अंतरराष्ट्रीय
वाशिंगटन, 15 अक्टूबर | अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने डेमोक्रेटिक राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार जो बाइडन की आलोचना करने वाले न्यूयॉर्क पोस्ट के लेख को प्रतिबंधित करने पर फेसबुक और ट्विटर को फटकार लगाई है। न्यूयॉर्क पोस्ट ने बुधवार को ईमेल्स का हवाला देते हुए खबरों की एक श्रृंखला प्रकाशित की थी, जिन्हें कथित तौर पर बाइडन के बेटे ने भेजा था।
एनपीआर डॉट ओआरजी की रिपोर्ट के मुताबिक, न्यूयॉर्क पोस्ट की खबरों में दावा किया गया है कि उन्हें यह मेल ट्रंप के निजी वकील रूडी गिउलिआनी और ट्रंप के पूर्व सलाहकार स्टीव बैनन से मिले हैं।
क्राउडटेंगल के आंकड़ों के अनुसार, फेसबुक ने इस खबर को फैलने से रोक दिया है, जबकि इसे कुछ ही देर में लगभग 6 लाख बार फेसबुक पर लाइक और शेयर किया गया और इस पर कमेंट किए गए थे।
वहीं ट्विटर ने एक अभूतपूर्व कदम उठाते हुए उपयोगकर्ताओं को न्यूयॉर्क पोस्ट की स्टोरी के मेल की तस्वीरें या लिंक को पोस्ट करने से रोक दिया। साथ ही हवाला दिया कि "हैकिंग के जरिए प्राप्त की गईं निजी जानकारी वाली सामग्री को साझा करना हमारे नियमों के खिलाफ है।"
ट्विटर ने कहा कि "लेखों में शामिल चित्रों में व्यक्तिगत और निजी जानकारी दी गई है - जैसे ईमेल पते और फोन नंबर आदि। ऐसी जानकारियों को साझा करना हमारे नियमों का उल्लंघन करना है।"
हालांकि, ट्विटर के सीईओ जैक डोर्सी ने स्वीकार किया कंपनी का इसे प्रतिबंधित करने को लेकर किया गया संवाद सही नहीं था।
उन्होंने ट्वीट किया, "न्यूयॉर्क पोस्ट लेख को लेकर उठाए गए हमारे कदम के बारे में संचार बहुत अच्छा नहीं था। वहीं ट्वीट या डायरेक्ट मैसेज के जरिए यूआरएल साझा करने से रोकना अस्वीकार्य है।"
फेसबुक और ट्विटर की कार्रवाई से अमेरिका में राजनीतिक तूफान मच गया। इसे लेकर ट्रंप ने ट्वीट किया कि यह "इतना भयानक था कि फेसबुक और ट्विटर को इस कहानी पर प्रतिबंध लगाना पड़ा।"
बता दें कि ट्विटर और फेसबुक चुनाव से संबंधित झूठे दावों और हेरफेर को लेकर खबरें प्रसारित करने को रोकने के लिए खासे आक्रामक तरीके से काम कर रहे हैं।
(आईएएनएस)
बीजिंग, 14 अक्टूबर | अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) ने 13 अक्तूबर को 'विश्व आर्थिक आउटलुक' रिपोर्ट जारी की, जिसमें अनुमान लगाया गया कि वर्ष 2020 में वैश्विक अर्थव्यवस्था में 4.4 प्रतिशत की गिरावट आएगी, लेकिन चीनी अर्थव्यवस्था में 1.9 प्रतिशत की वृद्धि होगी, जो दुनिया भर में एक मात्र सक्रिय वृद्धि प्राप्त प्रमुख आर्थिक समुदाय है। रिपोर्ट में कहा गया कि आर्थिक बहाली के चलते वैश्विक अर्थव्यवस्था मंदी से धीरे-धीरे निकल आई है। एक महत्वपूर्ण योगदानकर्ता के रूप में चीन की मदद से वैश्विक व्यापार की बहाली जून महीने से ही शुरू हुई। लेकिन कुछ क्षेत्रों में महामारी के फैलाव की गति तेज हो रही है, कुछ आर्थिक समुदायों ने अगस्त से ही आर्थिक बहाली को धीमा किया।
विस्तृत रूप से देखा जाए, तो इस वर्ष विकसित आर्थिक समुदायों की 5.8 प्रतिशत की गिरावट होगी, उभरते बाजार और विकासशील आर्थिक अर्थव्यवस्थाओं की 3.3 प्रतिशत की कमी आएगी। अमेरिका की 4.3 प्रतिशत, यूरो क्षेत्र की 8.3 प्रतिशत, जापान की 5.3 प्रतिशत की गिरावट होगी। वहीं भारत की अर्थव्यवस्था में 10.3 प्रतिशत की कमी होगी।
रिपोर्ट में कहा गया कि चीन दुनिया भर में एक मात्र सक्रिय आर्थिक वृद्धि वाली प्रमुख आर्थिक इकाई है। आईएमएफ के अनुमान के अनुसार, इस वर्ष चीन की आर्थिक वृद्धि दर 1.9 प्रतिशत होगी, जो गत जून में अनुमान से 0.9 प्रतिशत बढ़ाया गया। आने वाले वर्ष 2021 में चीनी आर्थिक वृद्धि जारी होगी, जो 8.2 प्रतिशत का अनुमान है।
आईएमएफ की मुख्य अर्थशास्त्री गीता गोपीनाथ ने कहा कि वैश्विक आर्थिक पुनरुत्थान लम्बा समय होगा, असंतुलित और अनिश्चित भी होगा। उन्होंने दुनिया भर में विभिन्न आर्थिक समुदायों से समय से पहले अपनी राजकोषीय और मौद्रिक सहायता नीतियों को वापस न लेने की अपील की, ताकि लगातार आर्थिक बहाली को सुनिश्चित किया जा सके।
-- आईएएनएस
दुबई, 14 अक्टूबर | सऊदी अरब में रहने वाली दो युवतियों को भारत सरकार की ओर से पासपोर्ट जारी न हो पाने के कारण मुसीबतों का सामना करना पड़ रहा है। यह युवतियां एक भारतीय मूल के पिता और पाकिस्तानी मूल की मां की संतान हैं। युवतियों का कहना है कि उन्हें निलंबित एनिमेशन में जीवन यापन करना पड़ रहा है, क्योंकि उनके पास अपने पैतृक घर जाने के लिए वैध कागजात की कमी है।
युवतियों का कहना है कि वे अपने पैतृक घर इसलिए नहीं जा पा रही हैं, क्योंकि भारत सरकार की ओर से उनके पासपोर्ट जारी नहीं किए गए हैं।
उन्होंने 2011 में पासपोर्ट के लिए आवेदन किया था।
गल्फ न्यूज को लिखे गए एक ईमेल में 28 साल की महरोज और उनसे एक साल छोटी उनकी बहन ने कहा, "हमारा जीवन फंसा हुआ है, हम एक सामान्य काम या एक सामान्य जीवन नहीं जी सकते।"
भारतीय-पाकिस्तानी दंपति की बेटियों ने कहा कि वे एक तरह से 'स्टेटलेस' हैं।
गल्फ न्यूज की रिपोर्ट के अनुसार, ईमेल में अपनी कहानी का वर्णन करते हुए महरोज ने लिखा कि उनके पिता भारतीय, जबकि मां पाकिस्तानी हैं।
उन्होंने कहा कि उनका परिवार लगभग 60 वर्षों से दुबई में रह रहा है। महरोज ने लिखा, "मेरे दादा, दादी और पिता अब मर चुके हैं और दुबई में दफन हैं। मेरी एक छोटी बहन और एक छोटा भाई है, हम तीनों ही दुबई में पैदा हुए और पले-बढ़े हैं।"
उन्होंने कहा कि जब वह 15 वर्ष की थी, तब उनके पिता की मृत्यु हो गई।
महरोज ने कहा, "जब हम छोटे थे, हमें अपनी मां के पासपोर्ट पर भारत आने की अनुमति दी गई थी। हमारे पिता जब जीवित थे, तब वे सब कुछ संभाल रहे थे। उनके देहांत के बाद, जब हमने स्कूल खत्म किया तो हमें नए पासपोर्ट बनवाने थे, क्योंकि नियम बदल गए थे।"
उन्होंने कहा कि वे भाई-बहन भारतीय पासपोर्ट पाने के इच्छुक हैं।
महरोज ने कहा, "मेरे दो छोटे भाई-बहनों और मेरे पास पासपोर्ट नहीं हैं, इसलिए हमने भारतीय पासपोर्ट के लिए भारतीय वाणिज्य दूतावास से संपर्क किया, लेकिन उन्होंने यह कहते हुए मना कर दिया कि पिता ने हमारे जन्म के एक साल के भीतर हमें पंजीकृत नहीं कराया। वर्षों की कोशिश और अनुरोध के बाद हमें पाकिस्तानी वाणिज्य दूतावास से यह शपथपत्र लाने के लिए कहा गया कि हम पाकिस्तानी पासपोर्ट के लिए आवेदन नहीं कर रहे हैं।"
उन्होंने कहा कि मामला 2011 में स्वीकार कर लिया गया था और सभी संबंधित दस्तावेज और फॉर्म भर दिए गए थे।
महरोज ने फोन पर बताया, "वाणिज्य दूतावास ने हमें भारत भेजा। इस समय तक, मैं 19 साल की हो गई थी और मेरी बहन 18 साल की होने जा रही थी। भारत में हमारे रिश्तेदारों से संपर्क किया गया, सब कुछ जांचा गया और मेरे भाई को भारतीय पासपोर्ट जारी किया गया, क्योंकि तब उसकी उम्र 18 साल से कम थी। मेरी बहन और मुझे नए फॉर्म भरने के लिए कहा गया था और तब तक हम दोनों ही 18 साल से अधिक की हो चुकी थीं।"
उन्होंने बताया, "इसके बाद इन्हें भारतीय वाणिज्य दूतावास ने भारत भेजा और हमसे कहा कि आप वाणिज्य दूतावास न आएं और हम ईमेल के माध्यम से ही सूचित करेंगे। 2011 से अब तक जब भी हम इसके बारे में पूछते हैं तो भारतीय वाणिज्य दूतावास कहता है कि वे अभी भी भारत के जवाब का इंतजार कर रहे हैं।"
महरोज ने फोन पर कहा, "अब नौ साल से अधिक समय बीत चुका है। मैं अब 28 साल की हूं और मेरी बहन 27 साल की होने वाली है। हमारा जीवन फंसा (अटका) हुआ है। हम एक सामान्य काम नहीं कर सकते हैं या एक सामान्य जीवन नहीं जी सकते, क्योंकि हम स्टेटलेस हैं।"
उन्होंने कहा कि वे दोनों बहनें स्वतंत्र रूप से घूम नहीं सकतीं, क्योंकि उनके पास कोई वैध दस्तावेज नहीं हैं। महरोज ने कहा, "हमारी शिक्षा प्रभावित हुई है। हम शादी भी नहीं कर सकते।"
महरोज ने कहा, "यह बहुत कष्टप्रद और निराशाजनक है। हमारे पिता और भाई भारतीय हैं। इसलिए हम भारतीय अधिकारियों से अनुरोध करते हैं कि वे हमें पासपोर्ट जारी करें, ताकि हमारा जीवन आगे बढ़ सके। हम बस उम्मीद करते हैं कि यहां की सरकार भी हमें अपनी स्थिति को सुधारने की अनुमति दें और जल्द से जल्द इसके लिए हमें एक पासपोर्ट जारी करें।"
संपर्क करने पर, दुबई में भारतीय वाणिज्य दूतावास ने गल्फ न्यूज को सूचित किया कि इन युवतियों का अनुरोध अभी भी भारत में गृह मंत्रालय (एमएचए) के पास लंबित है, जो नागरिकता देने के लिए नोडल प्राधिकरण है।
--आईएएनएस
न्यूयॉर्क, 14 अक्टूबर| एक नए शोध में खुलासा हुआ है कि कोविड-19 के लिए जिम्मेदार वायरस सार्स-कोव-2 से संक्रमित होने के बाद मरीजों के शरीर में विकसित हुई एंटीबॉडी के कारण रोग प्रतिरोधक क्षमता कई महीनों तक बनी रहती है। इस बात का प्रमाण मरीजों के शरीर का बढ़ना है। 'इम्यूनिटी' जर्नल में प्रकाशित तथ्यों को पाने के लिए अमेरिका में भारतीय मूल के शोधकर्ता के नेतृत्व वाली शोध टीम ने करीब 6,000 लोगों के नमूने से एंटीबॉडी के प्रोडक्शन का अध्ययन किया।
अमेरिका में एरिजोना विश्वविद्यालय से शोध लेखिका दीपा भट्टाचार्य ने कहा, "हम स्पष्ट रूप से उच्च गुणवत्ता वाले एंटीबॉडीज को अभी भी सार्स-कोव-2 संक्रमण के पांच से सात महीने बाद प्रोड्यूस होता देख रहे हैं।"
जब एक वायरस पहली बार कोशिकाओं को संक्रमित करता है, तो इम्यूनिटी सिस्टम अल्पकालिक प्लाज्मा कोशिकाएं तैयार करता है, जो वायरस से तुरंत लड़ने के लिए एंटीबॉडी का उत्पादन करती हैं। संक्रमण के 14 दिनों के भीतर रक्त में वह उत्पादित एंटीबॉडी दिखाई देते हैं।
इम्यून प्रतिक्रिया के दूसरे चरण में लंबे समय तक रहने वाले प्लाज्मा कोशिकाओं का निर्माण होता है, जो उच्च गुणवत्ता वाले एंटीबॉडी का उत्पादन करते हैं जो एक स्थायी इम्यूनिटी प्रदान करते हैं।
शोध टीम ने कोविड-19 से संक्रमित होने वाले लोगों पर कई महीनों में एंटीबॉडी के स्तर को ट्रैक किया।
उन्होंने पाया कि सार्स-कोव-2 एंटीबॉडी कम से कम पांच से सात महीनों के लिए रक्त टेस्ट में मौजूद हैं, हालांकि उनका मानना है कि प्रतिरक्षा बहुत लंबे समय तक रहती है।
इससे पहले प्रारंभिक संक्रमणों से अतिरिक्त एंटीबॉडी उत्पादन को लेकर शोध किया गया था, जिसमें पाया गया था कि संक्रमण के बाद एंटीबॉडी का स्तर जल्दी गिर जाता है और वह अल्पकालिक इम्यूनिटी प्रदान करता है।
शोध टीम का मानना है कि उन निष्कर्षो पर अल्पकालिक प्लाज्मा कोशिकाओं पर ध्यान केंद्रित किया गया था और वे लंबे समय तक रहने वाले प्लाज्मा कोशिकाओं और उनके द्वारा उत्पादित एंटीबॉडी को ध्यान में रखने में असफल रहे।
भट्टाचार्य ने कहा, "हमने जिन संक्रमित व्यक्तियों पर अध्ययन किया है, वे पिछले सात महीनों पहले संक्रमित हुए थे, इसलिए यह सबसे लंबी अवधि है, ऐसे में हम इम्यूनिटी क्षमता की पुष्टि कर सकते हैं।"
भट्टाचार्य ने आगे कहा, "हम जानते हैं कि जो लोग पहले सार्स कोरोनावायरस से संक्रमित थे, जो कि सार्स-कोव-2 के समान वायरस है, उनमें संक्रमण के 17 साल बाद भी इम्यूनिटी देखी जा रही है।" (आईएएनएस)
नई दिल्ली, 14 अक्टूबर| अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) द्वारा की गई भविष्यवाणी के बाद सोशल मीडिया में चर्चा शुरू हो गई है कि 2020 में बांग्लादेश प्रति व्यक्ति जीडीपी में भारत से आगे निकल जाएगा। जैसे ही भारत की विकास दर में गिरावट आएगी वह प्रति व्यक्ति जीडीपी में बांग्लादेश से पीछे हो जाएगा। हालांकि आईएमएफ ने यह भी कहा है कि अगले साल भारत में इसमें बढ़ोतरी होगी।
मंगलवार को जारी हुई आईएमएफ की वर्ल्ड इकॉनॉमिक रिपोर्ट के अनुसार, 31 मार्च, 2021 को समाप्त होने वाले इस वित्तीय वर्ष में भारत की प्रति व्यक्ति जीडीपी में 10.5 प्रतिशत की गिरावट आएगी। इससे भारत दक्षिण एशिया का तीसरा सबसे गरीब देश बन जाएगा, जो गरीबी के मामले में केवल पाकिस्तान और नेपाल से पीछे होगा।
अब बांग्लादेश, भूटान, श्रीलंका और मालदीव की भारत की तुलना में प्रति व्यक्ति जीडीपी अधिक होगी।
डॉलर के लिहाज से देखें तो बांग्लादेश की प्रति व्यक्ति जीडीपी 2020 में 4 फीसदी बढ़कर भारत की 1,877 से बढ़कर 1,888 डॉलर हो जाने की उम्मीद है।
इन आंकड़ों को लेकर कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने भाजपा सरकार पर हमला किया है। उन्होंने कहा, "बीजेपी के नफरत भरे सांस्कृतिक राष्ट्रवाद की 6 साल की ठोस उपलब्धि बांग्लादेश भारत को पछाड़ने के लिए तैयार है।"
वहीं शेयर बाजार विशेषज्ञ और एनम होल्डिंग्स के निदेशक मनीष चोखानी ने ट्वीट किया, "आज का विशेष। हमारे दोनों पड़ोसी आगे बढ़ रहे हैं। हम उन्हें शुभकामना देते हैं और उम्मीद करते हैं कि हमारी उपलब्धियां हमारी आकांक्षाओं को पूरा करेंगी!
चोखानी ने एक क्लिप भी साझा की, जिसमें दिखाया गया है कि भारत और चीन की तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था और शेयर बाजारों को बांग्लादेश ने पीछे छोड़ दिया। अपने इस ट्वीट में उन्होंने व्यापार और शेयर बाजार के लीडर्स समीर अरोड़ा, नीलेश शाह, आनंद महिंद्रा, हर्ष गोयनका और हर्ष मारिवाल को टैग किया है।
बता दें कि 5 साल पहले तक भारत की प्रति व्यक्ति जीडीपी बांग्लादेश से 40 फीसदी अधिक थी। पिछले 5 वर्षों में बांग्लादेश की ग्रोथ रेट भारत से तीन गुना बड़ी हो गई है। भारत की 3.2 प्रतिशत की तुलना में बांग्लादेश की दर 9.1 प्रतिशत हो गई है। (आईएएनएस)
मैक्सिकन सांसद एंटोनियो गार्सिया ने संसद में अपने कपड़े उतार दिए और कहा- आपको मुझे नग्न देखने में शर्म आती है, लेकिन आपको अपने देश को नग्न, नंगे, हताश, बेरोजगार और भूखे देखकर शर्म नहीं आती है जिसका पैसा आपने छीन लिया है, लूट लिया है और चोरी कर लिया है ताकि आपका परिवार आनंद लें।
इस सांसद ने ऐतिहासिक ऊर्जा निजीकरण बिल विधेयक का विरोध करने के लिए मतदान से पहले अपने कपड़े उतारकर विरोध प्रदर्शन किया। विरोध करने वाले सांसद एंटोनियो गार्सिया वामपंथी डेमोक्रेटिक रिवोल्यूशन पार्टी से सांसद हैं। विरोध प्रदर्शन के समय वह केवल अंडरवियर पहने हुए थे। गार्सिया ने अंडरवियर पहनकर ही विधेयक पर बहस में हिस्सा लिया। गार्सिया की अपनी प्रतिद्वंदी सांसदों के साथ झड़प भी हुई थी। जिसमें उन्हें कुछ खरोंचे आई थीं। उसके बाद उन्हें अस्पताल भेजा गया।
सैन फ्रांसिस्को, 14 अक्टूबर। ट्विटर ने अेमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के ब्लैक समर्थकों और उनके दोबारा चुने जाने के कैंपेन वाले कई अकाउंट को अपने प्लेटफार्म के नियम तोड़ने के लिए सस्पेंड कर दिया है। वाशिंगटन पोस्ट में बुधवार को छपी एक रिपोर्ट के अनुसार, क्लेमसन यूनिवर्सिटी के सोशल मीडिया रिसर्चर डेरेन लिनविल ने पाया कि इस तरह के दो दर्जन से ज्यादा अकाउंट सक्रिय हैं। इनमें से कई अपने ट्वीट में एक ही तरह की भाषा का प्रयोग किया है।
रिपोर्ट के अनुसार, "कई के काफी सारे फोलोवर्स हैं और सभी को अब सस्पेंड कर दिया गया है।"
दो दर्जन से ज्यादा समान अकाउंट वाले नेटवर्क ने 265,000 रिट्वीट जेनरेट किए।
इनमें से कई अकाउंट ने अपने प्रोफाइल पिक्चर में ब्लैक आदमी की तस्वीर का उपयोग किया था, जिसे न्यूज रिपोर्ट या किसी अन्य सूत्रों से लिया गया था।
ट्विटर के प्रवक्ता ट्रेनटन कैनेडी ने एक बयान में कहा, "हमारी टीम इस तरह की एक्टिविटी की कड़ाई से खोज कर रही है और अगर ट्वीट्स को नियमों को उल्लंघन करता पाया गया तो, नियमों के मुताबिक कार्रवाई की जाएगी।"
ब्लैक ट्रंप समर्थकों वाला फर्जी अकाउंट्स बीते दो महीने से अपनी गतिविधि बढ़ा रहा था। (आईएएनएस)
काबुल, 14 अक्टूबर (आईएएनएस)। अफगानिस्तान के दक्षिणी हेलमंद प्रांत में सेना के दो हेलीकॉप्टरों के टकराने की घटना में कम से कम 15 लोगों की मौत होने की आशंका है। टोलो न्यूज के मुताबिक, प्रादेशिक राजधानी लश्कर गाह के दक्षिण-पश्चिम में नवा-ए-बरकजाई जिले में मंगलवार मध्यरात्रि को दुर्घटना हुई।
समाचार एजेंसी सिन्हुआ के अनुसार, दो पड़ोसी प्रांतों के सैकड़ों तालिबानी आतंकियों के स्थानीय आतंकवादियों से मिल जाने और लश्कर गाह को अपने कब्जे में लेने की कोशिश करने के बाद प्रांत में हाल के दिनों में भारी संघर्ष देखने को मिला है।
इससे पहले, 24 सितंबर को उत्तरी बागलान प्रांत में तकनीकी खराबी के कारण अफगान वायु सेना का एक हेलीकॉप्टर दुर्घटनाग्रस्त हो गया था, जिसमें दो पायलट मारे गए थे। (आईएएनएस)
अमेरिकी फार्मास्युटिकल फर्म Eli Lilly ने COVID-19 के खिलाफ अपने एंटीबॉडी इलाज का क्लिनिकल ट्रायल रोक दिया है. यह ट्रायल सरकार के समर्थन से आगे बढ़ाया जा रहा था. कंपनी ने बताया है कि सेफ्टी से जुड़ी चिंताओं की वजह से ट्रायल रोका गया है. बता दें कि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को भी ऐसा ही एक इलाज मिला था.
Eli Lilly की दवा मोनोक्लोनल एंटीबॉडीज के तौर पर पहचाने जाने वाले इलाजों के वर्ग का हिस्सा है. मोनोक्लोनल एंटीबॉडीज को कुछ तरह के कैंसर और ऑटोइम्यून बीमारी के इलाज के लिए जाना जाता है.
न्यूज एजेंसी एएफपी के मुताबिक, मोनोक्लोनल एंटीबॉडी इलाज तब से सुर्खियों में हैं, जब हाल ही में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने अपने COVID-19 के इलाज के लिए बायोटेक फर्म Regeneron की ओर से विकसित एक थेरेपी को क्रेडिट दिया था.(thequint)
संयुक्त राष्ट्र, 14 अक्टूबर | संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकारपरिषद (यूएनएचआरसी) में पाकिस्तान और नेपाल को फिर से चुन लिया गया है, वहीं चीन के प्रदर्शन में खासी गिरावट आई और वह छोटे अंतर से एक सीट जीत पाया है।
महासभा में मंगलवार को हुए मतदान में चीन को केवल 139 वोट मिले, जबकि 2016 में उसे 180 वोट मिले थे।
ह्यूमन राइट्स वॉच के यूएन डायरेक्टर लुइस चारबोन्यू ने ट्वीट किया कि यह दिखाता है कि 'कई राज्य चीन में अधिकारों के उल्लंघन के रिकॉर्ड से परेशान हैं।'
वहीं सऊदी अरब को 4 सीटों के लिए हुए चुनाव में हार का सामना करना पड़ा क्योंकि उसे एशियाई और प्रशांत देशों का प्रतिनिधित्व करने के लिए केवल 90 वोट मिले, जबकि चुनाव जीतने के लिए उसे 97 वोटों की जरूरत थी। सऊदी अरब की लोकप्रियता में भी भारी गिरावट आई है क्योंकि इसने 2016 में 152 वोट हासिल किए थे।
2016 में 112 वोट पाकर दो वोटों से हारने वाले रूस ने अच्छी वापसी करते हुए इस बार 158 वोट हासिल किए। हालांकि इस बार वह तकनीकी रूप से पूर्वी यूरोप की दो में से एक सीट पर निर्विरोध जीत पाई। वहीं दूसरी सीट यूक्रेन ने निर्विरोध जीती।
पाकिस्तान को 169 और नेपाल को 150 वोट मिले। ये दोनों दक्षिण एशियाई देश तीन साल और काम करेंगे।
उज्बेकिस्तान 169 मतों के साथ एशिया प्रशांत क्षेत्र से निर्वाचित चौथा देश रहा।
भारत और बांग्लादेश भी परिषद के सदस्य हैं, वे 2018 में आखिरी बार चुने गए थे और अगले साल के अंत में बाहर होंगे।
जिनेवा आधारित इस 47 सदस्यीय परिषद में फ्रांस, ब्रिटेन, क्यूबा और मैक्सिको भी चुने गए 15 देशों में शामिल रहे।
उइगर मुस्लिम के साथ दुर्व्यवहार और कई देशों-मानवाधिकार समूहों के विरोध के बावजूद चीन छोटे से अंतर से जीतने में कामयाब रहा। इस पर आलोचकों ने 2006 के संकल्प का हवाला दिया। इसमें कहा गया था, "मानवाधिकार परिषद के सदस्य मानव अधिकारों के प्रचार में उच्चतम मानकों को बनाए रखेंगे।"(आईएएनएस)
बता दें कि पिछले ही हफ्ते जर्मनी के नेतृत्व में 39 देशों के एक समूह ने संयुक्त राष्ट्र में चीन की कड़ी आलोचना की थी। उन्होंने अपने बयान में कहा था कि "वे शिन्जियांग में मानव अधिकारों की स्थिति और हांगकांग में हुए हाल के घटनाक्रमों को लेकर गंभीर रूप से चिंतित हैं।"(आईएएनएस)
आर्मेनिया और अजरबैजान के बीच लड़ाई
येरेवान
आर्मेर्निया और अजरबैजान के बीच नागोर्नो-काराबाख को लेकर चल रही लड़ाई में मरने वालों की संख्या 600 के पार पहुंच गई है। रूस के नेतृत्व में संघर्ष विराम की घोषणा के बावजूद चल रही लड़ाई में दोनों देशों के सैनिकों और नागरिकों की मौत हुई है। नागोर्नो-काराबाख के सैन्य अधिकारियों ने बताया कि मंगलवार को उनके 16 सैन्यकर्मी युद्ध में मारे गए। इसके साथ ही 27 सितंबर को शुरू हुई लड़ाई में उसके 532 सैनिकों की मौत हो चुकी है।
अजरबैजान छिपा रहा मौतों की वास्तविक संख्या
अजरबैजान ने हालांकि अपनी सेना को हुए नुकसान की जानकारी नहीं दी है पर दोनों पक्षों की ओर से किए जा रहे दावों के मद्देनजर कुल हताहतों की संख्या बहुत अधिक होने की आशंका है। अजरबैजान ने कहा कि दो हफ्तों की लड़ाई में उसके 42 आम नागरिक मारे गए हैं। नागर्नो-काराबाख के मानवाधिकार लोकपाल अर्तक बेलारयान ने देर सोमवार बताया कि आजरबैजान से अलग हुए इस इलाके में कम से 31 आम नागरिकों की मौत हुई है और सैकड़ों अन्य घायल हुए हैं।
शांति समझौते के बावजूद जंग जारी
रूस की मध्यस्थता में हुए शांति समझौते के बावजूद दोनों देशों में जंग जारी है। समझौते के दौरान रूसी विदेश सर्गेई लावरोव ने कहा था कि युद्धबंदियों और अन्य पकड़े गए व्यक्तियों की अदला-बदली के मानवीय उद्देश्य के साथ-साथ सैनिकों के शवों की अदला-बदली पर सहमति के साथ युद्धविराम घोषित किया गया है। डॉक्युमेंट में यह भी कहा गया था कि अजरबैजान और आर्मेनिया नागोर्नो-काराबाख में शांति बहाली पर ओएससीई मिन्स्क समूह के प्रतिनिधियों की मध्यस्थता के साथ व्यावहारिक वार्ता शुरू करने के लिए सहमत हुए हैं।
तुर्की में बने हमलावर ड्रोन विमान कर रहे हमले
बता दें कि रूस और तुर्की में पहले ही लीबिया और सीरिया के गृहयुद्ध में तलवारें खिंची हुई हैं। इसके बाद भी दोनों देशों के बीच व्यापारिक संबंध बने हुए हैं। तुर्की ने अमेरिका को नाखुश करते हुए रूस से S-400 मिसाइल डिफेंस सिस्टम खरीदा है। उधर, तुर्की में बने हमलावर ड्रोन विमान नागोरनो-काराबाख में आर्मेनियाई टैंकों का शिकार कर रहे हैं। विशेषज्ञों का कहना है कि रूस इसे बर्दाश्त नहीं करेगा और सख्त कदम उठा सकता है।
किस मुद्दे को लेकर दोनों देशों में छिड़ी जंग
दोनों देश 4400 वर्ग किलोमीटर में फैले नागोर्नो-काराबाख नाम के हिस्से पर कब्जा करना चाहते हैं। नागोर्नो-काराबाख इलाका अंतरराष्ट्रीय रूप से अजरबैजान का हिस्सा है लेकिन उस पर आर्मेनिया के जातीय गुटों का कब्जा है। 1991 में इस इलाके के लोगों ने खुद को अजरबैजान से स्वतंत्र घोषित करते हुए आर्मेनिया का हिस्सा घोषित कर दिया। उनके इस हरकत को अजरबैजान ने सिरे से खारिज कर दिया। इसके बाद दोनों देशों के बीच कुछ समय के अंतराल पर अक्सर संघर्ष होते रहते हैं।(navbharattimes)
ब्रासीलिया, 14 अक्टूबर | अमेरिका की बहुराष्ट्रीय कंपनी जॉनसन एंड जॉनसन के फार्मास्युटिकल डिवीजन के जेनसेन-सिलेग ने ब्राजील में अस्थायी रूप से कोरोवायरस वैक्सीन के ट्रायल्स रद्द कर दिये हैं। ये बात मंगलवार को देश की राष्ट्रीय स्वास्थ्य नियामक संस्था ब्राजीलियन हेल्थ सर्विलेंस एजेंसी (अन्विषा) ने कही। समाचार एजेंसी सिन्हुआ की रिपोर्ट के मुताबिक, जेनसेन-सिलेग ने अन्विषा को सूचित किया कि विदेश में एक वॉलेन्टियर को वैक्सीन डोज से विपरीत असर होने के बाद वह अपनी वैक्सीन वैक31518कोव3001 की सुरक्षा और प्रभावकारिता को निर्धारित करने के लिए ट्रायल्स को अस्थायी रूप से निलंबित कर रहा है।
कंपनी ने इस मामले के बारे में अधिक जानकारी नहीं दी है और वॉलेन्टियर की स्वास्थ्य स्थिति को गोपनीय रखा गया है।
अन्विषा के अनुसार, जब तक कि स्वतंत्र सुरक्षा समिति द्वारा समस्या के कारण की जांच नहीं हो जाती है, तब तक परीक्षण फिर से शुरू नहीं होंगे।
एजेंसी ने कहा, "ब्राजील में चल रही स्टडी में 9 अक्टूबर को पहले वॉलेंटियर को जोड़ा गया था। अब नए वॉलेन्टियर्स को इसमें तभी शामिल किया जा सकता है, जब अन्विषा इसके लिए अनुमति दे। वहीं अन्विषा रिसर्च डेटा और सुरक्षा/लाभ का विश्लेषण करने के आधार पर यह निर्णय लेगी कि प्रक्रिया को जारी रखा जाए या स्थायी तौर पर रद्द कर दिया जाए।"
बता दें कि ब्राजील में ट्रायल्स करने के लिए अन्विषा ने जेनसेन-सिलेग को अगस्त में अनुमति दी थी।(आईएएनएस)
बीजिंग, 13 अक्टूबर| ब्रिटेन में कोरोनावायरस के तेजी से बढ़ते मामलों के मद्देनजर सरकार ने चेतावनी का स्तर तीसरी श्रेणी से बढ़ाकर चौथी श्रेणी कर दिया है। 6 करोड़ 78 लाख आबादी वाले ब्रिटेन में कोरोना की स्थिति बिगड़ती जा रही है। वहां अभी तक कोरोनावायरस से संक्रमित होने वाले लोगों की संख्या 6 लाख 18 हजार से अधिक हो चुकी है, जबकि मरने वालों की संख्या 42,875 है। ब्रिटेन में कोरोना वायरस के बढ़ते मामलों के बीच देश के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन देशवासियों को संबोधित करेंगे। माना जा रहा है कि इस दौरान वह देशवासियों को दोबारा लॉकडाउन के बारे में जानकारी दे सकते हैं। लोगों से काम पर वापस लौटने का आग्रह करने के कुछ ही हफ्तों बाद, जॉनसन उन्हें घर से काम करने की सलाह देंगे। कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर से निपटने के लिए पब, बार और रेस्तरां पर नए प्रतिबंध लगाए जा सकते हैं।
अभी सिंतबर के अंत में, ब्रिटेन के स्कूली बच्चों को पब्लिक हेल्थ इंग्लैंड के एक पत्र के साथ घर भेजा गया। पब्लिक हेल्थ यहां का एक आधिकारिक निकाय है, जिसके पास महामारी से निपटने का प्रभार है। पत्र में बच्चों के माता-पिता से कहा गया कि यदि उनके बच्चों में बुखार, लगातार खांसी या स्वाद और गंध महसूस करने की क्षमता समाप्त होने जैसे लक्षण नहीं हैं, तो वे उनका कोविड-19 परीक्षण न करवाये।
जबकि इस बात के प्रमाण हैं कि बच्चों में कोविड-19 के सामान्य लक्षण थकान और सिरदर्द है। ब्रिटिश सरकार ने खुद स्वीकार किया है कि संक्रमित होने वाले वयस्कों में 80 प्रतिशत बगैर लक्षण वाले हैं। ऐसे में यह संदेश हैरान करने वाला है। अभी जुलाई में ही ब्रिटेन के हेल्थ सेक्रेटरी, मैट हैन्कॉक ने किसी प्रकार का संदेह होने पर नागरिकों से परीक्षण कराने का आग्रह किया था।
हालांकि, पत्र में लिखे संदेश का कारण स्पष्ट किया गया है कि अनावश्यक परीक्षण होने से कोविड-19 के लक्षण वाला व्यक्ति परीक्षण से वंचित रह सकता है। यह पत्र शासन और विश्वसनीयता की असफलता को रेखांकित करता है। ब्रिटेन में कोरोनावायरस के नए मामले प्रतिदिन कम से कम 6000 बढ़ रहे हैं। इसके अलावा अस्पताल में भर्ती होने वाले मरीजों की संख्या हर आठ दिन में दोगुनी हो रही है। इसी कारण ब्रिटेन को कोविड-19 महामारी से मरने वालों की दर यूरोप में सबसे ज्यादा रही है।
खैर, ब्रिटिश प्रशासन ने कोरोना वायरस से मुकाबले के लिए 'छह' का नियम लागू किया है, जिससे पुलिस को छह से अधिक व्यक्तियों वाले किसी कार्यक्रम, चाहे वह कार्यक्रम भीतर हो या बाहर, के खिलाफ कार्रवाई करने और 100 पाउंड का जुमार्ना लगाने का अधिकार मिल गया है। यह नया नियम पुलिस को छह के नियम का उल्लंघन करने वाले किसी भी व्यक्ति के खिलाफ कार्रवाई का अधिकार देगा। हाल में मामलों में बढ़ोतरी ने स्पष्ट कर दिया है कि इस बीमारी को फैलने से रोकने के लिए ब्रिटेन को और कदम उठाने की जरुरत है। (आईएएनएस)
(अखिल पाराशर, चाइना मीडिया ग्रुप, पेइचिंग)
दुबई, 13 अक्टूबर (आईएएनएस)| संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) में फंसे 49 भारतीय कर्मचारियों को स्वदेश वापस लाया गया है। मीडिया रिपोर्ट्स में मंगलवार को बताया गया कि ये कर्मचारी दुबई की दो कारपेंटरी कंपनियों में काम करते थे, जो पिछले कुछ समय से काफी परेशानियों का सामना कर रहे थे। यूएई में अधिकारियों की ओर से कर्मचारियों को वापस भारत लाए जाने में मदद की गई। उन्होंने उनके पासपोर्ट और सुरक्षा के तौर पर जमा राशि (सिक्योरिटी डिपॉजिट) सुरक्षित करने में मदद की।
गल्फ न्यूज ने बताया कि दुबई में भारतीय वाणिज्य दूतावास ने ट्विटर पर इसकी पुष्टि करते हुए कहा, "मजदूर विभिन्न बैचों में भारत में लौट गए हैं।"
प्रेस, सूचना और संस्कृति के वाणिज्यदूत नीरज अग्रवाल ने कहा कि कार्यकर्ता जुलाई में मदद के लिए पहुंच गए थे।
उन्होंने कहा, "उन्हें लगभग छह महीने तक भुगतान नहीं किया गया था, जिसके बाद वे घर लौटने में मदद के लिए वाणिज्य दूतावास पहुंचे।" उन्होंने कहा कि मिशन ने उन्हें खाद्य आपूर्ति भी प्रदान की थी।
हालांकि, श्रमिकों के पासपोर्ट अभी भी कंपनियों के कब्जे में हैं। इस मुद्दे पर किसी भी टिप्पणी के लिए मालिक उपलब्ध नहीं था।
वाणिज्य दूतावास ने कहा कि कंपनियों के पीआरओ से संपर्क किया गया है। दूतावास ने यह भी आश्वासन दिया कि उनके पासपोर्ट और सिक्योरिटी डिपॉजिट को दुबई पुलिस और अदालत के सहयोग से सुरक्षित जमा कर लिया गया है।
इनमें से अधिकांश श्रमिक उत्तर प्रदेश से हैं और ये तीन चरणों या बैचों में वापस लौटे हैं।
गल्फ न्यूज ने अग्रवाल के हवाले से कहा, "अंतिम समूह 10 अक्टूबर को लखनऊ के लिए रवाना किया गया था।"
चूंकि श्रमिकों के वीजा वैध थे, इसलिए उन्हें अधिक समय तक देश में रुकने संबंधी किसी भी जुर्माने का सामना नहीं करना पड़ा।
इस्लामाबाद, 13 अक्टूबर । पाकिस्तान के पूर्व और मौजूदा सांसदों समेत प्रमुख असंतुष्टों ने देश के प्रधानमंत्री इमरान खान को 'सैन्य कठपुतली' करार दिया है। उन्होंने देश में स्थायित्व न होने, असुरक्षा और पड़ोसियों के साथ चलने की अक्षमता के लिये शक्तिशाली सेना को आरोपी ठहराया। पश्तून नेता और पूर्व सेनेटर अफरासियाब खटक ने ‘साउथ एशियन अगेंस्ट टेररिज्म एंड फॉर ह्यूमन राइट्स’ (एसएएटीएच) के पांचवें वार्षिक सम्मेलन में यहां तक दिया कि 'पाकिस्तान में अघोषित मार्शल लॉ लागू है।'
एसएएटीएच लोकतंत्र समर्थक पाकिस्तानियों का एक समूह है जिसकी स्थापना अमेरिका में पाकिस्तान के पूर्व राजदूत हुसैन हक्कानी और अमेरिका स्थित स्तंभकार डॉ. मोहम्मद तकी ने की थी। एक बयान के मुताबिक पूर्व में एसएएटीएच के वार्षिक सम्मेलन लंदन और वाशिंगटन में हुए थे लेकिन इस बार सम्मेलन में प्रतिभागी डिजिटल तौर पर शामिल हुए। इसमें कहा गया कि प्रतिभागियों ने प्रधानमंत्री खान को एक 'सैन्य कठपुतली' करार दिया।
समूह के सदस्यों में नेता, पत्रकार, ब्लॉगर, सोशल मीडिया कार्यकर्ता और नागरिक संस्थाओं से जुड़े लोग शामिल हैं। इनमें से कई विभिन्न देशों में निर्वासन में रहने को मजबूर हैं। बयान के मुताबिक पाकिस्तानी सुरक्षा सेवाओं ने पूर्व में एसएएटीएच की बैठकों को बाधित करने की कोशिश की और पाकिस्तान में रहने वाले उसके सदस्यों की विदेश यात्रा पर प्रतिबंध भी लगाया, लेकिन इस साल डिजिटल प्रारूप में होने वाली बैठक में देश में रह रहे कई प्रमुख असंतुष्ट चेहरों ने भी इसमें हिस्सा लिया।
पाकिस्तान से सम्मेलन को डिजिटल रूप से संबोधित करते हुए खटक ने कहा, 'यह पाकिस्तान में सबसे खतरनाक मार्शल लॉ है क्योंकि इसने संवैधानिक संस्थानों को अभद्र और विकृत किया है।' उन्होंने कहा, 'मौजूदा सैन्य व्यवस्था देश के राजनीतिक संस्थानों को सीमित कर रही है और हालात यह हैं कि खुफिया एजेंसियां सांसदों को यह निर्देश दे रही हैं कि सत्र में कब शामिल होना है और कब मतदान नहीं करना है।'
हक्कानी ने कहा कि प्रधानमंत्री खान ने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पाकिस्तान को कमजोर करने का आरोप लगाते हुए हाल में उनपर और एसएएटीएच पर आरोप लगाया था। उन्होंने कहा, 'पाकिस्तान आतंकवाद को बढ़ावा देने और स्वतंत्रता को दबाने की अपनी नीतियों की वजह से अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अपनी जमीन खो रहा है, न कि मानवाधिकारों के लिये आवाज उठाने वाले कार्यकर्ताओं की वजह से।' सम्मेलन में कई वक्ताओं ने पाकिस्तान में विभिन्न अल्पसंख्यकों को दबाए जाने और अधिकारों से वंचित रखे जाने का मुद्दा भी उठाया। (nbt)
वाशिंगटन, 13 अक्टूबर (आईएएनएस)| अमेरिका में मत सर्वेक्षण की नई रिपोर्ट से पता चला है कि राष्ट्रपति पद के डेमोक्रेटिक उम्मीदवार जो बाइडन को अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के खिलाफ विस्कॉन्सिन और मिशिगन राज्यों में बड़ी बढ़त मिली है। जबकि 2016 के चुनाव में ट्रंप ने इन दोनों राज्यों में जीत हासिल की थी। द हिल न्यूज वेबसाइट के अनुसार, न्यूयॉर्क टाइम्स-सिएना कॉलेज सर्वे ने सोमवार को जारी अपनी पोल रिपोर्ट में खुलासा किया है कि बाइडन को विस्कॉन्सिन में 10 अंकों और मिशिगन में 8 अंकों का फायदा हुआ है।
इसी बीच रविवार को जारी हुए एक सीबीएस न्यूज-यूगोव ट्रैकिंग पोल में पता चला कि ट्रंप, बाइडेन से मिशिगन और नेवादा दोनों में पीछे चल रहे हैं। इसके अलावा विस्कॉन्सिन के रियलक्लेयर पॉलिटिक्स औसत में बाइडन 5.5 अंक और मिशिगन में 7 अंक से आगे थे।
पिछले हफ्ते रायटर-इप्सोस पोल ने खुलासा किया था कि पूर्व उपराष्ट्रपति ने वर्तमान में पेंसिल्वेनिया में 5 प्रतिशत अंक की बढ़त और विस्कॉन्सिन में 6 प्रतिशत की बढ़त हासिल की है। इन दोनों राज्यों में बाइडन को 50-50 प्रतिशत समर्थन मिल रहा है, जबकि ट्रंप को पेंसिल्वेनिया में 45 प्रतिशत और विस्कॉन्सिन में 44 प्रतिशत लोगों का समर्थन मिल रहा है।
बता दें कि अमेरिका में राष्ट्रपति चुनाव के लिए फ्लोरिडा, एरिजोना, जॉर्जिया, आयोवा, मेन, मिशिगन, मिनेसोटा, नेवादा, न्यू हैम्पशायर, उत्तरी कैरोलिना, पेंसिल्वेनिया और विस्कॉन्सिन स्विंग स्टेट्स हैं, जहां दोनों ही प्रमुख पार्टियों को लगभग एक जैसा समर्थन हासिल है। ऐसे में राष्ट्रपति चुनाव के लिहाज से ये राज्य खासे अहम हैं।
काबुल, 13 अक्टूबर (आईएएनएस)| अफगान शांति प्रक्रिया पर काबुल सरकार और तालिबान के सदस्यों वाली समझौता टीमों के बीच 12 दिनों के अंतराल के बाद फिर से दोहा में बातचीत शुरू हो गई है। टोलो न्यूज ने प्रवक्ता मोहम्मद नईम के हवाले से कहा, "सोमवार की शाम को संपर्क समूहों के बीच एक बैठक हुई और बैठक के दौरान शेष मुद्दों पर चर्चा की गई। साथ ही यह सहमति बनी कि बैठकें जारी रहेंगी।"
सरकार की ओर से बातचीत करने वाली टीम के प्रतिनिधियों ने कहा कि वार्ता के प्रक्रियात्मक नियमों पर अगले दो दिनों में एक समझौता हो सकता है।
बताया गया है कि दोनों पक्षों ने प्रक्रियात्मक नियमों के लिए 20 में से 18 आर्टिकल्स पर सहमति व्यक्त की है, लेकिन वार्ता के लिए धार्मिक आधार और यूएस-तालिबान सौदे के साथ समझौते के दो बिंदु अभी भी अनसुलझे हैं। सरकार ने तालिबान की मांगों को खारिज करते हुए कुछ विकल्प सुझाए हैं।
सूत्रों ने सोमवार को कहा कि अफगानिस्तान के लिए अमेरिकी विशेष दूत जल्माय खलीलजाद ने गतिरोध खत्म करने के लिए रविवार को दोनों पक्षों से बातचीत की थी।
बता दें कि यह अंतर-अफगान वार्ता औपचारिक रूप से 12 सितंबर को शुरू की गई थी, लेकिन अब भी दोनों पक्षों के बीच सीधी बातचीत शुरू होनी बाकी है।
इस्लामाबाद, 13 अक्टूबर| पाकिस्तान के विमानन मंत्री गुलाम सरवर खान ने कहा कि न्यूयॉर्क स्थित रूजवेल्ट होटल को बेचने का पाकिस्तान सरकार का कोई इरादा नहीं है। यह पाकिस्तान इंटरनेशनल एयरलाइंस (पीआईए) के स्वामित्व वाला होटल है। डॉन न्यूज ने सोमवार को मंत्री के हवाले से कहा, "मीडिया में प्रसारित सभी खबरें अटकलों और राजनीतिक बिंदुओं से ज्यादा कुछ नहीं हैं।"
खान ने कहा कि होटल के प्रबंधन ने जे.पी. मॉर्गन बैंक से 16 करोड़ डॉलर का कर्ज लिया था और यह अपने राजस्व से इसका नियमित भुगतान कर रहा है। फिलहाल इसकी बकाया राशि 10.5 करोड़ डॉलर है।
हालांकि, कोविड-19 महामारी के बाद होटल वित्तीय संकट में चला गया था, जिससे ऋणदाता को अपनी देनदारियों को किसी अन्य कंपनी को बेचने का बहाना मिल गया। उस फर्म ने अब होटल खरीदने के लिए अपनी जगहें तय की हैं।
खान ने कहा कि इस संपत्ति के अधिग्रहण का भी प्रयास किया गया था, लेकिन पाकिस्तान सरकार ने इससे अपने पैर पीछे खींच लिए और मामले को अपने हाथ में लेने का फैसला किया।
मंत्री ने कहा, "रूजवेल्ट होटल फिलहाल चालू है और कई एयरलाइनों के साथ इस साल दिसंबर तक इसके वैध अनुबंध हैं।"
उन्होंने कहा, "इसके भविष्य के लिए कई विकल्पों पर विचार किया जा रहा है और होटल के बोर्ड और पाकिस्तान सरकार द्वारा सामूहिक रूप से सभी निर्णय लिए जा रहे हैं।"
पाकिस्तानी अखबार डॉन की रिपोर्ट में कहा गया है कि मैनहट्टन में स्थित 19 मंजिला रूजवेल्ट होटल को 1979 में पीआईए की ओर से साझेदारी में अधिग्रहीत किया गया था।
इसके बाद 1999 में इसने अपने संसाधनों से 100 फीसदी हिस्सेदारी हासिल कर ली थी। (आईएएनएस)
अतीत शर्मा
नई दिल्ली, 13 अक्टूबर| सिंध के गोलेरची में जून में एक हिंदू मंदिर को मस्जिद में बदल दिया गया था और 100 से अधिक हिंदुओं का धर्मातरण कर उन्हें मुस्लिम बना दिया गया था। करीब एक महीने पहले ही बहावलपुर में फिर से ऐसे ही दृश्य देखे गए।
जुलाई में इस्लामाबाद में निमार्णाधीन श्री कृष्ण मंदिर को तोड़ दिया गया, इसे पाकिस्तानी राजधानी में हिंदुओं का पहला मंदिर कहा जा रहा था। फिर अगस्त में विभाजन के पहले के एक हनुमान मंदिर को कट्टरपंथियों द्वारा मलबे में बदल दिया गया। इस इलाके में दो दर्जन से ज्यादा हिंदुओं के घर थे।
अब सिंध के बाडिन में राम पीर में तोड़फोड़ की गई है। कुल मिलाकर पाकिस्तान में ज्यादातर मंदिर तो नष्ट कर दिए गए हैं और जो सौभाग्य से जीवित बचे हैं, वे कब तक बचे रहेंगे, कोई नहीं जानता।
मानवाधिकारों के सबसे बड़े उल्लंघनकर्ता पाकिस्तान में जिस तरह से हिंदू, ईसाई, सिख, शिया, अहमदी का सामूहिक धर्मातरण हो रहा है, दुष्कर्म और जबरन विवाह हो रहे हैं, उसे देखकर लगता नहीं कि इस देश में लंबे समय तक कोई धार्मिक अल्पसंख्यक सुरक्षित रह पाएंगे। पिछले कुछ सालों में यहां असहिष्णुता और दुर्व्यवहार खतरनाक स्तर तक बढ़ गया है।
पाकिस्तान की मानवाधिकार कार्यकर्ता अनिला गुलजार कहती हैं, "सिंध में 428 में से केवल 20 मंदिर बचे हैं।" इन हिंदू मंदिर का विध्वंस करने के बाद इस्लामवादी लोग या तो मस्जिदों में बदल देते हैं या पार्किं ग स्थल या किसी अन्य चीज में।
जबकि सिंध में कभी हिंदुओं की बड़ी आबादी हुआ करती थी। 1998 की जनगणना में सिंध की आबादी में लगभग 6.5 प्रतिशत हिंदू थे, लेकिन पिछले कुछ दशकों में यहां बड़े पैमाने पर धर्मातरण हुआ। इमरान सरकार ने तो इन अल्पसंख्यकों के अधिकारों की रक्षा करने के बजाय इन पर हमले तेज कर दिए हैं।
सितंबर में एक सीनेट समिति ने यह कहकर धार्मिक अल्पसंख्यकों की सुरक्षा के एक बिल को खारिज कर दिया कि इसकी बजाय मुसलमानों के अधिकारों की सुरक्षा के लिए बिल पेश किया जाना चाहिए।
धार्मिक मामलों की स्थायी समिति और सीनेटर हाफिज अब्दुल करीम ने कहा, "पाकिस्तान में अल्पसंख्यकों को पहले ही कई अधिकार दिए जा चुके हैं। उपद्रव तब होते हैं, जब कुछ हिंदू लड़कियां इस्लाम अपनाकर मुस्लिम लड़कों से शादी करती हैं। प्रत्येक व्यक्ति को धार्मिक स्वतंत्रता का अधिकार है।"
यूएस कमीशन ऑन इंटरनेशनल रिलीजियस फ्रीडम (यूएससीआईआरएफ) की वार्षिक रिपोर्ट में कहा गया है, "पाकिस्तान भर में धार्मिक स्वतंत्रता की स्थिति नकारात्मक है। यहां जबरन धर्म परिवर्तन हो रहे हैं। ऐसे मामलों के हाई-प्रोफाइल आरोपी बरी हुए हैं। यूएससीआईआरएफ को लगभग 80 व्यक्तियों के बारे में पता है, जिनमें से आधे लोगों को ईश निंदा के लिए आजीवन कारावास या मौत की सजा हुई है।"
लेकिन, क्या वाकई इससे कोई फर्क पड़ा है? नहीं। पाकिस्तानी सरकार को अब देश की छवि को वैश्विक स्तर पर खराब होते देखने की आदत हो गई है। जाहिर है, ऐसी स्थिति सिर्फ अल्पसंख्यकों के लिए ही नहीं, बल्कि पूरी आबादी के लिए एक आपदा की तरह है। (आईएएनएस)
सियोल, 13 अक्टूबर| दक्षिण कोरिया में और 22 सैनिक कोरोनावायरस जांच में पॉजिटिव पाए गए हैं। यूएस फोर्सेज कोरिया ने यह जानकारी मंगलवार को दी। योनहाप न्यूज एजेंसी के रिपोर्ट के अनुसार, इस तरह के मामलों की संख्या बढ़कर 225 हो गई है। इन मामलों में से अधिक मामले यहां आने के बाद हुए हैं।
यूएसएफके ने एक बयान में कहा कि 22 पॉजिटिव मामलों में से 18 अमेरिकी सरकार की चार्टर्ड फ्लाइट से सियोल के दक्षिण में प्योंगटेक में ओसान एयर बेस पर आए थे, वहीं चार अन्य सैनिक वाणिज्यिक उड़ानों पर इंचियोन इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर आगमन हुए थे।
यूएसएफके ने अपने बयान में कहा, "क्वारंटाइन रूम और साथ लाए सारे सामान को सैनिटाइज कर दिया गया है।" उन्होंने कहा कि नया आगमन करने वाले व्यक्ति यहां के स्थानीय लोगों के संपर्क में नहीं आए हैं।
कोरिया रोग नियंत्रण और रोकथाम एजेंसी (केडीसीए) के अनुसार, देश में पिछले 24 घंटों के दौरान कोरोनावायरस जांच रिपोर्ट में 102 नए मामले सामने आए हैं, जिससे यहां मामलों की संख्या बढ़कर 24,805 पहुंच गई है।
देश में कोरोनावायरस से अब तक 434 लोगों की जान जा चुकी है। (आईएएनएस)
बीजिंग, 13 अक्टूबर| वनप्लस के सह-संस्थापक कार्ल पेई ने कथित तौर पर कम्पनी छोड़ दिया है। पेई ने कम्पनी के फ्लैगशिप वनप्लस 8टी सीरीज और नॉर्ड एन10 सीरीज लॉन्च से ठीक पहले कम्पनी छोड़ने का फैसला किया है। टेकक्रंच की रिपोर्ट के मुताबिक पेई नया वेंचर शुरू करने के लिए कम्पनी छोड़ रहे हैं और अभी उनकी पूंजी जुटाने के लिए निवेशकों से बातचीत चल रही है।
पेई ने ट्विटर हैंडल पर इसकी जानकारी दी। वह अब तक वनप्लस नॉर्ड लाइनअप को देख रहे थे और इससे पहले वनप्लस के फ्लैगशिप मॉडल्स उनके पास थे।
वनप्लस 14 अक्टूबर को अपने फ्लैगशिप मॉडल 8जी 5जी का ग्लोबल लॉन्च कर रहा है। (आईएएनएस)
न्यूयॉर्क, 13 अक्टूबर . जॉन्स हॉपकिन्स विश्वविद्यालय में सेंटर फॉर सिस्टम साइंस एंड इंजीनियरिंग (सीएसएसई) के अनुसार, अमेरिका में कोविड-19 के कुल मामले 7,802,281 हो गए हैं, वहीं संक्रमण से 214,045 मौतें दर्ज की गई है।
सीएसएसई ने सोमवार को जानकारी दी कि, कैलिफोर्निया में अब तक कुल 857,563 मामले दर्ज किए गए हैं, जो सभी राज्यों के मुकाबले सबसे ज्यादा हैं।
समाचार एजेंसी सिन्हुआ की रिपोर्ट के अनुसार, टेक्सास में 820,921 मामले दर्ज किए गए हैं, इसके बाद फ्लोरिडा में 736,024, न्यूयॉर्क में 470,000 से अधिक मामले दर्ज किए गए हैं।
सीएसएसई के अनुसार, संक्रमण के 210,000 से अधिक मामलों वाले अन्य राज्यों में जॉर्जिया, इलिनोइस, नोर्थ कैरोलिना, एरिजोना, टेनेसी और न्यू जर्सी शामिल हैं।
कोविड-19 से अमेरिका दुनिया का सबसे अधिक प्रभावित देश बना हुआ है, जो सबसे ज्यादा मामले और मौतों के साथ शीर्ष पर है।(आईएएनएस)
नई दिल्ली, 13 अक्टूबर | पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने हाल ही में एक समारोह में कहा, "मैं जम्हूरियत हूं। मुझे पाकिस्तान में सबसे ज्यादा वोट हासिल करने के बाद चुना गया और मैं पांच इंतखाबी इलाकों से जीता।"
उन्होंने कहा, "हमारे सशस्त्र बलों द्वारा प्रदान किए गए बलिदानों के कारण हम आज सुरक्षित हैं। इसका कारण यह है कि मुझे सेना के साथ कोई समस्या ही नहीं है और सेना ने मेरी सरकार के हर एजेंडे का समर्थन किया है, क्योंकि मेरा रिकॉर्ड साफ है।"
फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स (एफएटीएफ) की आवश्यकताओं के अनुपालन की आड़ में, खान की अगुवाई वाली सरकार ने सितंबर के मध्य में आठ कानून बलपूर्वक लाए गए, जिसके बाद विपक्ष ने सत्ता पक्ष पर निशाना साधना शुरू किया। खान की पार्टी पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) ने यह प्रयास अपने वास्तविक स्वामी खुफिया एजेंसी आईएसआई को खुश करने के लिए किया।
पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ की पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज (पीएमएल-एन) और बिलावल भुट्टो जरदारी की पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी (पीपीपी) के नेतृत्व में विपक्ष ने दावा किया कि उनके सदस्यों ने रहस्यमयी कॉल आने की शिकायत की है, जिनमें उन्हें संसदीय कार्यवाही से दूर रहने के लिए कहा गया था, जिससे संसद के संयुक्त सत्र के माध्यम से इसका मार्ग प्रशस्त हो सके।
खान की परेशानियां खत्म नहीं हुई हैं। दरअसल, 11 पार्टियों के महागठबंधन पाकिस्तान डेमोक्रेटिक मूवमेंट (पीडीएम) ने 16 अक्टूबर से इमरान खान के खिलाफ राष्ट्रव्यापी रैलियां शुरू करने की योजना बनाई है। खान की अगुवाई वाली सरकार के सामने अब यह बड़ी चुनौती आकर खड़ी हो चुकी है, जिससे पार पाना उसके लिए मुश्किल नजर आ रहा है।
खान के कट्टर प्रतिद्वंद्वी नवाज शरीफ पाकिस्तानी विपक्षी दलों को संबोधित कर रहे हैं। उन्होंने लंदन से एक वीडियो लिंक के माध्यम से पिछले महीने कहा था, "अब पाकिस्तान को एफएटीएफ जैसे प्लेटफार्मों द्वारा निर्धारित लक्ष्यों को पूरा करने की कोशिश करने की शर्म से निपटना होगा।"
शरीफ का यह बयान ऐसे समय में आया है, जब पाकिस्तान एफएटीएफ द्वारा 21 से 23 अक्टूबर के लिए निर्धारित बैठक में ब्लैक लिस्ट होने से बचने की कोशिश कर रहा है।
फरवरी में एफएटीएफ की बैठक में पाकिस्तान ने अंतर्राष्ट्रीय आतंकवाद विरोधी वित्त पोषण मानदंडों का पालन करने के लिए अतिरिक्त चार महीने का समय मांगा था। हालांकि पाकिस्तान को चेतावनी दी गई थी कि अगर वह मानदंडों को पूरा करने में विफल रहा, तो इसे ब्लैकलिस्ट किया जाएगा।
एफएटीएफ ने कहा कि यह चिंतित करनी वाली बात है कि इस्लामाबाद फिर से अंतरराष्ट्रीय स्तर पर सहमत कार्य योजना को पूरा करने में विफल रहा। अगर पाकिस्तान अक्टूबर तक एफएटीएफ के निर्देशों का पालन करने में विफल रहता है, इसके ब्लैक लिस्टेड होने की पूरी संभावना है।(आईएएनएस)
ढाका, 12 अक्टूबर | प्रधानमंत्री शेख हसीना की अध्यक्षता में सोमवार को बांग्लादेश के मंत्रिमंडल ने दुष्कर्म के मामलों में अधिकतम सजा को आजीवन कारावास से बढ़ाकर मृत्युदंड करने वाले कानूनी संशोधन को मंजूरी दे दी है। बीडी न्यूज24 ने कैबिनेट सचिव खंदकर अनवरुल इस्लाम के हवाले से कहा कि चूंकि संसद का सत्र नहीं चल रहा है, लिहाजा महिला एवं बाल अत्याचार निवारण अधिनियम शीर्षक से प्रस्तावित इस संशोधन के लिए अब राष्ट्रपति अब्दुल हमीद द्वारा अध्यादेश जारी करने की संभावना है।
कानून मंत्री अनिसुल हक ने बीडी न्यूज24 को बताया, "अध्यादेश कल जारी किया जाएगा।"
गौरतलब है कि नोआखाली में एक महिला के साथ हुए यौन शोषण और सिलहट के एमसी कॉलेज में एक महिला के साथ हुए दुष्कर्म के बाद ढाका समेत देश के कई हिस्सों में जमकर विरोध प्रदर्शन किए जा रहे थे। इसके बाद इस कानून में संशोधन को मंजूरी दे दी गई।
आंकड़ों के अनुसार, पिछले 16 वर्षो में बांग्लादेश में दुष्कर्म के 4,541 मामले दर्ज किए गए और इनमें से केवल 60 मामलों में ही आरोपी को दंडित किया गया। इसी साल यहां कम से कम 889 महिलाओं के साथ दुष्कर्म हुआ है।
इस क्षेत्र में काम कर रहे कार्यकर्ताओं का मानना है कि यह संख्या बहुत ज्यादा है, लेकिन एक सच्चाई यह भी है कि कई पीड़िताएं पुलिस से शिकायत नहीं करती हैं।
--आईएएनएस
स्टॉकहोम, 12 अक्टूबर| साल 2020 का अर्थशास्त्र का नोबेल पुरस्कार सोमवार को अमेरिकी अर्थशास्त्री पॉल आर. मिलग्रोम और रॉबर्ट बी. विल्सन को ऑक्शन थियोरी में सुधार और ऑक्शन करने के नए आविष्कार के लिए दिया गया। रॉयल स्वीडिश एकेडमी ऑफ साइंस के अनुसार, विल्सन को अर्थशास्त्र में इस वर्ष के पुरस्कार से सम्मानित किया है क्योंकि उन्होंने दिखाया कि बोली लगाने वाले अपने सामान्य मूल्य के नीचे बोलियां क्यों लगाते हैं।
मिलग्रोम और विल्सन दोनों स्टैनफोर्ड यूनिवर्सिटी से हैं। (आईएएनएस)