जयपुर, 12 सितंबर (आईएएनएस)| राजस्थान के पूर्व उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट ने शनिवार को नौकरियों में कमी और भारतीय अर्थव्यवस्था पर पार्टी के नेता राहुल गांधी की विचारों का समर्थन करते हुए कहा कि तमाम उद्योगों पर ताला लग जाने से स्थिति काफी गंभीर बनी हुई है। यहां मीडिया से बात करते हुए उन्होंने कहा, "राहुल गांधी ने जो कहा, वह बिल्कुल सही है। केंद्र में सत्ता में आने पर भाजपा ने हर साल 2 करोड़ नौकरियां देने का वादा किया था, जबकि इसके विपरीत पिछले कुछ महीनों में करोड़ों नौकरियां चली गई हैं। वेतन में कटौती की जा रही है, चीन लद्दाख में हमारे सीमा क्षेत्रों में घुस आया है। हालांकि, लोगों का ध्यान इन मुद्दों से हटाने के लिए अन्य मुद्दों पर चर्चा की जा रही है।"
उन्होंने कहा कि अगर इन मुद्दों पर कोई कार्रवाई की गई तो पूरा देश भारत सरकार के साथ खड़ा होगा।
राहुल गांधी पहले भारत-चीन सीमा पर चीनी सेना द्वारा घुसपैठ कर कब्जा जमाए जाने, नौकरी में कटौती, बढ़ती बेरोजगारी और सकल घरेलू उत्पाद भारी गिरावट के साथ कई मुद्दों पर ट्वीट कर मोदी सरकार पर निशाना साध चुके हैं।
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श्रीनगर, 12 सितम्बर (आईएएनएस)| जम्मू एवं कश्मीर पुलिस ने शनिवार को कहा कि उसने दक्षिण कश्मीर के पंपोर इलाके में आतंकवाद का महिमामंडन करने वाले पोस्टर लगाने और आतंकवादियों के बैनर को प्रदर्शित करने के संबंध में तीन लोगों को गिरफ्तार किया है। पंपोर में 6 सितंबर को द्रानबल के नदीम अहमद डार, तुलबाग के अहमद सोफी और जलालाबाद के शाकिर अहमद डार ने पोस्टर चिपकाए थे और आतंकवादियों के बैनर लगाए थे।
पुलिस ने कहा, "श्रीनगर के रेनग्रेथ में एक प्रिंटिंग प्रेस 'रैंपेज एडवरटाइजिंग एजेंसी' से एसेसरीज के साथ दो कम्युटर सिस्टम, एक प्रिंटर जब्त किया गया है।"
पुलिस ने मामले के संबंध में एक एफआईआर दर्ज की है और जांच की जा रही है।
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नई दिल्ली, 12 सितंबर (आईएएनएस)| भारत बायोटेक इंटरनेशनल लिमिटेड ने घोषणा की है कि उसकी कोविड-19 वैक्सीन 'कोवैक्सीन' ने जानवरों पर किए गए अध्ययन में सकारात्मक प्रभाव दिखाया है और पुख्ता प्रतिरक्षाएं प्रतिक्रिया उत्पन्न की है। भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) और भारत बायोटेक द्वारा विकसित 'कोवैक्सीन' का परीक्षण पूरे भारत में 12 संस्थानों में किया जा रहा है। यह स्वदेशी वैक्सीन देश में कोरोनावायरस वैक्सीन की दौड़ में सबसे आगे चलने वालों में से एक है।
हैदराबाद स्थित फर्म ने कहा, "भारत बायोटेक गर्व से 'कोवैक्सीन' के पशु अध्ययन परिणामों की घोषणा करता है। यह परिणाम एक लाइव वायरल चैलेंज मॉडल में सुरक्षात्मक प्रभावकारिता प्रदर्शित करते हैं।"
दवा बनाने वाली कंपनी ने कहा, "वैक्सीन उम्मीदवार (ऐसे कैंडिडेट जिन पर परीक्षण किया गया) को मजबूत प्रतिरक्षा प्रतिक्रिया उत्पन्न करने के तौर पर पाया गया है।"
भारत बायोटेक ने कहा, "परिणामों ने सुरक्षात्मक प्रभाव दिखाया है। इसने सार्स-कोव-2 विशिष्ट आईजीजी को बढ़ाने और एंटीबॉडी को निष्क्रिय करने, नाक गुहा, गले और बंदरों के फेफड़ों के ऊतकों में वायरस के प्रतिरूप को कम किया है।"
इससे पहले कोरोनावायरस से निजात पाने के लिए 'भारत बायोटेक' द्वारा विकसित की जा रही स्वदेशी 'कोवैक्सीन' को ड्रग रेगुलेटरी की ओर से ट्रायल के दूसरे चरण की मंजूरी दी गई थी।
भारत बायोटेक वर्तमान में देशभर के कई अस्पतालों में कोरोना के मरीजों पर 'कोवैक्सीन' के दूरसे चरण के नैदानिक परीक्षण का आयोजन कर रहा है। इसमें अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) दिल्ली और पटना, विशाखापत्तनम में किंग जॉर्ज अस्पताल, हैदराबाद में निजाम का आयुर्विज्ञान संस्थान शामिल है। इसके साथ ही हरियाणा के रोहतक स्थित पीजीआई में भी इसका परीक्षण चल रहा है।
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नई दिल्ली, 12 सितंबर। ‘मोदी सरकार ने खेत-खलिहान-अनाज मंडियों पर तीन अध्यादेशों का क्रूर प्रहार किया है। ये ‘काले कानून’ देश में खेती व करोड़ों किसान-मजदूर-आढ़ती को खत्म करने की साजिश के दस्तावेज हैं। खेती और किसानी को पूंजीपतियों के हाथ गिरवी रखने का यह सोचा-समझा षडय़ंत्र है।’ यह आरोप लगाते हुए कांग्रेस ने आज एक लंबा बयान जारी किया है।
कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सिंह सुरजेवाला ने कहा कि अब यह साफ है कि मोदी सरकार पूंजीपति मित्रों के जरिए ‘ईस्ट इंडिया कंपनी’ बना रही है। अन्नदाता किसान व मजदूर की मेहनत को मुट्ठीभर पूंजीपतियों की जंजीरों में जकडऩा चाहती है। किसान को ‘लागत+50 प्रतिशत मुनाफा’ का सपना दिखा सत्ता में आए प्रधानमंत्री, नरेंद्र मोदी ने तीन अध्यादेशों के माध्यम से खेती के खात्मे का पूरा उपन्यास ही लिख दिया। अन्नदाता किसान के वोट से जन्मी मोदी सरकार आज किसानों के लिए भस्मासुर साबित हुई है।
उन्होंने कहा- मोदी सरकार आरंभ से ही है ‘किसान विरोधी’। साल 2014 में सत्ता में आते ही किसानों के भूमि मुआवज़ा कानून को खत्म करने का अध्यादेश लाई थी। तब भी कांग्रेस व किसान के विरोध से मोदी जी ने मुँह की खाई थी।
बयान में आगे कहा गया है- किसान-खेत मजदूर-आढ़ती-अनाज व सब्जी मंडियों को जड़ से खत्म करने के तीन काले कानूनों की सच्चाई इन दस बिंदुओं से उजागर हो जाती है-
1.अनाज मंडी-सब्जी मंडी यानि एपीएमसी को खत्म करने से ‘कृषि उपज खरीद व्यवस्था’ पूरी तरह नष्ट हो जाएगी। ऐसे में किसानों को न तो ‘न्यूनतम समर्थन मूल्य’ (एमएसपी) मिलेगा और न ही बाजार भाव के अनुसार फसल की कीमत। इसका जीता जागता उदाहरण भाजपा शासित बिहार है। साल 2006 में एपीएमसी एक्ट यानि अनाज मंडियों को खत्म कर दिया गया। आज बिहार के किसान की हालत बद से बदतर है। किसान की फसल को दलाल औने-पौने दामों पर खरीदकर दूसरे प्रांतों की मंडियों में मुनाफा कमा एमएसपी पर बेच देते हैं। अगर पूरे देश की कृषि उपज मंडी व्यवस्था ही खत्म हो गई, तो इससे सबसे बड़ा नुकसान किसान-खेत मजदूर को होगा और सबसे बड़ा फायदा मुट्ठीभर पूंजीपतियों को।
2. किसान को खेत के नज़दीक अनाज मंडी-सब्जी मंडी में उचित दाम किसान के सामूहिक संगठन तथा मंडी में खरीददारों के परस्पर कॉम्पटिशन के आधार पर मिलता है। मंडी में पूर्व निर्धारित ‘न्यूनतम समर्थन मूल्य’ (एमएसपी) किसान की फसल के मूल्य निर्धारण का बेंचमार्क है। यही एक उपाय है, जिससे किसान की उपज की सामूहिक तौर से ‘प्राईस डिस्कवरी’ यानि मूल्य निर्धारण हो पाता है। अनाज-सब्जी मंडी व्यवस्था किसान की फसल की सही कीमत, सही वजन व सही बिक्री की गारंटी है। अगर किसान की फसल को मुट्ठीभर कंपनियां मंडी में सामूहिक खरीद की बजाय उसके खेत से खरीदेंगे, तो फिर मूल्य निर्धारण, वजन व कीमत की सामूहिक मोलभाव की शक्ति खत्म हो जाएगी। स्वाभाविक तौर से इसका नुकसान किसान को होगा।
3. मोदी सरकार का दावा कि अब किसान अपनी फसल देश में कहीं भी बेच सकता है, पूरी तरह से सफेद झूठ है। आज भी किसान अपनी फसल किसी भी प्रांत में ले जाकर बेच सकता है। परंतु वास्तविक सत्य क्या है? कृषि सेंसस 2015-16 के मुताबिक देश का 86 प्रतिशत किसान 5 एकड़ से कम भूमि का मालिक है। जमीन की औसत मल्कियत 2 एकड़ या उससे कम है। ऐसे में 86 प्रतिशत किसान अपनी उपज नजदीक अनाज मंडी-सब्जी मंडी के अलावा कहीं और ट्रांसपोर्ट कर न ले जा सकता या बेच सकता है। मंडी प्रणाली नष्ट होते ही सीधा प्रहार स्वाभाविक तौर से किसान पर होगा।
4. मंडियां खत्म होते ही अनाज-सब्जी मंडी में काम करने वाले लाखों-करोड़ों मजदूरों, आढ़तियों, मुनीम, ढुलाईदारों, ट्रांसपोर्टरों, शेलर आदि की रोजी-रोटी और आजीविका अपने आप खत्म हो जाएगी।
5. अनाज-सब्जी मंडी व्यवस्था खत्म होने के साथ ही प्रांतों की आय भी खत्म हो जाएगी। प्रांत ‘मार्केट फीस’ व ‘ग्रामीण विकास फंड’ के माध्यम से ग्रामीण अंचल का ढांचागत विकास करते हैं व खेती को प्रोत्साहन देते हैं। उदाहरण के तौर पर पंजाब ने इस गेहूं सीजन में 127.45 लाख टन गेहूँ खरीदा। पंजाब को 736 करोड़ रु. मार्केट फीस व इतना ही पैसा ग्रामीण विकास फंड में मिला। आढ़तियों को 613 करोड़ रु. कमीशन मिला। इन सबका भुगतान किसान ने नहीं, बल्कि मंडियों से गेहूँ खरीद करने वाली भारत सरकार की एफसीआई आदि सरकारी एजेंसियों तथा प्राईवेट व्यक्तियों ने किया। मंडी व्यवस्था खत्म होते ही आय का यह स्रोत अपने आप खत्म हो जाएगा।
6. कृषि विशेषज्ञों का कहना है कि अध्यादेश की आड़ में मोदी सरकार असल में ‘शांता कुमार कमेटी’ की रिपोर्ट लागू करना चाहती है, ताकि एफसीआई के माध्यम से न्यूनतम समर्थन मूल्य पर खरीद ही न करनी पड़े और सालाना 80,000 से 1 लाख करोड़ की बचत हो। इसका सीधा प्रतिकूल प्रभाव खेत खलिहान पर पड़ेगा।
7. अध्यादेश के माध्यम से किसान को ‘ठेका प्रथा’ में फंसाकर उसे अपनी ही जमीन में मजदूर बना दिया जाएगा। क्या दो से पाँच एकड़ भूमि का मालिक गरीब किसान बड़ी बड़ी कंपनियों के साथ फसल की खरीद फरोख्त का कॉन्ट्रैक्ट बनाने, समझने व साईन करने में सक्षम है? साफ तौर से जवाब नहीं में है।
कॉन्ट्रैक्ट फार्मिंग अध्यादेश की सबसे बड़ी खामी तो यही है कि न्यूनतम समर्थन मूल्य यानि एमएसपी देना अनिवार्य नहीं। जब मंडी व्यवस्था खत्म होगी तो किसान केवल कॉन्ट्रैक्ट फार्मिंग पर निर्भर हो जाएगा और बड़ी कंपनियां किसान के खेत में उसकी फसल की मनमर्जी की कीमत निर्धारित करेंगी। यह नई जमींदारी प्रथा नहीं तो क्या है? यही नहीं कॉन्ट्रैक्ट फार्मिंग के माध्यम से विवाद के समय गरीब किसान को बड़ी कंपनियों के साथ अदालत व अफसरशाही के रहमोकरम पर छोड़ दिया गया है। ऐसे में ताकतवर बड़ी कंपनियां स्वाभाविक तौर से अफसरशाही पर असर इस्तेमाल कर तथा कानूनी पेचीदगियों में किसान को उलझाकर उसकी रोजी रोटी पर आक्रमण करेंगी तथा मुनाफा कमाएंगी।
8. कृषि उत्पाद, खाने की चीजों व फल-फूल-सब्जियों की स्टॉक लिमिट को पूरी तरह से हटाकर आखिरकार न किसान को फायदा होगा और न ही उपभोक्ता को। बस चीजों की जमाखोरी और कालाबाजारी करने वाले मुट्ठीभर लोगों को फायदा होगा। वो सस्ते भाव खरीदकर, कानूनन जमाखोरी कर महंगे दामों पर चीजों को बेच पाएंगे। उदाहरण के तौर पर ‘कृषि लागत एवं मूल्य आयोग’ की रबी 2020-21 की रिपोर्ट में यह आरोप लगाया गया कि सरकार किसानों से दाल खरीदकर स्टॉक करती है और दाल की फसल आने वाली हो, तो उसे खुले बाजार में बेच देती है। इससे किसानों को बाजार भाव नहीं मिल पाता। 2015 में हुआ ढाई लाख करोड़ का दाल घोटाला इसका जीता जागता सबूत है, जब 45 रु. किलो में दाल का आयात कर 200 रु. किलो तक बेचा गया था। जब स्टॉक की सीमा ही खत्म हो जाएगी, तो जमाखोरों और कालाबाजारों को उपभोक्ता को लूटने की पूरी आजादी होगी।
9. अध्यादेशों में न तो खेत मजदूरों के अधिकारों के संरक्षण का कोई प्रावधान है और न ही जमीन जोतने वाले बंटाईदारों या मुजारों के अधिकारों के संरक्षण का। ऐसा लगता है कि उन्हें पूरी तरह से खत्म कर अपने हाल पर छोड़ दिया गया है।
10. तीनों अध्यादेश ‘संघीय ढांचे’ पर सीधे-सीधे हमला हैं। ‘खेती’ व ‘मंडियां’ संविधान के सातवें शेड्यूल में प्रांतीय अधिकारों के क्षेत्र में आते हैं। परंतु मोदी सरकार ने प्रांतों से राय करना तक उचित नहीं समझा। खेती का संरक्षण और प्रोत्साहन स्वाभाविक तौर से प्रांतों का विषय है, परंतु उनकी कोई राय नहीं ली गई। उल्टा खेत खलिहान व गांव की तरक्की के लिए लगाई गई मार्केट फीस व ग्रामीण विकास फंड को एकतरफ़ा तरीके से खत्म कर दिया गया। यह अपने आप में संविधान की परिपाटी के विरुद्ध है।
महामारी की आड़ में ‘किसानों की आपदा’ को मुट्ठीभर ‘पूंजीपतियों के अवसर’ में बदलने की मोदी सरकार की साजिश को देश का अन्नदाता किसान व मजदूर कभी नहीं भूलेगा। भाजपा की सात पुश्तों को इस किसान विरोधी दुष्कृत्य के परिणाम भुगतने पड़ेंगे।
एयरलाइन कंपनियों को कड़ी चेतावनी
नई दिल्ली, 12 सितंबर। इंडिगो की फ्लाइट से चंडीगढ़ से मुंबई जा रही बॉलीवुड अभिनेत्री कंगना रनौत की फ्लाइट में फोटोग्राफी के लिए मीडिया कर्मियों के बीच मची अफरा-तफरी और कोरोना प्रोटोकॉल तथा सुरक्षा नियमों का पालन नहीं होने से नाराज विमानन नियामक डीजीसीएम ने इंडिगो को चेतावनी दी है। डीजीसीए ने कहा कि यदि सरकारी नियमों के खिलाफ एयरक्राफ्ट में किसी को भी फोटो लेते हुए पाया गया तो दो हफ्ते के लिए उस रूट पर फ्लाइट के परिचालन को रद्द कर दिया जाएगा।
नागर विमानन महानिदेशालय ने शनिवार को बयान में कहा कि तय नियमों और शर्तों के अधीन आने वाले मामलों को छोडक़र कोई भी व्यक्ति फोटोग्राफ नहीं लेगा।
डीजीसीए ने जोर देते हुए कहा कि अक्सर देखा गया है कि यथोचित प्रयासों में कमी के कारण एयरलाइंस इन नियमों का पालन करने में नाकाम साबित होती हैं। डीजीसीए ने विमान परिचालकों को सख्त चेतावनी देते हुए कहा कि अब से इस तरह का उल्लंघन होता है तो उस स्थिति में फ्लाइट का परिचालन उस रूट पर अगले 15 दिन के लिए रद्द कर दिया जाएगा। फ्लाइट के परिचालन को तभी बहाल किया जाएगा जब एयरलाइन कंपनी उल्लंघन के लिए जिम्मेदार लोगों के खिलाफ सभी जरूरी दंडात्मक कार्रवाई करेगी।
भाषा की खबर के मुताबिक, इससे पहले, डीजीसीए ने इंडिगो को चंडीगढ़-मुंबई की उसकी उड़ान में मीडियाकर्मियों द्वारा सुरक्षा और सामाजिक दूरी के नियमों के कथित उल्लंघन के लिए एक रिपोर्ट सौंपने को कहा था। यह घटना उस वक्त हुई थी, जब उड़ान से कंगना रनौत ने यात्रा की थी। वरिष्ठ अधिकारियों ने शुक्रवार को इस बारे में जानकारी दी। नागर विमानन महानिदेशालय (डीजीसीए) के एक अधिकारी ने बताया, ‘हमने ऐसे कुछ वीडियो देखे हैं जिसमें मीडियाकर्मी बुधवार को 6ई264 उड़ान में एक दूसरे से बहुत सटकर खड़े थे। यह सुरक्षा और सामाजिक दूरी के नियमों के उल्लंघन की तरह है। हमने विमानन कंपनी इंडिगो को इस घटना पर एक रिपोर्ट सौंपने को कहा है।
इंडिगो ने कहा कि उसने उड़ान के बाद इस मामले का रिकॉर्ड तैयार करने के लिए जरूरी प्रक्रिया का भी पालन किया।
नई दिल्ली, 12 सितंबर (आईएएनएस)| दिल्ली विधानसभा की शांति एवं सद्भाव समिति ने फेसबुक इंडिया के उपाध्यक्ष और प्रबंध निदेशक अजीत मोहन को समन किया है। घृणा फैलाने वाली सामग्री के खिलाफ नियमों को लागू करने में जानबूझ कर निष्क्रियता बरतने के आरोप वाली शिकायतों का हवाला देते हुए उन्हें समन किया गया है। समिति के मुताबिक, इससे कथित तौर पर दिल्ली में शांति भंग हुई थी। विधायक राघव चड्ढा की अध्यक्षता वाली समिति ने फेसबुक इंडिया के उपाध्यक्ष और प्रबंध निदेशक अजीत मोहन को 15 सितंबर को समिति के सामने उपस्थित होने के लिए नोटिस दिया है। समिति के मुताबिक, ऐसा इसलिए किया गया है, ताकि शिकायतकर्ताओं की शिकायतों की जांच की जा सके।
राघव चड्ढा ने कहा, "फेसबुक इंडिया को प्रमुख गवाहों के दिए गए तीखे बयानों के साथ-साथ उनकी तरफ प्रस्तुत की गई सामग्री व रिकॉर्ड में दोषी ठहराए जाने के आधार पर समन जारी किया गया है।"
राघव चड्ढा ने कहा, "गवाहों की तरफ से प्रस्तुत किए गए मजबूत साक्ष्य के संबंध में समिति का मानना है कि फेसबुक को दिल्ली दंगों की जांच में सह-अभियुक्त के रूप में आरोपित किया जाना चाहिए।"
समिति ने अपने अध्यक्ष राघव चड्ढा के माध्यम से अब तक चार अत्यंत महत्वपूर्ण गवाहों की जांच की है, जिनमें प्रख्यात लेखक परांजॉय गुहा ठाकुर्ता व डिजिटल अधिकार कार्यकर्ता निखिल पाहवा शामिल हैं।
समिति के मुताबिक, परांजॉय गुहा ने स्पष्ट रूप से बयान दिया कि फेसबुक प्लेटफॉर्म उतना नास्तिक और कंटेंट न्यूट्रल नहीं है, जितना कि वह होने का दावा करता है। साथ ही फेसबुक पर एक अपवित्र सांठगांठ का आरोप लगाया गया है।
गवाहों की तरफ से ब्लैक लाइव्स मामले के दौरान संयुक्त राज्य अमेरिका जैसे देश में फेसबुक नीतियों के चयनात्मक कार्यान्वयन की प्रक्रिया पर समिति का ध्यान आकर्षित किया था।
दिल्ली विधानसभा की शांति और सद्भाव समिति के अध्यक्ष राघव चड्ढा ने कहा, "उन्हें कई शिकायतें मिली थीं, जिसमें फेसबुक के संबंधित अधिकारियों पर भारत में घृणा फैलाने वाली सामग्री को कथित रूप से जानबूझकर अनदेखी का आरोप है।"
शिकायतों में लगाए गए आरोपों पर सावधानीपूर्वक विचार-विमर्श के बाद दिल्ली विधान सभा की समिति ने इस मुद्दे का त्वरित संज्ञान लिया और कार्यवाही शुरू की। समिति के कामकाज को पारदर्शी बनाने और जनता के विश्वास को स्थापित करने के लिए 15 सितंबर को भी कार्यवाही को लाइव-स्ट्रीम किया जाएगा।
चंडीगढ़, 12 सितंबर (आईएएनएस)| हरियाणा में साल 2014 में परिवार द्वारा दुल्हन की हत्या के मामले में राज्य के एक एक सत्र न्यायालर्य ने सात लोगों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। सिरसा जिले के धरबी गांव की अमनदीप कौर ने अगस्त 2014 में अपने पड़ोसी मनमीत सिंह से परिवार की मर्जी के खिलाफ शादी कर ली थी। दोषी नवविवाहिता के रिश्तेदार थे।
नवविवाहित दंपत्ति ने अपनी जान का खतरा बताते हुए पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट से सुरक्षा की मांग की थी।
पहले आश्रय गृह में रहने के बाद दंपति मनमीत के घर चले गए थे।
उसके बाद सितंबर में अमनदीप का उसके परिवारवालों ने अपहरण कर लिया था और हत्या करने के बाद उसका शव पंजाब के एक गांव में फेंक दिया गया था।
सिरसा के अतिरिक्त जिला और सत्र न्यायाधीश चंदर हस ने अमनदीप के भाई करण सिंह, उसके दो चाचा मुख्तयार सिंह और जगतार सिंह और अन्य रिश्तेदारों विकास, बलबीर कौर, प्रिंस रानी और बूटा सिंह को दोषी ठहराया।
नई दिल्ली, 12 सितम्बर (आईएएनएस)| प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक बार फिर देशवासियों को कोरोना से बचे रहने की सलाह दी है। उन्होंने शनिवार को नया मंत्र देते हुए कहा कि 'जब तक दवाई नहीं, तब तक ढिलाई नहीं।' प्रधानमंत्री मोदी ने दो गज की दूरी, मास्क है जरूरी का मंत्र भी न भूलने की सलाह ही।
प्रधानमंत्री ने कहा, मैं बार-बार कहता हूं। जरूर याद रखिए। मेरी बात आप मानें भी। देखिए, जब तक दवाई नहीं, तब तक ढिलाई नहीं। दो गज की दूरी, मास्क है जरूरी, इस मंत्र को भूलना नहीं है। आपका स्वास्थ्य उत्तम रहना चाहिए।
प्रधानमंत्री ने मध्य प्रदेश में प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत बनकर तैयार हुए घरों का उद्घाटन करने के दौरान लोगों को कोरोना से हमेशा सतर्क रहने की सलाह दी।
प्रधानमंत्री मोदी ने देशवासियों को दवाई की बात कहकर संदेश दिया कि जब तक वैक्सीन नहीं आ जाती, तब तक लोग अतिरिक्त सावधानियां बरतें।
पीएम मोदी ने आवास योजना के लाभार्थियों को संबोधित करते हुए कहा, आप सभी साथियों से यही कहूंगा कि ये घर आपके बेहतर भविष्य का नया आधार है। यहां से आप अपने नए जीवन की नई शुरूआत कीजिए। अपने बच्चों को, अपने परिवार को अब आप नई ऊंचाइयों पर लेकर जाइए। आप आगे बढ़ेंगे तो देश भी आगे बढ़ेगा।
नई दिल्ली, 12 सितंबर (आईएएनएस)| भारत में शनिवार को एक बार फिर कोविड-19 के मामलों में बड़ा उछाल दर्ज किया गया है। यहां कोविड-19 के 97,570 ताजा मामले दर्ज किए गए हैं, जिसके साथ देश में संक्रमण के कुल मामले 46,59,984 हो चुकी है। यह जानकारी केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा जारी आंकड़ों से मिली।
भारत में सामने आए यह मामले अमेरिका में एक दिन में आने वाले मामलों से दोगुना से भी अधिक है।
पिछले 24 घंटों में यहां 1,201 मौतें दर्ज की गई हैं, जिसके बाद मौतों की कुल संख्या 77,472 हो गई है।
कुल मामलों में से 9,58,316 मामले सक्रिय हैं, वहीं अब तक इससे 36,24,196 लोग उबर चुके हैं। अमेरिका में पहला मामला 21 जनवरी को दर्ज किया गया था, जबकि भारत में 30 जनवरी को किया गया था।
भारत, अमेरिका में सामने आने वाले हर दिन के मामलों के रिकॉर्ड को कई बार तोड़ चुका है। हालांकि अमेरिका ने अभी भी 15 अप्रैल को 2,494 लोगों की मृत्यु का रिकॉर्ड बनाए रखा है।
भारत में महाराष्ट्र, आंध्र प्रदेश, तमिलनाडु, कर्नाटक और उत्तर प्रदेश सबसे ज्यादा प्रभावित राज्य हैं। मंत्रालय के अनुसार वे सक्रिय मामलों में 60 प्रतिशत से अधिक के भागीदार हैं।
मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार, देश में रिकवरी दर 77.65 प्रतिशत है, जबकि मृत्यु दर 1.67 प्रतिशत है।
इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (आईसीएमआर) के आंकड़ों के अनुसार, भारत में शुक्रवार को एक ही दिन में रिकॉर्ड 10,91,251 टेस्ट हुए हैं और अब तक टेस्ट की कुल संख्या 5,51,89,226 हो गई है।
नई दिल्ली, 12 सितंबर (आईएएनएस)| प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि पहले गरीब सरकार के पीछे दौड़ता था, अब सरकार लोगों के पास जा रही है। प्रधानमंत्री आवास योजना ग्रामीण के तहत मध्यप्रदेश में बने 1.75 लाख घरों में शनिवार को परिवारों के गृहप्रवेश के मौके पर मोदी ने कहा कि अब किसी की इच्छा के अनुसार सूची में नाम जोड़ा या घटाया नहीं जा सकता। चयन से लेकर निर्माण तक वैज्ञानिक और पारदर्शी तरीका अपनाया जा रहा है। प्रधानमंत्री ने कहा, "पहले जो घर बनते थे, उनमें पारदर्शिता की भी कमी थी, कई गड़बड़ियां भी होती थीं, इसलिए उन घरों की क्वालिटी भी बहुत बेकार होती थी। लाभार्थियों को सरकारी दफ्तरों के चक्कर भी लगाने होते थे। पहले जो घर बनते थे, उनमें गृहप्रवेश ही नहीं हो पाता था।"
मोदी ने कहा, "मुझे कई बार लोग पूछते हैं कि घर तो पहले भी गरीबों के लिए बनते थे। वैसे दशकों से गरीबों के लिए घर बनाने की योजनाएं चल रही हैं। लेकिन करोड़ों गरीबों को घर देने का लक्ष्य था, वो कभी पूरा नहीं हो पाया। अब मैटीरियल से लेकर निर्माण तक, स्थानीय स्तर पर उपलब्ध और उपयोग होने वाले सामानों को भी प्राथमिकता दी जा रही है। पूरी पारदर्शिता के साथ हर चरण की पूरी मॉनीटरिंग के साथ लाभार्थी खुद अपना घर बनाता है।"
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि जैसे इंद्रधनुष में अलग-अलग रंग होते हैं वैसे ही पीएम आवास योजना के अंतर्गत बनने वाले घरों में भी अपने ही रंग हैं। अब गरीब को सिर्फ घर ही नहीं मिल रहा है, बल्कि घर के साथ शौचालय, गैस कनेक्शन, बिजली कनेक्शन, एलईडी बल्ब, पानी कनेक्शन सब कुछ मिल रहा है।
प्रधानमंत्री मोदी ने बताया कि पीएम आवास योजना के तहत बन रहे घर की रजिस्ट्री ज्यादातर महिला के नाम पर हो रही है या फिर साझी हो रही है। उन्होंने कहा, "जब गरीब की आय व आत्मविश्वास बढ़ता है तो आत्मनिर्भर भारत का संकल्प भी मजबूत होता है। पहले गांवों की मूलभूत सुविधाओं को विकसित किया गया, अब वहां आधुनिक सुविधाओं को विकसित किया जा रहा है।"
प्रधानमंत्री मोदी ने कोरोना काल में तेज गति से कार्य होने का उदाहरण भी दिया। उन्होंने कहा, "सामान्य तौर पर प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत एक घर बनाने में औसतन 125 दिन का समय लगता है। कोरोना काल में पीएम आवास योजना के तहत घरों को सिर्फ 45 से 60 दिन में ही बनाकर तैयार कर दिया गया है। आपदा को अवसर में बदलने का ये उत्तम उदाहरण है।
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि पीएम गरीब कल्याण अभियान के तहत घर तो बन ही रहे हैं। हर घर जल पहुंचाने का काम हो, आंगनबाड़ी और पंचायत के भवनों का निर्माण हो, पशुओं के लिए शेड बनाना हो, तालाब और कुएं बनाना हो, गांव के विकास से जुड़े ऐसे अनेक काम तेजी से किए गए हैं।
नई दिल्ली, 12 सितंबर (आईएएनएस)| कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी ने शनिवार को सामाजिक कार्यकर्ता स्वामी अग्निवेश के निधन पर शोक व्यक्त करते हुए कहा कि उन्होंने अपनी पूरी जिंदगी समाज में हाशिए पर रहे वर्गो के लिए बेहद साहस और दृढ़ विश्वास के साथ लड़ाई लड़ी। अपने एक बयान में सोनिया गांधी ने कहा, "स्वामी अग्निवेश के निधन से मैं बहुत दुखी हूं। उन्होंने अपनी पूरी जिंदगी बेहद साहस और दृढ़ विश्वास के साथ समाज में हाशिए पर रहे वर्गो के लिए लड़ाई लड़ी। उन्होंने निडरता से उनके अधिकारों की रक्षा की और उनका भी सामना किया, जो कमजोर वर्ग का शोषण करते हैं, उन्हें दबाते हैं और गरीबों को डराते हैं। अक्सर व्यक्तिगत जोखिम उठाते हुए उन्होंने अपने काम को अंजाम दिया।"
उन्होंने आगे कहा, "स्वामी अग्निवेश कमजोर और निराश्रितों के लिए 'सबसे शक्तिशाली' और 'प्रभावी' आवाज थे।"
स्वामी अग्निवेश ने शुक्रवार शाम को आईएलबीएस अस्पताल में अंतिम सांस ली। चिकित्सकों ने बताया कि शाम छह बजे के करीब उन्हें दिल का दौरा पड़ा था।
मूडीज के मुताबिक 11.5 फीसदी गिरेगी जीडीपी
देश एक बेहद आर्थिक संकट के दौर में पहुंच चुका है। पहली तिमाही के अत्यंत निराशाजनक आंकड़े सामने आने के बाद तमाम अंतरराष्ट्रीय एजेंसियों ने भारत की विकास दर को लेकर अपने अनुमान बदलना शुरु कर दिए हैं। रेटिंग एजेंसी मूडीज़ ने शुक्रवार को कहा कि मौजूदा वित्त वर्ष में भारत की जीडीपी में कम से कम 11.5 फीसदी की गिरावट दर्ज होगी। ध्यान रहे कि इससे पहले मूडीज ने अर्थव्यवस्था में सिर्फ 4 फीसदी की गिरावट का अनुमान लगाया था, जिसे संशोधित कर 11.5 फीसदी कर दिया है।
मूडीज का कहना है कि भारत के लिए उसका यह अनुमान गिरती विकास दर, जरूरत से ज्यादा कर्ज और कमजोर वित्तीय प्रणाली पर आधारित है। मूडीज के मुताबिक भारत की फाइनेंशियल सिस्टम और अर्थव्यवस्था से देश की वित्तीय मजबूती में और गिरावट आ सकती है, जिससे भारत की वित्तीय साख पर गहरा असर होगा।
गोल्डमैन सैश ने कहा- जीडीपी में आएगी 14.8 फीसदी की कमी
इससे पहले वैश्विक रेटिंग एजेंसी गोल्डमैन सैश भी भारत की जीडीपी में भारी गिरावट का अनुमान लगा चुकी है। गोल्डमैन सैश के मुताबिक मौजूदा वित्त वर्ष में भारत की जीडीपी में 14.8 फीसदी की गिरावट का अनुमान है। वहीं फिच ने चालू वर्ष में भारत की अर्थव्यवस्था में 10.5 प्रतिशत की गिरावट का अनुमान लगाया है।
बात घरेलू रेटिंग एजेंसियों की करें तो एचएसबीसी और मार्गन स्टेनले ने जीडीपी में 5 से 7.2 फीसदी तक की गिरावट की बात कही है। वहीं क्रिसिल और इंडिया रेटिंग ने अर्थव्यवस्था में 9 और 11.8 फीसदी की गिरावट की आशंका जताई है।
जुलाई में और गिर गया औद्योगिक उत्पादन
भारत में इस वर्ष जुलाई माह में औद्योगिक उत्पादन में भारी गिरावट दर्ज की गई है। आधिकारिक आंकड़ों में शुक्रवार को इसकी पुष्टि हुई है। कोविड-19 महामारी की वजह से भारत के कारखानों के उत्पादन की क्षमता पर साल-दर-साल के आधार पर काफी विपरीत प्रभाव पड़ा है। औद्योगिक उत्पादन सूचकांक (आईआईपी) के हालिया अनुमानों के अनुसार, जुलाई माह में औद्योगिक उत्पादन में 10.4 प्रतिशत की गिरावट आई है।
सांख्यिकी एवं कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय के अनुमान दस्तावेज में कहा गया है कि वर्तमान सूचकांक रीडिंग की तुलना कोविड-19 महामारी से पहले के महीनों से नहीं की जानी चाहिए।
मंत्रालय ने औद्योगिक उत्पादन में गिरावट की वजह बताते हुए कहा कि कोविड-19 महामारी के प्रसार को रोकने के लिए सरकार द्वारा किए गए उपायों तथा देशभर में लागू राष्ट्रव्यापी बंद की वजह से कई औद्योगिक क्षेत्र के प्रतिष्ठान मार्च अंत से परिचालन नहीं कर पाए हैं।
आईआईपी के हालिया आंकड़ों के अनुसार, जुलाई 2020 में विनिर्माण क्षेत्र का उत्पादन 11.1 प्रतिशत घटा है, जो कि जून महीने में 15.9 प्रतिशत था। इसी तरह बिजली क्षेत्र का उत्पादन 2.5 प्रतिशत घट गया, जो कि जून में 10.2 प्रतिशत था। वहीं जुलाई, 2019 में इस क्षेत्र का उत्पादन 5.2 प्रतिशत बढ़ा था।
इसके अलावा जुलाई में खनन क्षेत्र के उत्पादन में 13 प्रतिशत की गिरावट आई जबकि एक साल पहले इसी महीने में इस क्षेत्र का उत्पादन 4.9 प्रतिशत बढ़ा था। साल-दर-साल आधार पर डेटा से पता चला है कि प्राथमिक वस्तुओं के विनिर्माण में (माइनस) 10.9 प्रतिशत की गिरावट आई है, वहीं पूंजीगत सामान में (माइनस) 22.8 प्रतिशत और मध्यवर्ती माल में (माइनस) 12.5 प्रतिशत की गिरावट दर्ज की गई है।
कंज्यूमर ड्यूरेबल्स के उत्पादन में 23.6 फीसदी कमी
जुलाई में टिकाऊ उपभोक्ता सामान के उत्पादन में भी 23.6 प्रतिशत की गिरावट आई। वहीं एक साल पहले समान महीने में इस क्षेत्र का उत्पादन 2.4 प्रतिशत घटा था। इंडिया रेटिंग्स एंड रिसर्च प्रिंसिपल अर्थशास्त्री सुनील कुमार सिन्हा ने कहा, आंकड़ों से यह भी पता चलता है कि मई और जून के महीने में देखी गई तेज रिकवरी अब कुछ हद तक कम होती जा रही है। इसका कारण देश के कई हिस्सों में स्थानीय या आंशिक या सप्ताहांत बंद है, जो अक्सर बिना किसी अग्रिम सूचना के लागू कर दिया जाता है।(navjivan)
लंदन: उच्चतम न्यायालय के सेवानिवृत्त न्यायाधीश मार्कंडेय काटजू ने शुक्रवार को भारत से लाइव वीडियो लिंक के जरिये भगोड़े हीरा कारोबारी नीरव मोदी के प्रत्यर्पण के मामले में मोदी की ओर से गवाही दी, जिसको भारत सरकार की ओर से अभियोजन पक्ष ने चुनौती दी. पांच दिन की सुनवाई के अंतिम दिन जस्टिस सैमुअल गूजी ने काटजू की विस्तृत गवाही सुनने के बाद मामले की सुनवाई 3 नवंबर तक स्थगित कर दी. तीन नवंबर को वह भारतीय अधिकारियों द्वारा पेश सबूतों की स्वीकार्यता से संबंधित तथ्यों पर सुनवाई करेंगे.
मोदी पर दो अरब अमेरिकी डॉलर के पंजाब नेशनल बैंक घोटाले के संबंध में धोखाधड़ी और धनशोधन के आरोप हैं. काटजू ने लिखित और मौखिक दावे किये हैं कि भारत में न्यायपालिका का अधिकांश हिस्सा भ्रष्ट है और जांच एजेंसियां सरकार की ओर झुकाव रखती हैं, लिहाजा नीरव मोदी को भारत में निष्पक्ष सुनवाई का मौका नहीं मिलेगा. काटजू के इन दावों पर भारत सरकार की ओर से मुकदमा लड़ रही ब्रिटेन की क्राउन प्रोसिक्यूशन सर्विस (सीपीएस) ने पलटवार किया.
बैरिस्टर हेलेन मैल्कम ने सवाल किया, ''क्या ऐसा संभव है. आप स्वघोषित गवाह हैं, जो कुछ भी बयान दे सकते हैं.'' इस पर काटजू ने जवाब दिया, ''आप अपने विचार रखने के हकदार हैं.'' मैल्कम ने इस विचाराधीन मामले में ब्रिटेन की अदालत में पेश किये जाने वाले सबूतों के संबंध में इस सप्ताह की शुरुआत में भारत में मीडिया को साक्षात्कार देने के काटजू के फैसले के बारे में भी सवाल किया, जिसपर काटजू ने कहा कि वह केवल पत्रकारों के सवालों के जवाब दे रहे थे और ''राष्ट्रीय महत्व'' के मामलों पर बोलना उनका कर्तव्य है.
सुप्रीम कोर्ट के रिटायर्ड जज जस्टिस मार्कंडेय काटजू ने शुक्रवार को भारत से लाइव वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के ज़रिए भगोड़े हीरा कारोबारी नीरव मोदी के प्रत्यर्पण के मामले में भारत सरकार की याचिका के ख़िलाफ़ गवाही दी.
इकोनॉमिक टाइम्स ने इस ख़बर को तीसरे पन्ने पर प्रमुखता से छापा है.
अख़बार की रिपोर्ट के अनुसार लंदन कोर्ट में चल रही सुनवाई में जस्टिस काटजू ने कहा कि नीरव मोदी को भारत में स्वतंत्र और निष्पक्ष सुनवाई का मौक़ा नहीं मिलेगा.
उनकी गवाही को भारत सरकार की ओर से अभियोजन पक्ष ने चुनौती दी और उनसे जुड़े विवादों पर भी सवाल पूछे.
काटजू ने लंदन कोर्ट में लिखित बयान भी दाखिल किया था जिसमें उन्होंने दावा किया कि अगर नीरव मोदी को भारत वापस भेजा जाता है तो उन्हें बलि का बकरा बना दिया जाएगा.
अख़बार के अनुसार काटजू ने कहा है कि भारतीय न्यायपालिका और सीबीआई में प्रत्यक्ष-अप्रत्यक्ष राजनीतिक हस्तक्षेप है.
उन्होंने लिखा है कि 'अब तक प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) सिर्फ़ 15 मामलों में ही सज़ा दिलवा पाया है.'
इस बयान में पूर्व सीबीआई निदेशक आलोक वर्मा का उदाहरण देते हुए उन्होंने कहा है कि भारत में जांच एजेंसियां अपने राजनीतिक आकाओं के मुताबिक़ ही काम करती हैं. (bbc)
नई दिल्ली, 11 सितम्बर | दिल्ली हाईकोर्ट ने रिपब्लिक टीवी के संपादक अर्णब गोस्वामी को निर्देश दिया है कि सुनंदा पुष्कर मामले में कथित अपमानजनक प्रसारण पर रोक लगाने संबंधी शशि थरूर की याचिका पर सुनवाई पूरी होने तक वह संयम बरते हैं और बयानबाजी पर रोक लगाएं.
लाइव लॉ के अनुसार, गोस्वामी को जवाब दाखिल करने के लिए नोटिस जारी करते हुए जस्टिस मुक्ता गुप्ता की एकल पीठ ने कहा कि किसी आपराधिक मामले में जांच लंबित होने के दौरान मीडिया को समानांतर सुनवाई करने, किसी को दोषी कहने या निराधार दावे करने से बचना चाहिए.
अदालत ने कहा, ‘जांच और सबूतों की पवित्रता को समझा जाना चाहिए और उनका सम्मान करना चाहिए.’
यह आदेश शशि थरूर की उस याचिका पर आया, जिसमें उन्होंने रिपब्लिक टीवी के संपादक अर्णब गोस्वामी द्वारा सुनंदा पुष्कर की मौत से जुड़े मामले संबंधी प्रसारण पर अंतरिम रोक लगाने की मांग की थी.
याचिका में उन्होंने मांग की है कि गोस्वामी को मौजूदा मामले के लंबित रहने तक सुनंदा पुष्कर की हत्या के संबंध में कोई खबर रिपोर्ट करने या प्रसारित करने पर रोक लगाई जाए और किसी भी तरह से वादी को अपमानित करने या उनकी छवि धूमिल करने पर भी रोक लगाई जाए.
शशि थरूर की ओर से पेश होते हुए वरिष्ठ वकील कपिल सिब्बल ने अदालत में कहा कि सुनंदा पुष्कर मामले में चार्जशीट दाखिल होने के बाद भी अर्णब गोस्वामी अपने कार्यक्रम में दावा कर रहे हैं कि उन्हें कोई शक नहीं है सुनंदा पुष्कर की हत्या हुई थी, जबकि चार्जशीट में हत्या का कोई मामला नहीं है.
सिब्बल ने इस ओर भी इशारा किया कि 1 दिसंबर, 2017 के इस अदालत के अंतिम आदेश के बाद भी गोस्वामी दिल्ली पुलिस की जांच पर भरोसा न होने की बात कहते हुए थरूर के खिलाफ अपमानजनक सामग्री का प्रसारण कर रहे हैं.
1 दिसंबर 2017 के आदेश में दिल्ली हाईकोर्ट ने गोस्वामी को संयम बरतने और मीडिया ट्रायल से बचने की सलाह दी थी.
सिब्बल ने कहा, ‘क्या एक सार्वजनिक बहस में किसी व्यक्ति को इस तरह से गाली दी जानी चाहिए? आखिर वह (गोस्वामी) कैसे कह सकते हैं कि हत्या की गई थी जबकि चार्जशीट कुछ और कहती है. जब तक अदालत मामले की सुनवाई कर रही है तब तक यह इस तरह से नहीं चल सकता है.’
अपने पिछले आदेश को संज्ञान में लेते हुए अदालत ने गोस्वामी को लताड़ लगाते हुए कहा, ‘जब चार्जशीट में आत्महत्या के लिए उकसाने का मामला दर्ज किया गया है, उसके बाद भी आप क्यों कह रहे हैं हत्या हुई थी. क्या आप मौके पर मौजूद थे या आप एक प्रत्यक्षदर्शी हैं? आपको आपराधिक जांच की पवित्रता और विभिन्न पहलूओं को समझना और उसका सम्मान करना चाहिए. केवल काटने का निशान होने का यह मतलब हत्या नहीं होता है. आपको पता भी है कि हत्या क्या होता है? हत्या होने का दावा करने से पहले आपको सबसे पहले समझना चाहिए कि हत्या क्या है?’
जब गोस्वामी की वकील मालविका त्रिवेदी ने कहा कि उनके पास एक एम्स डॉक्टर से मिला एक पुख्ता सबूत है, जो पुष्कर की हत्या की ओर इशारा करते हैं.
इस पर अदालत ने कहा, ‘आप सबूत जुटाने के क्षेत्र में काम नहीं कर रही हैं, आपको सबूतों तक पहुंचने का कोई अधिकार नहीं है. क्या आपको पता भी है कि कैसे सबूत इकट्ठा किया जाता है और आपराधिक सुनवाई में पेश किया जाता है? क्या चार्जशीट में जो कहा गया है उसके ऊपर मीडिया एक अपीलीय प्राधिकारी के रूप में कार्य कर सकता है? मीडिया पर कोई रोक नहीं है लेकिन इसके साथ ही कानून मीडिया ट्रायल पर रोक लगाता है.’
इसके बाद अदालत ने कहा कि जब जांच करने के लिए अधिकृत एक एजेंसी द्वारा चार्जशीट दायर की गई है और उसी का संज्ञान लेते हुए एक सक्षम अदालत प्रथमदृष्टया निष्कर्ष निकालती है कि मामले में आत्महत्या के लिए उकसाने का मामला बनता है और हत्या का मामला नहीं है, तब प्रतिवादी पक्ष द्वारा थरूर द्वारा हत्या किए जाने को लेकर दिए गए बयान इस अदालत के पिछले आदेश के निर्देशों का उल्लंघन हैं.
अदालत ने कहा, ‘प्रेस को ऐसे आपराधिक मामलों की रिपोर्टिंग के दौरान सावधानी बरतनी चाहिए जिनमें जांच जारी है.’
इसलिए अदालत अर्णब गोस्वामी को निर्देश देती है कि वह अदालत के पिछले आदेश का पालन करें और मामले की अगली सुनवाई तक संयम बरतें.
अदालत ने कहा, ‘इसका सख्ती से पालन किया जाना चाहिए वरना परिणाम भुगतने पड़ेंगे.’
बता दें कि कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने मई, 2017 में दिल्ली हाईकोर्ट में अर्णब गोस्वामी और उसी साल शुरू हुए उनके न्यूज़ चैनल रिपब्लिक टीवी के ख़िलाफ़ मानहानि का मुक़दमा दायर किया था.
थरूर ने अपनी याचिका में आरोप लगाया था कि उनकी पत्नी सुनंदा पुष्कर की मौत से जुड़ी ख़बर के प्रसारण के दौरान उनके ख़िलाफ़ मानहानिकारक टिप्पणियां की गईं. इसके लिए थरूर ने दो करोड़ रुपये के मुआवज़े की मांग की है.
थरूर ने यह अनुरोध भी किया था कि जब तक दिल्ली पुलिस की जांच पूरी नहीं हो जाए, चैनल पर उनकी पत्नी की मौत से संंबंधित किसी शो का प्रसारण नहीं हो.
इसके बाद फरवरी 2019 में थरूर की पत्नी सुनंदा पुष्कर की मौत की जांच से संबंधित गोपनीय दस्तावेजों की चोरी के आरोप में दिल्ली की एक अदालत ने रिपब्लिक टीवी और गोस्वामी के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करने के आदेश दिए थे. (thewire)
कोलकाता, 11 सितम्बर (आईएएनएस)| पश्चिम बंगाल में भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष दिलीप घोष के 'कोरोना समाप्त हो चुका है' बयान पर पलटवार करते हुए, ममता बनर्जी की अगुवाई वाली तृणमूल कांग्रेस ने शुक्रवार को उनपर जमकर हमला बोला। घोष ने यह बयान ऐसे समय दिया है, जब देश में कोरोना के मामलों में लगातार इजाफा हो रहा है। अखिल भारतीय तृणमूल कांग्रेस (एआईटीसी) ने अपने आधिकारिक ट्विटर हैंडल से ट्वीट कर कहा, "जब पूरा भारत कोविड-19 महामारी से बिना थके लड़ रहा है, दिलीप घोष घोषणा करते हैं कि कोरोना समाप्त हो चुका है। वह वोट बैंक की राजनीति को मानव जिंदगी से ज्यादा महत्व देते हैं।"
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के डाटा के अनुसार, भारत में शुक्रवार को बीते 24 घंटों में 96,551 मामले सामने आए, जो एक दिन में सबसे ज्यादा कोरोना संक्रमितों के मिलने का मामला है। इस प्रकार अब कुल मामलों की संख्या बढ़कर 45,62,414 हो गई। बीते 24 घंटों में इस महामारी से करीब 1209 लोगों ने अपनी जान गंवा दी, जोकि इस महामारी से एक दिन में मरने वाले सबसे ज्यादा लोगों की संख्या है। वहीं महामारी से मरने वालों की संख्या बढ़कर 76,271 हो गई है।
घोष ने बुधवार को कहा था कि कोरोना महामारी समाप्त हो गया है और ममता बनर्जी सरकार भाजपा को रैली करने से रोकने के लिए गैरजरूरी लॉकडाउन लगा रही है।
घोष ने कहा था, "कोरोना जा चुका है! दीदी नाटक कर रही है। वह जानबूझकर लॉकडाउन लगा रही है, ताकी भाजपा बंगाल में बैठक और रैलियां न कर सके।"
नई दिल्ली, 11 सितम्बर | देश में हर दिन कोरोना नए-नए रिकॉर्ड बना रहा है। पिछले कई दिनों से हर दिन देश में कोरोना के 90 हजार से ज्यादा नए केस सामने आए रहे हैं और एक हजार से ज्यादा लोगों की मौत हो रही है। बावजूद इसके बीजेपी नेताओं की निगह में कोरोना महामारी भारत को छोड़कर जा चुका है। बंगाल बीजेपी के अध्यक्ष दिलीप घोष ने ऐसा ही बयान दिया है। उन्होंने कहा कि कोरोना महामारी जा चुकी है।
अक्सर अपने बयानों को लेकर सुर्खियों में रहने वाले बंगला बीजेपी के अध्यक्ष ने बंगाल में एक रैली को संबोधित करते हुए कहा, “कोरोना तो जा चुका है। ममता बनर्जी बंगाल में लॉकडाउन लगा रही हैं, ताकि राज्य में बीजेपी सभाएं और रैलियां न कर सके। हमें कोई नहीं रोक सकता है।”
सवाल यह है कि क्या इस महामारी में बीजेपी को रैली और सभाओं की पड़ी है? क्या उसे जनता के स्वास्थ्य से कुछ लेना-देना नहीं हैं? यह सवाल इसलिए है क्योंकि दिलीप घोष का बयान ऐसा समय में आया है जब देश में हर दिन सैकड़ों लोगों की कोरोना वयारस से मौत हो रही है। हजारों लोग कोरोना संक्रमित हो रहे हैं और अस्पताल में इलाज कराने के लिए भर्ती हो रहे हैं। ऐसे में बीजेपी और उसके नेता ऐसा बयान देकर क्या बताना चाहते हैं?
देश में आज कोरोना वायरस ने अब तक के सभी रिकॉर्ड तोड़ दिए। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय की ओर से जारा ताजा आकंड़ों के मुताबिक, देश में पिछले 24 घंटे में कोरोना के रिकॉर्ड 96,551 नए केस सामने आए हैं और 1,209 लोगों की मौत हो गई है। देश कोरोना संक्रमितों की खंख्या 45 लाख के पार पहुंच गई है। कुल संक्रमितों की संख्या बढ़कर 45,62,415 हो गई है। देश में 9,43,480 सक्रिय मामले हैं। वहीं, 35,42,664 लोगों को इलाज के बाद अस्पताल से डिस्चार्ज किया जा चुका है। कोरोना की चपेट में आकर अब तक 76,271 लोगों की मौत हो चुकी है। इन आंकड़ों को देखने के बाद क्या यह कहा जा सकता है कि कोरोनो वायरस जा चुका है? (navjivan)
सुमित कुमार सिंह
नई दिल्ली, 11 सितम्बर (आईएएनएस)| चीन ने पूर्वी लद्दाख में पैंगॉन्ग झील के उत्तरी किनारे पर फिंगर-5 के पास एक सैन्य अड्डा (मिलिट्री बेस) स्थापित किया है। अब फिंगर-4 से आगे भारतीय सेना के जवानों की आवाजाही पूरी तरह से कट गई है।
झील के उत्तरी किनारे को कुल आठ फिंगर्स में विभाजित किया गया है। भारत फिंगर-8 पर वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) का दावा करता है और उसका फिंगर-4 तक के क्षेत्र पर नियंत्रण रहा है। लेकिन चीनी सेना यथास्थिति को स्पष्ट तौर पर बदलने के लिए फिंगर-4 के क्षेत्र में भी शिविर लगा रही है और उसने फिंगर-5 और फिंगर-8 के बीच किलेबंदी की है।
भारतीय खुफिया एजेंसियों ने दो महीने पहले ही सचेत कर दिया था कि फिंगर-5 के क्षेत्र में क्रेन, कंक्रीट का मिश्रण करने वाले ट्रक और अन्य भवन निर्माण मशीनरी को देखा गया है। उन्होंने यह भी संकेत दिया था कि चीन सैन्य बैरक और कार्यालय बना रहा है।
सूत्रों ने कहा कि चीन ने इन ठिकानों पर सैकड़ों की संख्या में सैनिकों को तैनात किया है। इसके साथ ही उन्होंने फिंगर-5 पर टैंक, आर्टिलरी गन और अन्य सैन्य हथियार रखे हैं।
फिंगर-8 में चीनी पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए) ने बैरक स्थापित किए हैं और भूमिगत सुरंगों का निर्माण किया है। इसके साथ ही उन्होंने फिंगर-8 पर विशाल सैन्य बुनियादी ढांचा खड़ा किया है।
पिछले साल तक इन विवादित क्षेत्रों में किसी भी सैन्य बुनियादी ढांचे से संबंधित कार्य नहीं किया जा रहा था और भारतीय सेना के जवान क्षेत्र में गश्त करते थे। झील के उत्तरी तट पर फिंगर-4 और फिंगर-8 के बीच आठ किलोमीटर की दूरी पर दोनों सेनाएं नियमित रूप से आमने-सामने हो रही हैं।
भारतीय सेना के प्रवक्ता कर्नल अमन आनंद इस मुद्दे पर टिप्पणी के लिए अनुपलब्ध थे।
अब भारतीय सेना फिंगर-4 से आगे नहीं बढ़ पा रही है, क्योंकि पीएलए के सैनिकों ने वहां कुछ ऊंचाइयों पर कब्जा कर लिया है। एहतियाती उपाय के रूप में भारतीय सैनिकों ने भी पीएलए के कब्जे वाले स्थानों को देखते हुए कुछ ऊंचाइयों पर अपनी पहुंच स्थापित कर ली है।
सूत्रों ने कहा कि चीनी सेना की बढ़ी गतिविधियों को देखते हुए, फिंगर-4 से आगे भारतीय सेना के जवानों की आवाजाही पूरी तरह से कट गई है।
भारत और चीनी सेना के बीच पूर्वी लद्दाख में एलएसी पर चार महीने से गतिरोध बना हुआ है। कई स्तरों के संवाद के बावजूद कोई सफलता नहीं मिली है और गतिरोध जारी है।
15 जून को गालवान घाटी में हुई हिंसक झड़प में 20 भारतीय सैनिक शहीद हो गए थे। झड़प में कुछ चीनी सैनिकों के मारे जाने की भी खबरें हैं, मगर चीन ने अभी तक अपने हताहत हुए जवानों के बारे में चुप्पी साध रखी है।
वास्तविक नियंत्रण रेखा के साथ और विशेष रूप से गलवान घाटी में चीनी आक्रामकता पांच मई से बढ़ना शुरू हुई थी। चीनी सैनिकों ने 17 मई और 18 मई को कुगरांग नाला, गोगरा और पैंगॉन्ग झील के उत्तरी तट के क्षेत्रों में अवैध रूप से अतिक्रमण करने का प्रयास किया था।
मुंबई, 11 सितम्बर (आईएएनएस)| बॉलीवुड अभिनेत्री कंगना रनौत ने अब कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी पर निशाना साधा है। कांग्रेस महाराष्ट्र में शिव सेना के नेतृत्व वाली गठबंधन सरकार का हिस्सा है। अभिनेत्री ने कहा कि इतिहास आपकी चुप्पी और उदासीनता का फैसला करेगा। कंगना ने ट्विटर पर लिखा, "आप पश्चिम में बड़ी हुई हैं और भारत में रह रही हैं। आप महिलाओं की संघर्ष से वाकिफ होंगी। जब आपकी खुद की सरकार द्वारा महिलाओं का शोषण किया जा रहा है, कानून व्यवस्था का मजाक उड़ाया जा रहा है, ऐसे में आपकी चुप्पी और उदासीन रवैये का फैसला इतिहास करेगा। मैं उम्मीद करती हूं कि आप मामले में हस्तक्षेप करेंगी।"
कंगना ने आगे लिखा, "भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस की सम्माननीय अध्यक्ष सोनिया गांधी जी एक महिला होने के नाते महाराष्ट्र में आपकी सरकार ने मेरे साथ जिस तरह का बर्ताव किया है, क्या आप उससे खफा नहीं हैं? क्या आप अपनी सरकार से डॉ. अंबेडकर द्वारा हमारे लिए बनाए गए संविधान के सिद्धांतों का पालन करने को नहीं कहेंगी?"
कंगना ने शिवसेना के दिवंगत नेता बाल ठाकरे का उदाहरण पेश कर शिव सेना पर भी तंज कसा है।
वह लिखती हैं, "मेरे पसंदीदा आदर्शो में से महान बाला साहेब ठाकरे का सबसे बड़ा डर यह था कि शिव सेना किसी दिन गठबंधन कर लेगी और कांग्रेस बन जाएगी। मैं जानना चाहती हूं कि आज पार्टी की हालत देख कर उनकी भावना क्या होती?"
बेंगलुरू, 11 सितम्बर (आईएएनएस)| कर्नाटक के मांड्या जिले के श्री अरकेश्वर मंदिर के प्रांगण में शुक्रवार को तीन पुजारियों की नृशंस हत्या कर दी गई। पुलिस ने इसकी जानकारी दी है।
यह घटना मांड्या में गट्टालु गांव की है, जो बेंगलुरू से कुछ सौ किलोमीटर की दूरी पर स्थित है।
पुलिस ने कहा कि पुजारियों के सिर पत्थरों से कुचल दिए गए हैं। इसके बाद हमलावरों ने मंदिर में मौजूद तीन दानपात्रों को तोड़कर उसमें से पैसे निकालकर भाग खड़े हुए। अपने पीछे ये बस कुछ सिक्के छोड़ गए थे।
पुलिस ने तीन पुजारियों की पहचान गणेश, प्रकाश और आनंद के रूप में की है।
पुलिस के अनुसार, सबसे पहले ग्रामीणों की नजर शवों पर पड़ी। सुबह-सुबह जब उन्होंने मंदिर के दरवाजे को आधा खुला हुआ देखा, तभी उन्हें कुछ गलत होने का शक हुआ।
पुलिस ने बताया, "ग्रामीणों ने परिसर में प्रवेश करते ही पुजारियों के शवों को खून से लथपथ देखा और इसके साथ ही उनकी नजर चारों ओर बिखरे हुए पत्थरों पर भी पड़ी।"
पुलिस ने कहा कि ये पुजारी मंदिर परिसर में देवताओं के साथ-साथ हुंडियों की रक्षा करने के लिए सोते थे।
यह मंदिर मुजराई विभाग (धार्मिक और धर्मार्थ विभाग) के अंतर्गत आता है और अपने संग्रह के चलते यह 'बी' श्रेणी में शुमार है।
पुलिस को शक है कि हमलावर तीन से अधिक हो सकते हैं और वे नकदी और कीमती सामानों को लूटने के मकसद से आए होंगे।
इस बीच, मुख्यमंत्री बी. एस. येदियुरप्पा ने मृतकों के परिवार को पांच लाख रुपये की अनुग्रह राशि देने की घोषणा की और कहा कि राज्य सरकार जल्द ही हमलावरों को गिरफ्तार करेगी।
अमरावती, 11 सितम्बर (आईएएनएस)| अपराध स्थल से जब 'चांस फिंगरप्रिंट्स' विकसित करने की बात आती है तो, आंध्रप्रदेश पुलिस विभाग इसमें सबसे आगे है। साथ ही यह विभाग 'चांस फिंगरप्रिंट्स' मामलों की पहचान करने में भी पहले स्थान पर है। नेशनल क्राइम रिकॉड्स ब्यूरो (एनसीआरबी) से यह जानकारी दी। एक अधिकारी ने कहा, "वर्ष 2019-2020 के लिए आंध्रप्रदेश पुलिस अपराध स्थल से 'चांस फिंगरप्रिंट्स' को विकसित करने में प्रथम स्थान पर है। साथ ही 'चांस प्रिंट केसों' की पहचान करने के मामलों में भी पुलिस बल ने सर्वोच्च स्थान हासिल किया है।"
इस वर्ष, दक्षिणी राज्य ने 9,418 चांस फिंगर प्रिंट्स को विकसित किया, जो कि देश में अन्य राज्यों में सबसे ज्यादा है।
एनसीआरबी के अनुसार, फिंगरप्रिंट विशेषज्ञों की मुख्य जवाबदेही अपराध स्थल पर अपराधियों द्वारा छोड़े गए चांस प्रिट्स को विकसित करना है। ऐसा इसलिए किया जाता है ताकि मौजूदा अपराधियों के फिंगरप्रिंट्स के डाटा बैंक से इसका मिलान करवाया जा सके।
नई दिल्ली, 11 सितम्बर (आईएएनएस)| मुंबई में अभिनेत्री कंगना रनौत का दफ्तर तोड़े जाने के मामले में महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने बड़ा बयान दिया है। उन्होंने मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे पर हमला बोलते हुए कहा है कि दाऊद का घर छोड़ दिया जाता है, लेकिन कंगना का तोड़ दिया जाता है। शुक्रवार को बिहार दौरे के लिए रवाना होने से पहले दिल्ली में पत्रकारों से बातचीत के दौरान फडणवीस ने महाराष्ट्र सरकार पर कोरोना से नहीं बल्कि कंगना से लड़ने का आरोप लगाया। महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने कहा, कंगना कोई बड़ा मुद्दा था नहीं, इस मामले को बड़ा आपने किया है। किसने उसका मकान तोड़ा? आपने तोड़ा। दाऊद के भिंडी बाजार वाले घर को तोड़ने के आदेश के बाद भी एफिडेविट दिया गया कि उसे तोड़ने के लिए मैनपावर नहीं है। दाऊद का घर तो तोड़ने जाते नहीं, कंगना के घर-दफ्तर को तोड़ने जाते हो।
देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि महाराष्ट्र सरकार को ऐसा लगता है कि लड़ाई कोरोना से नहीं है बल्कि कंगना से है। उन्होंने मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को संबोधित करते हुए कहा, जितनी ताकत आपने कंगना के पीछे लगाई है, उससे ज्यादा कोरोना पर ध्यान देने की जरूरत है।
देवेंद्र फडणवीस ने सीबीआई और एनसीबी की जांच को लेकर कहा कि इससे सुशांत सिंह प्रकरण की सच्चाई सामने आएगी। जिस तरह से ड्रग को लेकर खुलासा हुआ है, उससे पूरे मामले की गहराई तक जाने की जरूरत है।
भुवनेश्वर, 11 सितम्बर (आईएएनएस)| ओडिशा में पिछले 24 घंटों में एक मंत्री समेत 3,996 लोग कोरोनावायरस से संक्रमित पाए गए जो अब तक के दैनिक मामलों में सबसे ज्यादा है। इसके साथ ही कुल संक्रमितों की संख्या 1,43,117 हो गई है। शुक्रवार को राज्य के स्वास्थ्य अधिकारियों ने ये जानकारी दी। ओडिशा में फिलहाल 34,458 एक्टिव मामले हैं, जबकि 1,08,001 लोग इस संक्रमण से उबर चुके हैं।
ओडिशा की महिला एवं बाल विकास मंत्री तुकुनी साहू कोरोनावायरस पॉजिटिव पाई गई हैं। साहू ने ट्विटर पर जानकारी साझा करते हुए कहा कि वो फिलहाल होम आइसोलेशन में हैं और उनकी स्थिति ठीक है। उन्होंने संपर्क में आने वाले सभी लोगों से टेस्ट कराने और अपने-आप को अलग-थलग कर लेने की अपील की।
राज्य में 14 नई मौतों के बाद कोविड-19 से मरने वालों की संख्या 605 हो गई है। कोरधा जिले में सबसे ज्यादा एक दिन में 5 मौतें दर्ज की गई। इसके बाद पुरी, मयूरभंज, कटक और संभलपुर में भी मौतें हुई हैं।
भोपाल 11 सितंबर (आईएएनएस)| मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि प्रदेश में ज्यादा बारिश और बाढ़ की वजह से शुरुआती आकलन के मुताबिक लगभग 9 हजार 500 करोड़ की नुकसान हुआ है। मुख्यमंत्री चौहान ने शुक्रवार को निवास पर, बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का अवलोकन और अध्ययन करने आए केन्द्रीय अध्ययन दल के सदस्यों से चर्चा करते हुए कहा कि मध्यप्रदेश में बीते पखवाड़े अतिवर्षा से हुई हानि की विस्तृत जानकारी केन्द्र सरकार को दी गई है।
उन्होंने बताया कि, " प्रदेश में फसलें, मकान, पशु हानि के साथ सड़कों की क्षति के कारण व्यवस्थाएं प्रभावित हुई हैं। इस स्थिति में लोगों को उनके घरों से रेस्क्यू कर राहत शिविरों में पहुंचाया गया। जनहानि न हो इसके प्रयास किए गए और इसमें सफलता भी मिली। प्रारंभिक तौर पर जो जानकारी सामने आई है, उसके मुताबिक लगभग साढ़े नौ हजार करोड़ का नुकसान हुआ है।"
चौहान के मुताबिक, " नुकसान का सर्वे निरंतर जारी है और ज्यादा नुकसान की स्थिति भी सामने आ सकती है। राज्य सरकार ने प्रभावित लोगों को ज्यादा से ज्यादा सहायता दी है। आगे भी राहत पहुंचाने में कोई कसर नहीं छोड़ी जाएगी। "
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि बीमा और राहत राशि से नुकसान की भरपाई की जा रही है।
मुख्यमंत्री चौहान ने बताया कि सीहोर, रायसेन, होशंगाबाद, हरदा, देवास समेत इन्दौर, आगर-मालवा, भोपाल और छिंदवाड़ा में औसत से 26 से 39 प्रतिशत तक ज्यादा बारिश अगस्त माह में दर्ज की गई। अतिवर्षा और बाढ़ से 24 जिलों में लगभग 11 लाख 30 हजार हेक्टेयर क्षेत्र में फसलों का नुकसान हुआ है और करीब 11 लाख 34 हजार किसान प्रभावित हुए हैं। इसके साथ ही लगभग 60 हजार मकान बाढ़ से क्षतिग्रस्त हुए। सरकार ने फौरी राहत के लिए पूरे प्रयास किए हैं। अभी भी लोगों को राहत की आवश्यकता है।
मुख्यमंत्री चौहान ने केन्द्रीय दल से प्रदेश के बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों के विस्तृत निरीक्षण और प्रभावित व्यक्तियों से मुलाकात और चर्चा के बाद क्षति की विस्तृत रिपोर्ट पेश करने का आग्रह किया है।
लखनऊ, 11 सितम्बर (आईएएनएस)| समाजवादी पार्टी के पूर्व मंत्री गायत्री प्रजापति के खिलाफ एक और एफआईआर दर्ज करवाई गई है। इस बाबत एफआईआर दुष्कर्म की शिकायत करने वाली महिला के पूर्व वकील दिनेश चंद्र त्रिपाठी की ओर से करवाई गई है। प्रजापति को 2017 में दुष्कर्म के आरोप में गिरफ्तार किया गया था और हाल ही मेडिकल ग्राउंड पर वह दो महीने की जमानत पर बाहर आए हैं।
गाजीपुर के एसएचओ ब्रिजेश कुमार सिंह ने कहा कि एफआईआर आपराधिक धमकी और धोखाधड़ी के मामलों में दर्ज कराई गई है।
एफआईआर गाजीपुर पुलिस स्टेशन में गुरुवार को दर्ज कराई गई। त्रिपाठी ने कहा कि शिकायतकर्ता महिला ने उसे सामूहिक दुष्कर्म मामले में फरवरी 2019 में प्रजापति और अन्य सह आरोपी के पक्ष में शपथपत्र दाखिल करने को कहा था और जब उन्होंने विरोध किया तो, महिला ने उन्हें गंभीर चेतावनी भुगतने की धमकी दी।
त्रिपाठी ने आरोप लगाया कि 26 मार्च 2019 को, अखबारों में उसके खिलाफ खबर प्रकाशित हुई और उसके बाद मामले के लिए उसने अलग वकील रख लिया।
वकील ने आरोप लगाया कि उसने मामले में अपना पक्ष बदलने के लिए प्रजापति से पैसे, प्लॉट और घर लिए।
त्रिपाठी ने आरोप लगाया कि जब उन्होंने महिला को उसके व्यवहार को कानून और न्याय की भावना के विपरीत बताया तो, महिला ने 19 जून में उनके खिलाफ चित्रकूट में मामला दर्ज करवा दिया।
उन्होंने कहा, "पुलिस ने मामले में कुछ भी ठोस नहीं पाया और केस में अपनी अंतिम रिपोर्ट सौंप दी।"
त्रिपाठी ने आरोप लगाया, "प्रजापति के बहकावे में आकर, उसने फिर गौतमपल्ली पुलिस स्टेशन में 7 जुलाई 2019 को मेरे खिलाफ दुष्कर्म का मामला दर्ज करवा दिया। उसने अपनी बेटी को भी प्रजापति के पक्ष में करने के लिए उससे आशियाना क्षेत्र में 1.5 करोड़ रुपये का प्लॉट ले लिया।"
त्रिपाठी ने कहा कि प्रजापति जब जेल में था, तो महिला ने उन्हें प्रजापति से बात करने के लिए कहा।
त्रिपाठी ने पुलिस सुरक्षा की मांग करते हुए कहा, "प्रजापति ने मुझे बाहर आने के बाद जान से मारने की धमकी दी थी। महिला ने भी प्रजापति के आदमियों से मुझे मरवाने की धमकी दी है। अब जब मैं घर से बाहर जाता हूं और वापस आता हूं, तो अज्ञात बदमाश मेरा पीछा करते हैं।"
भोपाल, 11 सितंबर (आईएएनएस)| मध्य प्रदेश में आगामी समय में होने वाले विधानसभा उप-चुनाव के लिए कांग्रेस ने शुक्रवार को 15 उम्मीदवारों की पहली सूची जारी कर दी। कांग्रेस के प्रदेश प्रभारी महासचिव मुकुल वासनिक के हस्ताक्षर से जारी की गई सूची में 15 उम्मीदवारों के नाम हैं। इस सूची के मुताबिक, दिमनी से रविंद्र सिंह तोमर, अंबाह से सत्य प्रकाश शंखवार, गोहद से मेवाराम जाटव, ग्वालियर से सुनील शर्मा, डबरा से सुरेश राजे, भांडेर से फूल सिंह बरैया, करैरा से प्रागी लाल जाटव, बमौरी से कन्हैयालाल अग्रवाल, अशोकनगर से आशा दोहरे, अनूपपुर से विश्वनाथ सिंह कुंजाम, सांची से मदन लाल चौधरी अहिरवार, आगर-मालवा से विपिन वानखेडे, हाटपिपल्या से राजवीर सिंह बघेल, नेपानगर से रामकिशन पटेल और सांवेर से प्रेमचंद गुड्ड को मैदान में उतारा गया है।
राज्य में कुल 27 विधानसभा क्षेत्रों के लिए उप चुनाव होने वाले हैं, इनमें से 15 स्थानों के लिए कांग्रेस ने उम्मीदवार तय कर दिए हैं। यह सूची दिल्ली से जारी की गई है।
भाजपा ने अभी तक इस उप-चुनाव के लिए कोई सूची जारी नहीं की है।