुप्रीम कोर्ट की टिप्पणी का भारतीय किसान यूनियन ने स्वागत किया है। भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत ने सुप्रीम कोर्ट का धन्यवाद देते हुए आईएएनएस से कहा, सुप्रीम कोर्ट ने किसानों के इस मामले का संज्ञान लिया, हम उनका धन्यवाद करते हैं। इससे पहले किसान आंदोलन को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को कहा कि अगर सरकार ने रोक नहीं लगाई तो अदालत कृषि कानूनों के अमल पर रोक लगा देगी। प्रधान न्यायाधीश ने कहा, "अगर केंद्र ऐसा नहीं करता है तो हम इसके अमल पर रोक लगा देंगे।"
टिकैत ने कहा, हमारा आंदोलन बस इन कानूनों की वापसी का है। हमारी एक लीगल टीम बनी हुई है। उनसे विचार विमर्श कर आगे का कदम उठाएंगे।
हालांकि सरकार के साथ आठ दौर की वार्ता बेनतीजा रहने के बाद अब किसान संगठनों के साथ अगली वार्ता 15 जनवरी को होने जा रही है।
किसान संगठनों ने इससे पहले 13 जनवरी को लोहड़ी और 14 जनवरी को मकर संक्रांति पर विभिन्न कार्यक्रमों के जरिए आंदोलन तेज करने की रणनीति बनाई है।
किसान यूनियनों के नेता केंद्र सरकार द्वारा लागू कृषक उपज व्यापार और वाणिज्य (संवर्धन और सुविधा) कानून 2020, कृषक (सशक्तीकरण एवं संरक्षण) कीमत आश्वासन और कृषि सेवा करार कानून 2020 और आवश्यक वस्तु (संशोधन) कानून 2020 को वापस लेने और न्यूनतम समर्थन मूल्य पर फसलों की खरीद की कानूनी गारंटी देने की मांग कर रहे हैं।
उनकी अन्य दो मांगों को सरकार ने पहले ही स्वीकार कर लिया है जो पराली दहन से संबंधित अध्यादेश में भारी जुर्माना और जेल की सजा के प्रावधान और सिंचाई के लिए बिजली अनुदान से संबंधित हैं। (आईएएनएस)
रायबरेली (उप्र), 11 जनवरी | आम आदमी पार्टी (आप) के विधायक सोमनाथ भारती उत्तर प्रदेश के रायबरेली में सोमवार को जब कुछ सरकारी स्कूलों का निरीक्षण करने जा रहे थे, तभी उन पर किसी ने स्याही फेंक दी। अपने इस दौरे को लेकर कुछ अधिकारियों संग उनकी नोकझोंक शुरू हो गई और उसी वक्त पीछे से एक युवक आकर उन पर स्याही फेंक दी।
आप नेता भारती रविवार की रात को रायबरेली पहुंचे हुए थे और सोमवार को जब वह अपने कार्यक्रमों में भाग लेने के लिए गेस्टहाउस से बाहर निकल रहे थे, तभी पुलिसवालों ने उनका रास्ता रोक दिया।
इस घटना के बाद सोमनाथ भारती वापस फिर से गेस्टहाउस में ही गए और जिस युवक ने उन पर स्याही फेंकी दी, वह किसी तरह से वहां से भाग निकलने में कामयाब रहा।
इसके बाद अमेठी पुलिस द्वारा उन्हें अमेठी ले जाया गया, जहां उत्तर प्रदेश के अस्पतालों की स्थिति के बारे में कथित अपमानजनक बयान देने के लिए उनके खिलाफ एक प्राथमिकी दर्ज की गई। हालांकि पुलिस प्रवक्ता ने यह नहीं बताया कि भारती को गिरफ्तार किया गया था या नहीं।
इस बीच, आम आदमी पार्टी के सांसद संजय सिंह ने कहा कि उत्तर प्रदेश में तानाशाही अपने चरम पर पहुंच गई है और यहां आम आदमी पार्टी के नेताओं को डराने के प्रयास किए जा रहे हैं, जो राज्य में स्वास्थ्य और शिक्षा सुविधाओं की खराब स्थिति पर सवाल उठा रहे हैं। (आईएएनएस)
नई दिल्ली, 11 जनवरी | दिल्ली पशुपालन विभाग ने सोमवार को पुष्टि की कि भोपाल के प्रयोगशाला में भेजे गए सभी नमूने जांच में बर्ड फ्लू या एवियन इन्फ्लूएंजा के लिए पॉजिटिव पाए गए हैं। विभाग के निदेशक राकेश सिंह ने आईएएनएस को बताया, "दिल्ली से भोपाल लैब भेजे गए नमूनों में बर्ड फ्लू रिपोर्ट पॉजिटिव आई है।"
नमूने पिछले सप्ताह भोपाल के उच्च सुरक्षा पशु रोग के राष्ट्रीय संस्थान में भेजे गए थे।
दिल्ली के अलावा, केरल, राजस्थान, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, हिमाचल प्रदेश, हरियाणा, गुजरात और उत्तर प्रदेश में इस बीमारी की पुष्टि हुई है।
एवियन इन्फ्लूएंजा वायरस पिछली सदी में दर्ज चार ज्ञात प्रमुख प्रकोपों के साथ सदियों से दुनिया भर में सर्कुलेट होता रहा है।
भारत ने 2006 में अपने पहले प्रकोप की सूचना दी।
भारत में, यह बीमारी मुख्य रूप से प्रवासी पक्षियों द्वारा सर्दियों के महीनों के दौरान, सितंबर-अक्टूबर से फरवरी-मार्च तक फैलती है।
राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के मुख्य सचिवों और प्रशासकों के साथ संवाद में पशुपालन और डेयरी विभाग के सचिव ने पशुपालन विभागों से अनुरोध किया गया है कि वे बीमारी की स्थिति पर करीबी नजर रखने के लिए स्वास्थ्य अधिकारियों के साथ प्रभावी संचार और समन्वय सुनिश्चित करें।
पशुपालन और डेयरी विभाग ने कहा कि जल निकायों के आसपास निगरानी बढ़ाने के अलावा, पक्षी बाजार, चिड़ियाघर, पोल्ट्री फार्म आदि, शवों का उचित निपटान और पोल्ट्री फार्मों में जैव सुरक्षा को मजबूत करना है। (आईएएनएस)
विवेक त्रिपाठी
लखनऊ, 11 जनवरी | पश्चिम बंगाल में विधान सभा चुनाव को फतह करने के लिए भाजपा नेतृत्व ने उत्तर प्रदेश के उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य को भी वहां विशेष अभियान के तहत लगाया है। इसके बाद से मौर्य वहां कई बार जा चुके हैं। सोमवार को भी वह पश्चिम बंगाल के दौरे पर हैं।
बंगाल जाने के पहले उप मुख्यमंत्री केशव मौर्य ने आईएएनएस से एक विशेष बातचीत में कहा कि वहां ममता के कुशासन, अराजकता, गुंडागर्दी और कमीशनखोरी को लेकर जनता में दहशत का माहौल है। भाजपा इससे पश्चिम बंगाल की जनता को मुक्ति दिलाना चाहती है। उन्होंने दावा किया कि जनता की सेवा और कार्यकर्ताओं के संघर्ष के बल पर भाजपा वहां अपनी सरकार बनाने जा रही है।
एक सवाल के जवाब में केशव मौर्य ने कहा कि पश्चिम बंगाल में कमीशनखोरी का आलम यह है कि वहां पर हर धंधे के लिए कट मनी चल रही है। ऐसे में जनता ममता के शासन से बिल्कुल परेशान हो चुकी है। भाजपा को वहां बेहतहाशा समर्थन मिल रहा है। वहां पर ''श्रीकृष्ण हरे-हरे, भाजपा घरे-घरे'' का नारा गूंज रहा है। ममता को हटाने के लिए वहां की जनता ''जय श्रीराम'' नारा को ''महामंत्र'' के रुप में ले रही है। उन्होंने कहा, ''हम 200 से ज्यादा सीटें जीतकर बंगाल में सरकार बनाने जा रहे हैं। भय मुक्त पश्चिम बंगाल बनाएंगे।''
यह पूछने पर कि यूपी में भाजपा की सरकार है। यहां भी 2022 में चुनाव है, लेकिन आरोप है कि नीचे तक काम नहीं हुआ, भ्रष्टाचार व्याप्त है, इस पर उप मुख्यमंत्री ने कहा कि 2017 में जब हमारी सरकार आयी तो बहुत सड़ी गली व्यवस्था और खाली खाजाना मिला था। अब तक बहुत सुधार हुए। भ्रष्ट अधिकारियों पर कठोरतम कार्रवाई की गयी है। भ्रष्टाचार मुक्त यूपी बनाने का संकल्प हमारे मुख्यमंत्री का है।
उन्होंने कहा कि कोरोना संकट के दौरान उप्र में भाजपा संगठन और सरकार के सभी लोगों ने जो सेवा कार्य किए हैं, वे सराहनीय हैं। सपा, बसपा और कांग्रेस सिर्फ ट्विटर की राजनीति करती है। वे लोग जमीन पर जाते नहीं केवल सोशल मीडिया का सहारा लेकर भाजपा की आलोचना करते हैं। विपक्ष केवल जनता को भ्रमित करके सत्ता चाहती है, लेकिन जनता अब जागरूक हो गयी है। उन्होंने दावा किया कि उप्र में 2022 में भाजपा 2017 को दोहराएगी।
चुनाव नजदीक आते ही यहां पर सक्रिय हुए ओवैसी की पार्टी और आम आदमी पार्टी जैसे अन्य दलों के सवाल पर उप मुख्यमंत्री केशव ने कहा कि जो भी भाजपा विरोधी दल हैं उन्हें मुगंेरी लाल के हसीन सपने देखने का पूरा हक है। उन्होंने दावा किया कि भाजपा, नरेन्द्र मोदी, और कमल लोगों के दिलों में है। भाजपा यहां धमाकेदार वापसी करेगी।
पंचायत चुनाव के सवाल पर उन्होंने कहा कि पार्टी जिला पंचायत के चुनाव अधिकृत रूप से लड़ेगी। बाकि चुनाव लोग अपने हिसाब से लड़ेंगे। अभी सभी चुनाव पार्टी सिंबल से लड़ाने का निर्णय नहीं हुआ है। जहां पार्टी जरूरत समझेगी अपने हिसाब से लड़ाएगी। भाजपा चाहती है कि पंचायत चुनाव पैसा और बंदूक के दम पर न हो। इसे गुंडागर्दी से मुक्त किया जाएगा। इसमें अच्छे लोग चुनकर आएंगे और अपने गांव, ब्लाक और जिले का विकास करेंगे।
कांग्रेस कृषि बिल और कानून व्यवस्था को लेकर सवाल उठा रही है, इस पर केशव मौर्य ने कहा कि कांग्रेस किसानों की जन्मजात दुश्मन है। इसने सदैव किसानों के साथ छल किया है। यह एक धोखेबाज पार्टी है। इस दल ने जो कहा वह कभी किया नहीं। भाजपा सदैव किसानों के साथ खड़ी है। विपक्षी दल जिन्हें जनता के बीच अपनी जगह खोजने पर नहीं मिल रही थी। वही लोग अब किसानों के कंधे पर बंदूकर चला रहे हैं। इससे कोई असर नहीं होगा।
जाति की राजनीति पर उन्होंने कहा कि भाजपा में सर्व समाज को प्रतिनिधित्व दिया जाता है। समाज का सामूहिक गुलदस्ता इसी पार्टी में देखने को मिलेगा। भाजपा अधिकारों से वंचितों को उनका अधिकार दिलाने का काम कर रही है। जातिवाद की राजनीति करने वाले लोंगों की देश से अब विदाई हो चुकी है।
एक अन्य सवाल के जवाब में उप मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार में लोक निर्माण बहुत महत्वपूर्ण विभाग है। इसके माध्यम से सड़कों और सेतुओं का निर्माण होता है। हमारी सरकार ने इसमें नयापन लाने का काम किया है। जो सड़कें बन रही हैं, उनमें पर्यावरण की अनुकूलता को देखते हुए हर्बल मार्ग और वाटिका बनाने का काम पूरे प्रदेश में चल रहा है। पर्यावरण को ध्यान में रखते हुए हम प्लास्टिक की सड़कें बना रहे हैं। 250 अबादी वाले गांवों को पंडित दीन दयाल उपाध्याय मार्ग के माध्यम से मुख्य मार्ग से जोड़ा गया है। रोड एम्बुलेंस भी उतारी गयी है। एक दिन में 10 किमी सड़क का सुधार करते हैं और नौ किमी रोड का नवनिर्माण होता है। प्रदेश में हर तीसरे दिन एक नया पुल बन रहा है। (आईएएनएस)
जम्मू, 11 जनवरी | जम्मू-कश्मीर के मैदानी इलाकों को निचले कोहरे ने ढंक लिया है। मौसम विभाग का कहना है कि दिन गुजरने के साथ आसमान साफ होता जाएगा। मौसम विभाग के एक अधिकारी ने कहा, "दिन गुजरने के साथ आज मौसम साफ होता जाएगा और अगले 10 दिनों के दौरान आमतौर पर शुष्क रहेगा।"
40 दिनों की भीषण ठंड वाली अवधि 'चिल्लई कलां' 31 जनवरी को खत्म होने वाली है।
वहीं तापमान की बात करें तो श्रीनगर में आज न्यूनतम तापमान माइनस 0.2, पहलगाम में माइनस 4.6 और गुलमर्ग में माइनस 9.6 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया।
लेह में माइनस 16.2, कारगिल में माइनस 18.4 और द्रास में माइनस 27.0 डिग्री तापमान दर्ज किया गया।
जम्मू शहर में न्यूनतम तापमान 9.1, कटरा में 6.4, बटोटे में 1.6, बेनिहाल में माइनस 0.2 और भद्रवाह में माइनस 0.4 डिग्री रहा। (आईएएनएस)
मनोज पाठक
पटना, 11 जनवरी | कांग्रेस के बिहार राज्य के नए प्रभारी और पूर्व केंद्रीय मंत्री भक्त चरण दास ने बिहार संगठन में परिवर्तन के संकेत देते हुए कहा कि कार्यकर्ताओं के अनुरूप और जनता की आवश्यकता के अनुसार संगठन बनेगा। उन्होंने हालांकि यह भी कहा कि बिहार पहुंचकर नेताओं, कार्यकर्ताओं और जिलों का दौरा करने के बाद यह निर्णय लिया जाएगा।
आईएएनएस के साथ विशेष बातचीत में दास ने कहा कि लोगों की अवश्यकता के अनुरूप संगठन तैयार किया जाएगा। कांग्रेस की गुटबंदी के संबंध में पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि बिहार जाने के बाद ही इस पर कुछ बोल सकूंगा।
उन्होनंे कहा, अभी बिहार जाउंगा, वहां नेताओं से मिलूंगा, समझूंगा, देखूंगा और सभी जिलों में जाउंगा। जनता से बात करूंगा। कुल मिलाकर कार्यकर्ताओं के अनुरूप संगठन बपनेगा। लोगों की आवश्यकता के अनुरूप कांग्रेस काम करेगी।
कांग्रेस के कई लोगों के राजद के साथ चलने का समर्थन और कई लोगों के विरोध में होने के चुनौती से निपटने के संबंध में पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि जो समय की मांग है। जो राजनीति कहता है, वह राजनीति अपने तरीके से होगी, लेकिन प्राथमिकता संगठन को मजबूत करने की होगी।
उन्होंने कांग्रेस संगठन को मजबूत करने पर बल देते हुए कहा कि कांग्रेस में बदलाव आपको कुछ दिनों में नजर आएगा। उन्होंने कहा कि कांग्रेस में जो भी लोग आना चाहते हैं, उनका स्वागत है। कांग्रेस का द्वार खुला रहेगा। उन्होंने कहा कि जो कार्यकर्ता और नेता घर में बैठे हैं, उनकों एक्टिव किया जाएगा।
पूर्व केंद्रीय मंत्री ने आईएएनएस से दावा करते हुए कहा कि कांग्रेस का जो व्यापक स्वरूप था, वह व्यापक रूवरूप बिहार में अब बनेगा। उन्होंने दुख प्रकट करते हुए कहा कि कांग्रेस में प्रशिक्षण बहुत सालों से बंद है, उसके नए कार्यकर्ता भी कांग्रेस की नीतियों को नहीं जान पाते, यही कारण है कि प्रशिक्षण कार्यक्रम फिर से प्रारंभ किया जाएगा।
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता शक्ति सिंह गोहिल के बाद बिहार प्रभारी बनाए गए दास ने दावे के साथ कहा कि जनता कांग्रेस की विचारधारा और कथनात्मक (नैरेटिव्स) को समझेगी और जानेगी। उन्होंने कहा कि संगठन सर्वोपरि होगा।
कांग्रेस छोड़कर गए लोगों को भी वापस कांग्रेस में आने से दास को परहेज नहीं है। इस संबंध में पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि जो नेता पार्टी को छोड़कर गए हैं और जिनकी आज भी प्रासंगिकता है तथा उनके आने से कांग्रेस को मजबूती मिलेगी तो ऐसे लोगों के लिए कांग्रेस का द्वारा खुला है।
पिछले दिनों कांग्रेस के पूर्व विधायक भरत सिंह के कांग्रेस के 11 विधायकों के टूटने के बयान पर दास ने बेबाकी से कहा, जो लोग पार्टी में ही नहीं हैं, वे ऐसा बयान दे रहे हैं। यह विपक्ष के द्वारा दिलाया गया बयान है। उन्होंने पार्टी में गुटबंदी के संबंध में पूछे जाने पर दोहराया कि जब दिखेगा, तब बताउंगा।
उल्लेखनीय है कि दास सोमवार से बुधवार तक बिहार के तीन दिवसीय दौरे पर रहेंगे। वे यहां पार्टी के कार्यकर्ताओं और नेताओं से मिलेंगे। (आईएएनएस)
नई दिल्ली, 11 जनवरी| दिल्ली हाई कोर्ट ने सोमवार को एक महिला की याचिका को मंजूरी दे दी है, जिसमें गंभीर जन्म दोष से पीड़ित 28 हफ्ते के गर्भ को खत्म करने की अनुमति मांगी गई थी। यह अजन्मा बच्चा अविकसित मस्तिष्क वाला और अधूरे स्कल्प (खोपड़ी) का था। यह आदेश इसलिए महžवपूर्ण है क्योंकि मेडिकल टर्मिनेशन ऑफ प्रेग्नेंसी (एमटीपी) अधिनियम 1971 में गर्भ को 20 हफ्ते के बाद हटाने पर रोक है।
चीफ जस्टिस डी.एन. पटेल और जस्टिस ज्योति सिंह की पीठ ने 7 जनवरी को अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) से कहा था कि वह महिला के गर्भ के हटाने की फिजीबिलिटी पर रिपोर्ट पेश करे।
इस मामले में महिला ने अदालत को बताया था कि 27 हफ्ते 5 दिनों के गर्भ की अल्ट्रा-सोनोग्राफी में पता चला था कि भ्रूण एनसेफली से पीड़ित था जो उसके जीवन को अक्षम बनाता है। ऐसे में एडवांस टेक्नॉलॉजी के जरिये यह महिला के लिए पूरी तरह से सुरक्षित है कि वह अपनी गर्भावस्था के दौरान किसी भी समय भ्रूण का गर्भपात करा सकती है।
महिला ने दावा किया है, "20 हफ्ते तक समयसीमा कठोर, भेदभावपूर्ण है और यह भारतीय संविधान के अनुच्छेद 14 और 21 का उल्लंघन करती है।" (आईएएनएस)
नई दिल्ली, 11 जनवरी | भारतीय अधिकारियों ने सोमवार को चीन की पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए) के एक सैनिक को रिहा कर दिया। इस सैनिक को पूर्वी लद्दाख में विवादित सीमा पार कर भारतीय क्षेत्र में प्रवेश करने पर पकड़ लिया गया था। भारतीय सेना के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, "पीएलए सैनिक जो 8 जनवरी को पकड़ा गया था, उसे आज सुबह 10.10 बजे चुशुल-मोल्डो में चीन को लौटा दिया गया।"
लद्दाख में विवादित सीमा क्षेत्र पर भारतीय बलों की तैनाती पर जासूसी करने के संबंध में सैनिक से पूछताछ की गई।
उसने पैंगोंग झील के दक्षिण में दोनों देशों के बीच विवादित सीमा क्षेत्र में विास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) को पार किया था।
भारतीय सेना ने कहा था कि पीएलए सैनिक को उस क्षेत्र में तैनात भारतीय सैनिकों द्वारा हिरासत में ले लिया गया था।
गौरतलब है कि एलएसी पर पिछले साल से भारत और चीन के बीच गतिरोध जारी है।
यह 28 अगस्त, 2020 और 29 अगस्त, 2020 को एहतियाती तैनाती में भारतीय सैनिकों, पूर्व-विस्तारित चीनी विस्तारवादी डिजाइनों को रोक कर पैंगोंग सो के दक्षिणी किनारे पर ऊंचाइयों पर कब्जा कर लिया था।
दो सप्ताह पहले, रक्षा मंत्रालय ने अपने वर्ष के अंत की समीक्षा में कहा था कि पीएलए ने 'अपरंपरागत हथियारों और बड़ी संख्या में सैनिकों को एकत्र करने' के उपयोग से पूर्वी लद्दाख में एलएसी पर गतिरोध को और बढ़ाया।
भारत ने चीन को स्पष्ट रूप से बता दिया है कि सीमा पर यथास्थिति में एकतरफा बदलाव लाने का कोई भी प्रयास अस्वीकार्य है और यह कि भारत अपनी संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता की रक्षा के लिए ²ढ़ है।
भारत और चीन के बीच पूर्वी लद्दाख में एलएसी पर नौ महीने से गतिरोध जारी है।
कई स्तरों के संवाद के बावजूद कोई सफलता नहीं मिली है और गतिरोध बरकरार है। (आईएएनएस)
लखनऊ , 11 जनवरी| समाजवादी पार्टी (सपा) के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कहा कि भाजपा सरकार किसानों के प्रति असंवेदनशील होकर जिस प्रकार उपेक्षापूर्ण रवैया अपना रही है, वो सीधे-सीधे अन्नदाता का अपमान है। अखिलेश यादव ने सोमवार को ट्विटर के माध्यम से लिखा कि, भाजपा सरकार किसानों के प्रति असंवेदनशील होकर जिस प्रकार उपेक्षापूर्ण रवैया अपना रही है, वो सीधे-सीधे अन्नदाता का अपमान है। घोर निंदनीय। अब तो देश की जनता भी किसानों के साथ खड़ी होकर पूछ रही है। दुनिया में उठता हुआ धुआं दिखता है जिन्हें। घर की आग का मंजर, क्यों न दिखता उन्हें।
इससे पहले उन्होंने लिखा कि सपा के समय में पूवार्ंचल की खुशहाली के समाजवादी एक्सप्रेस-वे का काम शुरू हुआ था, जिसे भाजपा सरकार बना न सकी। अब सपा की सरकार आयेगी और हवाई जहाज उतारकर इसका उद्घाटन करेगी। उप्र की जनता त्रस्त है भाजपा सरकार के ऐसे विकास से। नाम है एक्सप्रेस-वे, पर बना रही है बैलगाड़ी की चाल से। (आईएएनएस)
-दिलीप कुमार शर्मा
"हमारे साथ यहां धरना देने आईं 55 साल की रेवती पाव की पहले मौत हुई. वह ज्यादा ठंड के कारण बीमार पड़ गई थीं. यहां स्वास्थ्य केंद्र और सरकार से कोई सुविधा नहीं मिली. उन्हें देखने कोई डॉक्टर नहीं आया. उसके बाद कुस्मिता मोरांग की मेडिकल में मौत हो गई. वह गर्भवती थी."
"आज सुबह इंद्रा मीली के नाक से खून बहने लगा. वह अब सरकारी अस्पताल में भर्ती है. मैं 80-82 साल की हूं और इस ठंड में प्लास्टिक के टेंट में रह रही हूं. हमें यहां 21 दिन हो गए है. अगर सरकार माई-बाप है तो हमारे साथ अन्याय क्यों हो रहा है?"
असम के तिनसुकिया शहर में जिला परिषद कार्यालय के ठीक पीछे बोरगुरी में धरने पर बैठी मिसिंग जनजाति की दमयंती लगासू जब ये बातें कहती है तो उनका दर्द चेहरे पर दिखने लगता है.
DILIP SHARMA/BBC
लेकिन राष्ट्रीय उद्यान होने के कारण वहां लोगों को मिलने वाली बुनियादी सुविधाओं से जुड़ी सरकारी योजनाओं को बंद कर दिया गया है.
ऐसे में लाइका और दोधिया गांव के लोग पिछले कई सालों से स्थायी पुनर्वास की मांग को लेकर आंदोलन करते आ रहे हैं. लेकिन अब इनकी मांग है कि जबतक सरकार किसी दूसरी ज़मीन पर इन्हें स्थायी तौर पर बसा नहीं देती ये धरना स्थल पर ही रहेंगे.
कड़ाके की इस ठंड में प्रदर्शन स्थल पर अबतक दो महिलाओं की मौत हो चुकी है जबकि कई लोग लगातार बीमार पड़ रहे हैं. दमयंती अपने विरोध और दर्द को मिसिंग जनजाति का एक गीत गाकर बयां करती हैं तो पास बैठी महिलाएं रोने लगती हैं.
इस गीत का मतलब पूछने पर वो कहती है,"पहाड़, नदियां, विशाल पत्थर, पेड़ पौधे भी मानव जीवन की ऐसी तकलीफ़ पर रोते होंगे. हमारा कोई ठिकाना नहीं है और हमें नहीं पता इस शिविर में हमारा आगे क्या होगा? हम ज़िंदा भी रहेंगे या नहीं.हमारे साथ सरकार क्या करेगी,जिस तरह ब्रह्मपुत्र का पानी बह रहा है उसे पता नहीं वो कहां जाकर गिरेगा, ठीक वैसा ही हमारा जीवन हो गया है. मैं यही बातें अपनी गीत में गा रही थी."
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महिलाओं की अहम भूमिका
भारत में बीते कुछ महीनों के दौरान शाहीन बाग से लेकर किसान आंदोलन तक महिलाएं जिस तरह सामने आई हैं,वही ज़ज़्बा और जोश मिसिंग जनजाति की महिलाओं में भी दिखा. धरना स्थल पर कवरेज के लिए आने वाले मीडिया के लोगों से ज्यादातर महिलाएं ही बात कर रही हैं.
40 साल की राधिका चंक्रा प्लास्टिक के तंबू दिखाते हुए कहती है,"हम इतनी ठंड में इन प्लास्टिक के तंबू में रह रहें है और यहीं ज़मीन पर सोते है. रात को जब ठंड ज्यादा होती है तो लकड़ियां जलाकर हमें रातभर जागना पड़ता है. दिन में धूप से ये तंबू गर्म हो जाते है. हमें अपने बच्चों की चिंता हो रही है. यहां लोग लगातार बीमार पड़ रहे हैं."
बोरगुरी प्रदर्शन स्थल के पास ही प्रदर्शनकारियों ने करीब 1500 लोगों के रहने के लिए प्लास्टिक के अस्थाई तंबू लगा रखे हैं. इन तंबुओं के अंदर ज़मीन पर भी सोने के लिए प्लास्टिक बिछी हुई है. तंबुओं के बाहर बुझे हुए चुल्हे,जूठे बर्तन और गंदगी - ये इलाक़ा एक शरणार्थी शिविर जैसा लगता है.
इन तंबू में छोटे-छोटे समूह बनाकर महिलाएं अपने छोटे बच्चों और बुजुर्गों के साथ रह रहीं है. यहां ना तो शौचालाय की अच्छी व्यवस्था है और न ही बिजली आती है. पीने के पानी के लिए कुछ हैंड पंप लगाए गए हैं. मगर यहां धरना दे रहें सभी लोगों ने तय किया है कि चाहे कितनी भी तकलीफ़ उठानी पड़े, वो अब सरकार से स्थायी ज़मीन लेकर ही लौटेंगे.
बुज़ुर्गों को लेकर चिंता
चबुआ के एक कॉलेज से बीए की पढ़ाई कर रही मीनू पाटिर को इस ठंड में अपने बुजर्गों की बेहद फिक्र है. वो कहती है," हम अपने मां-पिता और परिवार के बुजर्गों के साथ केवल इसलिए यह आंदोलन कर रहे हैं ताकि हमें रहने के लिए एक स्थायी ठिकाना मिले. मैं एक छात्रा हूं और इस समय मुझे अपनी क्लास में होना चाहिए था लेकिन मैं धरने पर बैठी हूं."
"मैं एनसीसी कैडेट की ट्रेनिंग भी ले रही हूं. मेरा सपना पुलिस सेवा में जाने का है लेकिन फिलहाल दिमाग में केवल एक ही बात है कि सरकार हमारी तकलीफ़ को समझे और स्थायी तौर पर हमें रहने के लिए जगह दे."
DILIP SHARMA
धरना-स्थल पर अपने लोगों का हौसला बुलंद कर रहें ताकम मिसिंग पोरिन केबांग अर्थात मिसिंग छात्र संगठन के नेता प्रसन्ना नाराह ने कहा,"1950 में जो भूकंप आया था उस समय हमारे लोगों की ज़मीन ब्रह्मपुत्र में चली गई थी और गांव बँट गए थे. हमें उस समय की सरकार ने वन विभाग की मदद से लाइका, दोधिया गांव में बसाया था. यह इलाक़ा डिब्रू फॉरेस्ट रिजर्व के अंतर्गत था इसलिए इन गांवों को वन गांव के तौर पर घोषित किया गया. बाद में समय के साथ 1986 में उस फॉरेस्ट रिजर्व को वन्यजीव अभ्यारण्य के रूप में घोषित किया गया और 1999 में भारत सरकार ने इसे राष्ट्रीय उद्यान का दर्जा दे दिया."
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"वन्यजीव अभ्यारण्य बनने तक सरकार इन दो गांव के लोगों को उनके मौलिक अधिकार के तहत सारी सुविधाएँ प्रदान कर रही थीं. लेकिन 1999 में जब डिब्रू और सैखोवा नाम के दो आरक्षित वन और कुछ अन्य क्षेत्रों को शामिल कर नेशनल पार्क बनाया गया उसके बाद से स्कूल, स्वास्थ्य केंद्र, बिजली-पानी जैसी तमाम बुनियादी सुविधाओं को सरकार ने बंद कर दिया. लेकिन चुनाव के दौरान सभी पार्टी के लोग वोट मांगने जरूर आते हैं. हमारे लोग 1986 से स्थायी पुनर्वास की मांग करते आ रहें है. क्योंकि कानूनी तौर पर भी नेशनल पार्क में गांव नहीं बस सकते."
असम में अगले चार महीने में विधानसभा चुनाव होने वाले है. प्रदेश की राजनीति समझने वाले लोगों का मानना है कि मुख्यमंत्री सर्बानंद सोनोवाल पर मिसिंग जनजाति लोगों के इस मुद्दे को लेकर दबाव इसलिए बनाया जा रहा है क्योंकि ये दोनों गांव चबुआ विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत मुख्यमंत्री के पैतृक गांव बिंधाकाटा ग्राम पंचायत के अंतर्गत आते है.
डिब्रूगढ़ में बीते कई सालों से पत्रकारिता कर रहें अविक चक्रवर्ती कहते हैं,"असम में मिसिंग लोगों की जनसंख्या करीब 14 लाख के आसपास है. मुख्यमंत्री सोनोवाल के खुद के चुनावी क्षेत्र माजुली में मिसिंग जनजाति के करीब 45 हजार मतदाता है. वहां 15 साल बाद कांग्रेस के उम्मीदवार को पिछले चुनाव में सोनोवाल ने हराया था."
"कांग्रेस ने भी मिसिंग समुदाय से अपनी सरकार में मंत्री बनाए थे और मौजूदा सोनोवाल सरकार में भी मंत्री बनाए गए है. हाल ही में कांग्रेस दल के नेता देवब्रत सैकिया धरना स्थल पर लोगों से मिलने आए थे. लिहाजा राजनीति तो हो रही है. लेकिन लाइका और दोधिया गांव के मिसिंग लोगों की यह समस्या बहुत पुरानी है और अबतक किसी भी सरकार ने इसका कोई स्थाई हल नहीं निकाला है. इस समस्या का समाधान हो जाने से सबसे अच्छी बात यह होगी कि नेशनल पार्क में वन और विविध वन्य-जीवन ज्यादा सुरक्षित हो जाएगा."
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तिनसुकिया ज़िले में पर्यावरण संरक्षण के लिए बीते दो दशकों से काम करते आ रहें निरंता गोहाईं असम में डिब्रू-सैखोवा नेशनल पार्क की अहमियत के बारे में कहते है,"लाइका और दोधिया गांव की समस्या 20 साल पुरानी है और इससे पार्क को काफी नुकसान पहुंचा है.यहां के ग्रामीणों को रजिस्टर्ड फारेस्ट विलेजर्स के तौर पर मान्यता दी गई थी."
"जब 1986 में इस क्षेत्र को वन्यजीव अभ्यारण्य घोषित किया गया उस समय सरकारी गज़ट अधिसूचना में यह उल्लेख किया गया कि इन दोनों गांव के लोगों को अभ्यारण्य से बाहर दूसरी जगह बसाया जाएगा लेकिन इस दौरान कई सरकारें आई लेकिन किसी ने कुछ नहीं किया. 1999 में जब यह नेशनल पार्क बन गया तो सरकार ने यहां के गांव मिलने वाली सारी सुविधाओं को समाप्त कर दिया. इसके फलस्वरूप यहां के लोग अपनी जीविका और अन्य जरूरी ख़र्चों के लिए पेड़ो की कटाई करना और वन्यजीवों को मारना शुरू कर दिया.ऐसी गतिविधियों से इस नेशनल पार्क को बहुत नुकसान पहुंच रहा है.जबकि डिब्रू-सैखोवा विश्व का सबसे बड़ा 340 वर्ग किलोमीटर में फैला रिवर आईलैंड नेशनल पार्क है."
"ब्रह्मपुत्र नदी के दक्षिणी तट में स्थित जैव विविधता वाला डिब्रू-सैखोवा नेशनल पार्क दुनिया के 19 जैव विविध हॉट स्पॉट वाले क्षेत्रों में से एक है. यह पार्क अपने प्राकृतिक सौंदर्य और विविध वन्य-जीवों के लिए विश्व भर में प्रसिद्ध है और पर्यटन के नज़रिए से इसकी बहुत अहमियत है. नेशनल पार्क राष्ट्रीय संपत्ति है और इसे बचाने के लिए लाइका-दोधिया के लोगों को पार्क से बाहर बसाना बहुत ज़रूरी है."
जल्द होगा समाधान - बीजेपी
स्थायी पुनर्वास की मांग को लेकर जारी आंदोलन और अपनी सरकार की हो रही आलोचना का जवाब देते हुए चबुआ इलाके के भाजपा विधायक बिनोद हज़ारिका कहते है,"जो लोग धरने पर बैठे है उनकी मांग जायज़ है. सरकार के खिलाफ उनकी नाराज़गी रहेगी. क्योंकि 20 साल पहले जब उस क्षेत्र को नेशनल पार्क घोषित किया था उसी समय उनका स्थायी पुनर्वास करना चाहिए था. उस समय कांग्रेस की सरकार थी. हमारी पार्टी की सरकार बने साढे़ चार साल हुए उसमें सीएए विरोध और कोविड के कारण करीब एक साल सरकारी कामकाज ठप हो गया."
DILIP SHARMA/BBC
"मैंने असम विधानसभा में लाइका-दोधिया गांव का मुद्दा कई बार उठाया है. अभी 15 दिन पहले मुख्यमंत्री सर्बानंद सोनोवाल के नेतृत्व में संबंधित सभी विभागों के शीर्ष अधिकारियों के साथ हमारी बैठक हुई है और हमने फैसला किया है इसी महीने के अंत तक स्थायी पुनर्वास के तहत इन लोगों को दूसरी ज़मीन का अधिकार दे दिया जाएगा. इस तरह के काम में दो-तीन साल का समय लगता है लेकिन हम 15 दिन में करने का प्रयास कर रहे है. लखीमपुर के आदाकोना जगह में 900 परिवार के लिए हमारी सरकार ने सारी सुविधाओं से लैस एक मॉडल विलेज की योजना तैयार की है. बाकि के परिवारों को तिनसुकिया जि़ले में बसाया जाएगा." (bbc.com)
भारत दुनियाभर में बनने वाली 60 प्रतिशित वैक्सीन का उत्पादन करता है, लेकिन अमरीका के बाद कोविड-19 के सबसे ज़्यादा मामले भी इसी देश में आए हैं.
भारत को न सिर्फ अपने लोगों का टीकाकरण करना है बल्कि दुनिया के दूसरे देशों के प्रति अपनी प्रतिबद्धता भी निभानी है. क्या भारत इस मांग को पूरा कर सकता है?
भारत कितनी वैक्सीन का उत्पादन कर सकता है?
भारत में अभी दो वैक्सीन को मंजूरी मिली है - कोविशील्ड जो ऑक्सफोर्ड और एस्ट्राजेनेका बना रहा है और दूसरी है कोवैक्सीन.
कुछ दूसरी वैक्सीन जिनका अभी ट्रायल चल रहा है, उनका भी भारत में उत्पादन हो रहा है.
भारत की दवा कंपनियों ने हाल के महीनों में उत्पादन में तेज़ी लाई है. सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ़ इंडिया, जो कि सबसे बड़ा उत्पादक हैं, उनके मुताबिक अभी वो हर महीने 6 करोड़ से 7 करोड़ वैक्सीन का उत्पादन कर सकते हैं.
भारत बायोटेक के मुताबिक वो साल में 20 करोड़ वैक्सीन का उत्पादन कर सकते हैं, हालांकि फिलहाल उनके पास कोवैक्सीन के सिर्फ 2 करोड़ डोज़ मौजूद हैं.
दूसरी कंपनियां जिनके वैक्सीन का अभी ट्रायल हो रहा है, वो भी भारत के अधिकारियों और दूसरे देशों से बात कर रहे हैं, ताकि वैक्सीन के तैयार होने पर सप्लाई की जा सके. हालांकि इनसे जुड़ी बहुत जानकारियां मौजूद नहीं हैं.
भारत की अपनी ज़रूरत कितनी है?
भारत सरकार ने कहा है कि वो 30 करोड़ लोगों को जुलाई के अंत तक टीका देगी. वैक्सीनेशन प्रोग्राम 16 जनवरी से शुरू होगा और सबसे पहले फ्रंटलाइन और हेल्थकेयर वर्कर्स को वैक्सीन दी जाएगी. सात महीनों में 60 करोड़ लोगों के टीकाकरण की योजना है, यानी हर महीने लगभग 8.5 करोड़ डोज़.
विश्व में भारत की क्या भूमिका होगी?
सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा समर्थित कोवैक्स स्कीम का हिस्सा है. इसका मकसद मिडिल इनकम वाले देशों को वैक्सीन उपल्ब्ध करवाना है.
पिछले साल सितंबर में सीरम इंस्टीट्यूट ने इस स्कीम के तहत 20 करोड़ डोज़ उपलब्ध करवाने की बात कही थी - ये ऑक्सफोर्ड-एस्ट्राज़ेनेका की वैक्सीन या फिर अमेरिका की नोवैक्स के डोज़ हो सकते हैं.
सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया के चीफ़ एग्ज़ेक्यूटिव अदार पूनावाला ने बीबीसी को बताया कि ये एग्रीमेंट बढ़ाकर 90 करोड़ डोज़ का किया जा सकता है.
अगर ऐसा हुआ तो सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया की प्रतिबद्धता 1 अरब डोज़ की हो जाएगी.
बीबीसी से बात करते हुए कंपनी ने बताया कि उनकी कोशिश है कि प्रोडक्शन बढ़ाकर 1 करोड़ डोज़ प्रतिमाह किया जाए.
कोवैक्स स्कीम के अलावा, सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया ने ऑक्सफोर्ड-एस्ट्राज़ेनेका वैक्सीन की आपूर्ति के लिए कई देशों के साथ द्विपक्षीय वाणिज्यिक सौदे किए हैं.
पूनावाला ने इस महीने की शुरुआत में कहा था कि टीके के लिए इस शर्त पर मंजूरी दी गई थी कि इन्हें निर्यात नहीं किया जाएगा, लेकिन उनके मुताबिक ये एक भ्रम था.
बांग्लादेश द्वारा चिंता ज़ाहिर करने के बाद भारत सरकार ने बाद में स्पष्ट किया कि निर्यात की अनुमति दी जाएगी, बांग्लादेश के साथ 3 करोड़ प्रारंभिक खुराक प्राप्त करने का सौदा है.
विदेश मंत्रालय के एक अधिकारी ने बीबीसी को बताया कि भारत, " दुनिया के सबसे बड़े वैक्सीन निर्माता के रूप में पड़ोसियों और दुनिया के बाकी हिस्सों के लिए अपनी प्रतिबद्धताओं के बारे में पूरी तरह से सचेत हैं."
इसके अलावा कंपनी ने सऊदी अरब, म्यांमार और मोरोक्को से भी डील कर रखी है. हालांकि उन्हें कितनी वैक्सीन, कब तक चाहिए, ये अभी तक साफ़ नहीं है.
ऐसी ख़बरे हैं कि नेपाल, ब्राज़ील और श्रीलंका भी भारत में बनी वैक्सीन में रुचि दिखा सकते हैं. लेकिन पूनावाला ने कहा है कि उनकी प्राथमिकता घरेलू मांग को पूरा करने की होगी.
"एक बार जब हम प्रारंभिक आवश्यकताओं को पूरा लें, फिर हम जल्द ही इसे अन्य देशों में निर्यात करना शुरू कर देंगे. "
वैश्विक वैक्सीन गठबंधन गावी के प्रवक्ता, जो कोवैक्स योजना को चलाने में मदद कर रहे हैं, ने बीबीसी को बताया कि वो भारतीय अधिकारियों और सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ़ इंडिया, दोनों के साथ नियमित संपर्क में हैं.
उन्होंने कहा कि वो "आश्वस्त" हैं कि कोवैक्स के लिए प्रतिबद्धता में कोई देरी नहीं होगी.
वायरोलॉजिस्ट डॉ. शाहीद जमील बताते हैं कि कोवैक्स योजना एक अंतरराष्ट्रीय दायित्व है, यदि भारतीय कंपनियां अन्य देशों के साथ पहले से सहमत द्विपक्षीय सौदों पर रोक लगाती हैं तो यह भी अच्छा नहीं होगा.
उन्होंने कहा कि वर्तमान उपलब्धता के देखते हुए, "मुझे इस बात की चिंता नहीं है कि भारत में वैक्सीन की कमी होगी"
उनके मुताबिक,"अड़चन यह होगी कि हम वास्तव में कितनी तेजी से लोगों को टीका लगाते हैं"
एक अन्य संभावित अड़चन कांच की शीशियों की उपलब्धता है जो टीकों के लिए उपयोग की जाती हैं. विश्व भर में ऐसी चिंताएँ हैं कि शीशियों की कमी हो सकती है.
हालांकि, सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ़ इंडिया के मुताबिक अभी तक उन्हें किसी ऐसी किसी चीज़ की कमी का सामना नहीं करना पड़ा है. (bbc.com)
नई दिल्ली. एअर इंडिया की महिला पायलटों की टीम ने दुनिया की सबसे लंबे हवाई मार्ग उत्तरी ध्रुव पर उड़ान भरकर नया इतिहास रच दिया है. ये महिलाएं अमेरिका के सैन फ्रैंसिस्को से 16,000 किमी की दूरी तय करते हुए बेंगलुरु पहुंची हैं. 16 हजार किलोमीटर के इस सफर पर करवे वाली टीम को पायलट कैप्टन जोया अग्रवाल लीड कर रही हैं. महिलाओं के इस कीर्तिमान के बारे में एअर इंडिया अपने ट्विटर हैंडल से समय-समय पर जानकारी दे रहा था. सिविल एविएशन मिनिस्टर हरदीप सिंह पुरी ने भी इसे लेकर ट्वीट किया.
बता दें कि, विमान नॉर्थ पोल के ऊपर से गुजरकर भारत पहुंच गया है. जोया वही महिला पायलट हैं जिन्होंने 2013 में बोइंग-777 विमान उड़ाया था, उस वक्त यह विमान उड़ाने वाली वे सबसे युवा महिला पायलट थी. यही वजह है कि उन्हें इस बार यह बड़ी जिम्मेदारी सौंपी गई. को-पायलट के तौर पर जोया के साथ कैप्टन पापागरी तनमई, कैप्टन शिवानी और कैप्टन आकांक्षा सोनवरे हैं.
एअर इंडिया ने ट्वीट करते हुए लिखा, 'वेलकम होम, कैप्टन जोया कैप्टन पापागरी तनमई, कैप्टन शिवानी और कैप्टन आकांक्षा सोनवरे की ये यात्रा मील का पत्थर साबित होगी. एअर इंडिया के लिए ये पल गौरवान्वित करने वाला है. हम AI176 के पैसेंजर्स को भी बधाई देते हैं, जो इस ऐतिहासिक सफर का हिस्सा बने.
17 घंटे से ज्यादा लंबा हवाई सफर
इस हवाई रूट पर सफर 17 घंटे से ज्यादा का है. उड़ान के दिन हवा की गति सफर के समय को निर्धारित करती है. इस रूट के शुरू होने से एअर इंडिया को आर्थिक रूप से फायदा होगा. सफर में कम समय लगेगा और यह तेज और किफायती भी होगा. एअर इंडिया और भारत में किसी भी एयरलाइन की ओर संचालित होने वाली यह दुनिया की सबसे लंबी कमर्शियल फ्लाइट है. एअर इंडिया में किसी फ्लाइट के मुकाबले महिला कर्मचारियों की संख्या ज्यादा है. एअर इंडिया की कार्यकारी निदेशक निवेदिता भसीन इस पहली सैनफ्रांसिस्को-बेंगलुरु फ्लाइट में यात्रा कर रही हैं.
विमान 777-200LR VT ALG के साथ हुई नई शुरुआत
दोनों शहरों के बीच यह सेवा विमान 777-200LR VT ALG के साथ संचालित होगी. इस विमान में 238 सीटों की व्यवस्था है. इनमें 8 प्रथम श्रेणी, 35 बिजनेस क्लास, 195 इकोनॉमी क्लास के अलावा 4 कॉकपिट और 12 केबिन क्रू की सीटें हैं. उड़ान का संचालन महिला क्रू द्वारा किया जाएगा.
सीधी. जिले में दर्दनाक घटना सामने आई है. यह घटना पुलिस प्रशासन और सरकार को चुनौती दे रही है. अमलिया थाना क्षेत्र में महिला के साथ तीन युवकों ने हैवानियत की सारी हदें पार कर दीं. उन्होंने महिला के साथ सामूहिक दुष्कर्म (Gang Rape) किया और उनके प्राइवेट पार्ट में लोहे का सरिया डाल दिया. पुलिस ने तीनों आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है. आरोपी उसी गांव के रहने वाले बताए गए हैं.
पीड़िता को गंभीर अवस्था में पहले सीधी जिला चिकित्सालय में भर्ती कराया गया और फिर नाजुक हालत देख रीवा रेफर कर दिया गया. महिला की बहन ने पुलिस को बताया कि आरोपियों ने दुराचार के बाद महिला के प्रायवेट पार्ट में लोहे का सरिया डाल दिया था. इससे पीड़िता को रक्तस्त्राव होने लगा था. ये दूसरे दिन भी जारी रहा, जब उसकी तबियत बहुत ज्यादा बिगड़ने लगी तो उन्हें अमलिया प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र ले जाया गया. यहां से फिर उन्हें जिला चिकित्सालय भेज दिया गया.
चार साल पहले हो गई थी पति की मौत
जानकारी के मुताबिक, शनिवार रात लल्लू कोल, भाईलाल पटेल और एक अन्य आरोपी ने महिला को आवाज देकर पानी मांगा. महिला ने पानी न होने की बात कही तो आरोपी जबरदस्ती उसके झोपड़ी में घुस गए. बताया जाता है कि चार साल पहले पति की मौत के बाद महिला अपने दो बच्चों के साथ झोपड़ी में दुकान चलाकर परिवार पाल रही थी. पीड़िता गर्म कपड़े नहीं पहने थी. वह ठंड से कांप रही थी. उसकी हालत देखकर अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक अंजूलता पटले ने अपनी शॉल और जैकेट पहनाकर रीवा रेफर करवाया.
कठोरतम सजा की मांग
गौरतलब है कि रेप पर फांसी देने की मांग बढ़ती ही जा रही है. बॉलीवुड एक्ट्रेस कंगना रनौत ने गैंगरेप के आरोपियों को चौराहे पर लटकाने की वकालत की है. कंगना ने बच्चियों के साथ होने वाली रेप की वारदात पर कहा था कि सऊदी अरब जैसे कई देशों में गैंग रेप के आरोपियों को चौराहे पर लटका दिया जाता है. जब तक ऐसे 5-6 उदाहरण पेश नहीं किए जाएंगे तब तक ऐसी हरक़तें होती रहेंगी.