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रायपुर, 17 अप्रैल। मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने आज कांकेर जिले में हुई नक्सल मुठभेड़ पर कहा कि यह ऐतिहासिक सफलता है। मैं इस मुठभेड़ में शामिल सभी जवानों और सुरक्षा अधिकारियों को बधाई देता हूँ। छत्तीसगढ़ के नक्सल मामलों के इतिहास की यह सबसे बड़ी सफलता है। माओवादी लोकतंत्र में आस्था नहीं रखते और हर लोकतांत्रिक प्रक्रिया को हिंसात्मक गतिविधि से प्रभावित करते हैं। इस मामले में भी ऐसा लगता है कि माओवादी चुनाव को प्रभावित करने की कोशिश में थे।
मुठभेड़ का क्षेत्र बस्तर और कांकेर दोनों लोकसभा क्षेत्र के नजदीक है। बस्तर में तो दो दिन बाद ही चुनाव है। कल चुनाव प्रचार भी वहाँ बंद हो जाएगा। इससे पहले भी माओवादी बस्तर में चुनाव बहिष्कार का और अन्य तरह से चुनावी संभावनाओं को प्रभावित करने का कुचक्र रचते रहे हैं। इस बार भी वे बड़ी वारदात को कोशिश में थे जिसे सीमा सुरक्षा बलों और पुलिस ने नाकाम कर दिया है।
हमारी सरकार माओवादी आतंकवाद से प्रभावित क्षेत्र में नियद नेल्लानार आदि योजनाओं के ज़रिये विकास सुनिश्चित करते हुए, आलोकतांत्रिक हिंसा के विरुद्ध कड़ाई से निपटने के सिद्धांत के साथ, इस समस्या के उन्मूलन के लिए प्रतिबद्ध है। जैसा कि केंद्रीय गृह मंत्री ने आह्वान किया था, हमारी प्राथमिकता बस्तर को नक्सल मुक्त करने की है।
निश्चित ही बस्तर में शांति बहाली की दृष्टि से यह बड़ी सफलता है, हालांकि सरकार यह चाहती है कि खून-खराबे का यह खेल बंद हो। हम फिर से माओवादियों से यह कहना चाहते हैं कि वे हिंसा का रास्ता छोड़ें। विकास की मुख्यधारा में शामिल हों। उनके आतंक और हिंसा से कोई समाधान नहीं निकालने वाला है।
इस ऑपरेशन में लगे सुरक्षा बलों और पुलिस को फिर से बधाई। धन्यवाद।
रायपुर/ कांकेर, 17 अप्रैल। कल शाम हुई मुठभेड़ में मारे गए सभी 29 नक्सलियों के शव और उनके हथियार बरामद किए गए हैं। इनमें एक एके47, दो इंसास, एक SLR, दो 315 तीन 303 समेत कुल 20 हथियार शामिल हैं।
इस मुठभेड़ को लेकर बीएसएफ के डीआईजी अशोक सिंह ने बताया कि नई रणनीति अपनाकर 29 नक्सली मारे गए। नक्सलियो को चारों तरफ से घेरकर उन्हें आगे ही नहीं बढ़ने दिया। और एक तरफ से आई सर्चिंग टीम ने नक्सलियों का काम तमाम कर दिया। डीआईजी ने कहा खड़ी पहाड़ियों से किया हमला। हमले का तरीका बदला। 17 ऑटोमैटिक वेपन्स जब्त हुए। छत्तीसगढ़ के इतिहास में अबतक सबसे ज्यादा नक्सली मारे गए।
बीएसएफ का ये काफी बड़ा इटिलिजेंस बेस ऑपरेशन था। हम 2 दिन से इस ऑपरेशन पर हमारी और डीआरजी की टीम कोटरी के ईस्टर्न साइड के इलाके में ऑपरेशन पर लगे हुए थे।
अबूझमाड़ का इलाका उनका हब माना जाता है हमारी कमांडो और डीआरजी की टीम काफी दिनों से यह प्रैक्टिस कर रही थी। हमने हमारी ऑपरेशनल स्ट्रेटजी पर्टिकुलर ऑपरेशन के लिए बदली हमने हॉट परसयूट और ड्राइव फ़ॉर हंट का एक मिला जुला ऑपरेशन लिया। फोर्स डिफेक्शन और मोबिलीजेशन की डिफरेंट डायरेक्शन की तकनीक अपनाई और हमें नक्सलियों को सरप्राइज करना था हमने उन्हें सरप्राइज किया और सफलता पाई। यहाँ की जो पहाड़ियां वो काफी खड़ी हैं और यहाँ ऑपरेशन करना बेहद चैलेंजिंग है। नक्सली सोच भी नहीं सकते थे कि हम इस पूर्वी इलाके से उनपर कभी हमला कर सकते है हमने हमला किया जिसमें नक्सलियो को भारी नुकसान उठाना पड़ा 29 नक्सली मारे गए। 19 ऑटोमैटिक वेपन्स मीले है। कई नक्सली घायल हुए है। हम जल्द घायल नक्सलियो पर एक बड़ा ऑपरेशन प्लान करेंगे। आपको जल्द खबर मिलेंगी।
-उमंग पोद्दार
वीवीपैट पर्चियों के 100 फीसदी मिलान की मांग वाली याचिका पर सुप्रीम कोर्ट सुनवाई कर रहा है.
मंगलवार को कोर्ट ने याचिकाकर्ताओं की दलील सुनने के बाद कहा कि अगली सुनवाई गुरुवार को होगी.
गुरुवार को चुनाव आयोग अपने मामले पर अपना पक्ष रखेगा.
एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स ने ये याचिका दायर की है.
इस संस्था का पक्ष रख रहे वरिष्ठ वकील प्रशांत भूषण ने कहा, “हम यह नहीं कह रहे हैं कि ईवीएम में हेरफेर की जा रही है या की गई है. हम कह रहे हैं कि उन्हें मैनिपुलेट किया जा सकता है. ईवीएम और वीवीपैट दोनों में एक प्रोग्रामेबल चिप होती है.”
इसके अलावा भूषण ने कहा कि ईवीएम का बनाने वाली दो पीएसयू के बोर्ड ऑफ़ डायरेक्टर्स में बीजेपी के सदस्य हैं.
उन्होंने कहा, “आज केवल पांच ईवीएम मशीनों के वीवीपैट पर्चियों का मिलान किया जाता है, जो एक विधानसभा क्षेत्र में 2 प्रतिशत है.”
उन्होंने ये भी कहा कि कई देशों में पूरा चुनाव बैलेट पेपर से होता है.
बेंच ने पूछा, “जर्मनी की आबादी कितनी है.”
कोर्ट ने कहा कि इन देशों की आबादी कम है और भारत की इससे तुलना करना गलत होगा.
भूषण ने सुझाव दिया कि समस्या से निपटने के तीन तरीके हैं, पहला- बैलेट पेपर की ओर वापस जाना.
दूसरा-मतदाताओं को वीवीपैट पर्ची मिले और फिर उसे बैलेट बॉक्स में जमा करने और फिर पर्चियों की गिनती हो.
तीसरा- जहां से वीवीपैट चिट जेनरेट होती हैं उसे ग्लास ट्रासपरेंट रखा जाए और फिर उसकी गिनती हो. अभी जब ग्लास पर वीवीपैट पर्ची जेनरेट होती है तो वह सात सेकेंड के लिए ही दिखती है. (bbc.com/hindi)
आम आदमी पार्टी ने मनी लॉन्ड्रिंग मामले में जेल में बंद दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और उनकी पत्नी सुनीता केजरीवाल को गुजरात में लोकसभा चुनाव के लिए स्टार प्रचारक के रूप में नामित किया है.
इस लिस्ट में आप के वरिष्ठ नेता मनीष सिसोदिया और सत्येन्द्र जैन, दोनों ही जेल में हैं. पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान और राज्यसभा सांसद संजय सिंह, राघव चड्ढा और संदीप पाठक के साथ- साथ कुल 40 लोगों के स्टार प्रचारक बताया है और ये लिस्ट चुनाव आयोग को सौंपी गई है.
इस लिस्ट में राज्य पूर्व क्रिकेटर और राज्यसभा सांसद हरभजन सिंह और स्वाति मालीवाल का नाम नहीं है.
मुख्यमंत्री केजरीवाल को प्रवर्तन निदेशालय ने 21 मार्च को दिल्ली एक्साइज ड्यूटी नीति से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में गिरफ्तार किया था. वह फिलहाल न्यायिक हिरासत में हैं और तिहाड़ जेल में बंद हैं.
गुजरात की 26 लोकसभा सीटों में से आप इंडिया ब्लॉक के हिस्से के रूप में दो सीटों भरूच और भावनगर से चुनाव लड़ रही है.जबकि कांग्रेस 24 सीटों पर चुनाव लड़ रही है. (bbc.com/hindi)
राम नवमी के मौके पर अयोध्या में सुरक्षा की तैयारियों के मद्देनज़र ज़ोन और सेक्टर बनाए गए हैं.
अयोध्या रेंज के आईजी प्रवीण कुमार ने इस बात की जानकारी दी.
समाचार एजेंसी एएनआई से बात करते हुए उन्होंने कहा, ''व्यवस्था पहले से ही है. ज़ोन और सेक्टर बनाए गए हैं. वॉलंटियर्स और फोर्स दोनों हैं.''
''लोगों का आना लगातार जारी है. रात में ही बहुत सारे लोग घाट के आस-पास ठहरे हुए हैं. सुबह 3.30 बजे से दर्शन करने की प्रक्रिया शुरू हो गई है.''
प्रवीण कुमार ने आगे कहा, ''भारी वाहन यहां से ना आकर पूर्वांचल एक्सप्रेसवे से जा रहे हैं.''
श्रीराम मंदिर रामलला का सूर्याभिषेक बुधवार दोपहर 12 बजे होगा. इस दौरान करीब 4 मिनट तक रामलला के माथे पर सूर्य की किरणें रहेंगी. (bbc.com/hindi)
लोकसभा चुनाव 2024 के पहले चरण के लिए प्रचार अभियान आज शाम 5 बजे थम जाएगा.
पहले चरण में 19 अप्रैल को 21 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों की 102 सीटों पर मतदान होना है.
तमिलनाडु की सभी 39 सीटों पर पहले चरण में मतदान होने जा रहा है.
उत्तर प्रदेश की आठ, उत्तराखंड की पांच और पश्चिम बंगाल की तीन लोकसभा सीटों पर पहले चरण में वोटिंग होगी.
राजस्थान की 12 सीटों पर पहले चरण में वोटिंग होने जा रही है.
पहले चरण में अरुणाचल प्रदेश की दो और असम की पांच लोकसभा सीटों पर मतदान होने जा रहा है.
बिहार की चार, छत्तीसगढ़ की एक, मध्य प्रदेश की छह, महाराष्ट्र की पांच और मणिपुर की दो लोकसभा सीटों पर पहले चरण में वोटिंग होगी.
मेघालय की दो, मिज़ोरम, नागालैंड, त्रिपुरा, सिक्किम, जम्मू कश्मीर, लक्षद्वीप, अंडमान निकोबार और पुडुचेरी की एक-एक सीट पर पहले चरण में वोट डाले जाएंगे. (bbc.com/hindi)
कांकेर, 16 अप्रैल । छत्तीसगढ़ के नक्सल प्रभावित कांकेर जिले में मंगलवार को सुरक्षाबलों ने मुठभेड़ में 29 नक्सलियों को मार गिराया। इस घटना में तीन जवान भी घायल हुए हैं। पुलिस अधिकारियों ने यह जानकारी दी।
मारे गए नक्सलियों में बड़े नक्सली नेताओं के भी शामिल होने की संभावना है।
छत्तीसगढ़ राज्य निर्माण के बाद यह पहली बार है जब किसी मुठभेड़ में इतनी बड़ी संख्या में नक्सली मारे गए हैं।
उपमुख्यमंत्री विजय शर्मा, जिनके पास गृह विभाग भी है, ने मुठभेड़ को एक बड़ी सफलता बताया और कहा कि इसका श्रेय बहादुर सुरक्षाकर्मियों को जाता है।
बस्तर क्षेत्र के पुलिस महानिरीक्षक सुंदरराज पी ने बताया कि जिले के छोटेबेठिया पुलिस थाना क्षेत्र के अंतर्गत बीनागुंडा और कोरोनार गांवों के मध्य हापाटोला गांव के जंगल में हुई मुठभेड़ में सुरक्षाबलों ने 29 नक्सलियों को मार गिराया है।
सुंदरराज ने बताया कि सुरक्षाबलों को माओवादियों के उत्तरी बस्तर डिवीजन के नक्सली शंकर, ललिता, राजू समेत अन्य नक्सलियों की मौजूदगी की सूचना मिली थी। सूचना के बाद छोटेबेठिया थाना क्षेत्र में सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) और जिला रिजर्व गार्ड (डीआरजी) के संयुक्त दल को गस्त में रवाना किया था। दल आज दोपहर लगभग दो बजे हापाटोला गांव के जंगल में था तब नक्सलियों ने सुरक्षाबलों पर गोलीबारी कर दी। इसके बाद सुरक्षाबलों ने भी जवाबी कार्रवाई की।
पुलिस अधिकारी ने बताया, ''प्रारंभिक जानकारी के अनुसार, घटनास्थल से 29 नक्सलियों का शव, एके-47 राइफल, एसएलआर राइफल, इंसास राइफल और .303 बंदूक समेत भारी मात्रा में हथियार बरामद किया गया है।''
नक्सल प्रभावित बस्तर लोकसभा सीट पर पहले चरण में 19 अप्रैल को मतदान होगा तथा कांकेर सीट में आम चुनाव के दूसरे चरण में 26 अप्रैल को मतदान होगा।
सुंदरराज ने बताया कि इलाके में तलाशी अभियान अभी भी जारी है।
उन्होंने बताया, ''मुठभेड़ में तीन जवान घायल हुए हैं। उन्हें इलाज के लिए हवाई मार्ग से रायपुर ले जाया जा रहा है। जवानों की हालत खतरे से बाहर है।''
पुलिस अधिकारी ने बताया कि मारे गए नक्सलियों की पहचान अभी तक नहीं हो पाई है। प्रथम दृष्टया ऐसा लग रहा है कि इन नक्सलियों में माओवादियों के उत्तर बस्तर डिवीजन के बड़े नेता शामिल हैं।
केंद्रीय गृह मंत्रालय के सूत्रों ने बताया कि गोलीबारी में बीएसएफ के दो निरीक्षक और एक डीआरजी का जवान घायल हुए हैं।
सूत्रों ने बताया कि बीनागुंडा और आसपास के इलाकों में माओवादियों की उपस्थिति की सूचना के आधार पर डीआरजी और बीएसएफ को कल देर शाम (15 अप्रैल) नक्सल विरोधी अभियान में रवाना किया गया था।
उन्होंने बताया कि गृह मंत्रालय ने सुरक्षाबलों के साथ पांच सूचनाओं का साझा किया था। जिसमें बीनागुंडा क्षेत्र में उत्तर बस्तर क्षेत्र के माओवादियों की मौजूदगी की सूचना थी। यहां नक्सली पांच अप्रैल से शिविर बनाकर रह रहे थे।
माना जाता है कि इस मुठभेड़ में शंकर और ललिता (दोनों डिविजनल कमेटी सदस्य, उत्तर बस्तर डिवीजन) भी मारे गए हैं। क्षेत्र में खोजी अभियान जारी है।
इस घटना के साथ ही इस वर्ष में अब तक कांकेर सहित बस्तर क्षेत्र के सात जिलों में सुरक्षा बलों ने अलग-अलग मुठभेड़ों में 79 नक्सलियों को मार गिराया है।
इस महीने की दो तारीख को बीजापुर जिले में सुरक्षा बलों के साथ मुठभेड़ में 13 नक्सली मारे गए थे। जबकि 27 मार्च को छह नक्सली मारे गए थे।
राज्य के उपमुख्यमंत्री विजय शर्मा ने मुठभेड़ को बस्तर पुलिस द्वारा नक्सलवाद पर "सर्जिकल स्ट्राइक" करार देते हुए कहा, "नक्सल विरोधी मोर्चे पर यह पहली बार हुआ कि आमने-सामने की लड़ाई में सुरक्षा बल पूरी तरह से हावी रहे। उन्होंने नक्सलियों को सम्भलने का मौका नहीं दिया।''
शर्मा ने बताया, ''कांकेर के दक्षिण में और नारायणपुर के उत्तर में माड़ के एक क्षेत्र में यह अभियान चलाया गया। इसमें बड़ी संख्या में नक्सली मारे गए। इसके लिए मैं सुरक्षा बलों के जवानों को श्रेय देना चाहता हूं। सीआरपीएफ, डीआरजी, सीएएफ के जवानों के ताकत के बूते यह हो पाया है। इसके लिए मैं पुलिस अधिकारियों की भी प्रशंसा करता हूं। मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के नेतृत्व में हम काम कर रहे हैं। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह का बड़ा मार्गदर्शन इसके पीछे है।''
राज्य के गृह मंत्री ने कहा, ''बस्तर के लोगों को साफ पानी मिले, बिजली मिले, विकास का लाभ पहुंचे। हम संवाद करना चाहते हैं। वे चाहे समूह में करें, प्रतिनिधियों के माध्यम से करें। बस्तर को शांति चाहिए। इसके लिए हम प्रतिबद्ध हैं।''
उन्होंने कहा कि मंगलवार के अभियान से सुरक्षा बलों का मनोबल बढ़ा है। जब से राज्य में डबल इंजन सरकार (केंद्र और राज्य में भाजपा शासन) का गठन हुआ है, तब से नक्सल विरोधी मोर्चे पर कई सकारात्मक चीजें देखने को मिल रही हैं।
उन्होंने कहा कि बस्तर क्षेत्र में नक्सलियों की मांद में कई नए शिविर स्थापित किए गए हैं। चार महीनों में सुरक्षाबलों के साथ अलग-अलग मुठभेड़ों में करीब 80 नक्सली मारे गए हैं। (भाषा)
रांची, 16 अप्रैल । संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) की सिविल सर्विस परीक्षा में झारखंड के अभ्यर्थियों ने शानदार कामयाबी हासिल की है। अब तक मिली सूचना के अनुसार, राज्य के 10 युवाओं ने मेरिट लिस्ट में जगह बनाई है। जमशेदपुर की रहने वाली स्वाति शर्मा को टॉपर्स की लिस्ट में 17वां स्थान हासिल हुआ है।
स्वाति जमशेदपुर में मानगो इलाके के कालिका नगर निवासी पूर्व सैनिक संजय शर्मा की पुत्री हैं। उन्होंने जमशेदपुर वीमेंस कॉलेज से राजनीति विज्ञान से स्नातकोत्तर किया है। उन्हें तीसरे प्रयास में सफलता मिली। रांची के एसएस मेमोरियल कॉलेज में ज्योग्राफी की लेक्चरर आकांक्षा सिंह ने 44वीं रैंक हासिल की है। वह मूल रूप से धनबाद की रहने वाली हैं। उनके पिता चंद्र कुमार सिंह झारखंड सरकार के कल्याण विभाग में संयुक्त सचिव पद से सेवानिवृत्त हुए हैं।
रांची की साक्षी जमुआर को 89वीं रैंक हासिल हुई है। वह झारखंड के गढ़वा में उपायुक्त के पद पर तैनात शेखर जमुआर की पुत्री हैं। उन्होंने अपनी स्कूलिंग रांची के जेवीएम श्यामली स्कूल से की। रांची के ही वैभव कुमार को 151वां स्थान प्राप्त हुआ है। वह रांची में सेंट्रल कोलफील्ड्स लिमिटेड के मुख्यालय में पदस्थापित मुख्य प्रबंधक वीरेश कुमार के पुत्र हैं।
रांची स्थित सेंट्रल इंस्टीट्यूट ऑफ साइकियाट्री के मनोवैज्ञानिक मुकुल कुमार और बिरसा एग्रीकल्चरल यूनिवर्सिटी में वैज्ञानिक डॉ. भारती के पुत्र नीरज नयन को 167वीं रैंक मिली है। जमशेदपुर निवासी टाटा स्टील कर्मी समर कुमार के पुत्र हर्षित वर्मा को 272वीं रैंक मिली है। वह फिलहाल बेंगलुरु में एक मल्टीनेशनल कंपनी में बतौर इंजीनियर कार्यरत हैं।
इसी शहर के ऋत्विक वर्मा को 520वां स्थान मिला है। वह लोयोला स्कूल जमशेदपुर के छात्र रहे हैं। उन्होंने दिल्ली विश्वविद्यालय के किरोड़ीमल कॉलेज से भूगोल विषय में स्नातक किया था। चाईबासा के अमन अग्रवाल को 544वां स्थान मिला है। उन्हें पहले ही प्रयास में यह सफलता मिली है।
हजारीबाग निवासी भाजपा नेता चंद्रनाथ भाई पटेल की पुत्री मोनिका पटेल ने 708वीं रैंक हासिल की है। इसके पहले उनका चयन बीपीएससी सिविल सर्विस के लिए भी हुआ था। जमशेदपुर से सटे कपाली निवासी सरकारी स्कूल के शिक्षक खुर्शीद इकराम के पुत्र आतिफ वकार को 819वीं रैंक मिली है। उन्होंने भी पिछले साल बीपीएससी परीक्षा पास की थी और फिलहाल जहानाबाद में बीडीओ के तौर पर तैनात हैं। (आईएएनएस)
दिल्ली, 16 अप्रैल । दिल्ली पुलिस में तैनात एएसआई जसवीर राणा की बेटी रूपल राणा ने यूपीएससी की परीक्षा में 26वां रैंक हासिल किया है। जसवीर राणा तिलक नगर थाने में एएसआई के पद पर तैनात हैं। मूल रूप से रूपल राणा उत्तर प्रदेश के बागपत जिले के बड़ोद की रहने वाली है। लगातार तीन असफलताओं के बाद आखिरकार उन्होंने इस यूपीएससी परीक्षा में सफलता का परचम लहरा दिया है।
यूपीएससी परीक्षा में रूपल राणा की कामयाबी से उनके परिवार में खुशी का माहौल है। आईएएनएस से खास बातचीत में रूपल राणा ने कहा, "मुझे यह बताते हुए खुशी हो रही है कि मैंने यूपीएससी की परीक्षा पास की हैं। मैं लगातार चार-पांच साल से इसकी तैयारी कर रही थी, लेकिन मैं बेहद खुश हूं कि आखिरकार हमने कड़ी मेहनत की बदौलत यह परीक्षा पास कर ली है। मेरी प्राइमरी और सेकेंडरी एजुकेशन बागपत जिले से हुई। मैंने बारहवीं पलानी, राजस्थान से की, उसके बाद दिल्ली विश्वविद्यालय से ग्रेजुएशन किया।"
रूपल राणा ने आगे कहा, "जब मैं कालेज में थी, तभी मैंने तय किया था कि मैं यूपीएससी परीक्षा पास करके आईएएस अधिकारी बनना है। मेरे माता-पिता इस मेरे जीवन में अहम कड़ी रहे, जिनकी वजह से मैं यह सफलता हासिल कर पाई हूं। जब भी मैंने कभी भी उतार-चढ़ाव महसूस किया, मेरे माता-पिता ढाल बनकर मेरे साथ खड़े रहे।"
उन्होंने आगे कहा, "मैंने चौथी बार में इस एग्जाम को क्लियर किया है। यूपीएससी की तैयारी कर रहे युवाओं को मेरी सलाह है कि वे आज के दौर में परीक्षा की तैयारी में डिजिटल और सोशल मीडिया की मदद ले सकते हैं। आपको कई अटेम्प्ट एक्जाम देने होते हैं, इसलिए आप अपने लक्ष्य के प्रति एकाग्र रहें।
वहीं रूपल राणा की छोटी बहन स्वीटी राणा ने आईएएनएस से खास बातचीत में कहा कि कि आज उन्हें बहुत खुशी है कि उनकी बड़ी बहन ने यूपीएससी की परीक्षा पास की है। वह पिछले कई सालों से लगातार मेहनत कर रही थी। माता-पिता का हमेशा सहयोग रहा है, लेकिन दुख की बात यह है कि इस खुशी के मौके पर उनकी मां आज उनके साथ नहीं हैं। इस कामयाबी में मां का बहुत बड़ा योगदान रहा है। अगर वो आज साथ होतीं तो ये खुशी दोगुनी हो जाती।
वहीं रूपल राणा के छोटे भाई ऋषभ राणा का कहना है कि आज परिवार में बहुत ही खुशी का दिन है। उनकी बहन ने काफी मेहनत की थी। पहले तीन परीक्षाओं में उन्हें सफलता हाथ नहीं लगी। वह काफी निराशा रहती थीं, लेकिन हम दोनों भाई-बहनों ने उन्हें काफी प्रोत्साहित किया, जिसके बाद आज उन्होंने यह परीक्षा पास करके परिवार के लोगों के चेहरे पर खुशी ला दी है।
ऋषभ ने कहा, "पहली बार मेरे परिवार में किसी ने इतने बड़े एग्जाम को क्लियर किया है। मैं भी अपनी बड़ी बहन से बहुत कुछ सीखता हूं।"
वहीं, रूपल राणा के पिता जसवीर सिंह राणा का कहना है कि आज उन्हें काफी खुशी है कि उनकी बेटी ने यूपीएससी की परीक्षा में 26वां रैंक हासिल किया। उसने अपने पिता का नाम रोशन किया है। बेटी ने दिन-रात मेहनत की। उसने लगातार चार-पांच साल तक लगातार 14-15घंटे पढ़ाई करती थी। बेटी की यूपीएससी तैयारी में उसकी मां का बड़ा योगदान था। उन्होंने कहा, "बीते दिनों हार्ट अटैक से मेरी पत्नी की मौत हो गई थी। अगर पत्नी साथ होतीं तो यह खुशी दोगुनी हो जाती।" (आईएएनएस)
गुवाहाटी, 16 अप्रैल। असम के तिनसुकिया जिले में मंगलवार को एक गश्ती दल पर घात लगाकर हमला किया गया, जिसमें असम राइफल्स का एक जवान घायल हो गया।
सेना के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया, "सुबह करीब 8.30 बजे चांगलांग से मार्गेरिटा की ओर जा रहे असम राइफल्स के तीन वाहनों पर नामदांग के पास हथियारबंद उग्रवादियों ने घात लगाकर हमला किया।"
अधिकारी ने आगे कहा, "जवानों ने जवाबी कार्रवाई की और हमले को विफल कर दिया। इस दौरान एक व्यक्ति गोली लगने से घायल हो गया। जिसे इलाज के लिए सैन्य अस्पताल जोरहाट ले जाया गया, जहां उसकी हालत स्थिर है।"
हमले के बाद इलाके में सुरक्षा बढ़ा दी गई है। प्रतिबंधित उग्रवादी संगठन यूनाइटेड लिबरेशन फ्रंट ऑफ असोम-इंडिपेंडेंट (उल्फा-आई) ने हमले की जिम्मेदारी ली है।
उल्फा-आई के 'कैप्टन' के रूप में पहचाने जाने वाले रुमेल एक्सोम ने एक प्रेस बयान में हमले की जिम्मेदारी ली। (आईएएनएस)
नई दिल्ली, 16 अप्रैल । लोकसभा चुनाव के मद्देनजर सभी दलों का चुनाव प्रचार अपने चरम पर है। तमाम दलों की ओर से जीत के बड़े-बड़े दावे किये जा रहे हैं। ऐसे में चुनावी नतीजों को लेकर इंडिया टीवी-सीएनएक्स ओपिनियन पोल सामने आया है।
इंडिया टीवी-सीएनएक्स ओपिनियन पोल के मुताबिक एनडीए को 543 लोकसभा सीटों में से 393 सीटें मिलने का अनुमान लगाया गया है। वहीं, बीजेपी के 343 सीटें जीतने का दावा किया गया है।
अगर हम इंडिया गठबंधन की बात करें तो इस ओपिनियन पोल के आंकड़े अच्छे संकेत नहीं दे रहे हैं। इस सर्वे में इंडिया गठबंधन को 99 सीटों पर जीत मिलने का अनुमान लगाया गया। वहीं, अलग लड़ रहे क्षेत्रीय दल टीएमसी, वाईएसआर कांग्रेस, तेलुगू देशम पार्टी, बीजू जनता दल और निर्दलीय सहित अन्य को 51 सीटों पर जीत का अनुमान है।
इस ओपिनियन पोल में 1 से 13 अप्रैल के बीच सभी 543 लोकसभा चुनाव क्षेत्रों में कुल 1,22,175 लोगों की राय ली गई है। इनमें से 62,350 पुरुष और 59,825 महिला मतदाता हैं।
पार्टीवार आंकड़ों के तहत बीजेपी को 343, कांग्रेस को 40, आम आदमी पार्टी को 8, तृणमूल कांग्रेस को 19, समाजवादी पार्टी को 4, जेडीयू को 12, डीएमके को 17, टीडीपी को 12 और अन्य को 88 सीटें मिलने की उम्मीद है।
अगर हम राज्यवार आंकड़ों की बात करें तो गुजरात की सभी 26, राजस्थान की 25 सीटें, छत्तीसगढ़ की 11, दिल्ली की 7, उत्तराखंड की 5, हिमाचल प्रदेश की सभी 4 सीटों पर बीजेपी की बड़ी जीत का अनुमान लगाया गया है।
बीजेपी को झोली में सबसे बड़ी जीत यूपी से आ सकती है। ओपिनियन पोल के मुताबिक राज्य की 80 लोकसभा सीटों में भाजपा 72 तो उसके सहयोगी दल आरएलडी और अपना दल 2-2 सीटों पर जीत दर्ज कर सकती है। अगर हम सपा की बात करें तो उसे चार और कांग्रेस-बसपा के खाते में एक-एक सीट मिलने का अनुमान जताया गया है।
असम की कुल 14 लोकसभा सीटों पर बीजेपी 11 तो एआईयूडीएफ एक सीट जीत सकती है। कांग्रेस को एक सीट के साथ अन्य उम्मीदवार को एक सीट मिलने का अनुमान जताया गया है।
बिहार की कुल 40 लोकसभा सीटों पर बीजेपी 17, जेडीयू को 12, लोजपा रामविलास को तीन, हम को एक सीट पर जीत का अनुमान लगाया गया है। कांग्रेस को दो तो राजद को चार और सीपीएम (माले) को एक सीट जीतने का अनुमान है।
सर्वे के मुताबिक छत्तीसगढ़ की सभी 11 लोकसभा सीटों पर बीजेपी जीत दर्ज कर सकती है। जबकि, गोवा की दोनों सीटों पर बीजेपी को बढ़त दिखाया गया है।
पीएम मोदी के गृह राज्य गुजरात की बात करें तो वहां की 26 लोकसभा सीटों पर बीजेपी के जीत का अनुमान है। वहीं, हरियाणा की कुल 10 सीट पर बीजेपी के खाते में 8 तो कांग्रेस के खाते में 2 सीटें जाने का अनुमान जताया गया है।
हिमाचल प्रदेश की कुल 4 सीटों पर भाजपा तो झारखंड की 14 सीटों में बीजेपी को 12, आजसू को 1 तो जेएमएम को एक सीट जीतने का अनुमान जताया गया है।
दक्षिण भारत में कर्नाटक की 28 लोकसभा सीट में भाजपा को 21, जेडीएस को 2 तो वहीं कांग्रेस पार्टी को पांच सीटें जीतने का अनुमान जताया गया है।
केरल की कुल 20 सीटों में कांग्रेस 8, सीपीआई-एम 5, बीजेपी 3, केसी-एम 1, आईयूएमएल 2, आरएसपी 1 सीट जीत सकती है।
मध्य प्रदेश की कुल 29 सीटों में 28 पर भाजपा तो एक पर कांग्रेस पार्टी चुनाव जीत सकती है।
महाराष्ट्र की कुल 48 लोकसभा सीटों पर बीजेपी 29, शिवसेना-यूबीटी 6, एनसीपी (अजित) गुट 2, शिवसेना-शिंदे 7, एनसीपी-शरद 2, कांग्रेस 1 और एक अन्य उम्मीदवार चुनाव जीत सकता है।
मणिपुर की कुल 2 सीटों में भाजपा 1 तो कांग्रेस एक सीट जीत सकती है।
वहीं, मेघालय की 2 सीटों पर एनपीपी 1 तो कांग्रेस एक सीट पर जीत का परचम लहरा सकती है।
अगर हम मिजोरम की बात करें तो वहां की एक सीट पर जेडपीएम को आगे दिखाया गया है। वहीं, नागालैंड की एक सीट पर एनडीपीपी जीत सकती है।
ओडिशा की कुल 21 लोकसभा सीटों पर बीजेडी 11 तो बीजेपी 10 सीटें जीत सकती है।
पंजाब की 13 लोकसभा सीटों पर आप 8 तो कांग्रेस पार्टी 1, बीजेपी 3, शिअद एक सीट पर जीत दर्ज कर सकती है।
राजस्थान की कुल 25 सीटों पर बीजेपी को बढ़त दिखाया गया है। वहीं, सिक्किम की एक सीट पर एसकेएम को जीत दिखाया गया है।
तमिलनाडु की 39 सीटों पर डीएमके को 17, एआईडीएमके को चार, बीजेपी को चार तो कांग्रेस को आठ सीटों के साथ अन्य को छह सीटों पर जीतते हुए बताया गया है।
तेलंगाना की कुल 17 सीटों पर कांग्रेस को 8, बीजेपी को 6, बीआरस को दो 2 तो एआईएम को एक सीट पर जीत का अनुमान लगाया गया है।
त्रिपुरा की कुल 2 सीटों पर भाजपा दो तो उत्तराखंड की पांचों सीटों पर बीजेपी को जीत दिखाया गया है।
वहीं, पश्चिम बंगाल की कुल 42 सीटों पर तृणमूल कांग्रेस को 19, भाजपा को 23, कांग्रेस 0, लेफ्ट फ्रंट 0 का अनुमान जताया गया है।
अंडमान निकोबार की 1 सीट पर भाजपा तो चंडीगढ़ की 1 सीट पर भाजपा को जीतते हुए बताया गया है।
दादरा नगर हवेली और दमन दीव की दोनों सीटों पर भाजपा को बढ़त दिखाया गया है।
जम्मू और कश्मीर की कुल 5 सीटों में बीजेपी 2, नेशनल कॉन्फ्रेंस 3, कांग्रेस 0, पीडीपी 0 का अनुमान जताया गया है।
लद्दाख की 1 सीट पर बीजेपी, लक्षद्वीप की 1 सीट पर कांग्रेस तो दिल्ली की सातों सीटों पर बीजेपी के जीत का अनुमान है। (आईएएनएस)
नयी दिल्ली, 16 अप्रैल। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने मंगलवार को छत्तीसगढ़ में नक्सलियों के खिलाफ अभियान के लिए सुरक्षा बलों को बधाई दी और कहा कि नरेन्द्र मोदी सरकार देश को नक्सलवाद के दंश से मुक्त करने के लिए संकल्पित है।
शाह ने कहा कि सरकार की आक्रामक नीति और सुरक्षा बलों के प्रयासों के कारण आज नक्सलवाद सिमट कर एक छोटे से क्षेत्र में रह गया है। उन्होंने कहा कि जल्द ही छत्तीसगढ़ और पूरा देश नक्सलवाद से पूरी तरह मुक्त होगा।
उन्होंने ‘एक्स’ पर लिखा, ‘‘आज छत्तीसगढ़ में सुरक्षा बलों के अभियान में बड़ी संख्या में नक्सली मारे गये हैं। इस अभियान को अपनी जांबाजी से सफल बनाने वाले सभी सुरक्षा कर्मियों को बधाई देता हूं और जो वीर पुलिस कर्मी घायल हुए हैं, उनके शीघ्र स्वस्थ होने की कामना करता हूं।’’
गृह मंत्री ने कहा कि नक्सलवाद विकास, शांति और युवाओं के उज्ज्वल भविष्य का सबसे बड़ा दुश्मन है।
उन्होंने कहा, ‘‘प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी के नेतृत्व में हम देश को नक्सलवाद के दंश से मुक्त करने के लिए संकल्पित हैं।’’
छत्तीसगढ़ के नक्सल प्रभावित कांकेर जिले में मंगलवार को सुरक्षा बलों ने एक मुठभेड़ में कम से कम 29 नक्सलियों को मार गिराया। इस घटना में तीन जवान भी घायल हुए हैं। पुलिस अधिकारियों ने यह जानकारी दी। (भाषा)
रायपुर, 16 अप्रैल। आर पी एफ ने एक यात्री के पास से दस लाख रूपए जब्त कर आयकर विभाग को सौंप दिया।
रेलवे स्टेशन के प्लेटफॉर्म नंबर एक पर खड़ी जनशताब्दी एक्स्प्रेस की जांच के दौरान कोच सी-03 से उतर कर बाहर जाते हुए एक व्यक्ति को सीढ़ी के पास रोका गया।नाम पता पूछने पर जितेंद्र बोरकर पिता अशोक बोरकर उम्र 40 वर्ष निवासी चंदन आवास 4/50 राजकिशोर नगर बिलासपुर बताया। उसके पास रखे नीले रंग बैग के बारे में पूछने पर बैग में कैश होना बताया और कैश ₹10,000,00 (दस लाख) मिले। वह रकम के संबंध में कोई वैध कागजात प्रस्तुत नहीं कर सका। उसे रेलवे सुरक्षा बल पोस्ट रायपुर लाकर जप्त कर आगे की कार्यवाही के लिए सूचना डिप्टी डायरेक्टर आयकर 2 नया रायपुर सूचित किया गया l
रायपुर, 16 अप्रैल। कांकेर मुठभेड़ की सफलता के बाद बीएसएफ के डीजी नितिन अग्रवाल कल रायपुर आ रहे हैं। वे डीजी अशोक जुनेजा के साथ कांकेर जाएंगे। वे दोनों प्रेस कांफ्रेस करेंगे।
इस बीच मुठभेड़ में घायल इंस्पेक्टर एवं जवान को राजधानी भेजा गया। बीएसएफ के घायल इंस्पेक्टर एवं जवानों को हेलीकॉप्टर से रायपुर भेजा गया।
कोलकाता, 16 अप्रैल। सुनील नारायण के पहले टी20 शतक से कोलकाता नाइट राइडर्स ने इंडियन प्रीमियर लीग में मंगलवार को यहां राजस्थान रॉयल्स के खिलाफ छह विकेट पर 223 रन बनाए।
नारायण ने ताबड़तोड़ बल्लेबाजी करते हुए 56 गेंद में छह छक्कों और 13 चौकों से 109 रन की पारी खेली। उन्होंने अंगकृष रघुवंशी (30) के साथ दूसरे विकेट के लिए 85 रन की साझेदारी करके नाइट राइडर्स के बड़े स्कोर का मंच तैयार किया। इन दोनों के बाद 21 अतिरिक्त रन टीम की ओर तीसरा सर्वोच्च स्कोर रहा। रिंकू सिंह (नौ गेंद में नाबाद 20, दो छक्के, एक चौका) ने अंत में तेजतर्रार पारी खेली।
रॉयल्स की ओर से आवेश खान (35 रन पर दो विकेट) और कुलदीप सेन (46 रन पर दो विकेट) ने दो-दो विकेट चटकाए। टीम के दोनों स्पिनर रविचंद्रन अश्विन (चार ओवर में बिना विकेट के 49 रन) और युजवेंद्र चहल (चार ओवर में 54 रन पर एक विकेट) काफी महंगे साबित हुआ।
रॉयल्स के कप्तान संजू सैमसन ने टॉस जीतकर नाइट राइडर्स को बल्लेबाजी का न्योता दिया। मेजबान टीम ने सतर्क शुरुआत की जिसके बाद नारायण ने कई बड़े शॉट खेले।
मैच की दूसरी गेंद पर ही फिल सॉल्ट भाग्यशाली रहे जब ट्रेंट बोल्ट (31 रन पर एक विकेट) की गेंद पर प्वाइंट पर रियान पराग ने बेहद आसान कैच टपका दिया। सॉल्ट हालांकि इसका फायदा नहीं उठा पाए और 10 रन बनाने के बाद आवेश खान की गेंद पर उन्हीं को कैच दे बैठे।
रघुवंशी ने बोल्ट के ओवर में तीन चौकों के साथ तेवर दिखाए जबकि नारायण ने कुलदीप सेन की लगातार गेंदों पर छक्का और चौका मारा।
नाइट राइडर्स ने पावर प्ले में एक विकेट पर 56 रन बनाए।
नारायण ने दिग्गज स्पिनर रविचंद्रन अश्विन का स्वागत लगातार दो चौकों के साथ किया और फिर युजवेंद्र चहल पर भी छक्का जड़ा। बाएं हाथ के इस बल्लेबाज ने अश्विन पर छक्के के साथ सिर्फ 29 गेंद में अर्धशतक जड़ा और फिर अगली गेंद पर एक रन के साथ 10 वें ओवर में टीम के रनों का शतक पूरा किया।
सेन ने रघुवंशी को डीप थर्ड मैन पर अश्विन के हाथों कैच कराके इस साझेदारी को तोड़ा।
नारायण पर हालांकि इस विकेट का कोई असर नहीं पड़ा और उन्होंने अश्विन के अगले ओवर में दो चौकों और एक छक्के से 15 रन बटोरे।
कप्तान श्रेयस अय्यर (11) ने भी चहल पर छक्का जड़ा लेकिन अगली गेंद पर पगबाधा हो गए।
आंद्रे रसेल ने सेन पर चौके के साथ 15वें ओवर में टीम का स्कोर 150 रन के पार पहुंचाया।
नारायण ने चहल की लगातार गेंदों पर दो छक्कों और दो चौकों के साथ सिर्फ 49 गेंद में शतक पूरा किया।
रसेल ( 13) हालांकि अगले ओवर में आवेश की गेंद पर ध्रुव जुरेल को आसान कैच दे बैठे।
बोल्ट ने 18वें ओवर में नारायण को यॉर्कर पर बोल्ड किया।
रिंकू सिंह ने आवेश की लगातार गेंदों पर छक्के और चौके के साथ 19वें ओवर में टीम के रनों का दोहरा शतक पूरा किया और फिर अंतिम ओवर में सेन पर भी छक्का मारा।
कोलकाता नाइट राइडर्स:
फिल सॉल्ट का एवं बो आवेश 10
सुनील नारायण बो बोल्ट 109
अंगकृष रघुवंशी का अश्विन बो सेन 30
श्रेयष अय्यर पगबाधा बो चहल 11
आंद्रे रसेल का जुरेल बो आवेश 13
रिंकू सिंह नाबाद 20
वेंकटेश अय्यर का जुरेल बो सेन 08
रमनदीप सिंह नाबाद 01
अतिरिक्त: 21
कुल:20 ओवर में छह विकेट पर: 223 रन
विकेट पतन: 1-21, 2-106, 3-133, 4-184, 5-195, 6-215
गेंदबाजी:
बोल्ट 4-0-31-1
आवेश 4-0-35-2
सेन 4-0-46-2
चहल 4-0-54-1
अश्विन 4-0-49-0
जारी
(भाषा)
नयी दिल्ली, 16 अप्रैल। आदित्य श्रीवास्तव ने सिविल सेवा परीक्षा 2023 में पहला स्थान हासिल किया है जबकि अनिमेष प्रधान और डोनुरु अनन्या रेड्डी क्रमशः दूसरे और तीसरे स्थान पर रहे। संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) ने मंगलवार को यह घोषणा की।
श्रीवास्तव ने अपने वैकल्पिक विषय के रूप में 'इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग' को चुना था।
यूपीएससी द्वारा मंगलवार को घोषित सिविल सेवा परीक्षा 2023 के परिणामों के अनुसार, श्रीवास्तव ने कानपुर स्थित भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी) से इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग में स्नातक (बैचलर ऑफ टेक्नोलॉजी) किया है।
यूपीएससी के मुताबिक, राउरकेला स्थित राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान (एनआईटी) से कंप्यूटर विज्ञान में स्नातक (बीटेक) अनिमेष प्रधान ने अपने वैकल्पिक विषय के रूप में समाजशास्त्र को चुना था और उन्होंने परीक्षा में दूसरा स्थान हासिल किया।
दिल्ली विश्वविद्यालय के मिरांडा हाउस से भूगोल में स्नातक (ऑनर्स) की पढ़ाई करने वाली डोनुरु अनन्या रेड्डी परीक्षा में तीसरे स्थान पर रहीं। उन्होंने अपने वैकल्पिक विषय के रूप में मानव विज्ञान को चुना था।
कुल 1,016 अभ्यर्थियों ने (664 पुरुष और 352 महिलाओं) ने परीक्षा उत्तीर्ण की और आयोग ने विभिन्न सेवाओं में नियुक्ति के लिए उनके नामों की सिफारिश की है।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने सिविल सेवा परीक्षा के सफल अभ्यर्थियों को बधाई देते हुए कहा कि उनके प्रयास आने वाले समय में हमारे राष्ट्र के भविष्य को आकार देंगे।
सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में प्रधानमंत्री मोदी ने इस प्रतिष्ठित परीक्षा में असफल रहे अभ्यर्थियों के लिए भी अपने संदेश में कहा कि उन्हें भविष्य में सफल होने के मौके मिलेंगे और भारत में अवसरों की कमी नहीं है जहां उनकी प्रतिभा सच्चे अर्थों में चमक सकती है।
उन्होंने कहा, ‘‘मैं सिविल सेवा परीक्षा, 2023 को सफलता पूर्वक उत्तीर्ण करने वाले सभी अभ्यर्थियों को बधाई देता हूं। उनकी कड़ी मेहनत, दृढ़ता और समर्पण रंग लाया है, जिससे सार्वजनिक सेवा में उनके आशाजनक कॅरियर की शुरुआत होगी। उनके प्रयास आने वाले समय में हमारे देश के भविष्य को आकार देंगे। उन्हें मेरी शुभकामनाएं।’’
प्रधानमंत्री ने कहा, ‘‘जो लोग सिविल सेवा परीक्षा में अपेक्षित सफलता अर्जित नहीं कर पाए हैं, उनसे मैं कहना चाहता हूं कि विफलताएं मुश्किल हो सकती हैं, लेकिन याद रखिए कि यह आपकी यात्रा का अंत नहीं है। भविष्य में परीक्षाओं में सफलता के अवसर मिलेंगे। लेकिन भारत उससे भी परे अवसरों का देश है जहां आपकी प्रतिभा सच्चे अर्थों में चमक सकती है। परिश्रम करते रहिए और अपार संभावनाएं तलाशते रहिए। आप सभी को शुभकामनाएं।’’
यूपीएससी ने बताया कि शीर्ष पांच स्थानों पर तीन पुरुष और दो महिलाएं हैं जिन्हें कामयाबी मिली। पी. के. सिद्धार्थ रामकुमार और रुहानी ने सिविल सेवा परीक्षा में क्रमशः चौथा और पांचवा स्थान हासिल किया।
शीर्ष 25 अभ्यर्थियों में 10 महिलाएं और 15 पुरुष हैं।
भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस), भारतीय विदेश सेवा (आईएफएस) और भारतीय पुलिस सेवा (आईपीएस) के अधिकारियों का चयन करने के लिए यूपीएससी हर वर्ष तीन चरणों में -- प्रारंभिक, मुख्य और साक्षात्कार -- में सिविल सेवा परीक्षा आयोजित करता है।
सफल अभ्यर्थियों में 30 दिव्यांग (16 अस्थिबाधित, छह दृष्टिबाधित, पांच श्रवणबाधित और तीन बहुदिव्यांग) भी शामिल हैं। (भाषा)
प्रयागराज, 16 अप्रैल। मथुरा के कृष्ण जन्मभूमि और शाही ईदगाह विवाद मामले में इलाहाबाद उच्च न्यायालय में मंगलवार को हिंदू पक्ष ने अपनी बहस शुरू की और सुनवाई के बाद अदालत ने अगली तिथि 22 अप्रैल, 2024 तय की।
इस मामले की सुनवाई न्यायमूर्ति मयंक कुमार जैन द्वारा की जा रही है। हिंदू पक्ष के वकील विष्णु शंकर जैन ने मंगलवार को कहा कि यह वाद पोषणीय है और पूजा स्थल अधिनियम एवं वक्फ अधिनियम के संबंध में अर्जी पक्षों के साक्ष्यों से ही निर्धारित हो सकती है।
जैन ने कहा कि महज यह कहने से कि वहां एक मस्जिद है, वक्फ अधिनियम लागू नहीं होगा। संपत्ति का धार्मिक चरित्र महज ढांचे को ध्वस्त कर बदला नहीं जा सकता, यह देखना जरूरी है कि क्या कथित वक्फ विलेख (डीड) वैध है या नहीं। ये सभी चीजें मुकदमे में देखी जानी चाहिए और मौजूदा वाद पोषणीय है।
समय सीमा की बाध्यता के सवाल पर उन्होंने कहा कि मौजूदा वाद समय सीमा के भीतर दाखिल किया गया है। वर्ष 1968 का कथित समझौता वादी के संज्ञान में 2020 में आया और संज्ञान में आने के तीन साल के भीतर यह वाद दायर किया गया है।
इसके साथ ही यदि सेवायत या ट्रस्ट लापरवाह है और अपने दायित्व का निर्वहन नहीं कर रहा है तो देवता अपने अगले मित्र के जरिए आगे आ सकते हैं और वाद दायर कर सकते हैं और ऐसे में समय सीमा का सवाल ही नहीं उठता।
इससे पूर्व, मुस्लिम पक्ष की ओर से वीडियो कान्फ्रेंस के जरिए जिरह आगे बढ़ाते हुए अधिवक्ता तस्लीमा अजीज अहमदी ने कहा था कि मौजूदा वाद समय सीमा बीत जाने के बाद दायर किया गया है।
अहमदी ने आगे दलील दी थी कि यह वाद शाही ईदगाह मस्जिद के ढांचे को हटाने के बाद कब्जा लेने और मंदिर बहाल करने के लिए दायर किया गया है।
वाद में की गई प्रार्थना दर्शाती है कि वहां मस्जिद का ढांचा मौजूद है और उसका कब्जा प्रबंधन समिति के पास है।
मुस्लिम पक्ष की वकील ने दलील दी कि, “इस प्रकार से वक्फ की संपत्ति पर एक सवाल/विवाद खड़ा किया गया है और वक्फ कानून के प्रावधान लागू होंगे और इस तरह से इस मामले में सुनवाई वक्फ अधिकरण के न्याय क्षेत्र में आता है ना कि दीवानी अदालत के अधिकार क्षेत्र में।” (भाषा)
नयी दिल्ली, 16 अप्रैल। तिहाड़ जेल के महानिदेशक संजय बेनीवाल ने कहा कि लगभग 700 कैदियों को होटल उद्योग में नौकरी मिली है और 1200 से अधिक बंदी जेल से बाहर आने के बाद विभिन्न क्षेत्रों में काम करने के लिए प्रशिक्षण प्राप्त कर रहे हैं।
पीटीआई मुख्यालय में सोमवार को एजेंसी के संपादकों के साथ बातचीत में 1989 बैच के भारतीय पुलिस सेवा (आईपीएस) के अधिकारी बेनीवाल ने कहा कि वह उन कैदियों को देखकर खुश होते हैं, जिन्हें जेल की सजा काटने के बाद नौकरी मिलती है।
चंडीगढ़ के पुलिस महानिदेशक रह चुके बेनीवाल नवंबर 2022 से तिहाड़ जेल के महानिदेशक के रूप में तैनात हैं।
तिहाड़ में अपने कार्यकाल में जेल सुधारों पर एक सवाल का जवाब देते हुए, बेनीवाल ने कहा, "हमने जेलों के अंदर शहरी विकास मंत्रालय की मदद से कौशल विकास कार्यक्रम शुरू किया है। इस कार्यक्रम के तहत, लगभग 700 कैदियों को होटल उद्योग में नौकरी मिली है और 1,200 कैदी अस्पतालों में नौकरी पाने के लिए प्रशिक्षण प्राप्त कर रहे हैं।"
जेल अधिकारियों के अनुसार, विचाराधीन कैदियों को प्रशिक्षण देने के लिए जेलों के अंदर एक बुनियादी ढांचा उपलब्ध कराया गया है और यह कार्यक्रम 2023 की शुरुआत में शुरू किया गया था।
बेनीवाल ने कहा कि कैदियों को कौशल प्रदान करना और सशक्त बनाना एक ऐसी चीज है जो उन्हें योग्य बनाती है।
उन्होंने कहा, "जब उन्हें (कैदियों) बाहर काम करने के लिए प्रमाणपत्र और प्रस्ताव पत्र मिले तो मैंने उनकी आंखों में चमक और चेहरे पर मुस्कान देखी।"
तिहाड़ जेल में क्षमता से अधिक कैदी होने से संबंधित सवाल के जवाब में बेनीवाल ने कहा कि अधिक जेल बनाना कोई समाधान नहीं है।
तिहाड़ में 10,000 की स्वीकृत क्षमता के मुकाबले 20,000 कैदी हैं।
दिल्ली में तीन जेल परिसर- तिहाड़, रोहिणी और मंडोली हैं तथा इन सभी में केंद्रीय जेल हैं।
उन्होंने कहा कि अन्य विकल्पों या दंडित करने के बेहतर तरीकों की तलाश की जा सकती है।
बेनीवाल ने एक उदाहरण देते हुए कहा कि हाल में एक युवक को जेबतराशी में 300 रुपये चुराने के आरोप में पकड़ा गया और उसे तिहाड़ लाया गया। उन्होंने कहा कि जमानत मिलने से पहले वह पांच महीने तक जेल में रहा।
उन्होंने कहा, "मैं प्रति कैदी प्रति दिन 800 रुपये खर्च कर रहा हूं, जिसकी कीमत हमें प्रति माह लगभग 24,000 रुपये पड़ती है। उस 300 रुपये की चोरी की सजा के लिए मैंने आपका पैसा (राजकोष) खर्च किया, जिसकी लागत पांच महीनों में लगभग 1,20,000 रुपये पड़ती है। क्या यह सही है? यही सवाल हमें पूछने की जरूरत है।"
तिहाड़ जेल के शीर्ष अधिकारी ने कहा कि दिल्ली के नरेला में प्रस्तावित जेल में 250 कैदियों के लिए लगभग 170 करोड़ रुपये खर्च होंगे जो एक महंगा सौदा है।
उन्होंने कहा कि जेल का मौजूदा मॉडल प्रावधान अधिनियम फर्लो पर रिहा होने वाले कैदियों की गतिविधियों पर नजर रखने के लिए पैर में उपकरण लगाने की शक्ति प्रदान करता है।
विदेशी देशों की तरह जेलों के निजीकरण पर बेनीवाल ने कहा कि निजीकरण के बावजूद अमेरिकी जेलों में काफी भीड़ है।
उन्होंने कहा, "अमेरिका में प्रति लाख लोगों पर गिरफ्तारी की संख्या भारत से कहीं अधिक है। जेल का निजीकरण करना देश की स्थिति और वहां इसका संचालन कैसे किया जाता है, इस पर निर्भर करता है।"
जेल में सुविधाओं और बुनियादी ढांचे के बारे में बेनीवाल ने कहा, ‘‘हम कैदियों के लिए आध्यात्मिक पाठ्यक्रम, ध्यान और लक्षित कार्यक्रम आयोजित करते हैं। मेरे पास ऐसे कई उदाहरण हैं जहां वे अपनी गलतियों के बारे में लिखते हैं और कहते हैं कि जब भी जेल से बाहर जाएंगे तो वे कभी कोई अपराध नहीं करेंगे।’’
उन्होंने कहा कि वह एक ऐसा देखभाल केंद्र शुरू करने की योजना बना रहे हैं जहां ‘‘हम उनके (कैदियों) बाहर आने के बाद उनकी देखभाल करेंगे।"
बेनीवाल ने कहा कि कैदी जेलों के अंदर हर त्योहार मनाते हैं और राष्ट्रीय कार्यक्रमों में भाग लेते हैं ताकि वे वास्तविकता से दूर न जा सकें।
उन्होंने कहा, "हम यथासंभव उनके जीवन को सामान्य बनाने की कोशिश करते हैं। कई लोगों से कोई मिलने नहीं आता क्योंकि उनके परिवार के सदस्य दूर रहते हैं। हमारे पास 'स्पर्श योजना' नामक एक सुविधा है जहां हम उन्हें गले लगाते हैं और विभिन्न अवसरों पर उपहार देते हैं।"
बेनीवाल ने कहा कि वह कैदियों से मिलकर उनकी समस्याएं सुनते हैं और उनका समाधान करने का प्रयास भी करते हैं। (भाषा)
नयी दिल्ली, 16 अप्रैल। दिल्ली उच्च न्यायालय ने शैक्षणिक रूप से पिछड़े अल्पसंख्यकों के बीच शिक्षा के प्रसार के लिए 1989 में स्थापित ‘मौलाना आजाद एजुकेशन फाउंडेशन’ (एमएईएफ) को भंग करने का केंद्र का निर्णय मंगलवार को बरकरार रखा। उच्च न्यायालय ने कहा कि इस फैसले में कुछ भी अनुपयुक्त या अनुचित नहीं है।
कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश मनमोहन की अगुवाई वाली पीठ ने इस फांउडेशन को भंग करने के खिलाफ सैयदा सयैदैन हमीद, जॉन दयाल और दया सिंह द्वारा दायर की गयी जनहित याचिका को खारिज कर दिया। पीठ ने कहा कि अल्पसंख्यक कार्य मंत्रालय समर्पित रूप से अल्पसंख्यक समुदाय के लिए कई कल्याणकारी कार्यक्रम चला रहा है, ऐेसे में यह नहीं कहा जा सकता कि फाउंडेशन को भंग करने से अल्पसंख्यक समुदायों के हितों को नुकसान पहुंच रहा है।
उच्च न्यायालय ने कहा कि इस संबंध में एमएईएफ की आमसभा का निर्णय ‘सुविचारित’ तथा कानूनी ढांचे के अनुरूप है। उच्च न्यायालय ने कहा कि वह सरकार की नीति की उपयुक्तता का परीक्षण नहीं कर सकता।
न्यायमूर्ति मनमोहन और न्यायमूर्ति मिनी पुष्कर्णा की पीठ ने फैसला सुनाते हुए कहा, ‘‘ एमएईएफ को भंग करने का निर्णय फाउंडेशन की आमसभा द्वारा विधिवत लिया गया तथा इस अदालत को उक्त निर्णय पर पहुंचने में आमसभा द्वारा अपनायी गयी प्रक्रिया में कोई विसंगति या अनियमितता नहीं मिली।’’
उच्च न्यायालय ने कहा, ‘‘ इस अदालत को याचिका में दम नजर नहीं आया और उसे खारिज किया जाता है।’’
याचिकाकर्ताओं ने अल्पसंख्यक मामलों के मंत्रालय के सात फरवरी के आदेश के खिलाफ उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया था। मंत्रालय ने एमएईएएफ को मौजूदा कानूनों के मुताबिक फाउंडेशन को बंद करने की प्रक्रिया यथाशीघ्र पूरी करने तथा सभी औपचारिकताएं संपन्न होने के बाद दिल्ली सरकार के समितियों के पंजीयक से जारी बंद संबंधी प्रमाणपत्र की प्रति जारी करने का निर्देश दिया था।
केंद्र सरकार ने उच्च न्यायालय में यह कहते हुए अपने निर्णय का बचाव किया कि जब अल्पसंख्यकों के फायदे के लिए समग्र रूप से योजनाओं को लागू करने के लिए एक समर्पित मंत्रालय है तब एमएईएफ ‘ का अब कोई मतलब नहीं रह गया है।’
मंत्रालय ने 21 जनवरी को केंद्रीय वक्फ परिषद से मिले प्रस्ताव पर यह आदेश जारी किया था। परिषद ने एमएईएफ को बंद करने का प्रस्ताव पारित किया था।
उच्च न्यायालय ने दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद 13 मार्च को जनहित याचिका पर अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था।
याचिकाकर्ताओं ने अपनी जनहित याचिका में कहा था कि मंत्रालय का आदेश न केवल विद्यार्थियों खासकर छात्राओं को फाउंडेशन की योजनाओं के लाभ से वंचित करता है बल्कि यह उसके क्षेत्राधिकार से परे, पूर्ण रूप से दुर्भावनापूर्ण एवं मनमानापूर्ण है।(भाषा)
देहरादून, 16 अप्रैल। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को आरक्षण का सबसे बड़ा समर्थक बताते हुए केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने मंगलवार को जोर देकर कहा कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) देश से आरक्षण को न हटाएगी और न हटाने देगी ।
पौड़ी गढ़वाल संसदीय सीट से भाजपा प्रत्याशी अनिल बलूनी के समर्थन में पौड़ी जिले के कोटद्वार में एक चुनावी सभा को संबोधित करते हुए शाह ने कहा कि कांग्रेस देश में झूठ फैला रही है कि अगर भाजपा को 400 सीट मिली तो आरक्षण चला जाएगा।
उन्होंने कहा, ‘‘अरे, (कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन) खरगे साहब झूठ काहे को बोल रहे हो। 10 साल से हमारे पास पूर्ण बहुमत है। मोदी जी आरक्षण के सबसे बड़े समर्थक हैं। भाजपा यह सुनिश्चित करेगी कि आरक्षण चाहे आदिवासी का हो, दलित का या अन्य पिपड़ा वर्ग (ओबीसी) का हो, न उसे हटाएंगे, न हटाने देंगे।’’
शाह ने कहा कि भाजपा को 400 सीट इसलिए चाहिए, क्योंकि पिछली बार जब जनता ने उसे 300 से ज्यादा सीट दी तो उसने अनुच्देद 370 और तीन तलाक हटा दिया।
कांग्रेस अध्यक्ष खरगे पर निशाना साधते हुए शाह ने यह भी कहा कि वह कहते हैं कि राजस्थान और उत्तराखंड के रहने वालों का कश्मीर से क्या लेनादेना है। उन्होंने कहा कि उन्हें यह मालूम नहीं है कि कश्मीर को बचाने के लिए सबसे ज्यादा लहू उत्तराखंड वालों ने बहाया है।
उन्होंने कहा, ‘‘प्रधानमंत्री ने जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाया जिसे कांग्रेस ने 70 सालों से संभाल कर रखा था और उसे हमेशा के लिए भारत का हिस्सा बना दिया।’’
केंद्रीय गृह मंत्री ने कांग्रेस पर देश के पहले रक्षा प्रमुख दिवंगत जनरल बिपिन रावत जैसे योद्धा का अपमान करने का भी आरोप लगाया और कहा कि वह उन्हें ‘गली का गुंडा’ कहने से भी नहीं झिझकी।
उन्होंने कहा कि कांग्रेस सरकार के कार्यकाल में पाकिस्तान से हर रोज आतंकवादी आते थे और बम धमाके करके पाकिस्तान चले जाते थे। उन्होंने कहा कि 2014 के बाद इस स्थिति में परिवर्तन आया है।
शाह ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी ने पुलवामा और उरी हमलों का जवाब सर्जिकल स्ट्राइक से देकर पाकिस्तान के घर में घुसकर आतंकवादियों का सफाया करने का काम किया।
उन्होंने कहा कि मोदी सरकार ने नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) के जरिए 70 साल से तकलीफ में जी रहे हिंदू, बौद्ध और सिख भाइयों को नागरिकता प्रदान की है।
शाह ने कहा कि मोदी सरकार ने पिछले 10 साल में 80 करोड़ से ज्यादा लोगों को मुफ्त राशन दिया, 12 करोड़ से ज्यादा शौचालयों का निर्माण कराया, चार करोड़ से ज्यादा लोगों को घर दिया और अब मोदी की गारंटी है कि तीन करोड़ से ज्यादा अन्य लोगों को भी घर मिलेगा ।
उन्होंने कहा कि इस दौरान 10 करोड़ लोगों को नल से जल और 10 करोड़ लोगों को उज्ज्वला रसोई गैस कनेक्शन दिया गया।
शाह ने कहा कि भारतीय जनसंघ की स्थापना से ही उसने अपने घोषणापत्र में यह मांग रखी थी कि देश में धर्म के आधार पर कानून नहीं होंगे और समान नागरिक संहिता होगी।
उन्होंने उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की प्रशंसा करते हुए कहा कि वह देश में सबसे पहले यूसीसी लाए हैं। उन्होंने कहा कि भाजपा ने अपने संकल्प पत्र में पूरे देश में यूसीसी लागू करने की बात कही है।
बुधवार को रामनवमी के त्योहार का जिक्र करते हुए केंद्रीय गृह मंत्री ने कहा कि देश के लिए यह खुशी की बात है कि भगवान रामलला 500 सालों के बाद टेंट की जगह अपना जन्मदिन भव्य मंदिर में मनाएंगे।
उन्होंने इस मुद्दे पर कांग्रेस की आलोचना करते हुए कहा कि वह पिछले 70 साल से राम मंदिर के मुद्दे को लटकाते, भटकाते और अटकाते रहे, लेकिन प्रधानमंत्री ने अदालत का फैसला आने के बाद भगवान के मंदिर में प्राणप्रतिष्ठा भी कर दी ।
उत्तराखंड की पहाड़ियों के सेना के जवानों और पूर्व सैनिकों से भरे होने की बात करते हुए शाह नो कहा कि कांग्रेस ने 'वन रैंक वन पेंशन' का अपना वादा 40 सालों तक पूरा नहीं किया।
उन्होंने कहा कि 2014 में प्रदेश की पांच सीट पर मिली जीत के बाद मोदी ने ‘वन रैंक वन पेंशन’ का अपना वादा पूरा कर दिया और 70 हजार करोड़ उनके परिवारों के खातों में डाल दिये।
बलूनी को अधिक से अधिक मतों से जिताने की जनता से अपील करते हुए शाह ने कहा कि भाजपा को दिया गया हर वोट मोदी को तीसरी बार प्रधानमंत्री बनायेगा। उन्होंने कहा कि मोदी के तीसरी बार प्रधानमंत्री बनाने का मतलब है विकसित भारत की रचना करना, भारत को दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनाना और पूरे भारत में तीन करोड़ लखपति दीदी बनाना।
उन्होंने कहा कि कांग्रेस सरकार ने 10 सालों में उत्तराखंड को 53,000 करोड़ रुपये दिये जबकि मोदी सरकार ने प्रदेश को 10 सालों में एक लाख 66 हजार करोड़ रुपये दिये।
इस संबंध में उन्होंने आधारभूत सुविधाओं के लिए दिए गए 82,000 करोड़ रुपये, सड़कों के लिए 31,000 करोड़ रुपये, रेलवे के लिए 50000 करोड़ रुपये तथा हवाई अडडों के लिए दिए गए 100 करोड़ रुपये का जिक्र किया।
शाह ने कहा कि पर्वतीय प्रदेश उत्तराखंड से पलायन को रोकने के लिए और पर्यटन को आगे बढ़ाने के लिए भी मोदी ने 12000 करोड़ रुपये की लागत से चारधाम ‘आल वेदर’ सड़क परियोजना को पूरा कराया। उन्होंने कहा कि आठ हजार करोड़ रुपये की लागत से देहरादून-दिल्ली आर्थिक गलियारा बनाया जा रहा है और 500 करोड़ रुपये की लागत से 30 राजमार्गों का उद्घाटन किया गया है।
उन्होंने पिछले तीन महीनों में उत्तराखंड में 14000 कांग्रेस नेताओं के भाजपा में शामिल होने का जिक्र किया। उन्होंने कहा, ‘‘अगर भाजपा उनके सारे लोगों को शामिल कर ले, तो कांग्रेस में कार्यालय के अलावा और कुछ नहीं बचेगा।’’ (भाषा)
जम्मू, 16 अप्रैल। केंद्रीय मंत्री अमित शाह ने मंगलवार को कांग्रेस, नेशनल कॉन्फ्रेंस और पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) की आलोचना करते हुए आरोप लगाया कि जम्मू कश्मीर में सबसे ज्यादा फर्जी मुठभेड़ और युवाओं पर गोलीबारी की घटनाएं उनके शासन के दौरान हुईं।
शाह ने प्रतिद्वंद्वी दलों के इस आरोप को खारिज किया कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) को कश्मीर के लोगों के कल्याण से अधिक रुचि वहां की जमीन में है। शाह ने कहा कि भाजपा को कोई जल्दी नहीं और पार्टी लोगों का दिल जीतने में विश्वास करती है और इससे अंतत: 'कमल' पूरी घाटी में खिलेगा।
कमल भाजपा का चुनाव चिह्न है।
यहां एक चुनावी रैली को संबोधित करते हुए शाह ने यह भी कहा कि जम्मू कश्मीर में विधानसभा चुनाव उच्चतम न्यायालय द्वारा निर्धारित तिथि (30 सितंबर) के अनुसार होंगे। मंत्री ने कहा, ''इस पर किसी को कोई संदेह नहीं होना चाहिए।''
शाह ने आरोप लगाया कि कांग्रेस, नेशनल कॉन्फ्रेंस और पीडीपी ने कश्मीर के युवाओं का शोषण किया।
उन्होंने कहा, ‘‘इन तीन दलों ने जम्मू कश्मीर में लोकतंत्र को बढ़ने नहीं दिया... सुरक्षा के बहाने हमारे कश्मीरी युवाओं का शोषण किया गया। मैं (नेशनल कॉन्फ्रेंस अध्यक्ष) फारूक अब्दुल्ला और पीडीपी से पूछना चाहता हूं - जिनके शासन में सबसे ज्यादा फर्जी मुठभेड़ हुए, ये तीन पार्टियां हैं जिन्होंने कश्मीर के बच्चों पर गोली चलाई और उनके हाथ में बंदूक थमायी?’’
गृह मंत्री ने कहा कि हालांकि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में भाजपा ने अनुच्छेद 370 के अधिकतर प्रावधान निरस्त करने के बाद आतंकवाद, पथराव और पाकिस्तान प्रायोजित हमलों को खत्म करके शांति बहाल की और विकास सुनिश्चित किया।
उन्होंने कहा, "मोदीजी ने जम्मू कश्मीर में शांति बहाल की। पिछले 70 वर्षों से आतंकवाद और आंदोलन के कारण जम्मू कश्मीर पिछड़ा हुआ है।"
उन्होंने कहा, "मोदी ने आतंकवाद, फर्जी मुठभेड़, पथराव और पाकिस्तान प्रायोजित हमलों को खत्म करने के लिए कदम उठाये, जिससे जम्मू कश्मीर में विकास का मार्ग प्रशस्त हुआ।"
भाजपा के प्रतिद्वंद्वी दलों ने लोगों से भाजपा और उससे जुड़े संगठनों को वोट न देने के लिए कहा है और उनका दावा है कि सत्तारूढ़ दल को कश्मीर के लोगों के कल्याण से अधिक रुचि कश्मीर की जमीन में है।
शाह ने एक चुनावी सभा में कहा, "मैं कश्मीरी युवाओं के बीच पैदा की जा रही इन गलतफहमियों को दूर करना चाहता हूं कि भाजपा कश्मीर की जमीन जबरदस्ती छीनना चाहती है। भाजपा उन लोगों में से नहीं है जो जमीन पर जबरदस्ती कब्जा करते हैं, बल्कि वह लोगों का दिल जीतने में विश्वास करती है।"
शाह यहां जुगल किशोर के समर्थन में आयोजित एक रैली को संबोधित कर रहे थे जो जम्मू संसदीय क्षेत्र से तीसरी बार चुनाव मैदान में हैं।
शाह ने कहा कि भाजपा को कोई जल्दबाजी नहीं है क्योंकि वह जानती है कि लोगों के प्यार से पार्टी का चिह्न 'कमल' घाटी में अपने आप खिलेगा। उन्होंने कश्मीर में लोगों से कांग्रेस, नेशनल कॉन्फ्रेंस और पीडीपी को वोट नहीं देने की अपील करते हुए कहा कि इन दलों ने पिछले सात दशकों में उनका शोषण किया है।
गृह मंत्री ने कहा कि 'कमल' को वोट मोदी के लिए वोट है जिनकी सरकार के तहत जम्मू कश्मीर देश के सभी हिस्सों में सबसे अधिक लाभान्वित हो रहा है।
उन्होंने कहा, ‘‘मोदी ने श्यामा प्रसाद मुखर्जी के सपने को पूरा किया जिन्होंने ‘एक देश में दो विधान, दो प्रधान और दो निशान नहीं चलेंगे’ के अपने नारे के लिए इस भूमि पर सर्वोच्च बलिदान दिया।
उन्होंने कहा, "अनुच्छेद 370 की बुरी छाया अब चली गई है और तिरंगा देश के बाकी हिस्सों की तरह पूरे जम्मू कश्मीर के शान से लहरा रहा है।"
उन्होंने कहा कि किसी में भी पाकिस्तान समर्थक नारे लगाने की ताकत नहीं है और अब जम्मू कश्मीर के कोने-कोने में केवल 'भारत माता की जय' के नारे से हवा गूंजते हैं।
उन्होंने कहा, ‘‘परिवर्तन मोदी के कारण हुआ। पीडीपी कह रही थी कि अगर अनुच्छेद 370 हटा दिया गया तो तिरंगा उठाने वाला कोई नहीं बचेगा, लेकिन मैं महबूबा को बताना चाहता हूं कि हम चले जाएंगे लेकिन तिरंगा हमेशा रहेगा और सम्मान, गौरव और प्रतिष्ठा के साथ लहराएगा।''
अब्दुल्ला कहते थे कि अगर मोदी 10 बार भी सत्ता में आ जाएं तो भी भाजपा अनुच्छेद 370 को रद्द नहीं कर पाएगी, लेकिन ''मोदी ने अपने दूसरे कार्यकाल में ही ऐसा कर दिया।''
शाह ने कहा कि जम्मू कश्मीर में आतंकवाद अपनी अंतिम सांसें ले रहा है और जो युवा हाथों में पत्थर लेकर चलते थे, वे अब लैपटॉप से लैस हैं और अपने लक्ष्य की ओर बढ़ रहे हैं।
उन्होंने कहा कि अनुच्छेद 370 को निरस्त करने से महिलाओं, अनुसूचित जनजातियों, अनुसूचित जातियों और अन्य पिछड़े वर्गों (ओबीसी) सहित समाज के विभिन्न वर्गों के अधिकार की बहाल भी हुए, जिन्हें कांग्रेस और नेशनल कॉन्फ्रेंस ने संवैधानिक अधिकारों से वंचित कर दिया था।
वर्ष 2014 के बाद से मोदी सरकार द्वारा शुरू की गई विभिन्न विकास योजनाओं और परियोजनाओं पर प्रकाश डालते हुए उन्होंने कहा कि बजट को कई गुना बढ़ाया गया, जिसका उपयोग उपराज्यपाल मनोज सिन्हा के नेतृत्व वाले प्रशासन ने लोगों के कल्याण के लिए किया।
उन्होंने 50 से अधिक सरकारी कर्मचारियों को आतंकी गतिविधियों में उनकी संलिप्तता के लिए बर्खास्त किये जाने की ओर परोक्ष तौर पर इशारा करते हुए कहा, "उपराज्यपाल ने भ्रष्टाचार के खिलाफ बिल्कुल भी बर्दाश्त नहीं करने की नीति सुनिश्चित की और आतंकवाद से जुड़े लोगों को बाहर का रास्ता भी दिखाया।"
गृह मंत्री शाह ने लोगों को आश्वासन दिया कि मोदी सरकार जम्मू शहर के समान सीमावर्ती गांवों का विकास करेगी, पर्यटकों की संख्या तीन करोड़ तक पहुंचाएगी और हर घर में पाइप के जरिए घरेलू गैस उपलब्ध कराने के अलावा सीमा पर्यटन को प्रोत्साहित करेगी। (भाषा)
नयी दिल्ली, 16 अप्रैल। दिल्ली पुलिस ने मंगलवार को यहां एक अदालत को बताया कि ‘न्यूज़क्लिक’ के संस्थापक और प्रधान संपादक प्रबीर पुरकायस्थ के खिलाफ आतंकवाद रोधी यूएपीए के तहत मामला चलाने के लिए जरूरी स्वीकृति हासिल कर ली गई है।
आरोप है कि समाचार पोर्टल ने चीन समर्थक दुष्प्रचार फैलाने के लिए पैसा लिया था।
अभियोजन पक्ष ने अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश हरदीप कौर को बताया कि स्वीकृति के दस्तावेज मामले में पूरक आरोप पत्र के साथ दायर किए गए हैं।
न्यायाधीश ने मामले की अगली सुनवाई 30 अप्रैल तय की।
गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम के तहत एक स्वतंत्र प्राधिकारी, जांच एजेंसी द्वारा एकत्र किए गए सबूतों की समीक्षा करने के बाद किसी आरोपी पर मुकदमा चलाने को लेकर सक्षम प्राधिकारी (केंद्र या राज्य सरकार) को सिफारिश करता है। मंजूरी देनी है या नहीं, यह तय करना सक्षम प्राधिकारी का काम है।
अदालत ने जनवरी में ‘न्यूज़क्लिक’ के मानव संसाधन (एचआर) प्रमुख अमित चक्रवर्ती को मामले में सरकारी गवाह बनने की अनुमति दे दी थी। न्यायाधीश ने मामले में गिरफ्तार चक्रवर्ती को उसके आवेदन पर माफी दे दी थी, जिसमें दावा किया गया था कि उसके पास "महत्वपूर्ण जानकारी" है जिसे वह दिल्ली पुलिस को बताना चाहता था।
दिल्ली पुलिस के विशेष प्रकोष्ठ ने पिछले साल तीन अक्टूबर को चक्रवर्ती और पुरकायस्थ को गिरफ्तार किया था। वे फिलहाल न्यायिक हिरासत में हैं।
पुलिस ने भी आरोप लगाया था कि पुरकायस्थ ने 2019 के लोकसभा चुनावों के दौरान चुनावी प्रक्रिया को नुकसान पहुंचाने के लिए ‘ पीपुल्स अलायंस फॉर डेमोक्रेसी एंड सेक्युलरिज्म’ (पीएडीएस) नामक समूह के साथ साजिश रची। (भाषा)
नयी दिल्ली, 16 अप्रैल। दिल्ली उच्च न्यायालय ने उस व्यक्ति के खिलाफ दर्ज प्राथमिकी रद्द करने से इनकार कर दिया है, जिस पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की तस्वीर और उनके उपनाम का इस्तेमाल कर अपने गैर सरकारी संगठन (एनजीओ) को चंदा देने के लिए लोगों को प्रेरित करने का आरोप है।
उच्च न्यायालय ने कहा कि प्राथमिकी से संज्ञेय अपराध का पता चलता है और सभी पहलुओं की जांच करना पुलिस का सांविधिक अधिकार एवं कर्तव्य है।
अदालत ने कहा कि जांच अहम चरण में है और अदालत दंड प्रक्रिया संहिता (सीआरपीसी) की धारा 482 के तहत प्राप्त शक्तियों का उपयोग करते हुए जांच नहीं रोकेगी।
उच्च न्यायालय ने कहा, ‘‘ये आरोप लगाये गए हैं कि याचिकाकर्ता भारत के प्रधानमंत्री के उपनाम का इस्तेमाल कर चंदा एकत्र कर रहा है। माननीय प्रधानमंत्री की तस्वीर का भी इस्तेमाल किया गया, जबकि असल में याचिकाकर्ता का उपनाम ‘मोदी’ नहीं है।’’
न्यायमूर्ति अमित महाजन ने पिछले महीने पारित एक आदेश में कहा, ‘‘ माननीय प्रधानमंत्री की तस्वीर के साथ यूट्यूब और अन्य राष्ट्रीय समाचार चैनलों पर विज्ञापनों को प्रसारण किया गया। इसलिए, ये आरोप हैं कि याचिकाकर्ता चंदा के रूप में संपत्ति देने के लिए लोगों को प्रेरित कर रहा था। इस तरह, प्राथमिकी संज्ञेय अपराध को लेकर है।’’
उच्च न्यायालय ने कहा कि जब आरोप संज्ञेय अपराध से जुड़े होते हैं, तो अदालत को शुरूआती दौर में इस बारे में विचार करने की जरूरत नहीं होती कि आरोप संज्ञेय अपराध को लेकर है या नहीं और अदालत को जांच एजेंसी को जांच की अनुमति देनी होती है।
अदालत ने कहा कि यह प्राथमिकी रद्द करने के लिए उपयुक्त मामला नहीं है।
धोखाधड़ी और संपत्ति देने के लिए प्रेरित करने के कथित अपराधों को लेकर पवन पांडे नामक एक व्यक्ति के खिलाफ दिल्ली पुलिस के विशेष प्रकोष्ठ ने भारतीय दंड संहिता की संबद्ध धाराओं के तहत सितंबर 2023 में एक प्राथमिकी दर्ज की थी।
गृह मंत्रालय के उप सचिव की एक शिकायत पर प्राथमिकी दर्ज की गई थी। शिकायत में आरोप लगाया था कि पांडे, ‘मोदी चैरिटेबल ट्रस्ट’ नाम से एक एनजीओ संचालित कर रहा है और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नाम का गलत इस्तेमाल कर रहा है।
यह आरोप लगाया गया कि व्यक्ति (पांडे) लोगों से ठगी करने के लिए समाचार चैनलों पर अपनी तस्वीर के साथ प्रधानमंत्री की तस्वीर का इस्तेमाल कर रहा है।
पांडे को नौ फरवरी को गिरफ्तार किया गया। अदालत ने उसे 26 फरवरी को जमानत दे दी।
उसने यह दलील देते हुए प्राथमिकी रद्द करने का अनुरोध किया कि ‘मोदी चैरिटेबल ट्रस्ट’ विभिन्न सामाजिक उद्देश्यों को लेकर पंजीकृत है और शिकायत किसी अपराध का खुलासा नहीं करती।
अभियोजन ने उसकी याचिका का विरोध करते हुए कहा कि व्यक्ति ने प्रधानमंत्री के नाम से एनजीओ संचालित कर लोगों से धोखाधड़ी की। इसने यह भी दलील दी कि उसका उपनाम ‘पांडे’ किसी भी तरह से ‘मोदी’ उपनाम से जुड़ा हुआ नहीं हैं। (भाषा)
बेंगलुरु, 16 अप्रैल (भाषा)। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) द्वारा कार्रवाई करने की पार्टी की कर्नाटक इकाई के अध्यक्ष बी वाई विजयेंद्र की चेतावनी के एक दिन बाद बागी नेता के एस ईश्वरप्पा ने मंगलवार को कहा कि वह निर्दलीय हैं और वह किसी पार्टी से संबद्ध नहीं है कि उन पर कोई अनुसानात्मक कार्रवाई की जा सके।
ईश्वरप्पा ने शिमोगा लोकसभा क्षेत्र से निर्दलीय के रूप में चुनाव लड़ने का निर्णय लिया है। उन्होंने अपने बेटे के ई कंटेशन को हावेरी से टिकट नहीं मिलने को लेकर विजयेंद्र और उनके पिता एवं भाजपा के कद्दावर नेता बी एस येदियुरप्पा को जिम्मेदार ठहराया है।
ईश्वरप्पा (75) राज्य के उपमुख्यमंत्री एवं भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष रह चुके हैं। शिमोगा लोकसभा सीट पर भाजपा की ओर से विजयेंद्र के भाई और सांसद बी वाई राघवेंद्र प्रत्याशी हैं।
ईश्वरप्पा ने कहा, ‘‘ जब मैं निर्दलीय प्रत्याशी चुनाव लड़ रहा हूं तो वह कौन -सी अनुशानात्मक कार्रवाई करेंगे? निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में चुनाव लड़ने का मतलब है कि मैं पार्टी से बाहर आ गया हूं। बतौर भाजपा अध्यक्ष उन्हें यह भी नहीं पता है कि निर्दलीय चुनाव लड़ने का क्या मतलब होता है।’’
उन्होंने यहां संवाददाताओं से कहा कि वह स्वतंत्र (निर्दलीय) हैं और भाजपा से संबद्ध नहीं हैं।
उन्होंने कहा, ‘‘ आप जो भी अनुशासनात्मक कार्रवाई करना चाहते हैं, कीजिए। मैं ऐसी धमकियों से नहीं डरता। मेरा इरादा प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के इरादे जैसा है। मोदी कहते हैं कि वह केंद्र में कांग्रेस की सोनिया गांधी एवं राहुल गांधी की परिवारवादी राजनीति का मुकाबला कर रहे हैं जबकि मेरा प्रयास पार्टी को पिता एवं पुत्रों (येदियुरप्पा एवं उनके बेटों) की जकड़न से बहार लाना है।’’
उन्होंने कहा, ‘‘ आपको (विजयेंद्र को) इस्तीफा दे देना चाहिए।’’
विजयेंद्र ने ईश्वरप्पा के खिलाफ पार्टी द्वारा अनुशानात्मक कार्रवाई करने के बारे में पहली बार सोमवार को बोला था।
ईश्वरप्पा उन्हें मनाने की पार्टी नेताओं की कोशिश को धत्ता बताते हुए चुनाव लड़ने के अपने निर्णय पर कायम हैं। उन्होंने निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में अपना नामांकन पत्र भी दाखिल कर दिया है।
विजयेंद्र के प्रदेश अध्यक्ष होने, उनके भाई के सांसद होने तथा पिता के (पार्टी की) केद्रीय चुनाव समिति का सदस्य होने का उल्लेख करते हुए ईश्वरप्पा ने व्यंग्य किया, ‘‘ यदि परिवार में कोई छूट गया हो तो उसे भी पद दे दीजिए, पार्टी आपके परिवार की सेवा के लिए ही तो है।’’
उन्होंने कहा, ‘‘ लाखों कार्यकर्ताओं ने पार्टी को बनाने में अपना खून-पसीना बहाया, लेकिन आपका क्या योगदान है? संभलकर बोलिए... जाइए और देखिए कि शिकारीपुरा तक में आपके खिलाफ लोगों में गुस्सा है, लोग कह रहे हैं कि आप पैसे के बल पर विधानसभा चुनाव जीत गये, वहां इस चुनाव में पैसा कारक नहीं है, लोग मेरे साथ हैं। मैं शिकारीपुरा में पिता एवं पुत्रों का शिकार करूंगा, मैं इस बार उन्हें बचकर नहीं जाने दूंगा।’’
ईश्वरप्पा पर प्रहार करते हुए विजयेंद्र ने सोमवार को कहा कि शिमोगा से फिर चुनाव में उतरे उनके भाई राघवेंद्र दो लाख से अधिक वोटों से यह सीट जीतेंगे और लोग ईश्वरप्पा को सबक सिखायेंगे।’’
रायपुर, 16 अप्रैल। राज्य शासन ने वाणिज्य एवं उद्योग विभाग के दो अपर संचालकों के तबादले किए हैं। इसे लेकर चुनाव आयोग से अनुमति ली गई या नहीं, इसे लेकर स्थिति स्पष्ट नहीं है । जारी आदेश अनुसार प्रवीण शुक्ला को एसआईपीबी, और उनके स्थान पर अशोक त्रिवेदी को उद्योग संचालनालय पदस्थ किया गया है। शुक्ला को लेकर आयोग में की गई शिकायत के बाद यह फेरबदल किया गया है । शुक्ला को लेकर आयोग को भेजे जवाब में संचालक अरूण प्रसाद ने सारे तथ्यों से इंकार किया है।