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‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
रायगढ़/रायपुर, 19 अप्रैल । रायगढ़ के कोतरा रोड थाने में सिपाही से मारपीट करने वालों ने मंगलवार को थाने में ही सरेंडर किया। इस मामले का मुख्य आरोपी विधायक प्रकाश नायक का बेटा भी है। मिली जानकारी के अनुसार स्वयं विधायक प्रकाश नायक ने अपने बेटे को खुद थाने ले जाकर पुलिस को सुपुर्द किया। यहां बता दे दो दिन पहले हुई इस घटना पर सीएम भूपेश बघेल ने कहा था कि प्रदेश में कानून का राज चलेगा। यदि किसी ने कोई अपराध किया है चाहे वह प्रकाश नायक का बेटा हो, या भूपेश बघेल का पिता। कानून के तहत कार्रवाई होगी। समझा जा रहा है कि इसके बाद ही प्रकाश नायक ने बेटे को सरेंडर करने का कदम उठाया।
उत्तर प्रदेश का दूसरी बार मुख्यमंत्री बनने के बाद योगी आदित्यनाथ आवारा पशुओं की समस्या से निपटने के लिए एक योजना पेश करने वाले हैं.
अंग्रेज़ी अख़बार 'द इंडियन एक्सप्रेस' लिखता है कि आवारा पशुओं की समस्या विधानसभा चुनावों के दौरान काफ़ी ज़ोर-शोर से उठाई गई थी और इस पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बीजेपी के चुनाव प्रचार के समय कहा था कि वो दोबारा सत्ता में आए तो इसका समाधान करेंगे.
अख़बार ने योजना के बारे में बताया है कि 100 दिनों के अंदर 50,000 आवारा जानवरों को शेल्टर मुहैया करवाया जाएगा. छह महीने में ये संख्या एक लाख तक जाएगी. इसके अलावा पूरे राज्य में गऊ अभयारण्य, 50 मेगा गऊ शेल्टर्स बनाए जाएंगे.
अख़बार लिखता है कि हर ज़िला मैजिस्ट्रेट को लक्ष्य दिया गया है कि वो 15 अप्रैल से हर दिन कम से कम 10 आवारा गायों को शेल्टर में पहुंचाएं.
अधिकारियों का कहना है कि यह योजना लंबे समय के लिए है न कि पिछली सरकारों की तरह सिर्फ़ थोड़े समय के लिए.
सरकार के अगले एजेंडे में बायोगैस प्लांट स्थापित करना है जिसमें गाय के गोबर का इस्तेमाल करके सीएनजी बनाई जाएगी. यह पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप के तहत होगा. इन गाय के गोबर को सीधे किसानों से ख़रीदा जाएगा.
प्रधानमंत्री मोदी ने चुनाव प्रचार के समय किसानों से वादा किया था कि अगर गाय दूध देना बंद कर देती है तो वो गोबर से आय लाएगी. उन्होंने कहा था कि इस लाभ के कारण लोग आवारा पशुओं को गोद लेंगे. (bbc.com)
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी गुरुवार को सिखों के नौवें गुरु श्री गुरु तेग बहादुर के 400वें प्रकाश पर्व के मौके पर लाल किले से देश को संबोधित करेंगे.
'हिंदुस्तान' अख़बार लिखता है कि संस्कृति मंत्रालय ने सोमवार को यह जानकारी दी कि पीएम नरेंद्र मोदी नौवें सिख गुरु के प्रकाश पर्व पर कार्यक्रम में हिस्सा लेंगे. इस मौके पर एक स्मृति सिक्का और डाक टिकट भी जारी किया जाएगा. सरकार की ओर से कार्यक्रम को भव्य स्वरूप दिए जाने की तैयारी है.
इस मौके पर लाल क़िले में 400 'रागी' सिख संगीतकार शबद कीर्तन करेंगे. दिल्ली सिख गुरुद्वारा मैनेजमेंट कमिटी के साथ मिलकर संस्कृति मंत्रालय इस कार्यक्रम का आयोजन करने वाला है.
इस कार्यक्रम में देश के कई राज्यों के मुख्यमंत्री, बड़ी हस्तियां और विदेशों से भी लोग शामिल होंगे. आज़ादी का अमृत महोत्सव के तहत देशभर में तमाम आयोजन हो रहे हैं. उसी के बैनर तले यह कार्यक्रम भी किया जाना है.
अख़बार लिखता है कि माना जा रहा है कि इस कार्यक्रम के ज़रिए मोदी सरकार की यह कोशिश है कि सिख समुदाय को भी लुभाया जा सके. किसान आंदोलन के दौरान मोदी सरकार पर सिख विरोधी रवैया अपनाने के आरोप लगे थे. इसके अलावा पंजाब विधानसभा चुनाव में भी भाजपा को काफी विरोध का सामना करना पड़ा था.
मस्जिदों पर लाउडस्पीकर को लेकर महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (MNS) के अध्यक्ष राज ठाकरे की चेतावनी के बाद महाराष्ट्र सरकार धार्मिक स्थलों पर लाउडस्पीकर लगाने को लेकर नई नीति बनाएगी.
'अमर उजाला' लिखता है कि राज्य के गृह मंत्री दिलीप वालसे पाटिल ने सोमवार को यह जानकारी दी है. साथ ही उन्होंने चेतावनी दी है कि धार्मिक तनाव पैदा करने वालों पर कठोर कार्रवाई की जाएगी.
MNS प्रमुख राज ठाकरे ने चेतावनी दी है कि अगर तीन मई के बाद मस्जिदों से लाउडस्पीकर नहीं उतारे गए तो मस्जिदों के सामने दोगुनी आवाज़ में हनुमान चालीसा का पाठ किया जाएगा.
इस चेतावनी के बाद राज्य सरकार ने लाउडस्पीकर को लेकर नीति बनाने का फ़ैसला किया है. इसको लेकर सोमवार को मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे और गृह मंत्री दिलीप वालसे पाटिल ने अधिकारियों के साथ बैठक की. (bbc.com)
-अनिल अश्विनी शर्मा
जवाई बांध में जल स्तर अपने न्यूनतम स्तर पर जा पहुंचा, ऐसे में बांध में रह रहे करीब 350 मगरमच्छों के जीवन पर खतरा मंडराने लगा है
वाटर ट्रेन अब केवल पश्चिमी राजस्थान के पाली जिले के लोगों की ही प्यास नहीं बुझाएगी बल्कि जवाई बांध में रहने वाले लगभग साढ़े तीन सौ से अधिक मगरमच्छों की भी जान बचाएगी।
जवाई बांध का पानी अब अपने सबसे निम्नतम स्तर पर जा पहुंच चुका है यानी जवाई बांध में वर्तमान में मात्र तीन फीट से भी कम पानी बचा हुआ है। इसका कारण है कि पिछले 15 दिनों से बांध के डेड स्टोरेज का पानी भी पाली जिले के लिए सप्लाई किया जाता रहा।
चूंकि इस बार गर्मी वक्त से पहले आ गई और इसका असर यह हुआ कि पाली जिले के अधिकांश जल स्रोत सूख गए और जिले में जल संकट खड़ा हो गया। ऐसे में बांध से पानी अधिक छोड़ा गया। और इसका नतीजा यह हुआ कि बांध का पानी वक्त से पहले ही खत्म हो गया।
ध्यान रहे कि बांध में पानी गतवर्ष अच्छी बारिश नहीं होने के कारण कम स्टोर हुआ था। पाली में विकराल जल संकट की स्थिति में जिला प्रशासन ने रेलवे मंडल से वाटर ट्रेन के माध्यम से पानी सप्लाई करने की मांग की और रेल मंडल ने इसे सहर्ष स्वीकार कर लिया।
इसी का परिणाम है कि वर्तमान समय में पाली और उसके ग्रामीण अंचलों में पानी की सप्लाई के लिए वाटर ट्रेन जोधपुर से प्रतिदिन दो चक्कर कर लगा रही है। यदि जल संकट और बढ़ता है तो भविष्य में इसके चार चक्कर लगाने की उम्मीद है।
पालीवासियों की प्यास तो जैसे-तैसे वाटर ट्रेन ने अस्थायी रूप से बुझाई है लेकिन जवाई बांध में बचे तीन फीट से भी कम पानी में पल रहे लगभग 350 से अधिक मगरमच्छों की हालत दिन-ब-दिन खराब होती जा है। ऐसे में बांध में बचे कम पानी के कारण मगरमच्छों के जीवन पर संकट खड़ा हो गया है।
यही कारण कि जवाई बांध के वन संरक्षक पुष्पेंद्र सिंह राजपुरोहित ने कहा है कि वाटर ट्रेन के पानी कुछ हिस्सा वाइल्ड लाइफ के लिए भी देना होगा यानी जवाई बांध को भी पानी देना होगा।
साथ ही उन्होंने कहा कि यदि वक्त रहते बारिश नहीं हुई तो हर हाल में ट्रेन का पानी बांध के लिए छोड़ना होगा। तभी मगरमच्छों के जीवन सुरक्षित होने की आशा की जा सकती है। उनका कहना है कि कम से कम यहां दस फीट पानी होगा तभी ये मगरमच्छ जैसे-तैसे रह सकते हैं।
हालांकि राजपुरोहित का यह भी कहना है कि ये मगरमच्छ बिना पानी के भी सुषुप्तावस्था में जाकर बिना हिलेडूले चार से छह माह तक अपनी जिंदगी बचा सकते हैं। उनका कहना है कि वर्तमान में पड़ रही तेज गर्मी से बचने के लिए वे जवाई बांध के आसपास के पहाड़ों के खड्डों में घुस जाते है, जहां इनकी ऊर्जा भी कम खर्च होती है लेकिन उनका कहना है कि हर हाल में मानसून का बरसना जरूरी है तभी इनकी जान बचेगी।
ध्यान रहे कि जवाई बांध में मार्श क्राकोडाइल प्रजाति के मगरमच्छ पाए जाते हैं। और इनकी विशेषता होती है कि ये मीठे पानी में ही रहते हैं। इनकी लम्बाई लगभग छह से तेरह फीट होती है और इनकी उम्र करीब 70 से 80 साल रहती है। इस प्रजाति के मगरमच्छ अधिकतर भारत, श्रीलंका, पाकिस्तान, नेपाल और बांग्लादेश में पाए जाते हैं।
थोड़ा बहुत संख्या में यह प्रजाति पूर्वी इरान में भी पाई जाती है। यह प्रजाति कई इलाकों में विलुप्त हो चुकी है। केवल संरक्षित क्षेत्रों में ही इनकी आबादी बची हुई है। इस मामले में भारत और श्रीलंका सबसे आगे हैं। वर्तमान में भारत में इस प्रजाति के मगरमच्छ लगभग 15 राज्यों में पाए जाते हैं।
इस प्रजाति की सर्वाधिक आबादी वाले इलाकों में मध्य गंगा (बिहार-झारखंड) और चंबल नदी (मध्य प्रदेश, गुजरात और राजस्थान) शामिल है।
वन्य संरक्षण विशेषज्ञों का कहना है कि इनके विलुप्त का प्रमुख कारण है कृषि और औद्योगिक इकाइयों के विस्तार के कारण इनके रहने की जगह धीरे-धीरे खत्म होते जा रही है। यही नहीं इसके अलावा मछली पकड़ने के उपकरणों में फंसना, इनके अंडो का शिकार करना, इनके त्वचा और मांस का अवैध शिकार आदि कारणों से इसकी प्रजाति धीरे-धीरे कम होते जा रही है। (downtoearth.org.in)
बिलासपुर, 19 अप्रैल। डामर सप्लाई के नाम पर शहर के एक व्यापारी से मुंबई की कंपनी ने 6 करोड़ रुपये से अधिक की ठगी कर ली। पीड़ित ने कोतवाली थाने में एफआईआर दर्ज कराई है। पीड़ित ने आरोपी के खिलाफ लुक आउट सर्कुलर जारी करने की मांग की है क्योंकि उसके पास कई लोगों से और ठगी होने की जानकारी सामने आ रही है।
पुलिस रिपोर्ट के मुताबिक कर्बला रोड में एस के इंडस्ट्रीज नाम की कंपनी देश के विभिन्न हिस्सों में डामर सप्लाई का काम करती है। उसने मुंबई के जेजे इंडस्ट्रीज के डायरेक्टर दर्शन मेहता और भास्कर मेहता को 9 करोड़ 57 लाख 68800 रुपये का डामर भेजने का ऑर्डर दिया। डामर की सप्लाई 1 फरवरी से 7 अप्रैल 2022 तक करनी थी। जेजे इंडस्ट्रीज ने एडवांस में रकम मांगी। बिलासपुर की कंपनी एस के इंडस्ट्रीज ने रकम किस्तों में उनके खाते में जमा करा दिए। भुगतान के बाद जेजे इंडस्ट्रीज ने 3 करोड़ 36 लाख 83 हजार 320 रुपए का डामर भेजा। इसके बाद शेष डामर की सप्लाई रोक दी। डामर नहीं मिलने पर जब मुंबई की जेजे इंडस्ट्रीज के डायरेक्टर दर्शन मेहता और भास्कर मेहता से उन्होंने फोन पर संपर्क किया तो वे दोनों टालमटोल करने लगे। जब लगातार फोन पर संपर्क किया गया तो उन्होंने अपना मोबाइल नंबर ही बंद कर दिया।
इससे घबराये इंडस्ट्रीज के सेल्स मैनेजर वृहतसाम पांडे ने कोतवाली थाने में ठगी की रिपोर्ट दर्ज कराई है। पुलिस ने दर्शन मेहता और भास्कर मेहता के खिलाफ धारा 420, 34 के तहत अपराध दर्ज किया है।
एस के इंडस्ट्रीज कंपनी के अधिकारियों का कहना है कि उनकी जानकारी में और भी दूसरी कंपनियों के साथ जेजे इंडस्ट्रीज मुंबई ने ठगी की है। आरोपी कंपनी डायरेक्टर देश से फरार हो सकते हैं, इसलिए उनके खिलाफ लुकआउट नोटिस जारी की जाए।
बिलासपुर, 19 अप्रैल। करोड़ों रुपए के सरकारी जमीन को दस्तावेजों में छेड़छाड़ कर निजी व्यक्तियों के नाम पर दर्ज कराने और बेचने के मामले में पुलिस ने दो और आरोपियों को गिरफ्तार किया है।
ज्ञात हो चिल्हाटी और मोपका में करीब 22 एकड़ करोड़ों रुपए की सरकारी भूमि के दस्तावेज में आरोपियों ने फर्जीवाड़ा किया। इसमें पटवारी तथा अन्य राजस्व अधिकारियों की भी मिलीभगत की शिकायत की गई है। सरकंडा पुलिस ने इस मामले में एक माह पहले एक रिक्शा चालक भोंदूदास को गिरफ्तार किया था। वह अभी जेल में है। भोंदूदास का इस्तेमाल आरोपियों ने सरकारी जमीन को बेनामी खाते में चढ़ाने के लिए दलालों ने किया था। अब दो और लोगों को गिरफ्तार किया गया है जिनमें हैरी जोसेफ (45 वर्ष) और राम यादव (34 वर्ष) शामिल हैं। दोनों की भूमिका राजस्व अभिलेख में छेड़छाड़ कर बेनामी जमीन भोंदूदास के नाम पर चढ़ाने में सामने आई है। अभी तक राजस्व विभाग के किसी कर्मचारी-अधिकारी पर सरकंडा पुलिस ने हाथ नहीं डाला है। पुलिस का दावा है कि मामले की सूक्ष्मता से जांच की जा रही है और जो भी मामले में शामिल पाया जाएगा, उनके विरुद्ध एफ आई आर दर्ज की जाएगी।
बिलासपुर, 19 अप्रैल। रामनवमी और हनुमान जयंती के मौके पर भीड़भाड़ वाली जगहों में घुसकर महिलाओं के गले से चेन साफ करने के आरोप में पुलिस ने महाराष्ट्र की 7 महिलाओं को गिरफ्तार किया है। उनसे चोरी के दो मंगलसूत्र भी बरामद किए गए हैं।
ये महिलाएं पिछले कुछ समय से कोरबा और बाराद्वार में रहकर वारदात को अंजाम देती रहीं। हनुमान जयंती पर यह सभी बिलासपुर के हटरी चौक में पूजा अर्चना करने वाली महिलाओं के बीच भीड़ में पहुंच गई और वहां से उन्होंने सोने के दो मंगलसूत्र झटक लिए। महिलाओं ने इसकी शिकायत सिटी कोतवाली थाने में की थी। पुलिस ने जानकारी जुटाई तो पता चला कि तीन चार संदिग्ध महिलाएं सर्राफा दुकानों में सोने का चेन बेचने का प्रयास कर रही हैं। सीसीटीवी कैमरे के फुटेज और दुकानदारों से हुलिये की जानकारी लेने के बाद पुलिस ने घेराबंदी की और सातों को दो समूहों में गोल बाजार और जूना बिलासपुर के पास घूमते हुए गिरफ्तार कर लिया गया। आरोपी महिलाओं में लता धमड़े, सोना धमदे, रत्ना धमदे, रत्ना दमदे, सुनीता देहड़े, हिना डेढ़े, रीना देढ़े व अनार धमधे शामिल हैं। सभी को धारा 379 और 34 के तहत गिरफ्तार कर लिया गया है।
हरियाणा सरकार ने एनसीआर के चार ज़िलों में मास्क पहनना ज़रूरी कर दिया है.
ये ज़िले हैं गुरुग्राम, फरीदाबाद, सोनीपत और झज्जर. न्यूज़ एजेंसी पीटीआई के मुताबिक़, पिछले कुछ दिनों में राज्य में कोरोना संक्रमण के मामले बढ़ते दिखे हैं.
ऐसे में हरियाणा के स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज ने कहा है कि राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र के अंदर आने वाले चार ज़िलों में मास्क ज़रूरी कर दिया गया है. ये भी कहा गया है कि मास्क नहीं पहनने वालों पर ज़ुर्माना लगाया जाएगा. इससे पहले यूपी के भी कई ज़िलों में मास्क पहनना ज़रूरी कर दिया गया है. (bbc.com)
समाचार एजेंसी एएनआई ने दिल्ली के जहाँगीपुर हिंसा मामाले में विहिप और बजरंग दल पर केस दर्ज करने वाली रिपोर्ट वापस ले ली है. एजेंसी ने इसकी वजह ग़लत जानकारी बताई है.
पहले एएनआई ने नॉर्थ वेस्ट दिल्ली की डीसीपी उषा रंगनानी के हवाले से बताया था कि इस मामले में विश्व हिंदू परिषद और बजरंग दल दिल्ली प्रांत के ख़िलाफ़ भी मामला दर्ज किया गया है.
साथ ही ये भी रिपोर्ट दी गई थी कि पुलिस ने विश्व हिंदू परिषद के ज़िला सेवा प्रमुख प्रेम शर्मा को गिरफ़्तार किया है.
अब एएनआई ने रिपोर्ट वापस ले ली है.,
हालाँकि दिल्ली पुलिस आयुक्त राकेश अस्थाना ने टीवी चैनल आज तक से बातचीत में कहा था कि बिना अनुमति के जुलूस निकालने के मामले में केस दर्ज किया गया है. लेकिन उन्होंने किसी संगठन का नाम नहीं लिया था.
इससे पहले एआईएमआईएम के प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने दिल्ली पुलिस पर एकतरफ़ा कार्रवाई का आरोप लगाया था. उन्होंने कहा कि दिल्ली पुलिस ने बिना अनुमति के जुलूस क्यों निकालने दिया गया. इस बीच इस मामले में अभियुक्त असलम और अंसार को अदालत ने दो और दिनों के लिए पुलिस हिरासत में भेज दिया गया है. जबकि चार अन्य अभियुक्तों को 14 दिनों की न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है. (bbc.com)
जम्मू-कश्मीर में राज्य की जाँच एजेंसी ने रविवार को श्रीनगर में कश्मीर यूनिवर्सिटी के एक पीएचडी स्कॉलर को गिरफ्तार कर लिया.
उन पर भड़काने वाला लेख लिखने का आरोप है. पुलिस ने गिरफ्तार पीएचडी स्कॉलर की पहचान श्रीनगर के हमहामा के रहने वाले अब्दुल आला फ़ाज़ली के रूप में की है.
अब्दुल आला फ़ाज़ली को उनके घर से गिरफ्तार किया गया. एजेंसी ने रविवार को आला फ़ज़ीली के श्रीनगर के हमहामा स्थित उनके घर पर छापा मारा.
पुलिस ने दावा किया है कि तलाशी के दौरान कई इलेक्ट्रॉनिक सबूत उनके हाथ लगे हैं. आला फ़ाज़ली के घर पर छापेमारी के अलावा पुलिस ने जेल में बंद "द कश्मीर वाला" वेबसाइट के संस्थापक फहद शाह के घर और दफ्तर पर भी छापा मारा.
फहद शाह को हाल ही में पब्लिक सेफ्टी एक्ट (पीएसए ) के तहत गिरफ्तार किया चुका है. फहद शाह पर तीन मामले दर्ज थे और दो मामलों में उनको पीएसए के तहत बंद होने से पहले ज़मानत मिली थी.
पुलिस ने अपने एक बयान में बताया कि आला फ़ज़ीली ने "द शैकल्स ऑफ़ स्लैवरी विल ब्रेक" शीर्षक से एक लेख लिखा था. पुलिस के मुताबिक ये उपद्रवी और भड़काऊ लेख है और इससे केंद्र शासित प्रदेश जम्मू -कश्मीर में क़ानून-व्यवस्था बिगड़ सकती थी.
पुलिस के मुताबिक लेख युवाओं को हिंसा का रास्ता अपनाने के लिए प्रेरित करने और चरमपंथ का महिमामंडन के लिए लिखा गया है. इस लेख का मकसद अलगाववाद को बढ़ावा देना है.
पुलिस के मुताबिक़ आला फाज़िली का ये आर्टिकल "द कश्मीर वाला" में छपा था. इस मामले में पुलिस ने पहले ही यूएपीए के तहत मामला दर्ज किया है.
आला फ़ाज़ली कश्मीर यूनिवर्सिटी के फार्मास्यूटिकल फैकल्टी से पीएचडी कर रहे हैं. पुलिस के अनुसार आला फ़ाज़ली को वर्ष 2021 तक भारत सरकर से फ़ेलोशिप के लिए हर महीने 30 हज़ार रुपए मिलते थे. (bbc.com)
एआईएमआईएम के प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने दिल्ली पुलिस की कार्रवाई पर सवाल उठाए और कहा कि पुलिस एकतरफ़ा कार्रवाई कर रही है. एक प्रेस कॉन्फ़्रेंस में उन्होंने कहा कि अगर कोई क़ानून अपने हाथ में ले रहा है, तो आप कार्रवाई कीजिए, आपको कोई रोक नहीं रहा है. लेकिन उसके लिए क़ानूनी प्रक्रिया का पालन होना चाहिए, लेकिन पुलिस ऐसा नहीं कर रही है.
उन्होंने मोदी सरकार पर आरोप लगाया कि इस मामले में एकतरफ़ा मुसलमानों की गिरफ़्तारी की जा रही है. ओवैसी ने कहा- दिल्ली पुलिस के कमिश्नर राकेश अस्थाना कह चुके हैं कि जहाँगीरपुरी में जो जुलूस निकाला गया था, वो बिना अनुमति के निकाला गया था. पुलिस की अनुमति के बिना ऐसी यात्रा निकालते हैं और उसमें हथियार होते हैं. तलवारें होती हैं, पिस्टल होता है, तो पुलिस क्या ख़ामोश तमाशाई बनकर बैठी थी. या पुलिस गूंगी हो गई थी, अंधी हो गई थी. आपने बिना अनुमति के जुलूस कैसे निकालने दिया.
उन्होंने कहा कि धार्मिक जुलूस में हथियार की क्या ज़रूरत है. जब आप धार्मिक जुलूस निकालते हो, तो उसमें हथियार की क्या ज़रूरत है. हथियार साथ रखते हैं, फिर भड़काने वाले नारे लगाते हैं. क्यों? आपने मस्जिद के सामने जाकर वहाँ झंडा क्यों लगाया? हनुमान जयंती के दौरान दिल्ली के जहाँगीरपुरी इलाक़े में हिंसा हुई थी. इसमें नौ लोग घायल हुए हैं. इस मामले में पुलिस ने 23 लोगों को गिरफ़्तार किया है. (bbc.com)
प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने मल्टीलेवल मार्केटिंग कंपनी एमवे की 411.83 करोड़ की संपत्ति और 36 अलग-अलग खातों में जमा 345.94 करोड़ रुपए जब्त कर लिए हैं.
समाचार एजेंसी एएनआई ने ईडी के हवाले से कहा है कि एमवे की जो संपत्तियां जब्त की गई हैं उनमें तमिलनाडु के डिंडिगुल जिले में मौजूद जमीन, प्लांट और मशीनरी शामिल है. बैंक अकाउंट और फिक्स डिपोजिट भी ज़ब्त कर लिए गए हैं.
कंपनी के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग मामले में जाँच चल रही है. कंपनी पर डायरेक्ट सेलिंग मल्टी मार्केटिंग नेटवर्क की आड़ में धोखाधड़ी का भी आरोप है. (bbc.com)
कानन पेंडारी जू में एक ही दिन खुशी और मायूसी का माहौल देखने को मिला
बिलासपुर, 19 अप्रैल। कानन पेंडारी की बाघिन रंभा ने एक साथ चार शावकों को जन्म दिया वहीं दूसरी तरफ शेरनी मौसमी की प्रसव के दौरान मौत हो गई। उसके गर्भ के दो शावक भी जीवित नहीं रहे।
सोमवार को कानन पेंडारी में एक साथ खुशी और गम का माहौल देखने को मिला। बाघिन रंभा ने चार शावकों को सोमवार को एक साथ जन्म दिया। सूचना मिलने पर कानन पेंडारी प्रबंधकों ने डॉक्टरों की टीम बुलाई। सभी शावकों और बाघिन को स्वस्थ पाया गया। कानन पेंडारी में बाघिन रंभा ने दूसरी बार शावकों को जन्म दिया है। उसने पहली बार गर्भवती होने के बाद भैरव टाइगर को जन्म दिया था, जिसने कुछ दिन ही पहले अपने केज को तोड़कर एक बाघिन चेरी जो रंभा की मां थी, पर हमला कर दिया था। इससे चेरी ने दम तोड़ दिया था। बाघिन रंभा की टाइगर शिवाजी के साथ मेटिंग कराई गई थी। बाघिन चेरी की मौत के बाद कानन पेंडारी जू में बाघों की संख्या कम हो गई थी अब यहां नौ बाघ हो चुके हैं। जन्म लिए शावक नर हैं या मादा इसके बारे में एक-दो दिन के भीतर डॉक्टर जानकारी देंगे।
दूसरी तरफ जू में वन्य प्राणियों की मौत का सिलसिला जारी है। एक तरफ कानन पेंडारी जू में चार शावकों के जन्म की खुशी थी, वहीं दूसरी तरफ शेरनी मौसमी की मौत ने सभी को मायूस कर दिया। शेरनी में रविवार को प्रसव के लक्षण दिखे और सोमवार तक वह लगातार प्रसव का प्रयास कर रही थी। शाम को उसकी तबीयत अचानक बिगड़ी और कुछ ही देर में उसकी मौत हो गई। पोस्टमार्टम करने पर शेरनी के गर्भ के दोनों शावक मृत पाए गए। कानन पेंडारी जू में मौसमी की मौत के बाद अब तीन-तीन नर और मादा शेर रह गए हैं। कानन पेंडारी जू में ही 4 साल पहले मौसमी का जन्म हुआ था। उसकी मां वर्षा अभी कानन पेंडारी में ही है।
लखनऊ, 19 अप्रैल। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने आने वाले त्योहारों के मद्देनजर सोमवार को शासन और प्रशासन के अधिकारियों की जिम्मेदारी और जवाबदेही तय करते हुए पुलिस को अतिरिक्त तौर पर संवेदनशील रहने की हिदायत दी और दो टूक कहा कि माहौल खराब करने की कोशिश करने वाले अराजक तत्वों के साथ पूरी कठोरता की जाए, ऐसे लोगों के लिए सभ्य समाज में कोई स्थान नहीं होना चाहिए।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने रमजान, ईद और अक्षय तृतीय जैसे त्योहारों को लेकर सोमवार को वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिये आयोजित समीक्षा बैठक में अधिकारियों को दिशा निर्देश दिए।
योगी ने तहसीलदार, उप जिलाधिकारी (एसडीएम) क्षेत्राधिकारी (सीओ) और थाना प्रभारियों को अपनी तैनाती के क्षेत्र में ही रात्रि विश्राम करने के निर्देश दिये और उच्चाधिकारियों को इस व्यवस्था का कड़ाई से अनुपालन सुनिश्चित कराने को कहा। इसके साथ ही मुख्यमंत्री ने थाना प्रभारी, सीओ, पुलिस अधीक्षक, जिलाधिकारी और मंडलायुक्त समेत सभी पुलिस एवं प्रशासनिक अधिकारियों का चार मई तक का अवकाश तत्काल प्रभाव से निरस्त करने का निर्देश दिया।
यहां जारी सरकारी बयान के अनुसार योगी ने कहा कि हर एक पर्व शांति और सौहार्द के बीच सम्पन्न हो, इसके लिए स्थानीय जरूरतों के अनुसार सभी जरूरी प्रयास किए जाएं और शरारतपूर्ण बयान जारी करने वालों के साथ कड़ाई से पेश आएं। माहौल खराब करने की कोशिश करने वाले अराजक तत्वों के साथ पूरी कठोरता बरती जाए। ऐसे लोगों के लिए सभ्य समाज में कोई स्थान नहीं होना चाहिए।
मुख्यमंत्री ने कहा कि आने वाले दिनों में कई महत्वपूर्ण धार्मिक पर्व-त्योहार हैं। रमजान का महीना चल रहा है और ईद का त्योहार और अक्षय तृतीया एक ही दिन होना संभावित है। ऐसे में वर्तमान परिवेश को देखते हुए पुलिस को अतिरिक्त संवेदनशील रहना होगा। उन्होंने कहा कि थाना प्रभारी से लेकर एडीजी तक अगले 24 घंटे के भीतर अपने-अपने क्षेत्र के धर्मगुरुओं, समाज के अन्य प्रतिष्ठित जनों के साथ सतत संवाद बनाएं।
उन्होंने कहा कि धार्मिक कार्यक्रम, पूजा-पाठ आदि निर्धारित स्थान पर ही हों और यह सुनिश्चित करें कि सड़क मार्ग, यातायात बाधित कर कोई धार्मिक आयोजन नहीं हो। योगी ने कहा कि अपनी धार्मिक विचारधारा के अनुसार सभी को अपनी उपासना पद्धति को मानने की स्वतंत्रता है। उन्होंने कहा कि माइक का प्रयोग किया जा सकता है, लेकिन यह सुनिश्चित हो कि माइक की आवाज उस परिसर से बाहर न आए। अन्य लोगों को कोई असुविधा नहीं होनी चाहिए।
उन्होंने यह भी स्पष्ट कहा कि नए स्थलों पर माइक लगाने की अनुमति नहीं दी जाए। उन्होंने बिना विधिवत अनुमति के कोई शोभा यात्रा, धार्मिक जुलूस निकालने पर रोक लगाने के साथ ही यह भी साफ किया कि अनुमति देने से पूर्व आयोजक से शांति-सौहार्द कायम रखने के संबंध में शपथ पत्र लिया जाए। अनुमति केवल उन्हीं धार्मिक जुलूसों को दिया जाए, जो पारंपरिक हों, नए आयोजनों को अनावश्यक अनुमति न दी जाए।
मुख्यमंत्री ने संवेदनशील क्षेत्रों में अतिरिक्त पुलिस बल की तैनाती करने, ड्रोन का उपयोग कर हर स्थिति पर नजर रखने और प्रतिदिन सायंकाल पुलिस बल को पैदल गश्त करने के निर्देश दिये।
उन्होंने पिछले दिनों लखनऊ पुलिस आयुक्तालय के गुडंबा थाना क्षेत्र में गोलीबारी की घटना का संज्ञान लेते हुए संबंधित आरोपियों के विरुद्ध कड़ी कार्रवाई करने और संबंधित थाना प्रभारी को निलंबित करने के निर्देश दिये। (भाषा)
कोलकाता, 19 अप्रैल। मुकुल रॉय को एक विधायक के रूप में अयोग्य ठहराने से संबंधित सुनवाई पश्चिम बंगाल विधानसभा में फिर से शुरू होगी। यह बात विधानसभा अध्यक्ष बिमान बनर्जी ने सोमवार को कही जिन्होंने पहले इसे लेकर एक याचिका खारिज कर दी थी।
विधानसभा सूत्रों ने कहा कि इस मामले की सुनवाई इस शुक्रवार से शुरू होने की संभावना है। बनर्जी ने यहां संवाददाताओं से कहा, ‘‘माननीय अदालत ने एक अनुस्मारक भेजा है। मैं इसे कानूनी रूप से देखूंगा। मैं दोनों पक्षों को बुलाऊंगा और सुनवाई करूंगा।’’
कलकत्ता उच्च न्यायालय ने पिछले हफ्ते विपक्ष के नेता शुभेंदु अधिकारी की याचिका खारिज करने के विधानसभाध्यक्ष के आदेश को रद्द कर दिया था। उक्त याचिका में अधिकारी ने टीएमसी विधायक मुकुल रॉय को दलबदल के आधार पर सदन के सदस्य के रूप में अयोग्य घोषित करने का अनुरोध किया था।
भाजपा के पूर्व राष्ट्रीय उपाध्यक्ष मुकुल रॉय भाजपा के टिकट पर पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव जीतने के बाद जून 2021 में सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस में शामिल हो गए थे। (भाषा)
चाईबासा, 19 अप्रैल । झारखंड के पश्चिमी सिंहभूम जिले में तीन सप्ताह के एक शिशु को उसके पिता ने कथित तौर पर पानी से भरे बर्तन में डुबो दिया। यह जानकारी पुलिस के एक अधिकारी ने दी।
पुलिस अधिकारी ने बताया कि आरोपी नशे की हालत में अपने परिवार के साथ नवागांव गांव स्थित अपने घर में सोमवार सुबह करीब नौ बजे नाश्ता कर रहा था, तभी उसका उसकी पत्नी से एक घरेलू मुद्दे को लेकर लेकर विवाद हो गया।
अधिकारी ने कहा कि उक्त व्यक्ति ने गुस्से में बच्चे को उठाया और उसे कड़ाही में तब तक डुबाकर रखा जब तक उसकी मौत नहीं हो गई। उन्होंने बताया कि घटना के बाद पिता मौके से फरार हो गया।
सूचना मिलते ही पुलिस की टीम मौके पर पहुंची और शव बरामद किया, जिसे शाम करीब साढ़े पांच बजे सदर अस्पताल लाया गया। हालांकि सोमवार को शव का पोस्टमार्टम नहीं हो सका।(भाषा)
मुंबई, 19 अप्रैल (भाषा)। राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) प्रमुख शरद पवार ने सोमवार को आरोप लगाया कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और उसके सहयोगी देश में ‘‘सांप्रदायिक माहौल’’ बनाने की कोशिश कर रहे हैं।
पवार का यह बयान कई राज्यों में रामनवमी और हनुमान जयंती पर शोभायात्रा के दौरान हुई हिंसा और महाराष्ट्र में मस्जिदों के ऊपर लाउडस्पीकर का मुद्दा उठाए जाने की पृष्ठभूमि में आया है।
उन्होंने कहा कि वहीं राज्य में शिवसेना के नेतृत्व वाली महा विकास आघाड़ी (एमवीए) सरकार की घटक राकांपा लोगों के बीच सद्भाव का माहौल बनाने में सबसे आगे है।
पवार ने कई ट्वीट करके कहा कि सांप्रदायिक विचारधारा का प्रसार ‘‘चिंता का विषय’’ है। उन्होंने कहा कि राकांपा आम नागरिकों से संबंधित मुद्दों जैसे कि पेट्रोल, डीजल, गैस और खाद्य तेल की कीमतों में वृद्धि को उठाएगी।
पवार ने मराठी में ट्वीट किया, ‘‘आज भाजपा और उसके सहयोगी देश में सांप्रदायिक स्थिति पैदा करने की कोशिश कर रहे हैं। हम लोगों में जागरूकता पैदा करने, लोगों के बीच समानता का माहौल बनाने में शामिल हैं।’’
मध्य प्रदेश, गुजरात और झारखंड जैसे राज्यों में रामनवमी के दौरान हिंसा देखी गई, जबकि शनिवार को दिल्ली के जहांगीरपुरी इलाके में हनुमान जयंती पर शोभायात्रा के दौरान झड़पें हुईं, जिसमें नौ पुलिसकर्मी और एक स्थानीय नागरिक घायल हो गया।
महाराष्ट्र में महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (मनसे) प्रमुख राज ठाकरे ने ध्वनि प्रदूषण का हवाला देते हुए एमवीए सरकार को तीन मई तक मस्जिदों से लाउडस्पीकर हटाने के लिए कहा है और मांग पूरी नहीं होने पर मस्जिदों के बाहर तेज आवाज में हनुमान चालीसा बजाने की धमकी दी है। भाजपा ने राज ठाकरे की मांग का समर्थन किया है।
पूर्व केंद्रीय कृषि मंत्री ने बिना किसी का नाम लिए माइक्रोब्लॉगिंग साइट पर यह भी कहा कि कई नेताओं ने भाजपा के विरोधी दलों को साथ लाने की इच्छा जताई है। उन्होंने कहा कि पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने उन्हें लिखित में इसकी जानकारी दी है।
पवार ने कहा, ‘‘ममता बनर्जी (महाराष्ट्र के) मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे और मुझसे इस संबंध में पहल करने की उम्मीद कर रही हैं। हम अन्य नेताओं से बात करने के बाद अंतिम फैसला करेंगे। लेकिन अभी तक (ऐसी बैठक के लिए) कोई तारीख तय नहीं की गई है।’’
सोमवार को बेंगलुरु का दौरा करने वाले पवार ने कहा कि राकांपा राष्ट्रीय स्तर पर अपना संगठन बना रही है। उन्होंने कहा कि कर्नाटक, जहां 2023 में विधानसभा चुनाव होने हैं, उन राज्यों में से एक है जहां पार्टी का आधार कमजोर है।
पवार ने कहा कि वह या उनकी पार्टी के सहयोगी भाजपा शासित दक्षिणी राज्य का दौरा अगले एक साल के दौरान करेंगे और वहां अपनी गतिविधियों और जनाधार का विस्तार करेंगे।
नयी दिल्ली,18 अप्रैल। दिल्ली पुलिस ने हनुमान जयंती के पर्व पर निकाली गयी शोभायात्रा के आयोजकों के खिलाफ सोमवार को एक प्राथमिकी दर्ज की। शनिवार को निकाली गई इस शोभायात्रा के दौरान दिल्ली के जहांगीरपुरी इलाके में सांप्रदायिक हिंसा फैल गयी थी।
क्षेत्र पर कड़ी निगरानी के लिए ड्रोन की मदद ली जा रही है और पुलिस ने राष्ट्रीय राजधानी के अशांत उत्तर-पश्चिम इलाके में सड़कों पर गश्त की।
साम्प्रदायिक झड़प को लेकर राजनीतिक दलों के निशाने पर आये दिल्ली पुलिस के आयुक्त राकेश अस्थाना ने सोमवार को एक संवाददाता सम्मेलन में कहा कि हिंसक झड़पों में शामिल लोगों को बख्शा नहीं जाएगा, चाहे वे किसी भी वर्ग, पंथ या धर्म के हों।
दिल्ली पुलिस ने झड़पों के दो दिन बाद स्वीकार किया कि हिंदू संगठनों द्वारा आयोजित तीसरी हनुमान जयंती शोभायात्रा को प्रशासनिक अनुमति नहीं दी गई थी। पुलिस ने सोनू नाम के एक व्यक्ति को गिरफ्तार भी किया जिसने कथित तौर पर पुलिस पर गोलियां चलाई थीं। हिंसा की घटना में आठ पुलिसकर्मियों और एक नागरिक सहित नौ लोग घायल हो गए थे। इस मामले में अभी तक कुल 25 लोगों को पकड़ा गया है। इनमें दो किशोर भी शामिल हैं।
पुलिस ने इस मामले में एक आरोपी एवं विश्व हिंदू परिषद (विहिप) के एक स्थानीय नेता प्रेम शर्मा से पूछताछ की और बाद में उसे छोड़ दिया।
पुलिस के अनुसार, वह 200 से अधिक वीडियो की पड़ताल कर रहे हैं ताकि उन लोगों की पहचान की जा सके जो हिंसा के पीछे थे।
अस्थाना ने कहा कि 16 अप्रैल की झड़पों की जांच के लिए 14 टीमों का गठन किया गया है।
अस्थाना ने एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए हनुमान जयंती शोभायात्रा के दौरान एक मस्जिद के ऊपर भगवा झंडा लगाने के कथित प्रयासों के दावों का खंडन किया।
पुलिस उपायुक्त (उत्तर-पश्चिम) उषा रंगनानी ने कहा कि बिना अनुमति के जुलूस निकालने के लिए आयोजकों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई है। उन्होंने कहा कि एक आरोपी जांच में शामिल हुआ है। उन्होंने कहा कि दिन में पहले निकाली गई दो ऐसी "हनुमान यात्रा" को आवश्यक प्रशासनिक अनुमति थी।
इससे पहले उन्होंने दिन में कहा था कि उत्तर पश्चिम दिल्ली के जहांगीरपुरी इलाके में बिना अनुमति के धार्मिक शोभायात्रा निकालने पर विश्व हिंदू परिषद (विहिप) और बजरंग दल के सदस्यों के खिलाफ एक मामला दर्ज किया गया है। दिल्ली पुलिस ने एक बयान में कहा था कि विश्व हिंदू परिषद के एक स्थानीय नेता प्रेम शर्मा को गिरफ्तार कर लिया गया है। हालांकि इस बयान को बाद में वापस ले लिया गया।
पुलिस द्वारा जारी संशोधित बयान में विहिप और बजरंग दल का भी नाम नहीं है।
इसबीच विहिप ने सोमवार को धमकी दी कि अगर जहांगीरपुरी में हनुमान जयंती शोभयात्रा के दौरान हुई हिंसा के संबंध में उसके कार्यकर्ताओं के खिलाफ कोई कार्रवाई की गयी तो वह दिल्ली पुलिस के खिलाफ ‘‘आंदोलन’’ करेगा।
विहिप का यह बयान तब आया जब पुलिस ने कहा कि उसने आयोजकों के खिलाफ बिना अनुमति के शोभायात्रा निकालने के लिए एक प्राथमिकी दर्ज की है।
पुलिस कार्रवाई पर तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए विहिप के राष्ट्रीय प्रवक्ता विनोद बंसल ने ‘पीटीआई-भाषा’ से कहा, ‘‘हमें पता चला है कि विहिप और बजरंग दल के कार्यकर्ताओं के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई। उन्होंने भारी गलती की है।’’
उन्होंने पुलिस के इस दावे को 'बेतुका' बताते हुए खारिज कर दिया कि आयोजकों ने बिना अनुमति के शोभायात्रा निकाली और कहा कि ऐसा लगता है कि पुलिस ‘इस्लामिक जिहादियों ’ के आगे झुक गई है।
इसबीच एक एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि क्षेत्र में 500 से अधिक पुलिसकर्मी और अतिरिक्त बलों की छह कंपनियां तैनात हैं।
अधिकारी ने बताया कि कुल 80आंसू गैस दल और पानी की बौछार करने वाले दलों को तैनात किया गया है। संवेदनशील इलाकों में छतों की निगरानी के लिए ड्रोन का इस्तेमाल किया जा रहा है। किसी भी अप्रिय स्थिति से बचने के लिए सभी वरिष्ठ अधिकारियों को घटनास्थल पर मौजूद रहने के निर्देश दिए गए हैं। अस्थाना ने इन दावों का खंडन किया कि हनुमान जयंती शोभायात्रा के दौरान एक मस्जिद पर भगवा झंडे लगाने का प्रयास किया गया था।
कई नेताओं और सोशल मीडिया उपयोगकर्ताओं ने आरोप लगाया था कि कुछ लोगों ने जहांगीरपुरी में एक स्थानीय मस्जिद पर झंडा लगाने की कोशिश की, जिसके बाद पथराव और हिंसा हुई।
भाजपा के इस आरोप के बारे में पूछे जाने पर कि गिरफ्तार आरोपियों में से एक आम आदमी पार्टी (आप) से जुड़ा है, अस्थाना ने टिप्पणी करने से इनकार किया और कहा कि एक अपराधी अपराधी होता है और पुलिस सबूतों के आधार पर चलती है।
दिल्ली पुलिस ने राष्ट्रीय राजधानी के जहांगीरपुरी इलाके में झड़प के दौरान गोलीबारी करने वाले 28 वर्षीय सोनू उर्फ इमाम उर्फ यूनुस को गिरफ्तार किया है। अधिकारियों ने सोमवार को यह जानकारी दी।
उन्होंने बताया कि आरोपी की पहचान जहांगीरपुरी के सी-ब्लॉक निवासी सोनू उर्फ इमाम उर्फ यूनुस के रूप में हुई है।
पुलिस उपायुक्त (उत्तर-पश्चिम) उषा रंगनानी ने कहा, ‘‘रविवार को सोशल मीडिया पर एक वीडियो प्रसारित किया जा रहा था, जिसमें जहांगीरपुरी में दंगों के दौरान नीली शर्ट पहने एक व्यक्ति गोलियां चलाते हुए दिखा था। उसे उत्तर-पश्चिम जिले के विशेष कर्मचारियों ने पकड़ लिया है।’’
इससे पहले दिन में, सोनू के परिवार के सदस्यों ने कथित तौर पर एक पुलिस टीम पर हमला किया, जो उनसे पूछताछ करने गई थी।
दिल्ली भाजपा नेताओं ने आरोप लगाया है कि मामले का मुख्य आरोपी - मोहम्मद अंसार - आम आदमी पार्टी से जुड़ा है।
आप प्रमुख एवं दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को लिखे पत्र में दिल्ली भाजपा के प्रवक्ता प्रवीण शंकर कपूर ने अंसार को पार्टी से निष्कासित करने की मांग की।
वहीं आप नेता एवं दिल्ली के मंत्री सत्येंद्र जैन ने कहा, ‘‘मुझे लगता है कि उसे (अंसार) भाजपा से जोड़ा जाना चाहिए क्योंकि भगवा पार्टी अंदर की कहानी जानती है।’’
आम आदमी पार्टी ने कहा कि हिंसा में शामिल लोगों को "कड़ी सजा" दी जानी चाहिए और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह को शहर में कानून व्यवस्था की स्थिति में सुधार के लिए कदम उठाने चाहिए।
माकपा पोलित ब्यूरो सदस्य वृंदा करात और पार्टी की दिल्ली प्रदेश समिति के सचिव के एम तिवारी ने आरोप लगाया है कि हनुमान जयंती शोभायात्रा "तलवारों, लाठियों और आग्नेयास्त्रों" से लैस थी।
हनुमान जयंती पर निकाली गयी शोभायात्रा के दौरान शनिवार को जहांगीरपुरी में दो समुदाय के लोगों के बीच झड़प हो गई थी जिसमें एक आम नागरिक और आठ पुलिसकर्मी घायल हो गए थे। (भाषा)
देवरिया (उप्र), 19 अप्रैल। देवरिया जिले के गौरीबाज़ार थाना क्षेत्र में एक बस और जीप के बीच आमने- सामने की टक्कर में छह लोगों की मौत हो गई और 12 से अधिक लोग घायल हो गए। पुलिस ने मंगलवार को यह जानकारी दी।
पुलिस ने बताया कि गौरीबाजार-रुद्रपुर मार्ग पर गौरी बाजार थानाक्षेत्र में इंदूपुर गांव के पास सोमवार रात लगभग साढ़े 10 बजे एक बस एवं जीप के बीच आमने-सामने की टक्कर हो गई। घायलों को जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया है, जिसमें एक की स्थिति गंभीर बताई गई है।
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इस सड़क दुर्घटना में लोगों की मौत होने पर गहरा शोक व्यक्त किया है। योगी ने ट्वीट कर मृतकों के शोक संतप्त परिजनों के प्रति संवेदना व्यक्त की और अधिकारियों को घायलों का समुचित उपचार कराने के निर्देश दिए।
अपर पुलिस अधीक्षक राजेश सोनकर ने बताया कि कुशीनगर जिले के कोहड़ा गांव के निवासी, विवाह पूर्व होने वाले तिलक कार्यक्रम में भाग लेने के बाद रात में रुद्रपुर के रैश्री गांव से वापस जा रहे थे, तभी उनकी जीप और बस के बीच टक्कर हो गई। बस गोरखपुर से रुद्रपुर जा रही थी।
उन्होंने बताया कि दुर्घटना में रामप्रकाश सिंह, वशिष्ठ सिंह, जोखन सिंह, अंकुर पांडेय और रामानंद मौर्य की मौके पर ही मौत हो गई, जबकि बस में सवार एक मृतक की देर रात तक पहचान नहीं हो सकी थी।
अपर पुलिस अधीक्षक ने बताया कि छह लोगों की मौत होने की पुष्टि हुई है।
जिलाधिकारी जितेंद्र प्रताप सिंह एवं पुलिस अधीक्षक डॉ. श्रीपति मिश्र ने देर रात जिला अस्पताल पहुंचकर घायलों का हाल चाल पूछा। जिलाधिकारी ने घटना पर दुःख प्रकट करते हुए कहा कि मृतकों के परिजनों एवं घायलों को शासन के नियमानुसार आर्थिक सहायता दी जाएगी। (भाषा)
राजधानी दिल्ली में कोरोना संक्रमण के नए केस तेजी से बढ़ते जा रहे हैं. पिछले चौबीस घंटों के दौरान राजधानी में कोरोना संक्रमण 501 नए केस सामने आए हैं. हालांकि रिकवरी के भी 290 मामले सामने आए हैं. फिलहाल एक्टिव केस 1729 हैं और पॉजिटिविटी रेट 7.72 फीसदी.
दिल्ली और राष्ट्रीय राजधानी इलाकों में कोरोना केस के बढ़ने के बाद यूपी और हरियाणा के कुछ जिलों में मास्क जरूरी कर दिया गया है. (bbc.com)
रायपुर, 19 अप्रैल। सीएम बघेल आज एक दिन के दौरे पर दिल्ली जा रहे हैं। सीएम हाउस से जारी शेड्यूल के मुताबिक वे आज के सभी कार्यक्रम स्थगित कर दिल्ली जा रहे हैं।
-सरोज सिंह
प्रशांत किशोर और कांग्रेस के शीर्ष नेताओं की एक और बैठक शनिवार (16 अप्रैल) को हुई है.
बीते 10 महीने में ये दूसरा मौका है जब प्रशांत किशोर की कांग्रेस के शीर्ष नेतृत्व से मुलाक़ात हुई है.
इससे पहले पिछले साल जुलाई में वो राहुल, प्रियंका और सोनिया गांधी से मिले थे. लेकिन उस समय ना तो कांग्रेस पार्टी ने और ना ही प्रशांत किशोर ने इस बारे में कोई आधिकारिक बयान जारी किया था.
लेकिन इस बार की मुलाक़ात अलग है. कांग्रेस ने इस बार आधिकारिक बयान में इस बात को स्वीकार किया है कि 2024 में होने वाले चुनाव को लेकर प्रशांत किशोर ने एक प्रेजेंटेशन सोनिया गांधी और बाक़ी कांग्रेस नेताओं के सामने पेश की है.
समाचार एजेंसी एएनआई से बातचीत में कांग्रेस नेता केसी वेणुगोपाल ने ये बात कही.
राहुल और कांग्रेस के ख़िलाफ़ जब बोले प्रशांत किशोर
पिछले साल जुलाई और इस साल अप्रैल में हुई दोनों मुलाक़ातों के बीच एक बयान उन्होंने बीते साल अक्टूबर में भी दिया था.
प्रशांत किशोर ने तब राहुल गांधी और कांग्रेस के लिए कहा था, "नेता इस धोखे में न रहें कि लोग मोदी से नाराज़ हैं और वो मोदी को हरा देंगे. हो सकता है कि वो मोदी को हरा दें लेकिन बीजेपी कहीं नहीं जा रही है. पार्टी आने वाले कुछ दशकों तक राजनीति में बने रहने वाली है. राहुल गांधी के साथ शायद यही समस्या है कि उन्हें लगता है कि वक्त की बात है, लोग आपको सत्ता से निकाल फेंकेंगे. ऐसा नहीं होने वाला है."
उन्होंने आगे कहा, "जब तक आप मोदी को नहीं समझेंगे, उनकी ताकत को नहीं समझेंगे आप उन्हें हराने की रणनीति नहीं तैयार कर सकेंगे. मैं जो समस्या देख रहा हूं वो ये है कि लोग न तो उनकी ताकत समझ रहे हैं और न ही ये कि वो क्या बात है जो उन्हें पॉपुलर बना रही है. जब तक आप ये नहीं जानेंगे आप उन्हें हरा नहीं सकते."
वो यहीं नहीं रुके. उन्होंने बीजेपी के बारे में कहा, "बीजेपी भारतीय राजनीति का केंद्र बने रहने वाली है. वो जीते या हारे फ़र्क़ नहीं पड़ता, जैसा कांग्रेस के लिए 40 सालों तक था वैसे ही बीजेपी के लिए भी है, वो कहीं नहीं जा रही है. अगर आपने राष्ट्रीय स्तर पर 30 फीसदी वोट हासिल कर लिए हैं तो आप आसानी से नहीं जाएंगे."
प्रशांत किशोर और कांग्रेस के आला नेताओं के बीच की इस बैठक को उनके ऊपर लिखे बयान के मद्देनज़र भी देखने की ज़रूरत है.
इस बारे में बीबीसी ने कांग्रेस और प्रशांत किशोर की राजनीति को नज़दीक से देखने वाले तीन वरिष्ठ पत्रकारों से बात की.
हिंदुस्तान टाइम्स अख़बार के पॉलिटिकल एडिटर विनोद शर्मा, कांग्रेस पर किताब लिखने वाले रशीद किदवई, प्रभात ख़बर के पूर्व संपादक रहे राजेन्द्र तिवारी से, जिन्होंने नीतीश कुमार के साथ उनके कार्यकाल को काफ़ी नज़दीक से देखा है.
तीनों वरिष्ठ पत्रकारों से बीबीसी ने दो सवाल पूछे. प्रशांत किशोर ने कांग्रेस के साथ काम करने की एक कोशिश पिछले साल जुलाई में की, फिर बीच में कांग्रेस नेतृत्व के ख़िलाफ़ बयान भी दिए, अब शनिवार को दोबारा से कांग्रेस की बैठक में वो नज़र आए?
आख़िर प्रशांत किशोर कांग्रेस से चाहते क्या हैं ?
विनोद शर्मा : कांग्रेस भले ही आज पार्टी के तौर पर क्षीण हो गई हो, सीटों के लिहाज से कमज़ोर हो गई, लेकिन आज भी कांग्रेस 12 करोड़ वोट की पार्टी है. प्रशांत किशोर इस बात को जानते हैं और मानते हैं कि कांग्रेस एक बार दोबारा खड़ी हो सकती है. पहले उनकी जो बातचीत कांग्रेस नेतृत्व से हुई थी, उसमें प्रशांत किशोर की कुछ शर्तें पार्टी को शायद मंजूर नहीं थी. लेकिन इस बार बातचीत के पहले कोई ग्राउंड बना है ऐसा लगता है. नहीं तो कांग्रेस की तरफ़ से आधिकारिक बयान नहीं आता, जो इस बार आया है. इस वजह से लगता है कि आने वाले दिनों में उनकी और कांग्रेस की कुछ डील हो सकती है.
राजेन्द्र तिवारी : दरअसल वो अपना राजनीतिक रोल तलाश कर रहे हैं. बिहार चुनाव के बाद उन्होंने जेडीयू ज्वाइन की थी. लेकिन बाद में पार्टी के अंदर के लोग जैसे आरसीपी सिंह, लल्लन सिंह से उनकी बनी नई. दोनों को लगा की उनके हाथ से चीज़े जा रही हैं. उस समय जेडीयू के साथ सत्ता में आरजेडी भी थी, जो उन्हें पसंद नहीं करती थी. इस वजह से प्रशांत किशोर को वहाँ दिक़्क़त हुई. फिर वो कांग्रेस में आए. 2017 में कांग्रेस के लिए उत्तर प्रदेश चुनाव की रणनीति बनाई लेकिन वो सफ़ल नहीं हुए. वो दिल्ली में आम आदमी पार्टी , डीएमके और दूसरी पार्टियों के साथ भी जुड़े और काम किया. ममता बनर्जी के साथ भी कोशिश की कि राजनीतिक तौर पर उनको कोई भूमिका मिले, लेकिन बात वहाँ भी नहीं बनी. इसलिए अब उन्हें लगने लगा है कि बिना कांग्रेस कोई बात बन नहीं रही है.
रशीद किदवई : चुनावी रणनीतिकार के रूप में प्रशांत किशोर काफ़ी सफ़ल रहे. ममता बनर्जी को पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव में जीत दिलाना उनके रणनीतिकार वाले करियर का दूसरा हाई प्वाइंट था. उनके करियर का पहला हाई प्वाइंट 2014 में बीजेपी की जीत है. लेकिन अब इसके आगे क्या? उनके पास विकल्प बहुत सीमित हैं. आगे वो सक्रिय राजनीति में नेता के रूप में आना तो चाहते हैं लेकिन क्षेत्रीय पार्टियों के साथ कुछ दिक़्क़तें हैं. क्षेत्रीय पार्टियों में एक तो भाषा के स्तर पर दिक़्क़त आती है और दूसरी समस्या ये कि रीजनल पार्टियां 'व्यक्ति विशेष' आधारित होती हैं. राष्ट्रीय स्तर की पार्टियों में भी ऐसी समस्याएं होती हैं, लेकिन काम करने का तरीका क्षेत्रीय पार्टियों से अलग होता है. बीजेपी के साथ वो काम कर चुके हैं. इस वजह से कांग्रेस ही उनका स्वाभाविक विकल्प है.
विनोद शर्मा : कांग्रेस का कार्यकर्ता इस समय हतोत्साहित है. उनमें उत्साह तभी भर सकता है, जब पार्टी एक-दो चुनाव में कुछ सीटें जीत पाए. प्रशांत किशोर के कांग्रेस के साथ जुड़ने से क्या पता ऐसा संभव हो सके. दूसरी बात ये भी है कि कांग्रेस एक सुस्त पार्टी है. उसका मुकाबला एक ऐसी पार्टी से है जो हर वक़्त चुनावी मोड में रहती है, कांग्रेस नेतृत्व को उम्मीद होगी कि पार्टी से जुड़ने के बाद प्रशांत किशोर कांग्रेस की इस सुस्ती को दूर कर सके, ताकि वो पार्टी के भीतर कोई अलग तरह का सिस्टम बना सके. प्रशांत किशोर इस तरह का सिस्टम बनाने के लिए एक ब्लू प्रिंट पार्टी को दे सकते हैं. वो जनता में पैठ रखने वाले नेता तो हैं नहीं. चुनाव के लिए पार्टी को तैयार करना ही उनकी ख़ासियत और उपलब्धि रही है. अगर कांग्रेस के अंदर वो ऐसा कर पाएं तो शायद आगे चल कर पार्टी में उनकी जगह भी बन जाए.
राजेन्द्र तिवारी : कांग्रेस के पास कोई अच्छा मैनेजर नहीं है. कांग्रेस में नेतृत्व की दिक़्क़त तो है ही साथ ही चुनावी मैनेजमेंट करने वाले लीडर की भी दिक़्क़त है. अहमद पटेल की मौत के बाद वो कमी और खल रही है. ये नहीं मालूम की प्रशांत किशोर उनकी जगह पार्टी में ले पाएंगे या नहीं, लेकिन मजबूर कांग्रेस भी है.
रशीद किदवई : पाँच राज्यों में चुनाव हारने के बाद, कांग्रेस काफ़ी नाउम्मीद है. राहुल गांधी के बतौर कांग्रेस नेता दूसरी राजनीतिक पार्टी के नेता के साथ संबंध वैसे नहीं हैं जो विपक्षी दल के सर्व स्वीकार्य नेता के तौर पर उनके होने चाहिए. प्रशांत किशोर ने विपक्ष की क्षेत्रीय पार्टियों में कईयों के साथ काम किया है. कांग्रेस के लिए विपक्षी एकजुटता में स्वीकार्यता बढ़ाने का काम प्रशांत किशोर बखूबी कर सकते हैं.
प्रशांत किशोर का अब तक का रणनीतिकार के तौर पर सफ़र
प्रशांत किशोर अब तक नरेंद्र मोदी, जेडीयू नेता नीतीश कुमार, तृणमूल कांग्रेस नेता ममता बनर्जी, पंजाब में कैप्टन अमरिंदर सिंह, आम आदमी पार्टी के अरविंद केजरीवाल, आंध्र प्रदेश में जगन रेड्डी और तमिलनाडु में डीएमके नेता एमके स्टालिन को अपनी प्रोफ़ेशनल सेवाएँ दे चुके हैं.
पिछले बिहार चुनाव से पहले उन्होंने 'बात बिहार की' भी लॉन्च किया था. लेकिन उम्मीद के मुताबिक़ उन्हें सफलता हाथ नहीं लगी. 2017 के यूपी विधानसभा चुनाव में राहुल और अखिलेश को साथ ला कर उन्होंने 'यूपी के लड़के' के साथ एक प्रयोग किया लेकिन वो भी सफ़ल नहीं रहा. ममता बनर्जी ने गोवा में भी टीएमसी को उतारा. माना जाता है कि प्रशांत किशोर के कहने पर ही उन्होंने ऐसा किया. लेकिन ये प्रयोग भी सफ़ल नहीं रहा.
इस बार कांग्रेस के साथ उनकी बात बनती है, तो सबकी नज़र उनकी आगे होने वाली भूमिका पर रहेगी.
फिलहाल सभी की निगाहें कांग्रेस नेतृत्व के फैसले पर है.
लखीमपुर खीरी हिंसा मामले में सोमवार को सुप्रीम कोर्ट ने अभियुक्त आशीष मिश्रा को इलाहाबाद हाई कोर्ट से मिली ज़मानत को रद्द कर दिया.
केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा टेनी के बेटे आशीष मिश्रा को सुप्रीम कोर्ट ने आत्मसमर्पण के लिए एक सप्ताह का समय दिया है. इसी साल 10 फ़रवरी को इलाहाबाद हाई कोर्ट ने आशीष मिश्रा को ज़मानत दे दी थी.
मुख्य न्यायाधीश एनवी रमन्ना की अध्यक्षता वाली तीन सदस्यीय पीठ ने यह फ़ैसला सुनाया है. शीर्ष न्यायालय ने आशीष मिश्रा की ज़मानत के मामले को दोबारा इलाहाबाद हाई कोर्ट भेज दिया है और ज़मानत याचिका पर फिर से सुनवाई करने को कहा है.
सुप्रीम कोर्ट ने साथ ही इलाहाबाद हाई कोर्ट के फ़ैसले पर कहा है कि हाई कोर्ट ने अप्रासंगिक कारकों पर ध्यान दिया जो दिखाता है कि उन्हें ज़मानत देने में जल्दबाज़ी की गई.
लखीमपुर में हुई हिंसा में प्रभावित पीड़ित परिवारों के सदस्यों ने इलाहाबाद हाई कोर्ट के ज़मानत देने के फ़ैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी.
पीड़ित परिवारों ने ज़मानत रद्द करने की मांग करते हुए कहा था कि उत्तर प्रदेश सरकार ने अभियुक्त आशीष मिश्रा को ज़मानत दिए जाने का विरोध नहीं किया था.
सुप्रीम कोर्ट ने 4 अप्रैल को सभी पक्षों की दलील सुनने के बाद आशीष मिश्रा की ज़मानत रद्द करने की याचिका पर फ़ैसला सुरक्षित रख लिया था.
पीड़ित परिवारों की ओर से वरिष्ठ वकील दुष्यंत दवे पेश हुए थे. उन्होंने सुप्रीम कोर्ट के आगे कहा कि इलाहाबाद हाई कोर्ट ने एफ़आईआर पर विचार करते समय भारी ग़लती की क्योंकि चार्जशीट फ़ाइल हो चुकी थी. उन्होंने यह भी कहा कि इलाहाबाद हाई कोर्ट ने प्रदर्शनकारियों को कुचलने की जगह गोली के ज़ख़्मों और हथियारों के इस्तेमाल पर ज़ोर दिया.
वरिष्ठ वकील महेश जेठमलानी उत्तर प्रदेश सरकार की ओर से सुप्रीम कोर्ट में पेश हुए. उन्होंने कहा कि अभियुक्त किसी के लिए ख़तरा नहीं हैं और पीड़ितों और गवाहों को सुरक्षा मुहैया कराई जा रही है तो इस वजह से सुबूतों के साथ छेड़छाड़ की कोई संभावना नहीं है.
प्रदर्शनकारी किसानों पर जब चढ़ाई गई कार
बीते साल 3 अक्तूबर को उत्तर प्रदेश के उप-मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य के लखीमपुर खीरी ज़िले के दौरे के ख़िलाफ़ किसान प्रदर्शन कर रहे थे. इस दौरान प्रदर्शनकारी किसानों पर एसयूवी गाड़ी चढ़ा दी गई थी जिसमें चार किसान मारे गए थे. इसके बाद हुई हिंसा में बीजेपी के तीन कार्यकर्ता मारे गए थे. इस घटना में कुल मिलाकर आठ लोग मारे गए थे.
नवंबर 2021 में सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले की जांच की निगरानी करने के लिए पंजाब और हरियाणा हाई कोर्ट के पूर्व जज जस्टिस राकेश कुमार जैन को नियुक्त किया था.
उत्तर प्रदेश सरकार ने हाल ही में सुप्रीम कोर्ट से कहा था कि राज्य सरकार ने गवाहों और पीड़ित परिवारों की सुरक्षा के लिए सभी तरह की कोशिशें की हैं.
इसके अलावा उत्तर प्रदेश सरकार ने सुप्रीम कोर्ट से एक हलफ़नामे में कहा था कि सभी गवाहों से उनकी सुरक्षा के मूल्यांकन को लेकर लगातार पुलिस उनसे संपर्क कर रही है.
मारे गए किसानों के परिवारों ने आशीष मिश्रा को ज़मानत मिलने के बाद सुप्रीम कोर्ट का रुख़ किया था और उन्होंने आरोप लगाया था कि राज्य सरकार ने अच्छे तरह से इसका विरोध नहीं किया था. इसको पूरी तरह ग़लत बताते हुए उत्तर प्रदेश सरकार ने सुप्रीम कोर्ट से भी कहा था कि उसने इलाहाबाद हाई कोर्ट में आशीष मिश्रा की ज़मानत याचिका का विरोध किया था.
पीड़ित परिवारों की ओर से पेश हुए वकील प्रशांत भूषण ने सुप्रीम कोर्ट से कहा कि इस मामले के मुख्य अभियुक्त पर कथित तौर पर 'क्रूरता' से हमला किया गया था और 'धमकी दी गई थी कि उसका ध्यान रखा जाएगा क्योंकि बीजेपी ने उत्तर प्रदेश में हाल ही में विधानसभा चुनाव जीता है.' (bbc.com)
लखीमपुर खीरी (उप्र), 18 अप्रैल। पीलीभीत-बस्ती राजमार्ग पर लखीमपुर खीरी शहर कोतवाली क्षेत्र के पांगी खुर्द गांव में एक पेट्रोल पंप के पास कथित तौर पर सदर विधायक की तेज रफ्तार स्कॉर्पियो गाड़ी की टक्कर से बाइक सवार दो युवकों की मौके पर ही मौत हो गई। पुलिस ने सोमवार को यह जानकारी दी।
पुलिस के अनुसार घटना रविवार देर रात्रि की है। इस घटना के बाद सोमवार को समाजवादी पार्टी (सपा) के प्रमुख और उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की है। यादव ने आरोप लगाया, ‘‘उत्तर प्रदेश में कानून व्यवस्था का बुरा हाल है, हर तरफ दूनी रफ्तार से अपराधी तत्व अपना आतंक फैला रहे हैं और भाजपाइयों द्वारा सत्ता के डबल इंजन की पॉवर वाली गाड़ी से लोगों को रौंदने का सिलसिला भी बेरोकटोक चल रहा है।’’ उन्होंने कहा, ‘‘भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के विधायक की गाड़ी से लखीमपुर खीरी में दो भाइयों की कुचलकर मौत हो गई।’’
हादसे में मारे गये युवकों की पहचान शहर कोतवाली क्षेत्र के किरतपुर गांव के रहने वाले रवि (22) और उसके रिश्तेदार सुमित (25) के रूप में हुई है। दोनों पड़ोसी गांव रामपुर से घर लौट रहे थे।
पुलिस सूत्रों के अनुसार स्कॉर्पियो गाड़ी का पंजीकरण लखीमपुर सदर क्षेत्र के भाजपा विधायक योगेश वर्मा की पत्नी के नाम पर है और वाहन पर विधायक लिखा हुआ है। चुनावी हलफनामे में विधायक ने इस वाहन का ब्योरा दिया था। सूत्रों ने बताया कि इस गाड़ी का उपयोग विधायक करते हैं, लेकिन हादसे के वक्त वह वाहन में मौजूद नहीं थे। योगेश वर्मा लखीमपुर शहर निर्वाचन क्षेत्र से लगातार दूसरी बार भाजपा के विधायक हैं।
अपर पुलिस अधीक्षक (एएसपी) अरुण कुमार सिंह ने दुर्घटना की पुष्टि करते हुए कहा कि बाइक और एक स्कॉर्पियो की टक्कर में दो युवकों की मौत हो गई। उन्होंने बताया कि हादसे के लिए जिम्मेदार स्कॉर्पियो भाजपा विधायक के परिवार के एक सदस्य के नाम पर है। उन्होंने कहा कि इस संबंध में प्राथमिकी दर्ज कर ली गई है और चालक को गिरफ्तार कर लिया गया है।
सूत्रों ने कहा कि कार चालक मुनेंद्र दुर्घटना के बाद भाग गया था लेकिन उसे बाद में गिरफ्तार कर लिया गया। पुलिस ने सोमवार को उसे जिला अदालत में पेश किया, जहां से उसे जमानत मिल गई।
गौरतलब है कि लखीमपुर खीरी जिले में ही पिछले वर्ष तीन अक्टूबर को किसानों के विरोध प्रदर्शन में केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय कुमार मिश्रा टेनी के बेटे आशीष मिश्रा पर एसयूवी वाहन से चार किसानों और एक पत्रकार को कुचल कर मारने का आरोप लगा। इस मामले में किसानों की शिकायत पर पुलिस ने आशीष मिश्रा और उसके सहयोगियों के खिलाफ मामला दर्ज कर गिरफ्तार किया था। बाद में अदालत से आशीष मिश्रा को जमानत मिल गई थी। उच्चतम न्यायालय ने सोमवार को इलाहाबाद उच्च न्यायालय द्वारा आशीष को दी गई जमानत को रद्द कर दिया। (भाषा)