अंतरराष्ट्रीय
-इक़बाल अहमद
पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख़्वाजा आसिफ़ ने कहा है कि पाकिस्तान के पूर्व राष्ट्रपति जनरल परवेज़ मुशर्रफ़ को पाकिस्तान वापस लौटने में कोई रुकावट नहीं होनी चाहिए.
जनरल परवेज़ मुशर्रफ़ इन दिनों दुबई में रह रहे हैं और बीमार हैं.
शुक्रवार को यह अफ़वाह उड़ गई थी कि उनकी मौत हो गई है लेकिन फिर उनके परिवार ने एक बयान जारी कर कहा कि उनकी तबीयत ख़राब है और वो पिछले तीन हफ़्ते से अस्पताल में हैं.
ख़्वाजा आसिफ़ नवाज़ शरीफ़ की पार्टी मुस्लिम लीग (एन) के वरिष्ठ नेता हैं और 1999 में जनरल परवेज़ मुशर्रफ़ ने इसी मुस्लिम लीग की सरकार का तख़्तापलट दिया था.
1999 से लेकर साल 2008 तक वो पाकिस्तान की सत्ता पर क़ाबिज़ थे. साल 2014 में उन पर 2007 में पाकिस्तान के संविधान को भंग करने का मुक़दमा चला. साल 2019 में पाकिस्तान की एक अदालत ने उन्हें ग़द्दारी करने का दोषी क़रार देते हुए मौत की सज़ा सुनाई. लेकिन उससे पहले 2016 में ही वो इलाज के लिए पाकिस्तान छोड़ कर दुबई चले गए थे. उसके बाद से वो पाकिस्तान वापस नहीं आए हैं. (bbc.com)
चीन के रक्षा मंत्री ने एक बार फिर से सख्त लहजे में दोहराया है कि उनका देश ताइवान की आज़ादी रोकने के लिए 'आख़िरी दम तक लड़ेगा.'
रक्षा मंत्री का ये बयान ऐसे समय आया है जब अमेरिका लगातार ताइवान में चीन की आक्रामक कार्रवाई पर चिंता जता रहा है.
चीन के रक्षा मंत्री वे फ़ेंग सिंगापुर में चल रहे शांगरी-ला डायलॉग के दौरान क्षेत्रीय व्यवस्था को लेकर चीनी रुख के बारे में विस्तार से चर्चा कर रहे थे.
इससे पहले शनिवार को अमेरिका ने चीन पर ताइवान के निकट 'उकसावे और अस्थिरता बढ़ाने' वाली कार्रवाई करने का आरोप लगाया था.
इसके जवाब में चीन के रक्षा मंत्री ने रविवार को कहा कि ताइवान को आज़ाद कराने के किसी भी प्रयास को कुचल दिया जाएगा.
उन्होंने अमेरिका को आड़े हाथों लेते हुए ये भी कहा कि वो चीन के आंतरिक मामलों में दखल देना बंद कर दे. उन्होंने कहा कि उनके देश का विकास दूसरों के लिए खतरा नहीं है. (bbc.com)
रूस की लगातार जारी गोलाबारी की वजह से यूक्रेन के सेवेरोदोनेत्स्क शहर में एक केमिकल प्लांट में भीषण आग लग गई है. यहाँ के स्थानीय प्रमुख ने ये दावा किया है.
सेरही हाइदाई ने यूक्रेनी टीवी को शनिवार को बताया कि अज़ॉट प्लांट में सैकड़ों टन तेल रिसने के कारण भीषण आग लग गई.
इस प्लांट में सैकड़ों नागरिकों के फंसे होने की आशंका है. ये सभी इस प्लांट में हमलों के बचने के लिए छिपे हुए थे.
पूर्वी यूक्रेन पर कब्ज़े की योजना में सेवेरोदोनेत्स्क रूस के लिए अहम कड़ी बन गया है.
रूस और यूक्रेन के बीज जंग को तीन महीने से ज़्यादा का समय बीत गया है. यूक्रेन की राजधानी कीएव और अन्य अहम शहरों पर कब्ज़ा करने में विफल रहने के बाद रूस ने अब पूर्व में स्थित लुहांस्क और दोनेत्स्क को निशाना बनाना शुरू कर दिया है.
एक बयान में सेरही हाइदाई ने माना का सेवेरोदोनेत्स्क का अधिकांश हिस्सा अब रूस के हाथों में है. वहीं, रूस की सेना का कहना है कि शहर का सारा रिहायशी इलाका अब उनके नियंत्रण में है.
शनिवार को हाइदाई ने कहा, "अज़ॉट केमिकल प्लांट पर घंटों रूस की गोलीबारी जारी रही." हालाँकि, उन्होंने ये नहीं बताया कि हमले में कोई हताहत हुआ है या नहीं.
यूक्रेनी अधिकारियों का अनुमान है कि कम से कम 800 आम लोग इस प्लांट में छिपे हुए हैं. सेवेरोदोनेत्स्क पर नियंत्रण से रूस अपने लक्ष्य के करीब पहुँच जाएगा और इससे लुहांस्क पर उसका कब्ज़ा हो जाएगा. (bbc.com)
इस्लामाबाद, 12 जून। पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ ने शनिवार को कहा कि बीमार पूर्व सैन्य शासक जनरल परवेज मुशर्रफ को अपना शेष जीवन गरिमा के साथ बिताने के लिए वतन लौटने में ‘‘कोई बाधा नहीं’’ होनी चाहिए।
वर्ष 1999 से 2008 तक पाकिस्तान पर शासन करने वाले मुशर्रफ (78) पर राजद्रोह का आरोप लगाया गया और संविधान को निलंबित करने के लिए 2019 में मौत की सजा दी गई। मुशर्रफ इलाज के लिए मार्च 2016 में दुबई गए थे और तब से पाकिस्तान नहीं लौटे।
मुशर्रफ के स्वास्थ्य के बारे में जानकारी सामने आने के बाद शहबाज शरीफ के नेतृत्व वाली सरकार के किसी मंत्री ने पहली बार कोई टिप्प्णी की है। आसिफ ने ट्वीट किया, ‘‘जनरल मुशर्रफ की तबीयत खराब होने के मद्देनजर उनकी घर वापसी में कोई रुकावट नहीं आनी चाहिए। पूर्व की घटनाओं से इसमें अवरोध नहीं होना चाहिए। अल्लाह उन्हें सेहतमंद बनाए और गरिमा के साथ वह अपने जीवन का यह समय व्यतीत कर सकें।’’
मुशर्रफ के परिवार ने शुक्रवार को स्पष्ट किया था कि वह वेंटिलेटर पर नहीं हैं, लेकिन पिछले तीन सप्ताह से अस्पताल में भर्ती हैं। मुशर्रफ के निधन की झूठी खबर सोशल मीडिया पर प्रसारित होने के बाद परिवार ने बयान जारी किया था।
परिवार ने कहा था, ‘‘उनकी बीमारी (एमाइलॉयडोसिस) के गंभीर होने के चलते वह करीब तीन सप्ताह से अस्पताल में भर्ती हैं। वह ऐसे मुश्किल चरण से गुजर रहे हैं, जहां स्वस्थ होना संभव नहीं है। उनके लिए दुआ करें।’’
एमाइलॉयडोसिस एक दुर्लभ बीमारी है, जो शरीर के अंगों में एक असामान्य प्रोटीन बनने के कारण होती है और इसके चलते शरीर के अंग सामान्य तरीके से काम नहीं कर पाते हैं। (भाषा)
(एम. जुल्करनैन)
लाहौर, 11 जून। पाकिस्तान की एक अदालत ने प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ और उनके बेटे व पंजाब के मुख्यमंत्री हमजा शहबाज शरीफ को अरबों रुपये के धनशोधन मामले में शनिवार को अग्रिम जमानत दे दी।
संघीय जांच एजेंसी ने इस मामले में पहले के विपरीत रुख अपनाते हुए न्यायाधीश को बताया कि दोनों को गिरफ्तार करने की जरूरत नहीं है, जिसके बाद पिता-पुत्र को बड़ी राहत मिली।
दिलचस्प बात यह है कि संघीय जांच एजेंसी (एफआईए) ने पिछले सप्ताह 14 अरब रुपये (सात करोड़ 50 लाख अमेरिकी डॉलर) के धनशोधन मामले में प्रधानमंत्री और अन्य संदिग्धों के खिलाफ एक अंतरिम जांच रिपोर्ट प्रस्तुत की थी।
एजेंसी ने उनकी गिरफ्तारी की मांग करते हुए तर्क दिया था कि 'उन्हें हिरासत में लिया जाना आवश्यक है क्योंकि वे मामले की जांच शामिल नहीं हुए हैं और उन्होंने जांचकर्ताओं के साथ सहयोग नहीं किया है।'
अदालत के एक अधिकारी ने 'पीटीआई-भाषा' से कहा, 'शनिवार को एफआईए के अभियोजक ने पूरी तरह से विपरीत रुख अपनाते हुए अदालत से कहा कि एजेंसी को जांच में पिता और पुत्र की गिरफ्तारी की आवश्यकता नहीं है।'
इसके बाद अदालत ने इस मामले में प्रधानमंत्री, उनके बेटे और अन्य संदिग्धों की गिरफ्तारी पूर्व जमानत की पुष्टि की।
अदालत ने उन्हें सात दिन के अंदर 10-10 लाख रुपये की जमानत राशि जमा करने का निर्देश दिया।
लाहौर में कड़ी सुरक्षा के बीच शहबाज और हमजा एफआईए की विशेष अदालत के समक्ष पेश हुए।
शहबाज ने कहा कि राष्ट्रीय जवाबदेही ब्यूरो (एनएबी) पहले ही आरोपों की जांच कर चुका है और अब एफआईए जांच कर रही है।
उन्होंने कहा, 'एनएबी इस मामले में मेरे और मेरे बेटों के खिलाफ कुछ भी साबित नहीं कर पाया और उच्चतम न्यायालय ने कोई सबूत पेश करने में विफल रहने पर उसे फटकार लगाई थी।' (भाषा)
क्वेटा, 11 जून | पाकिस्तान के बलूचिस्तान में सांसदों ने सिंध पर प्रांत के पानी के हिस्से को चुराने का आरोप लगाया है और सिंधु नदी प्रणाली प्राधिकरण को संघीय इकाइयों के बीच पानी का उचित वितरण सुनिश्चित करने में विफल रहने का आरोप लगाया है। द एक्सप्रेस ट्रिब्यून की रिपोर्ट के अनुसार, प्रांतीय विधानसभा सत्र के दौरान एक मुद्दे पर बोलते हुए, पूर्व वरिष्ठ मंत्री मीर जहूर बुलेदी ने आरोप लगाया कि सिंध बलूचिस्तान का पानी चुरा रहा है।
बुलेदी ने डिप्टी स्पीकर सरदार बाबर खान मुसाखाइल की अध्यक्षता में सत्र में कहा, "सिंध हमारे हिस्से का पानी चुरा रहा है।" बलूचिस्तान के संचार और निर्माण मंत्री सरदार अब्दुल रहमान खेतान ने उनके विचारों का समर्थन किया।
खेतान ने कहा, "सिंध और संघीय सरकार बलूचिस्तान के जल हिस्से की चोरी कर रही है।" "इससे प्रांत के हरित क्षेत्र के किसान और उत्पादक बुरी तरह प्रभावित हुए हैं।"
सत्ता पक्ष और विपक्षी दोनों पीठों के सांसदों ने लगातार हो रही चोरी की कड़ी निंदा की। सदन ने सर्वसम्मति से सिंध सरकार से प्रांत के किसानों की शिकायतों को दूर करने के लिए इस पर ध्यान देने का आग्रह किया।
बलूचिस्तान ने हमेशा सिंध पर उसके हिस्से का पानी चुराने का आरोप लगाया है। द एक्सप्रेस ट्रिब्यून की रिपोर्ट के अनुसार, नसीराबाद और जाफराबाद जिलों के किसान पिछले कुछ वर्षों से इसका विरोध कर रहे हैं।
सत्र के दौरान पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ के सदस्य मुबीन खिलजी ने निर्वाचन क्षेत्रों के परिसीमन पर पाकिस्तान निर्वाचन आयोग द्वारा उठाई गई आपत्ति की ओर सदन का ध्यान आकर्षित किया।
खिलजी ने कहा कि, निर्वाचन क्षेत्रों का गठन योग्यता के आधार पर होना चाहिए था न कि किसी की व्यक्तिगत इच्छा के आधार पर।
सांसदों ने बलूचिस्तान में हाल के परिसीमन की आलोचना की और ईसीपी से राजनीतिक दलों की शिकायतों को दूर करने के लिए इस संबंध में अपने निर्णय की समीक्षा करने की मांग की।
(आईएएनएस)
लॉस एंजिलिस (अमेरिका), 11 जून मशहूर गायक जस्टिन बीबर ने कहा कि उनके आधे चेहरे को लकवाग्रस्त करने वाले एक दुर्लभ विकार के कारण उन्होंने अपना टूर स्थगित कर दिया है।
कई ग्रैमी पुरस्कार जीतने वाले बीबर ने शुक्रवार को इंस्टाग्राम पर साझा किए गए एक वीडियो संदेश में कहा कि वह रैमसे हंट सिंड्रोम से पीड़ित हैं। इस सिंड्रोम के कारण चेहरे को लकवा मार जाता है।
बीबर ने यह खुलासा ऐसे समय में किया है, जब उन्होंने टोरंटो और वाशिंगटन डीसी में प्रस्तावित अपने कार्यक्रम रद्द कर दिए हैं। गायक ने वीडियो में दिखाया कि वह अपना एक तरफ का चेहरा बमुश्किल हिला पाते हैं और उन्होंने इस बीमारी को ‘‘काफी गंभीर’’ बताया है।
बीबर ने कहा, ‘‘जो लोग मेरा अगला कार्यक्रम रद्द होने के कारण नाराज हैं, उन्हें बता दूं कि मैं शारीरिक रूप से स्वस्थ नहीं हूं। मेरा शरीर मुझसे कह रहा है कि मुझे थोड़ा थमना चाहिए। मैं उम्मीद करता हूं कि आप लोग समझेंगे।’’
बीबर ने कहा कि उन्हें नहीं मालूम कि उन्हें ठीक होने में कितना समय लगेगा, लेकिन वह आराम और थेरेपी के जरिये पूरी तरह से स्वस्थ होने को लेकर आश्वस्त हैं।
गौरतलब है कि मार्च में बीबर की पत्नी हेली मस्तिष्क में खून का थक्का जमने की शिकायत के कारण अस्पताल में भर्ती हुई थीं। (एपी)
काठमांडू, 11 जून । नेपाल की राजधानी काठमांडू में शुक्रवार देर रात 4.7 तीव्रता का भूकंप आया, जिससे कई लोग नींद से जगकर घर से बाहर निकलने पर विवश हो गए।
राष्ट्रीय भूकंप विज्ञान केंद्र ने बताया कि भूकंप के झटके शनिवार देर रात दो बजकर 36 मिनट पर महसूस किए गए और इसका केंद्र भक्तपुर जिले में था। यह स्थान काठमांडू से 15 किलोमीटर पूर्व में स्थित है।
अधिकारियों के मुताबिक, काठमांडू घाटी और आसपास के क्षेत्रों में भूकंप के झटके महसूस किए गए, लेकिन इस दौरान जानमाल के नुकसान की कोई सूचना नहीं है।(भाषा)
-शुमायला ख़ान
पाकिस्तान के सिंध प्रांत की राजधानी कराची के कोरंगी इलाक़े में बुधवार को हिंदुओं के मारी माता मंदिर में तोड़फोड़ की गई. मंदिर में एक मूर्ति को भी खंडित करने की भी ख़बर है.
पुलिस ने इस मामले में एफ़आईआर दर्ज की है लेकिन हमले के बाद इलाक़े में लोगों में डर बना हुआ है.
ऑल कराची मद्रासी हिंदू पंचायत के अध्यक्ष एसके शमीम ने बताया, "छह अज्ञात लोग बंदूकों के साथ मंदिर परिसर में घुस गए. उन्होंने कहा कि मंदिर के पुजारी को बुलाओ या किसी बड़े व्यक्ति को बुलाकर लाओ. इत्तेफाक की बात है कि वहां उस वक्त कोई बड़ा नहीं था. उन्होंने मंदिर में रंगरोगन कर रहे और सफ़ाई कर रहे बच्चों को डराया."
"उन्होंने पहले हनुमान मंदिर को तोड़ा, उसके बाद गणेश मंदिर तोड़ा और कहने लगे कि हम दोबारा वापस आएंगे."
ऑल कराची मद्रासी हिंदू पंचायत के सदस्य और स्थानीयनिवासी संजीव कुमार ने कहा, "हम इस इलाक़े में 1961 से रह रहे हैं. यहां पहले कभी ऐसा नहीं हुआ."
कराची में क़रीब सौ तमिल हिंदू परिवार रहते हैं जिनमें से 15 परिवार कोरंगी इलाक़े में और बाकी मद्रासी पारा में रहते हैं. मद्रासी पारा कराची कैंटोनमेंट के पड़ोस में हैं.
बुधवार को जब ये घटना हुई तो मारी माता मंदिर में मारी अम्मान त्योहार के लिए रंगरोगन हो रहा था.
लोगों के बीच डर का माहौल
मंजीला का घर मारी माता मंदिर के बगल में है. वो इस हमले से गुस्से में हैं और डरी हुई हैं.
उन्होंने कहा, "मंदिर में ऐसा पहली बार हुआ है. बच्चे मंदिर के अंदर थे. अगर उन्हें चोट लग जाती तो क्या होता?"
"चाहे मंदिर हो, चर्च हो या मस्जिद क्या कोई भी आकर ऐसे हमले कर सकता है."
एक और स्थानीय निवासी मीना ने कहा कि वो जानती हैं कि बीजेपी की नेता नूपुर शर्मा के बयान से पूरी दुनिया के मुसलमान दुखी हैं.
वो कहती हैं कि वो नफ़रत भरे भाषणों का समर्थन नहीं करती, हर धर्म का सम्मान किया जाना चाहिए. कराची में जो भी हुआ वो सही नहीं था.
ज़िला प्रशासन और पुलिस ने हिंदू समुदाय के लोगों को पूरी सुरक्षा देने का आश्वासन दिया है और मंदिर के मुख्य दरवाज़े पर पुलिसकर्मियों को तैनात किया गया है.
मंदिर पर हुए हमले के बाद स्थानीय हिंदू समुदाय में डर फैला हुआ है. उन्होंने प्रशसन से मंदिर के भीतर और बाहर कैमरे लगाने और उनके इलाक़ों में सुरक्षा देने की मांग की है.
इस हमले के बाद तमिल हिंदुओं को 10 जून से शुरू हो रहा तीन दिनों का मारी अम्मान त्योहार टालना पड़ रहा है. पंचायत ने इसे अगले महीने जुलाई में मनाने का फ़ैसला किया है.
भारतीय विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने मारी माता मंदिर पर हमले की आलोचना की है और 'इसे धार्मिक अल्पसंख्यकों का सुनियोजित तरीके से उत्पीड़न' बताया.
लेकिन, पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय ने इन आरोपों को खारिज किया है.
विदेश मंत्रालय ने एक बयान में भारत की ओर इशारा करते हुए कहा कि, "पड़ोसी देश में सरकारी मशीनरी से संरक्षण प्राप्त धार्मिक कट्टरपंथियों की मुस्लिम समुदाय के ख़िलाफ़ हिंसा के विपरीत पाकिस्तान सरकार इस मामले को लेकर बेहद सख़्त है और अपराधियों के ख़िलाफ़ कार्रवाई की जा रही है. हमला करने वालों के ख़िलाफ़ एफ़आईआर दर्ज़ की गई है और उन्हें पकड़ने की पूरी कोशिश की जा रही है."
पाकिस्तान में पहले भी हिंदू मंदिरों पर हमले हुए हैं. इससे पहले पिछले साल दिसंबर में कराची के नारायणपुरा इलाक़े में एक व्यक्ति ने मंदिर में तोड़फोड़ की थी जिसके बाद इलाक़े के लोगों ने उसे पकड़कर पुलिस के हवाले कर दिया था. उस पर ईशनिंदा का मामला दर्ज किया गया.
बीते साल नवंबर में कराची की ली मार्केट के नज़दीक शीतल दास कंपाउंड में बने एक मंदिर में भी कुछ लोगों ने हमला किया था. उन पर बाद में ईशनिंदा का मामला दर्ज किया गया था.(bbc.com)
(सज्जाद हुसैन)
इस्लामाबाद, 11 जून। पाकिस्तान के विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो जरदारी ने टेलीफोन पर हुई वार्ता के दौरान संयुक्त राष्ट्र महासभा (यूएनजीए) के अध्यक्ष अब्दुल्ला शाहिद को भारत की सत्ताधारी पार्टी के दो पूर्व नेताओं द्वारा पैगंबर मोहम्मद के खिलाफ की गई कथित विवादास्पद टिप्पणी से अवगत कराया है। विदेश कार्यालय ने शुक्रवार को यहां यह जानकारी दी।
विदेश कार्यालय ने कहा कि इस तरह के उकसावे से दुनिया भर के करोड़ों मुसलमानों की भावनाओं को गहरी ठेस पहुंचने का जिक्र करते हुए बिलावल ने शाहिद से भारत में बढ़ते ‘इस्लामोफोबिया’ के बीच इस ‘‘घृणित’’ घटनाक्रम का संज्ञान लेने का आग्रह किया।
विदेश मंत्री ने इस घटना को लेकर भारतीय नेतृत्व पर चुप्पी साधने का आरोप लगाते हुए कहा, ‘‘चुप्पी को मिलीभगत के रूप में लिया जा सकता है और यह हिंसा और सांप्रदायिक घृणा की घटनाओं के और भड़कने का कारण बन सकती है।’’
विदेश कार्यालय के मुताबिक, अब्दुल्ला ने महासभा की महत्वपूर्ण भूमिका और इन मुद्दों पर सदस्यों के साथ मिलकर काम करने की आवश्यकता को रेखांकित किया। (भाषा)
इस्लामाबाद, 10 जून। कराची में हिंदू मंदिर में तोड़फोड़ की खबर पर भारत की ओर से दिए गए बयान को पाकिस्तान ने खारिज कर दिया है। इसके साथ ही पाकिस्तान ने भारत में “मुस्लिम समुदाय की स्थिति” पर सवाल उठाए हैं।
कराची में बुधवार को कोरंगी थाना क्षेत्र के ‘जे’ इलाके में स्थित श्री मारी माता मंदिर में अज्ञात लोगों ने तोड़फोड़ की थी।
पाकिस्तान में अल्पसंख्यकों के पूजास्थल पर किए गए एक और हमले पर प्रतिक्रिया देते हुए भारतीय विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने इसे “धार्मिक अल्पसंख्यकों के उत्पीड़न का एक और मामला बताया था।”
बागची ने बृहस्पतिवार को नयी दिल्ली में कहा था, “हमने पाकिस्तान सरकार को अपने विरोध से अवगत कराया है और उससे एक बार फिर मुल्क में अल्पसंख्यक समुदायों की सुरक्षा सुनिश्चित करने की अपील की है। लिहाजा आपने जो मुद्दा उठाया है, उस पर हमारी प्रतिक्रिया यही है।”
भारत के बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय ने आरोप लगाया, “भारत की सरकारी मशीनरी उन धार्मिक उन्मादियों को पूरा संरक्षण देती है, जो मुस्लिम समुदाय के खिलाफ हिंसा करते हैं, लेकिन पाकिस्तान सरकार ने उक्त मामले का संज्ञान लिया है और ऐसा करने वालों के विरुद्ध कार्रवाई की जा रही है।”
मंत्रालय ने कहा, “हमलावरों के खिलाफ एक प्राथमिकी दर्ज की गई है और उनकी पहचान कर उन्हें गिरफ्तार करने का प्रयास किया जा रहा है। वे कानून के शिंकजे से बच नहीं सकते और सरकार उनके साथ सख्ती से पेश आएगी।”
पाक विदेश मंत्रालय ने कहा कि भारत को आत्मचिंतन करने और अपने यहां रहने वाले अल्पसंख्यकों के मौलिक अधिकारों, जीवन और उपासना स्थलों की सुरक्षा सुनिश्चित करने की जरूरत है।
मंत्रालय ने यह भी कहा कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के दो पूर्व पदाधिकारियों की ओर से हाल ही में दिए गए बेअदबी के बयान की शीर्ष नेतृत्व और भारत सरकार द्वारा एकमत से निंदा करना भारत में मुस्लिमों की परेशानी का समाधान निकालने की दिशा में उठाया गया पहला कदम होगा। (भाषा)
न्यूयार्क, 10 जून। अमेरिका के न्यू ओर्लियान्स शहर की ओर जा रहे एक तेल टैंकर पोत पर सवार एक भारतीय इंजीनियर ने खराब मौसम के कारण समुद्र में फंसी एक नौका से लोगों को बचाने में मदद की। इस इंजीनियर के पास सेना में काम करने का अनुभव था।
अमेरिका की सीमा शुल्क और सीमा रक्षण (सीबीपी) एजेंसी की ओर से बृहस्पतिवार को जारी एक प्रेस विज्ञप्ति में कहा गया है कि अप्रैल में चार लोग (एक अमेरिकी नागरिक, अर्जेंटीना का एक नागरिक, एंटीगुआ का एक व्यक्ति और एक ब्रिटिश कप्तान) एंटीगुआ और बारबुडा से महीनेभर की यात्रा पर निकले थे और उन्हें अटलांटिक महासागर पार कर बार्सिलोना जाना था।
यात्रा शुरू होने के पांच दिन बाद ही उनकी नौका का जनरेटर खराब हो गया, लेकिन उन्होंने खाने-पीने का सामान और इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों के लिए बैटरी आदि की बचत कर यात्रा जारी रखी। इस दौरान 15 मई को मौसम खराब हो गया और तेज हवाएं चलने लगीं। नौका पर सवार यात्रियों ने रेडियो के जरिये आसपास के पोतों से संपर्क स्थापित किया और उन्हें सूचना दी।
यात्रियों में से एक वैनिसा ने कहा, “मौसम बहुत खराब था और अचानक से पता नहीं कहां से यह टैंकर आ गया।” टैंकर पोत देखकर उन्होंने अपनी नौका छोड़ने और टैंकर में सवार होकर जान बचाने का निर्णय लिया।
विज्ञप्ति में कहा गया है, “तीन प्रयासों के बाद टैंकर पोत पर सवार एक भारतीय इंजीनियर ने बचाव रस्सी बिल्कुल सटीकता से फेंकी, जिसे अर्जेंटीना के नागरिक ने पकड़ लिया।” विज्ञप्ति में इस भारतीय नागरिक के नाम का खुलासा नहीं किया गया है। हालांकि, यह बताया गया है कि वह सैन्य अनुभव रखता है।
इसमें कहा गया है, “कप्तान को छोड़कर सभी को सुरक्षित बचा लिया गया। एंटीगुआ के नागरिक को हाइपरथर्मिया हो गया था और उसे चिकित्सकीय सहायता की जरूरत थी। कप्तान बाद में अजोरेस में उतरा।” चारों यात्रियों ने टैंकर पर 24 दिन गुजारे। (भाषा)
डॉयचे वैले पर सुजाने कॉर्ड्स का लिखा-
महान वैज्ञानिक अल्बर्ट आइंस्टाइन की यह फोटो 70 साल से भी ज्यादा पुरानी है. यह फोटो दुनिया में उनकी सबसे ज्यादा प्रसिद्ध फोटो में से एक है. आइए इसकी कहानी जानते हैं.
14 मार्च, 1951 का दिन था. मौका था अल्बर्ट आइंस्टाइन के 72वें जन्मदिन का. विश्वप्रसिद्ध भौतिकशास्त्री का जन्म जर्मनी के उल्म शहर में हुआ था. लेकिन बहुत सालों से वह अमेरिका में रह रहे थे. उस वक्त आइंस्टाइन न्यू जर्सी के प्रिंसटन में इंस्टीट्यूट फॉर एडवांस्ड स्टडी में काम करते थे. रिसर्च सेंटर में ही उनके सम्मान में खास बर्थडे आयोजन रखा गया था. आयोजन स्थल के बाहर काफी सारे मीडियाकर्मियों का तांता लगा था. जब आइंस्टाइन वहां से बाहर निकले तो पत्रकार उनसे बात करना चाहते थे. विश्व प्रसिद्ध प्रोफेसर राजनीति और दर्शन समेत दुनिया के तमाम विषयों पर अपने खास मजाहिया अंदाज में बात रखने के लिए भी जाने जाते थे. और जाहिर है कि फोटोग्राफर जन्मदिन के मौके पर उनकी तस्वीरें लेने का भी इरादा रखते थे.
लेकिन आइंस्टाइन को मीडिया में आने का कोई शौक नहीं था. वह कई मुद्दों पर अपनी राय देने से भी बचना चाहते थे. इस सबके मद्देनजर वहां मीडिया का जमावड़ा देख कर उन्हें थोड़ी खीज हुई. मगर वहां से निकलना चूंकि उनकी मजबूरी थी इसलिए जाकर लंबी लिमोजीन कार में पीछे की सीट पर बैठ गए. सीट पर एक ओर उनके संस्थान के पूर्व निदेशक फ्रैंक ऐडेलट बैठे थे और उनके दूसरी ओर ऐडेलट की पत्नी मैरी. कैमरे से बचने की तमाम कोशिशों के बावजूद आइंस्टाइन के चेहरे पर फ्लैश बल्ब चमकते ही जा रहे थे.
बताया जाता है कि बार बार उन्हें कोई बयान देने के लिए बोलने वाले एक रिपोर्टर से उन्होंने चिल्ला कर कहा था "बस बहुत हो गया..." लेकिन तभी किसी रिपोर्टर ने आवाज लगाई "हे, प्रोफेसर, एक बर्थडे फोटो के लिए तो मुस्कराइए, प्लीज." इस पर तंग आकर आइंस्टाइन ने अपने आजादख्याल अंदाज में जीभ बाहर निकाल कर मुंह चिढ़ाया था. यह वह पल था जो फोटोग्राफर आर्थर सैस ने अपने कैमरे में कैद कर लिया. यह बेहद अलग सी फोटो बहुत जल्द अमेरिका से दुनिया के अलग अलग हिस्सों में पहुंच गई. आगे चल कर आइंस्टाइन की सबसे यादगार फोटो में गिनी जाने लगी.
अकसर अपने में ही खोए रहने वाले प्रोफेसर के कई किस्से हैं. उनके बेतरतीब बालों से लेकर, कभी कभी मोजे पहनना भूल जाने की आदत तक. लेकिन सापेक्षता का सिद्धांत देने वाले विलक्षण बौद्धिक क्षमता वाले वैज्ञानिक आइंस्टाइन अपने जीते जी ही दुनिया भर में एक विशिष्ट व्यक्ति के रूप में काफी ख्याति पा चुके थे. जीभ निकाले इस मजेदार सी फोटो के बाद तो उन्हें किसी पॉप आइकन जैसा दर्जा मिल गया था.
मजे की बात यह भी है कि जिस फोटोग्राफर ने यह तस्वीर खींची थी, उसकी इसे दुनिया भर में फैलाने में ज्यादा भूमिका नहीं रही. असल में आइंस्टाइन नहीं चाहते थे कि ऐडेलट दंपत्ति उनकी ऐसी फोटो में नजर आएं इसलिए उन्होंने खुद उस फोटो के अनगिनत प्रिंट ऑर्डर किए, उन्हें ऐसे काटा ताकि बाकी दोनों लोग ना दिखें, और फिर ऐसी दर्जनों फोटो अपने साथ काम करने वालों, दोस्तों और जानने वालों को भेज दीं. अपनी एक दोस्त योहाना फैन्टोवा को यह फोटो भेजते हुए उन्होंने लिखा, "यह बाहर निकली हुई जीभ मेरे राजनीतिक मत जैसी है." सन 2009 में उनकी साइन की हुई फोटो की एक मूल प्रति नीलामी में 74,324 डॉलर की बिकी. इसी के साथ यह आइंस्टाइन की सबसे महंगी फोटो बन गई.
आइंस्टाइन जर्मनी में एक यहूदी परिवार में पैदा हुए थे लेकिन नाजी काल में जर्मनी से भाग कर अमेरिका चले गए थे. उन्हें सरकारों और शक्तिशाली लोगों के द्वारा प्रताड़ित और निशाना बनाए जाने के दर्द का अंदाजा था. यही कारण था कि शीत युद्ध जैसे कई राजनीतिक मु्द्दों पर उन्होंने बहुत संभल कर प्रतिक्रियाएं दीं. लेकिन इंसान और उसकी बेवकूफियों पर बोलना उन्हें बहुत पसंद था, जैसे: "दो चीजें अनंत हैं - ब्रह्मांड और इंसान की बेवकूफी. लेकिन ब्रह्मांड को लेकर यह बात अभी मैं पक्के तौर पर नहीं कह सकता हूं." या फिर "मूर्ख लोगों के फैसले को बदला नहीं जा सकता क्योंकि एक तो वे संख्या में इतने ज्यादा हैं और दूसरे उनकी आवाज भी उतनी ही अहम है जितनी हमारी."
सन 1951 की इस तस्वीर को तबसे करोड़ों बार छापा गया है. टीशर्ट, पोस्टर, मग या म्यूरल हर जगह. और इस दुनिया से जाने के इतने साल बाद भी बच्चे से बूढ़े तक उनके काम, विज्ञान को उनके योगदान, उनके दर्शन और स्वच्छंद अंदाज के कारण उनके प्रशंसकों की कोई कमी नहीं है.
रूस के खिलाफ युद्ध में यूक्रेन की मदद के लिए गए तीन लोगों को डोनबास इलाके में मौत की सजा सुनाई गई है. ब्रिटेन ने इसे अंतरराष्ट्रीय कानूनों का उल्लंघन बताया है.
यूक्रेन में रूस की सेना के खिलाफ लड़ाई करते हुए पकड़े दो ब्रिटिश और एक मोरक्कोवासी को मौत की सजा सुनाई गई है. रूस के समर्थन वाले यूक्रेन के डोनबास इलाके में लगी रूस की एक अदालत ने यह फैसला सुनाया. हालांकि जिस अदालत ने यह सजा सुनाई है उसे अंतरराष्ट्रीय मान्यता प्राप्त नहीं है. यह अदालत उस डोनेत्स्क गणराज्य में है जिसने रूस के समर्थन से अपने आपको स्वतंत्र घोषित कर दिया है.
रूसी मीडिया ने कहा कि ब्रिटेन के नागरिकों एडन आसलिन और शॉन पिनर व मोरक्को के रहने वाले ब्राहिम सौदून पर पेशेवर कातिल होने के आरोप लगाए गए थे. आरआईए नोवोस्ती ने कहा कि तीनों लोगों पर पेशेवर हत्या, सत्ता हासिल करने के लिए हिंसा और आतंकवादी घटनाओं को अंजाम देने के लिए ट्रेनिंग लेने जैसे संगीन आरोप थे.
रिहाई की कोशिश
दोनों ब्रिटिश नागरिकों के परिवारों का दावा है कि ये लोग यूक्रेन की सेना के ही सदस्य हैं और लंबे समय से सेवारत हैं. रूस की टैस न्यूज एजेंसी के मुताबिक इन लोगों के वकीलों ने कहा है कि वे फैसले के खिलाफ अपील करेंगे.
रूस-यूक्रेन युद्ध के 100 दिन, आंकड़ों में
इंसानी जानों का नुकसान
असल में कोई नहीं जानता कि कितने सैनिक और आम नागरिक मारे गए हैं. यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की का कहना है कि दसियों हजारों यूक्रेनी नागरिक मारे जा चुके हैं. अकेले मारियोपोल में 21,000 से ज्यादा नागरिक मारे गए हैं. जेलेंस्की के मुताबिक यूक्रेन के 60 से 100 सैनिक रोज मारे जा रहे हैं. रूस के एक जनरल ने 25 मार्च को बताया था कि 1,351 रूसी सैनिक मारे गए थे. असल आंकड़े कहीं ज्यादा हो सकते हैं.
युनाइटेड किंग्डम और यूक्रेन ने इस फैसले की आलोचना की है और इसे युद्ध अपराधियों की सुरक्षा करने वाले अंतरराष्ट्रीय कानूनों का उल्लंघन बताया है. ब्रिटिश सरकार ने कहा कि दोनों नागरिकों को मौत की सजा सुनाए जाने को लेकर वह काफी चिंतिति है. प्रधानमंत्री कार्यालय ने कहा कि दोनों लोगों को रिहा कराने के लिए यूक्रेन के साथ मिलकर काम किया जा रहा है.
एक प्रवक्ता ने कहा कि युद्ध अपराधियों का इस्तेमाल राजनीतिक लाभ के लिए नहीं किया जाना चाहिए. उन्होंने जेनेवा कन्वेंशन की ओर इशारा किया जिसके तहत युद्ध अपराधियों को माफी का प्रावधान है. ब्रिटेन की विदेश मंत्री लिज ट्रस ने भी अदालत के फैसले की निंदा की इसे ऐसा "फर्जी फैसला" बताया जिसकी कोई वैधता नहीं है.
नजरिया: यूक्रेन के हौसले और रूस की शर्मिंदगी का सबब है मारियोपोल
ट्रस ने कहा, "मेरी संवेदनाएं परिवारों के सात हैं. उन्हें मदद देने के लिए हम हर संभव कोशिश कर रहे हैं." ब्रिटिश मीडिया की खबरें हैं कि ट्रस इस मामले पर यूक्रेन के विदेश मंत्री से फोन पर बात करने वाली हैं. एक संभावना यह जताई जा रही है कि ब्रिटेन में कैद कुछ रूसी लोगों के बदले इन दोनों ब्रिटिश नागरिकों को रिहा कराया जा सकता है.
जेनेवा समझौते की दुहाई
विदेशी मामलों की समिति के अध्यक्ष टॉम टूजेनहाट ने रूस के राष्ट्रपति व्लादीमीर पुतिन पर "एक तरह की बदले की कार्रवाई करने और लोगों का अपहरण करने" का आरोप लगाया. उन्होंने बीबीसी रेडियो से कहा, "यह कोई देश नहीं है. यह कोई अदालत नहीं है. वे जज नहीं, आम लोग हैं जो लिबास पहनकर न्यायाधीश होने का स्वांग रच रहे हैं. सच्चाई यह है कि यह एक बेहद क्रूर कार्रवाई है जो तीन पूरी तरह निर्दोष लोगों के खिलाफ की गई है."
सबसे बड़ा हिस्सा वायु सेना को
अब तक मिली जानकारी के मुताबिक 100 अरब में से तकरीबन 40 अरब रकम से ज्यादा की रकम वायु सेना पर खर्च होगी. जर्मन नौसेना के लिए 19.3 और थल सेना के लिए 16.6 अरब यूरो की रकम खर्च की जाएगी. बाकी रकम संयुक्त रूप से सेना के लिये नई तकनीकों के विकास पर खर्च होगी.
असलिन जिस इलाके के रहने वाले हैं वहां के सांसद रॉबर्टन जेनरिक ने सरकार से मांग की है कि यूके में रूस के राजदूत को विदेश मंत्रालय में तलब किया जाए. उन्होंने कहा कि रूस ने अंतरराष्ट्रीय कानून के बेलाग उल्लंघन किया है.
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ब्रिटेन का कहना है कि जो भी विदेशी नागरिक यूक्रेन में युद्धरत थे और पकड़े गए हैं, उन सभी को अंतरराष्ट्रीय कानून में युद्ध के दौरान पकड़े गए सैनिकों को मिलने वाली सुरक्षा का अधिकार है और उनके साथ अमानवीय व्यवहार नहीं किया जा सकता.
लड़ने पहुंचे विदेशी
24 फरवरी को रूस द्वारा हमला किए जाने के बाद यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की ने विदेशियों से अपने यहां आकर लड़ने की अपील की थी. उसके बाद 16 हजार से अधिक वॉलंटियर वहां पहुंच गए थे. कुछ युद्ध लड़ने के लिए पहुंचे तो कुछ मानवीय मदद के लिए काम करने गए थे.
यूक्रेन के राष्ट्रपति का कहना है कि दसियों हजारों यूक्रेनी नागरिक इस युद्ध में मारे जा चुके हैं. अकेले मारियोपोल में 21,000 से ज्यादा नागरिक मारे गए हैं. जेलेंस्की के मुताबिक यूक्रेन के 60 से 100 सैनिक रोज मारे जा रहे हैं. रूस के एक जनरल ने 25 मार्च को बताया था कि 1,351 रूसी सैनिक मारे गए थे. असल आंकड़े कहीं ज्यादा हो सकते हैं.
यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर ज़ेलेंस्की के एक वरिष्ठ सहयोगी ने बीबीसी से बातचीत में दावा किया है कि फ्रंटलाइन पर हर रोज़ क़रीब 100 से 200 यूक्रेनी सैनिक मारे जा रहे हैं.
यह आँकड़ा पिछले अनुमान से अधिक हैं. गुरुवार को यूक्रेन के रक्षा मंत्री ने दावा किया था कि यूक्रेन हर रोज़ अपने 100 सैनिकों को खो रहा है और 500 से अधिक घायल हो रहे हैं.
मिखायलो पोदोलियाक ने कहा कि यूक्रेन को पूर्वी डोनबास इलाक़े में जारी युद्ध में रूस की बराबरी करने के लिए सैकड़ों पश्चिमी तोपों की ज़रूरत है.
उन्होंने ज़ोर देकर कहा कि कीएव, मॉस्को के साथ शांति वार्ता को दोबारा से शुरू करने के लिए तैयार नहीं है.
यूक्रेन की सेना लगातार गोलीबारी और बम के हमले झेल रही है. डोनबास, यूक्रेन का वो इलाक़ा है जहां भीषण युद्ध जारी है. रूस की सेना पूरे डोनबास पर नियंत्रण की कोशिश कर रही है.
पोदोलियाक ने कहा, “रूस की सेना ने परमाणु बम को छोड़कर, हर हथियार का इस युद्ध में इस्तेमाल किया है. वो चाहे भारी-भरकम तोपें हों, रॉकेट-लॉन्चर हो या फिर हवाई हमले.”
यूक्रेन पश्चिमी देशों से लगातार हथियार की मांग कर रहा है. उसी मांग को दोहराते हुए पोदोलियाक ने कहा कि रूस और यूक्रेन के पास मौजूद सेना और हथियारों की असमानता, यूक्रेन को हो रहे नुकसान का प्रमुख कारण है.
शांति वार्ता पर उन्होंने कहा कि यूक्रेन उस समय तक शांति वार्ता की मेज़ पर नहीं आएगा जब तक कि रूस की सेनाएं वापस उस जगह नहीं लौट जातीं, जहां वे 24 फरवरी को आक्रमण शुरू होने से पहले थीं. (bbc.com)
इस्लामाबाद, 10 जून | अगस्त 2020 में एशिया के सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने वाले शेयर बाजार का खिताब जीतने वाले पाकिस्तान स्टॉक एक्सचेंज (पीएसएक्स) अपने खराब दौड़ से जूझ रहा है। पीएसएक्स इस क्षेत्र में तीसरा सबसे खराब प्रदर्शन करने वाला बाजार बन गया है।
द एक्सप्रेस ट्रिब्यून ने बताया कि निवेशकों ने पीएसएक्स में निवेश के 16.27 प्रतिशत (या 1.35 ट्रिलियन पीकेआर) को समाप्त होते देखा, क्योंकि बाजार पूंजीकरण (सभी सूचीबद्ध कंपनियों का कुल मूल्य) जून 2021 में 8.29 के शिखर की तुलना में गुरुवार को 6.95 ट्रिलियन पीकेआर पर एक बहुवर्षीय निचले स्तर पर आ गया।
बाजार पूंजीकरण खोने के मामले में पेट्रोलियम रिफाइनरी सबसे ज्यादा प्रभावित क्षेत्र था। मार्च 2021 के अंत में 146.56 बिलियन पीकेआर की तुलना में मार्च में सेक्टर का पूंजीकरण 66 बिलियन पीकेआर हो गया।
पाकिस्तान आर्थिक सर्वेक्षण 2021-22 के अनुसार, जुलाई-मार्च वित्त वर्ष 22 के दौरान सीमेंट क्षेत्र ने बाजार पूंजीकरण का 24 प्रतिशत खो दिया, जबकि ऑटोमोबाइल असेंबलरों का पूंजीकरण 13 प्रतिशत कम हो गया।
एक्सप्रेस ट्रिब्यून ने सर्वेक्षण के हवाले से कहा कि पीएसएक्स एशिया में तीसरा सबसे खराब प्रदर्शन करने वाला बाजार बन गया, जब बेंचमार्क केएसई-100 इंडेक्स पिछले वित्त वर्ष के पहले नौ महीनों (जुलाई-मार्च) में 5.1 फीसदी (या 2,427 अंक) गिरा और 31 मार्च को 44,929 अंक पर बंद हुआ।
लेटेस्ट आंकड़ों से पता चलता है कि पीएसएक्स पूरे चालू वित्त वर्ष (जुलाई-जून वित्त वर्ष 22) में श्रीलंका के बाद इस क्षेत्र में दूसरा सबसे खराब प्रदर्शन करने वाला बाजार बन गया है।
आरिफ हबीब लिमिटेड (एएचएल) के अनुसार, पीएसएक्स ने चालू वित्त वर्ष में अब तक डॉलर के संदर्भ में लगभग 31 प्रतिशत की गिरावट दर्ज की है।
(आईएएनएस)
यरुशलेम, 10 जून | इजराइल में मंकीपॉक्स का चौथा मामला दर्ज किया गया है। इस बात की जानकारी इजराइल के स्वास्थ्य मंत्रालय ने दी है। मंत्रालय के अनुसार, संक्रमित एक 28 वर्षीय व्यक्ति है जो हाल ही में विदेश से लौटा है।
समाचार एजेंसी शिन्हुआ ने मंत्रालय के हवाले से कहा है, इजरायल इंस्टीट्यूट फॉर बायोलॉजिकल रिसर्च में एक नमूने का परीक्षण किया गया, जहां मंकीपॉक्स के संदेह की पुष्टि हुई।
इससे पहले 21 मई से इजराइल में मंकीपॉक्स के पिछले तीन मामलों का पता चला है, जिनमें से सभी पुरुष हैं।
मंत्रालय ने फिर से उन लोगों को बुलाया जिन्हें बुखार और फफोलेदार दाने हो गए थे और वे विदेश से लौटे हैंे, डॉक्टर इनकी जांच करेंगे।
बंदरों और प्राइमेट जैसे जंगली जानवरों में मंकीपॉक्स आम है और यह मनुष्यों को भी संक्रमित कर सकता है।
रोग के लक्षणों में त्वचा पर चकत्ते, बुखार, सिरदर्द, मांसपेशियों में दर्द, पीठ दर्द, सूजन लिम्फ नोड्स, ठंड लगना और थकावट शामिल हैं।
(आईएएनएस)
कीव, 10 जून | यूक्रेन के राष्ट्रपति वलोडिमिर जेलेंस्की ने अपने रूसी समकक्ष व्लादिमीर पुतिन, क्रेमलिन के प्रवक्ता दिमित्री पेसकोव, प्रधानमंत्री मिखाइल मिशुस्तीन और मॉस्को में कई अन्य उच्च पदस्थ अधिकारियों पर व्यक्तिगत प्रतिबंध लगाने वाले एक डिक्री पर हस्ताक्षर किए हैं। यूक्रेइंस्का प्रावदा की रिपोर्ट के मुताबिक, गुरुवार को हस्ताक्षर किए गए डिक्री यूक्रेन की राष्ट्रीय सुरक्षा और रक्षा परिषद द्वारा लिए गए एक फैसले के स्वकृति में आया।
प्रतिबंध की लिस्ट में कुल 35 रूसी शामिल हैं। इनके अलावा, कुछ महत्वपूर्ण लोगों में रूस के सुरक्षा परिषद के सचिव निकोलाई पेत्रुशेव, रक्षा मंत्री सर्गेई शोइगु और विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव शामिल हैं।
प्रतिबंधों के कारण लिस्ट में शामिल लोग यूक्रेन में प्रवेश नहीं कर पाएंगे। इसके अलावा, जेलेंस्की ने रूसी विश्वविद्यालयों और उनके नेताओं पर प्रतिबंध लगाने वाले अन्य डिक्री पर भी हस्ताक्षर किए हैं।
इस लिस्ट में, मिखाइल लोमोनोसोव के नाम पर मॉस्को स्टेट यूनिवर्सिटी, बॉमन मॉस्को स्टेट टेक्निकल यूनिवर्सिटी, सेंट पीटर्सबर्ग स्टेट यूनिवर्सिटी और नेशनल रिसर्च यूनिवर्सिटी हायर स्कूल ऑफ इकोनॉमिक्स शामिल हैं।
यूक्रेइंस्का प्रावदा की रिपोर्ट, कुल मिलाकर 236 रूसी विश्वविद्यालयों को लिस्ट में शामिल किया है।
डिक्री पर हस्ताक्षर होने के बाद यूक्रेनी शैक्षिक, सांस्कृतिक और देश के संस्थानों को रूसी विश्वविद्यालयों के साथ सभी संबंधों और समझौतों को तोड़ना पड़ सकता है।
(आईएएनएस)
पाकिस्तान में टीवी जगत की मशहूर हस्ती और कराची से पीटीआई के नेशनल असेंबली के सदस्य डॉक्टर आमिर लियाक़त हुसैन का कराची में निधन हो गया है.
पाकिस्तानी मीडिया के मुताबिक़ तबीयत ख़राब होने पर उन्हें अस्पताल ले जाया गया था, लेकिन डॉक्टरों के मुताबिक अस्पताल पहुँचने से पहले ही उनकी मौत हो चुकी थी.
सूचना मिलते ही पुलिस अधिकारी उनके घर पहुंच गए. अधिकारियों का कहना है, कि उनकी मौत की सही वजह तो अभी नहीं बताई जा सकती है, इसके लिए पोस्टमार्टम कराया जाएगा.
याद रहे कि पिछले कुछ दिनों में वह अपनी तीसरी शादी को लेकर विवादों में घिरे हुए थे, जिसके बाद उन्होंने देश छोड़ने का भी ऐलान किया था.
उनके निधन के कारण नेशनल असेंबली का आज होने वाला सत्र कल शाम 5 बजे तक के लिए स्थगित कर दिया गया है.
आमिर लियाक़त का राजनीतिक सफ़र
नई सदी की शुरुआत में धार्मिक टीवी कार्यक्रम 'आलिम ऑनलाइन' से मशहूर होने वाले डॉक्टर आमिर लियाक़त हुसैन ने साल 2018 में पीटीआई के टिकट पर चुनाव लड़कर नेशनल असेंबली की सीट जीती थी.
आमिर लियाक़त हुसैन ने साल 2002 के आम चुनावों में भी एमक्यूएम के टिकट पर नेशनल असेंबली की सीट जीती थी और परवेज़ मुशर्रफ़ के शासनकाल में उन्हें धार्मिक मामलों का मंत्री बनाया गया था.
जुलाई 2007 में, आमिर लियाक़त हुसैन ने नेशनल असेंबली की सदस्य्ता से इस्तीफ़ा दे दिया था. उनका यह इस्तीफ़ा उस समय सामने आया, जब उन्होंने एक टीवी कार्यक्रम में भारतीय लेखक सलमान रुश्दी के बारे में कहा था कि उनकी हत्या कर देनी चाहिए. अगले साल, यानी साल 2008 में, एमक्यूएम ने आमिर लियाक़त को पार्टी से निकलने की घोषणा कर दी थी.
आमिर लियाक़त हुसैन एक लंबे समय तक राजनीति से दूर रहे और साल 2016 में एमक्यूएम प्रमुख अल्ताफ़ हुसैन के विवादित भाषण से कुछ दिन पहले वह फिर से सक्रिय हो गए.
22 अगस्त 2016 को जब रेंजर्स ने डॉक्टर फ़ारूक़ सत्तार और ख़्वाजा इज़हारुल हसन को गिरफ़्तार किया तो आमिर लियाक़त को भी उसी दिन गिरफ़्तार किया गया था और रिहा होने के बाद डॉक्टर फ़ारूक़ सत्तार की पहली प्रेस कॉन्फ्रेंस में वो भी मौजूद थे, लेकिन बाद में फिर से राजनीति से दूर हो गए.
आमिर लियाक़त हुसैन के पीटीआई में शामिल होने की ख़बर साल 2017 में सामने आई थी. उनके अपने ट्वीट्स के बावजूद, घोषणा नहीं की गई थी, लेकिन आख़िरकार वह पार्टी में शामिल हो गए थे. पार्टी में शामिल होने के समय भी कुछ पीटीआई समर्थकों ने आमिर लियाक़त की आलोचना की थी.
साल 2018 में, आमिर लियाक़त हुसैन ने इमरान ख़ान के साथ एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में पार्टी में शामिल होने की घोषणा की थी, तब उन्होंने कहा था, कि "मेरी आख़िरी मंज़िल पीटीआई थी." वो साल 2018 के चुनाव में एनए 225 असेंबली सीट से असेंबली के सदस्य चुने गए थे.
आमिर लियाक़त हुसैन पाकिस्तान के लगभग हर प्रमुख समाचार चैनल से जुड़े रहे हैं और उनके कार्यक्रम ज़्यादातर विवादों से भरे रहे हैं, जिससे उनके राजनीतिक करियर पर भी असर पड़ा.
जब पाकिस्तानी मीडिया समूह जंग पब्लिकेशंस ने अपना न्यूज़ चैनल जियो लॉन्च किया तो आमिर लियाक़त उसके न्यूज़ कास्टर के रूप में सामने आये थे, जिसके बाद उन्होंने आलिम ऑनलाइन नाम से एक धार्मिक कार्यक्रम शुरू किया था.
एक कार्यक्रम में उन्होंने अहमदी समुदाय को गै़र-मुसलमान क़रार देते हुए उनकी हत्या को सही ठहराया था. उसी सप्ताह, सिंध में अहमदी समुदाय के दो लोग मारे गए थे. उनके इस बयान की मानवाधिकार संगठनों ने कड़ी आलोचना की थी.
जिहाद और आत्मघाती हमलों के बारे में उनके विवादित बयानों को लेकर कुछ धार्मिक वर्ग भी उनसे नाराज़ थे. साल 2005 में जामिया बनूरिया के एक शिक्षक की मृत्यु पर जब वो शोक व्यक्त करने के लिए पहुंचे थे, तो छात्रों ने उन्हें बंधक बना लिया था.
जियो के अलावा, आमिर लियाक़त एआरवाई, एक्सप्रेस, बोल टीवी और 24 न्यूज़ से भी जुड़े रहे. रमज़ान के विशेष प्रसारणों के दौरान उन्हें एक हॉट प्रॉपर्टी समझा जाता था. जियो पर रमज़ान ट्रांसमिशन के एक कार्यक्रम में उन्होंने छीपा फ़ाउंडेशन के प्रमुख रमज़ान छीपा से एक अनाथ बच्चे को ले कर एक जोड़े को दिया था, जिस वजह से उन्हें आलोचना का सामना करना पड़ा था.
डॉक्टर आमिर लियाक़त हुसैन
रमज़ान ट्रांसमिशन के कार्यक्रम 'इनाम घर' में भी उनके कुछ वाक्य और हावभावों को नापसंद किया गया था, साल 2016 में पाकिस्तान इलेक्ट्रॉनिक मीडिया प्राधिकरण (पीईएमआरए) ने इस कार्यक्रम पर तीन दिन तक रोक लगा दी थी.
उन्होंने बोल चैनल पर अपने कार्यक्रम 'ऐसा नहीं चलेगा' में मानवाधिकार संगठनों, पत्रकारों और ब्लॉगर्स पर व्यक्तिगत हमले भी किए. पीईएमआरए ने नागरिकों की शिकायतों पर इस कार्यक्रम को बंद कर दिया और उन्हें जनता से माफ़ी मांगने का निर्देश दिया. (bbc.com)
पाकिस्तान के मशहूर टीवी स्टार और कराची से पीटीआई नेशनल असेंबली के सदस्य डॉ आमिर लियाकत हुसैन का कराची में निधन हो गया है.
पाकिस्तानी मीडिया के मुताबिक तबीयत खराब होने पर उन्हें अस्पताल ले जाया गया था लेकिन डॉक्टरों के मुताबिक अस्पताल लाए जाने के वक्त उनकी मौत हो चुकी थी.
पुलिस का कहना है कि उनकी मौत के सही कारणों का फ़िलहाल पता नहीं चल सका है. उनका पोस्टमार्टम किया जाएगा.
अभिनेता आमिर लियाकत के निधन के कारण नेशनल असेंबली का सत्र शुक्रवार शाम 5 बजे तक से लिए स्थगित कर दिया गया है.
हाल ही में आमिर लियाकत अपनी तीसरी शादी को लेकर विवादों में घिर गए थे, जिसके बाद उन्होंने देश छोड़ने का ऐलान कर दिया था.
धार्मिक टीवी कार्यक्रम 'आलम ऑनलाइन' से प्रसिद्धि पाने वाले डॉ आमिर लियाकत हुसैन ने 2018 में पीटीआई के टिकट पर चुनाव जीतकर सांसद बने थे. (bbc.com)
मुंबई, नौ जून (भाषा) कच्चे तेल की कीमतों में तेजी और विदेशी पूंजी के लगातार बाहर जाने के चलते रुपया बृहस्पतिवार को अमेरिकी डॉलर के मुकाबले टूटकर दिन के कारोबार के अब तक के सबसे निचले स्तर 77.81 पर पहुंच गया।
अंतरबैंक विदेशी मुद्रा विनिमय बाजार में रुपया अमेरिकी डॉलर के मुकाबले 77.74 पर खुला, फिर और गिरावट दर्ज करते हुए दिन के निचले स्तर 77.81 पर आ गया।
रुपया बुधवार को अमेरिकी मुद्रा के मुकाबले अपने रिकॉर्ड निचले स्तर से उबरकर 10 पैसे की तेजी के साथ 77.68 पर बंद हुआ था।
इसबीच वैश्विक तेल मानक ब्रेंट क्रूड वायदा 0.12 प्रतिशत गिरकर 123.43 डॉलर प्रति बैरल के भाव पर आ गया।
शेयर बाजार के अस्थाई आंकड़ों के मुताबिक विदेशी संस्थागत निवेशकों ने बुधवार को शुद्ध रूप से 2,484.25 करोड़ रुपये के शेयर बेचे।
इस्लामाबाद, 9 जून | इस्लामाबाद में एक सुरक्षा गार्ड ने यूनिसेफ की एक अधिकारी के साथ कथित तौर पर रेप किया। डॉन न्यूज की एक रिपोर्ट में कहा गया है कि स्वीडिश नागरिक यूनिसेफ के अधिकारी ने पाकिस्तानी राजधानी के आबपारा इलाके में पुलिस में शिकायत दर्ज कराई है कि उनके आवास पर तैनात सुरक्षा गार्ड ने उनके साथ बलात्कार किया।
पुलिस के मुताबिक पीड़िता इस साल जनवरी से इस्लामाबाद में तैनात थी।
प्राथमिकी में कहा गया है कि मार्च से अधिकारी के आवास पर तैनात गार्ड ने पीड़िता के शयनकक्ष में प्रवेश किया और उसके साथ रेप किया।
पुलिस ने कहा कि उसने फरार अपराधी की तलाश के लिए एक टीम गठित की है। (आईएएनएस)
कराची, 9 जून | पाकिस्तान के कराची में बुधवार को कोरंगी इलाके के श्री मारी माता मंदिर में तोड़फोड़ की गई। इसकी जानकारी गुरुवार को एक मीडिया रिपोर्ट में दी गई। तोड़फोड़ की सूचना मिलने के बाद पुलिस ने इलाके में पहुंचकर मंदिर का निरीक्षण किया, वहीं कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए अतिरिक्त बल भी तैनात कर दिए।
इलाके के हिंदू निवासी संजीव ने पाकिस्तानी दैनिक द एक्सप्रेस ट्रिब्यून को बताया कि मोटरसाइकिल पर छह से आठ लोग आए। उान्होंने मंदिर पर हमला कर दिया। संजीव ने कहा कि वह नहीं जानते कि किसने और क्यों हमला किया है।
कोरंगी थाना के एसएचओ फारूक संजरानी ने इस घटना की पुष्टि की और कहा कि पांच से छह अज्ञात संदिग्ध मंदिर में घुस गए और तोड़फोड़ करने के बाद भाग गए।
संजरानी ने बताया कि अज्ञात हमलावरों के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया गया है।
पाकिस्तान में हिंदू मंदिरों में अक्सर तोड़फोड़ के मामले सामने आते रहते हैं। (आईएएनएस)
सोल, 9 जून | दक्षिण कोरिया के डेगू शहर में गुरुवार को एक कार्यालय की इमारत में आग लग गई, जिसमें सात लोगों की मौत हो गई और 46 अन्य घायल हो गए। दमकलकर्मियों के अनुसार, सोल से 302 किलोमीटर दक्षिण में शहर की सात मंजिला इमारत में सुबह करीब 10.55 बजे (स्थानीय समयानुसार) आग लग गई।
योनहाप न्यूज एजेंसी की रिपोर्ट के अनुसार, करीब 20 मिनट बाद इसे पूरी तरह से बुझा दिया गया।
दर्जनों अन्य नागरिकों ने इमारत को खाली करा लिया।
अधिकारियों ने 50 दमकल गाड़ियों और 160 दमकलकर्मियों को घटनास्थल पर भेजा।
पुलिस ने कहा कि वे आगजनी की संभावना सहित आग के सही कारणों की जांच कर रहे हैं। (आईएएनएस)
न्यूयॉर्क (अमेरिका), 9 जून (एपी)। यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की ने कहा कि रूस युद्ध को समाप्त करने के लिए बातचीत को तैयार नहीं है क्योंकि वह अब भी खुद को ताकतवर समझता है।
जेलेंस्की ने बुधवार को अमेरिका के औद्योगिक नेताओं से कहा कि रूस का अभी वार्ता के लिए आना ‘‘ संभव नहीं है क्योंकि अब भी रूस अपनी ताकत का अनुभव कर सकता है।’’
वीडियो लिंक के जरिए अनुवादक की मदद से जेलेंस्की ने कहा, ‘‘ हमें रूस को कमजोर करना होगा और यह काम विश्व को करना होगा।’’
जेलेंस्की ने कहा कि यूक्रेन युद्ध के मैदान में अपना काम कर रहा है और रूस को आर्थिक रूप से कमजोर करने के लिए और भी सख्त प्रतिबंधों का आह्वान किया।
उन्होंने औद्योगिक नेताओं ने कहा, ‘‘ हमें रूस की वैश्विक वित्तीय प्रणाली को पूरी तरह ठप करना होगा।’’