राष्ट्रीय
भारतीय स्कूलों में पिछले दिनों समुदाय विशेष के खिलाफ जिस तरह की घटनाएं सामने आईं, उसकी हर ओर निंदा हो रही है. साथ ही यह भी रेखांकित हुआ कि समाज कितना जहरीला होता जा रहा है.
डॉयचे वैले पर आमिर अंसारी की रिपोर्ट-
पिछले दिनों उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर स्थित एक निजी स्कूल में टीचर का बच्चे को सहपाठियों के हाथों पिटवाने वाला वीडियो तेजी से सोशल मीडिया पर वायरल हुआ. यह वीडियो देखने वाले कई लोगों के मन में उस क्रूर हरकत को लेकर सवाल उठे कि क्या कोई टीचर बच्चों के बीच धर्म के आधार पर इस तरह से लकीर खींच सकती है.
मुजफ्फरनगर के नेहा पब्लिक स्कूल की टीचर तृप्ता त्यागी को यूपी अल्पसंख्यक आयोग ने नोटिस जारी किया है. यूपी पुलिस ने भी तृप्ता त्यागी के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कर ली है. जिस बच्चे को तृप्ता त्यागी ने पिटवाया, उसकी गलती बस इतनी थी कि उसने पहाड़ा याद नहीं किया था.
तृप्ता त्यागी ने अपने बचाव में कहा है कि वीडियो को कांट-छांटकर सोशल मीडिया पर डाला गया है. तृप्ता त्यागी अपने बचाव में जो भी कहें, लेकिन वीडियो में साफ दिख रहा है कि वह वास्तव में सांप्रदायिक शब्दावली का इस्तेमाल कर रही थीं और बच्चों से हेट क्राइम करने को कह रही थी.
हालांकि प्रशासन ने स्कूल पर कार्रवाई करते हुए स्कूल को सील कर दिया गया है. पीड़ित बच्चे के पिता ने उसका दाखिला किसी अन्य स्कूल में करा दिया है. लेकिन इस प्रकरण के मद्देनजर और कई अन्य मामलों के संदर्भ में देखें, तो कई लोगों का कहना है कि स्कूलों में भी मुसलमानों के खिलाफ नफरत बढ़ती दिख रही है.
स्कूलों से फैलती नफरत!
मुजफ्फरनगर के स्कूल में जैसी घटना हुई है, उससे मिलती-जुलती एक और घटना दिल्ली के एक सरकारी स्कूल में हुई. पूर्वी दिल्ली के गांधी नगर के एक सरकारी स्कूल में पढ़ने वाले चार छात्रों ने टीचर के खिलाफ धार्मिक टिप्पणी का आरोप लगाया है. टीचर पर यह भी आरोप लगा कि उसने बच्चों से कहा कि उनका परिवार बंटवारे के दौरान पाकिस्तान क्यों नहीं चला गया.
ये छात्र 9वीं कक्षा में पढ़ते हैं. इनके परिवारों ने दिल्ली पुलिस में शिकायत दर्ज कराई. शिकायत मिलने के बाद दिल्ली पुलिस ने गांधी नगर के सरकारी सर्वोदय बाल विद्यालय की टीचर हेमा गुलाटी के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया है. पुलिस ने कहा कि वह आरोपों की जांच कर रही है. वहीं एक अभिभावक ने कहा कि अगर टीचर के खिलाफ कार्रवाई नहीं होती है, तो अन्य लोगों का हौसला बढ़ेगा.
धर्म के आधार पर बढ़ता भेदभाव
धर्म के आधार पर स्कूलों में भेदभाव के ये दो मामले पहले नहीं हैं. कई बार तो ऐसे मामलों की रिपोर्ट भी नहीं होती है. गुजरात के मेहसाणा जिले के लुनवा गांव में एक स्कूल है, श्री केटी पटेल स्मृति विद्यालय. इसमें पढ़ने वाली एक टॉपर मुस्लिम लड़की के पिता सनवर खान ने स्कूल पर भेदभाव का आरोप लगाया है.
मीडिया रिपोर्टों के मुताबिक, अर्नाजबानू 87 प्रतिशत अंकों के साथ स्कूल की 10वीं क्लास की टॉपर थी. लेकिन 15 अगस्त को हुए सम्मान समारोह में उन्हें सम्मानित नहीं किया गया. उनकी जगह दूसरे स्थान पर आने वाले छात्र को सम्मानित किया गया. जब अर्नाजबानू के पिता सनवर खान ने स्कूल प्रशासन और शिक्षकों से सफाई मांगी, तो उन्हें बताया गया कि अर्नाजबानू को 26 जनवरी को सम्मानित किया जाएगा.
स्कूल प्रशासन का कहना है कि स्कूल किसी भी प्रकार के भेदभाव के खिलाफ सख्त नीति रखता है. छात्रा को 26 जनवरी को पुरस्कार मिलेगा. स्कूल का दावा है कि पुरस्कार समारोह वाले दिन छात्रा गैर-हाजिर थी. हालांकि छात्रा के पिता सनवर खान ने कहा कि स्कूल में सीसीटीवी कैमरे लगे हैं और उससे जांच कर पता किया जा सकता है कि वह स्कूल में मौजूद थी या नहीं.
जानकार कहते हैं कि स्कूलों में बच्चों के बीच इस्लामोफोबिया बढ़ रहा है. उनका कहना है कि छोटे बच्चे अपने मुसलमान दोस्तों का मजाक उड़ाते हैं और उनका अपमान करते हैं. दिल्ली यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर अपूर्वानंद कहते हैं कि इस तरह की घटनाएं पीढ़ियों से हो रही हैं, लेकिन हालिया वक्त में बहुत बढ़ गई हैं. प्रोफेसर अपूर्वानंद ने डीडब्ल्यू से बात करते हुए कहा कि इस मामले में दूसरा पहलू यह है कि शिक्षकों के भीतर कैजुअल इस्लामोफोबिया है, जो अलग-अलग ढंग से व्यक्त होता रहता है.
प्रोफेसर अपूर्वानंद मुजफ्फरनगर और दिल्ली की घटना को कैजुअल इस्लामोफोबिया बताते हैं. वह कहते हैं इस्लामोफोबिया पिछले 10 साल में बढ़ा है और यह ढिठाई के साथ अब अभिव्यक्त किया जा रहा है.
भारत के स्कूलों का सच!
2017 में आई नाजिया इरम की किताब "मदरिंग ए मुस्लिम" में कई मुस्लिम मांओं और बच्चों का इंटरव्यू है. इस किताब के जरिए उन्होंने उल्लेख किया कि कैसे मुस्लिम छात्र, स्कूलों में सांप्रदायिक टिप्पणी सुनते हैं और धर्म के आधार पर उन्हें आपत्तिजनक बातें सुनने को मिलती हैं.
लेखिका नाजिया इरम ने किताब को लिखने के लिए तीन साल की रिसर्च की और देशभर के 12 राज्यों के 125 मुस्लिम परिवारों से बात की. उन्होंने कहा 85 प्रतिशत बच्चों ने बताया कि उन्हें धर्म के आधार पर परेशान किया गया, उनके साथ मारपीट हुई और उन्हें गलत नाम से पुकारा गया. डीडब्ल्यू से बात करते हुए नाजिया इरम ने बताया, "साफ पैटर्न उभरकर आया कि जैसे मीडिया में मुस्लिमों को दिखाया जाता है, वही बातचीत हमारे स्कूलों और प्लेग्राउंड में दोहराई जाती है."
नाजिया इरम ने इस किताब के लिए पांच साल से लेकर 20 साल के बच्चों के मुस्लिम परिवार का इंटरव्यू लिया. इन परिवारों के बच्चे दक्षिणी दिल्ली, गुरुग्राम और नोएडा के पॉश स्कूलों में पढ़ चुके हैं या पढ़ रहे हैं. नाजिया ने अपनी किताब में लिखा कि इंटरव्यू में बच्चों ने बताया कि कभी-न-कभी ऐसा हुआ कि सहपाठियों ने उन्हें "पाकिस्तानी" या "आतंकवादी" कहकर बुलाया है.
नाजिया इरम कहती हैं, "पांच साल तक के छोटे बच्चों के साथ ऐसी घटनाएं होती हैं और कई बार वे अपने माता-पिता से सवाल करते हैं क्या हम पाकिस्तानी हैं? शुरू में अभिभावक और टीचर इस तरह के मामले को दबाने की कोशिश करते हैं और जब बच्चे बड़े होते हैं, तो वे अपने तरीके से ऐसे मुद्दों को सुलझाने की कोशिश करते हैं."
नाजिया कहती हैं कि कई बार माता-पिता सामाजिक वजहों से इस तरह के मुद्दों को उठाने से हिचकते हैं. वह बताती हैं, "क्योंकि हमारा समाज ही ऐसा है कि वे (माता-पिता) समझते हैं कि इन मुद्दों पर बात ना करना ही बेहतर है. हमारा समाज ऐसा है कि हम कई बार मुश्किल विषयों पर बात नहीं करते हैं."
नाजिया बताती हैं, "कई बार टीचर्स ही समस्या का हिस्सा होते हैं, क्योंकि टीचर्स उसी समाज में रहते हैं जहां एक समुदाय विशेष के खिलाफ दुष्प्रचार और गलत सूचना फैलाई जाती है. कैसे एक समुदाय को नकारात्मक रूप से पेश किया जाता है, यह हमारी दिनचर्या का हिस्सा हो गया है."
न्यूज चैनल, अखबार, सोशल मीडिया भी समस्या का हिस्सा!
नाजिया उदाहरण देती हैं, "अगर दुनिया में कोई भी आतंकवादी हमला होता है, तो अगले दिन मुस्लिम बच्चे से कहा जाता है कि ये तुमने क्या किया. ऐसा लगता है कि हमले के लिए वही जिम्मेदार हो. जिन शब्दों का इस्तेमाल मुस्लिम बच्चों के खिलाफ किया जाता है, वे अक्सर समाचारों में इस्तेमाल हुए होते हैं. रात 10 बजे के बुलेटिन में जो कहा जाता है, वही बच्चे क्लासरूम में सुबह 9 बजे उगल रहे होते हैं."
नाजिया और अपूर्वानंद दोनों ही मानते हैं कि मुसलमानों के खिलाफ एक ही तरह का अजेंडा चलाया जा रहा है और अब इसे रोक पाना बहुत ही मुश्किल है. नाजिया कहती हैं, "आप दुष्प्रचार और गलत सूचना से कब तक अपने आपको बचाए रख पाते हैं, क्योंकि जब टीवी बंद करेंगे तो अखबार है, अखबार बंद करेंगे तो सोशल मीडिया है. करीब 10 साल से एक ही अजेंडा चल रहा है कि मुसलमान बुरा है."
वहीं अपूर्वानंद कहते हैं कि इस्लामोफोबिया मौजूदा सरकार की आधिकारिक विचारधारा का हिस्सा है और इसे देश के तमाम स्कूलों, कॉलेजों और विश्वविद्यालयों द्वारा अपनाया जा रहा है. वह कहते हैं, "जब तक यह शासन रहेगा, तब तक यह इसी तरह से चलता रहेगा."
अपूर्वानंद का मानना है कि पहले यह शासन बदलना जरूरी है, ताकि लोगों को पता चले कि यह समाज में स्वीकार्य नहीं है. (dw.com)
मुंबई, 2 सितंबर । कुछ मराठा समूहों द्वारा शुरू आरक्षण समर्थक आंदोलन ने शुक्रवार को हिंसक रूप ले लिया, जो सोलापुर, औरंगाबाद, नागपुर और महाराष्ट्र के अन्य शहरों में आंदोलन के साथ और अधिक जिलों में फैल गया।
प्रदर्शनकारियों ने सोलापुर-पुणे राजमार्ग को अवरुद्ध कर दिया, नागपुर, औरंगाबाद में जोरदार आंदोलन किया गया और आज बीड और जालना में बंद का आह्वान किया गया।
विपक्षी महा विकास अघाड़ी (एमवीए) के सहयोगी दल कांग्रेस, शिवसेना (यूबीटी) और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एसपी) ने हिंसा और अकारण पुलिस कार्रवाई के लिए सत्तारूढ़ शिव सेना-भारतीय जनता पार्टी-राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एपी) के सहयोगियों की आलोचना की है।
कड़ा संज्ञान लेते हुए, राकांपा अध्यक्ष शरद पवार स्थिति का जायजा लेने के लिए मुंबई से जालना के लिए रवाना हुए, जबकि कांग्रेस के विपक्ष के नेता विनय वडेट्टीवार और छत्रपति संभाजीराजे ने जालना का दौरा किया, और सेना (यूबीटी) सांसद संजय राउत ने हिंसा और पुलिस लाठीचार्ज के लिए सरकार को दोषी ठहराया।
1 सितंबर की शाम को, मराठों के लिए नौकरियों और शिक्षा में आरक्षण की मांग करने वाले हजारों प्रदर्शनकारी अंबाद क्षेत्र के अंतरवली-सारथी गांव में एकत्र हुए, जहां मराठा मोर्चा के संयोजक, मनोज जारांगे और अन्य लोग मंगलवार (29 अगस्त) से भूख हड़ताल पर बैठे थे।
जैसे ही जारांगे की हालत बिगड़ने लगी, एक पुलिस दल ने आंदोलन को तोड़ने और उन्हें अपनी भूख हड़ताल तोड़ने के लिए मजबूर करने का प्रयास किया, जिससे जाहिर तौर पर उनके समर्थक नाराज हो गए।
हाथापाई में पुलिस ने कथित तौर पर कड़ी चेतावनी देकर भीड़ को तितर-बितर करने का प्रयास किया, जिसे अनसुना कर दिया गया और लोगों ने कथित तौर पर पथराव किया।
पुलिस ने जवाबी कार्रवाई में प्रदर्शनकारियों पर लाठियां बरसाईं, आंसू गैस के गोले छोड़े और यहां तक कि प्रदर्शनकारियों को खदेड़ा, जिसमें कुछ पुलिसकर्मियों सहित कम से कम दो दर्जन लोग घायल हो गए।
गुस्साए प्रदर्शनकारी मौके से भाग गए और बाद में गांव के बाहरी इलाके में कम से कम दो बसों में आग लगा दी, और बाद में औरंगाबाद से आगजनी की खबरें आईं, और आज अन्य जिलों में भी अधिक विरोध प्रदर्शन हुए।
कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष नाना पटोले ने मांग की है कि अगर सरकार मराठों के लिए कोटा सुनिश्चित नहीं कर सकती है, तो सीएम एकनाथ शिंदे को इस्तीफा दे देना चाहिए।
आम आदमी पार्टी और महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (मनसे) प्रमुख राज ठाकरे ने भी कल शाम भड़की हिंसा के लिए सरकार की आलोचना की है। (आईएएनएस)।
चेन्नई, 2 सितंबर । तमिलनाडु 'क्यू' ब्रांच पुलिस रामेश्वरम नगर के एक युवक के साथियों, दोस्तों और रिश्तेदारों की जांच कर रही है, जिसके परिसर पर शुक्रवार को एक संदिग्ध आतंकी मॉड्यूल मामले में राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने छापा मारा था।
आतंकी मॉड्यूल पर एनआईए की छापेमारी के बाद रामेश्वरम में स्पेशल पुलिस कर रही जांच
एनआईए ने खुफिया जानकारी के बाद युवक के परिसरों पर छापा मारा, जिसमें अफगानिस्तान में अल-कायदा और अन्य आतंकवादी संगठनों का हिस्सा बनने के लिए अफगानिस्तान में जमीन खरीदने के लिए धन इकट्ठा करने में उसकी संलिप्तता का संकेत मिला था।
प्रमुख जांच एजेंसी ने अल-कायदा के लिए धन जुटाने की खुफिया जानकारी के आधार पर शुक्रवार को चार राज्यों-गुजरात, कर्नाटक, तमिलनाडु और महाराष्ट्र में संदिग्ध आतंकी मॉड्यूल के परिसरों में छापेमारी की है। यह तलाशी महाराष्ट्र में तीन स्थानों पर और अन्य राज्यों में एक-एक स्थान पर की गई।
खुफिया एजेंसियों के अनुसार, फंड जुटाना भारतीय उपमहाद्वीप में अल-कायदा (एएलक्यूआईएस) और तहरेक-ए-तालिबान के लिए है।
केंद्रीय एजेंसियों के अनुसार, ये संगठन युवाओं की भर्ती करने और भारत में आतंक फैलाने की योजना बना रहे हैं।
तमिलनाडु 'क्यू' शाखा, जो राज्य पुलिस का एक विशिष्ट बल है, संदिग्ध युवक के इतिहास, राज्य के अन्य जिलों में उसके कनेक्शन के साथ-साथ उसके परिवार के सदस्यों, दोस्तों और रिश्तेदारों की जांच कर रही है।
राज्य पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने आईएएनएस को बताया कि पुलिस ने मामले को गंभीरता से लिया है और मामले से जुड़े सभी पहलुओं की जांच कर रही है। उन्होंने यह भी कहा कि राज्य पुलिस ने कुछ दिन पहले कोयंबटूर के कुछ इलाकों में तलाशी ली थी। उन्होंने कहा कि यह दीपावली की पूर्व संध्या पर हुए कार बम विस्फोट की जांच के बाद किया गया था, जिसमें 29 वर्षीय जमीशा मुबीन की उक्कदम में एक मंदिर के पास जलकर मौत हो गई थी। वह व्यस्त दीपावली बाजार में एक बड़े आत्मघाती हमले की योजना बना रहा था, लेकिन उसके अनुभव की कमी के कारण गंतव्य से काफी पहले ही बम में विस्फोट हो गया। (आईएएनएस)।
सैंटियागो, 2 सितंबर । मध्य चिली के सैन पेड्रो डी ला पाज़ में एक ट्रेन के मिनीबस से टकरा जाने से कम से कम छह लोगों की मौत हो गई। स्थानीय अधिकारियों ने यह जानकारी दी।
समाचार एजेंसी शिन्हुआ की रिपोर्ट के अनुसार, सैन्य पुलिस के जुआन फ्रांसिस्को कैरास्को ने संवाददाताओं को बताया कि दुर्घटना शुक्रवार को एक रेलमार्ग क्रॉसिंग पर हुई, इसमें मिनीबस में सवार 14 लोगों में से छह की मौत हो गई।
ट्रेनों का संचालन करने वाली राज्य के स्वामित्व वाली कंपनी ईएफई सुर ने मृतकों के परिवारों के प्रति अपनी संवेदना व्यक्त की और कहा कि ट्रेन में सवार कोई भी यात्री गंभीर रूप से घायल नहीं हुआ है। (आईएएनएस)।
नई दिल्ली, 2 सितंबर । भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने राजस्थान के प्रतापगढ़ में सामने आए महिला के नग्न वीडियों को लेकर प्रदेश की अशोक गहलोत सरकार पर निशाना साधते हुए कहा है कि प्रदेेेश की जनता राज्य सरकार को सबक सिखाएगी।
जेपी नड्डा ने शनिवार सुबह एक्स (पहले ट्विटर ) कर अशोक गहलोत सरकार पर निशाना साधते हुए कहा," राजस्थान के प्रतापगढ़ का वीडियो चौंकाने वाला है। इससे भी बुरी बात यह है कि राजस्थान में शासन व्यवस्था पूरी तरह से नदारद है। मुख्यमंत्री और मंत्री गुटीय झगड़ों को निपटाने में व्यस्त हैं, और बचा हुआ समय दिल्ली में एक राजवंश को खुश करने में व्यतीत हो रहा है।
इसमें कोई आश्चर्य की बात नहीं है कि राज्य में महिला सुरक्षा के मुद्दे को पूरी तरह से नजरअंदाज किया जा रहा है। आए दिन महिलाओं के खिलाफ उत्पीड़न की कोई न कोई घटना सामने आती रहती है। राजस्थान की जनता राज्य सरकार को सबक सिखाएगी।
गौरतलब है कि जेपी नड्डा आज ही राजस्थान के सवाई माधोपुर के दौरे पर जा रहे हैं, जहां ऐतिहासिक दशहरा मैदान से अशोक गहलोत सरकार के खिलाफ वे भाजपा के राज्यव्यापी कार्यक्रम 'परिवर्तन संकल्प यात्रा" का शुभारंभ करेंगे। (आईएएनएस)।
चेन्नई, 2 सितंबर । भारत के ध्रुवीय उपग्रह प्रक्षेपण यान (पीएसएलवी) के एक्सएल संस्करण का चंद्रमा, मंगल और अब सूर्य के साथ एक दिलचस्प संबंध प्रतीत होता है।
रॉकेट ने भारत के पहले अंतरग्रहीय मिशन चंद्रमा मिशन -1 या चंद्रयान -1 के लिए 22 अक्टूबर, 2008 को अपनी पहली उड़ान भरी।
5 नवंबर 2013 को, रॉकेट का उपयोग भारत के पहले मंगल मिशन के लिए किया गया था, जिसे मार्स ऑर्बिटर मिशन (एमओएम) कहा जाता है।
अपनी पहली उड़ान के लगभग 15 साल बाद और अपने 25वें मिशन पर, पीएसएलवी-सी57 नामक रॉकेट का उपयोग भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) द्वारा एक अन्य अंतरग्रहीय मिशन, सूर्य का अध्ययन करने के लिए किया जा रहा है।
321 टन वजन उठाने वाला 44.4 मीटर लंबा पीएसएलवी-सी57 रॉकेट सूर्य का अध्ययन करने के लिए अंतरिक्ष यान आदित्य-एल1 को अंतरिक्ष में ले जाएगा।
रॉकेट के शनिवार सुबह 11.50 बजे उड़ान भरने की उम्मीद है।
पीएसएलवी चार चरण/इंजन का एक रॉकेट है, जो ठोस और तरल ईंधन द्वारा संचालित होता है। इसमें प्रारंभिक उड़ान के दौरान उच्च जोर देने के लिए पहले चरण में छह बूस्टर मोटर्स लगे होते हैं।
जो रॉकेट शनिवार को उड़ान भरेगा वह एक्सएल संस्करण है।
पीएसएलवी-एक्सएल संस्करण का उपयोग 28 सितंबर, 2015 को भारत की पहली समर्पित अंतरिक्ष खगोल विज्ञान वेधशाला एस्ट्रोसैट को लॉन्च करने के लिए भी किया गया था।
इसरो के पास पांच प्रकार के पीएसएलवी रॉकेट, स्टैंडर्ड, कोर अलोन, एक्सएल, डीएल और क्यूएल हैं। उनके बीच मुख्य अंतर स्ट्रैप-ऑन बूस्टर का उपयोग है। (आईएएनएस)।
जयपुर, 2 सितंबर । राजस्थान के प्रतापगढ़ जिले में एक महिला को नग्न कर घुमाया गया। घटना का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद यह मामला सामने आया।
घटना जिले के निचलकोटा गांव की है।
अधिकारियों ने शुक्रवार को बताया कि पीड़िता और आरोपी दोनों आदिवासी समुदाय से हैं और पीड़िता के पूर्व ससुर और उनके परिवार के सदस्य इस मामले में आरोपी हैं।
उन्होंने कहा, "सूचना मिलते ही पुलिस अधीक्षक (एसपी) डिप्टी एसपी और अन्य पुलिस अधिकारी के साथ तुरंत मौके पर पहुंचे।"
एसपी अमित कुमार ने कहा कि एफआईआर दर्ज कर ली गई है और आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए छह टीमें गठित की गई हैं।
घटना पर संज्ञान लेते हुए राज्य सरकार ने पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) उमेश मिश्रा ने एडीजी क्राइम दिनेश एम.एन. वे को प्रतापगढ़ भेजनेे का निर्णय लिया है।
डीजीपी ने पुलिस से आरोपियों को तुरंत गिरफ्तार करने को कहा है।
घटना पर प्रतिक्रिया देते हुए उपनेता प्रतिपक्ष सतीश पूनिया ने कहा, "प्रतापगढ़ में आदिवासी महिला के साथ दुर्व्यवहार का वीडियो देखकर रूह कांप जाता है, अपराधियों के हौंसले इतने बुलंद हैं कि वे खुलेआम अपराध का वीडियो बना रहे हैं।"
पूनिया ने राज्य सरकार से दोषियों को "इतनी कठोर सजा देने का आग्रह किया कि ऐसे अपराध करने के बारे में सोचने से भी अपराधियों के मन में डर पैदा हो जाए।" (आईएएनएस)।
इंफाल, 2 सितंबर । संयुक्त सुरक्षा बलों ने मणिपुर के इंफाल पश्चिम, कांगपोकपी और थौबल जिलों में लूटे गए पांच हथियार, छह अलग-अलग प्रकार के गोला-बारूद और सात शक्तिशाली बम बरामद किए हैं। पुलिस ने यह जानकारी दी।
पुलिस ने कहा कि बिष्णुपुर और चुराचांदपुर जिलों में सशस्त्र प्रतिद्वंद्वी समूहों के बीच रुक-रुक कर गोलीबारी की सूचना मिली है। हालांकि, इलाके में तैनात सुरक्षा बलों ने जवाब दिया और बाद में गोलीबारी कम हो गई।
पुलिस ने बताया कि स्थिति तनावपूर्ण लेकिन नियंत्रण में है।
इस बीच, आवश्यक वस्तुओं के साथ इंफाल-जिरीबम राष्ट्रीय राजमार्ग (एनएच-37) पर 220 वाहनों की आवाजाही सुनिश्चित की गई है।
सभी संवेदनशील स्थानों पर सख्त सुरक्षा उपाय किए गए हैं और वाहनों की स्वतंत्र और सुरक्षित आवाजाही सुनिश्चित करने के लिए संवेदनशील हिस्सों में सुरक्षा काफिला उपलब्ध कराया गया है। (आईएएनएस)।
जयपुर, 1 सितंबर प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने कांग्रेस शासित राजस्थान में केंद्र सरकार के ‘जल जीवन मिशन’ के कार्यान्वयन में कथित अनियमितताओं में धन शोधन की जांच को लेकर शुक्रवार को राज्य में कई शहरों में तलाशी ली। आधिकारिक सूत्रों ने यह जानकारी दी।
उन्होंने बताया कि जयपुर, अलवर और कुछ अन्य शहरों में इंजीनियरों, ठेकेदारों और राज्य सरकार के कुछ पूर्व अधिकारियों के परिसरों की तलाशी ली जा रही है।
सूत्रों ने बताया कि यह तलाशी धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) के प्रावधानों के तहत ली जा रही है। अभी तक की कार्रवाई में कुछ दस्तावेज और गैजेट बरामद किए गए हैं।
माना जा रहा है कि धन शोधन का यह मामला राजस्थान पुलिस की ओर से दर्ज की गई प्राथमिकी से संबद्ध है।
भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के राज्यसभा सदस्य किरोड़ी लाल मीणा ने जून में आरोप लगाया था कि राजस्थान में ‘जल जीवन मिशन’ के कार्यान्वयन में 20 हजार करोड़ रुपये का घोटाला किया गया।
उन्होंने आरोप लगाया था कि योजना की 48 परियोजनाओं में फर्जी अनुभव प्रमाणपत्र के आधार पर दो फर्मों को 900 करोड़ रुपये की निविदा जारी कर दी गई।
मीणा ने आरोप लगाया, ‘‘केंद्र के जल जीवन मिशन में 20 हजार करोड़ रुपये का घोटाला किया गया...राज्य के पब्लिक हेल्थ इंजीनियरिंग विभाग (पीएचईडी) के मंत्री और सचिव ने मिलकर इसे अंजाम दिया।’’
‘जल जीवन मिशन’ का उद्देश्य घरेलू नल कनेक्शन के माध्यम से साफ और पर्याप्त पेयजल उपलब्ध कराना है और इसे राज्य पीएचईडी द्वारा कार्यान्वित किया जा रहा है। (भाषा)
मुंबई, 1 सितंबर समयपूर्व चुनाव की अटकलों और ‘‘एक राष्ट्र, एक चुनाव’’ की संभावनाएं तलाशने के लिए समिति के गठन के बीच विपक्षी गठबंधन 'इंडियन नेशनल डेवलपमेंटल इन्क्लूसिव अलायंस' (इंडिया) के घटक दलों के प्रमुख नेता शुक्रवार को यहां बैठक कर रहे हैं जिसमें अगले लोकसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) का मुकाबला करने के लिहाज से ठोस खाका तैयार करने, आगे की रणनीति बनाने एवं साझा कार्यक्रम तय करने तथा इस मोर्चे को कुछ ढांचागत स्वरूप देने समेत कई बिंदुओं पर चर्चा की जाएगी।
विपक्षी दलों के नेता यहां गठबंधन का ‘लोगो’ भी जारी करेंगे। बैठक के बाद आज शाम ‘इंडिया’ के घटक दलों के नेता मीडिया को संबोधित करेंगे।
माना जा रहा है कि विपक्षी दलों के नेता अपनी इस तीसरी बैठक के बाद साझा बयान जारी करेंगे तथा वह गठबंधन के लिए समन्वय समिति तथा कुछ उप समूह बनाने की कवायद को अंजाम दे सकते हैं।
बैठक में कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे, कांग्रेस संसदीय दल की प्रमुख सोनिया गांधी, पार्टी के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी, तृणमूल कांग्रेस की प्रमुख एवं पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी, द्रविड़ मुनेत्र कषगम (द्रमुक) नेता एवं तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एम. के. स्टालिन, जनता दल (यूनाइटेड) के नेता एवं बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, राष्ट्रीय जनता दल के प्रमुख लालू प्रसाद, बिहार के उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव, राकांपा नेता शरद पवार, शिवसेना (यूबीटी) के प्रमुख उद्धव ठाकरे और कई अन्य विपक्षी दलों के नेता शामिल हैं।
विपक्षी गठबंधन के नेताओं का कहना है कि मुंबई की बैठक में 28 दलों के 63 प्रतिनिधि भाग ले रहे हैं।
इससे पूर्व बृहस्पतिवार देर शाम इन नेताओं ने रात्रि भोज से पहले अनौपचारिक बैठक की। रात्रिभोज का आयोजन महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री और शिवसेना (यूबीटी) के प्रमुख उद्धव ठाकरे ने किया था।
सूत्रों का कहना है कि बृहस्पतिवार रात रात्रिभोज पर अनौपचारिक बातचीत के दौरान इन नेताओं ने सीट बंटवारे को जल्द अंतिम रूप देने और एक संयुक्त एजेंडा के साथ सामने आने की जरूरत पर जोर दिया।
विपक्षी गठबंधन से जुड़़े सूत्रों ने यह भी बताया कि यह फैसला किया गया कि चर्चा के बाद एक समन्वय समिति बनेगी तथा चार उप समूहों का भी गठन किया जाएगा। इनमें से एक उप समूह गठबंधन के लिए साझा एजेंडा तय करने, दूसरा कार्य योजना तय करने और सोशल मीडिया का काम देखने तथा एक उप समूह शोध एवं डाटा विश्लेषण से संबंधित होगा।
विपक्षी दल एक उप समूह साझा चुनावी अभियान तैयार करने और जनसभाओं का कार्यक्रम तय करने के लिए गठित करेंगे।
पता चला है कि पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने रात्रिभोज के दौरान हुई अनौनचारिक बैठक में कहा कि इस गठबंधन को आगामी दो अक्टूबर तक अपना घोषणापत्र सामने लाना चाहिए तथा दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने अगले महीने के आखिर में सीटों का तालमेल करने की पैरवी की।
समाजवादी पार्टी के रामगोपाल यादव ने भी सीटों का जल्द बंटवारा करने का आह्वान किया।
यह जानकारी भी सामने आई है कि कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने बैठक में कहा कि एक साझा राष्ट्रीय एजेंडा तय किया जाए। उन्होंने नेताओं से प्रमुख बिंदु तैयार करने के लिए कहा।
गठबंधन ने बुधवार को विश्वास जताया था कि वह देश में राजनीतिक बदलाव के लिए एक मजबूत विकल्प प्रदान करेगा और उसके पास प्रधानमंत्री पद के लिए कई चेहरे हैं, जबकि भाजपा के पास ‘केवल एक चेहरा’ है।
विपक्षी गठबंधन की यह तीसरी बैठक है। पहली बैठक जून में पटना में, जबकि दूसरी बैठक जुलाई में बेंगलुरु में हुई थी, जहां इसे ‘इंडियन नेशनल डेवलपमेंटल इनक्लूसिव अलायंस’ (इंडिया) नाम दिया गया।
कांग्रेस नेता पृथ्वीराज चव्हाण ने बृहस्पतिवार शाम को कहा कि गठबंधन के नेता शुक्रवार को होने वाली बैठक में सीट-बंटवारे के तौर-तरीकों, समन्वय समिति और साझा न्यूनतम कार्यक्रम बनाने पर चर्चा करेंगे। (भाषा)
श्रीहरिकोटा (आंध्र प्रदेश), 1 सितंबर भारत के पहले सौर मिशन ‘आदित्य एल1’ के प्रक्षेपण की उल्टी गिनती शुरू हो गई है जिसे ध्रुवीय उपग्रह प्रक्षेपण यान (पीएसएलवी) से छोड़ा जायेगा। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने यह जानकारी दी।
सौर वेधशाला मिशन शनिवार को पूर्वाह्न 11 बजकर 50 मिनट पर प्रक्षेपित किये जाने के लिए पूरी तरह से तैयार है। सौर मिशन पर ऐसे समय में अमल किया जा रहा है जब कुछ ही दिनों पहले भारत का चंद्रयान-3 मिशन सफलतापूर्वक अपने लक्ष्य तक पहुंचा।
इसरो ने सोशल मीडिया साइट ‘एक्स’ पर पोस्ट किया, ‘‘ पीएसएलवी-सी57 / आदित्य एल1 मिशन : भारतीय समय के अनुसार दो सितंबर 2023 को पूर्वाह्न 11 बजकर 50 मिनट पर प्रक्षेपित करने के लिए उल्टी गिनती शुरू।’’
इसमें कहा गया है कि 23 घंटे 40 मिनट की उल्टी गिनती 12 बजकर 10 मिनट पर शुरू हुई ।
इसरो के प्रमुख एस सोमनाथ ने यहां पत्रकारों से कहा था, ‘‘हम प्रक्षेपण के लिए तैयारी कर रहे हैं। रॉकेट और सैटेलाइट तैयार हैं। हमने प्रक्षेपण के लिए अभ्यास पूरा कर लिया है। नियत स्थान पर पहुंचने में 125 दिन लगेंगे।’’
आदित्य-एल1 अंतरिक्ष यान को सूर्य के परिमंडल के दूरस्थ अवलोकन और एल1 (सूर्य-पृथ्वी लैग्रेंजियन बिंदु) पर सौर हवा का वास्तविक अध्ययन करने के लिए डिज़ाइन किया गया है, जो पृथ्वी से लगभग 15 लाख किलोमीटर दूर है।
यह सूर्य के अध्ययन के लिए भारत का पहला समर्पित मिशन है जिसे भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ऐसे समय अंजाम देने जा रहा है जब हाल ही में इसने चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर चंद्रयान-3 की सफल ‘सॉफ्ट लैंडिंग’ कराकर एक नया इतिहास रचते हुए देश को गौरवान्वित किया है। (भाषा)
नयी दिल्ली,1 सितंबर उच्चतम न्यायालय के न्यायाधीश पी के मिश्रा ने धनशोधन के मामले में दिल्ली के पूर्व मंत्री सत्येंद्र जैन की जमानत याचिका पर सुनवाई से शुक्रवार को खुद को अलग कर लिया।
प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने पिछले वर्ष 30 मई को जैन को गिरफ्तर किया था। जैन पर उनसे जुड़ी चार कंपनी के जरिए धनशोधन करने के आरोप हैं।
मामला जब सुनवाई के लिए न्यायाधीश ए एस बोपन्ना की अगुवाई वाली पीठ के समक्ष आया तो उन्होंने जैन की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता अभिषेक सिंघवी से कहा कि पीठ मामले पर सुनवाई नहीं कर सकती।
न्यायमूर्ति बोपन्ना ने कहा,‘‘ हम इस मामले पर इस पीठ के समक्ष सुनवाई करने में असमर्थ हैं।’’
पीठ ने मामले को प्रधान न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़ के समक्ष रखे जाने का निर्देश दिया ताकि किसी पीठ के पास पुनर्निधारण के उचित आदेश मिल सकें।
न्यायमूर्ति बोपन्ना ने कहा, ‘‘ किसी ऐसी पीठ के समक्ष पेश करने के आदेश प्रधान न्यायाधीश से प्राप्त कीजिए,जिसमें हममें से एक (न्यायमूर्ति मिश्रा) उसका हिस्सा नहीं हों।’’
आरंभ में सिंघवी ने अनुरोध किया कि मामले को सुनवाई के लिए थोड़ा समय दिए जाने की जरूरत है और उन्हें बहस के लिए कम से कम एक घंटे चाहिए।
उन्होंने पीठ से मामले को किसी भी मंगलवार के लिए सूचीबद्ध करने का अनुरोध किया।
पीठ ने निर्देश दिया कि जैन की जमानत संबंधी अंतरिम आदेश की अवधि 12 सितंबर तक बढ़ाई जाए। इस मामले में अब अगली सुनवाई 12सितंबर को होगी।
इससे पहले 25 अगस्त को उच्चतम न्यायालय ने धनशोधन के मामले में जैन की अंतरिम जमानत एक सितंबर तक बढ़ा दी थी।
प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने अंतरिम जमानत बढ़ाने का पुरजोर विरोध किया था।
उच्चतम न्यायालय ने 26 मई को जैन को चिकित्सा आधार पर छह सप्ताह के लिए अंतरिम जमानत देते हुए कहा था कि किसी भी नागरिक को अपने खर्च पर निजी अस्पताल में अपनी पसंद का इलाज कराने का अधिकार है। शीर्ष अदालत ने 24 जुलाई को जैन की अंतरिम जमानत पांच सप्ताह के लिए बढ़ा दी थी।
जैन को ईडी ने भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत 2017 में उनके खिलाफ केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) द्वारा दर्ज की गई प्राथमिकी के बाद गिरफ्तार किया था।
निचली अदालत ने सीबीआई द्वारा दर्ज मामले में उन्हें छह सितंबर, 2019 को नियमित जमानत दी थी। (भाषा)
नयी दिल्ली, 1 सितंबर विपक्ष के कई राजनीतिक दलों के नेताओं ने शुक्रवार को "एक राष्ट्र, एक चुनाव" की व्यवहार्यता का अध्ययन करने के लिए एक समिति गठित करने के सरकार के कदम की आलोचना की और आरोप लगाया कि यह देश के संघीय ढांचे के लिए खतरा पैदा करेगा।
भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (भाकपा) के महासचिव डी. राजा ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी हमेशा भारत के लोकतंत्र की जननी होने की बात करते हैं और फिर सरकार अन्य राजनीतिक दलों से चर्चा किए बिना एकतरफा फैसला कैसे ले सकती है।
आम आदमी पार्टी की मुख्य प्रवक्ता प्रियंका कक्कड़ ने कहा कि यह ‘इंडिया’ गठबंधन के तहत विपक्षी दलों की एकता देखने के बाद सत्तारूढ़ दल में "घबराहट" को दर्शाता है।
उन्होंने ‘पीटीआई-भाषा’ से कहा, ‘‘पहले उन्होंने एलपीजी की कीमतें 200 रुपये कम कीं और अब घबराहट इतनी है कि वे संविधान में संशोधन करने के बारे में सोच रहे हैं। उन्हें एहसास हो गया है कि वे आगामी चुनाव नहीं जीत रहे हैं।’’ प्रियंका कक्कड़ ने आरोप लगाया कि सरकार जो करना चाहती है वो संघवाद के लिए खतरा है।
शिवसेना (यूबीटी) नेता संजय राउत ने कहा कि देश पहले से ही एक है और कोई भी इस पर सवाल नहीं उठा रहा है।
उन्होंने कहा, ‘‘हम निष्पक्ष चुनाव की मांग करते हैं, ‘एक राष्ट्र एक चुनाव’ की नहीं। ‘एक राष्ट्र एक चुनाव’ का यह कदम हमारी निष्पक्ष चुनाव की मांग से ध्यान भटकाने के लिए लाया जा रहा है।’’ सरकार ने ‘‘एक राष्ट्र, एक चुनाव’’ की संभावनाएं तलाशने के लिए पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद की अध्यक्षता में एक समिति का गठन किया है। इससे लोकसभा चुनाव का समय आगे बढ़ने की संभावनाओं के द्वार खुल गए हैं ताकि इन्हें कई राज्यों में होने वाले विधानसभा चुनावों के साथ ही संपन्न कराया जा सके।
सरकार द्वारा 18 सितंबर से 22 सितंबर तक संसद का विशेष सत्र बुलाए जाने के एक दिन बाद यह कदम सामने आया है। सरकार ने हालांकि संसद के विशेष सत्र का एजेंडा घोषित नहीं किया है। (भाषा)
केंद्र सरकार ने एक देश, एक चुनाव को लेकर बड़ा कदम उठाते हुए एक कमेटी का गठन किया है. इस कमेटी के अध्यक्ष पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद होंगे. कमेटी इस मुद्दे पर शोध करेगी और अपनी रिपोर्ट केंद्र को सौंपेगी.
डॉयचे वैले पर आमिर अंसारी की रिपोर्ट-
एक दिन पहले ही केंद्र सरकार ने 18 से 22 सितंबर के बीच संसद का विशेष सत्र बुलाने का ऐलान कर सबको चौंका दिया था. इस विशेष सत्र में पांच बैठकें होंगी, हालांकि संसद के इस विशेष सत्र का एजेंडा क्या होगा इसके बारे में आधिकारिक तौर पर कुछ नहीं बताया गया है.
राजनीतिक गलियारों में इस विशेष सत्र को बुलाने को लेकर अलग-अलग अटकलें लगाई जा रही हैं. कुछ लोगों का मानना है कि सरकार इस विशेष सत्र में कोई महत्वपूर्ण बिल पास करवा सकती है.
लेकिन शुक्रवार को न्यूज एजेंसी पीटीआई ने सूत्रों के हवाले से खबर दी कि केंद्र सरकार ने पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद की अध्यक्षता में एक देश, एक चुनाव को लेकर कानूनी पहलुओं पर विचार करने और इस पर रिपोर्ट सौंपेने के लिए एक कमेटी का गठन किया.
पिछले कुछ वर्षों में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक साथ लोकसभा और राज्य विधानसभा चुनावों के विचार को दृढ़ता से आगे बढ़ाया है. इस पर विचार करने के लिए पूर्व राष्ट्रपति कोविंद को जिम्मेदारी सौंपने का निर्णय ऐसे समय में लिया गया है जब नवंबर-दिसंबर में पांच राज्यों के विधानसभा चुनाव होने हैं, इसके बाद अगले साल मई-जून में लोकसभा के चुनाव होने हैं.
पहले भी हो चुके हैं साथ चुनाव
देश में 1952, 1957, 1962 और 1967 में एक साथ लोकसभा और विधानसभा चुनाव हो चुके हैं. 1968-69 में कुछ राज्य विधानसभाओं को समय से पहले भंग कर दिए जाने के बाद यह प्रक्रिया बंद हो गई.
हालांकि एक देश, एक चुनाव के लिए संवैधानिक संशोधन की आवश्यकता होगी और फिर इसे राज्यों की विधानसभाओं में ले जाने की जरूरत होगी.
2014 के अपने लोकसभा चुनाव घोषणापत्र में बीजेपी ने विधानसभा और लोकसभा चुनाव एक साथ कराने के लिए एक पद्धति विकसित करने का वादा किया था.
राजनीतिक दलों ने क्या कहा
मुंबई में विपक्षी गठबंधन इंडिया की बैठक में शामिल होने पहुंचे कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे से जब सवाल किया गया कि सरकार विशेष सत्र बुला रही है और एक देश, एक चुनाव का बिल ला सकती है तो उन्होंने कहा, "उन्हें लाने दीजिए, लड़ाई जारी रहेगी."
प्रधानमंत्री मोदी ने 2016 में एक साथ चुनाव कराने की बात कही थी और 2019 में लोकसभा चुनाव के तुरंत बाद उन्होंने इस मुद्दे पर चर्चा के लिए सर्वदलीय बैठक बुलाई थी. बैठक में कई विपक्षी दलों ने भाग नहीं लिया था.
मोदी तर्क देते रहे हैं कि हर कुछ महीनों में चुनाव कराने से देश के संसाधनों पर बोझ पड़ता है और शासन में रुकावट आती है.
इससे पहले कई विपक्षी नेता समय से पहले लोकसभा चुनाव होने की आशंका जता चुके हैं. कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी ने कहा, "एक देश, एक चुनाव को लेकर केंद्र सरकार की नीयत साफ नहीं है. अभी इसकी जरूरत नहीं है. पहले महंगाई और बेरोजगारी का निदान होना चाहिए."
आम आदमी पार्टी की प्रवक्ता प्रियंका कक्कड़ ने कहा, "इससे स्पष्ट रूप से पता चलता है कि वे डरे हुए हैं. इंडिया गठबंधन की पहली दो बैठकों के बाद उन्होंने एलपीजी की कीमतों में 200 रुपये की कमी की. अब वे संविधान में संशोधन करने के लिए तैयार हैं, लेकिन वे इसके साथ आगामी चुनाव नहीं जीत पाएंगे."
वहीं कांग्रेस नेता राशिद अल्वी ने कहा कि जो विशेष सत्र सरकार बुला रही उसको लेकर सस्पेंस हैं. उन्होंने मीडिया से बातचीत में कहा, "सत्र में कौन सा बिल आएगा, कौन सा बिल नहीं आएगा, मीडिया में चर्चा है कि वन नेशनल, वन इलेक्शन के लिए बिल आ सकता है. महिला आरक्षण के लिए बिल आ सकता है. यूनिफॉर्म सिविल कोड बिल आ सकता है. क्या देश के अंदर तानाशाही है. "
उन्होंने कहा, "अगर विशेष सत्र आपको बुलाना है तो आपको विपक्ष को विश्वास में लेना चाहिए. उनको बताना चाहिए कि विशेष सत्र क्यों बुला रहे हैं और कौन से बिल पास कराने हैं. इस देश में पहले भी विशेष सत्र बुलाए गए हैं लेकिन हमेशा विपक्ष को विश्वास में रखकर बुलाए गए हैं. "
जी20 सम्मेलन के बाद होने वाले इस विशेष सत्र को सियासी रूप से अहम माना जा रहा है. चर्चा है कि मौजूदा लोकसभा का यह आखिरी सत्र हो सकता है. यह भी कहा जा रहा है कि सत्र संसद की पुरानी इमारत से शुरू होकर नयी इमारत में खत्म हो सकता है. (dw.com)
एक अंतरराष्ट्रीय रिपोर्ट में दावा किया गया है कि अदाणी परिवार के सदस्यों ने चोरी छिपे कुछ अदाणी कंपनियों के शेयर खरीदे थे. इन दावों के बाद विपक्षी पार्टियां एक बार फिर अडानी समूह के खिलाफ व्यापक जांच की मांग कर रही हैं.
डॉयचे वैले पर चारु कार्तिकेय की रिपोर्ट-
यह रिपोर्ट नॉन-प्रॉफिट मीडिया संगठन 'ऑर्गनाइज्ड क्राइम एंड करप्शन रिपोर्टिंग प्रोजेक्ट' (ओसीसीआरपी) ने जारी की है. संगठन का कहना है कि सालों से अदाणी समूह के अरबों रुपयों के स्टॉक खरीदने और बेचने वाले दो व्यक्तियों के अडानी परिवार से करीबी रिश्ते हैं.
नासिर अली शाबान आह्ली और चांग चुंग-लिंग नाम के इन दो व्यक्तियों के अदाणी परिवार से पुराने व्यापारिक संबंधरहे हैं और वो अदाणी समूह की सम्बद्ध कंपनियों में निदेशक और शेयरधारक रहे हैं.
शेयरों के दाम से छेड़छाड़?
इतना ही नहीं, अदाणी समूह के स्टॉक की खरीद-बिक्री के लिए इन्होंने जिन निवेश फंडों का इस्तेमाल किया, उसे समूह के मालिक गौतम अदाणी के बड़े भाई विनोद अदाणी द्वारा नियंत्रित एक कंपनी ही संचालित करती थी.
ये निवेश फंड मॉरिशस में पंजीकृत थे और इनके जरिये इन दोनों व्यक्तियों ने अपनी भागीदारी छुपाते हुए सालों तक अदाणी स्टॉक की खरीद-बिक्री की और इस प्रक्रिया में काफी मुनाफा कमाया.
रिपोर्ट में आगे कहा गया है कि यह गैरकानूनी है या नहीं यह इस सवाल पर निर्भर करता है कि यह माना जाए या नहीं कि आह्ली और चांग को अदाणी समूह के प्रोमोटरोंकी ओर से काम कर रहे थे.
अगर ऐसा मान लिया जाता है तो इसका मतलब यह होगा कि अदाणी समूह में अदाणी परिवार और उनके करीबियों की 75 प्रतिशत से ज्यादा हिस्सेदारी है. और इसकी कानून इजाजत नहीं देता.
रिपोर्ट में एक शेयर बाजार विशेषज्ञ अरुण अग्रवाल के हवाले से लिखा गया है कि कोई कंपनी जब अपने ही 75 प्रतिशत से ज्यादा शेयर खरीदती है...तो यह ना सिर्फ गैरकानूनी है, बल्कि शेयर के दामों से छेड़छाड़ है.
जांच की मांग
अग्रवाल के मुताबिक, "ऐसा करके कंपनी कृत्रिम रूप से कमी पैदा करती है जिससे उसके शेयर का भाव और कंपनी का बाजार पूंजीकरण बढ़ जाता है. इससे यह छवि बन जाती है कि कंपनी बहुत अच्छा प्रदर्शन कर रही है, जिससे कंपनी को और लोन लेने में, अपने मूल्य निर्धारण को और ज्यादा दिखाने और फिर नई कंपनियां खोलने मेंमदद मिलती है."
अदाणी समूह ने इस रिपोर्ट को हिंडनबर्ग रिपोर्ट में कही गई पुरानी बातों को ही नया रूप देने की कोशिश बताया है और इन दावों को निराधार बताया है. चांग ने ब्रिटेन के गार्डियन अखबार से कहा है कि उन्हें अदाणी स्टॉक के किसी भी गोपनीय खरीद के बारे में कुछ नहीं मालूम है. आह्ली की तरफ से अभी तक कोई बयान नहीं आया है.
हिंडेनबर्ग ने इस रिपोर्ट का स्वागत किया है और कहा है कि इससे उसकी रिपोर्ट में जो बात बाकी रह गई थी वो भी बाहर आ गई है.
भारत में विपक्षी पार्टियोंने इस रिपोर्ट के मद्देनजर सवाल उठाया है कि सेबी और सुप्रीम कोर्ट की "विशेषज्ञ समिति" इन दावों का पता क्यों नहीं लगा सकी. पार्टी के प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने पूरे मामले की एक जेपीसी से जांच कराने की मांग को दोहराया है. (dw.com)
मुंबई, 1 सितंबर । विपक्षी दलों के गठबंधन (इंडिया) की आज हो रही औपचारिक बैठक में सीट बंटवारे, संयुक्त समन्वय समिति और संसद के 5 दिवसीय विशेष सत्र की रणनीति पर विचार-विमर्श किया जाएगा।
मामले से जुड़े एक शीर्ष सूत्र ने आईएएनएस को बताया, "आज इंडिया की मीटिंग में औपचारिक बातचीत होगी, इसमें 28 पार्टियों के 63 नेता हिस्सा लेंगे।"
सूत्र ने कहा, "आज की बैठक के दौरान, समन्वय पैनल के गठन पर विचार-विमर्श किया जाएगा।"
सूत्र ने कहा, "समन्वय पैनल के अलावा, नेता संसद के आगामी विशेष सत्र की रणनीति पर भी चर्चा करेंगे कि कैसे इंडिया गुट एक बार फिर एकजुट चेहरा पेश करेगा।"
यह पूछे जाने पर कि क्या सीट बंटवारे के मुद्दे पर कोई चर्चा होगी, सूत्र ने कहा, 'हां, सीट बंटवारे के मुद्दे पर भी विस्तार से चर्चा की जाएगी कि इसका प्रारूप क्या होगा और इसे कैसे तय किया जाएगा।
सूत्र ने बताया कि सीटें तय नहीं होंगी, लेकिन सभी नेताओं के मन में यह समझ लानी होगी कि वोटों का बिखराव रोकना जरूरी है।
सूत्र ने इस बात से भी इनकार किया कि इंडिया ब्लॉक के नेता 30 सितंबर तक सीट बंटवारे का फॉर्मूला तय कर लेंगे और कहा कि पहले हमें यह समझने की जरूरत है कि इसका प्रारूप क्या होगा और इसे एक ढांचे के भीतर कैसे आगे बढ़ाया जाना चाहिए।
सूत्र ने कहा, "इंडिया ब्लॉक के नेताओं को पहले सीट बंटवारे की रूपरेखा को समझना होगा और फिर इस बात पर विस्तृत चर्चा की जाएगी कि पिछले चुनाव में किन सीटों पर कौन सी पार्टियां पहले, दूसरे या तीसरे स्थान पर थीं।"
गौरतलब है कि 2019 के लोकसभा चुनाव में कांग्रेस 421 सीटों पर चुनाव लड़ी थी और 373 सीटों पर बीजेपी से उसकी सीधी टक्कर थी. बीजेपी ने 2019 का चुनाव 435 सीटों पर लड़ा था जबकि बाकी सीटों पर उसके गठबंधन सहयोगियों ने चुनाव लड़ा था।
पूर्व पार्टी प्रमुख राहुल गांधी द्वारा प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ आक्रामक अभियान चलाने के बावजूद, कांग्रेस पार्टी 2019 के लोकसभा चुनावों में केवल 52 सीटें जीतने में सफल रही।
सूत्र ने आगे कहा कि ओडिशा की बीजेडी, तेलंगाना की बीआरएस और आंध्र प्रदेश की वाईएसआर कांग्रेस पार्टी और टीडीपी के इंडिया ब्लॉक से दूर रहने के कारण, पार्टी नेता कांग्रेस पर निर्णय छोड़ देंगे।
सूत्र ने यह भी कहा कि दिन के दौरान संयोजक पद पर भी चर्चा होगी।
सूत्र ने कहा कि कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे और बिहार के मुख्यमंत्री और जदयू नेता नीतीश कुमार इस पद की दौड़ में सबसे आगे हैं।
सूत्र ने कहा कि राजद सुप्रीमो और बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव ने भी जोनवार समन्वयक रखने का सुझाव दिया था।
इस बीच, कांग्रेस के एक सूत्र ने कहा कि 2019 में बीजेपी के खिलाफ सीधे चुनाव लड़ने वाली सीटों को देखते हुए पार्टी में विस्तृत चर्चा चल रही है।
सूत्र ने कहा कि आगे की राह बहुत आसान नहीं है, इसके लिए बहुत गंभीर बातचीत की जरूरत है।
उन्होंने कहा कि एक साथ तस्वीरें खिंचवाने का विकल्प तभी काम करेगा जब पार्टियां बड़े दिल से बलिदान, समायोजन और सीट साझा करने के लिए तैयार होंगी।
शुक्रवार को इंडिया अलायंस का नया लोगो भी लॉन्च होने की संभावना है। (आईएएनएस)।
बेंगलुरु, 1 सितंबर । कर्नाटक पुलिस ने एक व्यक्ति को गिरफ्तार किया है, जिसने बुर्का पहने एक लड़की और उसके दोस्त को 'जय श्री राम' का नारा लगाने पर जान से मारने की धमकी दी थी।
आरोपी की पहचान ऑटो चालक नेयाज़ खान के रूप में हुई। पुलिस ने शुक्रवार को कहा कि पुलिस और तथ्य जांच विंग बेंगलुरु के कोनानकुंटे इलाके में आरोपी को पकड़ने में कामयाब रहे।
पुलिस ने कहा कि नेयाज़ खान के खिलाफ कोई मामला नहीं था और वह सोशल मीडिया पर बहुत सक्रिय था। उसने पुलिस को बताया था कि वीडियो देखकर उसे गुस्सा आ गया और उसने धमकी दे दी। तलघट्टपुरा पुलिस इस संबंध में मामला दर्ज कर जांच कर रही है।
बुर्का पहने लड़की और टोपी पहने युवक को 'जय श्री राम' का नारा लगाते हुए दिखाने वाला एक वीडियो वायरल होने के बाद, आरोपी ने उन्हें सोशल मीडिया पर धमकी दी कि अगर उस पोशाक में 'जय श्री राम' का नारा लगाने की हिम्मत की तो उन्हें काट दिया जाएगा।
वीडियो में आरोपी युवकों को यह कहते हुए सुना जा सकता है कि पहले बुर्का और टोपी उतारो, फिर जो कहना है कहो।
'द राइट विंग गाइ' नाम से जाने वाले एक सोशल मीडिया उपयोगकर्ता ने बाद में बेंगलुरु पुलिस को टैग करते हुए धमकी भरा वीडियो पोस्ट किया और कार्रवाई की मांग की। (आईएएनएस)।
नई दिल्ली, 1 सितंबर । केंद्र की भाजपा सरकार अपने 'एक देश एक चुनाव' के एजेंडे को लेकर एक कदम और आगे बढ़ने जा रही है। सूत्रों के मुताबिक, केंद्र सरकार पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद की अध्यक्षता में 'एक देश एक चुनाव' को लेकर उच्चस्तरीय कमेटी का गठन कर सकती है।
पूर्व राष्ट्रपति कोविंद की अध्यक्षता वाली यह कमेटी देश में ' एक देश एक चुनाव' से जुड़े तकनीकी, कानूनी एवं संवैधानिक पहलुओं पर विचार विमर्श कर अपने सुझाव भारत सरकार को देगी और इन सुझावों एवं सिफारिशों के आधार पर केंद्र सरकार इसके मामले में अपनी भविष्य की रणनीति और एजेंडा तैयार करेगी।
गौरतलब है कि हाल ही में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ प्रमुख मोहन भागवत ने भी दिल्ली में पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद से मुलाकात की थी। संघ प्रमुख भागवत ने 29 अगस्त को पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद से मुलाकात की थी। हालांकि दोनों नेताओं की मुलाकात को शिष्टाचार मुलाकात बताया गया था। (आईएएनएस) ।
नई दिल्ली, 1 सितंबर । भारत के मुख्य न्यायाधीश डी.वाई. चंद्रचूड़ ने की अध्यक्षता में सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम ने मद्रास उच्च न्यायालय के स्थायी न्यायाधीश के रूप में पांच अतिरिक्त न्यायाधीशों की नियुक्ति की सिफारिश की है।
कॉलेजियम ने न्यायमूर्ति ए.ए. नक्कीरन, निदुमोलु माला, एस सौंथर, सुंदर मोहन और कबाली कुमारेश बाबू को मद्रास उच्च न्यायालय के स्थायी न्यायाधीश के रूप में नियुक्ति की सिफारिश की है।
20 जून को, मद्रास उच्च न्यायालय के कॉलेजियम ने सर्वसम्मति से उच्च न्यायालय में स्थायी न्यायाधीशों के रूप में नियुक्ति के लिए इन पांच अतिरिक्त न्यायाधीशों के नामों की सिफारिश की थी।
एससी कॉलेजियम ने कहा, "सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम के 26 अक्टूबर 2017 के संकल्प के अनुसार भारत के मुख्य न्यायाधीश द्वारा गठित सुप्रीम कोर्ट के दो न्यायाधीशों की समिति ने उपरोक्त अतिरिक्त न्यायाधीशों के फैसलों का मूल्यांकन किया है।"
इसमें कहा गया है कि उसने स्थायी न्यायाधीशों के रूप में नियुक्ति के लिए इन अतिरिक्त न्यायाधीशों की योग्यता और उपयुक्तता का आकलन करने के लिए रिकॉर्ड पर रखी सामग्री की जांच की है।
मामले के सभी पहलुओं पर विचार करने और समग्र विचार करने के बाद, कॉलेजियम ने यह सिफारिश करने का संकल्प लिया कि ये पांच अतिरिक्त न्यायाधीश मद्रास एचसी के स्थायी न्यायाधीशों के रूप में नियुक्त होने के लिए उपयुक्त हैं।
शीर्ष अदालत की वेबसाइट पर अपलोड बयान में कहा गया है, “तमिलनाडु के मुख्यमंत्री और राज्यपाल उपरोक्त सिफारिश से सहमत हैं। (आईएएनएस)।
नई दिल्ली, 1 सितंबर । भारत के मुख्य न्यायाधीश डी.वाई. चंद्रचूड़ की अध्यक्षता में सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम ने जस्टिस अनंत रामनाथ हेगड़े और कन्ननकुझिल श्रीधरन हेमलेखा को कर्नाटक उच्च न्यायालय में स्थायी न्यायाधीश के रूप में नियुक्त करने की सिफारिश की है।
हालांकि, न्यायमूर्ति सिद्धैया राचैया को स्थायी न्यायाधीश के रूप में नियुक्त करने के बजाय 8 नवंबर, 2024 तक अतिरिक्त न्यायाधीश के रूप में नियुक्ति की सिफारिश की गई है।
30 मई को, कर्नाटक उच्च न्यायालय के कॉलेजियम ने सर्वसम्मति से उच्च न्यायालय के स्थायी न्यायाधीशों के रूप में नियुक्ति के लिए तीन अतिरिक्त न्यायाधीशों की सिफारिश की।
एससी कॉलेजियम ने कहा कि उसने सुप्रीम कोर्ट के अन्य न्यायाधीशों से परामर्श किया था।
एससी कॉलेजियम ने कहा, मामले के सभी पहलुओं पर विचार करने के बाद, कॉलेजियम ने कर्नाटक उच्च न्यायालय के स्थायी न्यायाधीशों के रूप में न्यायमूर्ति अनंत रामनाथ हेगड़े और कन्ननकुझिल श्रीधरन हेमलेखा और अतिरिक्त न्यायाधीश के रूप में न्यायमूर्ति सिद्धैया रचैया की नियुक्ति की सिफारिश करने का निर्णय लिया। (आईएएनएस)।
इम्फाल, 1 सितंबर । मणिपुर के बिष्णुपुर और चुराचांदपुर जिलों में पिछले तीन दिनों के दौरान एक आदिवासी गीतकार और एक ग्राम रक्षा स्वयंसेवक सहित कम से कम पांच लोगों की मौत हो गई और 20 अन्य घायल हो गए, जबकि कुकी और मैतेई के बीच गोलीबारी अब भी जारी है। अधिकारियों ने गुरुवार रात यह जानकारी दी।
सूत्रों ने कहा कि तीन दिनों में लगातार गोलीबारी में मरने वालों की संख्या छह से सात थी, लेकिन अधिकारियों ने अभी तक इसकी पुष्टि नहीं की है।
मारे गए पांच लोगों में 50 वर्षीय एल.एस. मंगबोई लुंगडिम भी शामिल हैं, जिन्होंने 3 मई को मणिपुर में जातीय हिंसा भड़कने के बाद "आई गम हिलौ हैम (क्या यह हमारी भूमि नहीं है?)" गीत की रचना की थी।
मृतकों में वीडीवी जांगमिनलुन गांगटे भी शामिल हैं।
इंफाल में पुलिस अधिकारियों ने कहा कि दो प्रतिद्वंद्वी जातीय समूहों के बीच सुबह शुरू हुई ताजा गोलीबारी के बाद गुरुवार देर शाम तक चुराचांदपुर जिले के बिष्णुपुर और आसपास के इलाकों की तलहटी में गोलीबारी जारी थी।
मणिपुर के बिष्णुपुर और चुराचांदपुर जिलों में गोलीबारी के दौरान छर्रे लगने से घायल हुए दो लोगों की गुरुवार को मौत हो गई।
पुलिस ने कहा कि बुधवार को एक बम विस्फोट से सिर पर चोट लगने के कारण एक युवक की मौत हो गई, जब उसे मिजोरम के रास्ते इलाज के लिए गुवाहाटी अस्पताल ले जाया जा रहा था।
एक पुलिस अधिकारी ने बताया कि बुधवार की गोलीबारी में घायल एक अन्य व्यक्ति की गुरुवार को चुराचांदपुर जिला अस्पताल में मौत हो गई, जहां उसका इलाज चल रहा था।
रक्षा सूत्रों ने कहा कि त्वरित और प्रभावी प्रतिक्रिया में, सेना की त्वरित कार्रवाई टीम ने गुरुवार शाम लीमाखोंग के पास आगजनी के प्रयास की घटना को विफल कर दिया।
चिंगमांग गांव के पास सेना की एक टुकड़ी ने एक खाली घर से आग की लपटें और धुआं निकलते देखा। बिना देर किए, कर्मचारी हरकत में आ गए और क्षेत्र के चारों ओर एक सुरक्षित घेरा स्थापित कर दिया।
घटना के कुछ ही मिनटों के भीतर सेना के तीन जल धनुषक स्थान पर पहुंच गए, और आग पर काबू पा लिया गया और बुझा दिया गया।
इस बीच, आगजनी की कोशिश में शामिल लोगों को पकड़ने के लिए तलाशी अभियान भी चलाया जा रहा है।
एक रक्षा प्रवक्ता ने कहा, सेना की त्वरित कार्रवाई से घर को जलने से और आग की लपटों को पड़ोसी घरों तक फैलने से रोक लिया गया।
मणिपुर पुलिस के एक बयान में कहा गया है कि यह विभिन्न सोशल मीडिया में प्रसारित किया जा रहा है कि लोनफाई, खौसाबुंग, कांगवई और सुगनू क्षेत्रों पर हमला हो रहा है, और स्पष्ट किया कि कांगवई और सुगनू में ऐसी कोई घटना नहीं हुई है।
हालांकि, लोनफाई और खौसाबुंग में गोलीबारी हुई। क्षेत्र में तैनात सुरक्षा बलों ने जवाब दिया और बाद में गोलीबारी कम हो गई।
इसमें कहा गया है कि स्थिति तनावपूर्ण लेकिन नियंत्रण में है।
एक अलग पुलिस बयान में कहा गया है कि तलाशी अभियान के दौरान चुराचांदपुर से 20 बम, तीन लूटे गए हथियार, 20 विभिन्न प्रकार के गोला-बारूद बरामद किए गए (आईएएनएस)।
नई दिल्ली, 1 सितंबर । कांग्रेस ने गुरुवार को सरकार पर हमला बोलते हुए कहा कि चालू वित्तवर्ष की पहली तिमाही में जीडीपी दर 7.8 फीसदी पिछले तीन वर्षों में सबसे कम है और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के पास इसका कोई जवाब नहीं है।
सांख्यिकी और कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार, चालू वित्तवर्ष की पहली तिमाही (अप्रैल-जून) में भारत की आर्थिक वृद्धि 7.8 प्रतिशत रही, जो पिछले वर्ष की इसी अवधि में दर्ज 13.1 प्रतिशत से भारी गिरावट है।
कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर एक पोस्ट में कहा : "यह क्यूएसक्यूटी (क्वार्टर से क्वार्टर तक) का समय है। यहां कुछ स्पष्ट तथ्य हैं : 2021-22 से शुरू होने वाले कोविड-19 रिकवरी के बाद से पहली तिमाही में जीडीपी वृद्धि कम आधार प्रभाव के कारण दर हमेशा ऊंची रही है। इस साल की पहली तिमाही में जीडीपी वृद्धि दर पिछले तीन वर्षों में सबसे कम है। जीडीपी वृद्धि में गिरावट का रुझान स्पष्ट रूप से दिखाई दे रहा है, चाहे आप किसी भी तिमाही को देखें और महामारी से पहले भी यही प्रवृत्ति थी।
"लेकिन यहां मुख्य मुद्दा है विकास, जिसके बारे में भारत के लोग चिंतित हैं। वह आवश्यक वस्तुओं की बढ़ती कीमतें, युवाओं की बढ़ती बेरोजगारी और उनकी आय में गिरावट के कारण बढ़ती असमानता है। प्रधानमंत्री के पास इन कठिन चुनौतियों का कोई जवाब नहीं है। उन्होंने अपने जनादेश को बर्बाद कर दिया है और जनसांख्यिकीय लाभांश को बर्बाद कर दिया है। हेडलाइन और छवि प्रबंधन अब काम नहीं करेगा, क्योंकि इंडिया आगे बढ़ने के लिए तैयार है।" (आईएएनएस)।
मुंबई, 1 सितंबर । विपक्षी दलों की 'भारतीय राष्ट्रीय विकासात्मक समावेशी गठबंधन (इंडिया)' की तीसरी दो दिवसीय बैठक यहां गुरुवार को शुरू हुई, जो 2024 के लोकसभा चुनाव के लिए गठबंधन की रणनीतियों से संबंधित कई मुद्दों पर चर्चा करने और एक ठोस रोडमैप तैयार करने के बाद समाप्त हुई। सूत्रों ने कहा कि साझेदारों के बीच सहयोग और राज्यों में सीटों के का बंटवारेे पर भी चर्चा हुई।
पहले दिन की बैठक में कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे, कांग्रेस संसदीय दल की अध्यक्ष सोनिया गांधी, सांसद राहुल गांधी, पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री और तृणमूल कांग्रेस अध्यक्ष ममता बनर्जी, बिहार के मुख्यमंत्री और जद-यू नेता नीतीश कुमार, तमिलनाडु के मुख्यमंत्री और डीएमके प्रमुख एम.के. स्टालिन, एनसी नेता उमर अब्दुल्ला, शिवसेना-यूबीटी नेता उद्धव ठाकरे, एनसीपी सांसद सुप्रिया सुले, राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव के साथ उनके बेटे और बिहार के उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव, दिल्ली के मुख्यमंत्री और आप नेता अरविंद केजरीवाल, पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान, समाजवादी पार्टी प्रमुख अखिलेश यादव, रालोद नेता जयंत चौधरी और कई अन्य दलों के नेता शामिल हुए।
सूत्रों ने बताया कि गुरुवार शाम को बैठक के दौरान सीट बंटवारे समेत कई मुद्दों पर चर्चा हुई।
सूत्र ने कहा कि इंडिया गठबंधन के नेताओं ने अनौपचारिक रूप से मुलाकात की। उन्होंने शुक्रवार को होने वाली औपचारिक बैठक का एजेंडा तय किया। गठबंधन की भविष्य की रणनीति के बारे में महत्वपूर्ण निर्णय इसी बैठक में लिए जाएंगे।
सूत्र ने कहा कि सीट बंटवारे की रणनीति को जल्द से जल्द अंतिम रूप देने के लिए इंडिया के नेताओं द्वारा आम सहमति बनाई जा रही है, ताकि विपक्षी दल हर सीट पर भाजपा से मुकाबला करने के लिए संयुक्त उम्मीदवार खड़ा करने का फैसला कर सकें।
बैठक से निकलने पर जब केजरीवाल से पूछा गया कि क्या दिल्ली और पंजाब में सीटों के बंटवारे का मुद्दा उठाया गया, तो उन्होंने कहा, "सीटों का बंटवारा पूरे देश में होगा और हमने कहा है कि ऐसी बात (सीटों का बंटवारा) हर राज्य में होनी चाहिए।"
हालांकि, कई अन्य वरिष्ठ नेता इस घटनाक्रम पर चुप्पी साधे हुए हैं।
अनौपचारिक चर्चा के बाद इंडिया के नेता ठाकरे द्वारा आयोजित रात्रिभोज में भी शामिल हुए।
शुक्रवार को इंडिया गठबंधन के लिए एक नया लोगो भी लॉन्च होने की संभावना है, जबकि एक संयोजक और उप समिति गठित करने पर भी चर्चा की जाएगी।
नवगठित विपक्षी गठबंधन की बैठक में कुल 28 पार्टियां हिस्सा ले रही हैं। समान विचारधारा वाले दल भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेतृत्व वाले राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) से मुकाबला करने और महत्वपूर्ण 2024 लोकसभा चुनावों में केंद्र में लगातार तीसरी बार जीतने से रोकने के लिए एकजुट हुए हैं।
संयुक्त विपक्ष की पहली बैठक 23 जून को पटना में और दूसरी बैठक 17-18 जुलाई को बेंगलुरु में हुई थी। (आईएएनएस)।
हैदराबाद, 1 सितंबर । तेलंगाना राज्य एंटी-नारकोटिक्स ब्यूरो (टीएसएनएबी) ने गुरुवार को कहा कि बुधवार को हैदराबाद में एक रेव पार्टी पर छापेमारी के दौरान गिरफ्तार एक टॉलीवुड फिल्म फाइनेंसर अपने परिचित दोस्तों के लिए ड्रग पार्टियों का आयोजन कर रहा था।
वेंकटरत्न रेड्डी, जिन्होंने "दमरुकम", "किक", "बिजनेसमैन", "लवली" और "ऑटो नगर सूर्या" जैसी फिल्मों को वित्त पोषित किया, उन्हें ड्रग्स की आदत है और वह अपने परिचित व्यक्तियों के लिए ड्रग पार्टियों का आयोजन करते हैं।
47 वर्षीय व्यक्ति पार्टियों के आयोजन के लिए थोक में ड्रग्स खरीदने के लिए एक अन्य आरोपी बी. बालाजी को फंडिंग कर रहा था। वह ड्रग पार्टियों के लिए महिलाओं की व्यवस्था भी कर रहा था।
टीएसएनएबी ने माधापुर इलाके में फ्रेश लिविंग अपार्टमेंट में बालाजी के एक फ्लैट पर छापा मारा। उन्हें दो महिलाएं भी मिलीं, जो वेंकटरत्न रेड्डी के निमंत्रण पर फिल्मों में भूमिका पाने के लिए आई थीं।
पुलिस ने उनके कब्जे से कोकीन, एलएसडी, एक्स्टसी गोलियां और गांजा जैसी विभिन्न प्रकार की दवाएं, दो कारें और 72,500 रुपये नकद जब्त किए, जिनकी कुल कीमत 32.89 लाख रुपये है।
टीएसएनएबी के एक अधिकारी ने कहा, इस मामले में तीन नाइजीरियाई सहित चार दवा आपूर्तिकर्ता और 18 उपभोक्ता बड़े पैमाने पर हैं।
आंध्र प्रदेश के नेल्लोर जिले के मूल निवासी बालाजी नौसेना में कार्यरत थे, लेकिन आंख की चोट के कारण उन्हें चिकित्सकीय रूप से अनफिट घोषित कर दिया गया था। वह कथित तौर पर नशीली दवाओं की तस्करी, उपभोग और नशीली दवाओं के परिवहन में शामिल है।
पुलिस के मुताबिक, वह नियमित रूप से माधापुर के अपार्टमेंट में अपने दोस्तों के साथ पार्टियां मनाने के लिए हैदराबाद आता था। वह हैदराबाद और बेंगलुरु में ड्रग तस्करों के संपर्क में आया और हैदराबाद और आसपास के इलाकों में अपने दोस्तों और अन्य परिचित व्यक्तियों के लिए ड्रग पार्टियों की व्यवस्था करना शुरू कर दिया।
धीरे-धीरे उसने बेंगलुरु से हैदराबाद तक ड्रग्स खरीदने और पार्टियों की व्यवस्था करने और जरूरतमंद ग्राहकों और फिल्म उद्योग के महत्वपूर्ण व्यक्तियों को बेचने के लिए नाइजीरियाई लोगों के साथ सीधे संबंध/संपर्क स्थापित किए।
34 वर्षीय बालाजी बेंगलुरु में रहने वाले तीन नाइजीरियाई सहित चार लोगों से नियमित रूप से ड्रग्स खरीद रहा था।
विश्वसनीय सूचना पर बालाजी को गुडीमलकापुर पुलिस स्टेशन की सीमा में 15 एक्स्टसी गोलियों के साथ पकड़ा गया।
उनके द्वारा दी गई जानकारी के आधार पर फ्रेश लिविंग अपार्टमेंट स्थित फ्लैट पर छापा मारा गया।
रेलवे कर्मचारी डी. मुरली इस मामले में गिरफ्तार किया गया तीसरा आरोपी है। रेल निलयम में वरिष्ठ स्टेनो के रूप में कार्यरत, वह एक दवा उपभोक्ता भी हैं। (आईएएनएस)।
सीपीआर का कहना है कि उसकी फंडिंग के रास्ते बंद कर दिए जाने के बाद 80 वैज्ञानिक और कर्मचारी संस्थान को छोड़ कर जा चुके हैं. फरवरी में सीपीआर का विदेश से चंदा लेने का लाइसेंस निलंबित कर दिया गया था.
सेंटर फॉर पालिसी रिसर्च (सीपीआर) ने उसके एफसीआरए लाइसेंस को रद्द कर देने के केंद्र सरकार के आदेश को चुनौती दी हुई है और दिल्ली हाई कोर्ट में इस मामले पर सुनवाई चल रही है. संस्थान ने अदालत से यह भी अपील की है कि उसे उसके बैंक खातों में पड़ी धनराशि को फिर से इस्तेमाल करने की इजाजत दी जाए.
संस्थान ने अदालत को बताया कि उसकी करीब 70 प्रतिशत फंडिंग विदेश से आती हैऔर लाइसेंस के निलंबित होने की वजह से उसका संचालन बिल्कुल रुक गया है. संस्थान का कहना है कि वो छह महीनों से अपने कर्मचारियों को वेतन भी नहीं दे पाया है.
छोड़ कर जा चुके वैज्ञानिक
सीपीआर की स्थापना 21वीं सदी में भारत की चुनौतियों पर शोध करने के लिए 1973 में की गई थी. इसकी स्थापना अर्थशास्त्री पाई पानिन्दिकर ने की थी. पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह और भारत के पूर्व मुख्य न्यायाधीश वाई वी चंद्रचूड़ इसकी गवर्निंग बॉडी के सदस्य रह चुके हैं.
संस्थान गवर्नेंस, कृषि, प्रदूषण, जलवायु परिवर्तन, शिक्षा, पर्यावरण, ऊर्जा, स्वास्थ्य, राजनीति, अंतरराष्ट्रीय मामले, रोजगार, भूमि अधिकार, सामाजिक न्याय, शहरीकरण, टेक्नोलॉजी, जल संसाधन आदि जैसे विविध विषयों पर शोध के लिए जाना जाता है.
सिर्फ 2022 में ही सीपीआर से जुड़े विशेषज्ञों ने 511 लेख लिखे, 39 नीतिगत रिपोर्टें तैयार कीं, विशेष पत्रिकाओं में 31 लेख लिखे, 10 वर्किंग पेपर तैयार किये, अलग अलग किताबों के लिए चार अध्याय और एक किताबी भी लिखी.
लेकिन संस्थान ने अदालत को बताया कि अब वेतन ना मिल पाने की वजह से उसके कर्मचारी नौकरी छोड़ कर जा रहे हैं और अभी तक 80 वैज्ञानिक और अन्य कर्मचारी संस्थान छोड़ कर जा चुके हैं.
कौन हैं सीपीआर से जुड़े लोग
सीपीआर की अध्यक्ष दिल्ली के लेडी श्रीराम कॉलेज की पूर्व प्रिंसिपल मीनाक्षी गोपीनाथ हैं. उन्हें 2007 में यूपीए सरकार ने शिक्षा क्षेत्र में उनके योगदान के लिए 'पद्मश्री' से सम्मानित किया था.
संस्थान की प्रेजिडेंट और मुख्य कार्यकारी हैं यामिनी अय्यर जो पब्लिक पॉलिसी की विशेषज्ञ हैं. वो कांग्रेस नेता मणि शंकर अय्यर की बेटी हैं. दिसंबर 2022 में सीपीआर को इनकम टैक्स विभाग ने नोटिस जारी किया थाजिसमें विभाग ने संस्थान को मिली हुई आयकर से छूट को चुनौती दी थी.
सीपीआर को 2027 तक यह छूट दी गई थी, लेकिन आयकर विभाग ने अपने नए नोटिस में कहा कि संस्थान ऐसी गतिविधियों में शामिल था जो उन "उद्देश्यों और शर्तों के अनुकूल नहीं थीं जिनके मद्देनजर उसका पंजीकरण हुआ था."
इंडियन एक्सप्रेस ने अपनी एक रिपोर्ट में दावा किया था कि विभाग के अनुसार इन गतिविधियों में छत्तीसगढ़ में हसदेव जंगलों को कोयला खनन से बचाने के लिए छेड़ी गई मुहीम में सीपीआर का शामिल होना था.
विभाग ने कहा था कि हसदेव आंदोलन को चलाने वाले 'जन अभिव्यक्ति सामाजिक व्यास' को पिछले चार सालों में जितना चंदा मिला है, उसमें से 87-98 प्रतिशत चंदा सीपीआर ने दिया था.
सरकार से असहमति की कीमत?
सीपीआर के वकील ने हाई कोर्ट में कहा, "हो सकता है आपको देश में असहमति अच्छी नहीं लगती हो, लेकिन उन बेचारे कर्मचारियों ने क्या किया है?...ये बेहद दुखद होगा अगर आप इस तरह के भारतीय थिंक-टैंकों को बंद कर देंगे...एक छोटी सी असहमति और ऐसा कर दिया गया. यह एक पैटर्न है."
वकील ने अदालत को यह भी बताया कि गृह मंत्रालय ने अपने ऑडिट में सीपीआर के खिलाफ कोई अनियमितताएं नहीं पाई थीं और सीएजी ने भी कोई अनियमितता नहीं पाई थी, लेकिन उसके बाद अचानक से यह सब हो गया.
अदालत ने केंद्र सरकार को आदेश दिया है कि वो संस्थान के बैंक खातों में पड़े पैसों का इस्तेमाल करने के उसके आवेदन पर पांच सितंबर तक फैसला ले. अदालत ने सरकार से मामले की फाइलें लाने के लिए भी कहा ताकि अदालत सरकार की जांच के बारे में और समझ सके.
हाल के सालों में इस तरह के कदम कई संस्थानों के खिलाफ उठाये गए हैं. मार्च 2023 में इकनॉमिक टाइम्स में छपी एक रिपोर्ट में दावा किया गया था कि उसके पहले के सिर्फ सात महीनों में ही करीब 400 संस्थानों केएफसीआरए लाइसेंस रद्दया निलंबित कर दिए गए हैं या उनके रिन्यूअल की अनुमति नहीं दी गई है या लाइसेंस को समाप्त मान लिए गया है.