राष्ट्रीय
तीन अक्टूबर को लखीमपुर खीरी में हुई हिंसा की सुनवाई गुरुवार को सुप्रीम कोर्ट में हुई. इस हिंसा में चार किसान समेत आठ लोगों की मौत हुई थी. उत्तर प्रदेश सरकार ने भी जांच आयोग का गठन किया है.
डॉयचे वैले पर आमिर अंसारी की रिपोर्ट-
उत्तर प्रदेश सरकार ने गुरुवार को घोषणा की कि उच्च न्यायालय के सेवानिवृत्त न्यायाधीश प्रदीप कुमार श्रीवास्तव की अध्यक्षता में एक सदस्यीय जांच आयोग रविवार को लखीमपुर खीरी जिले में हुई हिंसा की जांच करेगा. इस हिंसा में चार किसानों समेत आठ लोगों की मौत हो गई थी. यह घोषणा मुख्य न्यायाधीश एनवी रमना की अगुवाई वाली सर्वोच्च न्यायालय की पीठ द्वारा एक महत्वपूर्ण सुनवाई से पहले हुई.
सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को उत्तर प्रदेश सरकार से लखीमपुर हिंसा मामले के आरोपियों के संबंध में स्टेटस रिपोर्ट दाखिल करने के लिए कहा और साथ ही पूछा कि क्या आरोपियों के खिलाफ कोई कार्रवाई हुई है. अदालत ने कहा, "हमें यह जानने की जरूरत है कि वे आरोपी कौन हैं जिनके खिलाफ आपने प्राथमिकी दर्ज की है और आपने उन्हें गिरफ्तार किया है या नहीं."
सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने सवाल किया, "आपने कितने लोगों को गिरफ्तार किया." कोर्ट ने उत्तर प्रदेश से शुक्रवार तक रिपोर्ट दाखिल करने को कहा है. सर्वोच्च न्यायालय ने राज्य सरकार से सभी पहलुओं पर रिपोर्ट मांगी है.
न्यायालय ने यह भी स्पष्ट किया कि उसने लखीमपुर हिंसा मामले का स्वत: संज्ञान नहीं लिया क्योंकि दो वकीलों ने एक याचिका दर्ज की थी. चीफ जस्टिस एनवी रमना ने कहा, "मुझे लगता है कि संवाद समस्या के कारण यह स्वत: संज्ञान हो गया."
हिंसा में मारे गए आठ लोग
रविवार को हुई हिंसा में चार किसान, एक पत्रकार और बाकी बीजेपी के कार्यकर्ता मारे गए थे. किसानों का आरोप है कि केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा के बेटे आशीष मिश्रा ने अपनी गाड़ी उन पर चढ़ा दी. किसानों पर गाड़ी चढ़ाने के कई वीडियो मीडिया में आए हैं और वीडियो में साफ दिख रहा है कि किसानों पर जानबूझकर गाड़ी चढ़ाई गई है.
कांग्रेस नेता राहुल गांधी और प्रियंका गांधी ने बुधवार को लखीमपुर खीरी में हुई हिंसा में मारे गए लोगों के परिवारों से मुलाकात की. इससे पहले दिन में प्रियंका हिरासत से रिहा होने के बाद लखीमपुर खीरी के लिए रवाना हुई थीं. गुरुवार को भी कई नेता लखीमपुर खीरी पहुंचे और पीड़ित परिवार से मुलाकात की.
बीजेपी के सांसद वरुण गांधी ने गुरुवार को एक वीडियो ट्वीट किया जिसमें किसानों पर गाड़ी चढ़ती दिख रही है. उन्होंने लिखा, "वीडियो बिल्कुल साफ है. हत्या के जरिए प्रदर्शनकारियों को चुप नहीं कराया जा सकता. निर्दोष खून के लिए जवाबदेही होनी चाहिए. हर किसान के दिमाग में उग्रता और निर्दयता की भावना घर करे इसके पहले उन्हें इंसाफ दिलाना होगा." वरुण गांधी इससे पहले भी एक ट्वीट कर गाड़ी चढ़ाने वालों को गिरफ्तार करने की मांग कर चुके हैं.
मंत्री बार-बार कह रहे हैं कि हिंसा वाले दिन उनका बेटा वहां मौजूद नहीं था और वह दूसरे आयोजन में शामिल था. मंत्री ने गाड़ी अपनी होने की बात मानी है. विपक्षी नेताओं की मांग है कि अजय मिश्रा को इस्तीफा देना चाहिए ताकि जांच सही ढंग से की जा सके. (dw.com)
कल्पना कीजिए कि आप ट्रैफिक जाम में फंसे हों और आपको तबला, हारमोनियम और सितार जैसे संगीत वाले हॉर्न सुनाई दें. भविष्य में भारत में ऐसा मुमकिन हो सकता है.
डॉयचे वैले पर आमिर अंसारी की रिपोर्ट
भारत के बड़े शहर हों या छोटे, बेवजह हॉर्न बजाना एक आम समस्या है. कई बार लोग ट्रैफिक लाइट पार करने के लिए लगातार हॉर्न बजाते रहते हैं. हॉर्न की भड़काऊ आवाज बुजुर्गों, बच्चों और मरीजों के लिए परेशानी का सबब बनती है. लेकिन जल्द ही देश में कानफोड़ हॉर्न की जगह वाहनों के हॉर्न के रूप में केवल भारतीय संगीत वाद्ययंत्रों की आवाज का इस्तेमाल हो सकता है.
केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी एक ऐसा कानून बनाने की योजना पर काम कर रहे हैं जिसके बाद गाड़ियों में संगीतमय हॉर्न लगाए जा सकेंगे. गडकरी का कहना है, "एक कलाकार ने आकाशवाणी (ऑल इंडियन रेडियो) की एक धुन बनाई थी और यह सुबह-सुबह बजाई जाती है. मैं एंबुलेंस के लिए उस धुन का उपयोग करने के बारे में सोच रहा हूं ताकि लोग सुखद महसूस करें."
वह आगे कहते हैं, "मंत्रियों के गुजरते समय तेज आवाज में हूटर बजता है. यह बहुत परेशान करने वाला है. इससे कानों को भी नुकसान होता है."
एंबुलेंस की आवाज भी बदलेगी
नासिक में एक राजमार्ग के उद्घाटन समारोह में बोलते हुए गडकरी ने कहा कि वह एंबुलेंस और पुलिस की गाड़ियों द्वारा इस्तेमाल किए जाने वाले सायरन का भी अध्ययन कर रहे हैं और उन्हें ऑल इंडिया रेडियो पर बजाए जाने वाले अधिक सुखद धुन के साथ बदलना चाहते हैं.
गडकरी ने कहा कि उन्होंने गाड़ियों पर लाल बत्ती के इस्तेमाल पर रोक लगाई और "अब इन सायरन को भी खत्म करना चाहता हूं."
कई अध्ययनों के मुताबिक भारत और अन्य जगहों पर शहरी इलाके में शोर में वाहनों की आवाज की बड़ी भूमिका होती है. केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड कई शहरों में प्रमुख यातायात जंक्शनों पर डेसिबल लेवल पर नजर रखता है. चेन्नई, दिल्ली, कोलकाता, मुंबई और हैदराबाद जैसे शहरों को देश में सबसे अधिक शोर वाला पाया गया है.
खतरनाक है शोर
सरकारी आदेश है कि रिहायशी इलाकों में शोर का स्तर दिन के दौरान 55 डेसिबल और रात में 45 डेसिबल से अधिक नहीं होना चाहिए. घड़ी की टिक-टिक की आवाज औसतन 20 डेसिबल होती है लेकिन 70 डेसिबल पर इंसान परेशान हो सकता है.
अमेरिका के सेंटर फॉर डिजिज कंट्रोल ऐंड प्रिवेंशन के मुताबिक लंबे समय तक 70 डेसिबल से ऊपर का शोर इंसान के सुनने की क्षमता को नुकसान पहुंचाना शुरू कर सकता है. 120 डेसिबल से ऊपर की तेज आवाज आपके कानों को तुरंत नुकसान पहुंचा सकती है. सीडीसी के मुताबिक शांत स्थान पर शून्य डेसिबल होता है और हल्की फुसफुसाहट 30 डेसिबल की ध्वनि होती है. उसके मुताबिक 60 डेसिबल तक कान को नुकसान नहीं होता है.
विश्व स्वास्थ्य संगठन का कहना है कि ध्वनि प्रदूषण से बहरापन, दिल से जुड़ी समस्याएं, संज्ञानात्मक नुकसान, तनाव और अवसाद हो सकता है. लेकिन क्या सिर्फ हॉर्न की आवाज बदल देने से वाहन चालकों के व्यवहार में बदलाव आ जाएगा, इस लाख टके के सवाल का जवाब तभी मिल पाएगा जब वाकई में लोग ध्वनि प्रदूषण को लेकर जागरूक होंगे. (dw.com)
स्टॉकहोम, 6 अक्टूबर | जर्मन और अमेरिकी संस्थानों के वैज्ञानिकों को अणुओं के निर्माण में क्रांति लाने वाले एक सरल उपकरण के विकास के लिए बुधवार को रसायन विज्ञान के नोबेल पुरस्कार, 2021 से सम्मानित किया गया। रॉयल स्वीडिश एकेडमी ऑफ साइंसेज ने मैक्स-प्लैंक-इंस्टीट्यूट फर कोहलेनफोर्सचुंग (मैक्स प्लैंक इंस्टीट्यूट फॉर कोल रिसर्च), जर्मनी के मुल्हेम एन डेर रुहर और प्रिंसटन यूनिवर्सिटी के ब्रिटिश-जन्मे डेविड डब्ल्यूसी मैकमिलन से बेंजामिन लिस्ट को 'एसिमेट्रिक ऑर्गेनोकैटलिसिस के विकास के लिए सम्मानित किया।
लिस्ट और मैकमिलन ने आणविक निर्माण के लिए एक सटीक नया उपकरण विकसित किया जिसे ऑर्गेनोकैटलिसिस कहा जाता है।
कई शोध क्षेत्र और उद्योग रसायनज्ञों की अणुओं के निर्माण की क्षमता पर निर्भर हैं जो लोचदार और टिकाऊ सामग्री बना सकते हैं, बैटरी में ऊर्जा स्टोर कर सकते हैं या बीमारियों की प्रगति को रोक सकते हैं।
इस काम के लिए उत्प्रेरक की जरूरत होती है। ये ऐसे पदार्थ हैं, जो प्रतिक्रिया में भाग लिए बिना रासायनिक प्रतिक्रियाओं को नियंत्रित और तेज करते हैं।
बयान में कहा गया है कि पुरस्कार विजेताओं ने फार्मास्युटिकल अनुसंधान पर बहुत प्रभाव डाला है और रसायन विज्ञान को हरित बना दिया है। जबकि उत्प्रेरक रसायनज्ञों के लिए मौलिक उपकरण हैं, शोधकर्ता लंबे समय से मानते थे कि सिद्धांत रूप में, केवल दो प्रकार के उत्प्रेरक उपलब्ध थे- धातु और एंजाइम।
वर्ष 2000 में लिस्ट और मैकमिलन ने एक-दूसरे से स्वतंत्र होकर एक तीसरे प्रकार का कटैलिसिस विकसित किया, जिसे एसिमेट्रिक ऑर्गेनोकैटलिसिस कहा जाता है। इसका निर्माण छोटे कार्बनिक अणुओं पर किया जाता है।
रसायन विज्ञान के लिए नोबेल समिति के अध्यक्ष जोहान एक्विस्ट ने कहा, "उत्प्रेरण के लिए यह अवधारणा जितनी सरल है, उतनी ही शुद्ध भी, और तथ्य यह है कि कई लोगों का कहना है कि हमने इसके बारे में पहले क्यों नहीं सोचा।"
कार्बनिक उत्प्रेरक में कार्बन परमाणुओं का एक स्थिर ढांचा होता है, जिससे अधिक सक्रिय रासायनिक समूह जुड़ सकते हैं। इनमें अक्सर ऑक्सीजन, नाइट्रोजन, सल्फर या फास्फोरस जैसे सामान्य तत्व होते हैं। इसका मतलब है कि ये उत्प्रेरक पर्यावरण के अनुकूल और उत्पादन के लिए सस्ते, दोनों हैं।
बयान में कहा गया है, "2000 के बाद से ऑर्गनोकैटलिसिस आश्चर्यजनक गति से विकसित हुआ है। लिस्ट और मैकमिलन इस क्षेत्र में अग्रणी बने हुए हैं। उन्होंने दिखाया है कि कार्बनिक उत्प्रेरक का उपयोग कई रासायनिक प्रतिक्रियाओं को चलाने के लिए किया जा सकता है।"
आगे कहा गया है, "इन प्रतिक्रियाओं का उपयोग करके शोधकर्ता अब नए फार्मास्यूटिकल्स से अणुओं तक कुछ भी कुशलतापूर्वक बना सकते हैं। ऐसे अणु, जो सौर कोशिकाओं में प्रकाश पर कब्जा कर सकते हैं।"(आईएएनएस)
नई दिल्ली, 6 अक्टूबर | प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी गुरुवार को 35 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में पीएम केयर्स के तहत स्थापित 35 प्रेशर स्विंग ऐड्सॉप्र्शन (पीएसए) ऑक्सीजन संयंत्र राष्ट्र को समर्पित करेंगे। पीएम मोदी इन ऑक्सीजन पीएसए संयंत्रों को गुरुवार की सुबह 11 बजे उत्तराखंड के अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) ऋषिकेश में आयोजित होने वाले एक कार्यक्रम में समर्पित करेंगे।
इससे देश के सभी जिलों में अब पीएसए ऑक्सीजन संयंत्र चालू हो जाएंगे। इस मौके पर प्रधानमंत्री सभा को भी संबोधित करेंगे।
अब तक, पूरे देश में कुल 1,224 पीएसए ऑक्सीजन संयंत्रों को पीएम केयर्स के तहत वित्तपोषित किया गया है, जिनमें से 1,100 से अधिक संयंत्रों को चालू किया गया है, जिससे प्रतिदिन 1,750 मीट्रिक टन से अधिक ऑक्सीजन का उत्पादन होता है।
यह कोविड-19 महामारी शुरू होने के बाद से भारत की चिकित्सा ऑक्सीजन उत्पादन क्षमता को बढ़ाने के लिए सरकार द्वारा उठाए गए सकारात्मक उपायों का प्रमाण है।
देश के प्रत्येक जिले में एक पीएसए ऑक्सीजन संयंत्र चालू करने की परियोजना को पहाड़ी क्षेत्रों, द्वीपों और दुगर्म भू-भाग वाले क्षेत्रों की जटिल चुनौतियों से निपटने के उद्देश्य से क्रियान्वित किया गया था।
7,000 से अधिक कार्मिकों को प्रशिक्षण देकर इन संयंत्रों का संचालन और रखरखाव सुनिश्चित किया गया है। वे एक सशक्त वेब पोर्टल के माध्यम से अपने कामकाज एवं निष्पादन की तत्काल निगरानी के लिए एक एम्बेडेड इंटरनेट ऑफ थिंग्स (आईओटी) डिवाइस के साथ होते हैं।
इस अवसर पर केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री के साथ-साथ उत्तराखंड के राज्यपाल और मुख्यमंत्री भी मौजूद रहेंगे। (आईएएनएस)
नई दिल्ली, 6 अक्टूबर | प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने बुधवार को वित्तवर्ष 2020-21 के लिए रेलवे सुरक्षा बल और रेलवे सुरक्षा विशेष बल के जवानों के लिए 78 दिनों के वेतन के बराबर उत्पादकता से जुड़े बोनस (पीएलबी) को मंजूरी दे दी। कैबिनेट की बैठक के बाद मीडिया को जानकारी देते हुए सूचना एवं प्रसारण मंत्री अनुराग ठाकुर ने कहा कि रेलवे कर्मचारियों को 78 दिनों के पीएलबी के भुगतान का वित्तीय निहितार्थ 1984.73 करोड़ रुपये होने का अनुमान है। 11.56 लाख अराजपत्रित कर्मचारी इस निर्णय से लाभान्वित होंगे और रेलवे के प्रदर्शन में सुधार की दिशा में काम करने के लिए प्रेरित होने की उम्मीद है।
प्रति पात्र रेलवे कर्मचारी देय अधिकतम राशि 78 दिनों के लिए 17,951 रुपये है।
पात्र रेलवे कर्मचारियों को पीएलबी का भुगतान प्रत्येक वर्ष दशहरा की छुट्टियों से पहले किया जाता है। इस साल भी छुट्टियों से पहले इसे लागू कर दिया जाएगा।
रेलवे केंद्र सरकार का पहला मंत्रालय था, जहां 1979-80 में पीएलबी की अवधारणा पेश की गई थी, जिसे दो मान्यता प्राप्त संघों, ऑल इंडिया रेलवेमेन फेडरेशन और नेशनल फेडरेशन ऑफ इंडियन रेलवेमेन के परामर्श से और कैबिनेट की मंजूरी के साथ विकसित किया गया था। इस योजना में हर तीन साल में समीक्षा की परिकल्पना की गई है।
उस समय अर्थव्यवस्था के बुनियादी ढांचे को सहयोग देने में रेलवे की महत्वपूर्ण भूमिका थी।(आईएएनएस)
मुंबई, 6 अक्टूबर | राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) के एक वरिष्ठ नेता ने बुधवार को चौंकाने वाले दावे में आरोप लगाया कि 2 अक्टूबर में एक लक्जरी जहाज कार्डेलिया क्रूज पर नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो के छापे में भारतीय जनता पार्टी के 'उपाध्यक्ष' सहित दो निजी व्यक्ति शामिल थे। एनसीपी के राष्ट्रीय प्रवक्ता और महाराष्ट्र के अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री नवाब मलिक ने 'धोखाधड़ी' एनसीबी संचालन की निंदा की, जिसमें भाजपा नेता मनीष भानुशाली और 'निजी जासूस' किरण पी गोसावी को आरोपियों को खींचते हुए देखा गया था, जिसमें सुपरस्टार शाहरुख खान के बेटे आर्यन खान और अरबाज मर्चेंट शामिल हैं।
जहां एक दाढ़ी और चश्मे वाले भानुशाली को मैरून शर्ट पहने हुए, मर्चेंट को खींचते हुए देखा गया, वहीं गोसावी को आर्यन खान को शनिवार की देर रात इंटरनेशनल क्रूज टर्मिनल से बाहर खींचते हुए दिखाया गया, जिसने देश और बॉलीवुड इंडस्ट्री को झकझोर कर रख दिया है।
मलिक ने कहा कि भानुशाली ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, महाराष्ट्र विधानसभा में विपक्ष के नेता देवेंद्र फडणवीस, वर्तमान और पूर्व केंद्रीय और राज्य मंत्रियों और अन्य वरिष्ठ भाजपा नेताओं के साथ तस्वीरें पोस्ट की थीं।
उन्होंने मांग की, "भाजपा और एनसीबी को स्पष्ट होना चाहिए कि ये दो व्यक्ति कौन हैं और उन्हें तथाकथित जहाज छापे में क्यों देखा गया था। ये दोनों व्यक्ति फर्जी हैं और एनसीबी की छापेमारी केवल प्रचार को हथियाने के लिए एक धोखाधड़ी थी। उन दोनों के साथ भाजपा के कनेक्शन क्या हैं।"
मलिक ने दोहराया कि सुशांत सिंह राजपूत की मृत्यु के बाद से पिछले एक साल से एनसीबी केवल हाई-प्रोफाइल फिल्मी हस्तियों को निशाना बना रहा है, छापेमारी की जा रही है, प्रचार पर नजर रखी जा रही है, महाविकास अघाड़ी सरकार को बदनाम किया जा रहा है और बॉलीवुड के लोगों के मन में डर पैदा किया जा रहा है।
जवाब में, परिषद में भाजपा के नेता प्रतिपक्ष प्रवीण दरेकर ने मलिक की दलीलों का तुरंत खंडन किया और कहा कि वह हताशा में आरोप लगा रहे थे, क्योंकि उनके दामाद समीर खान को जनवरी 2021 में एनसीबी ने पकड़ लिया था।(आईएएनएस)
फ्रांस के कैथोलिक चर्चों में बच्चों के बड़े पैमाने पर यौन शोषण का पहला बड़ा खुलासा हुआ है. अनुमानित तौर पर बीते 70 सालों में 3.30 लाख बच्चे यौन शोषण के शिकार हुए.
फ्रांस में कैथोलिक चर्चों में बच्चों के यौन शोषण की जांच स्वतंत्र आयोग ने की और इसकी रिपोर्ट मंगलवार को जारी की गई है. आयोग की रिपोर्ट में कहा गया है कि 70 साल के दौरान करीब 3.30 लाख बच्चे यौन उत्पीड़न के शिकार हुए. इस रिपोर्ट के लेखक कैथोलिक चर्च पर इस भयावह तथ्य से लगातार आंखें मूंदने का आरोप लगाते हैं.
आयोग के अध्यक्ष ज्यां-मार्क सावे हैं, उन्होंने कहा, "कैथोलिक चर्च ने वर्षों से एक गहरी, पूर्ण और क्रूर उदासीनता दिखाई." उनके मुताबिक यौन शोषण वाले बच्चों की रक्षा करने के बजाय चर्च ने खुद का बचाव किया. रिपोर्ट के मुताबिक यौन शोषण का शिकार होने वाले बच्चों में ज्यादातर लड़के हैं, जिनमें से ज्यादातर 10 से 13 साल के बीच के थे और यौन शोषण का शिकार होने वाली 20 फीसदी लड़कियां हैं.
फ्रांस में ताजा खुलासे ने रोमन कैथोलिक चर्च को झकझोर कर रख दिया है. आयोग की रिपोर्ट ने बाल यौन शोषण को रोकने के लिए "आवश्यक कदम" उठाने में विफल रहने के लिए चर्च की आलोचना की है. रिपोर्ट ने यहां तक कहा कि बच्चों को कभी-कभी जानबूझकर दुर्व्यवहार करने वालों के संपर्क में लाया जाता था. फ्रांस कॉन्फ्रेंस ऑफ बिशप के प्रमुख मोनसिग्नोर एरिक डी मौलिन्स-ब्यूफोर्ट ने कहा कि चर्च इस रिपोर्ट से शर्मिंदा है और उन्होंने माफी मांगते हुए कार्रवाई का वादा किया है.
2500 पन्नों के दस्तावेज में बताया गया है कि कैसे बच्चों के साथ दुर्व्यवहार करने वाले 3,000 में से दो तिहाई पादरी थे, उन्होंने ने सात दशकों में फ्रांस में कैथोलिक चर्च में काम किया. रिपोर्ट में कहा गया है कि पादरी या चर्च से संबद्ध अन्य लोगों द्वारा उत्पीड़न के शिकार बच्चों की संख्या 2,16,000 हो सकती है.
कैथोलिक गिरजे के प्रमुख पोप फ्रांसिस ने विनाशकारी रिपोर्ट पर "दर्द" जाहिर करते हुए कहा कि उनकी सहानुभूति पीड़ितों के साथ है.
स्वतंत्र आयोग की रिपोर्ट 1950 के बाद से मीडिया में आई खबरों, पुलिस रिकॉर्ड, अदालतों और चश्मदीदों के बयान पर अध्ययन कर तैयार किया गया है. आयोग ने दो साल तक इस रिपोर्ट पर काम किया.
एए/सीके (एएफपी, एपी)
नई दिल्ली, 6 अक्टूबर | जैसे-जैसे प्रमुख ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म त्योहारी सीजन में रिकॉर्ड राजस्व के लिए तैयार हो रही हैं, वहीं दूसरी तरफ देश में कई फर्जी और दुर्भावनापूर्ण ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म बढ़ गए हैं, जो लग्जरी घड़ियों से लेकर स्मार्टफोन एक्सेसरीज बेच रहे हैं। साइबर अधिकारी उन निर्दोष उपयोगकर्ताओं की रक्षा करने में विफल रहे हैं, जो भारतीयों को ठगने के लिए फेसबुक पेज विज्ञापन नेटवर्क का उपयोग कर ऑनलाइन स्कैम का शिकार हो रहे हैं। वेलबाएमॉलडॉटकॉम एक ऐसा पोर्टल है जिसने हजारों भारतीय उपयोगकर्ताओं को ठगा है। यह पोर्टल अब अस्तित्व में नहीं है। इसने तकनीकी उत्पाद खरीदने के लिए ग्राहकों को मूर्ख बनाया है। केवल एक बार ऑर्डर करने और धन हस्तांतरित होने के बाद गायब हो गया है।
ऐसे ही एक साइबर फ्रॉड पीड़ित सुजीत वर्मा ने स्कैमएडवाइजर डॉट कॉम पर पोस्ट किया, "मैंने ऑनलाइन ऑर्डर किया और भुगतान किया लेकिन कोई प्रतिक्रिया नहीं हुई और उनका ऑर्डर डिलीवर भी नहीं हुआ। वे फर्जी हैं।"
एक अन्य उपयोगकर्ता सुनील गुप्ता ने कहा, "मैंने एक एसएसडी (सॉलिड स्टेट ड्राइव) का ऑर्डर किया और ऑनलाइन भुगतान कर दिया। यह वेबसाइट फर्जी है लेकिन दुर्भाग्य से फेसबुक द्वारा समर्थित है और सभी विज्ञापन मेरे फेसबुक अकाउंट पर प्रदर्शित होते हैं। भुगतान करने के बाद, वेबसाइट से कोई प्रतिक्रिया नहीं मिली।"
गुड़गांव के एक उपयोगकर्ता आयुष ने हाल ही में 1,668 रुपये में स्मार्टफोन के लिए एक मिनी-पॉकेट चार्जर का ऑर्डर किया, केवल यह महसूस करने के लिए कि उसका शिपमेंट कभी नहीं आने वाला था। उन्होंने अब गुरुग्राम पुलिस साइबर क्राइम सेल में ई-कॉमर्स वेबसाइट के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई है।
वेलबायमॉल डॉट कॉम का यूआरएल अब उपयोगकर्ताओं को चीनी भाषा में एक संदेश पर ले जाता है, जिसमें लिखा होता है: साइट नहीं मिली। आपके अनुरोध को वेब सर्वर में संबंधित साइट नहीं मिली!"
कार्यप्रणाली सरल है: विज्ञापनदाता एक फेसबुक पेज/प्रोफाइल बनाता है और सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर अपने पेज के माध्यम से बिक्री शुरू करता है और यूजर्स को अपने पोर्टल पर ले जाता है।
एक बार जब वे अपने आदेशों के लिए भुगतान प्राप्त कर लेते हैं, तो वे उत्पादों को भेजने में देरी करते हैं और जब तक फेसबुक यह समझने के लिए अपनी फीडबेक प्रोसेस पूरा करता है कि विज्ञापनदाता वैध है या घोटाला, जालसाज तुरंत पैसा कमाते हैं और फेसबुक द्वारा साइबर अपराधी घोषित करने के बाद अपना संचालन बंद कर देते हैं।
साइबर विशेषज्ञों के अनुसार, यूजर्स की प्रतिक्रिया एकत्र करने और विज्ञापनदाता के पेज के "स्वास्थ्य" पर निर्णय लेने की फेसबुक प्रक्रिया में लगभग एक महीने का समय लगता है, जो साइबर अपराधियों के लिए उपयोगकर्ताओं को ठगने और भागने के लिए एक लंबी खिड़की है।
स्वतंत्र साइबर सुरक्षा शोधकर्ता राजशेखर राजहरिया ने आईएएनएस को बताया, "फेसबुक के पास एक विज्ञापनदाता को 'फिट नहीं' घोषित करने और उसके नियमों और शर्तों के तहत विज्ञापनदाता पर कार्रवाई करने के लिए धीमा ग्राहक फीडबैक प्रोसेस है। धोखेबाज इसका फायदा उठाते हैं और निर्दोष भारतीयों को 'अस्वास्थ्यकर' घोषित करने से पहले फेसबुक और इंस्टाग्राम पर ब्लॉक कर देते हैं।"
उन्होंने कहा कि ये घोटालेबाज फेसबुक पेजों के माध्यम से अपने उत्पादों का विज्ञापन करने, नकली और सस्ते चीनी उत्पादों को अपने ई-कॉमर्स पोर्टल्स और कॉन यूजर्स पर असली के रूप में बहुत कम पैसों में प्रदर्शित करते हैं।
इस तरह के कई नकली ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म अब चालू हैं क्योंकि भारत एक रिकॉर्ड त्योहारी सीजन से गुजर रहा है, जो लगभग 9.2 बिलियन डॉलर की बिक्री के लिए तैयार है। ये पिछले साल त्योहारी महीने की बिक्री में 6.5 बिलियन डॉलर के अनुमान से 42 प्रतिशत (वर्ष-दर-वर्ष) अधिक है।
केवल पहले सप्ताह (3 से 10 अक्टूबर) में, यह अनुमान है कि 6.4 बिलियन डॉलर की ऑनलाइन बिक्री होगी, जो त्योहारी महीने की कुल ऑनलाइन बिक्री का लगभग 70 प्रतिशत है।
राजहरिया ने कहा, "इस तरह के नकली ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म के शिकार होने से बचने का एकमात्र तरीका फ्लिपकार्ट, अमेजन आदि जैसी प्रमुख कंपनियों पर भरोसा करना और उनके माध्यम से ऑनलाइन खरीदारी करना है।" (आईएएनएस)
हैदराबाद, 6 अक्टूबर | तेलंगाना के पेद्दापल्ली जिले में बुधवार को एक कार से टक्कर होने के बाद एक टीएसआरटीसी बस सड़क पर पलट गई, जिसमें कार चालक की मौत हो गई और बस में सवाल 11 अन्य लोग घायल हो गए। पुलिस ने इस बात की जानकारी दी। दुर्घटना मंथानी मंडल में बट्टुपल्ली के पास उस समय हुई जब तेलंगाना राज्य सड़क परिवहन निगम की बस गलत दिशा में आ रही एक कार से टकरा गई।
बस और कार दोनों सड़क पर पलट गए। हादसे में कार चालक की मैके पर ही मौत हो गई, जबकि चालक और कंडक्टर सहित 11 बस यात्री घायल हो गए। इनमें से तीन को गंभीर चोटें आई हैं। घायलों को अस्पतालों में भर्ती कराया गया है।
बेलमपल्ली से हनमकोंडा जा रही बस ने कार से टक्कर के बाद नियंत्रण खो दिया और दोनों वाहन सड़क किनारे खाई में गिर गए।
प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार कार चालक गलत दिशा में वाहन चला रहा था जिससे यह हादसा हुआ। कंडक्टर ने कहा कि कार अचानक दायीं ओर आ गई, हालांकि बस चालक ने टक्कर से बचने की पूरी कोशिश की, लेकिन वह वाहन को नियंत्रित नहीं कर सका।
इस बीच, एक और हादसे में हैदराबाद के कुकटपल्ली में एक पुलिस हेड कांस्टेबल की मौत हो गई, जब वह बाइक समेत ट्रक की चपेट में आ गया। हादसा मंगलवार की रात हुआ।
ईश्वरैया साइबराबाद पुलिस कमिश्नरेट के शमशाबाद थाने में तैनात थे। (आईएएनएस)
नई दिल्ली, 6 अक्टूबर | लखीमपुर खीरी में हुई घटना को दुखद बताते हुए भाजपा ने कांग्रेस और राहुल गांधी पर राजनीतिक रोटियां सेंकने का आरोप लगाया है।
नई दिल्ली के भाजपा मुख्यालय में मीडिया से बात करते हुए भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता संबित पात्रा ने आरोप लगाया कि कांग्रेस लखीमपुर में हुई दुखद घटना पर राजनीति कर रही है।
भाजपा प्रवक्ता ने राहुल गांधी और कांग्रेस पर निशाना साधते हुए यह आरोप लगाया कि वे लखीमपुर खीरी में हुई घटना का राजनीतिक लाभ उठाने के मकसद से अशांति फैलाने और हिंसा भड़काने की कोशिश कर रहे हैं।
लखीमपुर खीरी में हुई घटना पर भाजपा की तरफ से पक्ष रखते हुए पात्रा ने कहा कि लखीमपुर खीरी में जो हुआ, वो निश्चित तौर पर दुखद है और भाजपा का यह स्पष्ट मानना है कि इस तरह की दुखद घटना पर राजनीति नहीं होनी चाहिए।
प्रदेश सरकार की तत्परता का जिक्र करते हुए संबित ने कहा कि घटना के बाद किसान संगठनों और प्रशासन के बीच बातचीत हुई और दोनों इस निष्कर्ष पर पहुंचे की निष्पक्ष जांच होनी चाहिए और राहुल गांधी इस तरह का बयान देकर जांच को प्रभावित करने का प्रयास कर रहे हैं।
संबित पात्रा ने राहुल गांधी के प्रेस कॉन्फ्रेंस पर सवाल उठाते हुए कहा कि राहुल ने हमेशा की तरह इस बार भी गैरजिम्मेदाराना रवैया दिखाया है।
संबित पात्रा ने दावा किया कि भाजपा की कोशिश है कि हिंसा न फैले और शांति बनी रहे, लेकिन कांग्रेस शांति भंग कर हिंसा को भड़काना चाहती है।
रॉबर्ट वाड्रा और राहुल गांधी के बयानों को लेकर कटाक्ष करते हुए भाजपा प्रवक्ता ने कहा कि दोनों के बीच इस बात की प्रतियोगिता चल रही है कि कांग्रेस का अध्यक्ष कौन बनेगा ?
पोस्टमॉर्टेम रिपोर्ट पर राहुल द्वारा सवाल उठाने को लेकर पात्रा ने पूछा कि क्या राहुल गांधी फॉरेंसिक एक्सपर्ट हैं ?
गांधी परिवार पर हमला करते हुए भाजपा प्रवक्ता ने कहा कि इस परिवार का किसानों से, व्यापारियों से और हिंदुस्तान के किसी भी अन्य वर्ग से कोई लेना देना नहीं है। इनको केवल अपने परिवार से ही मतलब है। ये लखीमपुर खीरी की घटना को एक अवसर के तौर पर देखते हुए इसका इस्तेमाल अपने परिवार की साख बचाने के लिए करने का प्रयास कर रहे हैं।
राजस्थान के हनुमानगढ़ में किसानों पर हुए लाठीचार्ज का जिक्र करते हुए भाजपा ने राहुल गांधी से सवाल किया कि क्या उन्होंने इस बर्बरतापूर्वक लाठीचार्ज के मामले में अपने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को फोन किया ? क्या उन्होंने वहां के किसानों की चिंता की ?
दरअसल , बुधवार को राहुल गांधी ने लखीमपुर खीरी घटना को लेकर भाजपा सरकार पर निशाना साधते हुए आरोप लगाया था कि भाजपा किसानों पर आक्रमण कर रही है और वो इस हिंसा में मारे गए लोगों के परिजनों से मुलाकात करने के लिए जाना चाहते हैं। (आईएएनएस)
लखीमपुर खीरी (यूपी), 6 अक्टूबर | लखीमपुर खीरी में हालिया हिंसक घटना के संबंध में प्राथमिकी दर्ज की गई है, जिसमें केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा टेनी के बेटे आशीष मिश्रा मोनू पर गंभीर आरोप लगाए गए हैं। घटना में कुल 8 लोगों की मौत हो गई थी। प्राथमिकी के अनुसार, चार पीड़ितों को कथित तौर पर आशीष मिश्रा द्वारा चलाए जा रहे एक वाहन द्वारा कुचल दिया गया था।
तिकुनिया पुलिस स्टेशन में भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 302 के तहत हत्या, 304-ए लापरवाह ड्राइविंग के कारण मौत , आपराधिक साजिश के लिए 120-बी, दंगा के लिए धारा 147, तेज ड्राइविंग के लिए धारा 279, गंभीर रूप से घायल करने के लिए धारा 338 व अन्य धाराओं के तहत प्राथमिकी दर्ज की गई है।
प्राथमिकी में कहा गया है कि पूरी घटना 'पूर्व नियोजित' थी और पूरा 'षड्यंत्र' भाजपा मंत्री और उनके बेटे द्वारा रचा गया था, जिन्होंने गुंडागर्दी' के प्रदर्शन में इस कृत्य को अंजाम दिया। प्राथमिकी में 15-20 अज्ञात व्यक्तियों का भी आरोपी के रूप में उल्लेख है।
प्राथमिकी में आगे लिखा गया है, "घटना दोपहर करीब 3 बजे हुई जब मिश्रा, 15-20 अन्य लोगों के साथ, जो हथियारों से लैस थे, बनबीरपुर में तीन तेज गति वाले चौपहिया वाहनों में धरना स्थल पर आए। मोनू मिश्रा, जो अपने महिंद्रा थार वाहन के बाईं ओर बैठे थे, ने गोलियां चलाईं, भीड़ को कुचला और आगे बढ़ गया। फायरिंग में नानपारा के मैट्रोनिया निवासी सुखविंदर के बेटे किसान गुरविंदर सिंह की मौत हो गई।
प्राथमिकी में यह भी आरोप लगाया गया है कि भाजपा सांसद के बेटे का वाहन सड़क के किनारे पलट गया और इससे सड़क के किनारे मौजूद कई अन्य लोग घायल हो गए और इसके बाद मिश्रा ने गोलियां चलाईं, अपनी कार से भाग निकले और पास में ही गन्ने के खेत में छिप गए।
प्राथमिकी में यह भी कहा गया है कि एक वीडियो पहले ही सोशल मीडिया पर वायरल हो चुका है, जिसमें भाजपा मंत्री को कथित तौर पर प्रदर्शनकारियों को चेतावनी देते हुए देखा जा सकता है जो केंद्र के तीन कृषि कानूनों का विरोध कर रहे थे। वीडियो में, उन्होंने कथित तौर पर प्रदर्शनकारियों से अपने तरीके सुधारने के लिए कहा।
3 अक्टूबर को, उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य की लखीमपुर खीरी की यात्रा के खिलाफ कई किसान विरोध प्रदर्शन कर रहे थे, जब एक एसयूवी द्वारा कुचले जाने के बाद चार किसान मारे गए थे।
कथित तौर पर, एसयूवी कें द्रीय मंत्री अजय मिश्रा टेनी के काफिले का हिस्सा थी।
कानूनी जानकारों के मुताबिक आरोपी की तत्काल गिरफ्तारी की मांग को लेकर भारतीय दंड संहिता की कड़ी धाराओं के तहत प्राथमिकी दर्ज कर ली गई है। आशीष मिश्रा के खिलाफ लगाई गई धाराएं गैर जमानती हैं।
हालांकि, लखीमपुर पुलिस ने दावा किया है कि वे किसानों के शवों के दाह संस्कार में 'व्यस्त' थे, जिसके कारण उन्हें जांच के लिए समय नहीं मिला। (आईएएनएस)
लखीमपुर खीरी में हिंसा मामले में पुलिस ने अब तक ठोस कार्रवाई नहीं की है. किसानों पर गाड़ी चढ़ाने वाले आरोपियों से पूछताछ तक नहीं हुई. विपक्षी नेताओं को दौरा करने से रोका जा रहा है. यूपी में सियासी उबाल आया हुआ है.
डॉयचे वैले पर आमिर अंसारी की रिपोर्ट
उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी में रविवार को हुई हिंसक घटना के तीन दिन बाद एक भी आरोपी पकड़ा नहीं गया है और ना ही किसी से पुलिस की पूछताछ हुई है. रविवार को हुई हिंसा में चार किसान समेत आठ लोगों की मौत हुई थी. इस हिंसा में एक स्थानीय पत्रकार भी मारा गया था.
आरोप है कि केंद्रीय गृह राज्यमंत्री अजय मिश्रा के बेटे आशीष मिश्रा ने अपनी कार किसानों पर चढ़ा दी. मंगलवार को कई लोगों ने ट्विटर पर एक वीडियो साझा किया जिसमें एक जीप किसानों को रौंदते हुए आगे बढ़ती दिख रही है. इसी जीप के पीछे दो और कार गुजरती है. उस दौरान किसान पैदल चल रहे थे और जीप उनको पीछे से टक्कर मारती है. कुछ किसान जीप की चपेट में आए और कुछ टक्कर से इधर-उधर गिर गए.
किसानों का अंतिम संस्कार
हादसे में मारे गए किसानों का अंतिम संस्कार करा दिया गया है. हालांकि एक मृतक गुरविंदर सिंह के परिजनों ने दोबारा पोस्टमॉर्टम की मांग की थी और अंतिम संस्कार से इनकार कर दिया था. परिवार का आरोप है कि गुरविंदर की मौत गोली लगने से हुई है और पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट "गलत" है. गुरविंदर का बीती रात पोस्टमॉर्टम हुआ और बुधवार तड़के अंतिम संस्कार किया गया.
सोमवार को भारतीय किसान यूनियन के नेता राकेश टिकैत ने प्रशासन के साथ मिलकर तनाव को कम करने की कोशिश की थी और गुस्साए किसानों को मनाने के लिए लखीमपुर खीरी पहुंचे थे. यूपी पुलिस ने आशीष के खिलाफ हत्या के आरोप में प्राथमिकी दर्ज की है, जिस पर किसानों का आरोप है कि वह एक एसयूवी चला रहा था. लेकिन पुलिस ने इस बात से इनकार किया था कि इस घटना में गोलियां चलाई गईं, जिससे हिंसा हुई और चार अन्य लोगों की मौत हो गई.
लखीमपुर कांड पर सियासी उबाल
मृतक किसानों के परिजनों से मिलने की कोशिश में कई नेता लखीमपुर जाना चाह रहे हैं लेकिन उत्तर प्रदेश सरकार उन्हें वहां धारा 144 का हवाला देते हुए जाने से रोक रही है. कांग्रेस की नेता प्रियंका गांधी वाड्रा को यूपी पुलिस गिरफ्तार कर सीतापुर के पीएसी गेस्ट हाउस में अस्थायी जेल में रखा हुआ है. गेस्ट हाउस के बाहर कांग्रेस समर्थक प्रियंका के समर्थन में जुटे हुए हैं. प्रियंका ने आरोप लगाया है कि उन्हें बिना किसी कारण या कानूनी नोटिस के अवैध तरीके से रखा गया है.
पुलिस ने प्रियंका के खिलाफ सीतापुर में धारा 144 तोड़ने समेत आईपीसी की अन्य धाराओं में केस दर्ज किया है.
मंगलवार को ही छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को लखनऊ एयरपोर्ट से बाहर नहीं जाने दिया गया और वे एयरपोर्ट के भीतर धरने पर बैठ गए. उन्होंने कहा कि वे किसानों से मिलने के लिए जाना चाहते हैं. लेकिन तृणमूल कांग्रेस का एक प्रतिनिधिमंडल पुलिस को चकमा देते हुए मृतक किसान लवप्रीत सिंह के परिवार से मिलने में कामयाब हो गया. प्रतिनिधिमंडल का कहना है कि जब पुलिस ने उन्हें रोका तो उन्होंने खुद को पर्यटक बताया.
राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के प्रमुख शरद पवार ने लखीमपुर की घटना की तुलना जलियांवाला कांड से की है और कहा है कि इसकी कीमत बीजेपी को चुकानी होगी.
कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी बुधवार को पांच नेताओं के साथ लखीमपुर जाना चाहते थे लेकिन यूपी सरकार ने धारा 144 का हवाला देते हुए इसकी इजाजत नहीं दी. राहुल ने दिल्ली में प्रेस कॉन्फ्रेंस कर आरोप लगाया "देश में आज लोकतंत्र नहीं तानाशाही है." उन्होंने कहा, "हम पीड़ित परिवार से मिलना चाहते हैं. सिर्फ हमें रोका जा रहा है. मंत्री और उनके बेटे पर कार्रवाई नहीं हो रही है." राहुल ने आरोप लगाया कि किसानों पर हमले किए जा रहे हैं.
उत्तर प्रदेश सरकार के मंत्री सिद्धार्थनाथ सिंह ने पत्रकारों से कहा है कि जल्द से जल्द दोषियों को पकड़ा जाएगा. उन्होंने कहा कि लखीमपुर का सच सामने लाकर रहेंगे. उन्होंने राहुल पर निशाना साधते हुए कहा, "सिखों पर नरसंहार कांग्रेस ने किया था."
मंत्री ने क्या कहा
केंद्रीय मंत्री अजय मिश्रा ने निजी चैनल एनडीटीवी से बातचीत में यह कबूल किया है कि जिस कार ने किसानों को रौंदा वह उनकी है. साथ ही उन्होंने कहा कि कार में उनका बेटा आशीष सवार नहीं था. अजय मिश्रा का कहना है कि घटना वाले दिन उनका बेटा किसी और आयोजन में शामिल था और हिंसक वारदात में वह शामिल नहीं है.
उत्तर प्रदेश सरकार ने रविवार को हुई हिंसा की जांच के लिए एसआईटी का गठन किया है. छह सदस्यों वाली एसआईटी मामले की जांच करेगी. प्रदेश सरकार ने मारे गए लोगों के लिए मुआवजे का ऐलान किया है और मामले की जांच हाईकोर्ट के रिटायर्ड जज करेंगे. विपक्षी नेताओं की मांग है कि जांच वर्तमान जज से कराई जाए.
इस बीच मंगलवार को दो वकीलों ने लखीमपुर हिंसा की जांच सुप्रीम कोर्ट की निगरानी में सीबीआई से कराने की अपील की है. (dw.com)
श्रीनगर और बांदीपुरा में एक घंटे में तीन अलग अलग आतंकवादी हमलों में तीन आम नागरिक मारे गए. पिछले चार दिनों में इस तरह के कम से कम पांच हमले अकेले श्रीनगर में हो चुके हैं.
डॉयचे वैले पर चारु कार्तिकेय की रिपोर्ट
हमलों में मारे गए लोगों में श्रीनगर के सबसे जाने माने दवा विक्रेता माखन लाल बिंद्रू, सड़क के किनारे रेहड़ी लगाने वाले वीरेंदर पासवान और एक टैक्सी स्टैंड यूनियन के अध्यक्ष मोहम्मद शफी शामिल हैं.
70 साल के बिंद्रू एक कश्मीरी पंडित थे और श्रीनगर के पुराने निवासी थे. उनके बारे में कहा जाता है कि उन्होंने कश्मीर तब भी नहीं छोड़ा जब वहां आतंकवाद चरम पर था और आतंकवादी विशेष रूप से कश्मीरी पंडितों को निशाना बना रहे थे. उनकी दुकान 'बिंद्रू मेडिकेट' को आसानी से ना मिलने वाली दवाओं की खोज में लगे लोगों की आखिरी उम्मीद माना जाता था.
निशाना बना कर हत्या
आधे घंटे बाद ही हुए दूसरे हमले में आतंकवादियों ने बिहार के भागलपुर के रहने वीरेंदर पासवान को निशाना बनाया जो इलाके में रेहड़ी लगाते थे. तीसरा हमला श्रीनगर से करीब 70 किलोमीटर बांदीपुरा में हुआ और उसमें स्थानीय टैक्सी स्टैंड यूनियन के अध्यक्ष मोहम्मद शफी मारे गए.
पुलिस ने तीनों हमलों की पुष्टि की है लेकिन इनके पीछे किसका हाथ है इस बारे में कुछ नहीं बताया है. मीडिया में आई खबरों में दावा किया जा रहा है कि द रेजिस्टेंस फ्रंट (टीआरएफ) नाम के संगठन ने इन हमलों की जिम्मेदारी ली है.
टीआरएफ में हिजबुल मुजाहिदीन और लश्कर-ए-तैयबा के ही आतंकवादी शामिल हैं. इसके सरगना को सुरक्षाबलों ने इसी साल मार गिराया था, लेकिन ऐसा लग रहा है कि उसके बाद भी संगठन की गतिविधियां रुकी नहीं हैं.
पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला और पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती समेत कई नेताओं ने इन हमलों की निंदा की.
आतंक का माहौल
यह चार दिनों में कश्मीर में होने वाला छठा हमला है. दो अक्टूबर को भी आतंकवादियों ने दो कश्मीरी नागरिकों माजीद अहमद गोजरी और मोहम्मद शफी दर को एक हमले में मार दिया था. कश्मीर में इसे आतंकवाद की एक नई लहर माना जा रहा है जिसमें अधिकतर आम नागरिकों पर हमले हो रहे हैं.
एक अनुमान के हिसाब से इस साल अभी तक कम से कम 30 लोगों की हत्या इस तरह के हमलों में हो चुकी है जिनमें लोगों को निशाना बना कर मारा गया. सोशल मीडिया पर कुछ लोगों ने लिखा है कि इन हमलों से कश्मीर में 90 के दशक के आतंक की यादें ताजा हो गई हैं.
देखना होगा कि प्रशासन इस स्थिति से निपटने के लिए क्या कदम उठाता है. कश्मीर के उप राज्यपाल मनोज सिन्हा ने कहा है कि इन हमलों के लिए जिम्मेदार लोगों को कानून के सामने लाया जाएगा. (dw.com)
नीति आयोग की रिपोर्ट में कहा गया है कि बिहार के जिला अस्पतालों में प्रति एक लाख की आबादी पर महज छह बेड हैं, जो देशभर में सबसे कम है. आयोग की इसी रिपोर्ट पर नीतीश कुमार ने तीखी प्रतिक्रिया दी है.
डॉयचे वैले पर मनीष कुमार की रिपोर्ट
नीति आयोग की ओर से किए गए अध्ययन 'Best Practices in the Performance of District Hospitals' के बाद बीते 28 सितंबर को जारी रिपोर्ट में बिहार स्वास्थ्य सुविधाओं में कई मानकों पर पिछड़ा हुआ है. सरकारी जिला अस्पतालों में बेड की उपलब्धता के संबंध में जारी सूची में प्रति एक लाख की आबादी पर 222 बेड के साथ पुड्डुचेरी सबसे ऊपर तथा छह बेड के साथ बिहार सबसे नीचे है. यहां तक कि झारखंड में भी यह संख्या नौ है.
देश में एक लाख की आबादी पर औसतन बेड की संख्या 24 है जबकि इंडियन पब्लिक हेल्थ स्टैंडर्ड (आईपीएचएस-2012) के मानक के अनुसार प्रति एक लाख की जनसंख्या (2001 की जनगणना के अनुसार जिलों की औसत आबादी) पर जिला अस्पतालों में कम से कम 22 बेड अवश्य होने चाहिए. इसी मानक के अनुसार बिहार के 36 सरकारी जिला अस्पतालों में महज तीन में ही चिकित्सक उपलब्ध हैं.
प्रतिशत के आधार पर यह देखें तो यह आंकड़ा महज 8.33 फीसद आता है. मानक के अनुरूप केवल छह अस्पतालों में स्टॉफ नर्सें हैं. इसी तरह मात्र 19 अस्पतालों में पैरामेडिकल स्टाफ मौजूद हैं. प्रदेश के शेष अस्पतालों में मानक के अनुसार न तो डॉक्टर हैं, न ही स्टाफ नर्स या पैरामेडिकल.
मानक के अनुरूप सौ बेड के एक अस्पताल में 29 चिकित्सक, 45 स्टाफ नर्स और 31 पैरामेडिकल स्टाफ अवश्य होने चाहिए. वैसे देश के कुल 742 जिलों में महज 101 जिलों के सरकारी अस्पताल में ही सभी 14 तरह के विशेषज्ञ चिकित्सक उपलब्ध हैं. इसी तरह केवल 217 जिला अस्पतालों में ही प्रति एक लाख की आबादी पर 22 बेड पाए गए.
आयोग द्वारा तय मुख्य परफॉर्मेंस इंडिकेटर पर स्थिति का आकलन करें तो प्रति एक लाख की आबादी पर सबसे अधिक क्रियाशील बेड सहरसा जिला अस्पताल में हैं. आईपीएचएस मानक के अनुरूप सर्वाधिक चिकित्सकों की उपलब्धता सदर अस्पताल जहानाबाद में, स्टॉफ नर्स की तैनाती समस्तीपुर में और पैरामेडिकल स्टाफ नवादा में हैं.
इसी तरह सपोर्ट सर्विस में सीतामढ़ी सदर अस्पताल, कोर हेल्थकेयर सर्विसेज में मोतिहारी, डायग्नॉस्टिक टेस्टिंग में पूर्णिया, बेड ऑक्यूपेंसी रेट में सदर अस्पताल हाजीपुर (वैशाली) तथा सर्जिकल प्रॉडक्टिविटी में सदर अस्पताल, सहरसा अव्वल है. वहीं ओपीडी में डॉक्टर पर जमुई तथा ब्लड बैंक रिप्लेसमेंट रेट में सदर अस्पताल, खगडिय़ा सबसे आगे हैं.
सरकारी दावों को झुठलाती रिपोर्ट
इन आंकड़ों का खास महत्व इसलिए भी है कि यह अध्ययन कोविड महामारी के फैलने के ठीक पहले किया गया. इससे यह जाहिर होता है कि जिस समय देश इस महामारी से जूझ रहा था, उस समय खासकर जिला अस्पतालों में पब्लिक हेल्थ इंफ्रास्ट्रक्चर पर्याप्त नहीं था.
कोविड की दोनों लहरों के बीच लोगों को खासकर अस्पतालों में बेड की समस्या से काफी जूझना पड़ा था. राज्य के स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय के गृह जिला सीवान के सदर अस्पताल में बेड की अनुपलब्धता के कारण मरीज जमीन पर पड़े हुए थे.
पिछले साल पटना हाईकोर्ट में सरकार ने खुद ही बताया था कि प्रदेश के सरकारी अस्पतालों में चिकित्सकों तथा नर्सिंग स्टाफ के 75 फीसद रिक्त पड़े हुए हैं. देश में जहां लगभग 1,500 की आबादी पर एक चिकित्सक मौजूद है, वहीं बिहार में 28 हजार से अधिक की आबादी पर एक डॉक्टर है जबकि डब्ल्यूएचओ के मानकों के अनुसार प्रति एक हजार की आबादी पर एक चिकित्सक होना चाहिए.
वैसे मार्च 2021 में स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय विधानसभा में यह कह चुके हैं कि प्रदेश में डब्ल्यूएचओ के मानक के अनुरूप चिकित्सक की उपलब्धता है. हालांकि यह भी सच है कि राज्य सरकार चिकित्सकों की विभिन्न पदों पर नियुक्ति करने की भरपूर कोशिश कर रही है. किंतु, इसकी प्रक्रिया काफी धीमी है.
विशेषज्ञ चिकित्सक (एसएमओ) पद के एक अभ्यर्थी ने नाम नहीं प्रकाशित करने की शर्त पर बताया, ‘‘साक्षात्कार की प्रक्रिया अगस्त के आखिरी हफ्ते में पूरी हो गई. बताया गया कि सितंबर के पहले या दूसरे सप्ताह में पोस्टिंग हो जाएगी, किंतु अक्टूबर का पहला हफ्ता बीतने को है. अभी तक कोई अता-पता नहीं है. आखिर कब तक कोई इंतजार करेगा?''
इसका एक अन्य पहलू यह भी है कि सरकार को डॉक्टर नहीं मिल रहे. बिहार तकनीकी सेवा आयोग द्वारा की जा रही नियुक्ति में कई विभागों में अभ्यर्थी ही नहीं मिले. माइक्रोबायोलॉजी, रेडियोलॉजी, पैथोलॉजी तथा साइकियाट्रिक व एनेस्थीसिया समेत कुछ अन्य विभागों में 1,243 वैकेंसी थीं, किंतु सरकार को महज 159 विशेषज्ञ चिकित्सक ही मिल सके.
अन्य राज्यों से तुलना अनुचित
बीते मंगलवार को ‘जनता के दरबार में मुख्यमंत्री' कार्यक्रम के बाद नीतीश कुमार ने कहा, ‘‘बिहार की तुलना विकसित तथा कम जनसंख्या वाले राज्यों से कोई कैसे कर सकता है? आखिर बिहार की तुलना महाराष्ट्र से कैसे की जा सकती है? यह अवश्य बताया जाना चाहिए कि किन मानदंडों पर नीति आयोग ने यह रिपोर्ट तैयार की है.''
उन्होंने कहा कि विचित्र बात है कि नीति आयोग पूरे देश को एक ही तरह से देख रहा है. नीतीश कुमार ने कहा, ‘‘सभी राज्यों को एक पैरामीटर पर रखकर काम नहीं किया जा सकता है. बिहार की स्थिति यह है कि जनसंख्या के लिहाज से यह उत्तर प्रदेश और महाराष्ट्र के बाद तीसरे नंबर पर है. यहां प्रति वर्गमीटर जितनी आबादी है, उतनी देश में कहीं नहीं है. शायद विश्व में भी नहीं. ऐसे में कुछ निष्कर्ष निकालने के पहले वास्तविक अध्ययन किया जाना चाहिए.''
नीतीश कुमार ने कहा, ‘‘बिहार को लेकर नीति आयोग ईमानदार नहीं है. पता नहीं, किस पैमाने पर आंक रहा है! आयोग की बैठक जब कभी होगी मैं पूरी बात कहूंगा. पंद्रह साल पहले यहां क्या स्थिति थी, यह सबको पता है.''
दूसरी तरफ पूर्व उपमुख्यमंत्री व राज्यसभा सदस्य सुशील कुमार मोदी ने भी नीति आयोग को सुझाव देते हुए कहा है कि ऐसे पैरामीटर शामिल किए जाने चाहिए जिनसे पता चल सके कि हर पांच साल में किस राज्य ने किस क्षेत्र में कितना विकास किया है.
जीडीपी का दो फीसद स्वास्थ्य क्षेत्र में हो रहा खर्च
अंतरराष्ट्रीय संस्था ऑक्सफेम की ओर से राज्यों में स्वास्थ्य असमानता पर जारी रिपोर्ट में कहा गया है कि बिहार सरकार ने हाल के वर्षों में स्वास्थ्य सुविधाओं की संरचना विकसित करने पर जीडीपी का दो फीसद खर्च किया है. असम में 2.6 प्रतिशत के बाद यह देश में सबसे अधिक है.
बिहार सरकार ने वित्तीय वर्ष 2020-21 के बजट में स्वास्थ्य सेवा मद में 13,264 करोड़ रुपये का प्रावधान किया है जो पिछले वित्तीय वर्ष की तुलना में 21.28 प्रतिशत अधिक है. इस दौरान राज्य सरकार ने स्वास्थ्य विभाग में विभिन्न पदों पर लगभग 30 हजार नियुक्तियों की योजना भी बनाई है.
चिकित्सकों की कमी दूर करने, दवाइयों की आपूर्ति तथा ग्रामीण इलाकों में स्वास्थ्य सुविधाओं की स्थिति बेहतर करने पर जोर दिया जा रहा है. स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय के अनुसार, ‘‘राज्य में स्वास्थ्य सेवा के साथ चिकित्सा शिक्षा कैसे बेहतर हो, इस पर भी काम किया जा रहा है. आजादी के बाद से 2005 तक प्रदेश में केवल आठ मेडिकल कॉलेज थे. आज की तारीख में यहां 18 मेडिकल कालेज हैं.''
नर्सिंग व पैरामेडिकल की पढ़ाई के लिए भी नए संस्थान खोले गए हैं. तीन वर्षों के अंदर राज्य में 30 हजार डॉक्टर, जीएनएम, एएनएम तथा पैरामेडिकल स्टाफ की नियुक्ति की गई है. मानव बल को बढ़ाकर स्वास्थ्य सेवा को बेहतर करने का काम जारी है. (dw.com)
लखनऊ, 5 अक्टूबर | प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने मंगलवार को लखनऊ में 'आजादी का अमृत महोत्सव' कार्यक्रम के तहत आयोजित तीन दिवसीय न्यू अर्बन इंडिया कॉन्क्लेव का शुभारंभ किया। इस मौके पर उन्होंने यूपी के 75 जिलों के 75,000 लाभार्थियों को प्रधानमंत्री आवास योजना-शहरी (पीएमएवाई-यू) के तहत निर्मित घरों की चाबियां डिजिटली सौंपीं। उन्होंने कहा कि इस दीवाली पर प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत घर पाने वाले नौ लाख परिवार अपने घरों में दो-दो दिए जलाएं। मैं सभी से अपील करता हूं कि वो इस रोशनी की स्पर्धा में शामिल हों।
उन्होंने पीएम आवास पाने वाले परिवारों से कहा, "दिवाली के दिन अपने घर पर दो दीये जरूर जलाएं। उस दिन अयोध्या में साढ़े सात लाख दीये जलेंगे। उधर अयोध्या में दीये जलेंगे, इधर नौ लाख घरों में दो-दो दीयों का प्रकाश होगा, 18 लाख दीये जलेंगे। यह देखकर भगवान राम भी प्रसन्न होंगे।"
प्रधानमंत्री ने इसके साथ ही सात शहरों के लिए सिटी बस सेवा के तहत 150 इलेक्ट्रिक बसों का उद्घाटन कर ई-बस सेवा योजना की शुरूआत की। पीएम मोदी ने 4737 करोड़ की 75 परियोजनाओं का उद्घाटन किया और शिलान्यास किया। इस मौके पर अपने सम्बोधन में उन्होंने विपक्ष पर हमला बोलते हुए कहा कि विरोधी, विरोध में ही अपनी ऊर्जा खपाते हैं, हमने घर बनाकर तीन करोड़ गरीबों को लखपति बना दिया।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने न्यू अर्बन इंडिया कानक्लेव में कहा कि "मुझे इस बात की भी खुशी होती है कि देश में पीएम आवास योजना के तहत जो आज जो 75,000 घर दिए जा रहे हैं, उनमें 80 प्रतिशत से ज्यादा घरों पर मालिकाना हक महिलाओं का है या फिर वो ज्वाइंट ओनर हैं। यह नारी का सच्चा सम्मान है। 2014 के बाद से हमारी सरकार ने प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत शहरों में 1 करोड़ 13 लाख से ज्यादा घरों के निर्माण की मंजूरी दी है। इसमें से 50 लाख से ज्यादा घर बनाकर, उन्हें गरीबों को सौंपा भी जा चुका है।"
प्रधानमंत्री ने कहा कि "मेरे जो साथी, झुग्गी-झोपड़ी में जिंदगी जीते थे, उनकी पास पक्की छत नहीं थी, ऐसे तीन करोड़ परिवारों को लखपति बनने का अवसर मिला है। प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत देश में जो करीब-करीब 3 करोड़ घर बने हैं, आप उनकी कीमत का अंदाजा लगाइए। यह लोग लखपति बने हैं।"
उन्होंने कहा, "लखनऊ ने अटल जी के रूप में एक विजनरी, मां भारती के लिए समर्पित राष्ट्रनायक देश को दिया है। आज उनकी स्मृति में, बाबा साहब भीमराव आंबेडकर यूनिवर्सिटी में अटल बिहारी वाजपेयी चेयर स्थापित की गई है। मुझे विश्वास है कि यह चेयर अटल जी के विजन, उनके एक्शन, राष्ट्रनिर्माण में उनके योगदान को विश्व पटल पर लाएगी, जैसे भारत की 75 वर्ष की विदेश नीति में अनेक मोड़ आए लेकिन अटल जी ने उसे नई दिशा दी।"
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आगरा की विमलेश पीएमएवाई-यू घरों की चाबियां डिजिटल रूप से सौंप डिजिटल माध्यम से संवाद किया। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने उनका राधे-राधे से संबोधन किया। इस दौरान प्रधानमंत्री ने उनके काम-काज के साथ घर परिवार के लोगों के बारे में भी जानकारी ली। प्रधानमंत्री मोदी ने विमलेश से कहा कि आप अब नया घर मिलने पर अपने काम को बढ़ाएं और बच्चों को खूब पढ़ाएं।
उन्होंने बताया कि यूपी में 2017 से पहले गरीबों के लिए आवास बनाने के लिए हमें यहां की सरकार से मिन्नतें करनी पड़ती थी, पर योगी जी के आने के बाद यूपी में शहरी गरीबों को नौ लाख घर बनाकर दिए गए हैं। इन घरों में बिजली, पानी, गैस और शौचालय की भी सुविधा है।
पीएम मोदी ने कहा, "भारत आज पीएम आवास योजना के तहत जितने घर बना रहा है उसकी संख्या कई देशों की जनसंख्या से भी अधिक है। जब मैंने बड़े प्रोजेक्ट की बात की तो कुछ लोग आदतन सोचते थे कि यह कैसे हो पायेगा लेकिन आज उनकी सफलता को दुनिया देख रही है। मैं यूपी की जनता का विशेष आभार प्रकट करता हूं कि मुझे देश की जनता की सेवा करने का मौका दिया और मुझे संसद तक पहुंचाया।" (आईएएनएस)
लखीमपुर खीरी (यूपी), 5 अक्टूबर | यहां रविवार को हुई हिंसा में मारे गए 19 वर्षीय किसान के परिवार ने पोस्टमार्टम रिपोर्ट मिलने तक शव का अंतिम संस्कार करने से इनकार कर दिया है। केंद्रीय मंत्री अजय मिश्रा के दौरे के विरोध में रविवार को हुई हिंसा में मारे गए नौ लोगों में लवप्रीत सिंह और तीन अन्य किसान भी शामिल हैं। मंत्री के काफिले में चार किसानों को एक कार ने कथित तौर पर कुचल दिया था।
लवप्रीत के पिता ने कहा, "मेरे बेटे को एक कार से कुचल दिया गया था। जिम्मेदार व्यक्ति के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की गई है। प्रशासन बचाने की कोशिश कर रहा है।"
लवप्रीत के शव को एक ताबूत में रखा गया है और परिवार पोस्टमार्टम रिपोर्ट का इंतजार कर रहा है।
उनके व्याकुल पिता ने कहा, "जब उसे अस्पताल ले जाया गया, तो उन्होंने फोन किया और कहा, 'कृपया जल्दी आओ'। जब हम अस्पताल पहुंचे, तो वह नहीं था।"
किसानों का आरोप है कि लवप्रीत को कुचलने वाली कार को मंत्री का बेटा आशीष मिश्रा चला रहा था।
उत्तर प्रदेश पुलिस ने मिश्रा के खिलाफ मामला दर्ज किया है, लेकिन अभी तक किसी की गिरफ्तारी नहीं हुई है। (आईएएनएस)
हैदराबाद , 5 अक्टूबर | तेलंगाना के मंत्री के.टी. रामा राव ने मंगलवार को कहा कि वह उत्तर प्रदेश में किसानों की "निर्मम हत्या" को देखकर स्तब्ध हैं। तेलंगाना राष्ट्र समिति के कार्यकारी अध्यक्ष रामा राव ने ट्वीट किया, "उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी में किसानों की निर्मम हत्या को देखकर स्तब्ध और भयभीत हूं।"
केटीआर ने बर्बर घटना की कड़ी निंदा की, और आशा व्यक्त की कि अपराधियों को जल्द से जल्द न्याय के कटघरे में लाया जाएगा।
लखीमपुर खीरी में रविवार की घटना पर टीआरएस की यह पहली प्रतिक्रिया है।
घटना का एक कथित वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद केटीआर ने प्रतिक्रिया दी है।
वीडियो में प्रदर्शनकारियों के एक समूह को खेतों के बगल में सड़क पर आगे बढ़ते हुए एक एसयूवी द्वारा कुचला जा रहा है। (आईएएनएस)
मुंबई, 5 अक्टूबर (आईएएनएस)| बृहन्मुंबई नगर निगम आपदा नियंत्रण ने मंगलवार को जानकारी दी कि दो नाबालिग लड़के दक्षिण मुंबई से दूर अरब सागर में डूब गए है। हादसा उस वक्त हुआ जब आठ बच्चों का एक दल मालाबार हिल में प्रियदर्शिनी पार्क के सामने तैरने गया था। हालांकि, उनमें से दो तट पर लौटने में विफल रहे।
बड़े पैमाने पर तलाशी अभियान के बाद, मुंबई फायर ब्रिगेड ने मंगलवार तड़के मोहम्मद दिलशाद शेख, 12 और रहमान रिजवान शेख, 15 के शव बरामद किए।
घटना के कारणों की जांच की जा रही है क्योंकि यह अभी भी स्पष्ट नहीं है कि क्या लड़के तैर नहीं सकते थे या समुद्री धाराओं में फंस गए थे। स्थानीय लोगों के अनुसार उस चट्टानी खंड में जाना प्रतिबंधित है।
भोपाल, 5 अक्टूबर | मध्य प्रदेश में आगामी समय में होने वाले विधानसभा और लोकसभा के उपचुनाव के लिए उम्मीदवार तय करने को लेकर भाजपा और कांग्रेस में रस्साकशी का दौर जारी है। बैठकें चल रही हैं और चुनाव जिताऊ उम्मीदवार के चयन पर मंथन हो रहा है क्योंकि एक सीट पर एक से ज्यादा दावेदार मौजूद हैं। राज्य में तीन विधानसभा क्षेत्रों रैगांव, पृथ्वीपुर और जोबट के अलावा खंडवा संसदीय क्षेत्र में मतदान 30 अक्टूबर केा होना है। इस लिहाज से महज 25 दिन ही बचे हैं, मगर दोनों दल सभी उम्मीदवारों के नामों का फैसला नहीं कर पाए हैं। कांग्रेस ने पृथ्वीपुर विधानसभा सीट के लिए नीतेंद्र राठौर का नाम तय करके उम्मीदवारों के चयन के मामले में भाजपा से कुछ आगे निकल गई है मगर अन्य सीटों पर पार्टी के अंदर घमासान मचा हुआ है।
कांग्रेस जहां शेष तीन उम्मीदवारों के चयन में लगी है तो वहीं उसे बड़ा झटका खंडवा संसदीय सीट और जोबट विधानसभा क्षेत्र को लेकर लगा है, क्योंकि पूर्व केंद्रीय मंत्री और पूर्व प्रदेश अध्यक्ष अरुण यादव खंडवा से पार्टी के सबसे बड़े दावेदार माने जा रहे थे और उन्होंने चुनाव लड़ने से ही इनकार कर दिया है। इसके अलावा जोबट से पूर्व विधायक सुलोचना रावत अपने बेटे विषाल के साथ भाजपा में शामिल हो गई है। इन दो घटनाक्रमों से पार्टी पशोपेश में फंस गई है कि आखिर अब वो करे तो क्या करें, क्योंकि यादव बीते सात आठ माह से मैदान में सक्रिय थे और हर कोई यही मान रहा था कि कांग्रेस के उम्मीदवार वही होंगे । पार्टी के सामने अब समस्या है कि वह किसे खंडवा में उम्मीदवार बनाए, वही जोबट और रैगांव को लेकर भी काफी खींचतान चल रही है, क्योंकि पार्टी यहां दलबदलू पर भी दांव लगाने की तैयारी में है।
एक तरफ जहां कांग्रेस में खींचतान जारी है तो वहीं दूसरी ओर भाजपा भी उम्मीदवार चयन के मामले में सहज नहीं है क्योंकि उसके सामने एक सीट से एक से ज्यादा नाम आ रहे हैं। खंडवा में तो दो दावेदार पूरी तरह आमने-सामने है। पूर्व मंत्री अर्चना चिटनिस और नंद कुमार सिंह चैहान के पुत्र हर्ष वर्धन सिंह चौहान आमने सामने हैं और इससे पार्टी के अंदर असंतोष भी है । इतना ही नहीं जोबट में भी कांग्रेस नेता और पूर्व विधायक सुलोचना रावत व उनके बेटे विशाल रावत को भाजपा की सदस्यता दिलाई जाने से कई नेता नाराजगी तक जता रहे हैं । इसी तरह रैगांव और पृथ्वीपुर में पार्टी के सामने बेहतर उम्मीदवार का चयन मुश्किल बना हुआ है।
उम्मीदवार चयन को लेकर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान का कहना है कि भाजपा वंशवाद परिवारवाद से सर्वथा दूर रहकर टिकट का चयन करती है। पार्टी का स्थानीय नेतृत्व प्रदेश का केन्द्रीय नेतृत्व से चर्चा करता है। केन्द्रीय नेतृत्व अंतिम रूप से फाइनल करता है। वैसे भी नवरात्रि आ रही है। फॉर्म तो नवरात्रि के प्रारंभ होने पर ही भरेंगे । इसलिए भाजपा में सारी प्रक्रिया पूरी हो गई है। नाम घोषित हो जाएंगे।
वहीं पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने कांग्रेस छोड़कर भाजपा में जाने वालों को लेकर तंज कसते हुए ट्वीट किया, भाजपा अब कॉंग्रेस मय होती जा रही है। मुझे पुराने भाजपा के कर्मठ कार्यकतार्ओं पर दया आती है। अब भाजपा पूरी तरह से टिकाऊ लोगों को छोड़ कर पूरे तरीके से बिकाऊ लोगों पर निर्भर हो चुकी है। (आईएएनएस)
नई दिल्ली : क्रूज पार्टी ड्रग्स मामले में NCB ने तीन और लोगों को गिरफ्तार किया है, जिनमें दो ड्रग्स पैडलर हैं और एक क्रूज शिप से सोमवार को लाया गया यात्री है. आज सभी को कोर्ट में पेश किया जाएगा. बता दें कि एनसीबी ने गोवा जा रहे ‘कॉर्डेलिया क्रूज़' के पोत पर छापेमारी के बाद बॉलीवुड अभिनेता शाहरुख खान के बेटे आर्यन खान और सात अन्य को गिरफ्तार किया था. एजेंसी के अधिकारी ने बताया कि एनसीबी की मुंबई इकाई ने छापेमारी के बाद गिरफ्तार किए लोगों से जुड़े मादक तस्करों की तलाश शुरू की थी. क्रूज पोत से पकड़े गए लोगों सहित कुछ संदिग्धों को पूछताछ के लिए एनसीबी के कार्यालय भी लाया गया था. नाम एवं पहचान उजागर किए बिना अधिकारी ने बताया कि पूछताछ के दौरान दो और लोगों की भूमिका सामने आई है, जिसके बाद ये गिरफ्तारी की गई. क्रूज़ पोत मादक पदार्थ मामले में अभी तक 11 लोगों को गिरफ्तार किया गया है.
एनसीबी ने सोमवार को अदालत में दावा किया था कि आर्यन खान और दो अन्य आरोपियों की व्हाट्सएप चैट में ‘‘चौंकाने वाली और दोष साबित करने वाली सामग्री'' मिली है, जो अंतरराष्ट्रीय मादक पदार्थों की तस्करी को भी दर्शाती है. उन्होंने कहा था, ‘‘आरोपी आर्यन खान, व्हाट्सएप चैट में, खरीद (नशीले पदार्थो की) के लिए किए जाने वाले भुगतान के तरीकों पर चर्चा कर रहा है. कई कोड नामों का इस्तेमाल किया जा रहा है. सभी आरोपियों का एक-दूसरे से आमना-सामना कराना होगा. अंतरराष्ट्रीय लेनदेन की जांच की जरूरत है.'' आर्यन खान (23) और अन्य आठ आरोपियों को बृहस्पतिवार तक एनसीबी की हिरासत में भेज दिया गया है. आर्यन खान के वकील ने दावा किया है कि उनके मुवक्किल के पास से मादक पदार्थ बरामद नहीं हुए हैं. (भाषा)
रूड़की में एक चर्च और वहां प्रार्थना कर रहे लोगों पर हमले के दो दिन बाद भी अभी तक पुलिस आरोपियों को पकड़ नहीं पाई है. एफआईआर में 200 से ज्यादा लोगों के खिलाफ आरोप दर्ज किए गए हैं.
डॉयचे वैले पर चारु कार्तिकेय की रिपोर्ट
मामला उत्तराखंड में हरिद्वार जिले के रूड़की का है. रविवार 3 अक्टूबर को शहर के एक चर्च में 200 लोगों से ज्यादा की एक भीड़ अचानक से घुस आई थी. भीड़ में शामिल लोगों पर आरोप है कि उन लोगों ने वहां तोड़फोड़ की और वहां प्रार्थना करने के लिए जमा हुआ लोगों पर भी हमला किया.
प्रदेश पुलिस के प्रमुख डीजीपी अशोक कुमार ने पत्रकारों को बताया है कि मामले में एफआईआर दर्ज कर ली गई है और आवश्यक कानूनी कार्रवाई की जाएगी. हरिद्वार के एसपी (ग्रामीण) प्रमेन्द्र सिंह डोबाल ने पत्रकारों को बताया कि हमले में कुछ लोगों को चोटें भी आई थीं और उनमें से एक को देहरादून के एक अस्पताल में भर्ती करा दिया गया है.
'बजरंग दल' पर आरोप
उन्होंने यह भी बताया कि पुलिस ने मामले की जांच शुरू कर दी है. एफआईआर में 200 से भी ज्यादा लोगों के नाम हैं लेकिन अभी तक किसी भी आरोपी को गिरफ्तार नहीं किया गया है. एफआईआर चर्च के पादरी की पत्नी प्रिओ साधना की शिकायत पर दर्ज की गई थी.
उन्होंने अपनी शिकायत में बताया कि हमले के दिन चर्च में करीब एक दर्जन लोग प्रार्थना के लिए जमा हुए थे तभी 200 से ज्यादा पुरुषों और महिलाओं की एक भीड़ चर्च के अंदर घुस आई. साधना के अनुसार इन लोगों ने हाथों में लोहे के डंडे लिए हुए थे.
उन्होंने वहां जमा लोगों के साथ गाली-गलौच की, चर्च में तोड़फोड़ की, मोबाइल फोन और कीमती सामान छीन लिया और लोगों पर हमला भी किया. साधना ने अपनी शिकायत में यह भी बताया कि हमलावर बजरंग दल और अन्य हिंदुत्ववादी संगठनों से संबंध रखते थे लेकिन पुलिस ने कहा है कि इस आरोप की जांच की जाएगी.
कई राज्यों में हमले
मीडिया में आई खबरों में दावा किया गया है कि राज्य सरकार ने कुछ जिलों में हिंसा की वारदातों को देखते हुए सभी 13 जिलों के जिला अधीक्षकों को अगले तीन महीनों तक राष्ट्रीय सुरक्षा कानून का इस्तेमाल करने के लिए अधिकृत कर दिया है.
पिछले कुछ महीनों में छत्तीसगढ़ और मध्य प्रदेश समेत कई राज्यों में चर्चों पर इसी तरह के हमले हो चुके हैं. दिल्ली विश्वविद्यालय के प्रोफेसर अपूर्वानंद ने ट्विटर पर ऐक्टिविस्ट जॉन दयाल के हवाले से लिखा कि 3 अक्टूबर को ही रुड़की के अलावा हरिद्वार के ही ज्वालापुर में कुछ लोगों ने एक चर्च में प्रार्थना सभा को भंग किया और लोगों को धमकाया.
उनके अनुसार उसी दिन छत्तीसगढ़ के भिलाई में पुलिस ने एक पादरी को पुलिस स्टेशन बुलाया, उन पर धर्मांतरण करवाने का आरोप लगा कर पूछताछ की और फिर छोड़ दिया. उसी दिन उत्तर प्रदेश के आजमगढ़ में पादरी नंदू नथानिएल और उनकी पत्नी को धर्मांतरण करवाने के आरोप में गिरफ्तार कर लिया गया.
अमेरिका में भी चिंता
उसी दिन मध्य प्रदेश के होशंगाबाद में एक एवांजलिस्ट पादरी और उनके चर्च पर हमला किया गया. छत्तीसगढ़ के महासमंद में भी एक चर्च पर हमला किया गया.
पिछले महीने कई पादरियों ने राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद को चिट्ठी लिख कर पूरे देश में चल रही ईसाई-विरोधी हिंसा को रोकने के लिए हस्तक्षेप करने की अपील की थी.
इसी साल अमेरिका के अंतरराष्ट्रीय धार्मिक स्वतंत्रता आयोग ने अपनी एक रिपोर्ट में कहा था कि भारत सरकार द्वारा प्रोत्साहित की जाने वाली हिन्दू राष्ट्रवादी नीतियों की वजह से "धार्मिक स्वतंत्रता" का सुनियोजित तरीके से "घोर उल्लंघन" हो रहा है. भारत सरकार ने रिपोर्ट के नतीजों को पक्षपातपूर्ण और बेबुनियाद बता कर ठुकरा दिया था. (dw.com)
भारत सरकार ने कहा है कि उन मामलों की जांच की जाएगी, जिनका जिक्र सोमवार को पैंडोरा पेपर्स नामक खुलासे में हुआ है. इंडियन एक्सप्रेस अखबार के मुताबिक इन मामलों में कई बड़े उद्योगपतियों और खेल जगत की हस्तियों के नाम हैं.
भारत ने पैंडोरा पेपर्स की जांच की बात कही है तो पाकिस्तान के वित्त मंत्रालय ने भी मामलों की जांच का आश्वासन दिया है. पाकिस्तान के वित्त मंत्री शौकत तरीन, जिनका नाम दस्तावेजों में शामिल है, ने कहा कि जिनके नाम दस्तावेजों में आए हैं, उनकी जांच होगी.
भारत के वित्त मंत्रालय ने एक बयान जारी कर कहा, "सरकार सक्रिय तौर विदेशी अधिकारियों से बात करेगी और प्रासंगिक करदाताओं व कंपनियों की जानकारियां हासिल करेंगे.”
उधर रूस ने कहा है कि व्लादीमीर पुतिन के सहयोगी द्वारा धन छिपाने के बारे में किसी तरह के सबूत इन दस्तावेजों ने नहीं मिलते. वॉशिंगटन पोस्ट अखबार ने लिखा था कि पुतिन की एक महिला मित्र ने मोनैको में घर खरीदने के लिए विदेशों में रखे गए धन का इस्तेमाल किया.
क्या है पैंडोरा पेपर्स?
पैंडोरा पेपर्स के नाम से चर्चित इस खुलासे में ऐसी 29 हजार कंपनियों और ट्रस्ट का पता चला है जिन्हें विदेशों में बनाया गया था. 14 कंपनियों के एक करोड़ 20 लाख दस्तावेजों का इंटरनेशनल कन्सॉर्टियम ऑफ इन्वेस्टिगेटिव जर्नलिस्ट्स (ICIJ) ने एक साल तक अध्ययन किया है जिसके बाद ऐसा दावा किया गया है कि विभिन्न देशों के व्यापारियों, उद्योगपतियों, राजनेताओं और खेल व मनोरंजन जगत की मशहूर हस्तियों ने अपना धन छिपाया.
इस पड़ताल में भारत का अखबार इंडियन एक्सप्रेस शामिल था. अखबार के मुताबिक इन दस्तावेजों में 300 से ज्यादा भारतीयों के नाम हैं जिनमें उद्योपति अनिल अंबानी, नीरव मोदी की बहन और किरन मजूमदार शॉ के पति जैसे लोग शामिल हैं.
इंडियन एक्सप्रेस अखबार मीडिया संस्थानों के उस समूह का हिस्सा है जिन्होंने इस दस्तावेजों की जांच-पड़ताल की है. अखबार के मुताबिक उद्योगपति अनिल अंबानी और उनके प्रतिनिधियों ने जर्सी, ब्रिटिश वर्जिन आईलैंड और साइप्रस में कम से कम 18 विदेशी कंपनियां बना रखी थीं.
2007 से 2010 के बीच स्थापित सात ऐसी कंपनियों के जरिए कम से कम 1.3 अरब डॉलर उधार लिए गए और निवेश किए गए. चीन के तीन बैंकों से विवाद होने के बाद 2020 में रिलायंस एडीए ग्रुप के चेयरमैन अनिल अंबानी ने लंदन में एक अदालत से कहा था कि वह दिवालिया हो गए हैं.
एक वकील ने अंबानी के हवाले से इंडियन एक्सप्रेस अखबार को बताया कि उनके मुवक्किल ने कानून सम्मत जानकारियां सरकार को दी हैं.
अखबार के मुताबिक इस वकील ने बताया, "हमारे मुवक्किल भारत के करदाता नागरिक हैं और कानून के हिसाब से जो भी जानकारियां सरकार को देनी होती हैं, उन्होंने दी हैं. लंदन की अदालत में जानकारी देते वक्त सारी बातों का ध्यान रखा गया था. रिलायंस एडीए ग्रुप दुनियाभर में व्यापार करता है और जरूरतों के हिसाब से अलग-अलग जगहों पर कंपनियां बनाई जाती हैं.”
60 से ज्यादा नाम
जिन नामों का खुलासा अब तक किया गया है उनमें पूर्व भारतीय क्रिकेटर सचिन तेंदुलकर भी हैं. इंडियन एक्सप्रेस ने लिखा है कि 60 से ज्यादा महत्वपूर्ण लोगों और कंपनियों की पड़ताल की गई है जिनका खुलासा आने वाले दिनों में किया जाएगा. अखबार लिखता है कि पनामा पेपर्स के खुलासे के बाद धनकुबेरों ने अपना धन छिपाने के नए तरीके खोज लिए हैं.
मिसाल के तौर पर क्रिकेटर सचिन तेंदुलकर ने पनामा पेपर्स खुलासे के सिर्फ तीन महीने बाद ब्रिटिश वर्जिन आईलैंड्स में अपनी हिस्सेदारी बेच दी थी. सचिन तेंदुलकर के वकील ने कहा है कि उनका सारा निवेश वैध है.
मंगलवार को छापी खबर में अखबार ने भारतीय सेना के इंटेलिजेंस प्रमुख रहे एक सैन्य अफसर और उनके बेटे द्वारा सेशेल्स में कंपनी बनाने की बात कही है. अखबार के मुताबिक 2016 में पनामा पेपर्स का खुलासा होने के तुरंत बाद लेफ्टिनेंट जनरल (सेवानिवृत्त) राकेश कुमार लूंबा ने अपने बेटे राहुल लूंबा के साथ मिलकर रेअरिंट पार्टनर्स लिमिटेड नाम की एक सेशेल्स इंटरनेशनल बिजनेस कंपनी स्थापित कर ली थी.
जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय के छात्र शरजील इमाम ने सोमवार को दिल्ली की एक अदालत में कहा कि वो कोई आतंकवादी नहीं है और उस पर चल रहा मामला कानून की तरफ से स्थापित एक सरकार के कारण नहीं बल्कि किसी बादशाह के हुक्म का नतीजा है. संशोधित नागरिकता कानून (सीएए) और राष्ट्रीय नागरिक पंजी (एनआरसी) के विरोध में हुए प्रदर्शन के दौरान भड़काऊ बयान देने के आरोप में इमाम को गिरफ्तार किया गया था.
शरजील इमाम ने 2019 में दो विश्वविद्यालयों में भाषण दिया था, जिसमें उन्होंने कथित तौर पर असम और बाकी पूर्वोत्तर को भारत से काटने की धमकी दी थी. इस संबंध में दर्ज मामले की सुनवाई अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश अमिताभ रावत ने की. जिन भाषणों के लिए इमाम को गिरफ्तार किया गया था वो कथित तौर पर 13 दिसंबर 2019 को जामिया मिल्लिया इस्लामिया और 16 दिसंबर 2019 को अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय में दिए गए थे.
शरजील इमाम पर कानून विरुद्ध क्रियाकलाप (निवारण) अधिनियम (यूएपीए) के तहत मामला दर्ज है और वो जनवरी 2020 से न्यायिक हिरासत में हैं. उसके विरुद्ध राजद्रोह का मामला भी दर्ज है. इमाम के वकील तनवीर अहमद मीर ने जमानत का अनुरोध करते हुए अदालत में कहा कि सरकार की आलोचना करना राजद्रोह नहीं माना जा सकता. मीर ने कहा कि अभियोजन की दलील का पूरा सार ये है कि अब अगर हमारे विरोध में बोलेंगे तो ये राजद्रोह होगा. उन्होंने कहा कि इमाम को सजा इसलिए नहीं दी जा सकती कि उसने सीएए या एनआरसी की आलोचना की.
वकील ने कहा कि शरजील इमाम का अभियोजन कानून की तरफ से स्थापित एक सरकार की अपेक्षा किसी बादशाह का हुक्म अधिक प्रतीत होता है. ये वो तरीका नहीं है जैसे किसी सरकार को काम करना चाहिए. सरकार बदल भी सकती है. कुछ भी स्थाई नहीं है. विशेष लोक अभियोजक अमित प्रसाद ने कहा कि विरोध जताने के मौलिक अधिकार का अर्थ ये नहीं है कि सार्वजनिक रूप से लोगों को नुकसान पहुंचाया जाए. उन्होंने अदालत में कहा कि इमाम के भाषण के बाद हिंसक दंगे भड़के. प्रसाद ने जमानत का विरोध करते हुए कहा कि उसने ये कहकर अराजकता फैलाने का प्रयास किया कि मुस्लिम समुदाय के लिए उम्मीद नहीं बची है और अब कोई रास्ता नहीं है. (tv9hindi.com)
विजयानगर (कर्नाटक), 4 अक्टूबर | राज्य के हुविनाहदगली तालुक के मकरब्बी गांव में दूषित पानी पीने से छह लोगों की मौत हो गई है। वहीं इस घटना के बाद कर्नाटक के नवगठित विजयनगर जिले का प्रशासन हाई अलर्ट पर है। आपात स्थिति को ध्यान में रखते हुए, जिला प्रशासन ने गांव में दो एम्बुलेंस तैनात की हैं ताकि किसी को भी दस्त और उल्टी के लक्षण विकसित होने पर रोगियों को जल्दी से अस्पतालों में स्थानांतरित किया जा सके।
मृतकों की पहचान मकराब्बी गांव के लक्ष्माम्मा, बसम्मा हवानुरू, नीलाप्पा बेलावगी, गोनेप्पा, महादेवप्पा और केंचम्मा के रूप में हुई है। दूषित पानी पीने से बीमार हुए 200 से अधिक लोगों का इलाज बल्लारी, होस्पेट, हुबली, हावेरी और अन्य अस्पतालों में किया जा रहा है।
23 सितंबर को दो लोगों की मौत हो गई थी और एक अन्य व्यक्ति, 50 वर्षीय महिला ने 1 अक्टूबर को दम तोड़ दिया था।
सूत्रों ने कहा कि मकराब्बी गांव जहां त्रासदी हुई, वहां की आबादी 2,000 से अधिक है। बोरवेल में नई पाइप लाइन डालने के दौरान पुराने पाइप क्षतिग्रस्त हो गए और सीवेज का पानी पीने के पानी में मिल गया।
50 से अधिक लोग जिनकी स्वास्थ्य स्थिति गंभीर हो गई है, उन्हें हुबली, दावणगेरे, हावेरी, बल्लारी और अन्य स्थानों के विभिन्न अस्पतालों में स्थानांतरित कर दिया गया है। सूत्रों का कहना है कि कई अभी भी नाजुक स्थिति में हैं।
तालुक स्वास्थ्य निरीक्षक डॉ विनोद ने कहा कि 26 अगस्त को सबसे पहले उल्टी और दस्त के 9 मामले सामने आए और उन्हें नजदीकी अस्पताल में भर्ती कराया गया। हालांकि वह उपचार के बाद ठीक हो गए। अधिकारियों की एक टीम ने गांव का दौरा किया और पानी के तीन नमूने लिए। इनमें से, 2 नमूनों की रिपोर्ट से पता चला कि पानी पीने के उपयोग के लिए अनुपयुक्त है।
23 सितंबर को फिर उल्टी और दस्त के मामले सामने आए। उन्होंने बताया कि जिला प्रशासन ने गांव में एक अस्थायी अस्पताल खोला और आपात स्थिति में मरीजों को शिफ्ट करने के लिए दो एंबुलेंस तैनात की गईं।
गांव में तीन बोरवेल और एक कुएं को बंद करने की कार्रवाई की गई है। उन्होंने बताया कि टैंकरों से पानी उपलब्ध कराया जा रहा है और गांव में आरओ प्लांट भी लगाया गया है।(आईएएनएस)
गुरुग्राम, 4 अक्टूबर | साइबर सिटी गुरुग्राम की जिला अदालत में कार्यरत दो वकीलों ने सोमवार को हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर के हाल ही में वायरल हुए एक वीडियो के आधार पर पुलिस में शिकायत दर्ज कराई है। वायरल वीडियो में मुख्यमंत्री चंडीगढ़ में भाजपा के किसान मोर्चा की एक बैठक के दौरान प्रदर्शन कर रहे किसानों के खिलाफ कथित तौर पर 'जैसे को तैसा' रणनीति के बारे में बात करते हुए दिखाई दे रहे हैं।
शिकायतकर्ता अधिवक्ताओं की पहचान मनदीप सेहरा और दिनेश कुमार के रूप में हुई है।
उन्होंने शिकायत में कहा है, "3 अक्टूबर को एक वीडियो वायरल हुआ है, जिसमें हरियाणा के सीएम ने उत्तरी और पश्चिमी हरियाणा के लिए 500, 700 और 1,000 के स्वयंसेवक समूह बनाने के लिए कहा है, क्योंकि दक्षिण हरियाणा में कोई समस्या नहीं है। उन्होंने 'उठा लो डंडे' (लाठी उठाकर तैयार रहना) जैसे शब्दों का प्रयोग किया है। उसके बाद हर जगह 'शठे शाठ्यं समाचरेत'.. इसका क्या अर्थ है, जैसे को तैसा।"
शिकायत में कहा गया है कि मुख्यमंत्री खट्टर यहीं नहीं रुके, उन्होंने आगे कहा, "चिंता मत करो, जब आप वहां (जेल में) एक महीना, तीन महीने या छह महीने रहोगे तो बड़े नेता बन जाओगे। इतिहास में नाम भी दर्ज होगा।"
शिकायत में कहा गया है, "यह वीडियो सोशल मीडिया और यूट्यूब पर उपलब्ध है और यहां तक कि कुछ अखबारों ने भी इस खबर को छापा है।" उन्होंने कहा कि वह अपने परिवार के साथ मुख्यमंत्री की टिप्पणी के बाद गहरे सदमे में हैं।
शिकायतकर्ता ने आगे कहा कि वे चिंतित हैं कि खट्टर का वीडियो वायरल होने के बाद राज्य में दंगे और हिंसा फैल सकती है।
इसके अलावा, गुरुग्राम जिला कांग्रेस कमेटी के सदस्यों ने सोमवार को प्रदर्शन कर रहे किसानों के खिलाफ कथित टिप्पणी को लेकर हरियाणा के मुख्यमंत्री का पुतला फूंका।
हरियाणा कांग्रेस की प्रवक्ता निकिता अरोड़ा ने एक बयान में कहा, "हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर कह रहे हैं कि एक लाठी उठाओ और जेल की परवाह मत करो। यह बेहद निंदनीय है। मुख्यमंत्री के बयान से यह साबित होता है कि सरकार देश में आपसी भाईचारे को नष्ट करने में लगी हुई है। लोगों को भड़का रही है और हिंसा को बढ़ावा दे रही है।"
बता दें कि खट्टर की इस कथित टिप्पणी को लेकर कांग्रेस ने हरियाणा के मुख्यमंत्री पर निशाना साधा है।
उनका बयान वायरल होने के बाद कांग्रेस ने उन्हें मुख्यमंत्री पद से तत्काल बर्खास्त करने की मांग की है।
कांग्रेस के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने कहा, अगर एक मुख्यमंत्री हिंसा को बढ़ावा देगा तो राज्य में कानून-व्यवस्था कैसे चलेगी।
खट्टर का बयान तब सामने आया है, जब उत्तर प्रदेश में किसानों का आंदोलन हिंसक हो गया है और किसानों का आरोप है कि इस घटना में केंद्रीय मंत्री का बेटा शामिल है।(आईएएनएस)