नई दिल्ली, 16 जुलाई। भारत की स्टार महिला धावक दुती चंद ने अगले साल होने वाले टोक्यो ओलम्पिक की तैयारी के लिए अपनी कार बेचने पर सफाई देते हुए बुधवार को कहा कि इसका उनके प्रशिक्षण के लिए धन की कमी से कोई लेना देना नहीं है। दुती ने कहा कि उन्होंने अपनी सेडान कार इसलिए बेची क्योंकि वह कलिंगा इंस्टीट्यूट ऑफ इंडस्ट्रियल टेक्नोलॉजी (केआईआईटी) और ओडिशा सरकार पर बोझ नहीं डालना चाहतीं।
दुती ने हाल ही में अपने फेसबुक अकाउंट पर पोस्ट किया था कि वह अगले साल होने वाले टोक्यो ओलम्पिक की तैयारी के लिए अपनी कार बेच रही हैं। उन्होंने हालांकि बाद में यह पोस्ट हटा दी लेकिन तब तक इसे लेकर देश में सुर्खियां बन गई थीं।
जेएसडब्ल्यू स्पोर्ट के निदेशक पार्थ जिंदल ने बुधवार को कहा कि उन्होंने कई बार दुती चंद को समर्थन का प्रस्ताव दिया था। उन्होंने कहा कि अभी भी दुती के लिए दरवाजे खुले हुए हैं।
दुती ने ट्विटर पर एक बयान में कहा, मैंने अपनी कार बीएमडब्ल्यू को बेचने के लिए सोशल मीडिया का सहारा लिया। मेरे पास लक्जरी कार को मेनटेन करने के लिए संसाधन नहीं हैं। हालांकि मैं उससे अभी भी बहुत प्यार करती हूं। मैंने कभी यह नहीं कहा कि मैं इसे अपने प्रशिक्षण के लिए बेच रही हूं।
उन्होंने कहा, ओडिशा सरकार और मेरे अपने केआईआईटी विश्वविद्यालय ने हमेशा मेरा समर्थन किया है। इस तथ्य से इनकार नहीं किया जा सकता है कि मेरा प्रशिक्षण बहुत महंगा है, खासकर 2021 ओलंपिक के लिए। मैं केवल यह चाहती थी कि यह पैसा मेरे प्रशिक्षण के लिए डायवर्ट किया जा सकता है और राज्य सरकार से धन प्राप्त करने के बाद कोविड के बाद एक कार खरीदी जा सकती है।
पूर्व टेनिस खिलाड़ी सोमदेव देवबर्मन ने अपने ट्विटर पर दुती की कार बेचने वाली स्टोरी शेयर की थी और पोस्ट में लिखा था, जब हमारे खिलाड़ी जीतते हैं, सिस्टम के बिना जीतते हैं, उसके कारण नहीं।
जिंदल स्पोर्ट्स इंस्टीट्यूट ने कई भारतीय खिलाडिय़ों को स्पांसर किया है। जिंदल ने सोमदेव के ट्वीट का जवाब देते हुए लिखा, एकदम बकवास, हमने आईआईएस में कई बार उनको समर्थन का प्रस्ताव दिया। प्रस्ताव अभी भी खुला है।
इसके जवाब में सोमदेव ने लिखा, मैं इस बारे में नहीं बोल सकता कि उन्होंने अपना पैसा और फंड कैसे और कहां खत्म किया। मैं उनकी निजी स्थिति के बारे में नहीं जानता हूं। मुझे लगता है कि सभी के लिए अच्छा होगा कि सरकारी फंड और इनामी राशि में पारदर्शिता हो। मैं यहां एक बड़ा मुद्दा उठाना चाह रहा था कि अधिकतर खिलाड़ी सिस्टम के बिना सफलता हासिल करते हैं और मैं अभी इस पर कायम हूं। (एजेंसी)
नई दिल्ली, 16 जुलाई। भारतीय महिला टी-20 टीम की कप्तान और विस्फोटक बल्लेबाज हरमनप्रीत कौर का कहना है कि ऑस्ट्रेलिया के घरेलू टूनार्मेंट बिग बैश लीग में खेलने से उनकी मानसिकता में काफी बदलाव आया है। हरमनप्रीत भारतीय महिला टीम की पहली खिलाड़ी थी जिन्होंने इस टी-20 लीग में सिडनी थंडर की तरफ से हिस्सा लिया था। हरमनप्रीत का मानना है कि इसमें हिस्सा लेने से फिटनेस और ट्रेनिंग क्षमता के मापदंड में भी काफी बदलाव आया है।
हरमनप्रीत ने कहा, बिग बैश में खेलने से काफी बदलाव आया है। मैं यह कह सकती हूं कि पहले की तुलना में मेरी मानसिकता में बड़ा बदलाव आया है। मुझे नहीं पता कि हम पहले क्यों अपनी सुविधा के हिसाब से खेलते थे और सुविधानुसार स्कोर करते थे। लेकिन बिग बैश ने मेरे अनुभव को पूरी तरह बदल दिया है।
उन्होंने क्रिकबज से कहा, मुझे वहां विभिन्न खिलाडिय़ों के साथ खेलने का मौका मिलता है जिन्हें मैं जानती भी नहीं थी। इन खिलाडिय़ों के साथ एक महीने से भी ज्यादा समय तक साथ रहना और खेलना होता है। हम पहले सिर्फ अपने खिलाडिय़ों के साथ ही खेलते थे लेकिन वहां जाकर सुबह से शाम तक खेलना पड़ता है जिससे मैंने काफी कुछ सीखा है।
हरमनप्रीत ने कहा, हम भारत में समय को ज्यादा महत्व नहीं देते हैं कि हमें कब ट्रेनिंग करनी है और कब मैदान से बाहर जाना है। हम ऐसा नहीं करते हैं। लेकिन हम जब वहां जाते हैं तो सब चीजें करते हैं, वहां अलग प्रकार का दबाव होता है।
अभ्यास सत्र को लेकर हरमनप्रीत ने कहा, महज 15 मिनट में आपको सभी चीजें करनी होती है और इस दौरान ही आपको सभी तरह की ट्रेनिंग करनी होती है जिसकी आपको आवश्यकता है। इसलिए आपको उसका दबाव झेलना होता है और ट्रेनिंग करनी पड़ती है। ऑस्ट्रेलिया में एक दिन में ही आपको बल्लेबाजी, गेंदबाजी, फिटनेस और जिम करना होता जो हम आमतौर पर भारत में नहीं करते हैं।
उन्होंने कहा, भारत में जिस दिन आप बल्लेबाजी अभ्यास करते हैं उस दिन आप जिम नहीं कर सकते हैं, क्योंकि इससे आपको परेशानी हो सकती है। लेकिन बिग बैश में एक दिन में आप सभी तीनों काम कर सकते हैं जिससे मैं अगले दिन तरोताजा रहती हूं।
हरमनप्रीत ने कहा, ऐसा करने से मेरा दिमाग अलग तरीके से चलता है और मुझे लगता है कि मैं एक ही दिन में सबुकछ कर सकती हूं और इससे मैं सोचती हूं कि मैं क्यों कहती थी कि यह चीज अगले दिन करुंगी। लेकिन अब ऐसा नहीं है। (एजेंसी)
नई दिल्ली, 16 जुलाई । एक बेहतरीन निशानेबाज और चित्रकार अंजुम मोग्दिल का नया पहलू कोरोना वायरस लॉकडाउन के दौरान देखने को मिला है और वह है मनोवैज्ञानिक सलाहकार का। कुछ समय पहले ही अंजुम ने खेल मनोविज्ञान में डिग्री हासिल की है।
दिहाड़ी मजदूरों और खेल जगत से जुड़े सहयोगी स्टाफ की परेशानियों से व्यथित अंजुम ने अपनी कुछ पेंटिग्स की नीलामी करके उनके लिए धन जुटाया। वह अपने दोस्तों को निजी स्तर पर मनोवैज्ञानिक सलाह भी दे रही हैं।
टोक्यो ओलंपिक के लिए क्वॉलिफाई कर चुकी इस निशानेबाज ने कहा, मैने अपनी पेंटिंग की नीलामी का फैसला किया। इससे मिलने वाली रकम प्ले फोर इंडिया को जायेगी जो दिहाड़ी मजदूरों और खेल जगत से जुड़े सहयोगी स्टाफ की मदद कर रहा है।
भारत के कुछ बड़े खिलाडिय़ों की मदद से चल रही प्ले फोर इंडिया मुहिम उन लोगों की मदद के लिए है जो लॉकडाउन से बुरी तरह प्रभावित हैं। अंजुम ने बताया, मैंने अपने निशानेबाज दोस्तों के लिए कुछ काउंसिलिंग सत्र भी लिए हैं। ऐसे कठिन दौर में संयम बनाये रखना जरूरी है।
उसने हाथ से पेंट की हुई अपनी डायरियां भी एनजीओ के लिए धन जुटाने के मकसद से बेची हैं, जो महामारी से प्रभावित ग्रामीणों की मदद कर रहा है। उन्होंने कहा, मेरी मम्मी स्कूल में पढ़ाती हैं, जहां एक महिला का बेटा कैंसर से जूझ रहा है। मैंने उसकी मदद के लिए भी रकम दी है। मैं लोगों से भी मदद का आहवान कर रही हूं।(एजेंसी)
दोहा, 16 जुलाई। फीफा विश्व कप 2022 के ग्रुप चरण के मुकाबले 12 दिन तक चलेंगे, जिसमें रोजाना चार मैच खेले जाएंगे और नॉकआउट मुकाबले अगर अतिरिक्त समय में खिंचते हैं तो कतर में मध्यरात्रि के बाद भी खेले जाएंगे। फुटबॉल की वैश्विक संस्था फीफा ने बुधवार को पहले ऐसे विश्व कप का कार्यक्रम जारी किया जो नवंबर और दिसंबर में खेला जाएगा। टूर्नामेंट के दौरान मुकाबले स्थानीय समयानुसार दोपहर एक बजे (ग्रीनविच मानक समय के अनुसार सुबह 10 बजे), शाम चार बजे (ग्रीनविच मानक समय के अनुसार दोपहर एक बजे), शाम सात बजे (ग्रीनविच मानक समय के अनुसार शाम चार बजे) और रात 10 बजे (ग्रीनविच मानक समय के अनुसार शाम सात बजे) शुरू होंगे।
फीफा ने बयान में कहा, ग्रुप में टीमों का फैसला होने के बाद घर में मैच देखने वाले दर्शकों के लिए मैच के शुरुआत के बेहतर समय की संभावना पर चर्चा की जाएगी और बेशक कतर के दर्शकों को ध्यान में रखते हुए स्टेडियमों में मुकाबलों का आवंटन होगा।
पश्चिम एशिया में होने वाले पहले फुटबॉल विश्व कप की शुरुआत मेजबान कतर के मुकाबले के साथ होगी जो 21 नवंबर को दोपहर एक बजे 60 हजार दर्शकों की क्षमता वाले अल बायत स्टेडियम में खेला जाएगा। फाइनल 18 दिसंबर को शाम छह बजे से 80 हजार दर्शकों की क्षमता वाले लुसेल स्टेडियम में होगा।
यूरोपीय सत्र पर अधिक असर नहीं पड़े इसके कारण इस बार टूर्नामेंट 28 दिन तक चलेगा जबकि रूस में पिछला टूर्नामेंट 32 दिन तक खेला गया था। इस टूर्नामेंट के लिए दोहा के करीब आठ स्थलों का इस्तेमाल किया जाएगा। टीमों और प्रशंसकों को मैच देखने के लिए विमान से कतर की यात्रा करने की जरूरत नहीं होगी क्योंकि स्टेडियम 30 मील के दायरे में हैं।
दोनों सेमीफाइनल रात 10 बजे शुरू होंगे और अगर ये अतिरिक्त समय में खिंचते हैं, या चोट के कारण लंबा ब्रेक लेना पड़ता है या वीडियो रैफरल के कारण नियमित समय में विलंब होता है तो कतर में नया दिन शुरू हो जाएगा। ग्रुप चरण और प्री क्वार्टर फाइनल मुकाबले के बीच कोई ब्रेक नहीं होगा।
अधिकतर टीमों को मैचों के बीच में तीन दिन का आराम मिलेगा जो फीफा का कहना है कि खेल प्रदर्शन के लिए आदर्श है। अंतिम दो प्री प्री क्वार्टर फाइनल खेलने वाली टीमों को हालांकि सिर्फ दो दिन का आराम मिलेगा। तीसरे स्थान के प्ले आफ में सेमीफाइनल में हारने वाली एक टीम को दो दिन जबकि दूसरी टीम को तीन दिन का आराम मिलेगा।
फीफा टूर्नामेंट का ड्रॉ मार्च 2022 के अंत में या अप्रैल 2022 के शुरू में कराने की योजना बना रहा है। तब तक फाइनल्स में खेलने वाली 32 में से 30 टीमें तय हो जाएंगी। यह अंतिम विश्व कप है, जिसमें 32 टीमें हिस्सा लेंगी। अमेरिका, कनाडा और मैक्सिको की संयुक्त मेजबानी में होने वाले 2026 विश्व कप में 48 देश हिस्सा लेंगे।
2022 विश्व कप के मैच समय भारतीय खेल प्रेमियों को भी भाएंगे। उद्घाटन मुकाबला 21 नवम्बर को भारतीय समयानुसार दोपहर 3.30 बजे से होगा। ग्रुप मैच भारतीय समयानुसार 3.30, 6.30, 9.30 और रात 00.30 बजे से होंगे। नॉकआउट मैच 8.30 और 00.30 बजे से होंगे। (एजेंसी)
कराची, 15 जुलाई। पाकिस्तान के पूर्व कप्तान रमीज राजा का मानना है कि इंग्लैंड के खिलाफ बायो सिक्योर एन्वॉयरमेंट में आने वाले समय में खेली जाने वाली टेस्ट सीरीज में पिछले एक दशक से अधिक समय से दूसरे मौके का इंतजार कर रहे बाएं हाथ के बल्लेबाज फवाद आलम को मौका मिलना चाहिए। रमीज ने कहा कि 34 वर्षीय आलम लंबे समय से टेस्ट क्रिकेट में दूसरे मौके इंतजार कर रहे हैं।
रमीज राजा ने यूट्यूब सेशन में फैन्स के जवाब देते हुए कहा, मेरा मानना है कि उसने (आलम) घरेलू क्रिकेट में जिस तरह से लगातार अच्छा प्रदर्शन किया उसे देखते हुए वो मौके का हकदार है क्योंकि अब उसकी उम्र बढ़ती जा रही है। रमीज ने कहा, मुझे लगता कि उन्हें फवाद आलम को टीम में रखना चाहिए क्योंकि वो लंबे समय से इंतजार कर रहा है। अगर यह इंतजार और लंबा खिंचता है तो उस पर उम्र का असर दिखना शुरू हो सकता है क्योंकि आपके रिफ्लेक्स धीमे पडऩे लग जाते हैं। उसे टेस्ट सीरीज में निश्चित तौर पर एक मौका मिलना चाहिए।
पाकिस्तान और इंग्लैंड के बीच तीन टेस्ट मैचों की सीरीज 5 अगस्त से मैनचेस्टर में शुरू होगी। आलम ने पाकिस्तान की तरफ से केवल तीन टेस्ट मैच खेले हैं, जिसमें उन्होंने 41.66 की औसत से 250 रन बनाए हैं। उन्होंने अपना आखिरी टेस्ट मैच 2009 में न्यूजीलैंड के खिलाफ ड्यूनेडिन में खेला था। मिडिल ऑर्डर बल्लेबाज हैरिस सोहेल के निजी कारणों से हटने के कारण आलम को मौका मिलने की संभावना है। श्रीलंका के खिलाफ जुलाई 2009 में अपने टेस्ट डेब्यू पर शतक जडऩे वाले आलम ने 2010 से 2015 के बीच 38 वनडे और 24 टी20 इंटरनैशनल मैच भी खेले।
रमीज ने इसके साथ ही कहा कि पाकिस्तान को प्लेइंग इलेवन में तीन सलामी बल्लेबाजों रखकर इमाम उल हक को तीसरे नंबर पर उतारना चाहिए। उन्होंने कहा, वे इमाम को अतिरिक्त सलामी बल्लेबाज के रूप में रख सकते हैं, क्योंकि कोविड-19 की परिस्थितियों में गेंदबाज गेंद को चमकाने के लिए लार का इस्तेमाल नहीं कर सकते हैं, ऐसे में बिना विकेट गंवाए नई गेंद की चमक खत्म करना महत्वपूर्ण होगा। इसलिए मुझे लगता है कि टीम में अतिरिक्त सलामी बल्लेबाज होना चाहिए। (एजेंसी)
नई दिल्ली, 15 जुलाई । भारत क्रिकेट के लिए जुनूनी देश है। यहां चारों तरफ आपको लोग क्रिकेट खेलते मिल जाएंगे। हर युवा का सपना देश के लिए खेलना होता है। कुछ को मौका मिलता है, लेकिन बहुत से खिलाड़ी अंतरराष्ट्रीय स्तर पर नहीं खेल पाते। बंगाल के दिग्गज खिलाड़ी मनोज तिवारी ने 2008 में टीम इंडिया के लिए डेब्यू किया और 2015 तक भारत के लिए खेले। तिवारी जानते थे कि टीम में बने रहने के लिए कड़ा मुकाबला है। हाल ही में उन्होंने टीम इंडिया के सिलेक्शन को लेकर अपनी राय रखी है।
मनोज तिवारी ने कहा टीम का चयन लाइव होना चाहिए, ताकि पता चले कि किस खिलाड़ी को किस आधार पर चुना जा रहा है। इससे हमें पता चलेगा कि चयन उचित है या अनुचित। सामान्य तौर पर जब पूछा जाता है कि उन्हें क्यों अनदेखा किया गया तो वह एक-दूसरे पर आरोप लगाते दिखाई देते हैं। इसलिए यह जरूरी है कि चयन समिति की बैठक का लाइव प्रसारण होना चाहिए।
मनोज तिवारी टीम इंडिया के लिए 12 वनडे और तीन टी-20 खेल चुके हैं। उन्होंने विराट कोहली के नेतृत्व में 2019 के विश्व कप में भारतीय टीम की परफॉर्मेंस और टीम सिलेक्शन को लेकर अपनी राय रखी। अन्य कई पूर्व क्रिकेटरों की तरह तिवारी ने भी टीम की असफलता का ठीकरा नंबर 4 की पोजिशन तय न करना बताया।
उन्होंने कहा, न्होंने चार साल नंबर चार की पोजिशन तय करने में लगाए, लेकिन फिर वह तय नहीं हो पाया। जब वे एक जगह भरने के लिए इतना समय लगाते हैं तो कोई कन्फ्यूजन नहीं होना चाहिए। इससे पता चलता है कि चयन में कंसीस्टेंसी की कमी है। विश्व कप 2019 में भारत ग्रुप स्टेज पर टॉप पर रहा, लेकिन सेमीफाइनल में वह न्यूजीलैंड से 18 रनों से हारकर बाहर हो गया था। 2019-20 की रणजी ट्रॉफी में तिवारी ने शानदार 300 रन बनाए। वह आईपीएल में किंग्स इलेवन पंजाब, राइजिंग पुणे सुपर जाइंट और कोलकाता नाइट राइडर्स के लिए खेले हैं, लेकिन उन्हें राष्ट्रीय टीम में उनका सफर काफी कम रहा।(लाइव हिन्दुस्तान)
नई दिल्ली, 15 जुलाई। भारतीय मूल के इंग्लैंड के पूर्व स्पिनर मोंटी पनेसर का मानना है कि ब्रिटेन में दक्षिण एशियाई प्रवासियों को यदा-कदा ही नस्लवाद का सामना करना पड़ता है, लेकिन इसकी तुलना अश्वेत समुदाय के साथ रोजमर्रा की जिंदगी में हो रहे बर्ताव से नहीं की जा सकती। पनेसर ने पीटीआई से बातचीत में कहा कि उनके देश में अश्वेत समुदाय के साथ नस्लवाद खत्म होना चाहिए और अधिकारियों को पांच साल की योजना बनाकर इसे खत्म करना चाहिए।
उन्होंने कहा ,'यदि कोई यहां काला रंग चढ़ी खिड़कियों वाली कार चलाता है और वह अश्वेत है तो पुलिस उसकी कार जरूर रोकेगी। यहां अश्वेत लोग रोज पुलिस के खौफ के साए में जीते हैं।' इंग्लैंड के लिए 50 टेस्ट में 167 विकेट ले चुके पनेसर ने कहा,'यह मेरे अश्वेत दोस्त बताते हैं। वे सुपरमार्केट जाते हैं तो लोगों को उन पर चोरी का शक होता है। यदि मैं जेब में कुछ रख लूं तो कोई ध्यान नहीं देगा, लेकिन वे कुछ नहीं करते हैं तो भी उन पर शक रहता है।'
समूचे क्रिकेट जगत की तरह उन्हें भी वेस्टइंडीज के महान क्रिकेटर माइकल होल्डिंग के नस्लवाद पर दिए गए भाषण ने झकझोर दिया है। उन्होंने कहा,'पांच साल की योजना बनाकर इसे खत्म किया जाना चाहिए। भाषणों के बाद भी कुछ किया नहीं जाता तो फिर क्या फायदा। मैंने माइकल होल्डिंग जैसा दमदार भाषण किसी का नहीं देखा। और क्रिकेट के जरिए ही नस्लवाद को खत्म करने से बेहतर क्या हो सकता है।'
पनेसर ने कहा,'दक्षिण एशियाई समुदाय को यदा-कदा ही सुनना पड़ता है, लेकिन अश्वेतों को नियमित आधार पर यह सब सहना पड़ता है। सिख समुदाय दशकों से समाज सेवा कर रहा है और प्यार का संदेश फैला रहा है। लोग उसकी सराहना करके हमें वह प्यार लौटाते हैं।'
उन्होंने कहा,'लेकिन अश्वेत समुदाय की कोई गलती नहीं होने पर भी पुलिस उन्हें दंडित करती है। अब उन पर से यह कलंक हटाना होगा। उन्हें शिक्षित करके दूसरों की तरह सफेदपोश नौकरियां दी जानी चाहिए।'
नई दिल्ली, 15 जुलाई । कोरोना वायरस के इस मुश्किल दौर में कुछ सावधानियों के साथ क्रिकेट की वापसी भले हो गई हो। लेकिन खेल में नई चुनौतियां भी सामने आ रही हैं। कोविड-19 के अस्तित्व में आने के बाद फिलहाल इंग्लैंड और वेस्टइंडीज की टीमें पहली बार क्रिकेट खेल रही हैं। कोरोना के संक्रमण को रोकने के लिए आईसीसी ने कुछ नए नियम तय किए हैं, जिससे खिलाड़ी नए चैलेंज से जूझ रहे हैं।
खासतौर से गेंद पर लार लगाने पर बैन से बोलरों को एक तरह से पंगु बना दिया है। इस बैन से पेसर्स को ही नहीं स्पिनर्स को भी मुश्किलें आ रही हैं। साउथैम्पटन में खेले गए टेस्ट मैच में यह बता दिया कि बोलरों को इस नए नियम के हिसाब से ढलने में समय लगेगा। इंग्लिश स्पिनर डॉम बेस ने माना है कि इन हालात में गेंद को स्विंग और स्पिन कराना बहुत मुश्किल काम है।
यह एक चैलेंज था कि हम कैसे सिर्फ पसीने से ही बॉल की शाइन चमकाकर उसे स्विंग करा सकते हैं। मुझे ज्यादा पसीना आता है, तो मैंने बॉल को चमकाने की जिम्मेदारी उठाई। इसका मुझे नुकसान भी हुआ। मैच के बाद मेरी टांगों पर खरोंचों के निशान थे।
गेंद को बिना शाइन के स्विंग और स्पिन कराना दोनों ही मुश्किल हैं। फिलहाल गेंद को पसीने की मदद से शाइन करने की मंजूरी है। इंग्लैंड ऐंड वेल्स क्रिकेट बोर्ड और सोनी ने मंगलवार को मीडिया के बातचीत का कार्यक्रम आयोजित किया था। इस दौरान इंग्लैंड के स्पिन गेंदबाज डॉम बेस ने कहा यह बहुत मुश्किल काम है। सिर्फ पसीने से हम बॉल की कैसे देखरेख कर सकते हैं और उसे स्विंग करा सकते हैं। मुझे पसीना ज्यादा आता है, तो अपनी टीम में मैंने बॉल को शाइन करने की जिम्मेदारी उठाई।
उन्होंने कहा, टीमों के लिए सिर्फ इतना काफी नहीं है कि उन्होंने उस खिलाड़ी को ढंढ लिया है, जिसे सबसे ज्यादा पसीना आता है। असली चुनौती यही है कि वह कैसे बहुत ज्यादा पसीना लगाकर बॉल की एक साइड को डल (फीका) बना रहा है। पहला टेस्ट और इससे पहले खेला गया प्रैक्टिस मैच में हमने यही कोशिश की कि बॉल को अच्छी कंडिशन में रखा जाए।
इस 22 वर्षीय युवा स्पिन गेंदबाज ने कहा, यह निश्चितरूप से मुश्किल काम है कि आप दिनभर और पूरे मैच के दौरान गेंद को अपने ट्राउजर पर रगड़ते रहते हैं। इसका कुछ नुकसान भी होता है। पिछले 5 महीने से मेरी टांगे गेंद को शाइन करने की आदी नहीं थीं और मैंने इस मैच में ऐसा किया तो मेरी टांगों पर खरोंच के निशान आ गए।
इस गेंदबाज ने कहा कि यह स्थिति गेंदबाजों के लिए बहुत मुश्किल है। लेकिन अब गेंदबाजों को इन परिस्थितियों में 20 विकेट निकालने की तरकीब ढूंढनी ही होगी। (टाईम्स न्यूज)
मैड्रिड, 14 जुलाई । रियल मैड्रिड ने ग्रेनाडा को 2-1 से हराकर स्पेनिश फुटबॉल लीग ला लिगा का खिताब जीतने की तरफ मजबूत कदम बढ़ाए, जिसके लिए उसे अब केवल दो अंक चाहिए। फरलैंड मेंडी और करीम बेंजेमा के पहले हाफ में किए गए गोल की बदौलत रियल मैड्रिड ने लगातार नौवीं जीत दर्ज की। इससे जिनेदिन जिदान की टीम दूसरे स्थान पर काबिज बार्सिलोना से चार अंक आगे हो गयी है जबकि अब केवल दो दौर के मैच बचे हुए हैं।
रियल मैड्रिड ने लीग की वापसी के बाद अपना प्रत्येक मैच जीता है। वह गुरुवार को विल्लारियल पर जीत से 2017 के बाद अपना पहला खिताब हासिल कर लेगा। बार्सिलोना अगर ओसासुना के खिलाफ अंक गंवा देता है तो तब भी रियल मैड्रिड का खिताब पक्का हो जाएगा। अंतिम दो दौर में ड्रॉ खेलने से भी रियल मैड्रिड लीग में रिकार्ड 34वां खिताब जीतने में सफल रहेगा।
रियल मैड्रिड के अभी 36 मैचों में 83 जबकि बार्सिलोना के इतने ही मैचों में 79 अंक हैं। रियल मैड्रिड ने ग्रेनाडा के खिलाफ शुरू से ही नियंत्रण बना दिया था। मेंडी ने 10वें मिनट में ही स्पेनिश क्लब की तरफ से अपना पहला गोल किया। इसके छह मिनट बाद बेंजेमा ने स्कोर 2-0 से कर दिया। ग्रेनाडा की तरफ से डार्विन मैचिस ने 50वें मिनट में गोल करके हार का अंतर कम किया।
इस बीच विल्लारियल की रियल सोसीडाड के हाथों 2-1 की हार से सेविला ने अपना चौथा स्थान सुनिश्चित करके चैंपियन्स लीग में भी जगह बनायी। इस हार से विल्लारियल चौथे स्थान पर काबिज सेविला से नौ अंक पीछे हो गया है।
चैंपियन्स लीग में जगह बनाने वाली अन्य टीमें रियल मैड्रिड, बार्सिलोना और एटलेटिको मैड्रिड हैं। एक अन्य मैच में गेटाफे ने अलावेस के साथ गोलरहित ड्रा खेला। इससे वह छठे स्थान पर बना हुआ है। (एजेंसी)
नई दिल्ली, 14 जुलाई। भारतीय क्रिकेटर यजुवेंद्र चहल का मानना है कि इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) में रॉयल चैलेंजर्स बैंगलोर (आरसीबी) के साथ जुडऩे के बाद उनका भाग्य बदला। चहल ने 2011 में मुंबई इंडियंस के साथ अपने आईपीएल करियर की शुरुआत की थी, लेकिन उन्हें अपनी प्रतिभा दिखाने का ज्यादा अवसर नहीं मिला। इसके बाद 2014 में वह आरसीबी की टीम में आ गए। चहल को दुनिया में टॉप स्पिनर माना जाता है। 2016 में उन्होंने टीम इंडिया के लिए डेब्यू किया। तब से वह लगतारा टीम का हिस्सा बने हुए हैं।
युजवेंद्र चहल ने अबतक 52 वनडे, 42 टी-20 में क्रमश: 91 और 55 विकेट 5.07 और 8.18 की इकोनामी से ले चुके हैं। वह आरसीबी के लिए भी 83 मैचों में 100 विकेट ले चुके हैं। हाल ही में यूट्यूब चैनल पर रोशनी चश्मावाला से बातचीत में चहल ने यह स्वीकार किया कि आरसीबी का हिस्सा बनने से उनके करियर में सकारात्मक मोड़ आया।
उन्होंने कहा, उस साल आईपीएल दुबई में हुआ था। मैं संकोची इंसान हूं। ड्रेसिंग रूम में मैं एक-दो खिलाडिय़ों को ही जानता था। मेरे हरियाणा के साथ हर्षल पटेल भी टीम में थे। मैं उनसे बात करने में सहज था। हम दोनों ने रूम साझा किया। इसके बाद मेरे जीवन में बदलाव आना शुरू हुआ। चहल ने कहा, वह विराट कोहली, डेनियल विटोरी और एबी डिविलियर्स के साथ रूम शेयर करके बहुत खुश थे। इसके अलावा वह रवि रामपाल को भी जानते थे, जो पहले आरसीबी टीम में थे।
कुछ दिन पहले आरसीबी के ट्विटर हैंडल पर चहल के डेब्यू की क्लिप शेयर की गई थी। 29 वर्षीय चहल ने यूएई में 2014 में आरसीबी के लिए डेब्यू किया था। वह सभी मैच खेले और उन्होंने 7.01 की इकोनॉमी से 12 विकेट लिए थे। 2015 चहल के लिए ब्रेकथ्रू साल साबित हुआ। उस सीजन में चहल ने 15 मैचों में 23 विकेट लिए। उनका स्ट्राइक रेट 12.21 का था।
युजवेंद्र चहल को न्यूजीलैंड के दौरे पर मैदान में देखा गया था, जहां उन्होंने सभी पांचों वनडे और दो टी-20 खेले थे। टी-20 में उन्हें तीन विकेट मिली। वनडे में चहल ने छह विकेट लिए थे। इसके बाद दक्षिण अफ्रीका दौरे पर वह टीम का हिस्सा थे, जिसका पहला मैच बारिश की वजह से धुल गया। इसके बाद बाकी के दोनों मैच कोरोना वायरस की वजह से रद्द हो गए।
चहल को आईपीएल 2020 में आरसीबी के लिए खेलना था, लेकिन इस महामारी की वजह से यह टूर्नामेंट भी अनिश्चि
काल के लिए स्थगित हो चुका है। हालांकि, हाल ही में चहल ने लगभग 4 महीने बाद शुरू की आउटडोर ट्रेनिंग शुरू की है। (लाइव हिन्दुस्तान)
नई दिल्ली, 14 जुलाई। भारत के पूर्व तेज गेंदबाज इरफान पठान का मानना है कि इंग्लैंड और वेस्टइंडीज के बीच जैविक रूप से सुरक्षित माहौल में खेले गए पहले टेस्ट को अगर सूचक मानें तो दुनिया भर के तेज गेंदबाजों को फिलहाल रिवर्स स्विंग तो भूल ही जानी चाहिए। भारत के एक और पूर्व गेंदबाज आशीष नेहरा का कहना है कि जिमी एंडरसन जिस तरह से शार्ट ऑफ लेंथ गेंदबाजी कर रहे थे, उससे लगता है कि लार के अभाव में सामान्य स्विंग भी नहीं मिल पा रही। कोरोना वायरस महामारी के कारण अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट नये तौर तरीकों के साथ बहाल हुआ जिसमें गेंद को चमकाने के लिये लार के इस्तेमाल पर रोक है।
नेहरा ने कहा, 'एंडरसन कई बार शॉर्ट आफ लैंग्थ गेंद डाल रहे थे जबकि वह ऐसा कभी नहीं करते। ड्यूक गेंद स्विंग ही नहीं ले रही थी क्योंकि लार के बिना चमक नहीं थी। वह अपनी क्षमता का आधा भी प्रदर्शन नहीं कर पा रहे थे। मार्क वुड और जोफ्रा आर्चर को पांचवें दिन गेंदबाजी करते देखने वाले पठान का मानना है कि कुछ समय के लिये गेंदबाजों को पुरानी गेंद से रिवर्स स्विंग के बारे में भूल जाना चाहिए।
उन्होंने कहा, 'लार मोटी होती है और उससे रिवर्स स्विंग पर ज्यादा असर पड़ता है। कोरोना महामारी के रहने तक लार के इस्तेमाल पर रोक रहेगी और तेज गेंदबाजों की राह मुश्किल होने वाली है। इसके समाधान के बारे में पूछने पर पठान ने कहा , ''बाहरी पदार्थ के इस्तेमाल की अनुमति दें या भूल जायें कि रिवर्स स्विंग भी कुछ होती है। सीम गेंदबाजी के अनुकूल पिचें बनायें।' उन्होंने कहा,'' आप फिर सीम हिट करो, हरकत होती रहेगी या फिर मैच एकतरफा हो जाएंगे।
ऑस्ट्रेलिया में कूकाबूरा गेंद कैसे खेलेगी , इस बारे में पूर्व विकेटकीपर दीप दासगुप्ता ने कहा कि सभी टीमों के गेंदबाजों को दिक्कतें आयेंगी। उन्होंने कहा, 'ऑस्ट्रेलियाई पिचें सपाट हैं और कूकाबूरा सीम 20 ओवर बाद खत्म हो जायेगी। ऐसे में लार के बिना रिवर्स स्विंग भी नहीं मिलेगी। भारतीय गेंदबाजों को दोहरे दबाव से निपटने में काफी परेशानी आएगी। (भाषा)
लंदन, 14 जुलाई । इंग्लैंड के पूर्व तेज गेंदबाज डैरेन गॉफ का मानना है कि खराब फॉर्म से जूझ रहे विकेटकीपर बल्लेबाज जोस बटलर की जगह खतरे में है और उनके पास अपना करियर बचाने के लिए वेस्टइंडीज के खिलाफ अगले दो टेस्ट हैं। बटलर ने पिछली 12 टेस्ट पारियों में एक भी अर्धशतक नहीं जमाया है। उन्होंने वेस्टइंडीज के खिलाफ पहले टेस्ट की दूसरी पारी में जर्मेन ब्लैकवुड का आसान कैच भी टपकाया, जिन्होंने 95 रन की मैच विजयी पारी खेली। बता दें कि जोस बटलर पूर्व भारतीय कप्तान एमएस धोनी का बहुत सम्मान करते हैं और उन्हें अपना आदर्श मानते हैं।
इंग्लैंड के लिए 58 टेस्ट में 229 विकेट लेने वाले गॉफ ने स्काई स्पोर्ट्स से बातचीत करते हुए कहा, मेरे लिए, बटलर के पास अपना करियर बचाने के लिए दो टेस्ट मैच हैं। वह शानदार प्रतिभा है। कई बच्चे उसे देखते हुए आगे बढऩा चाहते हैं और उनके पास सभी प्रकार के शॉट्स हैं। मगर टेस्ट क्रिकेट में आप सिर्फ लगातार जल्दी आउट नहीं हो सकते, जो बटलर कर रहे हैं।
गॉफ का मानना है कि वेस्टइंडीज के खिलाफ शेष सीरीज में जोफ्रा आर्चर और मार्क वुड के लिए रोटेशन पॉलिसी चलनी चाहिए और ऐसे में स्टुअर्ट ब्रॉड व क्रिस वोक्स को मौका मिलना चाहिए। पहले टेस्ट में ब्रॉड-वोक्स को कार्यवाहक कप्तान बेन स्टोक्स ने नजरअंदाज किया। गॉफ ने कहा, मेरे ख्याल से ब्रॉड की वापसी होनी चाहिए। मैं ओल्ड ट्रेफर्ड में जेम्स एंडरसन और मार्क वुड को आराम देकर स्टुअर्ट ब्रॉड व क्रिस वोक्स को आजमाना चाहूंगा। योजना के मुताबिक एक के बाद एक टेस्ट मैच खेले जाने हैं तो तीसरे टेस्ट में आप दोबारा एंडरसन व वुड को टीम में शामिल कर सकते हैं। मैं शुरूआत से कहता आ रहा हूं कि आर्चर और वुड को रोटेट करना चाहिए।
उन्होंने आगे कहा, हमने दक्षिण अफ्रीका में देखा कि वुड ने बहुत तेज गेंदें फेंकी। हम आर्चर को भी ऐसा करते हुए देख चुके हैं। मगर हर मैच में ऐसा देखना बड़ा मुश्किल है। ब्रॉड, वोक्स और एंडरसन भरोसेमंद हैं जबकि अपना दिन होने पर विरोधी टीम वुड और आर्चर की जमकर कुटाई कर सकते हैं। सही स्थिति के लिए सही खिलाड़ी का चयन करें। योजना पर टिके रहे तो इंग्लैंड की इस टेस्ट सीरीज में वापसी हो पाएगी। (टाईम्स नाउ)
test twitter
One of the most beautiful sights in #Chhattisgarh -#ChitrakoteFalls in Monsoons
— Priyanka Shukla (@PriyankaJShukla) July 8, 2020
Widest waterfalls in the country, they are also called as #NiagraFalls of India.
Video shot by me ????@GoChhattisgarh pic.twitter.com/0Odvg2hhnu
test insta
View this post on InstagramA post shared by Kunal Malhotra ???? (@the.photography.blogger) on
स्पीलबर्ग (आस्ट्रिया), 13 जुलाई । लुईस हैमिल्टन ने रविवार को यहां पोल पोजीशन से शुरुआत करते हुए स्टायरियन ग्रां प्री का खिताब जीता जो उनके करियर की 85वीं जीत है और इससे वह माइकल शूमाकर के फॉर्मूला वन के रिकॉर्ड से छह जीत दूर रह गए हैं।
शूमाकर ने अपनी अधिकतर जीत फेरारी के साथ दर्ज की थी लेकिन अभी उनकी पुरानी टीम संघर्ष कर रही है। पिछली चार रेस में दूसरी बार चार्ल्स लेकरेक और सेबेस्टियन वेटेल रेस पूरी नहीं कर पाए।
हैमिल्टन ने रिकॉर्ड 89वीं बार पोल पोजीशन से शुरुआत की और रेस के दौरान कोई उन्हें खास चुनौती पेश नहीं कर पाया। वह मर्सीडीज के अपने साथी वलटारी बोटास से 13.7 सेकेंड के लिये आगे रहे। रेड बुल के मैक्स वर्सटाप्पन तीसरे स्थान पर रहे। बोटास ने पिछले महीने आस्ट्रियाई ग्रां प्री का खिताब जीता था। (एजेंसी)
मैड्रिड, 13 जुलाई । सेविला ने मालोर्का को 2-0 से हराकर स्पेनिश फुटबॉल लीग ला लिगा में अपनी लगातार चौथी जीत दर्ज की जिससे वह चैंपियन्स लीग के अगले सीजन के लिये क्वॉलीफाई करने के करीब भी पहुंच गया। फॉरवर्ड लुकास ओकामपोस और यूसुफ एन नेसेरी ने सेविला की तरफ से गोल किए। इससे सेविला की टीम चौथे स्थान पर अपनी जगह पक्की करने से केवल एक अंक पीछे रह गई है।
यूरोप के टॉप क्लब प्रतियोगिता चैंपियन्स लीग में चोटी के चार स्थानों पर रहने वाली टीमें भाग लेती हैं। सेविला के अभी एटलेटिको मैड्रिड के समान 66 अंक हैं लेकिन गोल अंतर के कारण वो चौथे स्थान पर है। वो पांचवें स्थान के विल्ला रीयाल से नौ अंक आगे है, और एक अंक हासिल करने पर उसका कम से कम चौथा स्थान सुनिश्चित हो जाएगा।
सेविला 2018 में चैंपियन्स लीग के क्वॉर्टर फाइनल में पहुंचा था, लेकिन मौजूदा सीजन के लिए क्वॉलीफाई नहीं कर पाया था। इस बार उसे यूरोपा लीग में खेलना है जहां उसका सामना रोमा से होगा। इस बीच वेलेंसिया को लेगानेस से 1-0 से हार का सामना करना पड़ा, जिससे उसके अगले सीजन में यूरोपा लीग में जगह बनाने की उम्मीदों को झटका लगा है। वेलेंसिया ने एक पेनल्टी किक भी गंवायी जबकि लेगानेस की तरफ से रूबेन पेरेज ने 18वें मिनट में पेनल्टी को गोल में बदला। इस रिजल्ट से वेलेंसिया नौवें स्थान पर खिसक गया है।
पांचवें और छठे स्थान पर रहने वाली टीमें यूरोपा लीग में जगह बनाती हैं। वेलेंसिया और छठे स्थान की टीम गेटाफे के बीच तीन अंक का अंतर है। अन्य मैचों में एथलेटिक बिलबाओ ने लेवांटे पर 2-1 की जीत से यूरोपा लीग में क्वालीफाई करने की उम्मीदें बरकरार रखी। रॉल गर्सिया के दो गोल से दर्ज की गयी इस जीत से एथलेटिक सातवें स्थान पर पहुंच गया है। एक अन्य मैच में इबार ने अंकतालिका में अंतिम स्थान पर चल रही एस्पेनयोल को 2-0 से हराया। एस्पेनयोल की यह लगातार सातवीं हार है। (एजेंसी)
वेस्टइंडीज ने इंग्लैंड को 4 विकेट से हराया
साउथैम्पटन, 13 जुलाई । वेस्टइंडीज ने रविवार को इंग्लैंड को 3 टेस्ट मैच की सीरीज के पहले टेस्ट मैच में 4 विकेट से हराकर सीरीज में 1-0 की बढ़त बना ली। मैच के बाद वेस्टइंडीज टीम के कप्तान जेसन होल्डर ने कहा कि उनकी अभी तक की अपनी सबसे बड़ी और शानदार जीतों में से एक है। कोरोनावायरस के कारण मार्च के मध्य से बंद पड़ी क्रिकेट की शुरुआत इस सीरीज से हो रही है।
मैच के बाद कप्तान होल्डर ने कहा, हमारी अभी तक की सर्वश्रेष्ठ जीतों में से एक है। कल (शनिवार) का दिन काफी मुश्किल था। लंबा था और गेंदबाज लगातार गेंदबाजी कर रहे थे। उन्होंने अपना सब कुछ दिया। यह टेस्ट क्रिकेट का मुश्किल दिन।
तीन टेस्ट मैच की सीरीज के पहले टेस्ट में वेस्टइंडीज ने इंग्लैंड को 4 विकेट से हराकर 1-0 की बढ़त बना ली है। इंग्लैंड की टीम अपनी दूसरी पारी में अच्छी वापसी की थी लेकिन पुछल्ले उसके बल्लेबाज एक बार फिर फ्लॉप हुए, जिससे विंडीज की टीम को वह 200 रन का ही लक्ष्य दे पाई। जोफ्रा आर्चर ने अपनी घातक फास्ट बोलिंग के दम पर इंग्लैंड की मैच में वापसी जरूर कराई थी। लेकिन इसके बाद जे. ब्लैकवुड और रोस्टन चेज की जोड़ी ने उसे पहले मुश्किल से निकाला और फिर ब्लैकवुड के 95 रनों की बदौलत मैच में जीत अपने नाम कर ली।
लंबे अरसे बाद खेलने के बारे में होल्डर ने कहा, मैं नहीं समझता कि कोई भी टीम जानती थी कि यह कैसे होगा। घर पर बैठकर सबकुछ करना। हमें खेलने का मौका मिला लेकिन मानसिक तौर पर आप कभी तैयार नहीं होते हो। लेकिन यह इच्छाशक्ति थी। हम जानते थे कि क्या दाव पर है।
ब्लैकवुड ने तब जिम्मेदारी संभाली जब वेस्टइंडीज ने तीन विकेट 27 रन पर गंवा दिए थे। ब्लैकवुड ने इसके बाद एक छोर संभाला और मैच का रुख मोड़ दिया। ब्लैकवुड ने इंग्लैंड के कप्तान बेन स्टोक्स की गेंद पर मिडऑफ पर कैच थमाने से पहले से 95 रन बनाए। उन्होंने 154 गेंदों की पारी में 12 चौके लगाए। ब्लैकवुड ने रोस्टन चेस (37) के साथ चौथे विकेट के लिए 73 रन और शेन डोरिच (20) के साथ पांचवें विकेट के लिए 68 रन की उपयोगी साझेदारियां कीं, जो मैच का टर्निंग पाइंट साबित हुआ।
विंडीज ने दूसरी पारी की जिस तरह शुरुआत की थी उसे देखकर लग नहीं रहा था कि जीत उसके हिस्से आएगी। टीम ने 27 रनों तक ही अपने तीन विकेट खो दिए थे। क्रेग ब्रैथवेट चार, शरमाह ब्रूक्स शून्य और शई होप 9 रन बनाकर पविलियन लौट लिए थे, जबकि ब्रैथवेट के साथ पारी की शुरुआत करने आए जॉन कैम्पवेल रिटायर्ड हर्ट हो गए थे जो बाद में बल्लेबाजी करने आए और आठ रन बनाकर नाबाद लौटे।
ब्लैकवुड अपने शतक और टीम को जीत के करीब ले जा रहे थे। वह जब अपने शतक से पांच रन दूर थे तभी इंग्लैंड के कप्तान बेन स्टोक्स ने उन्हें पविलियन भेज दिया। उन्होंने 154 गेंदों पर 12 चौकों की मदद से 95 रन बनाए। उनका विकेट 189 रनों पर गिरा और लगा कि यहां इंग्लैंड शायद मैच में वापसी कर ले। हालांकि इंग्लैंड की घातक गेंदबाजी का कैम्पबेल और कप्तान जेसन होल्डर ने डटकर सामना किया और टीम को जीत दिलाकर लौटे।
इससे पहले इंग्लैंड ने दिन की शुरुआत 8 विकेट के नुकसान पर 284 रनों के साथ की थी। मार्क वुड (2) और आर्चर (23) के विकेट गिरने के साथ ही इंग्लैंड की दूसरी पारी समाप्त हो गई। इंग्लैंड की दूसरी पारी में जैक क्रॉले ने 76, डॉम सिब्ले ने 50, कप्तान स्टोक्स ने 46 और रोरी बर्न्स ने 42 रन बनाए। विंडीज के लिए शैनन गैब्रिएल ने पांच विकेट लिए, जबकि रोस्टन चेज और अल्जारी जोसेफ ने दो-दो विकेट लिए। जेसन होल्डर को एक विकेट मिला।
मैच को लेकर उन्होंने कहा, अगर हमें कल विकेट मिल जाते तो इससे हमारा काम और आसान हो जाता लेकिन हमने आज वापसी की। होल्डर ने टीम की जीत के हीरो रहे जे. ब्लैकवुड की तारीफ की, जिन्होंने शुरुआती विकेट जल्दी गिर जाने के बाद एक छोर संभाले रखा और 95 रनों की मैच विनिंग पारी खेली।
होल्डर ने कहा, उनकी पारी शानदार है। जब वह आउट हुए मैं काफी निराश हुआ। वह इसी तरह से खेलते हैं। वह हमेशा प्रयास करते हैं और आज उनका दिन था। (आईएएनएस)
नई दिल्ली, 13 जुलाई। भारतीय टीम ने 13 जुलाई 2002 को नेटवेस्ट ट्रोफी के फाइनल में इंग्लैंड को हराया था। टीम इंडिया ने 326 के लक्ष्य को हासिल किया था। दो विकेट से मिली यह जीत भारतीय टीम के इतिहास में काफी मायने रखती है। यह जीत इस लिहाज से भी काफी अहम हो जाती है कि इसमें युवा खिलाडिय़ों ने सबसे अधिक महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी।
सचिन तेंडुलकर जब आउट होकर पविलियन लौटे तो भारत का स्कोर पांच विकेट पर 146 रन था। ऐसे में युवराज सिंह और मोहम्मद कैफ ने मिलकर भारत को संकट से उबारा। युवराज के आउट होने के बाद भी कैफ जमे रहे और भारत को जीत दिलाकर ही लौटे। युवराज और कैफ के बीच 121 रनों की पार्टनरशिप हुई थी। युवराज के आउट होने के बाद हरभजन सिंह ने कैफ का अच्छा साथ दिया और सातवें विकेट के लिए 47 रन जोड़े। मोहम्मद कैफ ने नाबाद 87 रन बनाए। कैफ फाइनल में मैन ऑफ द मैच बने।
18 साल बाद भी कैफ को वह जीत याद है। वह कहते हैं, उस जीत ने भारतीय क्रिकेट को हमेशा के लिए बदलकर रख दिया। उस जीत ने बताया कि हम बड़े स्कोर का पीछा कर सकते हैं। इस जीत ने बताया कि हम बड़े फाइनल जीत सकते हैं। भारतीय फैंस इस मैच को इसलिए याद करते हैं क्योंकि 1983 के वर्ल्ड कप फाइनल की जीत के बाद यह लॉर्ड्स पर भारत की सबसे बड़ी जीत थी।
कैफ ने अंग्रेजी अखबार इंडियन एक्सप्रेस के साथ खास बातचीत में उस मैच को याद करते हुए कहा, 'मुझे इस मैच की एक और खास इमेज याद है। जब मैं इलाहाबाद लौटा तो मुझे खुली जीप पर ले जाया गया। मेरे घर का पांच-छह किलोमीटर का सफर तय करने में मुझे करीब तीन-चार घंटे का वक्त लगा।
इलाहाबाद के रहने वाले कैफ कहते हैं जब वह स्टेशन से बाहर निकले तो सड़क के दोनों ओर लोग फूल-मालाएं लेकर खड़े हुए थे। उन्होंने कहा, लोग नारे लगा रहे थे। जब मैं छोटा था तो मैंने अमिताभ बच्चन को चुनाव जीतने के बाद अपने गृह नगर (इलाहाबाद) में यूं खली जीप में घूमते देखा था। उस दिन, मुझे ऐसा लगा जैसे मैं अमिताभ बच्चन हूं। (नवभारत टाईम्स)
नई दिल्ली, 13 जुलाई । टीम इंडिया के पूर्व कप्तान सौरव गांगुली अपने आक्रामक रवैये के लिए मशहूर रहे हैं। गांगुली की कप्तानी में ही टीम इंडिया ने आक्रामक होकर खेलना शुरू किया, उन्होंने हमेशा फ्रंट से टीम को लीड किया है। 'दादा' और बंगाल टाइगर के नाम से मशहूर रहे गांगुली विरोधी टीम से आंख में आंख मिलाकर सामना करते थे। कई बार मैदान पर हुई कहासुनी का हिस्सा भी गांगुली बन चुके हैं। श्रीलंका के पूर्व क्रिकेटर रसेल अर्नाल्ड के साथ भी एक छींटाकशी उनकी काफी चर्चा में रही थी। श्रीलंका के पूर्व कप्तान कुमार संगकारा ने बताया कि किस तरह उस किस्से के बाद गांगुली श्रीलंका के ड्रेसिंग रूम में पहुंच गए थे।
2002 चैंपियंस ट्रॉफी का फाइनल मैच खेला जा रहा था। पिच पर डेंजर एरिया में दौडऩे के लिए अर्नाल्ड को चेतावनी मिली थी, उसके बावजूद वो ऐसा करने से बाज नहीं आ रहे थे, जिसके बाद गांगुली को गुस्सा आ गया था। हाल में श्रीलंका के पूर्व कप्तान संगकारा ने बताया कि मैच के बाद गांगुली श्रीलंकाई ड्रेसिंग रूम में पहुंच गए थे। उन्होंने स्टार स्पोर्ट्स के क्रिकेट कनेक्टेड शो पर कहा, मुझे एक किस्सा याद है, जिसमें वनडे मैच में गांगुली की अर्नाल्ड के साथ तीखी बहस हो गई थी। मैच के बाद गांगुली ड्रेसिंग रूम में सभी खिलाडिय़ों से बात करने के लिए आए और कहा कि मैच के दौरान इस तरह की दिक्कतें ना खड़ी करें। अगर यह बात ज्यादा खिंची तो वो सस्सेंड भी हो जाते। हमने उनसे कहा कि इस बारे में परेशान होने की जरूरत नहीं है, हम इस बात को और बड़ा नहीं बनाएंगे और सब सही हो जाएगा।
अर्नाल्ड ने यह किस्सा याद करते हुए ही गांगुली को उनके 48वें जन्मदिन की बधाई दी थी। अर्नाल्ड ने उस मैच की क्लिप शेयर करते हुए गांगुली को बर्थडे विश किया था। गांगुली इस समय भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) के अध्यक्ष हैं। वो भारत के सबसे सफल कप्तानों में से एक गिने जाते हैं। 2002 चैंपियंस ट्रॉफी का फाइनल मैच बारिश में धुल गया था, जिसके बाद भारत और श्रीलंका ने वो खिताब शेयर किया था। (लाइव हिन्दुस्तान)
नई दिल्ली, 12 जुलाई । केंद्रीय खेल मंत्री किरेन रिजिजू ने खेल संस्कृति बनाने की आवश्यकता पर जोर देते हुए शनिवार को कहा कि भारत में लोगों को और यहां तक कि संसद में उनके कुछ सहयोगियों को खेलों की समझ बेहद ही सीमित है। रिजिजू इस बात को लेकर आश्चर्यचकित थे कि उनके सहयोगियों को लगा कि ज्योति कुमारी, कंबाला जॉकी श्रीनिवास गौड़ा और रामेश्वर गुर्जर जैसे सोशल मीडिया पर सुर्खियां बटोरने वाले ओलंपिक संभावित थे।
ज्योति कुमारी कोविड-19 महामारी के दौरान अपने बीमार पिता को साइकिल पर बैठाकर गुरुग्राम से बिहार तक ले गई थी। कर्नाटक के गौड़ा के बारे में दावा किया गया था कि उन्होंने लगभग 11 सेकंड में 100 मीटर कर दौड़ पूरी की। रिजिजू ने ईएलएमएस खेल संस्थान और अभिनव बिंद्रा संस्थान द्वारा आयोजित हाई परफोरमेंस लीडरशिप कार्यक्रम के लॉन्च के मौके पर कहा, खेलों के बारे में भारतीय समाज में ज्ञान बहुत कम है। मैं अपने संसद के सहयोगियों को नीचा नहीं दिखाना चाहता हूं, लेकिन उन्हें भी इसका ज्ञान नहीं है।
उन्होंने कहा, क्रिकेट के बारे में हर कोई जानता है, अंग्रेज लोगों ने हमारे दिमाग में डाल दिया है कि खेल में दूसरी टीम को हराना होता है। लेकिन इसके अलावा, कोई ज्ञान नहीं है, सब सिर्फ स्वर्ण पदक चाहते हैं।
मई के महीने में 15 साल की ज्योति कुमारी साइकिल पर बीमार पिता को बैठाकर आठ दिनों में गुरुग्राम से अपने पैतृक गांव तक का 1200 किलोमीटर का सफर तय की थी। भारतीय साइकिल महासंघ ने उसे ट्रायल का प्रस्ताव दिया जिसे ज्योति ने ठुकरा दिया। ज्योति के बारे में रिजिजू ने कहा, यह लड़की कोविड-19 के कारण पैदा हुई कठिन परिस्थितियों में अपने पिता को गुडग़ांव (गुरुग्राम) से बिहार तक साइकिल पर ले गई थी। यह दुखद बात थी, लेकिन मेरे कुछ सहयोगियों ने ऐसी कल्पना की कि वह साइकिलिंग में भारत के लिए स्वर्ण पदक जीतेगी।
उन्होंने कहा, देखिये ज्ञान की कमी लोगों को इस तरह से सोचने के लिए मजबूर करती है, बिना यह जाने कि साइकिल के प्रारूप क्या हैं और ओलंपिक में स्वर्ण पदक जीतने के लिए क्या मानक हैं, बस कुछ भी बोलने से नहीं होगा। इससे पहले गौड़ा और मध्य प्रदेश के गुर्जर भी मिट्टी के मैदानों में दौड़ के कारण सोशल मीडिया सनसनी बने जिसके बाद इन दोनों की तुलना ओलंपिक में कई स्वर्ण जीतने वाले फर्राटा धावक उसेन बोल्ट से की गयी। उन्हें ट्रायल के लिए बुलाया गया था।
रिजिजू ने कहा, कर्नाटक में भी एक मामला था, एक बैलगाड़ी की प्रतियोगिता में कोई श्रीनिवास था। लोगों को यह न लगे कि हम स्थिति से अवगत नहीं हैं इसलिए भारतीय खेल प्राधिकरन (साइ) ने उसे ट्रायल के लिए बुलाया। खेल मंत्री ने कहा, मुझे बताया गया था कि वह विश्व स्तरीय धावक के लिए उपयुक्त नहीं है, लेकिन यह महत्वपूर्ण नहीं है। लोगों ने कहना शुरू कर दिया कि हमें एक ऐसा व्यक्ति मिला है जो ओलंपिक चैंपियन उसेन बोल्ट से तेज है। हमें प्रतिभा की पहचान करनी है, लेकिन लोगों में समझ की कमी को देखिये।
उन्होंने देश में खेल संस्कृति की कमी पर भी जोर देते हुए कहा कि भारत ओलंपिक में अधिक स्वर्ण पदक जीतने के लिए यह सुनिश्चित करने की जरूरत है कि खेल को लेकर पूरा माहौल बदले।
उन्होंने कहा, इन सभी वर्षों में जिस चीज ने मुझे परेशान किया वह यह था कि हम भारत में एक खेल संस्कृति क्यों नहीं बना पा रहे हैं। अभिनव बिंद्रा को बीजिंग में स्वर्ण मिला। हमारी हॉकी टीम मास्को में स्वर्ण पदक जीती थी। इससे खुशी होती है लेकिन ऐसे अधिक अवसरों के लिए कोई सामूहिक प्रयास नहीं होता है।
रिजिजू ने कहा, भारत में निश्चित रूप से एक खेल परंपरा है, लेकिन दुर्भाग्य से हमारे पास खेल संस्कृति नहीं है। बिंद्रा को स्वर्ण मिले इतने साल हो गए हैं। सौभाग्य से 1996 ओलंपिक से अब तक हम पदक तालिका में जगह बनाने में सफल रहे लेकिन भारत जैसे बड़े देश के लिए यह काफी नहीं है।
उन्होंने कहा, हमें यह सुनिश्चित करने के लिए देश में पूरे वातावरण (खेल से जुड़े) को बदलना होगा कि ऐसे क्षण अधिक आये। हम केवल एक या दो आइकॉन (खिलाड़ी) नहीं रख सकते, सिर्फ एक या दो पदक का जश्न नहीं मना सकते है।(एजेंसी)
ज्यूरिख (स्विट्जरलैंड), 12 जुलाई । स्विट्जरलैंड के स्टार टेनिस खिलाड़ी रोजर फेडरर ने कहा है कि खेलों में सफल होने के लिए उनके पिता ने उन्हें दो साल का अल्टीमेटम दिया था। 20 बार के ग्रैंड स्लैम विजेता फेडरर ने कहा कि शुरुआती दिनों में जब उनके माता-पिता ने उन्हें पेशेवर बनने के लिए आर्थिक रूप से समर्थन दिया, तो उन्हें यकीन नहीं था कि उनके बेटे को प्रतिस्पर्धात्मक खेलों में सफलता मिलेगी।
पूर्व वर्ल्ड नंबर-1 फेडरर ने डिए जीट से कहा, मेरे माता-पिता ने मेरी टेनिस कोचिंग का भुगतान करने के लिए एक वर्ष में 30,000 स्विस फ्रैंक (आज की कीमत के हिसाब से करीब 24 लाख रुपये) खर्च किए। लेकिन एक पेशेवर खिलाड़ी बनने की मेरी क्षमता पर उन्हें संदेह था।
उन्होंने कहा, जब मैं 16 साल का था, तो मैंने उनसे पूछा कि टेनिस में 100 फीसदी शामिल होने के लिए क्या मुझे स्कूल छोड़ देना चाहिए। मेरे पिता ने मुझे सफल होने के लिए दो साल दिए। उन्होंने मुझसे कहा कि अगर मैं असफल रहा या पेशेवर खिलाड़ी नहीं बन पाया, तो मुझे स्कूल वापस जाना पड़ेगा। मैंने उनसे कहा कि मुझ पर भरोसा रखिए और किस्मत से मैं जूनियर में वल्र्ड नंबर 1 बन गया।(आईएएनएस)
डीआरएस के बचाव में सचिन
नई दिल्ली, 12 जुलाई । क्रिकेट लीजेंड सचिन तेंदुलकर का मानना है कि इंटरनेशनल क्रिकेट काउंसिल (आईसीसी) को अंपायर कॉल्स से डिसीजन रिव्यू सिस्टम (डीआरएस) को मुक्त करना चाहिए। यह फैसला पूरी तरह से उस पर निर्भर करता है, जो तकनीक दिखाती है। उन्होंने कहा कि कितने फीसदी गेंद स्टंप्स को हिट कर रही थी यह मैटर नहीं करता, यदि डीआरएस दिखाता है कि गेंद स्टंप को हिट कर रही थी तो उसे आउट दिया जाना चाहिए।
सचिन के कहा कि अगर गेंद स्टंप्स पर लग रही है, तो फिर ऑन फील्ड अंपायर के फैसले की परवाह किए बिना बल्लेबाज को आउट देना चाहिए। इसके साथ ही सचिन ने आईसीसी से एलबीडब्ल्यू के मामले में अंपायर कॉल के प्रावधान को हटाने पर विचार करने के लिए भी कहा है।
उन्होंने कहा कि इस बात का कोई प्रभाव नहीं पडऩा चाहिए कि मैदान पर खड़े अंपायर ने क्या फैसला दिया है। तकनीक का यह उद्देश्य है। सचिन तेंदुलकर ने ट्वीट करते हुए कहा, हम जानते हैं कि तकनीक भी मनुष्य की तरह 100 फीसदी सही नहीं होती। तेंदुलकर ब्रायन लारा के साथ डिसीजन रिव्यू सिस्टम पर 100एमबी एप पर चर्चा कर रहे थे।
सचिन ने कहा, जब टीम मैदान पर खड़े अंपायर से नाखुश होती है, तभी वह तीसरे अंपायर के पास जाती है। इसके बाद टेक्नोलॉजी पर भरोसा करना चाहिए। दोनों के बीच में कुछ नहीं होना चाहिए। जैसा कि टेनिस में होता है या तो गेंद अंदर होती है या लाइन के बाहर। जब एक बार आपने तकनीक के इस्तेमाल का निर्णय कर लिया तो आपको उस पर भरोसा करना चाहिए। उन्होंने कहा कि अगर गेंद सिर्फ स्टंप्स को छूकर भी निकल जाए, तो भी फैसला गेंदबाज के हक में होना चाहिए।
तेंदुलकर की इस बात का हरभजन सिंह ने भी समर्थन किया है। उन्होंने ट्वीट किया, आपसे 1000 फीसदी सहमत हूं पाजी। यदि गेंद स्टंप्स को छू रही है या किस कर रही है तो उसे आउट दिया जाना चाहिए। इस बात से कोई फर्क नहीं पड़ता कि गेंद स्टंप्स के कितने हिस्से को छू रही थी। खेल की बेहतरी के लिए कुछ नियम बदले जाने चाहिए। यह निमय भी ऐसा ही है।(लाइव हिन्दुस्तान)
नई दिल्ली, 12 जुलाई। भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड के अध्यक्ष सौरभ गांगुली ने शनिवार को यह साफ कर दिया कि टीम इंडिया दिसंबर में ऑस्ट्रेलिया का दौरा करेगी। हालांकि गांगुली ने उम्मीद जताई है कि टीम के खिलाडिय़ों के लिए वहां क्वारंटाइन का समय कुछ कम किया जाए।
ऑस्ट्रेलिया ने कोविड- 19 वायरस को मेलबर्न में छोड़कर बाकी पूरे देश में नियंत्रित कर लिया है। हाल ही में मेलबर्न शहर में कोविड- 19 केसों की संख्या में उछाल देखने को मिला था।
दादा ने कहा, हां, हां, हमने इस दौरे की मंजूरी दे दी है। दिसंबर में हम वहां आएंगे। हमें बस यह उम्मीद है कि हमारे खिलाडिय़ों के लिए क्वारंटाइन के दिनों को वहां कुछ कम किया जाएगा। टीम इंडिया को यहां 4 टेस्ट मैच की सीरीज खेलनी है।
बोर्ड के अध्यक्ष गांगुली ने कहा, क्योंकि हम यह नहीं चाहते कि खिलाड़ी इतनी दूर जाएं और दो सप्ताह के लिए होटल के कमरों में जाकर बैठ जाएं। यह बहुत-बहुत कष्टकारी और निराशाजनक होगा।
उन्होंने कहा, और जैसा मैंने कहा कि ऑस्ट्रेलिया और न्यूजीलैंड मेलबर्न को छोड़कर बेहद अच्छी स्थिति में हैं। इसी को ध्यान में रखकर हम वहां का दौरा कर रहे हैं और उम्मीद करता हूं कि क्वारंटीन के दिन कम होंगे और हम क्रिकेट में वापसी कर पाएंगे।
कोरोना वायरस के वैश्विक संक्रमण के बाद दुनिया भर के देश हेल्थ प्रोटोकॉल फॉलो करते हुए विदेशी नागरिकों को या विदेश से आने वाले अपने नागरिकों को अपनी सीमा में आने के बाद सुरक्षा की दृष्टि से उन्हें 14 दिन क्वारंटीन कर रहे हैं।
सौरव गांगुली ने संकेत दिये हैं इस साल के इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) का आयोजन खाली स्टेडियमों में किया जा सकता है और कहा है कि कोविड-19 महामारी के बावजूद इस निलंबित प्रतियोगिता को आयोजित करने के लिये सभी विकल्पों पर विचार किया जा रहा है।
वेस्ट इंडीज की टीम इन दिनों इंग्लैंड दौरे पर 3 टेस्ट मैचों की सीरीज खेल रही है। इस सीरीज से पहले उनके खिलाडिय़ों ने भी 14 दिन क्वॉरंटीन में बिताए और इसके पाकिस्तान की टीम इंग्लैंड से खेलेगी और उनके खिलाड़ी भी 14 दिन क्वारंटीन में रहे। ऑस्ट्रेलिया दौरे पर टीम इंडिया की (नवभारत टाईम्स)