अंतरराष्ट्रीय
यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर ज़ेलेंस्की ने अंतरराष्ट्रीय समुदाय से अपील की है कि वो ज़ेपोरीज़िया परमाणु संयंत्र में मौजूद रूसी सैनिकों को तुरंत वहां से निकलने को कहे.
रूस पर न्यूक्लियर ब्लैकमेल का आरोप लगाते हुए ज़ेलेंस्की ने कहा है कि रूसी फौज का वहां से निकलना यूक्रेन ही नहीं पूरी दुनिया के हित में है.
उनका ये बयान संयुक्त राष्ट्र की सुरक्षा परिषद की बैठक के बाद आया है. अमेरिका और चीन ने भी इस न्यूक्लियर प्लांट में संयुक्त राष्ट्र के एक्सपर्ट को जाने देने की अपील की है.
यूएन में यूक्रेन के राजदूत ने कहा, "अगर वहां से रेडिएशन का रिसाव हुआ तो हम में से कोई भी हवाओं का रुख़ नहीं रोक पाएगा. लेकिन दुनिया आतंकी देश को तो रोक सकती है."
लेकिन रूस ने साफ़ किया है कि वो न्यूक्लियर प्लांट की हिफ़ाज़त कर रहा है. (bbc.com/hindi)
-सैम कबराल
सानिया ख़ान कहती थीं कि जब वह अपनी असफल शादी से बाहर निकलीं तो उनके दक्षिण एशियाई मुस्लिम समुदाय ने उन्हें ऐसा महसूस कराया जैसे उनकी 'ज़िंदगी नाकाम' हो चुकी है.
लेकिन फिर उन्हें टिक टॉक ने सहारा दिया, जहाँ उन्हें अनजान लोगों से समर्थन और सहारा मिला.
अमेरिका में रहने वाली पाकिस्तानी मूल की सानिया इस सब के बीच अपनी ज़िंदगी संभाल ही रही थीं कि तभी उनका पूर्व पति लौटा, और उन्हें मार डाला.
इस रिपोर्ट के में ऐसे विवरण हैं जो कुछ दर्शकों को विचलित कर सकते हैं.
21 जुलाई - सानिया ख़ान ने पूरी तैयारी कर ली थी. उनके बैग पैक हो चुके थे. अमेरिका के इलिनॉय राज्य के शिकागो शहर से वो बस निकलने वाली थीं.
29 वर्षीय सानिया अपनी पुरानी ज़िंदगी को पीछे छोड़ एक नई शुरुआत की ओर क़दम बढ़ा रही थीं.
मगर हुआ कुछ और. अमेरिका के टेनेसी में वो अपने घर लौटीं - एक ताबूत में.
इसके तीन दिन पहले, पुलिस को सानिया शिकागो में एक घर के दरवाज़े के पास गिरी मिलीं, उनके शरीर में कोई हरकत नहीं हो रही थी. ये वो घर था जहाँ वो कभी अपने पति राहील अहमद के साथ रहा करती थीं, जिनसे वो अब अलग हो चुकी थीं. उनके सिर के पीछे गोली लगी थी, और उनकी मौके पर ही मौत हो चुकी थी.
पुलिस के आने पर 36 साल के राहील अहमद ने खुद को भी गोली मार ली. और उनकी भी मौत हो गई.
शिकागो सन-टाइम्स के साथ साझा की गई पुलिस रिपोर्ट के मुताबिक ''सानिया और राहील का तलाक़ हुआ था.''
तलाक़ के बाद राहील एक दूसरे शहर में रहने चले गए थे. लेकिन ''अपनी शादी को बचाने के लिए'' वो 700 मील का सफर तय करके अपने पुराने घर वापस आए थे.
सानिया ख़ान की ज़िंदगी का ये सबसे दुखद और अंतिम अध्याय बन गया.
सानिया एक युवा पाकिस्तानी-अमेरिकी फोटोग्राफ़र थीं जिन्हें हाल ही में सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म टिकटॉक पर ऐसी महिला के तौर पर पहचान मिली थी जो ख़राब शादी के सदमे और तलाक़ से जुड़े कलंक के ख़िलाफ़ लड़ रही हैं.
उनकी मौत से उनके दोस्त को तगड़ा झटका लगा है. उनके ऑनलाइन प्रशंसक और कई महिलाओं के लिए भी ये हैरानी की बात है.
ये महिलाएं कहती हैं कि वो सामाजिक दबाव के चलते एक झंझावातों में फँसी शादी निभाने को मजबूर हैं.
सानिया के साथ यूनिवर्सिटी में पढ़ने वाली एक दोस्त ब्रिआना विलियम्स बताती हैं, ''सानिया के लिए 29वाँ साल एक नई शुरुआत बनने वाला था. वो बहुत खुश थीं.''
सानिया के दोस्तों के लिए वो एक सच्ची, सकारात्मक और निस्वार्थ महिला थीं. 31 साल की मेहरू शेख़ सानिया को अपनी सबसे अच्छी दोस्त बताती हैं.
मेहरू कहती हैं, ''भले ही उनकी ज़िंदगी में मुश्किलें चल रही हों लेकिन आपका दिन कैसा गुज़र रहा है, ये पूछने वाली वह पहली शख़्स होती थीं.''
इंस्टाग्राम पर उन्होंने अपना पहला सोशल मीडिया प्रोफ़ाइल बनाया था. फोटोग्राफ़ी को अपना जुनून बताते हुए उन्होंने लिखा है, ''मैं लोगों को कैमरा के सामने ख़ुद के और एक-दूसरे के प्यार में पड़ जाने में मदद करती हूं.''
सानिया ख़ान अक्सर बड़े क्लाइंट्स के लिए शादियों, मैटरनिटी, बेबी शावर और अन्य बडे़ मौकों की फोटोग्राफी किया करती थीं.
मेहरू शेख़ बताती हैं, ''कैमरा के पीछे वो जीवंत लगती थीं. उन्हें लोगों को कैमरा के सामने सहज करने और उनके स्वाभाविक हाव-भाव को कैमरे में कैद करने की कला हासिल थी.''
जब पति की मानसिक बीमारी का पता चला
सानिया अपनी ज़िंदगी में भी इसी तरह की खुशी चाहती थीं. राहील अहमद से पांच साल के रिश्ते के बाद दोनों ने जून 2021 में शादी कर ली और दोनों शिकागो रहने चले गए.
उनके बचपन की एक दोस्त ने बताया है कि ''उनकी शादी एक बहुत ही भव्य और पाकिस्तानी अंदाज़ में हुई थी. लेकिन, वो शादी झूठ के पुलिंदों पर खड़ी थी.''
सानिया के दोस्तों का दावा है कि राहील अहमद को लंबे समय से मानसिक स्वास्थ्य संबंधी परेशानियां थीं. दोनों शादी से पहले ज़्यादातर लॉन्ग डिस्टेंस रिश्ते में थे जिसके कारण दोनों एक-दूसरे के बारे में ठीक से नहीं जान पाए.
सानिया की दोस्त कहती हैं कि सानिया ने उन्हें बताया था कि दिसंबर में परेशानियां काफ़ी बढ़ गयीं क्योंकि राहील अहमद की मानसिक स्वास्थ्य से जुड़ी समस्याएं एक संकट में तब्दील हो गयीं जिससे उन्होंने (सानिया) खुद को असुरक्षित महसूस किया.
बीबीसी ने इस संबंध में राहील अहमद के परिवार से बात करने की कोशिश की लेकिन उनसे बात नहीं हो पाई.
सानिया ख़ान के परिवार ने भी इस संबंध में बात करने से इनकार कर दिया है.
क्या कहते हैं आँकड़े
वॉयलेंस पॉलिसी सेंटर के मुताबिक, अमेरिका में हर हफ़्ते एक दर्जन हत्या-आत्महत्या के मामले आते हैं. इनमें से दो तिहाई मामले दंपतियों के बीच होते हैं.
अपने पार्टनर के साथ ख़राब रिश्तों में रह रही महिलाओं के लिए मानसिक बीमारी और रिश्तों की समस्याएं सबसे बड़े ख़तरे माने जाते हैं.
घरेलू हिंसा विशेषज्ञ कहते हैं कि महिलाओं को रिश्ते से अलग होने पर अपने ही पार्टनर से मारे जाने का ख़तरा सबसे ज़्यादा होता है.
लेकिन दिसंबर में जो हुआ उसके बाद सानिया ख़ान ने अपनी असफल होती शादी के बारे में दोस्तों से बात करने का फ़ैसला किया.
दोस्त बताते हैं कि सानिया ने अपने वैवाहिक जीवन से जुड़ी मुश्किलों के बारे में बताया. इन दोस्तों के मुताबिक़, सानिया ने बताया था कि उनके पति रात को सोते नहीं हैं और अज़ीब सा व्यवहार करते हैं. वो किसी से मदद या थेरेपी भी नहीं लेना चाहते और उनकी मानसिक बीमारी सानिया के लिए बोझ बनती जा रही है.
दोस्तों का आरोप है कि जब वो सानिया को शादी से निकलने के लिए बोल रहे थे तो दूसरे शख़्स उन्हें शादी में बने रहने की सलाह दे रहे थे.
26 साल की ब्रिआना विलियम्स ने कहा कि जब वो आख़िरी बार मई में शिकागो में मिले थे तो सानिया रो पड़ी थीं.
उन्होंने बीबीसी को बताया, ''सानिया ने कहा था कि तलाक़ को शर्मनाक माना जाता है और वो बिल्कुल अकेली पड़ गई हैं. वो कहा करती थीं कि लोग क्या कहेंगे.''
सानिया ख़ान के माता-पिता का भी तलाक़ हो गया था.
ऐसे में उन्हें अनुभव था कि समाज में शादी से अलग होने पर लोगों की कैसी प्रतिक्रिया होती है.
समाज के दबाव से जूझते लोग
शिकागो की एक संस्था 'अपना घर' की एग्ज़िक्यूटिव डायरेक्टर नेहा गिल कहती हैं, ''परिवारों पर बहुत सांस्कृतिक दबाव होता है, उन्हें चिंता होती है कि दुनिया इसे कैसे देखेगी.''
'अपना घर' शादी में दुर्व्यवहार का सामना करने वाली दक्षिण एशियाई महिलाओं को सांस्कृतिक तौर पर अहम सेवाएं प्रदान करता है.
नेहा गिल कहती हैं, ''कई दक्षिण एशियाई समुदाय महिलाओं को कमतर मानते हैं और उन्हें लगता है कि महिलाओं पर किसी का नियंत्रण होना ज़रूरी है. संस्कृतियां बहुत सामुदायिक है यानी वो निजी सुरक्षा और भलाई से ऊपर परिवार या समुदाय को रखते हैं.''
लेकिन, अपने दोस्तों की मदद से सानिया ख़ान ने तलाक़ फाइल किया और अगस्त में इसकी सुनवाई होनी थी.
दोस्तों ने बताया कि उन्होंने अपने दरवाज़ों के ताले भी बदल लिए थे.
उन्होंने टिकटॉक पर अपनी कहानी बतानी शुरू की और वहां अपना नाम ''द ब्लैक शीप'' रखा था.
उनकी एक पोस्ट में लिखा था, ''दक्षिण एशियाई महिला होने के नाते तलाक़ से गुजरना ज़िंदगी में असफल होने जैसा लगता है.''
एक और पोस्ट कहती है, ''मेरे परिवार के लोगों ने मुझसे कहा कि अगर मैं अपने पति को छोड़ दूंगी तो मैं शैतान को जीतने दूंगी. अगर मैं प्रॉस्टिच्यूट की तरह कपड़े पहनती हूं तो अपने घर वापस आने पर वो मुझे मार देंगे.''
जब टिकटॉक पर मिली पहचान
यूनिवर्सिटी की एक और दोस्त 28 साल की नैटी उस समय को याद करती हैं जब सानिया ख़ान टिकटॉक पर वायरल हुई थीं. नैटी ने उनका उपनाम जाहिर ना करने का अनुरोध किया है.
नैटी कहती हैं, ''वो फ़ोन पर मुझसे बात करते हुए बहुत खुश थी. उन्होंने कहा कि मुझे यही करना है: मेरे रिश्ते के बारे में बताना और ख़राब शादियों से निकलने वाली महिलाओं का नेतृत्व करना.''
नैटी के मुताबिक हर पोस्ट के साथ सानिया ख़ान को शांति और मजबूती मिलती थी, चाहें उनका अपनी शादी की मुश्किलें सार्वजनिक करने के लिए विरोध ही क्यों ना होता हो.
सानिया ख़ान की मौत तक टिकटॉक पर उनके 20 हज़ार प्रशंसक थे. 35 साल की पाकिस्तानी-अमेरिकी मुसलमान महिला बिस्मा परवेज़ भी उनमें से एक थीं.
उन्होंने कहा, ''मुझे याद है जब मैंने उनका पहला वीडियो देखा था. मैंने उनके लिए प्रार्थना की. महिलाओं को ऐसे मामलों में सब्र रखने के लिए बोला जाता है और ख़राब रिश्ते का जवाब सब्र रखना नहीं है.''
बिस्मा परवेज़ ने अपने एक टिकटॉक वीडियो में सानिया की मौत पर ख़ेद जताया है जिसे कई लोगों ने शेयर किया. तब से इस मामले पर बहुत चर्चा होने लगी.
'अपना घर' संस्था ने कहा है कि वो सानिया ख़ान की मौत के एक महीने होने पर उनकी याद में एक वर्चुअल पैनल चर्चा रखने वाला है.
दोस्तों और सोशल मीडिया पर अपने प्रशंसकों से मिल रहे प्यार के बीच हाई स्कूल में सानिया की पूर्व सहपाठी ने शिकागो में चट्टानूगा स्कूल फ़ॉर आर्ट्स एंड साइंसेज में उनके नाम पर एक स्कॉलरशिप शुरू की है.
बिस्मा परवेज़ कहती हैं, ''हर कोई चुप है, लेकिन सोशल मीडिया आपको यह समझने में मदद करता है कि यह एक वैश्विक समस्या है.''
वह कहती हैं, ''हम महिलाओं को हमेशा अपनी सुरक्षा करने के लिए कहते हैं लेकिन लड़कों की ऐसी परवरिश भी ज़रूरी है कि वो महिलाओं का सम्मान करें. इसकी शुरुआत घर से होती है और हर घर को ये बदलाव करने की ज़रूरत है.'' (bbc.com)
इराक़, 11 अगस्त । इराक़ी अभिनेत्री इनास तालेब ने ब्रिटेन के प्रतिष्ठित अख़बार द इकॉनोमिस्ट के ख़िलाफ़ क़ानूनी कार्रवाई करने का फ़ैसला किया है.
द इकॉनोमिस्ट ने हाल ही में एक लेख छापा था जो अरब दुनिया की महिलाओं के बारे में था. इस लेख में अरबी महिलाओं को वहां के पुरुषों की तुलना में 'मोटा' बताया गया था.
इस लेख के लिए इनसा तालेब की एक तस्वीर का इस्तेमाल किया गया था. उन्होंने इस पर अपना विरोध दर्ज कराते हुए क़ानूनी कार्रवाई करने का रास्ता चुना है.
इराक़ की जानी-मानी अभिनेत्री और टॉक-शो की होस्ट इनास तालेब ने एक इंटरव्यू में बताया है कि उनकी तस्वीर का इस्तेमाल बिना किसी संदर्भ के, उनकी अनुमति के बिना किया गया है. उन्होंने इसे अपनी निजता का उल्लंघन बताया है.
उनका दावा है कि उनकी तस्वीर के साथ छेड़छाड़ यानी फ़ोटोशॉप भी किया गया है.
इस संबंध में इकॉनोमिस्ट से उनका कमेंट लेने की कोशिश की गई लेकिन अभी तक उनकी ओर से कोई जवाब नहीं दिया गया है.
इस लेख का शीर्षक था- "Why Women Are Fatter Than Men in the Arab World" (अरब दुनिया में पुरुषों की तुलना में महिलाएं अधिक मोटी क्यों हैं).
यह लेख जुलाई के अंत में प्रकाशित हुआ था, जिसमें तालेब की तस्वीर को इस्तेमाल किया गया था. उनकी यह तस्वीर नौ महीने पुरानी, बेबीलोन इंटरनेशनल फेस्टिवल के वक़्त खींची गई थी.
इसमें यह तर्क दिया गया है कि ग़रीबी और महिलाओं को घर से बाहर न निकलने देने के लिए लगाए गए सामाजिक प्रतिबंध उन कारणों में से हैं, जिनकी वजह से पुरुषों की तुलना में अरब महिलाएं अधिक वज़न वाली हैं.
लेख में एक वजह ये भी दी गई है कि ऐसा हो सकता है कि कुछ पुरुषों को महिलाओं के 'कर्व्स' अधिक आकर्षक लगते हों. लेख के अनुसार, "इराक़ी, आदर्श सुंदरता के रूप में पर्याप्त 'कर्व्स' वाली तालेब का उदाहरण देते हैं."
महिलाओं का अपमान
तालेब ने इस लेख को अरब महिलाओं का अपमान बताया है.
उन्होंने लिखा है, "यह अरब महिलाओं का अपमान है और ख़ासतौर पर इराक़ी महिलाओं का."
वह पूछती है कि आख़िर इकॉनोमिस्ट, अरब दुनिया की 'मोटी' महिलाओं में इतनी रुचि ले रहा है बजाय यूरोप और अमेरिका में रुचि लेने के.
जॉर्डन से अल-अरबिया से बात करते हुए उन्होंने कहा, "इस लेख की वजह से सोशल-मीडिया पर उन्हें बुली किया गया."
उन्होंने न्यू लाइन्स पत्रिका से कहा कि वह जैसी दिखती हैं, वह उससे खुश हैं.
उन्होंने पत्रिका से कहा कि उनके लिए यही सबसे अधिक मायने रखता है.
कौन हैं तालिब
42 साल की तालिब इराक़ की एक अभिनेत्री जिनके इंस्टाग्राम पर नब्बे लाख से अधिक फ़ॉलोअर्स हैं.
अल-अरबिया को दिए अपने इंटरव्यू में उन्होंने कहा कि यह इकॉनोमिस्ट का दुर्भाग्य है कि उन्होंने उन्हें नाराज़ किया.
उन्होंने कहा कि शायद उन्हें यह पता नहीं है कि मैं एक सेलेब्रिटी और एक पब्लिक फ़िगर हूं.
इकॉनोमिस्ट के लेख को सोशल मीडिया पर भी आलोचनाओं का सामना करना पड़ा था. इस लेख पर नस्लवादी, सेक्सिट और शर्मनाक होने का भी आरोप लगाया गया है. (bbc.com/hindi)
हवाना, 11 अगस्त (आईएएनएस)| क्यूबा, मैक्सिको और वेनेजुएला के विशेषज्ञ और दमकलकर्मी मातंजास प्रांत में एक ईंधन भंडार में आग पर काबू पाने में सफल हो रहे हैं। 5 अगस्त को क्यूबा के तेल के 26,000 क्यूबिक मीटर वाले एक टैंक पर बिजली गिरने से आग लग गई थी और बाद में पास के तीन टैंकों को खा लिया, जिसमें एक की मौत हो गई, 14 लापता और 125 घायल हो गए।
समाचार एजेंसी शिन्हुआ की रिपोर्ट के अनुसार, क्यूबाई सेना के कई विमानों ने साइट पर पानी डालना जारी रखा, जबकि मैक्सिकन नौसेना के एक हेलीकॉप्टर ने बुधवार सुबह टोही उड़ान भरी, ताकि नुकसान की सीमा का पता लगाया जा सके।
इस बीच, दो मैक्सिकन जहाजों ने आग की कुछ जेबों को बुझाने और क्षेत्र को ठंडा करने के लिए मातनजस खाड़ी से समुद्री जल के शक्तिशाली जेट लॉन्च किए, जबकि वेनेजुएला के हाइड्रोलिक पंप ने इसी उद्देश्य के लिए रासायनिक फोम के साथ पानी की आपूर्ति की।
अग्निशामकों ने अभी भी जलने वाले क्षेत्रों को नियंत्रित करने में प्रगति की है और साइट से लगभग 150 मीटर की दूरी पर स्थित चार शेष ईंधन टैंकों की रक्षा कर रहे हैं, जबकि आग प्रारंभिक क्षेत्र तक ही सीमित रही।
संचालन के अगले चरण का विवरण देने वाले अधिकारियों के अनुसार, आग की लपटों पर पांच पानी के पंपों से हमला किया जाएगा, जिसमें क्यूबा के अन्य प्रांतों के अग्निशमन विभाग और वेनेजुएला और मैक्सिकन ब्रिगेड शामिल होंगे।
ताइपे, 11 अगस्त | ताइवान की मुख्य विपक्षी पार्टी ने क्षेत्र में पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए) द्वारा सैन्य अभ्यास के कारण जारी तनाव के बावजूद चीन के लिए एक प्रतिनिधिमंडल भेजा है। समाचार एजेंसी डीपीए की रिपोर्ट के अनुसार, ताइवान के विपक्षी कुओमिन्तांग (केएमटी) के उपाध्यक्ष एंड्रयू हसिया के नेतृत्व में प्रतिनिधिमंडल बुधवार को चीन की यात्रा के लिए रवाना हुआ।
केएमटी के अनुसार, यह ताइवान के व्यवसायियों और चीन में अध्ययन करने वाले या रहने वाले कुछ नागरिकों से मिलने के लिए मुख्य रूप से दक्षिण-पूर्वी तटीय प्रांतों, जैसे फुजि़यान और झेजियांग के साथ-साथ ग्वांगडोंग प्रांत में पर्ल नदी डेल्टा में एक लंबी-योजनाबद्ध यात्रा थी।
बीजिंग में नियुक्तियों की योजना नहीं है।
चीन में, हसिया के नेतृत्व वाले प्रतिनिधिमंडल के लिए आवश्यक क्वारंटीन अवधि 21 अगस्त को समाप्त हो रही है, जिसके बाद वे 27 अगस्त को ताइवान लौट आएंगे।
यात्रा ने विवाद को जन्म दिया है, क्योंकि ताइवान पर अमेरिकी प्रतिनिधि सभा के अध्यक्ष नैन्सी पेलोसी द्वारा ताइपे की यात्रा के प्रतिशोध में ताइवान के खिलाफ बीजिंग के हालिया सैन्य और आर्थिक अभियान का दबाव रहा है।
ताइवान के राष्ट्रपति त्साई इंग-वेन केएमटी की यात्रा से परेशान थे।
त्साई ने बुधवार दोपहर अपनी डेमोक्रेटिक प्रोग्रेसिव पार्टी (डीपीपी) की बैठक में कहा, "इस समय, केएमटी ने हमारे लोगों को निराश करते हुए चीन जाने पर जोर दिया। जिस तरह से यह कार्य करता है वह अंतर्राष्ट्रीय समुदाय को गलत संदेश भेज रहा है।"
केएमटी ने परंपरागत रूप से सत्तारूढ़ डीपीपी की तुलना में चीनी सरकार के साथ निकट संपर्क बनाए रखा है, जो स्वतंत्रता की ओर अधिक झुकता है। (आईएएनएस)|
(ललित के. झा)
वाशिंगटन, 11 अगस्त। अमेरिका में डोनाल्ड ट्रंप के भारतीय मूल के समर्थकों ने फ्लोरिडा में उनके आलीशान घर पर छापे मारे जाने के कदम को पूर्व राष्ट्रपति के खिलाफ ‘‘दुर्भावनापूर्ण कार्रवाई’’ बताया है।
गौरतलब है कि संघीय जांच ब्यूरो (एफबीआई) ने सोमवार को ट्रंप के फ्लोरिडा स्थित आवास पर छापा मारा था और उनकी तिजोरी भी तोड़ दी थी। अमेरिका का न्याय मंत्रालय इस बात की तफ्तीश कर रहा है कि क्या ट्रंप ने 2020 में व्हाइट हाउस छोड़ने के बाद अपने फ्लोरिडा स्थित आवास पर गोपनीय रिकॉर्ड छिपाए हैं।
अमेरिकी उद्यमी एवं फ्लोरिडा के ओकोला में समुदाय के नेता दिग्विजय गायकवाड़ ने बुधवार को कहा, ‘‘यह अनुचित, अन्यायपूर्ण, अनसुनी और पूरी तरह से आश्चर्यजनक कार्रवाई थी।’’
ट्रंप के भारतीय-अमेरिकी समर्थक एफबीआई के छापे के खिलाफ खुलकर सामने आ गए हैं और उन्होंने आरोप लगाया कि यह कार्रवाई राजनीति से प्रेरित है।
‘इंडियन अमेरिकन ट्रंप अभियान’ की सदस्य डॉ. शोभा ने कहा, ‘‘मुझे लगता है कि यह जरूरी नहीं था और जांच करने का यह सही तरीका नहीं है। यह केवल निशाना बनाने को लेकर की गई दुर्भावनापूर्ण कार्रवाई का रूप ले रहा है। कोई भी कानून से ऊपर नहीं है, लेकिन साथ ही आपको उचित कार्रवाई करने की आवश्यकता है।’’
एफबीआई ने ट्रंप के घर पर ऐसे वक्त में छापा मारा है जब वह 2024 में राष्ट्रपति पद के चुनाव के लिए अपनी दावेदारी पेश करने की तैयारी कर रहे हैं।
ट्रंप के चुनाव प्रचार अभियान के लिए निधि एकत्रित करने वाले और उनके समर्थक अल मैसन ने कहा, ‘‘ट्रंप सकारात्मकता पर एक किताब हैं। यह छापा ट्रंप के लिए सकारात्मक है उनके लिए एक तरह का आशीर्वाद है। यह निश्चित ही उन्हें 2024 में फायदा पहुंचाएगा।’’
वहीं, निवेशक एवं उद्यमी श्रीधर चित्याला ने एफबीआई के छापों को अभूतपूर्व और अवांछित बताया है। (भाषा)
इस्लामाबाद, 10 अगस्त | प्रतिबंधित फंडिंग और तोशाखाना मामलों में पीटीआई अध्यक्ष के खिलाफ मामला दर्ज करने के पाकिस्तान सरकार के कदम पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए पूर्व गृह मंत्री शेख रशीद अहमद ने चेतावनी दी है कि इमरान खान को गिरफ्तार करने या पार्टी को तोड़ने का प्रयास देश में 'खूनी राजनीति' को बढ़ावा देगा। जियो न्यूज की रिपोर्ट के अनुसार, रशीद ने कहा कि देश की सुरक्षा सत्ता से ज्यादा महत्वपूर्ण है। अफगानिस्तान में अस्थिरता का असर पाकिस्तान में शांति पर भी पड़ेगा।
संघीय जांच एजेंसी (एफआईए) ने अवैध फंडिंग की जांच शुरू कर दी है और पीटीआई के वरिष्ठ नेताओं को पेश होने के लिए तलब किया है।
अवैध फंडिंग मामले में ईसीपी के फैसले और बलूचिस्तान हेलीकॉप्टर दुर्घटना के बाद सेना के खिलाफ अभियान चलाने के बाद सरकार पीटीआई पर नकेल कसने की कोशिश कर रही है।
जियो न्यूज की रिपोर्ट के अनुसार, ट्वीट्स की एक सीरीज में सत्तारूढ़ गठबंधन को चेतावनी देते हुए, रशीद ने कहा कि आर्थिक पतन, राजनीतिक अस्थिरता, बढ़ती जबरन वसूली और आतंकवाद की घटनाएं उनकी राजनीति को समाप्त कर देंगी।
उन्होंने आगे कहा कि चीन पाकिस्तान के बारे में अच्छा सोच रहा है और शासकों को इसके संकेतों को समझना चाहिए और स्वतंत्रता दिवस को तबाही का दिन नहीं बनाना चाहिए।
इमरान खान को गिरफ्तार करना और पीटीआई को तोड़ने की योजना खूनी राजनीति की शुरूआत होगी।
उन्होंने कहा कि उनका एजेंडा इमरान खान को अयोग्य ठहराना और नवाज शरीफ को योग्य बनाना है। (आईएएनएस)|
कीव, 10 अगस्त | रूस के साथ जारी युद्ध तब तक समाप्त नहीं होगा जब तक कि क्राइमिया का काला सागर प्रायद्वीप, जिसे मास्को ने 2014 में कब्जा कर लिया गया था, मुक्त नहीं हो जाता। यह बयान यूक्रेन के राष्ट्रपति जेलेंस्की ने दिया है। डीपीए समाचार एजेंसी ने मंगलवार को अपने रात के वीडियो संबोधन में राष्ट्रपति के हवाले से कहा, "क्राइमिया यूक्रेन का हिस्सा है और हम इसे कभी नहीं छोड़ेंगे। जब तक क्राइमिया पर कब्जा है, काला सागर क्षेत्र सुरक्षित नहीं हो सकता।"
"भूमध्य सागर के तट पर कई देशों में तब तक कोई स्थिर और स्थायी शांति नहीं होगी जब तक रूस हमारे प्रायद्वीप को अपने सैन्य अड्डे के रूप में उपयोग करने में सक्षम है।"
जेलेंस्की ने आगे कहा, "यूक्रेन और पूरे स्वतंत्र यूरोप के खिलाफ यह रूसी युद्ध क्रीमिया से शुरू हुआ और क्रीमिया के साथ समाप्त होना चाहिए, इसकी मुक्ति के साथ।"
बता दे, मंगलवार को क्राइमिया के पश्चिम में स्थित नोवोफेडोरिव्का के पास साकी सैन्य अड्डे पर सिलसिलेवार विस्फोट हुए, जिसमें एक व्यक्ति की मौत हो गई। हालांकि जेलेंस्की ने अपने संबोधन में विस्फोटों का जिक्र नहीं किया।
जबकि रूस ने विस्फोटों को खास तवज्जो नहीं दिया। यूक्रेन के एक शीर्ष सलाहकार ने इस बात से इनकार किया कि कीव इसके लिए जिम्मेदार है।
क्राइमिया आधिकारिक तौर पर यूक्रेन का हिस्सा है लेकिन 2014 में एक जनमत संग्रह के बाद रूस द्वारा कब्जा कर लिया गया, जिसे अंतर्राष्ट्रीय समुदाय नाजायज मानता है। (आईएएनएस)|
संयुक्त राष्ट्र, 10 अगस्त। अफ्रीका के सुरक्षा विशेषज्ञ मार्टिन एवी ने मंगलवार को संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद को आगाह किया कि अफ्रीका में इस्लामिक स्टेट आतंकवादी संगठन का खतरा हर दिन बढ़ रहा है और यह महाद्वीप उसकी ‘‘खिलाफत का भविष्य’’ हो सकता है।
एवी ने कहा कि इस्लामिक स्टेट ने अफ्रीका में अपना दबदबा बढ़ाया है और कम से कम 20 देश आतंकवादी संगठन की गतिविधियों का प्रत्यक्ष तौर पर अनुभव कर रहे हैं तथा 20 से अधिक अन्य देशों का इस्तेमाल धन तथा अन्य संसाधन जुटाने के लिए किया जा रहा है।
उन्होंने कहा, ‘‘ये अब क्षेत्रीय गढ़ हैं, जो अफ्रीका में अस्थिरता लाने का जरिया बन गए हैं।’’
एवी ने कहा कि चाड, नाइजीरिया, नाइजर और कैमरून की सीमा से लगता लेक चाड बेसिन आतंकवादी संगठन की गतिविधियों का सबसे बड़ा अड्डा है, साहेल के कई इलाके अब ‘‘अनियंत्रित’’ हैं और सोमालिया अफ्रीका में आईएस का ‘‘गढ़’’ बना हुआ है।
एवी ने अफ्रीका में आईएस के सफल होने के कई कराण बताए, जिनमें प्राकृतिक संसाधनों की मौजूदगी भी शामिल है, जिससे दाएश जैसे संगठनों को खुद के लिए धन एकत्रित करने में मदद मिलती है। इसके अलावा गरीबी और फलस्तीन के मुद्दे से निपटने के लिए राजनीतिक इच्छाशक्ति की कमी कई अफ्रीकी युवाओं के ‘‘कट्टर’’ बनने की मुख्य वजह हैं।
संयुक्त राष्ट्र के आतंकवाद रोधी प्रमुख व्लादिमीर वोरोंकोव ने भी सुरक्षा परिषद को आगाह किया कि 2020 की शुरुआत में कोविड-19 वैश्विक महामारी फैलने के बाद से ही इस्लामिक स्टेट का खतरा बढ़ रहा है। (एपी)
सैन फ्रांसिस्को, 9 अगस्त| कर्मचारियों की छंटनी करने वाली बिग टेक कंपनियों की लीग में शामिल होकर, फोटो शेयरिंग प्लेटफॉर्म स्नैपचैट कर्मचारियों को बर्खास्त करने के लिए तैयार है और छंटनी की योजना बनाने के शुरुआती चरण में है। द वर्ज की एक रिपोर्ट के अनुसार, खराब भविष्य के पूर्वानुमान के बीच कंपनी द्वारा विनाशकारी तिमाही परिणाम (दूसरी तिमाही) पोस्ट करने के बाद स्नैप पर नौकरी में कटौती हो रही है।
सोमवार की देर रात रिपोर्ट में कहा गया, "अभी यह स्पष्ट नहीं है कि स्नैप के 6,000 से अधिक कर्मचारियों की छंटनी की जाएगी, क्योंकि कंपनी के प्रबंधक अभी भी अपनी टीमों के लिए कटौती की पूरी योजना बना रहे हैं।"
कंपनी ने अभी तक रिपोर्ट पर टिप्पणी नहीं की है।
स्नैप माइक्रोसॉफ्ट, ट्विटर, टिकटॉक, मेटा और गूगल जैसी कंपनियों में शामिल हो गया है, जिन्होंने वैश्विक आर्थिक मंदी के बीच या तो कर्मचारियों की छंटनी की है या नई नियुक्तियां रोक दी हैं।
स्नैपचैट की मूल कंपनी स्नैप को लगभग 10 बिलियन डॉलर का नुकसान हुआ और इसके शेयरों ने पिछले महीने निराशाजनक तिमाही परिणामों की तुलना में 52-सप्ताह के निचले स्तर पर पहुंच गया।
कंपनी ने पूर्व वर्ष में 15.2 करोड़ की तुलना में 42.2 करोड़ का शुद्ध घाटा दर्ज किया है।
सीएफओ डेरेक एंडरसन ने निवेशकों से कहा, "हम कई बड़े और बहुत परिष्कृत प्रतिस्पर्धियों का सामना कर रहे हैं (और) हम मैक्रो हेडविंड के बीच समग्र विज्ञापन पाई को धीमी दर से बढ़ते हुए देख रहे हैं।"
मई में, स्नैप ने इस साल भर्ती को धीमा करने की घोषणा की थी।
सीईओ इवान स्पीगल ने कर्मचारियों को बताया कि कंपनी की योजना इस साल 500 लोगों को काम पर रखने की है, जबकि पिछले 12 महीनों में इसने 2,000 लोगों को काम पर रखा है, निवेशकों को चेतावनी देने के बाद कि इसका राजस्व उम्मीद के मुताबिक तेजी से नहीं बढ़ेगा।
कई तकनीकी कंपनियों की तरह, स्नैप को बढ़ती मुद्रास्फीति और ब्याज दरों, आपूर्ति श्रृंखला की कमी और श्रम व्यवधानों, मंच नीति में बदलाव, यूक्रेन में युद्ध के प्रभाव और बहुत कुछ का सामना करना पड़ रहा है। (आईएएनएस)|
ताइपे, 9 अगस्त | ताइपे के विदेश मंत्री जोसेफ वू ने मंगलवार को दावा किया कि स्वशासित द्वीप पर आक्रमण की तैयारी के लिए ताइवान के आसपास बड़े पैमाने पर चीन सैन्य अभ्यास कर रहा है। आरटी ने वू के हवाले से कहा, "चीन ने ताइवान पर आक्रमण की तैयारी के लिए अभ्यास और अपनी सैन्य प्लेबुक का इस्तेमाल किया है।"
राजनयिक ने जोर देकर कहा कि बीजिंग "बड़े पैमाने पर सैन्य अभ्यास और मिसाइल प्रक्षेपण, साथ ही साइबर हमले, एक दुष्प्रचार अभियान और ताइवान में सार्वजनिक मनोबल को कमजोर करने के लिए आर्थिक जबरदस्ती" में संलग्न है।
अमेरिकी हाउस स्पीकर नैन्सी पेलोसी की द्वीप यात्रा के जवाब में चीन ने 2 अगस्त को ताइवान के आसपास छह समुद्री क्षेत्रों में लाइव-फायर अभ्यास सहित युद्ध के खेल शुरू किए।
चीन के सैन्य अभ्यास से पता चलता है कि बीजिंग को इसे नियंत्रित करने के लिए ताइवान पर आक्रमण करने की आवश्यकता नहीं है - बल्कि चीनी और अमेरिकी विश्लेषकों के अनुसार, यह स्व-शासित द्वीप का गला घोंट सकता है, इसे बाहरी दुनिया से काट सकता है।
पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए) अभ्यास, जो आधिकारिक तौर पर 4 अगस्त को शुरू हुआ, ने छह क्षेत्रों पर ध्यान केंद्रित किया, जो ताइवान के चारों तरफ है। यह क्षेत्र में नागरिक जहाजों और विमानों तक पहुंच को प्रतिबंधित करता है।
पीएलए नेशनल डिफेंस यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर मेंग जियांगकिंग ने कहा कि छह क्षेत्रों को यह दिखाने के लिए चुना गया कि चीन ताइवान के बंदरगाहों को कैसे काट सकता है, अपने सबसे महत्वपूर्ण सैन्य प्रतिष्ठानों पर हमला कर सकता है और ताइवान की सहायता के लिए आने वाली विदेशी ताकतों के लिए पहुंच को अलग कर सकता है। (आईएएनएस)|
कीव/मास्को, 9 अगस्त | रूस द्वारा एक बार फिर यूक्रेन के जापोरिज्जया परमाणु ऊर्जा संयंत्र पर हाल ही दिनों में गोलाबारी की गई, जिसके चलते सुरक्षा को लेकर चिंताएं बढ़ गई हैं। अंतर्राष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी (आईएईए) में कीव के दूत येवेनी जिम्बाल्युक के हवाले से समाचार एजेंसी डीपीए ने सोमवार को वियना में कहा, रूसी कब्जे वाले जापोरिज्जया में यूक्रेनी परमाणु संयंत्र में एक दुर्घटना चेरनोबिल या फुकुशिमा आपदाओं से कहीं अधिक खराब होगी।
उन्होंने न केवल यूक्रेन, बल्कि पूरे यूरोप के लिए गंभीर परिणामों की चेतावनी दी।
संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरेस ने भी मौजूदा स्थिति के खतरे की चेतावनी देते हुए कहा कि परमाणु संयंत्र पर कोई भी हमला 'आत्मघाती' के तौर पर देखा जाता है।
हालांकि विश्लेषकों का कहना है कि चेरनोबिल और फुकुशिमा में संयंत्रों की तुलना में जापोरिज्जया एक अलग विशेष सुरक्षात्मक परत के लिए बेहतर संरक्षित है, हालांकि यह संभवत: एक लक्षित सैन्य हमले का सामना करने में असमर्थ होगा।
आईएईए ने कहा कि किसी भी तैनाती के लिए मॉस्को और कीव दोनों के समर्थन की जरूरत होगी।
क्रेमलिन के प्रवक्ता दिमित्री पेसकोव ने कहा, "हम उम्मीद करते हैं कि जिन देशों का यूक्रेनी नेतृत्व पर पूर्ण प्रभाव है, वे इसका इस्तेमाल आगे की गोलाबारी को रोकने के लिए करेंगे।" (आईएएनएस)|
वाशिगंटन, 9 अगस्त | इंटरनेट पर नई तस्वीरों से पता चला है कि पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने पुराने सरकारी दस्तावेजों को फाड़ दिया और टॉयलेट में बहा दिया। समाचार एजेंसी डीपीए की रिपोर्ट के अनुसार, न्यूयॉर्क टाइम्स की रिपोर्टर मैगी हैबरमैन ने ट्रंप व्हाइट हाउस पर अपनी आगामी पुस्तक 'कॉन्फिडेंस मैन' के लिए दस्तावेज डंप तस्वीरें हासिल की।
ट्रंप के इनकार के बावजूद, तस्वीरें दो शौचालयों के कटोरे में कागज दिखाती हैं, जिन पर उनकी विशिष्ट लिखावट है।
हैबरमैन ने एक्सियोस को बताया, "कुछ (ट्रम्प) सहयोगी आदत के बारे में जानते थे, जिसे वह बार-बार करते थे, यह ट्रम्प के लंबे समय तक दस्तावेजों को फाड़ने की आदत का विस्तार था जिसे संरक्षित किया जाना था।"
रिपोर्ट के मुताबिक, इनमें से एक फोटो व्हाइट हाउस के एक टॉयलेट की है, जबकि दूसरी विदेश यात्रा की है।
नष्ट किए गए दस्तावेजों के विषय में बताना असंभव है। लेकिन नाम 'स्टीफानिक', जाहिरा तौर पर अपस्टेट प्रतिनिधि एलिस स्टेफनिक का एक संदर्भ, कागज के एक टुकड़े पर सुपाठ्य है।
पूर्व राष्ट्रपति ने अपने प्रवक्ता टायलर बुडोविच के माध्यम से नई रिपोर्ट की निंदा की।
बुडोविच ने कहा, "यदि शौचालय के कटोरे में कागज की तस्वीरें आपकी प्रचार योजना का हिस्सा हैं, तो आपको किताबें बेचने के लिए बहुत बेताब होना होगा।"
दो बार महाभियोग चलाने वाले राष्ट्रपति अपने लगातार गुस्से में दस्तावेजों को फाड़ने के लिए कुख्यात थे, जिससे सहयोगियों को स्क्रैप इकट्ठा करने के लिए मजबूर होना पड़ा, जिसे बाद में एक साथ वापस टेप करना पड़ा और राष्ट्रीय अभिलेखागार में जमा करना पड़ा।
ट्रंप ने 20 जनवरी, 2021 को व्हाइट हाउस छोड़ने पर अपने साथ फ्लोरिडा एस्टेट में 'क्लासफील्ड' के रूप में चिह्न्ति कागजात सहित रिकॉर्ड से भरे कई बॉक्स भी लिए।
कार्रवाई राष्ट्रपति के रिकॉर्ड अधिनियम का उल्लंघन कर सकती है, जो कहता है कि ऐसे रिकॉर्ड सरकारी संपत्ति हैं और उन्हें संरक्षित किया जाना चाहिए। (आईएएनएस)|
मैड्रिड, 9 अगस्त | इस साल जुलाई 25.6 डिग्री सेल्सियस के औसत तापमान के साथ रिकॉर्ड पर स्पेन का सबसे गर्म महीना रहा। देश के मौसम विज्ञान विभाग ने यह बात कही। समाचार एजेंसी डीपीए की रिपोर्ट के मुताबिक, मासिक औसत ने जुलाई 2015 के पिछले रिकॉर्ड को 0.2 डिग्री सेल्सियस से पीछे छोड़ दिया और जुलाई के दीर्घकालिक औसत से 2.7 डिग्री अधिक है। वहीं पिछला रिकॉर्ड 1961 का है।
एमेट के प्रवक्ता रूबेन डेल कैम्पो ने सोमवार को कहा, "हमारे देश में व्यावहारिक रूप से जुलाई के पूरे महीने में बहुत गर्म हवाएं थीं। 9 और 26 जुलाई के बीच गर्मी की लहर उत्तरी अफ्रीका से भी गर्म हवा के द्रव्यमान से प्रेरित थी।"
उन्होंने कहा, "गर्मी की लहर, जिसने मुख्य भूमि और बेलिएरिक द्वीप समूह को प्रभावित किया, 18 दिनों में रिकॉर्ड शुरू होने के बाद से दूसरी सबसे लंबी थी।"
एक महीने के सूखे और तेज हवाओं के साथ, गर्मी ने जुलाई में कई आग फैलने के लिए अनुकूल परिस्थितियों का निर्माण किया। 2022 स्पेन में जंगल की आग के लिए रिकॉर्ड पर सबसे विनाशकारी वर्ष है।
पहले सात महीनों में आग की लपटों ने 2,000 वर्ग किलोमीटर से अधिक भूमि को नष्ट कर दिया, जो लगभग टेनेरिफ के आकार का क्षेत्र है, जो स्पेन के कैनरी द्वीप समूह का सबसे बड़ा क्षेत्र है।
स्पेन के कई हिस्सों में अभी भी आग जल रही है, लेकिन स्थिति जुलाई की तुलना में कम गंभीर है। (आईएएनएस)|
-ललित के. झा
वाशिंगटन, 9 अगस्त। अमेरिका स्थित एक भारतीय संगठन ने ब्रिटेन के प्रधानमंत्री पद की दौड़ में शामिल भारतीय मूल के ऋषि सुनक को सोमवार को अपना समर्थन दिया।
ब्रिटेन में कंजर्वेटिव पार्टी का नया नेता चुनने की दौड़ में बचे अंतिम दो उम्मीदवार ऋषि सुनक और लिज़ ट्रस ने देश में महंगाई से निपटने के अपने प्रस्तावों को लेकर सोमवार को बहस की थी। कंजर्वेटिव पार्टी का नया नेता अगले महीने की शुरुआत में ब्रिटेन के प्रधानमंत्री का पद भी संभालेगा।
इस चुनाव में जीत दर्ज करने में कामयाब रहने पर सुनक ब्रिटेन के भारतीय मूल के पहले प्रधानमंत्री बन सकते हैं।
‘रिपब्लिकन हिंदू कॉलिशन’ (आरएचसी) ने कहा, ‘‘ ब्रिटेन के अगले प्रधानमंत्री के रूप में सुनक को समर्थन देते हैं, क्योंकि वह उनके मूल्यों एवं सिद्धांतों का सम्मान करते हैं।
उन्होंने कहा, ‘‘ हम सुनक का समर्थन केवल इसलिए नहीं कर रहे क्योंकि वह हिंदू हैं, बल्कि इसलिए भी कर रहे हैं क्योंकि ‘रिपब्लिकन हिंदू कॉलिशन’ की तरह सुनक हमारे मूल मूल्यों एवं संस्थापक सिद्धांतों का पूरी तरह सम्मान करते हैं, जिसमें सीमित शक्तियों वाली सरकार के साथ मुक्त उद्यम, राजकोषीय अनुशासन, पारिवारिक मूल्य और दृढ़ विदेश नीति शामिल है। ’’
आरएचसी की स्थापना अमेरिका में 2015 में हिंदू-अमेरिकी समुदाय और रिपब्लिकन नीति निर्माताओं एवं नेताओं के बीच एक पुल कायम करने के मकसद से की गई थी।
संगठन के संस्थापक, अध्यक्ष एवं मुख्य कार्यकारी अधिकारी शलभ कुमार ने कहा, ‘‘ ऋषि सुनक को मेरा और आरएचसी का पूरा समर्थन है। ब्रिटेन के नए प्रधानमंत्री के तौर पर सुनक बेहद सफल रहेंगे। सुनक केवल ब्रिटेन के लिए ही नहीं बल्कि उसके रणनीतिक सहयोगी अमेरिका और भारत के लिए भी बेहतरीन विकल्प साबित होंगे।’’
उन्होंने कहा, ‘‘ हम सभी कंजर्वेटिव के साथ-साथ दुनियाभर में मौजूद एक अरब हिंदुओं को प्रोत्साहित करते हैं कि वे ब्रिटिश एनईसी नियमों का पालन करते हुए ब्रिटेन के प्रधानमंत्री के पद के लिए ऋषि की उम्मीदवारी को पूर्ण समर्थन प्रदान करने के लिए अपने सर्वश्रेष्ठ प्रयास करें।’’
सुनक नियमित रूप से मंदिर में जाते हैं। उनका जन्म साउथेम्प्टन में हुआ था और वह नवंबर 2020 में ‘11 डाउनिंग स्ट्रीट’ के अपने कार्यालय-आवास के बाहर दीपावली के दीये जलाने वाले पहले वित्त मंत्री थे। उनकी बेटियां अनुष्का और कृष्णा भी भारतीय संस्कृति से पूरी तरह राबता रखती हैं। सुनक की पत्नी अक्षता ‘इन्फोसिस’ के सह-संस्थापक नारायण मूर्ति की बेटी हैं। (भाषा)
अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कहा है कि फ्लोरिडा स्थित उनके आवास पर एफ़बीआई ने छापा मारा है.
ट्रंप ने अपने बयान में कहा है कि पाम बीच पर उनके घर मार-अ-लागो को बड़ी संख्या में एफ़बीआई एजेंट ने अपने नियंत्रण में ले लिया है.
बीबीसी के अमेरिकी पार्टनर सीबीएस न्यूज़ की रिपोर्ट के अनुसार, एफ़बीआई की यह रेड ट्रंप ने राष्ट्रपति रहते हुए सरकारी दस्तावेज़ों को जिस तरह से हैंडल किया था, उसकी जाँच से जुड़ी हुई है.
पिछले साल अमेरिकी कैपिटोल में हुई हिंसा को लेकर भी ट्रंप एक संसदीय जाँच का सामना कर रहे हैं.
सीएनएन की रिपोर्ट के अनुसार, सोमवार को ट्रंप के फ्लोरिडा स्थित आवास पर एफ़बीआई ने रेड मारी तो पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति न्यूयॉर्क में ट्रंप टावर में थे.
ट्रंप ने अपने बयान की शुरुआत में कहा है कि यह उनके देश के लिए मुश्किल भरा समय है.
ट्रंप ने कहा, ''मैंने सभी ज़रूरी सरकारी एजेंसियों के साथ जाँच में सहयोग किया है. ऐसे में मेरे घर पर अघोषित रेड का कोई मतलब नहीं था. इस रेड में प्रक्रियागत खामी है. न्यायपालिका को अपने हिसाब से प्रभावित किया जा रहा है ताकि मैं 2024 का राष्ट्रपति चुनाव नहीं लड़ सकूं.''
ट्रंप ने कहा, ''इस तरह की कार्रवाई से अमेरिका का तीसरी दुनिया के देशों में शुमार हो सकता है. दुखद है कि अमेरिका उन देशों की तरह हो गया है, जो भ्रष्ट हैं. अमेरिका की ऐसी छवि पहले कभी नहीं थी.''
सीबीएस न्यूज़ ने पुष्टि है कि मार-अ-लागो में एफ़बीआई की रेड अमेरिका के नेशनल आर्काइव्स रिकॉर्ड के रख-रखाव से जुड़ी जाँच से संबंधित है.
नेशनल आर्काइव्स अमेरिका की सरकारी एजेंसी है. यह एजेंसी राष्ट्रपति से रिकॉर्ड को सुरक्षित रखती है. फ़रवरी महीने में अमेरिका के जस्टिट डिपार्टमेंट ने सरकारी दस्तावेज़ों के हैंडलिंग को लेकर ट्रंप के ख़िलाफ़ जाँच के लिए कहा था.
अमेरिका के सभी राष्ट्रपतियों को नियम के मुताबिक़ सभी पत्र, काम से जुड़े सभी दस्तावेज़ और ईमेल्स नेशनल आर्काइव्स को सौंपने होते हैं. लेकिन अधिकारियों का कहना है कि ट्रंप ने कई दस्तावेज़ नष्ट कर दिए थे.
नेशनल आर्काइव्स ने कहा है कि कुछ दस्तावेज़ों को फिर से हासिल किया गया था. हालाँकि ट्रंप ने सरकारी दस्तावेज़ों के साथ छेड़छाड़ की रिपोर्ट को ख़ारिज कर दिया था और इसे फ़र्ज़ी ख़बर बताया था.
पाम बीच में ट्रंप के एक वरिष्ठ सलाहकार सीबीएस से कहा कि मार-अ-लागों में फेडरल एजेंसी की रेड राष्ट्रपति के रिकॉर्ड से जुड़ी थी. उन्होंने अपना नाम सार्वजनिक नहीं करने की शर्त पर कहा, ''यह रेड पीआरए यानी राष्ट्रपति से जुड़े रिकॉर्ड वाले नियम के उल्लंघन से संबंधित थी.''
सूत्रों ने बताया कि एफ़बीआई ने रेड में ज़्यादा समय नहीं लिया था. न्यूयॉर्क टाइम्स की पत्रकार मैगी हबेर्मन की आने वाली किताब 'कॉन्फिडेंस मैन' में लिखा गया है कि व्हाइट हाउस के स्टाफ़ को कभी-कभी एक शौचालच में कागज़ का गट्ठा मिलता था और इससे पाइप ब्लॉक हो जाता था. ऐसा माना जाता है कि इन दस्तावेज़ों को ट्रंप ही फ्लश करवाते थे.
हाबेर्मन के पास तस्वीरें भी हैं, जिसमें एक शौचालय में नष्ट किए गए दस्तावेज़ हैं.
व्हाइट हाउस के सीनियर अधिकारियों ने सीबीएस से कहा है कि ट्रंप के घर पर छापे से जुड़ा कोई नोटिस नहीं दिया गया था.
व्हाइट हाउस के एक सीनियर अधिकारी, जो कि इस मुद्दे पर सार्वजनिक रूप से बोलने का अधिकार नहीं रखते हैं, उन्होंने कहा है कि व्हाइट हाउस को पहले से इसकी कोई जानकारी नहीं थी.
व्हाइट हाउस ने कहा है कि जस्टिस डिपार्टमेंट से इस मामले में सीमित बातचीत हुई है. ऐसा इसलिए भी कि इस मामले में कोई राजनीतिक दबाव की बात न कही जाए.
जो बाइडन ने राष्ट्रपति चुनाव के अपने अभियान में कहा था कि वह जस्टिस डिपार्टमेंट के मामलों से दूरी बनाकर रखेंगे.
राष्ट्रपति और उनके परिवार इस बात का भी इंतज़ार कर रहे हैं कि टैक्स चोरी के मामले में उनके बेटे हंटर बाइडन को फेडरल एजेंसी दोषी ठहराती है या नहीं.
अमेरिका की हाउस ऑफ रिप्रेजेंटेटिव्स की एक सेलेक्ट कमिटी ने आरोप लगाया है कि छह जनवरी 2021 को कैपिटोल में ट्रंप के समर्थकों ने तब दंगा किया था जब कांग्रेस में सांसद बाइडन की जीत पर मुहर लगाने के लिए बैठे थे.
इस कमिटी ने कहा है कि ट्रंप समर्थकों ने ऐसा इसलिए किया था ताकि ट्रंप के पास ही सत्ता रहे. इस कमिटी के सांसदों ने कहा है कि इस बात के ठोस सबूत हैं कि ट्रंप पर कांग्रेस की कार्यवाही को बाधित करने का मामला चलाया जा सके.
समिति के सांसदों ने कहा है कि ट्रंप पर धोखेधड़ी का भी मामला चलाया जा सकता है. उन्होंने सबूतों को भी नष्ट करने की कोशिश की.
अमेरिकी जस्टिस डिपार्टमेंट ने पहले ही कहा है कि ट्रंप ने 2020 में राष्ट्रपति चुनाव के नतीजों को जो चुनौती दी है, उसकी जाँच चल रही है.
पिछले महीने अटॉर्नी जनरल मेरिक गार्लैंड से एनबीसी न्यूज़ ने पूछा था कि एक पूर्व राष्ट्रपति के ख़िलाफ़ आरोप तय होने को लेकर क्या चिंतित हैं? इसके जवाब में उन्होंने कहा था कि उनका इरादा सभी को जवाबदेह बनाना है. (bbc.com)
वाशिंगटन, 8 अगस्त | अमेरिका के सिनसिनाटी शहर में हुई गोलीबारी में कम से कम नौ लोग घायल हो गए हैं। रविवार को एक संवाददाता सम्मेलन में सिनसिनाटी पुलिस विभाग के सहायक प्रमुख माइक जॉन के हवाले से डीपीए समाचार एजेंसी ने बताया कि संदिग्ध शूटर शहर के मेन स्ट्रीट पर भीड़भाड़ वाले इलाके में गोलियां चलाने के बाद मौके से फरार हो गया।
सिनसिनाटी पुलिस विभाग के सहायक प्रमुख माइक जॉन ने कहा, "अभी हमारे पास एक सिनसिनाटी पुलिस अधिकारी है जिसने एक राउंड को डिस्चार्ज कर दिया है। इसके अलावा हम नहीं जानते कि क्या उस अधिकारी ने उस व्यक्ति को मारा था जिस पर वह बंदूक चला रहा था।"
"मैं आपको जो बता सकता हूं, वह वह व्यक्ति है जिस पर उसने गोली चलाई थी, उस समय सक्रिय रूप से बंदूक की शूटिंग कर रहा था।"
उन्होंने कहा कि पीड़ितों में से किसी की भी हालत गंभीर नहीं है, ज्यादातर घाव निचले छोरों पर हैं।
यह घटना ओहायो शहर के लोकप्रिय ओवर-द-राइन पड़ोस में घटी जो अपने रेस्तरां और बार के दृश्य के लिए जाना जाता है।
पुलिस ने इस बात की पुष्टि नहीं की है कि कितनी गोलियां चलाई गईं, लेकिन जॉन ने कहा कि उन्हें 15 से 20 गोलियों का वर्णन करने वाले गवाहों के बयान मिले।
प्रारंभिक विवरण में कहा गया है कि संदिग्ध ने सफेद शर्ट और गहरे रंग की पैंट पहनी हुई थी, लेकिन कोई अन्य विवरण तुरंत उपलब्ध नहीं था।
सिनसिनाटी पुलिस विभाग के सहायक प्रमुख माइक जॉन ने आगे कहा कि सिनसिनाटी के नजदीकी सेंट्रल बिजनेस डिस्ट्रिक्ट में एक और गोलीबारी में कम से कम दो लोग घायल हो गए। (आईएएनएस)|
ढाका, 8 अगस्त | बीजिंग ने ढाका को म्यांमार में हिंसक उत्पीड़न से भागकर बांग्लादेशी शिविरों में रहने वाले हजारों रोहिंग्या मुसलमानों के प्रत्यावर्तन में मदद करने का आश्वासन दिया है, साथ ही चीन ने लौटने वालों को समायोजित करने के लिए लगभग 3,000 घरों का निर्माण किया है। समाचार एजेंसी डीपीए की रिपोर्ट के अनुसार, बांग्लादेश 10 लाख से अधिक रोहिंग्या मुसलमानों की मेजबानी कर रहा है।
2017 में म्यांमार द्वारा अल्पसंख्यक समूह पर सैन्य कार्रवाई शुरू करने के बाद लगभग 750,000 लोगों ने सीमा पार की।
बांग्लादेश के विदेश मंत्री एके अब्दुल मोमेन ने एक संवाददाता सम्मेलन में कहा कि उन्होंने रविवार को ढाका में अपने चीनी समकक्ष वांग यी से मुलाकात की थी।
एके अब्दुल मोमेन ने कहा कि चीनी मंत्री ने बैठक को सूचित किया कि उनके देश ने संभावित वापसी के लिए म्यांमार के राखाइन राज्य में पहले ही 3,000 घरों का निर्माण कर लिया है।
मोमेन ने कहा, "एक बार (शरणार्थियों) वापस आने के बाद चीन उनके लिए प्रारंभिक भोजन सहायता की भी व्यवस्था करेगा।"
मंत्री ने कहा, "हमें (चीन) धन्यवाद देना चाहिए कि वे ऐसा करने के लिए सहमत हुए।" उन्होंने कहा कि शरणार्थियों की पहचान का सत्यापन चल रहा था।
अधिकारियों के अनुसार, म्यांमार ने अब तक लगभग 58,000 लोगों की पहचान की जांच की है, क्योंकि बांग्लादेश ने कॉक्स बाजार के दक्षिण-पूर्वी जिले में स्थित शिविरों में रहने वाले 800,000 से अधिक शरणार्थियों का बायोमेट्रिक डेटा भेजा है।
शनिवार को दो दिवसीय दौरे पर ढाका पहुंचे यी न्यूज ब्रीफिंग में मौजूद नहीं थे, क्योंकि वह रविवार को बैठक के तुरंत बाद ढाका से उलानबटोर के लिए रवाना हुए थे।
बांग्लादेश के विदेश राज्य मंत्री शहरयार आलम ने कहा, "चीन ने रोहिंग्या संकट को हल करने में प्रगति की है और हमें स्थिति को समाप्त करने की जरूरत है।"
2019 में दो बार प्रत्यावर्तन के प्रयास विफल होने के बाद चीन ने जनवरी 2021 में एक सफलता खोजने के लिए बांग्लादेश और म्यांमार के साथ बैठक की सुविधा प्रदान की।
कोविड-19 महामारी के कारण एक साल से अधिक समय से बातचीत रुकी हुई थी। म्यांमार सरकार में शरणार्थी के भरोसे की कमी के बीच प्रत्यावर्तन के प्रयास विफल रहे। (आईएएनएस)|
वाशिगंटन, 8 अगस्त | मानव अवशेषों का चौथा समूह अमेरिका के सबसे बड़े जलाशय लेक मीड में पाया गया, जहां 22 साल के सूखे के बीच जल स्तर अभूतपूर्व स्तर तक गिर गया है, इस बात की जानकारी अधिकारियों ने दी है। नेशनल पार्क सर्विस ने रविवार को कहा कि पार्क रेंजर्स ने शनिवार को लेक मीड नेशनल रिक्रिएशन एरिया में स्विम बीच पर अवशेषों की खोज के बारे में एक कॉल का जवाब दिया।
समाचार एजेंसी डीपीए की रिपोर्ट के अनुसार, लास वेगास मेट्रोपॉलिटन पुलिस विभाग की गोताखोर टीम ने उनकी जांच में उनकी सहायता की। कंकाल के अवशेष स्विम बीच पर पाए जाने वाले दूसरे सेट हैं।
अधिकारियों ने खोज के बारे में कोई अतिरिक्त जानकारी नहीं दी। कोरोनर-मेडिकल परीक्षक के क्लार्क काउंटी कार्यालय के एक प्रवक्ता से टिप्पणी के लिए संपर्क नहीं हो सका।
मई के बाद से यह चौथी बार है कि झील में मानव अवशेषों की खोज की गई है, जो कैलिफोर्निया सहित दक्षिण-पश्चिम के कई राज्यों में 25 मिलियन लोगों और लाखों एकड़ कृषि भूमि को पानी प्रदान करती है।
अधिकारियों ने कहा कि कंकाल के अवशेषों का पहला सेट मई में एक बैरल में मिला था और व्यक्ति संभवत: 1970 या 1980 के दशक में बंदूक की गोली से मरा था।
लगभग एक हफ्ते बाद कॉलविल बे में अवशेषों का एक और सेट मिला। तीसरा सेट पिछले महीने झील के स्विम बीच पर बरामद किया गया था।
अधिकारियों का मानना है कि इस क्षेत्र का अत्यधिक सूखा और लेक मीड का गिरता जलस्तर उन्हें और अधिक अवशेषों की खोज करने के लिए प्रेरित करेगा।
खोजे गए किसी भी अवशेष की पहचान नहीं की गई है।
मानव अवशेषों के अलावा घटते पानी से जलयान का पता चला है, जिसमें द्वितीय विश्व युद्ध की एक नाव भी शामिल है, जिसे डूबने से पहले झील में सेवा में रखा गया था। (आईएएनएस)|
पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री और पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ़ (पीटीआई) के चेयरमैन इमरान ख़ान ने घोषणा की है कि वह पाकिस्तानी संसद की नौ सीटों के लिए होने वाले उप-चुनाव में सभी सीटों से ख़ुद चुनाव लड़ेंगे.
दुनिया अख़बार के अनुसार चुनाव आयोग ने संसद की 11 सीटों के लिए उप-चुनाव कराने की घोषणा की है.
11 में से नौ सीटें जनरल हैं जबकि दो सीटें आरक्षित हैं. इमरान ख़ान ने सभी नौ जनरल सीटों से चुनाव लड़ने का फ़ैसला किया है. यह सीटें पीटीआई के सांसदों के इस्तीफ़ों के बाद ख़ाली हुई हैं.
पाकिस्तानी क़ानून के अनुसार, कोई उम्मीदवार अगर एक से ज़्यादा सीटों पर चुनाव लड़ना चाहता है तो उस पर कोई पाबंदी नहीं है.
पूर्व केंद्रीय मंत्री और पीटीआई के नेता फ़व्वाद चौधरी के अनुसार, इमरान ख़ान का नौ सीटों से ख़ुद चुनाव लड़ने का फ़ैसला शहबाज़ शरीफ़ सरकार की सियासी चाल के जवाब में नहले पे दहला है.
राजनीतिक विश्लेषकों का कहना है कि इमरान ख़ान ने नौ सीटों पर ख़ुद चुनाव लड़ने का फ़ैसला इसलिए किया है कि अगर वो इन सीटों पर जीत जाते हैं तो सरकारी एजेंसियां उनके ख़िलाफ़ जो कार्रवाई करने की योजना बना रहीं हैं उन पर इसका असर होगा.
इमरान ख़ान की पार्टी पर फ़िलहाल विदेशी फ़ंडिंग का केस चल रहा है और हाल ही में चुनाव आयोग ने उनकी पार्टी को विदेशी फ़ंडिंग मामले में दोषी क़रार दिया था.
इमरान ख़ान ने 2018 के आम चुनाव में भी पाँच सीटों से चुनाव लड़ा था और उन्होंने पाँचों सीट पर जीत हासिल की थी.
एक तरफ़ इमरान ख़ान ने संसद की नौ सीटों पर होने वाले उप-चुनाव में सभी नौ सीटों से ख़ुद चुनाव लड़ने की घोषणा की है दूसरी तरफ़ उनकी पार्टी ने चुनाव आयोग के फ़ैसले को चुनौती देते हुए अदालत का दरवाज़ा खटखटाया है.
एक्सप्रेस अख़बार के अनुसार, पूर्व केंद्रीय मंत्री फ़व्वाद चौधरी ने कहा कि पार्टी ने इस्लामाबाद हाई कोर्ट में चुनाव आयोग के फ़ैसले को चुनौती देते हुए कहा है कि पीटीआई के सभी सांसद अपनी मर्ज़ी से सदन से इस्तीफ़ा दे चुके हैं लेकिन स्पीकर उनको टुकड़ों में स्वीकार कर रहे हैं.
पार्टी संसद अध्यक्ष के इस फ़ैसले को अदालत में चुनौती दे चुकी है और अदालत ने अपील को स्वीकार करते हुए चार अगस्त को इस मामले में नोटिस भी जारी कर दिया है.
फ़व्वाद चौधरी ने कहा कि जब यह मामला अदालत के अधीन है तो ऐसे में चुनाव आयोग को उन सीटों पर उप-चुनाव कराने का प्रोग्राम जारी नहीं करना चाहिए. चुनाव आयोग ने 25 सितंबर को उप-चुनाव कराने का फ़ैसला किया है.
पीटीआई का कहना है कि जब तक उनके सांसदों के इस्तीफ़े से जुड़े मामले पर अदालत का फ़ैसला नहीं आ जाता तब तक चुनाव आयोग के किसी भी फ़ैसले पर रोक लगा देनी चाहिए. अदालत ने पीटीआई की अपील को स्वीकार करते हुए बुधवार 10 अगस्त को इस पर सुनवाई करने का फ़ैसला किया है.
पीटीआई का 13 अगस्त को इस्लामाबाद में रैली का फ़ैसला
इमरान ख़ान ने 13 अगस्त को राजधानी इस्लामाबाद के परेड ग्राउंड में रैली करने का फ़ैसला किया है.
डॉन अख़बार के अनुसार पीटीआई के नेता फ़र्रुख़ हबीब ने पार्टी के फ़ैसले की ट्विटर पर घोषणा करते हुए लिखा, "13 अगस्त को पीटीआई इस्लामाबाद परेड ग्राउंड में जनता की ताक़त का भरपूर प्रदर्शन करेगी."
पार्टी ने कहा कि पीटीआई के सभी कार्यकर्ता 14 अगस्त का जश्न भी जलसागाह में मनाएंगे. पाकिस्तान 14 अगस्त को अपना स्वतंत्रता दिवस मनाता है.
इमरान ख़ान की पार्टी ने शहबाज़ शरीफ़ सरकार को एक महीने के अंदर प्रांतीय असेंबलियों को भंग करने का अल्टीमेटम दिया है. फ़व्वाद चौधरी ने कहा कि इससे ज़्यादा वक़्त दिया गया तो पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था और राजनीति तबाह हो जाएगी.
फ़व्वाद चौधरी ने कहा कि अगर सरकार उनकी बात नहीं मानती है तो वो अगले क़दम के लिए तैयार हो जाए.
इमरान ख़ान की पार्टी चुनाव के लिए ख़ुद ही गंभीर नहीं: केंद्रीय गृहमंत्री
जंग अख़बार के अनुसार पाकिस्तान के केंद्रीय गृह मंत्री राना सनाउल्लाह ने कहा है कि चुनाव के लिए इमरान ख़ान की पार्टी ख़ुद ही गंभीर नहीं है.
एक टीवी कार्यक्रम के दौरान केंद्रीय मंत्री ने कहा है कि विदेशी फ़ंडिंग के मामले में इमरान ख़ान की चोरी पकड़ी गई है. उन्होंने कहा कि इमरान ख़ान पूरे देश के सामने एक्सपोज़ हो चुके हैं और अब वो इससे बचना चाहते हैं.
राना सनाउल्लाह ने कहा कि पीटीआई ने इस्लामाबाद के परेड ग्राउंड में जलसे का फ़ैसला भी अपनी चोरी छुपाने के लिए किया है. उन्होंने इमरान ख़ान पर हमला करते हुए कहा कि वो देश के नौजवानों को गुमराह कर रहे हैं.
गृह मंत्री ने कहा कि अगर पीटीआई के नेताओं ने विदेशी फ़ंडिंग केस की छानबीन में सहयोग नहीं किया तो क़ानून गिरफ़्तारी की भी इजाज़त देता है. (bbc.com)
गाजा सिटी, 7 अगस्त | गाजा पट्टी में एकमात्र बिजली संयंत्र ईंधन की कमी के कारण ऑफलाइन हो गया है। इस बात की जानकारी बिजली अधिकारियों ने दी है। समाचार एजेंसी डीपीए ने शनिवार को अधिकारियों के हवाले से कहा, फिलिस्तीनी क्षेत्र में बिजली की आपूर्ति पिछले 12 घंटों से घटकर चार घंटे हो जाएगी।
वेस्ट बैंक में एक फिलिस्तीनी आतंकवादी नेता की गिरफ्तारी के बाद प्रतिशोध के डर से इजराइल ने गाजा के साथ अपनी सीमा को सामान और लोगों के लिए सप्ताह की शुरुआत में बंद कर दिया।
बिजली कंपनी के एक अधिकारी ने कहा कि संयंत्र के बंद होने से गाजा में विनाशकारी स्थिति पैदा हो रही है, यह देखते हुए कि गरीब क्षेत्र पहले से ही अपर्याप्त बिजली से परेशान था।
लगभग 20 लाख निवासियों की जरूरतों को पूरा करने के लिए प्रतिदिन लगभग 550 मेगावाट बिजली की जरूरत होती है, हालांकि केवल 180 मेगावाट उपलब्ध थे।
फिलिस्तीनी सुरक्षा सूत्रों ने कहा कि इजराइल मूल रूप से सीमित मात्रा में ईंधन के आयात के लिए क्रॉसिंग को फिर से खोलना चाहता था, लेकिन अंतिम समय में निर्णय वापस ले लिया।
सूत्रों के अनुसार, यह मध्यस्थता के प्रयासों से पहले हुआ था। गाजा पट्टी में फिलिस्तीनी इस्लामिक जिहाद समूह के खिलाफ इजरायली बलों द्वारा बड़े पैमाने पर सैन्य अभियान शुरू करने के बाद शुक्रवार को तनाव बढ़ गया।
फिलिस्तीनी स्वास्थ्य अधिकारियों के अनुसार, वरिष्ठ नेता तैसिर अल-जबरी सहित हवाई हमलों में कम से कम 24 लोग मारे गए हैं।
फिलिस्तीनी उग्रवादियों ने इसराइल पर रॉकेट दागकर जवाब दिया, जिनमें से लगभग सभी या तो आबादी वाले क्षेत्रों में गिर गए या आयरन डोम रक्षा प्रणाली द्वारा रोक दिए गए। (आईएएनएस)|
हवाना, 7 अगस्त | क्यूबा के मातनजास बंदरगाह में क्रूड ऑयल के टैंक में भीषण आग लगने से कई विस्फोट हुए। इस हादसे में कम से कम 77 लोग घायल हो गए। स्थानीय अधिकारियों ने कहा कि 17 दमकलकर्मी लापता हैं। समाचार एजेंसी डीपीए ने बताया कि स्थानीय समाचार पत्र ग्रानमा ने कहा है कि अंदेशा है कि कुछ लापता लोगों की मौत हो गई होगी।
अधिकारियों ने कहा कि उच्च तापमान के कारण बचाव दल उन तक नहीं पहुंच पाए हैं। अखबार ने कहा कि घायलों में ऊर्जा मंत्री लिवान अरोन्टे क्रूज भी शामिल हैं। आग शनिवार शाम करीब सात बजे लगी।
मातनजस की प्रांतीय सरकार ने अपने आधिकारिक ट्विटर अकाउंट पर कहा कि दमकलकर्मियों के तमाम प्रयासों के बावजूद, शनिवार को कम से कम चार विस्फोट हुए।
क्यूबा के अधिकारियों ने कहा कि उन्होंने आग बुझाने के लिए अंतराष्ट्रीय मदद का अनुरोध किया है।
राज्य मीडिया के अनुसार, अब तक आस-पास के इलाकों के 800 निवासियों को निकाला जा चुका है।
राष्ट्रपति मिगुएल दाज-कैनेल ने शुक्रवार रात मातनजास की यात्रा की और अगले दिन घायलों से मुलाकात की।
परिवहन मंत्रालय ने मातनजस के बंदरगाह पर सभी गतिविधियों को निलंबित कर दिया। (आईएएनएस)|
अफगानिस्तान के काबुल में एक व्यस्त शॉपिंग स्ट्रीट में बम धमाका हुआ है। इस धमाके में कम से कम 8 लोगों की मौत की खबर है और 22 लोग घायल हुए हैं। हॉस्पिटल के अधिकारियों और गवाहों ने इस बात की पुष्टि की है। ये जानकारी रॉयटर्स ने दी है।
बता दें कि अफगानिस्तान में तालिबानियों के शासन की शुरुआत होने के बाद से ही बम ब्लास्ट की घटनाएं बढ़ी हैं। हालही में काबुल में एक गाड़ी में बम विस्फोट हुआ था। अफगानिस्तान की राजधानी काबुल में एक मस्जिद के पास शुक्रवार को एक गाड़ी में बम विस्फोट होने से कम से कम आठ लोगों की मौत हो गई थी और 18 अन्य घायल हो गए थे।। तालिबान के एक अधिकारी ने यह जानकारी दी थी।
काबुल के पुलिस प्रमुख के लिए तालिबान द्वारा नियुक्त प्रवक्ता खालिद ज़ादरान के अनुसार, यह बम विस्फोट पश्चिमी काबुल के शिया बहुल सर-ए करेज़ क्षेत्र में हुआ था। शुरुआती रिपोर्टों में 2 लोगों की मौत की जानकारी दी गई थी, लेकिन बाद में कुछ घायलों की मौत होने के बाद मृतकों की संख्या बढ़ गई।
बम धमाकों से लोगों की सुरक्षा पर उठने लगे सवाल
अफगानिस्तान में सार्वजनिक स्थानों पर बम धमाकों से स्थानीय लोगों की सुरक्षा पर सवाल उठने लगे हैं। 30 जुलाई को भी अफगानिस्तान की राजधानी काबुल एक क्रिकेट मैच के दौरान हुए बम धमाका हुआ था। काबुल इंटरनेशनल क्रिकेट स्टेडियम में अफगानिस्तान की शपागीजा टी20 क्रिकेट लीग का एक मुकाबला खेला जा रहा था, जब वहां आत्मघाती धमाका हुआ और हड़कंप मच गया।
इस धमाके में भी कई लोगों की मौत हो गई थी और कुछ लोग घायल भी हो गए। लाइव मैच के दौरान हुए ब्लास्ट के बाद कुछ देर के लिए स्टेडियम में अफरा-तफरी मच गई थी। दोनों टीमों के खिलाड़ियों को बंकर के अंदर ले जाया गया। हैरानी की बात यह है कि जब यह हमला हुआ तब संयुक्त राष्ट्र के अधिकारी भी स्टेडियम में मौजूद थे।
12 जून को कुनार में हुआ था बम विस्फोट
इससे पहले 12 जून को अफगानिस्तान के कुनार में हुए विस्फोट हुआ था। इसमें एक तालिबान सदस्य की मौत हो गई थी। इस विस्फोट में नागरिक सहित 6 अन्य घायल हो गए थे। कुनार के केंद्र असदाबाद शहर में यह विस्फोट हुआ, जब तालिबान के सुरक्षा बलों के वाहन में लगाए गए लैंडमाइन में विस्फोट हो गया। लैंडमाइन को इस्लामिक अमीरात के वाहन में रखा गया था। (indiatv.in)
(ललित के झा)
वाशिंगटन, 7 अगस्त। वर्जीनिया की भारतीय अमेरिकी किशोरी आर्या वालवेकर ने इस साल ‘मिस इंडिया यूएसए’ का खिताब अपने नाम कर लिया है।
आर्या (18) को न्यूजर्सी में आयोजित वार्षिक प्रतियोगिता में ‘मिस इंडिया यूएसए 2022’ का ताज पहनाया गया।
अभिनेत्री बनने की इच्छुक आर्या ने कहा, ‘‘स्क्रीन पर स्वयं को देखना और फिल्मों एवं टेलीविजन में अभिनय करना बचपन से मेरा सपना रहा है।’’
उन्होंने कहा कि उन्हें नई-नई जगहों पर जाना, खाना पकाना और विभिन्न मुद्दों पर वाद-विवाद करना पसंद है।
‘यूनिवर्सिटी ऑफ वर्जीनिया’ की छात्र सौम्या शर्मा दूसरे और न्यूजर्सी की संजना चेकुरी तीसरे स्थान पर रहीं।
इस प्रतियोगिता की इस साल 40वीं वर्षगांठ थी और यह भारत के बाहर आयोजित होने वाली भारतीय खिताब की सबसे अधिक समय तक चलने वाली प्रतियोगिता है। इस प्रतियोगिता का सबसे पहले आयोजन न्यूयॉर्क के भारतीय--अमेरिकी धर्मात्मा और नीलम सरन ने ‘वर्ल्डवाइड पीजेंट्स’ के बैनर तले किया था।
‘वर्ल्डवाइड पीजेंट्स के संस्थापक एवं अध्यक्ष धर्मात्मा सरन ने कहा, ‘‘मैं इन वर्षों में दुनिया भर में भारतीय समुदाय से मिले सहयोग का आभारी हूं।’’
वाशिंगटन स्टेट की अक्षी जैन को ‘मिसेज इंडिया यूएसए’ का ताज पहनाया गया और न्यूयॉर्क की तन्वी ग्रोवर को ‘मिस टीन इंडिया यूएसए’ चुना गया।
तीस राज्यों का प्रतिनिधित्व करने वाले 74 प्रतियोगियों ने तीन अलग-अलग प्रतियोगिताओं ‘मिस इंडिया यूएसए’, ‘मिसेज इंडिया यूएसए‘ और ‘मिस टीन इंडिया यूएसए’ में भाग लिया।
तीनों श्रेणियों के विजेताओं को इसी समूह द्वारा आयोजित ‘वर्ल्डवाइड पीजेंट्स’ में भाग लेने के लिए अगले साल की शुरुआत में मुंबई जाने का मौका मिलेगा। इस कार्यक्रम में गायिका शिबानी कश्यप, ‘मिस इंडिया वर्ल्डवाइड 2022’ खुशी पटेल और ‘मिसेज इंडिया वर्ल्डवाइड’ स्वाति विमल ने भाग लिया। (भाषा)
बांग्लादेश में पेट्रोल और डीजल के दाम में जबरदस्त बढ़ोतरी के विरोध में लोग प्रदर्शन पर उतर आए हैं.
शुक्रवार को सरकार ने पेट्रोल के दाम 51.7 और डीजल के दाम 42. 5 फीसदी बढ़ा दिए.
इसके बाद देश भर के कई पेट्रोल पंपों पर हजारों लोग जमा हो गए और सरकार के खिलाफ नारेबाजी करने लगे.
हालांकि शुक्रवार को सरकार की ओर से दाम बढ़ाने के एलान से पहले सैकड़ों मोटरसाइकिल सवार पेट्रोल-पंपों की ओर चल पडे़ थे.
समाचार एजेंसी एएफपी के मुताबिक इससे वहां भारी अफरा-तफरी मच गई. प्रदर्शनकारियों का कहना है कि पेट्रोल-डीजल के दाम में इस भारी बढ़ोतरी से लाखों लोगों की रोजी-रोटी पर असर पड़ा है.
रूस-यूक्रेन युद्ध से कच्चे तेल की सप्लाई में आई दिक्कत का बांग्लादेश पर काफी असर पड़ा है.
बांग्लादेश में हाल के ऊर्जा संकट का असर बिजली की सप्लाई पर भी पड़ा है. देश के कुछ इलाकों में 13 घंटों तक बिजली कटौती करनी पड़ी है.
पिछले तीन महीनों के दौरान बांग्लादेश की मुद्रा टका की कीमत डॉलर के मुकाबले 20 फीसदी तक घट गई है. (bbc.com)