अंतरराष्ट्रीय
काबुल, 21 अक्टूबर। अफगानिस्तान के जलालाबाद शहर में पाकिस्तानी वाणिज्य दूतावास के बाहर मंगलवार को भगदड़ मचने से कम से कम 15 लोगों की मौत हो गई और कई अन्य घायल हो गये।
जलालाबाद के अधिकारियों ने बुधवार को बताया कि भगदड़ उस समय मची जब करीब 3,000 अफगानिस्तानी वीजा के लिए आवेदन करने के लिए पाकिस्तानी वाणिज्य दूतावास के बाहर खुले मैदान में एकत्रित हुये थे।
प्रांतीय परिषद के सदस्य सोहराब कादरी ने बताया कि समस्या उस समय शुरू हुई जब दूतावास के बाहर खड़े लोग वीजा वावेदन के लिए टोकन पाने के लिए एक दूसरे को धक्का देने लगे और इसके तुरंत बाद भीड़ के अनियंत्रित हो जाने के कारण भगदड़ मच गई।
उन्होंने बताया कि भगदड़ में मरने वाले 15 लोगों में से 11 महिलाएं हैं और घायलों में कई वरिष्ठ नागरिक भी शामिल हैं।
हजारों अफगानिस्तानी हर वर्ष बेहतर चिकित्सा उपचार, शिक्षा और नौकरियां पाने के लिए पड़ोसी देश पाकिस्तान की यात्रा करते हैं। दोनों देश करीब 2,600 किलोमीटर लंबी सीमा साझा करते हैं। (univarta.com)
मास्को, 21 अक्टूबर (स्पूतनिक)। रूस में पिछले 24 घंटों के दौरान 23 जंगलों के करीब 800 एकड़ क्षेत्र पसरी आग को काबू में किया गया है।
यह जानकारी रूस के एरियल फॉरेस्ट प्रोटेक्शन सर्विस ने दी है। विभाग ने कहा, वानिकी निगरानी सेवाओं के अनुसार रूस में पिछले 24 घंटों (20 अक्टूबर 2020) में 23 वन क्षेत्र के 803 एकड़ में फैली आग को बुझा दिया गया। इससे एक दिन पहले 28 जंगलों के 1,416 एकड़ क्षेत्री में फैली आग को बुझाया गया था। (univarta.com)
वाश्ंिागटन, 21 अक्टूबर (स्पूतिनक)। अमेरिका में कोरोना वायरस से होने वाली मौतों की वास्तिवक संख्या मौजूदा समय के आधिकारिक आंकड़ों से लगभग दोगुनी हो सकती है।
अमेरिका के रोक नियंत्रण एवं रोकथाम केंद्र ने एक रिपोर्ट तैयार की है, जिसमें यह अनुमान लगाया है। केंद्र ने देश में पहले आठ महीनों में हुई मौतों के आधार पर यह आकलन किया है। केंद्र ने अपनी रिपोर्ट वर्ष 2015-2019 के डाटा का इस्तेमाल कर सभी तरह के कारणों से होने वाली मौतों का औसत निकाल कर तैयार किया है।
केंद्र ने कहा, जनवरी 2020 के अंत से तीन अक्टूबर 2020 के बीच देश में लगभग 299,028 लोगों की मौत हुयी है और इनमें से 198,081 यानी 66 प्रतिशत मौतें कोविड-19 के कारण हुयी है। 25 साल से 44 वर्ष आयु के व्यक्तियों की मृत्यु में काफी बढ़ोतरी हुयी है।
रिपोर्ट में कहा गया है कि 15 अक्टूबर तक कोरोना वायरस से आधिकारिक तौर पर 216,025 लोगों की कोरोना के कारण मौत हुयी थी, लेकिन हकीकत में यह संख्या इससे अधिक रही होगी। (univarta.com)
कराची, 21 अक्टूबर। पाकिस्तान के कराची में बुधवार को गुलशन-ए-इकबाल के मसकन चौरंगी में दो मंजिला इमारत में विस्फोट हुआ है जिसमें कम से कम तीन लोगों की मौत हो गई है और 15 घायल हो गए।
डान न्यूज के अनुसार धमाके से आसपास की इमारतों की खिड़कियां भी चकनाचूर हो गई हैं। अधिकारियों के अनुसार सभी घायलों और मृतकों को पटेल अस्पताल ले जाया गया है। विस्फोट के कारण का हालांकि अभी तक पता नहीं चला है। मुबीना टाउन पुलिस थानाध्यक्ष ने कहा कि यह एक सिलेंडर विस्फोट लगता है।
थानाध्यक्ष ने कहा कि बम निरोधक दस्ता विस्फोट के कारण का पता लगाने के लिए घटनास्थल पहुंच रहा है।
कानून प्रवर्तन एजेंसियां और बचाव अधिकारी घटनास्थल पर पहुंच गए हैं। एलएएएस ने इस क्षेत्र को बंद कर दिया है। प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि विस्फोट से आसपास की इमारतों की खिड़कियों के साथ-साथ कुछ वाहनों को भी नुकसान हुआ है। (univarta.com )
इस्लामाबाद, 21 अक्टूबर| पाकिस्तान के फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स (एफएटीएफ) की ग्रे लिस्ट से बाहर निकलने की संभावना फिलहाल नहीं है क्योंकि यह ग्लोबल वॉचडॉग एक्शन प्लान के अनुपालन में 27 में से छह बिंदुओं का पालन करने में नाकाम रहा है। एक मीडिया रिपोर्ट में राजनयिक सूत्रों के हवाले से यह जानकारी दी गई। द एक्सप्रेस ट्रिब्यून की रिपोर्ट में मंगलवार को सूत्रों के हवाले से लिखा गया है कि पाकिस्तान "अगले साल जून तक ग्रे लिस्ट से बाहर निकलने में सफल होगा।"
यह रिपोर्ट ग्रुप के वर्चुअल प्लेनरी सेशन से एक दिन पहले आई है, जो 27 पॉइंट एक्शन प्लान पर पाकिस्तान की प्रगति रिपोर्ट की समीक्षा करेगी।
सत्र का समापन शुक्रवार को होगा।
मनी लॉन्ड्रिंग और आतंक वित्तपोषण के खिलाफ पर्याप्त कदम उठाने में विफल रहने के लिए पाकिस्तान को जून 2018 में ग्रे लिस्ट में डाल दिया गया था।
इसके बाद एक चेतावनी के साथ 27-सूत्रीय कार्य योजना दी गई और अगर पाकिस्तान इसका अनुपालन करने में विफल रहता है तो उसे ब्लैक लिस्ट में डाला जा सकता है।
कोरोनावायरस महामारी के कारण पाकिस्तान को अपनी 27 सूत्रीय कार्ययोजना को पूरा करने के लिए तीन महीने का और समय मिल गया है।
इस साल की समय सीमा जून थी लेकिन एफएटीएफ ने अपनी प्लेनरी सेशन के स्थगन के कारण इसे बढ़ा दिया था। (आईएएनएस)
वाशिंगटन, 21 अक्टूबर (आईएएनएस)| जॉन्स हॉपकिन्स विश्वविद्यालय के अनुसार, दुनिया में कोरोनावायरस मामलों की कुल संख्या बढ़कर 40.7 मिलियन यानि कि 4 करोड़ से अधिक हो गई है और मृत्यु संख्या बढ़कर 11 लाख से अधिक हो गई है। विश्वविद्यालय के सेंटर फॉर सिस्टम साइंस एंड इंजीनियरिंग (सीएसएसई) के ताजा आंकड़ों के मुताबिक बुधवार की सुबह तक दुनिया में कोविड के कुल मामलों की संख्या 4,07,28,371 और मृत्यु संख्या 11,23,967 हो गई थी।
इसके साथ ही दुनिया में कोरोना का सबसे अधिक प्रकोप झेलने वाले देश अमेरिका में 82,72,427 मामले और 2,20,992 मौतें दर्ज हो चुकी हैं। 75,97,063 मामलों और 1,15,197 मौतों के साथ भारत दूसरे स्थान पर है। वहीं मौतों की संख्या में ब्राजील दुनिया में दूसरे नंबर पर है, यहां अब तक 1,54,837 मौतें हो चुकी हैं।
मामलों की संख्या में अमेरिका और भारत के बाद ब्राजील (52,73,954), रूस (14,22,775), अर्जेंटीना (10,18,999), स्पेन (9,88,322), कोलंबिया (9,74,139), फ्रांस (9,73,275), पेरू (8,70,876), मेक्सिको (8,60,7144), यूके (7,65,487), दक्षिण अफ्रीका (7,06,304), ईरान (5,39,670), चिली (4,94,478), इराक (4,34,598), इटली (4,34,449) और बांग्लादेश (3,90,206) हैं।
वहीं 10 हजार से ज्यादा मौतों वाले देशों में मेक्सिको (86,893), यूके (44,057), इटली (36,705), स्पेन (34,210), फ्रांस (33,928), पेरू (33,820), ईरान (31,034), कोलम्बिया (29,272), अर्जेंटीना (27,100), रूस (24,473), दक्षिण अफ्रीका (18,656), चिली (13,702), इंडोनेशिया (12,734), इक्वाडोर (12,404), बेल्जियम (10,489) और इराक (10,366) हैं।
नासा ने एक टेस्ट अंतरिक्ष यान ओसिरिस रेक्स अंतरिक्ष में भेजा है. वह मंगलवार को छुद्र ग्रह बेनू के अत्यंत करीब पहुंच रहा है और वहां अपनी जांच शुरू करेगा. बाद में वह वहां से रोबोट से इकट्ठा किए जाने वाले सैंपल को धरती पर भेजेगा.ओसिरिस रेक्स ओरिदिन, स्पेक्ट्रल इंटरप्रेटेशन, रिसोर्स आइडेंटिफिकेशन और सिक्योरिटी रेगोलिथ एक्प्लोरर का छोटा रूप है और उसका काम बेनू छुद्र ग्रह से सैंपल लाना है. बेनू को 500,000 छुद्र ग्रहों में से चुना गया है.
बेनू स्याह कचरे का ढेर है जो धरती से 29 करोड़ किलोमीटर दूर स्थित है. करीब 550 मीटर व्यास का बेनू अगले 150 साल में धरती के बहुत करीब पहुंच सकता है. भले ही उस समय धरती से टक्कर का जोखिम बहुत कम है लेकिन नासा इस ग्रह को इस समय सबसे खतरनाक छुद्रग्रह मान रहा है. ओसिरिस रेक्स को 2016 में अंतरिक्ष में प्रक्षेपित किया गया था और वह बड़े वैन के आकार का है. उसे बेनू तक पहुंचने में दो साल लगे. तब से छह मीटर लंबा और 2,100 किलो भारी टेस्ट यान छुद्र ग्रह के चक्कर काट रहा है.
छुद्र ग्रह की सतह से सैंपल
जब ओसिरिस रेक्स बेनू के करीब पहुंचेगा तो उसकी रोबोट वाली बांह बाहर निकलेगी, जिसका नाम टागसैम है. वह ग्रह की सतह को पांच सेकंड के लिए छुएगा, नाइट्रोजन गैस छोड़ेगा ताकि सतह पर धूल उड़े और उसके बाद 60 से 2,000 ग्राम धूल इकट्ठा करेगा और उसके बाद आगे बढ़ जाएगा.
नासा की वेबसाइट पर लिखा है कि जीएमटी के अनुसार 21 बजे अंतरिक्ष टेस्ट यान के बेनू ग्रह के नजदीक पहुंचने काऑनलाइन प्रसारण किया जाएगा. यह अंतरिक्षयान तीन साल बाद सितंबर 2023 में धरती पर वापस लौटेगा. इस परियोजना पर 1 अरब डॉलर का खर्च आया है और नासा को उम्मीद है कि उसके लाए सैंपल से 4.5 अरब साल पुराने सौरमंडल की उत्पत्ति के राज खुलेंगे. छुद्र ग्रहों को सौरमंडल की उत्पत्ति के दौरान पैदा हुआ माना जाता है.
पहले भी हुई है कोशिश
अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी ने इससे पहले दो बार अंतरिक्ष यान के छुद्र ग्रह तक पहुंचने की कोशिश का सफल परीक्षण किया है. चूंकि टेस्ट यान ओसिरिस रेक्स धरती से 29 करोड़ किलोमीटर दूर है नासा से भेजे जाने वाले सिग्नल को वहां तक पहुंचने में 16 मिनट लगते है.
ओसिरिस रेक्स पहला अमेरिकी अंतरिक्ष यान है जो किसी छुद्रग्रह को भेजा गया है. 2005 में जापान ने अपना हायाबूसा टेस्ट यान एक छुद्रग्रह को भेजा था. वह 2010 में वहां की सतह से जमा सैंपल लेकर आया था. बाद में और भी यान भेजे गए लेकिन कोई सैंपल लेकर नहीं आया. (DW)
वाशिंगटन 21 अक्टूबर (स्पूतनिक)। अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने सीबीएस न्यूज चैनल के साथ अपने साक्षात्कार को अचानक समाप्त कर दिया।
श्री ट्रम्प ने मंगलवार को न्यूज चैनल के '60 मिनट्स' कार्यक्रम के लिए साक्षात्कार को लगभग 45 मिनट में ही समाप्त कर दिया। सीएनएन न्यूज ने सूत्रों के हवाले बताया कि सीबीएस न्यूज चैनल की होस्ट लेस्ली स्टाहल का मानना है कि उनके पास इस्तेमाल करने के लिए पर्याप्त मात्रा में सामग्री है। इस कार्यक्रम को मंगलवार को व्हाइट हाउस में शूट किया गया गया तथा इसे रविवार को प्रसारित किया जाएगा।
सीएनएन के अनुसार ट्रम्प को उपराष्ट्रपति माइक पेंस, अपने प्रतिद्वंदी एवं पूर्व उपराष्ट्रपति जोए बिडेन तथा उपराष्ट्रपति पद के लिए डेमोक्रेटिक उम्मीदवार कैलीफोर्निया सेन के साथ ही प्रोग्राम को शूट करवाना था, लेकिन वह दोबारा नहीं लौटे।
इस्लामाबाद, 21अक्टूबर (आईएएनएस)| जबरन धर्मातरण पर पाकिस्तानी संसदीय समिति के प्रमुख सीनेटर अनवर उल हक काकर ने एक चौंकाने वाले बयान में कहा कि सिंध प्रांत में हिंदू लड़कियों के धर्मांतरण को जबरन घोषित नहीं किया जा सकता, क्योंकि इसमें लड़कियों की कुछ हद तक इच्छा थी।
सिंध प्रांत में हिंदू लड़कियों के जबरन धर्मातरण की घटनाओं के बारे में समिति के निष्कर्षो पर समिति के सदस्य एमएनए लाल चंद मल्ही और सिविल सोसाइटी कार्यकर्ता कृष्ण शर्मा के साथ हाल ही में हुई एक प्रेस वार्ता के दौरान काकर ने ये भयावह टिप्पणी की।
काकर ने कहा, "जबरन धर्म परिवर्तन की कई परिभाषाएं हैं और इस विषय पर समिति की ओर से बहस की गई है।"
उन्होंने कहा, "हालांकि बेहतर जीवनशैली की तलाश में किए जाने वाले धर्मांतरण को भी मजबूरन धर्मांतरण माना जाता है। काकर ने कहा कि आर्थिक कारणों को शोषण माना जा सकता है और बल नहीं, जैसा कि अंतत: सहमति के बाद होता है।"
काकर ने कहा कि एक पतली रेखा सहमति और शोषण को अलग करती है, सिंध प्रांत में हिंदू लड़कियों के धर्मातरण को जबरन नहीं माना जा सकता है।
उन्होंने कहा, "समिति, जिसमें अन्य धर्मों के सदस्य भी शामिल हैं, उन्हें हिंदू लड़कियों के अपहरण का कोई निशान नहीं मिले, जिन्होंने इस संबंध में बाद में अदालत में बयान भी दिए हैं।"
समिति के सदस्यों ने कहा कि उन्होंने सिंध की अपनी यात्रा के दौरान एक पूर्ण सर्वेक्षण किया, जिसके दौरान उन्होंने सिंध सरकार में वरिष्ठ अधिकारियों और यहां तक कि अभियुक्त समूहों के साथ सार्वजनिक बैठकें कीं, जो कथित रूप से धर्मांतरण के पीछे हैं।
समिति ने पीड़ितों के परिवारों से भी जबरन धर्मांतरण के बढ़ते मामलों को बेहतर ढंग से समझने के लिए मुलाकात की।
काकर ने कहा, "स्थिति का सबसे खराब हिस्सा यह था कि परिवारों के दर्द और शर्म को ध्यान में नहीं रखा गया था। अगर हम सभी परिवारों को विश्वास में लेना शुरू कर देते हैं और उन्हें सांत्वना देने के लिए एक तंत्र तैयार करते हैं, तो जबरन धर्मांतरण के मामलों में कमी आएगी।"
उन्होंने कहा कि समिति ने पाया कि जबरन धर्म परिवर्तन के अधिकांश या सभी मामलों में लड़की की इच्छा और कुछ हद तक सहमति थी।
उन्होंने कहा, "हमने जो देखा वह यह है कि अधिकांश लड़कियों और लड़कों ने छिपकर शादी करने का फैसला किया। लेकिन ऐसा इसलिए था, क्योंकि दोनों के परिवार उन्हें जीवन साथी के रूप में स्वीकार नहीं करने वाले थे।"
लाल चंद मल्ही ने कहा कि राज्य को ऐसे जोड़ों को आश्रय और सुरक्षा प्रदान करने की जिम्मेदारी लेनी चाहिए जो स्वेच्छा से भाग जाते हैं, अपने धर्मो को स्वेच्छा से बदलते हैं और शादी करते हैं।
उन्होंने कहा, "जो लोग अपने घरों से भाग जाते हैं, उन्हें कुछ समय के लिए राज्य सुरक्षा प्रदान की जानी चाहिए, ताकि लड़की अपने फैसले को अंतिम रूप दे सके।"
कार्यकर्ता कृष्ण शर्मा ने जबरन धर्मातरण और अपहरण के मामलों में देश की संपूर्ण व्यवस्था, जिसमें पुलिस से लेकर अदालतें भी शामिल हैं, उन पर कानूनों के उल्लंघन का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि यही इस तरह के धर्मातरण की सुविधा प्रदान कर रहे हैं।
उन्होंने कहा, "जब माता-पिता इस बात का प्रमाण पत्र पेश करते हैं कि लड़की की उम्र 18 साल से कम है, तो पुलिस आमतौर पर इस दस्तावेज को एफआईआर में शामिल नहीं करती है, लेकिन हमारे पास देश में महिला सुरक्षा कानून हैं और हमें उसे लागू करने की जरूरत है।"
संसदीय समिति उन मामलों पर चर्चा करने के लिए इस्लामिक विचारधारा की परिषद के साथ भी बैठक करेगी, जहां एक हिंदू लड़की एक मुस्लिम के साथ अदालत में शादी की सहमति व्यक्त करने के बाद अपने परिवार में वापस लौटना चाहती है।
न्यूजीलैंड, 20 अक्टूबर | आम चुनावों में जीत हासिल कर प्रधानमंत्री के रूप में देश की नई संसद का गठन करने जा रही जेसिंडा आर्डर्न यहां भी इतिहास रचने जा रही हैं. उनके नेतृत्व वाली सत्ताधारी लेबर पार्टी को इन चुनावों में भारी बहुमत मिला है. इस जीत का श्रेय कोरोना काल में प्रधानमंत्री आर्डर्न के बेहतरीन प्रदर्शन को दिया जा रहा है. गौर करने वाली बात यह है कि आर्डर्न के पास अपनी बहुमत वाली सरकार बनाने का विकल्प होने के बावजूद वह पूर्व सहयोगी दल ग्रीन पार्टी को अपने साथ लेकर चलना चाहती हैं.
उनकी लेबर पार्टी ने 120 में से 64 सीटें जीती हैं और विजयी सांसदों में भी आधी से ज्यादा महिलाएं हैं. उसके अलावा, मूल माओरी समुदाय के 16 सांसद चुन कर आए हैं. नई संसद के लिए पहली बार अफ्रीकी मूल के एक नेता इब्राहीम ओमार और श्रीलंकाई मूल की वानुषी वॉल्टर्स ने जीत हासिल की है.
देश की मासे यूनिवर्सिटी में ह्यूमैनिटीज एंड सोशल साइंसेज विभाग में प्रोफेसर पॉल स्पूनली का कहना है, "यह हमारी आज तक की सबसे विविधता वाली संसद होगी. लैंगिक विविधता के मामले में, सांस्कृतिक अल्पसंख्यकों के मामले में और मूल निवासियों के प्रतिनिधित्व के मामले में भी."
विश्व स्तर पर देखा जाए तो भी इस संसद में रेनबो समुदाय (एलजीबीटीक्यू समूह) से आने वाले सबसे ज्यादा सदस्य होंगे. न्यूजीलैंड की 120 सीटों वाली संसद के करीब 10 फीसदी सदस्य घोषित रूप से लेस्बियन, गे, बाइसेक्शुअल या ट्रांसजेंडर हैं. देश के वित्त मंत्री ग्रांट रॉबर्टसन भी घोषित तौर पर समलैंगिक हैं.
हाल ही में संपन्न हुए आम चुनावों में ग्रीन पार्टी के 10 सदस्य संसद में पहुंचे हैं. इनमें से भी अधिकतर महिलाएं, स्थानीय समुदाय के नेता या फिर एलजीबीटीक्यू समूह के लोग हैं. प्रोफेसर स्पूनली बताते हैं कि नई संसद में पहले के मुकाबले कहीं ज्यादा युवा नेता हैं, जिनमें कई मिलेनियल भी हैं. मिलेनियल मोटे तौर पर उस पीढ़ी के लोगों को कहते हैं जो सन 1980 की शुरुआत से लेकर सन 2000 के बीच पैदा हुए हैं. प्रोफेसर स्पूनली बताते हैं कि इस बार देश ने संसद से ऐसे कई "बुजुर्ग और श्वेत सांसदों की विदाई देखी है जो 30 सालों से लंबे समय से संसद में बने हुए थे."
खुद प्रधानमंत्री आर्डर्न की विश्व पटल पर पहचान 2017 में ही बनी जब 37 साल की उम्र में न्यूजीलैंड की प्रधानमंत्री बनने वाली वह विश्व की सबसे युवा राष्ट्रप्रमुख बनीं. अब दूसरे कार्यकाल में उनसे उम्मीद लगाई जा रही है कि वह इतनी विविधता भरी संसद के साथ देश को और भी प्रगतिशील बनाएंगी. आर्डर्न को दुनिया भर में और खासकर उनके अपने देश में महिला अधिकारों की समर्थक, बराबरी और अलग अलग किस्म के लोगों को साथ लेकर चलने वाली आधुनिक नेता माना जाता है.(DW.COM)
सियोल, 20 अक्टूबर | दुनिया में 5जी नेटवर्क से डाउनलोड की सबसे ज्यादा तेज स्पीड सऊदी अरब की है और उसके बाद दक्षिण कोरिया की है। एक रिपोर्ट में खुलासा हुआ है कि दक्षिण कोरिया में औसत स्पीड 336.1 मेगाबिट्स प्रति सेकंड (एमबीपीएस) तक पहुंच गई है। इंडस्ट्री ट्रैकर ओपनसिग्नल की एक रिपोर्ट के मुताबिक सऊदी अरब में 5जी डाउनलोड की औसत स्पीड 377.2 एमबीपीएस है। इस कंपनी ने 15 देशों में 1 जुलाई से 28 सितंबर के बीच डेटा ट्रैक कर यह सर्वे किया है।
वहीं दक्षिण कोरिया ने अपनी औसत 5जी डाउनलोड स्पीड 4जी की 60.5 एमबीपीएस की औसत स्पीड से 5.6 गुना बढ़ा ली है।
योनहाप समाचार एजेंसी की रिपोर्ट के अनुसार, ओपनसिग्नल की अगस्त की रिपोर्ट में दक्षिण कोरिया की 5जी नेटवर्क के लिए स्पीड 312.7 एमबीपीएस थी। इसके अलावा दक्षिण कोरियाई 5जी उपयोगकर्ताओं के खर्च को लेकर भी इसमें खुलासे हुए हैं। उपयोगकर्ताओं का नेटवर्क से जुड़ा खर्च पिछली रिपोर्ट के दौरान सामने आए 20.7 प्रतिशत से बढ़कर 22.2 प्रतिशत हो गया है।
कई देशों ने 5जी नेटवर्क शुरू कर दिया है, जिनमें दक्षिण कोरिया भी शामिल है। हालांकि अभी वह नॉन-स्टैंडअलोन मोड पर नेटवर्क सर्विस दे रहा है, जिसके लिए उसे 4जी नेटवर्क के सपोर्ट की जरूरत होती है।
देश में अगस्त में 8.7 मिलियन (87 लाख) मोबाइल अकाउंट थे, जो उसके पिछले महीने से 8 लाख अधिक थे।
--आईएएनएस
काले धन से जुड़े पनामा पेपर्स लीक के केंद्र में रही कंपनी मोसैक फॉन्सेका के दोनों संस्थापकों के खिलाफ जर्मनी ने अंतरराष्ट्रीय अरेस्ट वारेंट निकाला है. इस समय विश्व के 79 देशों में इससे जुड़ी जांच हो रही है.
जर्मन मीडिया में आई खबर के अनुसार जर्मनी ने काला धन मामले के केंद्र में रही मोसैक फॉन्सेका के संस्थापकों युर्गेन मोसैक और रामोन फॉन्सेका के खिलाफ गिरफ्तारी का अंतरराष्ट्रीय वारेंट निकाल दिया है. इन दोनों पर टैक्स चोरी करने और अपराधियों के साथ मिलीभगत करने का आरोप है.
जर्मन अखबार 'जुडडॉयचे साइटुंग' ने खबर छापी है कि वारेंट जारी होने के कारण अब इनमें से किसी को भी यूरोपीय संघ के किसी देश में प्रवेश करते ही गिरफ्तार कर लिया जाएगा. अप्रैल 2016 में मोसैक फॉन्सेका के गोपनीय दस्तावेजों से बहुत बड़े स्तर पर टैक्स की चोरी और काले धन को दूसरे देशों में छुपाने के मामले का खुलासा हुआ था.
घोटाले की विश्वस्तरीय जांच
अमेरिकन सेंटर फॉर पब्लिक इंटेग्रिटी के अनुसार, इस समय विश्व के 79 देशों में पनामा पेपर्स लीक से जुड़े करीब 150 मामलों की जांच चल रही है. जांचकर्ताओं को उम्मीद है कि कंपनी के एक संस्थापक युर्गेन मोसैक आत्मसमर्पण कर सकते हैं. ऐसी उम्मीद इसलिए लगाई जा रही है कि अगर मोसैक अधिकारियों के सामने खुद को पेश करने और जांच में सहयोग देने के लिए तैयार हो जाते हैं तो वह अपनी सजा कम करने की मांग कर सकेंगे और अमेरिकी आरोपों से बचने की भी स्थिति बन सकती है. मोसैक का परिवार अब भी जर्मनी में ही रहता है.
सन 2018 में मोसैक फॉन्सेका कंपनी ने अपनी साख को "अपूरणीय क्षति" पहुंचने के कारण कामकाज बंद करने की घोषणा कर दी थी. उधर पनामा की सरकार अंतरराष्ट्रीय समुदाय से अपील करती आई है कि उसे टैक्स चोरी के अहम ठिकाना मानने वाली सूची से बाहर निकाला जाए. घोटाले के इन दोनों आरोपियों के पास पनामा का पासपोर्ट है और फिलहाल वे कैरिबियाई द्वीपसमूह में कहीं रहते हैं. यह द्वीपसमूह उनके लिए सुरक्षित ठिकाना बना हुआ है क्योंकि इनकी किसी भी अन्य देश के साथ कोई प्रत्यर्पण संधि नहीं है.
जर्मनी से जुड़े हैं तार
कथित घोटाले की खबरों के सामने आने के समय यह भी पता चला था कि खुद जर्मनी के कम से कम 28 बैंकों ने भी इस फर्म की परामर्श सेवाएं ली थी. दूसरी तरफ विवादों के केंद्र में फंसी फर्म ने हमेशा कहा है कि वह किसी आपराधिक गतिविधि में शामिल नहीं रही है और उसने अपने ग्राहकों के लिए तमाम सही वजहों के कारण कई ऑफशोर कंपनियां स्थापित की थीं.
2016 में मीडिया इंटरनेश्नल कंसॉर्शियम ऑफ इंवेस्टिगेटिव जर्नलिज्म और कुछ अन्य मीडिया संगठनों ने मिलकर पनामा स्थित कानूनी कंसल्टेंसी कंपनी मोसैक फॉन्सेका से संबंधित दस्तावेज लीक किए थे. यह खबर भी सबसे पहले जर्मन अखबार 'जुडडॉयचे साइटुंग' में ही प्रकाशित हुई थी. बताया गया था कि इस समूह ने विश्व भर के कई मशहूर और अमीर लोगों का टैक्स बचाने में उनकी मदद करने वाली इस कंपनी के करीब एक करोड़ 15 लाख दस्तावेजों की कई महीनों तक पड़ताल की और फिर अपने नतीजों को सार्वजनिक किया, जिसे पनामा लीक्स के नाम से जाना गया.
इस घोटाले में शामिल कई विश्वप्रसिद्ध प्रसिद्ध हस्तियां खुद भी अपने अपने देशों में कर चोरी के मामलों की जांच झेल रहे हैं. कंपनी पर आरोप है कि उसने टैक्स चोरी करते हुए कई नई कंपनियां बनाकर 'टैक्स हेवन' देशों में पैसा जमा करवाया था. अब तक की जांच में दुनिया भर के करीब 140 नेताओं के नाम सामने आए हैं जिसमें से दर्जन भर राजनेता तो अलग अलग देशों के पूर्व या मौजूदा प्रमुख हैं. कई बड़े व्यवसायियों के अलावा इसमें खेल और मनोरंजन जगत के भी कई मशहूर लोगों का नाम आया था.
आरपी/एमजे (डीपीए)
ब्रसेल्स, 20 अक्टूबर| बेल्जियम के स्वास्थ्य मंत्री फ्रैंक वैंडेनब्रुक ने चेतावनी देते हुए कहा कि देश की राजधानी ब्रसेल्स में कोविड-19 की स्थिति सुनामी की तरह है क्योंकि यहां पुष्ट नए मामलों की संख्या में वृद्धि देखने को मिल रही है। मंगलवार को सीएनएन की एक रिपोर्ट के मुताबिक, टीवी पर दिए अपने एक साक्षात्कार में वैंडेनब्रुक ने कहा कि "वालोनिया और ब्रुसेल्स में स्वास्थ्य स्थिति सबसे ज्यादा खराब है और यह पूरे यूरोप में सबसे खतरनाक है।"
यूरोप में महामारी के पहले चरण में बेल्जियम सबसे प्रभावित देशों में से एक रहा। यहां अब तक कोरोनावायरस के 230,480 मामलों की पुष्टि हो चुकी है और 10,443 लोगों ने अपनी जानें गंवा दी है।
स्वास्थ्य मंत्री ने आगे कहा कि, "महामारी किसी की गलती नहीं है, लेकिन स्थिति में सुधार लाना हमारे हाथों में है।" उन्होंने देश में लोगों को कोरोनावायरस से संबंधित सुरक्षा मानकों का पालन करने और खुद को वायरस से बचाए रखने की अपील की है। (आईएएनएस)
कराची, 20 अक्टूबर| पाकिस्तान मुस्लिम लीग-एन की उपाध्यक्ष मरियम नवाज ने दावा किया है कि उनके पति और पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ के दामाद रिटायर्ड कैप्टन मोहम्मद सफदर को गिरफ्तार करने के पीछे का मकसद सरकार विरोधी गठबंधन को तोड़ना है। द ट्रिब्यून के मुताबिक, मरियम ने यहां एक संवाददाता सम्मेलन में कहा, "मेरे परिवार और मेरे करीबी लोगों को निशाना बनाकर मुझे ब्लैकमेल मत करें।"
उनकी टिप्पणी सोमवार सुबह तड़के यह ट्वीट करने के बाद आई कि सफदर को कराची में एक होटल से गिरफ्तार किया गया था।
उन्होंने दावा किया कि पुलिस उनके पति को गिरफ्तार करने तब पहुंच गई जब वह सो रही थीं।
डॉन न्यूज के मुताबिक, पाकिस्तान डेमोक्रेटिक मूवमेंट (पीडीएम) के दूसरे पावर शो से पहले रविवार को सफदर द्वारा मुहम्मद अली जिन्ना की मकबरा पर सरकार विरोधी नारे लगाए जाने के एक दिन बाद उनकी गिरफ्तारी हुई।
मकबरे की पवित्रता का उल्लंघन करने के लिए मरियम नवाज, सफदर और 200 अन्य के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई थी।
हालांकि, उन्हें बाद में जमानत पर रिहा कर दिया गया था।
संवाददाता सम्मेलन में मरियम नवाज ने आगे कहा कि संघीय सरकार ऐसा दिखाने की कोशिश कर रही थी कि गिरफ्तारी के पीछे सिंध सरकार थी, "लेकिन बिलावल (भुट्टो-जरदारी) ने मुझे फोन किया और वह बहुत गुस्से में थे।"
सिंध के मुख्यमंत्री ने भी मुझे फोन किया और कहा कि उन्होंने कभी उम्मीद नहीं की थी कि मेरे साथ ऐसा कुछ होगा।
मरियम ने कहा, " मैंने कभी भी एक पल के लिए भी नहीं सोचा था कि पीपीपी इसके पीछे है .. उन्होंने (पीटीआई) सोचा था कि वे हमारे बीच फूट डाल सकते हैं। हमें पता है कि इस तरह की चीजें होंगी, हम भी तैयार हैं।"
पीएमएल-एन की उपाध्यक्ष ने यह भी दावा किया कि सफदर को पिछले कुछ समय से मौत की धमकी मिल रही हैं, जो कि उच्च स्च्तर पर बैठे कुछ लोगों से आ रही है।
उन्होंने कहा, "अगर वे मानते हैं कि धमकी नवाज शरीफ या मरियम नवाज को चुप करा सकती है, अगर वे मानते हैं कि वो पीडीएम में दरार पैदा कर सकते हैं या इसकी एकता को कमजोर कर सकते हैं, तो वे गलत हैं।" (आईएएनएस)
निखिला नटराजन
न्यूयॉर्क, 20 अक्टूबर| चुनाव को 14 दिन बाकी हैं और अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप 2016 की अपनी हिट प्लेलिस्ट से शब्द चुन-चुनकर इस बार फिर से उपयोग कर रहे हैं। जैसे बाइडन के लिए ट्रंप ने वैसे ही 'लॉक हिम अप' कहा, जैसे पिछले चुनाव में हिलरी क्लिंटन के लिए 'लॉक हर अप' कहा था।
हाल ही में ट्रंप ने कॉन्फ्रेंस कॉल पर अपने कैंपेन के सहयोगियों से कहा, "लोग फौची और इन सभी बेवकूफों को सुनकर थक गए हैं। हर बार जब वह टेलीविजन पर जाता है, तो उसके पास हमेशा एक बम होता है। लेकिन अगर आप उसे हटा दें तो उससे भी बड़ा धमाका होगा। फौची एक आपदा (डिजास्टर) की तरह है।"
मामूली फेर-बदल के साथ ट्रंप 2020 में भी तकरीबन 2016 जैसी ही बातें कह रहे हैं।
2016 में ट्रंप के हारने की भविष्यवाणी करने वाले स्कॉट एडम्स के लिए उन्होंने एनबीसी पर कहा था, "कोई भी उन्हें गंभीरता से नहीं लेता है। उनके पास सिर्फ हंसाने वाला सामान है, जो कोई मायने नहीं रखता है।"
डॉ. एंथोनी फौची को 'आपदा' और वैज्ञानिकों को 'बेवकूफों का समूह' कहने के बाद ट्रंप ने सोशल मीडिया पर अपनी शिकायतों को लेकर भी लिखा।
यहां तक कि ट्रंप के ईमेल भी आश्चर्यजनक तौर पर 2016 जैसे लग रहे हैं। उधर व्हाइट हाउस के अधिकांश अकाउंट्स को लेकर ट्रंप अभियान का मानना है कि 270 इलेक्टोरल कॉलेज वोटों के लिए एक संकरा रास्ता है। केवल एक ही पोलस्टर - ट्राफलगर है जिसने ट्रंप को बाइडन से कम से कम तीन राज्यों में आगे रखा है।
ट्रम्प न केवल वैज्ञानिक और डॉक्टर बिरादरी को निशाना बना रहे हैं, बल्कि ऐसे समय पर बना रहे हैं, जब अमेरिका के 50 राज्यों में से 37 में और वाशिंगटन डी.सी. में कोविड-19 के मामले बढ़ रहे हैं। दुनिया में कोरोनावायरस मामलों और मौतों में अमेरिका पहले नंबर पर है। (आईएएनएस)
वाशिंगटन 20 अक्टूबर (स्पूतनिक) अमेरिका में राष्ट्रपति पद के लिए होने वाले चुनाव में तीन करोड़ से अधिक अमेरिकी नागरिक मतदान कर चुके हैं, जो 2016 में वोटिंग से पहले पड़े मतों से पांच गुना ज्यादा है।
यह आंकड़ा सरकारी वेबसाइट पर सोमवार को डाला गया है। वेबसाइट के अनुसार अब तक 30,242,866 मतदाताओं ने मतदान किया है। फ्लोरिडा विश्वविद्याल के प्रो. मिशेल मैकडोनाल्ड ने बताया है कि 2016 में लगभग 50.90 लाख मतदाताओं ने वोटिंग तिथि से पूर्व वोट डाले थे।
वाशिंगटन 20 अक्टूबर (वार्ता) अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने राष्ट्रपति पद के लिए होने वाले चुनाव में विदेश नीति पर फाइल प्रेसिडेंशियल डिबेट की मांग की है।
इस सिलसिले में श्री ट्रम्प के प्रचार अभियान के प्रमुख बिल स्टेपियन ने चुनाव आयोग को एक पत्र लिखा है और विदेश नीति के मुद्दे पर फाइनल प्रेसिडेंशियल डिबेट कराने की मांग की है। उन्होंने पत्र में कहा, "प्रचार की अखंडता और अमेरिकी नागरिकों की भलाई के लिए हम आप से 22 अक्टूबर को होने वाले अंतिम प्रेसिडेंशियल बहल को विदेश नीति पर कराने की अपील करते हैं। इसी मुद्दे पर बहस की सहमति बनी है और पिछले प्रचारों में यही परंपरा रही है। "
श्री स्टेपियन ने अपनी चिट्ठी में लिखा है कि मॉडरेटर क्रिस्टेन वेल्कर ने कोविड-19 के खिलाफ लड़ाई,अमेरिकी नागरिक , रेस इन अमेरिका, जलवायु परिवर्तन, राष्ट्रीय सुरक्षा, नेतृत्व और विदेश नीति जैसे कुछ मुद्दों की घोषणा की है, जिनमें से ज्यादातर मुद्दों पर पहली बहस के दौरान चर्चा हो चुकी हैं। उन्होंने बहस के दौरान उम्मदवारों के फोन को बंद कराने की मांग की है।
इस्लामाबाद, 20 अक्टूबर | पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने देश के कुछ हिस्सों में कोरोनावायरस के नए मामलों के फिर से उभरने के कारण आने वाले महीनों में कोरोना की दूसरी लहर आने की आशंका जताई है। डॉन न्यूज के मुताबिक, प्रधानमंत्री ने सोमवार को एक कार्यक्रम में कहा, "मुझे आशंका है कि शहरों में कोरोवायरस मामलों में फिर से वृद्धि हो सकती है, जहां अक्टूबर और नवंबर में प्रदूषण की दर बढ़ जाती है।"
स्वास्थ्य अधिकारियों द्वारा पंजाब प्रांत, खासकर लाहौर में बढ़ रहे मामलों की चेतावनी के बाद एक दूसरी लहर की आशंका सामने आई है, जबकि कराची में भी कोरोना पॉजिटिव मामलों की दर में वृद्धि हुई है।
हालांकि, महामारी के दौरान सरकार द्वारा उठाए गए उपायों को अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर स्वीकार किया गया था, खान ने कहा कि अभी भी अपेक्षित दूसरी लहर का मुकाबला करने के लिए सावधानियों का पालन करने की आवश्यकता है।
उन्होंने कहा, "मुझे डर है कि अक्टूबर और नवंबर, इन दो महीनों में फैसलाबाद, लाहौर, कराची, पेशावर और गुजरांवाला जैसे शहरों में जहां प्रदूषण अधिक है, कोरोनोवायरस मामलों की दूसरी लहर देखने को मिल सकती है।"
इमरान ने कहा कि मामले धीरे-धीरे बढ़ रहे हैं और हमें उम्मीद है कि वे जल्दी नहीं बढ़ेंगे। हम इसकी निगरानी कर रहे हैं।
डॉन न्यूज के अनुसार, योजना एवं विकास मंत्री असद उमर ने घोषणा की थी कि हाल में ताजा मामलों में वृद्धि के कारण देश में कोरोना पॉजिटिविटि दर 2.37 प्रतिशत है जो कि 50 दिनों में सबसे ज्यादा है।
पाकिस्तान में कोरोना के अब तक 323,452 ममाले सामने आ चुके हैं, जबकि 6,659 लोगों की मौत हो चुकी है।(आईएएनएस)
अमेरिका के अलास्का में 7.5 तीव्रता का भूकंप आया है, जिसके बाद सुनामी की चेतावनी जारी की गई है। साथ ही पूरे शहर को खाली कराने का आदेश जारी कर दिया गयाहै। सुनामी चेतावनी केंद्र के अधिकारी स्कॉट लेंगली ने बताया है कि इस दौरान तटीय इलाकों में सवा मीटर से ऊंची लहरों बनने लगी है। अभी तक सुनामी की दो लहरें आ चुकी हैं।
अधिकारी ने बताया कि इतना भीषण तूफान आने के बाद इलाके को खाली भी कराने की कोशश की जा रही है।
सुनामी की चेतावनी के इलाके में पुलिस गाड़ियों के सायरन ही सुनाई दे रहे थे और लोगों में घबराहट थी। कई स्कूलों से लोगों को बाहर निकालते देखा गया था।(navjivan)
वाशिंगटन, 19 अक्टूबर (आईएएनएस)| राष्ट्रपति पद के लिए डेमोक्रेटिक पार्टी के उम्मीदवार जो बाइडेन ने कहा है कि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप का देश में कोविड-19 महामारी की परिस्थितियों के बारे में 'झूठ बोलना' जारी है। द हिल न्यूज वेबसाइट ने रविवार को बताया कि बाइडेन ने नॉर्थ कैरोलाइना में एक रैली में कहा, "दूसरी रात, ट्रंप ने अपनी एक रैली में कहा, हमने हालात में सुधार किया है।"
पूर्व उपराष्ट्रपति ने कहा, "सुधार हुआ? हालात बदतर हो रहे हैं। वह परिस्थितियों के बारे में हमसे झूठ बोल रहे हैं।"
विस्कॉन्सिन के जनेस्विल में एक कार्यक्रम में राष्ट्रपति ने कहा था, "हम सुधार कर रहे हैं। टीके अविश्वसनीय हैं। हमारे पास अविश्वसनीय टीके जल्द ही आ रहे हैं और थेरप्यूटिक्स अविश्वसनीय हैं।" ट्रंप के इस बयान के बाद बाइडेन का यह बयान आया है।
पिछले महीने, फ्लोरिडा के जैक्सनविल में एक रैली में इसी तरह की टिप्पणी करते हुए, ट्रंप ने कहा था, "हम हालात में सुधार ला रहे हैं। मेरे नेतृत्व में समृद्धि बढ़ेगी।"
अमेरिका वर्तमान में वैश्विक स्वास्थ्य संकट से सबसे ज्यादा प्रभावित देश है, जहां कोरोना के सबसे अधिक मामले हैं और सबसे ज्यादा मौतें हुई हैं।
जॉन्स हॉपकिन्स यूनिवर्सिटी के अनुसार, सोमवार सुबह तक देश में कोरोना के कुल मामलों की संख्या 8,152,093 थी और वायरस से मरने वालों की संख्या बढ़कर 219,669 तक पहुंच गई।
वाशिंगटन, 19 अक्टूबर (आईएएनएस)| वैश्विक स्तर पर कोरोनावायरस मामलों की कुल संख्या 4 करोड़ से अधिक हो गई है, जबकि घातक संक्रमण से हुई मौतों की संख्या 1,113,750 से अधिक हो गई है। यह जानकारी जॉन्स हॉपकिन्स यूनिवर्सिटी ने सोमवार को दी। विश्वविद्यालय के सेंटर फॉर सिस्टम साइंस एंड इंजीनियरिंग (सीएसएसई) ने अपने नवीनतम अपडेट में खुलासा किया कि सोमवार की सुबह तक संक्रमण के कुल मामलों की संख्या 40,063,546 हो गई थी और मृत्युदर बढ़कर 1,113,750 हो गई।
सीएसएसई के अनुसार, अमेरिका कोविड-19 से दुनिया का सबसे ज्यादा प्रभावित होने वाला देश है, जहां 8,154,936 मामले और संक्रमण से 219,674 मौतें दर्ज की गई हैं।
भारत 550,273 संक्रमित लोगों की संख्या के हिसाब से दूसरे स्थान पर है, जबकि देश में मरने वालों की कुल संख्या 1,14,610 हो गई।
सीएसएसई के आंकड़ों के अनुसार, अधिक मामलों वाले अन्य शीर्ष 15 देश हैं ब्राजील (5,224,362), रूस (1,406,504), अर्जेंटीना (989,680), कोलंबिया (959,572), स्पेन (936,560), फ्रांस (938,606), पेरू (868,675), मेक्सिको (851,227), ब्रिटेन (725,292), दक्षिण अफ्रीका (703,793), ईरान (530,380), चिली (491,760), इराक (426,634), इटली (414,241) और बांग्लादेश (388,569)।
वहीं संक्रमण से हुई मौतों के मामले में ब्राजील 153,675 मौतों के साथ दूसरे नंबर पर है।
कोविड-19 से होने वाले 10,000 से अधिक मौतों वाले देश मेक्सिको (86,167), ब्रिटेन (43,736), इटली (36,543), स्पेन (33,775), पेरू (33,759), फ्रांस (33,499), ईरान (30,375), कोलंबिया (28,970), अर्जेंटीना (26,267), रूस (24,212), दक्षिण अफ्रीका (18,471), चिली (13,635), इंडोनेशिया (12,511), इक्वाडोर (12,387), बेल्जियम (10,413) और इराक (10,254) है।
इस्लामाबाद, 19 अक्टूबर | पुलिस ने पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ के दामाद और उनकी पीएमएलएन पार्टी के नेता मोहम्मद सफ्दर को गिरफ्तार कर लिया है. शरीफ की बेटी मरयम नवाज ने ट्वीट कर के बताया कि वो कराची में जिस होटल में ठहरी हुई हैं पुलिस उस में घुस आई, उनके कमरे का दरवाजा तोड़ दिया और वहां से सफ्दर को गिरफ्तार कर लिया. सफ्दर के खिलाफ इमरान खान की पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ पार्टी ने पाकिस्तान के संस्थापक मोहम्मद अली जिन्नाह की कब्र पर राजनीतिक नारे लगाने के आरोप लगाए थे, जो गैर-कानूनी है.
सफ्दर की पत्नी और नवाज शरीफ की बेटी मरयम नवाज ने रविवार की रैली में सरकार के खिलाफ भाषण दिया था और प्रधानमंत्री पर आरोप लगाया था कि उन्होंने, "लोगों से नौकरियां छीन ली हैं...और लोगों से दो वक्त की रोटी भी छीन ली है." बताया जा रहा है कि रविवार की रैली में विपक्ष के लाखों समर्थक मौजूद थे जो प्रधानमंत्री को हटाने का एक अभियान शुरू कर चुके हैं. उनका आरोप है कि खान को दो साल पहले चुनावों में धांधली कर के सेना ने प्रधानमंत्री बनवा दिया था.
कराची में हुआ यह प्रदर्शन विपक्षी पार्टियों के गठबंधन पाकिस्तानी डेमोक्रेटिक मूवमेंट (पीडीएम) द्वारा तीन दिनों में आयोजित किया गया दूसरा प्रदर्शन था. पीडीम नौ मुख्य विपक्षी पार्टियों का गठबंधन है जिसने सरकार के खिलाफ पूरे देश में आंदोलन शुरू करने की योजना बनाई है. खान के नेतृत्व में पाकिस्तान में मीडिया सेंसरशिप और मतभेदों, आलोचकों और विपक्ष के खिलाफ कठोर कार्रवाई बढ़ी है.
Pakistan Oppositionsparteien in Gujranwala (Tanvir Shahzad/DW)
विपक्ष ने पंजाब प्रांत में पीएमएलएन के गढ़ गुजरांवाला शहर में एक विशाल रैली आयोजित की थी जिसे लंदन से एक वीडियो लिंक के जरिए संबोधित करते हुए नवाज शरीफ ने सेना प्रमुख जनरल कमर जावेद बाजवा पर 2018 के चुनावों में धांधली करवाने का आरोप लगाया था.
लेकिन उनके खिलाफ जो अभियान छेड़ा गया है उसमें उनके अर्थव्यवस्था के प्रबंधन को केंद्र में रखा गया है. पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था कोरोना वायरस वैश्विक महामारी के आने से पहले ही नीचे गिर रही थी. रविवार की रैली में मरयम नवाज ने देश के एक और पूर्व प्रधानमंत्री बेनजीर भुट्टो के बेटे बिलावल भुट्टो जरदारी के साथ मंच साझा किया. कराची में जरदारी की पाकिस्तान पीपल्स पार्टी की ही सरकार है. रैली में अपने भाषण में उन्होंने कहा, " हमारे किसान भूखे हैं...हमारा युवा निराश हैं." यह संदेश देश में बढ़ती महंगाई और नेगेटिव आर्थिक विकास देख रहे उनके समर्थकों को लुभा गया.
63 वर्षीय विपक्षी नेता फकीर बलोच ने रैली में कहा,"महंगाई ने गरीबों की कमर तोड़ दी है और कइयों को अपने बच्चों का पेट भरने के लिए भीख मांगने पर मजबूर कर दिया है... इस सरकार के जाने का वक्त आ गया है." उनका भाषण सुन कर समर्थकों की भीड़ ने "जाओ इमरान जाओ" के नारे लगाए. पाकिस्तान में अगले आम चुनाव 2023 में होने हैं. शुक्रवार को विपक्ष ने पंजाब प्रांत में पीएमएलएन के गढ़ गुजरांवाला शहर में एक विशाल रैली आयोजित की थी.
लंदन से एक वीडियो लिंक के जरिए रैली को संबोधित करते हुए नवाज शरीफ ने सेना प्रमुख जनरल कमर जावेद बाजवा पर 2018 के चुनावों में धांधली करवाने का आरोप लगाया था. उन्होंने बाजवा ओर 2017 में उन्हें सत्ता से हटवाने का भी आरोप लगाया था. उन्होंने यह भी कहा कि उनके खिलाफ लगाए गए भ्रष्टाचार के आरोप मनगढंत हैं. सेना ने अभी तक शरीफ के आरोपों पर प्रतिक्रिया नहीं दी है. खान ने इन आरोपों का खंडन किया है और सेना का समर्थन किया है. शनिवार को उन्होंने विपक्ष के नेताओं के खिलाफ और भी कठोर कार्रवाई की धमकी भी दी. (DW)
हनोई, 19 अक्टूबर| वियतनाम में पिछले 2 हफ्ते से हो रही लगातार बारिश के कारण बाढ़ और भूस्खलन से कम से कम 90 लोगों की मौत हो गई और 34 लोग लापता हो गए। यह जानकारी आपदा प्रबंधन अधिकारियों ने दी। समाचार एजेंसी सिन्हुआ के मुताबिक, प्राकृतिक आपदा निवारण और नियंत्रण के लिए केंद्रीय संचालन समिति ने एक बयान में कहा कि सबसे ज्यादा मौतें क्वांग ट्राई, थुआ थिएन ह्यू और क्वांग नेम प्रांतों में हुई हैं।
सोमवार सुबह 6 बजे तक हा तिन्ह, क्वांग बिन्ह, क्वांग ट्राई और थुआ थिन ह्यू इलाकों के 1,21,280 लोगों को सुरक्षित क्षेत्रों में पहुंचाया जा चुका था। समिति ने कहा है कि करीब 1,21,700 घर अभी भी बाढ़ प्रभावित है। 6 अक्टूबर से अब तक 5,31,800 मवेशी और मुर्गे मारे गए हैं या बह गए हैं।
समिति ने कहा कि भारी बारिश के कारण कई राष्ट्रीय राजमार्ग और स्थानीय सड़कें क्षतिग्रस्त हुई हैं।
वियतनाम न्यूज एजेंसी ने बताया कि मध्य नघे एन और हा तिन्ह प्रांतों के स्कूलों ने सोमवार से छात्रों को घर पर रहने के लिए कहा है।
बुधवार तक भी केंद्रीय इलाकों में भारी बारिश होने की संभावना है। इतना ही नहीं, कुछ क्षेत्रों में तो 600 मिमी से अधिक बारिश होने की संभावना है। रविवार को यहां लेवल-फोर अलर्ट जारी कर दिया गया है, जो चेतावनी का दूसरा सबसे बड़ा स्तर है। (आईएएनएस)
हमजा अमीर
इस्लामाबाद, 19 अक्टूबर | पाकिस्तान सरकार ने सिख धर्म के संस्थापक गुरु नानक की 551वीं जयंती के अवसर पर आयोजित समारोह में भाग लेने के लिए भारतीय सिखों को निमंत्रण भेजा है।
इंडियन सिख संगत के माध्यम से एडवांस रूप से भेजे गए निमंत्रण के विवरण के अनुसार, भक्तों को अनिवार्य कोविड-19 परीक्षण के बाद पाकिस्तान में प्रवेश करने और वहां ठहरने के लिए पांच दिन का वीजा दिया जाएगा।
वक्फ प्रॉपर्टी बोर्ड के एक अधिकारी ने कहा, "बाबा गुरु नानक देव की जयंती के उत्सव में भाग लेने के लिए आने वाले सभी तीर्थयात्रियों को अनिवार्य कोविड-19 टेस्ट का निगेटिव रिपोर्ट दिखाने के साथ भी अपने पूरे प्रवास के दौरान सभी कोविड-19 एसओपी का पालन करना होगा।"
इसके अलावा देश के वक्फ बोर्ड और पाकिस्तान सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी ने भी शिरोमणि कमेटी ऑफ इंडिया सहित कई अन्य सिख समाजों को नियमित रूप से निमंत्रण भेजे हैं।
चल रहे कोविड-19 महामारी के कारण भारतीय सिखों को बिना किसी एक्सटेंशन के सीमित अवधि के लिए ही पाकिस्तान में रहने की अनुमति दी जाएगी।
गुरु नानक गुरपर्ब के रूप में जाना जाने वाला तीन दिवसीय उत्सव 27 नवंबर को ननकाना साहिब में शुरू होगा।
पाकिस्तान सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के प्रमुख सरदार सतवंत सिंह ने कहा, "पाकिस्तान में भारतीय सिखों के प्रवास के विकल्प पर भारत में बंद सीमा और बढ़ते कोरोनावायरस आंकड़ों के मद्देनजर विचार किया जाना था।"
उन्होंने आगे कहा, "यात्रा करने वाले भारतीय सिख तीर्थयात्रियों की संख्या पर कोई नया प्रतिबंध नहीं होगा।"
हालांकि, भारत और पाकिस्तान के बीच द्विपक्षीय समझौते के अनुसार, गुरदास समारोह के लिए विशेष रूप से 3,000 भारतीय सिख तीर्थयात्रियों को पाकिस्तान में प्रवेश की अनुमति दी जाएगी।
वहीं इस बार तीर्थयात्रियों को ननकाना साहिब तक ही सीमित रखा जाएगा, इससे पहले उन्हें लाहौर में कई गुरुद्वारों, ननकाना साहिब, हसन अब्दल, करतारपुरा, रोहरी साहिब और फारूकबाद में जाने के लिए 10-दिवसीय वीजा का विकल्प दिया गया था।
पहली बार तीर्थयात्रियों के पास लाहौर में रहने या खरीदारी करने का विकल्प नहीं होगा।
सावंत सिंह ने कहा, "वाघा बॉर्डर पर 27 नवंबर को भारतीय तीर्थयात्रियों का स्वागत किया जाएगा, जहां से वे एक विशेष बस सेवा के माध्यम से वे ननकाना साहिब जाएंगे।"
उन्होंने आगे कहा, "तीर्थयात्री ननकाना साहिब के विभिन्न गुरुद्वारों में जा सकते हैं और नगर कीर्तन में भाग ले सकते हैं।"
रिपोटरें के अनुसार, भारत में शिरोमणि समिति सहित कुछ सिख समाजों ने भारत सरकार से गुरु नानक जयंती के लिए भारत के करतारपुर कॉरिडोर को खोलने का आह्वान किया है।
सूत्रों के अनुसार, पाकिस्तान देश में धार्मिक पर्यटन को बढ़ावा देना चाहता है।
हालांकि, इस मामले पर भारत सरकार की ओर से कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है। (आईएएनएस)
डॉयचे वैले पर क्रिस्टॉफ हासेलबाख की रिपोर्ट-
ओईसीडी की नई रिपोर्ट से पता चला है कि कोरोना काल में पूरे विश्व में आप्रवासन घटा है. साथ ही लॉकडाउन और पाबंदियों के कारण खुद तमाम मुश्किलें झेलने वाले आप्रवासियों ने महामारी से निपटने में बेहद अहम भूमिका निभाई है.
पेरिस स्थित आर्थिक सहयोग और विकास संगठन, ओईसीडी की ताजा रिपोर्ट इसका सबूत देती है कि कोरोना महामारी ने आम लोगों की तरह आप्रवासियों का भी जीवन काफी हद तक बदल दिया है. इसमें एक खास बात यह निकल कर सामने आई है कि ओईसीडी के कई सदस्य देशों में महामारी के दौरान स्वास्थ्य, रीटेल, डिलिवरी और कूरियर जैसी अतिआवश्यक सेवाओं में प्रवासियों ने उल्लेखनीय काम किया. सख्त लॉकडाउन में राष्ट्रीय सीमाओं के बंद होने के समय जर्मनी जैसे देशों तक में अपवाद के रूप में फसल की कटाई के लिए प्रवासियों को आने दिया गया था.
ओईसीडी के सदस्य देशों में करीब 24 फीसदी डॉक्टर और 16 फीसदी नर्सें आप्रवासी हैं. यह वही लोग है जिन्होंने कोरोना वायरस से लड़ाई के दौरान सबसे आगे रह कर अपनी सेवाएं दी हैं. स्वास्थ्यकर्मियों के इस समुदाय को कोविड का संक्रमण भी बाकी समुदायों के मुकाबले कहीं ज्यादा झेलना पड़ा है क्योंकि संक्रमित लोगों के साथ नजदीकी उनके काम का हिस्सा है. रिपोर्ट में कहा गया है कि प्रवासियों पर बाकी आबादी के मुकाबले संक्रमित होने का दोगुना खतरा होता है. खासकर पूरे यूरोपीय संघ में हॉस्पीटैलिटी इंडस्ट्री में काम करने वालों में से एक चौथाई यूरोप के बाहर से आए प्रवासी हैं. ये लोग अकसर सीमित समय के कॉन्ट्रैक्ट पर काम करते हैं और मुश्किल घड़ी में सबसे पहले इनकी ही नौकरी से छंटनी की जाती है.
स्कूल बंद होने की सबसे ज्यादा मार भी प्रवासियों के बच्चों पर
जहां बाकी देशों में स्कूल बंदहोने पर बच्चों को घर में ही पढ़ाने के लिए होम-स्कूलिंग से लेकर ऑनलाइन क्लासेज की व्यवस्था की गई, वहीं तमाम प्रवासियों के बच्चों को कंप्यूटर तक पहुंच ना होने, छोटी जगहों में सिमट कर रहने और माता पिता से पढ़ाई में मदद ना मिल पाने के कारण काफी मुसीबत झेलनी पड़ी.
दुनिया के ज्यादातर स्कूल जाने वाले बच्चों को घर से ही पढ़ाई जारी रखनी पड़ी.
मोटे तौर पर अब तक के कोरोना काल में ओईसीडी सदस्य देशों में होने वाले आप्रवासन में नाटकीय रूप से कमी देखने को मिली. साल 2020 के पहले छह महीनों में इसमें पिछले साल की तुलना में करीब 50 फीसदी की कमी दर्ज हुई. इन महीनों में अंतरराष्ट्रीय सीमाओं के बंद होने, यात्रा पर तरह तरह के प्रतिबंध होने और केवल गिने चुने विमान उड़ने के कारण यह गिरावट आई.
ओईसीडी रिपोर्ट के लेखकों का मानना है कि भले ही आर्थिक गतिविधियां फिर से जोर पकड़ लें लेकिन फिर भी आप्रवासन में जल्द ही कोई तेजी नहीं दिखेगी. उनका अनुमान है कि जिन लोगों ने दफ्तर के बजाए घर से काम करना शुरु किया था, वे आने वाले समय में भी उसे जारी रखेंगे. छात्र ऑनलाइन कक्षाएं और सेमिनार में शामिल होते रहेंगे और व्यापक तौर पर आम जनता कम से कम आवाजाही करना चाहेगी.
नस्लवादी हिंसा बढ़ने की संभावना
रिपोर्ट में कहा गया है कि ओईसीडी देशों में बेरोजगारी बढ़ने के कारण नस्लवादी हिंसा बढ़ने की भी संभावना है. स्थानीय लोग जब सीमित रोजगार के मौकों को देखते हुए आप्रवासियों को अपना दुश्मन समझने लगते हैं तो स्थिति खतराब होने लगती है. कई देशों में इस तरह की स्थिति पैदा होने की आशंका को देखते हुए पहले से ही ऐसी नस्लवादी धारणाओं को तोड़ने के लिए अभियान चलाए जा रहे हैं. रिपोर्ट में सलाह दी गई है कि सभी सरकारें आप्रवासियों को समाज में जोड़ने को ऐसा दीर्घकालीन निवेश समझ कर काम करें जिसमें सबकी भलाई छुपी है. (dw.com)
आरपी/एनआर