पटना, 10 अक्टूबर | बिहार विधानसभा चुनाव को लेकर सत्ता और विपक्ष के बीच अब बयानबाजी तेज हो गई है। इसी क्रम में भाजपा के नेता और बिहार के उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने शनिवार को कांग्रेस को राष्ट्रीय जनता दल (राजद) से गठबंधन करने के लिए आड़े हाथों लिया। मोदी ने कहा कि बिहार में कांग्रेस ने लालू प्रसाद और राबड़ी देवी के राज की पालकी ढोई है। उन्होंने कहा कि साथ ही कांग्रेस बिहार में राजद के बाहुबली पूर्व सांसद शहाबुद्दीन से लेकर पूर्व विधायक राजबल्लभ यादव तक के जघन्य अपराधों पर चुप रही है।
सुशील मोदी ने कहा, "सोनिया-राहुल की पार्टी महाराष्ट्र के पालघर में पुलिस की मौजूदगी में साधुओं की हत्या, राजस्थान के करौली (जयपुर) में पुजारी को जिंदा जलाया जाना व बारां में नाबालिग से दुष्कर्म की घटनाओं पर भी बोलने का साहस नहीं कर सकी है।"
उन्होंने कहा कि राजद और कांग्रेस ने जिन मुद्दों पर चुप्पी साधी और जैसे लोगों को टिकट दिया, उसके बाद उनके गठबंधन का वैचारिक दिवालियापन जाहिर हो गया है।
उन्होंने कांग्रेस पर कटाक्ष करते हुए कहा कि कांग्रेस अगर कोई घोषणापत्र लाना चाहती है, तो उससे पहले बताए कि उसने बिहार में खेती, व्यापार और उद्योग को चौपट कर महापलायन के लिए लाखों लोगों को मजबूर करने वाली राबड़ी सरकार का समर्थन क्यों किया था?
उन्होंने कहा, "क्या राजद के साथ रहते हुए वह पलायन की दिशा पलटने वाला रोडमैप लागू कर सकती है?"
भाजपा नेता ने कांग्रेस से सवाल करते हुए पूछा, "कांग्रेस शासित राजस्थान और महाराष्ट्र में कोरोना काल में फंसे बिहार के लोगों के साथ बदसलूकी क्यों हुई? क्या कांग्रेस किसान सम्मान निधि और गरीबों को मुफ्त गैस कनेक्शन देने वाली योजना को बिहार में लागू करने से रोक देगी?"
उन्होंने कहा कि महागठबंधन को घोषणापत्र नहीं, बिहार पर श्वेतपत्र जारी करना चाहिए।(आईएएनएस)
लखनऊ, 11 अक्टूबर | राजस्थान में करौली जिले के बूकना गांव में दबंगों द्वारा मंदिर के पुजारी बाबूलाल वैष्णव को पेट्रोल डालकर जिंदा जलाने को लेकर उत्तर प्रदेश के योगी सरकार के मंत्रियों ने कांग्रेस पर हमला बोला। कहा कि क्या राहुल या प्रियंका गांधी करौली भी जाएंगे? हाथरस कांड के बाद हाथरस पहुंचे राहुल-प्रियंका को लेकर मंत्रियों ने तंज कसा और कहा कि क्या राहुल या प्रियंका गांधी करौली भी जाएंगे। सरकार के प्रवक्ता सिद्धार्थनाथ सिंह ने एक ट्वीट में लिखा- "राहुल गांधी और प्रियंका वाड्रा करौली (राजस्थान) जा रहे हैं? किसी ने सुना तो जरूर बताना।"
अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री मोहसिन रजा ने आरोप लगाया कि राहुल गांधी और प्रियंका गांधी राजनीति करने हाथरस आ गए थे। वे कांग्रेस की सरकार वाले राज्यों में साधु-संतों की हत्या पर खामोश क्यों हैं?
उन्होंने कहा कि राहुल गांधी, प्रियंका गांधी या कांग्रेस के अन्य नेता किसी साधु-संत की हत्या या उनके साथ हो रही लगातार क्रूर घटनाओं पर उनके घर नहीं जाते। किसी को खरोंच भी आ जाए और पता चल जाए कि वह अल्पसंख्यक समुदाय का व्यक्ति है तो पूरी कांग्रेस पार्टी ही उसके घर पहुंच जाती है।
मोहसिन रजा ने अन्य विपक्षी दलों पर भी हमला बोला। उन्होंने कहा कि सपा, बसपा और आम आदमी पार्टी को साधु-संतों के खिलाफ हो रहे अत्याचार दिखाई नहीं देते।
ज्ञात हो कि राजस्थान में मंदिर के जमीन विवाद में एक पुजारी को जलाकर मारने का सनसनीखेज मामला सामने आया है। राजस्थान के करौली जिले के बुकना गांव में मंदिर के जमीन विवाद में कुछ लोगों ने पुजारी को जिंदा आग के हवाले कर दिया। गंभीर रूप से जख्मी पुजारी को एक अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां गुरुवार रात को इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई। (आईएएनएस)
नई दिल्ली, 11 अक्टूबर | दिल्ली विश्वविद्यालय (डीयू) ने शनिवार को सत्र 2020 में दाखिले के लिए एक दर्जन कॉलेजों में कट-ऑफ की घोषणा की, जो 100 फीसदी तक पहुंच गया है। लेडी श्रीराम कॉलेज फॉर वुमन ने बीए ऑनर्स इतिहास, अर्थशास्त्र, राजनीति विज्ञान और मनोविज्ञान विषयों में 100 फीसदी तक अंक लाने वाली छात्राओं से दाखिले के लिए आवेदन आमंत्रित किया है।
पहली सूची के तहत तीन पाठ्यक्रमों में दाखिले के लिए संबंधित विषय में 100 फीसदी अंक होने चाहिए। सीटें खाली रहने पर दूसरी सूची जारी की जाएगी।
इस बीच, किरोड़ी मल कॉलेज ने बीए (ऑनर्स) राजनीति विज्ञान में दाखिले के लिए कट-ऑफ 99 फीसदी रखा है। कॉलेज बीकॉम (ऑनर्स) के लिए 99.75 तक अंक वाले छात्रों का आवेदन स्वीकार कर रही है।
इसी तरह हिंदू कॉलेज में बीए अर्थशास्त्र ऑनर्स के लिए कट-ऑफ 99.25 फीसदी रखा है।
दूसरी ओर, सांध्यकालीन कॉलेजों में जहां कट-ऑफ नीचे रहा करता था, वहीं इस साल पिछले साल की तुलना में ज्यादा है। इस साल बीए ऑनर्स अर्थशास्त्र, राजनीति विज्ञान शीर्ष पाठ्यक्रमों में शामिल हैं।(आईएएनएस)
-इमरान क़ुरैशी
राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (एनएचआरसी) ने केंद्र और राज्य सरकारों के लिए एक अहम सलाह जारी की है. एनएचआरसी ने सेक्स वर्कर्स को "अनौपचारिक मजदूरों" के तौर पर मान्यता देने के लिए केंद्र और राज्यों को कहा है. साथ ही आयोग ने कहा है कि इन सेक्स वर्कर्स को दस्तावेज दिए जाएं ताकि वे राशन समेत दूसरी सहूलियतें हासिल कर सकें.
कमीशन ने समाज के जोखिम भरे और हाशिए पर मौजूद तबके पर कोविड-19 की दूसरों के मुकाबले ज्यादा असर होने की पड़ताल की है.
आयोग ने कहा है कि इन अनौपचारिक मजदूरों का रजिस्ट्रेशन होना चाहिए ताकि उन्हें "मजदूरों के फायदे" मिल सकें.
एनएचआरसी सुप्रीम कोर्ट के पूर्व मुख्य न्यायाधीश की अगुवाई वाली एक संवैधानिक संस्था है. ऐसे में एनएचआरसी की ओर से मिली इस मान्यता को नेशनल नेटवर्क ऑफ सेक्स वर्कर्स (एनएनएसडब्ल्यू) एक बड़े कदम के तौर पर देख रहा है. एनएनएसडब्ल्यू सेक्स वर्कर्स के अधिकारों के लिए काम कर रहे कई संगठनों का फेडरेशन है.
अस्थाई दस्तावेजों पर मिले राशन
एनएनएसडब्ल्यू की लीगल एडवाइजर आरती पई ने बताया, "लॉकडाउन के ऐलान के बाद सेक्स वर्कर्स की आजीविका खत्म हो गई. बार-बार ये मांग की जा रही थी कि क्या इनका रजिस्ट्रेशन लेबर मिनिस्ट्री में वर्कर्स के तौर पर हो सकता है ताकि इन्हें बेरोजगार वर्कर्स के तौर पर भत्ता मिल सके. इस संदर्भ में यह एक बड़ा कदम है."
एनएचआरसी की एडवाइजरी में यह भी कहा गया है कि राज्य सरकारें सेक्स वर्कर्स को मदद और राहत मुहैया करा सकती हैं. इसमें कहा गया है कि दूध पिलाने वाली माताओं के लिए महाराष्ट्र सरकार के उठाए कदमों का अनुसरण दूसरे राज्य भी कर सकते हैं. महाराष्ट्र के महिला और बाल विकास मंत्रालय ने सेक्स वर्कर्स को राशन मुहैया कराने का फैसला जुलाई में लिया था.
एनएचआरसी ने यह भी कहा है कि अगर किसी सेक्स वर्कर के पास राशन कार्ड या आधार नहीं है तो भी उन्हें अस्थाई दस्तावेजों के साथ राशन मिलना चाहिए.
सेक्स वर्कर्स की ज़िंदगी बेहतर बनाने की कोशिश
पई ने कहा है, "ज्यादातर सेक्स वर्कर्स अपने घरों को छोड़ देते हैं और उनके पास कोई पहचान पत्र नहीं होता है. एनएचआरसी ने कहा है कि भले ही उनके पास दस्तावेज न हों तब भी उन्हें सपोर्ट दिया जाना चाहिए. इसके मूल में सेक्स वर्कर्स के मानव अधिकारों को मान्यता दिया जाना है."
एनएचआरसी की ओर से सेक्स वर्कर्स को मान्यता देते हुए उन्हें एक व्यापक दायरे में कवर किया गया है.
इसमें प्रवासी सेक्स वर्कर्स को प्रवासी मजदूरों की स्कीमों और बेनेफिट्स में शामिल करना, प्रोटेक्शन अफसरों को पार्टनरों या परिवार के सदस्यों की घरेलू हिंसा की रिपोर्टों पर कार्रवाई करने के लिए प्रोत्साहित करने, साबुन, सैनिटाइजर्स और मास्क समेत कोविड-19 की फ्री टेस्टिंग और इलाज के प्रावधान, इन्हें स्वास्थ्य सुविधाएं देने ताकि एचआईवी और दूसरे सेक्स आधारित संक्रमणों से इन्हें बचाया जा सके और इलाज जैसे प्रावधान शामिल हैं.
बॉम्बे हाईकोर्ट का अहम आदेश
पई महाराष्ट्र सरकार की मुहिम की एक खासियत का जिक्र करती हैं. वे कहती हैं, "इसमें सेक्स वर्कर्स और ट्रैफिकिंग की शिकार लड़कियों में साफ फर्क किया गया है. सेक्स वर्कर्स ऐसी वयस्क महिलाएं हैं जो कि अपनी मर्जी से आजीविका कमाने के लिए इस काम में हैं. दूसरी ओर, ट्रैफिकिंग की शिकार लड़कियां यौन शोषण के लिए जबरदस्ती इस धंधे में धकेली जाती हैं."
एनएचआरसी की एडवाइजरी ऐसे वक़्त पर आई है जबकि हाल में ही बॉम्बे हाईकोर्ट ने अपना एक अहम फैसला सुनाया है.
हाई कोर्ट के जस्टिस पृथ्वीराज के चाह्वाण ने अपने फ़ैसले में कहा है कि "क़ानून में ऐसा कोई प्रावधान नहीं है जो कि प्रॉस्टीट्यूशन (वेश्यावृत्ति) को एक आपराधिक कृत्य मानता हो या किसी को इस वजह से सज़ा देता हो कि वह वेश्यावृत्ति में संलिप्त है."
महाराष्ट्र के सांगली की संग्राम संस्था की महासचिव मीना सेशू कहती हैं, "हमारी लड़ाई भाषा के इस्तेमाल को लेकर रही है. कानून खुद प्रॉस्टीट्यूशन और प्रॉस्टीट्यूट शब्दों का इस्तेमाल करता है, लेकिन क़ानून में कहीं भी यह नहीं कहा गया है कि प्रॉस्टीट्यूशन या प्रॉस्टीट्यूट अवैध हैं. हाईकोर्ट का फ़ैसला सेक्स वर्कर्स के लिए एक बड़ी राहत है क्योंकि उन्हें जेल या जेल जैसे हालातों में रहने के लिए मजबूर होना पड़ता था. सेक्स वर्कर्स को बलि का बकरा बनाने का काम वर्षों से जारी है."
क्या अगला कदम सेक्स वर्क को क़ानूनी मान्यता देना होगा?
सेशू कहती हैं, "सेक्स वर्कर्स के अधिकारों के आंदोलन इस बारे में बेहद स्पष्ट हैं. इसमें इस काम को गैर-आपराधिक बनाने के लिए कहा गया है. मुख्य बात यह है कि सेक्स वर्क आपराधिक नहीं है, लेकिन इसके इर्दगिर्द हर चीज को क्रिमिनलाइज किया हुआ है. हम इसे गैर-आपराधिक बनाने की मांग कर रहे हैं. हम इसे क़ानूनी मान्यता देने के लिए नहीं कह रहे हैं. ऐसे हालात कभी नहीं होंगे जहां एक महिला यह कहेगी कि कल मुझे मेरा लाइसेंस मिल जाएगा और मैं एक सेक्स वर्कर बन जाऊंगी." (bbc)
पटना, 10 अक्टूबर (आईएएनएस)| बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री और हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा (हम) के अध्यक्ष जीतन राम मांझी ने राष्ट्रपति को लिखकर केंद्रीय मंत्री रहे दिवंगत रामविलास पासवान को 'भारत रत्न' और उनके दिल्ली आवास को स्मारक बनाने की मांग की है। मांझी ने राष्ट्रपति को लिखे अपने पत्र में लिखा है कि भारत सरकार के महत्वपूर्ण पद पर अपने दायित्वों का निर्वहन करते हुए उनकी मृत्यु हो गई।
उन्होंने लिखा, "दिवंगत पासवान किसी परिचय के मोहताज नहीं है। समाज के हर तबके के लिए किए गए उनके कार्य अद्वितीय हैं, जो स्वत: इस बात का परिचायक है कि वे भारत के रत्न थे।"
इससे पहले पासवान के अंतिम दर्शन करने उनके एस के पुरी पटना आवास पहुंचकर मांझी ने उन्हें श्रद्घांजलि अर्पित की और परिजनों से मिलकर ढांढस बढ़ाया। इस दौरान मांझी ने पत्रकारों से बातचीत करते हुए कहा कि स्वर्गीय पासवान दलितों एवं अभिवंचितों के लिए प्रेरणा स्रोत थे और रहेंगे।
मांझी ने पत्रकारों से बातचीत के क्रम में कहा कि आज जो भ्रम फैला है कि दलितों में प्रशासनिक क्षमता का अभाव है, जो गलत है। उन्होंने कहा कि कोई भ्रम में नहीं रहे कि दलितों में प्रशासनिक क्षमता का अभाव है।
उन्होंने कहा, "जगजीवन राम जिस विभाग के मंत्री रहे, उस विभाग को चमकाने का काम किया और स्वर्गीय रामविलास पासवान जी भी जिन-जिन विभाग में रहे, उसे प्रगति के उच्च पायदान पर ले जाने का काम किया जो उनकी प्रशासनिक क्षमता का द्योतक है।"
मांझी ने पासवान के दिल्ली आवास को स्मारक घोषित करने की मांग करते हुए कहा कि इससे हमारी आने वाली पीढ़ी रामविलास पासवान के बारे में जानेगी और उनके कार्यों से समाज को दिशा मिलेगी।
--आईएएनएस
जम्मू, 10 अक्टूबर (आईएएनएस)| जम्मू-कश्मीर के पुंछ जिले में शनिवार को नियंत्रण रेखा (एलओसी) पर पाकिस्तान की ओर से किए गए संघर्षविराम उल्लंघन में एक महिला घायल हो गई। पाकिस्तान की ओर से शनिवार को पुंछ जिले के दो सेक्टरों में संघर्षविराम का उल्लंघन किया गया। रक्षा मंत्रालय के प्रवक्ता, कर्नल देवेंद्र आनंद ने कहा, "देर रात करीब 1.30 बजे, पाकिस्तान ने पुंछ जिले के मनकोट सेक्टर में नियंत्रण रेखा पर असैन्य इलाकों को निशाना बनाकर छोटे हथियारों से फायरिंग कर और मोर्टार से गोले दागकर बिना किसी उकसावे के संघर्षविराम का उल्लंघन किया।"
रक्षा मंत्रालय के प्रवक्ता आनंद ने कहा कि पाकिस्तान की टुकड़ियों ने फिर से छोटे हथियारों के साथ गोलीबारी की और शाम छह बजे के करीब मेंढर सेक्टर में नियंत्रण रेखा के पास मोर्टार दागे।
उन्होंने कहा, "भारतीय सेना ने इसका करारा जवाब दिया है।"
पुलिस सूत्रों ने बताया कि पुंछ जिले में नियंत्रण रेखा के पास के इलाकों में गोलाबारी में एक 40 वर्षीय महिला घायल हो गई।
पाकिस्तान ने शुक्रवार को पुंछ जिले के तीन सेक्टरों शाहपुर, किरनी और कासबा में भी संघर्ष विराम का उल्लंघन किया था।
पाकिस्तान 1999 में दोनों देशों द्वारा हस्ताक्षरित द्विपक्षीय संघर्षविराम समझौते का उल्लंघन करने से बाज नहीं आ रहा है।
इस साल जनवरी के बाद से नियंत्रण रेखा (एलओसी) पर अब तक 3,190 से अधिक संघर्षविराम उल्लंघन में 24 नागरिक मारे गए हैं और 100 से अधिक घायल हुए हैं।
--आईएएनएस
रांची, 10 अक्टूबर (आईएएनएस)| झारखंड भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) विधायक दल नेता एवं पूर्व मुख्यमंत्री बाबूलाल मरांडी ने हेमंत सोरेन सरकार पर निशना साधते हुए कहा कि, "राज्य में उद्योग धंधे चौपट हो रहे हैं, पर एक उद्योग तेजी से फल फूल रहा है वह है तबादला उद्योग।" रांची में शनिवार को एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि, "आज गरीबों, मजदूरों, रोज कमाने खाने वाले, ठेला खोमचा लगाकर परिवार चलाने वाले दयनीय हालत में हैं।"
उन्होंने कहा, "आज शिक्षित बेरोजगार नवयुवक रोजगार की तलाश में दर-दर भटक रहे हैं, कोरोना संक्रमण में अपने घर लौटे मजदूर फिर से लाखों की संख्या बाहर जाने को विवश हैं, अस्पताल में मरीज इलाज के बिना दम तोड़ रहे हैं। राज्य सरकार को इनकी स्थिति कैसे सुधरे, इसकी चिंता नहीं है। सरकार को चिंता इसकी है कि कैसे 'सत्ता के दलालों' को खुश किया जाए।"
उन्होंने आगे आरोप लगाते हुए कहा, "राज्य सरकार इसके लिये एक उद्योग खोल रखा है, वह है तबादला उद्योग। अधिकारियों के ट्रांसफर पोस्टिंग की बोली लगाई जा रही है।"
मरांडी ने कहा कि, "शायद ही कोई सप्ताह होगा जिसमें इस सरकार ने 'ट्रांसफर पोस्टिंग' नहीं किये होंगे। हद तो तब होती है जब ट्रांसफर की अधिसूचना जारी होती है और महज तीन घंटे में पूरी अधिसूचना रद्द हो जाती है।"
उन्होंने एक उदाहरण देते हुए कहा कि, "30 सितंबर को छह पुलिस उप अधीक्षकों का तबादला और उसी दिन सारे आदेश रद्द कर दिए गए।"
--आईएएनएस
मैसुरु, 10 अक्टूबर (आईएएनएस)| मैसुरु के पास भाभा परमाणु अनुसंधान संस्थान में रेयर मटेरियल प्रोजेक्ट में काम करने वाले 24 साल के एक युवा वैज्ञानिक पिछले चार दिनों से लापता हैं। यह जानकारी पुलिस ने दी। एसिस्टेंट साइंटिफिक ऑफिसर पद पर तैनात गुल्ला अभिषेका रेड्डी मैसुरु के येलवाला में न्यू जनता कॉलोनी से लापता हैं।
बार्क में नौकरी लगने के बाद रेड्डी आंध्र प्रदेश के चित्तुरू जिले से पिछले साल ही मैसुरु आए थे।
पुलिस के मुताबिक, रेड्डी डिप्रेसन और माइग्रेन से जूझ रहे थे। अंदेशा है कि वह इसी वजह से किसी को बिना कहीं चले गए होंगे।
येलवाला इंस्पेक्टर एनएच योगानंद ने आईएएनएस को बताया कि कुछ महीने पहले रेड्डी के माता-पिता की मौत हो गई थी, जिससे वह काफी अकेला पड़ गए थे।
पड़ोसी ने रेड्डी को आखिरी बार 6 अक्टूबर को दोपहर में दोपहिया वाहन लेकर घर से निकलते देखा था।
येलवाला पुलिस ने वैज्ञानिक की गुमशुदगी का मामला दर्ज कर लिया है।
--आईएएनएस
अमरावती, 10 अक्टूबर (आईएएनएस)| आंध्र प्रदेश के इंजीनियरिंग एग्रीकल्चर एंड मेडिकल कॉमन एंट्रेंस टेस्ट (ईएएमसीईटी) में इंजीनियरिंग करने के लिए परीक्षा में जितने छात्रों ने आवेदन दिया था, उसमें से 85 फीसदी (1.3 लाख) आवेदक इस परीक्षा में क्वालिफाई (पास) हो गए हैं। वहीं इंजीनियरिंग के अलावा एग्रीकल्चर और मेडिकल सेक्शन में 92 प्रतिशत आवेदक क्वालिफाई हुए हैं।
शिक्षा मंत्री आदिमुलापु सुरेश ने शनिवार को इस प्रवेश परीक्षा के परिणाम जारी किए। इस परीक्षा के जरिए राज्य में इंजीनियरिंग, चिकित्सा और कृषि पेशेवर पाठ्यक्रमों में प्रवेश मिलता है। सुरेश ने कहा कि प्रवेश परीक्षा के परिणाम छात्रों के मोबाइल फोन पर टेक्स्ट के जरिए भेजे जाएंगे।
ईएएमसीईटी 17 से 25 सितंबर के बीच हुआ था। इंजीनियरिंग के लिए जहां 1.33 लाख छात्र प्रवेश के लिए क्वालिफाई हुए हैं, वहीं कृषि और चिकित्सा कॉलेजों के लिए 69,616 छात्र क्वालिफाई हुए हैं।
विशाखापत्तनम के वाविलपल्ली साईनाथ ने 157.5 अंकों के साथ इंजीनियरिंग सेक्शन में टॉप किया है, दूसरे स्थान पर कुमार सत्यम (156.3) और तीसरे स्थान पर हैदराबाद के प्रोडुदुर से गंगुला भुवन रेड्डी (155.4) रहे।
वहीं कृषि और चिकित्सा में तेनाली से गुथी चैतन्य सिंधु 152.5 अंकों के साथ पहले स्थान पर रहीं, उसके बाद त्रिपुंडनई लक्ष्मी साई मारुथी दूसरे स्थान पर (152.4) और तिरुपति से वी. मनोज कुमार (151.5) तीसरे स्थान पर हैं।
--आईएएनएस
नई दिल्ली, 10 अक्टूबर (आईएएनएस)| दिल्ली के आदर्श नगर में दूसरे समुदाय की युवती से प्रेम प्रसंग के मामले में 18 वर्षीय दलित युवक राहुल की हत्या पर बीजेपी मुखर हो गई है। भाजपा के दिल्ली प्रदेश अध्यक्ष आदेश कुमार गुप्ता ने शनिवार को पीड़ित परिवार से मुलाकात कर केजरीवाल सरकार से एक करोड़ रुपये मुआवजे की मांग की। भाजपा ने फास्ट ट्रैक कोर्ट में मुकदमा चलाकर दोषियों को जल्द से जल्द सजा देने की मांग की है। आदर्श नगर में राहुल की बुधवार की शाम हत्या हुई थी। भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष आदेश कुमार गुप्ता ने राहुल की हत्या की तुलना वर्ष 2019 में हुए अंकित सक्सेना मर्डर से की है। उस वक्त भी दूसरे समुदाय के लोगों ने प्रेम प्रसंग के मामले में अंकित सक्सेना पर हमला कर मौत के घाट उतार दिया था। परिवार से मिलने के बाद भाजपा प्रदेश अध्यक्ष आदेश कुमार गुप्ता ने कहा, "आदर्श नगर में राहुल के पीड़ित परिवार से मिला और परिवार को न्याय दिलवाने का भरोसा दिलाया। मैं मुख्यमंत्री केजरीवाल से मांग करता हूं कि वह पीड़ित परिवार को जल्द से जल्द 1 करोड़ रुपये का मुआवजा दें और मामले की फास्ट ट्रैक कोर्ट में सुनवाई कराकर दोषियों को शीघ्र सजा दिलाएं।"
प्रदेश अध्यक्ष आदेश कुमार गुप्ता ने कहा कि, "दलित युवक राहुल को एक विशेष समुदाय के लोगों ने मार-मार कर अधमरा कर दिया और बाद में उसकी अस्पताल में मृत्य हो गई। तुष्टिकरण की राजनीति करने वाले मुख्यमंत्री अभी तक मौन धारण किये हुए हैं। मुख्यमंत्री केजरीवाल पीड़ित के परीवार को अविलंब मुआवजा दें।"
आदेश कुमार गुप्ता ने कहा कि, "2018 में अंकित सक्सेना के साथ भी ऐसे हुआ था। उस घटना को फिर दोहराया गया। हाथरस की घटना में दलितों को न्याय दिलाने के नाम पर आम आदमी पार्टी और कांग्रेस के लोग कैंडल मार्च निकाल रहे थे। लेकिन राजधानी दिल्ली में दलित राहुल की हत्या पर खामोशी है। कांग्रेस और आम आदमी पार्टी समुदाय विशेष की तुष्टीकरण कर रही हैं।"
--आईएएनएस
नई दिल्ली, 10 अक्टूबर (आईएएनएस)| इस महीने दिल्ली एवं जिला क्रिकेट संघ (डीडीसीए) के लिए होने वाले चुनावों को संघ के सचिव के 'गैरजिम्मेदाराना और गैरकानूनी व्यवहार के चलते' डीडीसीए के लोकपाल न्यायाधीश दीपक वर्मा की सलाह पर रद्द कर दिया गया है। निर्वाचन अधिकारी नवीन बी. चावला ने शनिवार को इस बात की जानकारी दी।
डीडीसीए के अध्यक्ष, कोषाध्यक्ष और चार निदेशकों के लिए चुनाव 17 से 20 अक्टूबर के लिए होने थे। इनके परिणाम 21 अक्टूबर को घोषित किए जाने थे।
चावला ने एक छोटा नोटिस जारी कर इस बात की जानकारी दी और कहा कि बाकी की जानकारी बाद में साझा की जाएगी।
चावला ने कहा, "मैं लोकपाल न्यायाधीश दीपक वर्मा द्वारा आज (10 अक्टूबर) को दिन में 1:30 बजे मिली सलाह के बाद इन चुनावों को रद्द करने को लेकर मजबूर हूं। ऐसा डीडीसीए के सचिव का गैरजिम्मेदाराना और गैरकानूनी व्यवहार के कारण किया गया है। सभी संबंधित लोगों को सूचित किया जा चुका है।"
--आईएएनएस
नई दिल्ली, 10 अक्टूबर (आईएएनएस)| भारत के दो तिहाई से अधिक (66.5 फीसदी) लोगों का मानना है कि समाचारपत्र अभी भी जानकारी का सबसे महत्वपूर्ण स्रोत है। यह जानकारी आईएएनएस सी वोटर मीडिया ट्रैकर में सामने आई है। अखिल भारतीय स्तर पर किए गए इस सर्वेक्षण में 66.5 प्रतिशत उत्तरदाता इस बात से सहमत नजर आए कि समाचारपत्र अभी भी जानकारी का सबसे महत्वपूर्ण स्रोत है, जबकि 29.2 प्रतिशत उत्तरदाताओं ने इस पर असहमति व्यक्त की।
कोविड-19 महामारी के समय में जानकारी के महत्व को देखा जाए तो 63.1 प्रतिशत लोगों ने कहा कि कोरोना के बाद पाठकों के लिए अखबार पढ़ना अधिक महत्वपूर्ण हो गया है, जबकि 31.2 प्रतिशत लोग इस बात से असहमत नजर आए।
75.5 प्रतिशत ने कहा कि वे सभी समाचारों और ताजा घटनाओं के समग्र कवरेज के लिए समाचारपत्र पढ़ना पसंद करते हैं, जबकि इस धारणा से 12.5 लोग असहमत थे।
सर्वेक्षण के दौरान सामने आया कि देश के 75.5 प्रतिशत लोगों का मानना है कि वे समग्र कवरेज करंट अफेयर्स के लिए समाचारपत्र पढ़ना पसंद करते हैं, जबकि केवल 12.5 प्रतिशत लोग ही इससे असहमत हैं।
अखबारों की तुलना टीवी न्यूज चैनल की बहस (डिबेट) के साथ किए जाने पर 72.9 प्रतिशत उत्तरदाताओं ने कहा कि एक अखबार की रिपोर्ट टीवी चैनल में चिल्लाकर होने वाली बहस से कहीं अधिक जानकारी देती है, जबकि 21.5 प्रतिशत लोग इससे असहमत रहे।
सर्वेक्षण में पाया गया कि समाचार को फोन पर सक्रिय रूप से साझा किया जाता है। सर्वे में 68.1 प्रतिशत लोगों ने कहा, "जब मैं कुछ महत्वपूर्ण पढ़ता हूं, तो मैं इसे फोन पर अन्य लोगों से साझा करता हूं।"
हालांकि, टीवी की पहुंच को देखते हुए 40 प्रतिशत लोगों ने टीवी समाचार चैनलों को सूचना के सबसे भरोसेमंद स्रोत के रूप में पहचाना। वहीं 29.2 प्रतिशत ने इस मामले में समाचारपत्र को तवज्जो दी। इसके अलावा 14.9 प्रतिशत ने सोशल मीडिया, 4.5 प्रतिशत ने रेडियो और एफएम और 2.5 प्रतिशत लोगों ने वेबसाइट पर भरोसा जताया।
टीवी चैनलों में विज्ञापन के कारण सिर्फ चीजें खरीदने के सवाल पर 76.5 प्रतिशत ने इस बात पर असहमति जताई, जबकि 19.3 प्रतिशत इससे सहमत दिखे।
74.5 प्रतिशत ने कहा कि टीवी चैनलों में विज्ञापन मनोरंजन वैल्यू के लिए अधिक हैं, जबकि 18.5 प्रतिशत इससे असहमत नजर आए।
सर्वे के दौरान 67.5 प्रतिशत लोगों ने कहा कि आईपीएल मैचों के दौरान बहुत अधिक विज्ञापन ब्रेक होते हैं, जबकि 12.7 असहमत रहे। इसके अलावा 65.2 प्रतिशत ने कहा कि वे बिना किसी ब्रेक के क्रिकेट मैच देखना चाहते हैं।
सर्वेक्षण में एक और महत्वपूर्ण बात का पता चला, जब 52.2 प्रतिशत उत्तरदाताओं ने कहा कि लाइव मैच देखने के बाद भी वे इसके बारे में अखबार में पढ़ना पसंद करते हैं, जबकि 30.2 प्रतिशत लोग इससे असहमत रहे। कुल 65 प्रतिशत लोगों ने कहा कि अखबारों में विज्ञापन अधिक उपयोगी हैं, जबकि 24.6 प्रतिशत इससे असहमत नजर आए।
इस सर्वेक्षण में पूरे भारत से सभी राज्यों के सभी जिलों से आने वाले 5,000 से अधिक उत्तरदाताओं से सवाल पूछे गए थे। यह सर्वेक्षण वर्ष 2020 में सितंबर के अंतिम सप्ताह और अक्टूबर के पहले सप्ताह में किया गया था।
नई दिल्ली, 10 अक्टूबर (आईएएनएस)| अब विदेश में रहने के दौरान भी आप अपने ड्राइविंग लाइसेंस का आसानी से रिनूवल करा सकेंगे। इतना ही नहीं इंटरनेशनल ड्राइविंग परमिट(आईडीपी) के लिए वीजा और मेडिकल सर्टिफिकेट की शर्तों को भी हटाने की तैयारी है। सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय ने विदेश में रहने के दौरान ऐसे नागरिकों के अंतरराष्ट्रीय ड्राइविंग परमिट (आईडीपी) की अवधि समाप्त होने पर रिनूवल (नवीनीकरण) की प्रक्रिया को और सरल बनाने की तैयारी की है। इसके लिए केन्द्रीय मोटर वाहन अधिनियम, 1989 में संशोधन का प्रस्ताव है। संशोधन के लिए मंत्रालय ने लोगों से सुझाव भी मांगे हैं। सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय ने कहा है कि संज्ञान में आया है कि विदेश में रहने के दौरान अंतरराष्ट्रीय ड्राइविंग परमिट की अवधि समाप्त हो जाने पर उसके नवीनीकरण(रिनूवल) के लिए कोई तंत्र नहीं है। ऐसे नागरिकों को सुविधा प्रदान करने के लिए सीएमवीआर 1989 में संशोधन करने का प्रस्ताव है। नागरिक भारतीय दूतावास या मिशन एब्रोड पोर्टल्स के जरिए आवेदन कर सकते हैं और इसके बाद आवेदन संबंधित आरटीओ के पास विचार के लिए जाएगा।
खास बात है कि विदेश में रहते हुए आईडीपी के लिए अनुरोध करने के समय एक चिकित्सा प्रमाण पत्र और एक प्रमाणिक वीजा की शर्तों को हटाया जाना भी शामिल है। क्योंकि जिन नागरिकों के पास प्रमाणिक ड्राइविंग लाइसेंस है, उन्हें अन्य चिकित्सा प्रमाण पत्र की आवश्यकता नहीं होनी चाहिए। इसके अतिरिक्त कुछ ऐसे देश हैं जहां वीजा ऑन एराइवल है और ऐसे मामलों में यात्रा से पूर्व भारत में आईडीपी के लिए आवेदन करते समय वीजा उपलब्ध नहीं होता। मंत्रालय ने इस संबंध में लोगों से सुझाव भी मांगे हैं। सुझावों को अधिसूचना जारी होने के 30 दिनों के भीतर संयुक्त सचिव (एमवीएलआईटी एंड टॉल) सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय, परिवहन भवन, पार्लियामेंट स्ट्रीट, नई दिल्ली पर भेजा जा सकता है।
जयपुर, 10 अक्टूबर (आईएएनएस)| राजस्थान के बुकना गांव में मंदिर के पुजारी बाबुलाल वैष्णव की हत्या के मामले में शनिवार को प्रदर्शन जारी है। इसबीच पीड़ित के परिवार ने मामले में कार्रवाई और वित्तीय सहायता की मांग को लेकर पुजारी का अंतिम संस्कार करने से इनकार कर दिया है। भूमाफिया मंदिर की भूमि पर कब्जा करने की कोशिश कर रहे थे, जिसे पुजारी ने रोकने की कोशिश की। जिसके बाद गुस्साए भूमाफियाओं पुजारी को जिंदा जला दिया।
पीड़ित के परिवार ने सरकार से 50 लाख रुपये की वित्तीय सहायता और सरकारी नौकरी की मांग की है। साथ ही परिवार ने तत्काल सुरक्षा के साथ आरोपियों की गिरफ्तारी की मांग की है।
ग्रामीणों ने धमकी देते हुए कहा कि जबतक मांगें नहीं मांगी जाएंगी, अंतिम संस्कार नहीं किया जाएगा।
इस रिपोर्ट को लिखे जाने के समय, राज्यसभा के सांसद किरोरी लाल मीणा बुकना गांव पहुंच चुके हैं और ग्रामीणों की मांग के समर्थन में धरना पर बैठ गए हैं। साथ ही उन्होंने कहा है कि कांग्रेस नेता राहुल गांधी को बुकना आना चाहिए और पीड़ित के परिवार से मुलाकात करना चाहिए।
मीणा ने कहा कि जब तक न्याय नहीं मिलेगा, वह धरना पर बैठे रहेंगे।
उल्लेखनीय है कि राधागोपालजी मंदिर के पुजारी बाबूलाल वैष्णव का गुरुवार को जयपुर के एसएमएस अस्पताल में इलाज के दौरान निधन हो गया था।
करीब छह लोगों ने कथित रूप से मंदिर के पुजारी पर तब पेट्रोल डालकर आग लगा दी, जब उन्होंने मंदिर की भूमि पर अवैध कब्जे के प्रयास को रोकने की कोशिश की थी।
शुक्रवार को, ब्राह्मण समुदाय ने अस्पताल के शवदाह के पास प्रदर्शन किया और स्थानीय पुलिस के खिलाफ कार्रवाई करने और मामले को अन्य सर्किल अधिकारी के पास भेजने की मांग की। पुलिस अधिकारियों की एक टीम ने उनकी मांगों को मानने का अश्वासन दिया, जिसके बाद परिजन शव को गांव ले गए।
नई दिल्ली, 10 अक्टूबर (आईएएनएस)| दिल्ली के हिंदू राव अस्पताल के डॉक्टर रविवार से हड़ताल पर जा रहे हैं। इसी को देखते हुए अब दिल्ली सरकार ने हिंदू राव अस्पताल में भर्ती कोरोना संक्रमित सभी रोगियों को दिल्ली सरकार के विभिन्न अस्पतालों में स्थानांतरित करने का निर्णय लिया है। दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन ने शनिवार को यह आदेश जारी किया। हिंदू राव अस्पताल भाजपा शासित दिल्ली नगर निगम के अधीन आता है।
दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन ने कहा, "दिल्ली सरकार ने आज एक आदेश जारी किया है जिसके मुताबिक हिंदू राव अस्पताल में उपचार करवा रहे सभी कोरोना रोगियों को दिल्ली सरकार के अस्पतालों में शिफ्ट किया जाएगा। इन रोगियों को शनिवार को ही शिफ्ट करवाने की व्यवस्था करवाई जा रही है।"
हिंदू राव अस्पताल के डॉक्टरों एवं अन्य मेडिकल स्टाफ ने वेतन न मिलने के विरोध में हड़ताल पर जाने का निर्णय लिया है। अस्पताल के डॉक्टरों का कहना है कि उन्हें समय से वेतन नहीं मिल रहा है, जिसके कारण अब हड़ताल पर जाने के अलावा कोई अन्य विकल्प नहीं बचा है।
स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन ने कहा, "हिंदूराव अस्पताल के डॉक्टरों को समय पर वेतन दिया जाना चाहिए। खासतौर पर कोरोना संक्रमण के इस कठिन दौर में जबकि डॉक्टर और मेडिकल स्टाफ स्टाफ और मेडिकल स्टाफ काफी मेहनत कर रहे हैं। नगर निगम इन डॉक्टरों को समय पर वेतन उपलब्ध कराए, यदि नगर निगम वेतन नहीं दे सकता है तो वह यह अस्पताल दिल्ली सरकार को सौंप दे। दिल्ली सरकार यहां डॉक्टरों के लिए समय पर वेतन देने का कार्य करेगी।"
वहीं उत्तरी दिल्ली नगर निगम के महापौर ने डॉक्टरों को वेतन न दिए जाने के लिए दिल्ली सरकार को दोषी ठहराया है। नगर निगम के मुताबिक उन्हें दिल्ली सरकार से पर्याप्त फंड नहीं मिल रहा है, जिसके कारण डॉक्टरों को वेतन नहीं दिया जा सका है। गौरतलब है कि हिंदू राव अस्पताल में कोरोना के 20 रोगी हैं। जिन्हें दिल्ली सरकार के लोक नायक जयप्रकाश अस्पताल एवं अन्य अस्पतालों में स्थानांतरित किया जा रहा है।
स्वास्थ्य मंत्री ने दिल्ली नगर निगम के आरोपों को पूरी तरह से खारिज किया है। उन्होंने कहा, "वेतन देने की जिम्मेदारी नगर निगम की है। नगर निगम कितने ही प्रकार के टैक्स लगाता है। उनके पास फंड की कोई कमी नहीं है। दो अस्पतालों में दिल्ली नगर निगम समय से वेतन देने में असफल रहा है। इनमें हिंदूराव और कस्तूरबा अस्पताल शामिल हैं, यदि नगर निगम इन अस्पतालों को नहीं चला सकता तो दिल्ली सरकार इन्हें चलाने के लिए तैयार है।"
वहीं प्रदूषण को लेकर स्वास्थ्य मंत्री ने कहा, "प्रदूषण में कोरोना की बीमारी और भी खतरनाक हो सकती है। इसीलिए मेरा सभी लोगों से आग्रह है कि तीन सावधानियां खासतौर पर बरतें। सबसे जरूरी है मास्क लगाना। मास्क लगाने से प्रदूषण और कोरोना दोनों से ही बचा जा सकता है। सामाजिक दूरी बनाए रखें और साफ सफाई का विशेष ध्यान रखें। ऐसा करने पर कोरोना संक्रमण से बचा जा सकता है।"
नई दिल्ली, 10 अक्टूबर (आईएएनएस)| बिहार विधानसभा चुनाव को लेकर अब तक भाजपा सभी उम्मीदवारों के नाम तय नहीं कर पाई है। ऐसे में एक बार फिर भाजपा की केंद्रीय चुनाव समिति की शनिवार की शाम सात बजे से बैठक होने जा रही है। इस बैठक के बाद भाजपा दूसरे चरण के उम्मीदवारों की लिस्ट जारी करेगी। इससे पूर्व भाजपा पहले चरण के लिए उम्मीदवारों की कुल दो लिस्ट जारी कर चुकी है। भाजपा की केंद्रीय चुनाव समिति की बैठक में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा, गृहमंत्री अमित शाह, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, नितिन गडकरी, थावरचंद गहलोत सहित सभी सदस्य भाग लेंगे। बिहार विधानसभा चुनाव के दूसरे चरण में कुल 94 विधानसभा क्षेत्रों में चुनाव होने हैं। शुक्रवार से ही इन सीटों के लिए नामांकन भी शुरू हो गया है। 16 अक्टूबर नामांकन की आखिरी तिथि है। दूसरे चरण की सीटों के लिए तीन नवंबर को मतदान होगा।
बिहार विधानसभा चुनाव में एनडीए के बीच सीटों का बंटवारा पहले ही हो चुका है। बीते दिनों जदयू और भाजपा की संयुक्त प्रेस कांफ्रेंस में सीटों के बंटवारे की आधिकारिक घोषणा हुई थी। जिसके मुताबिक जेडीयू 122 तो बीजेपी 121 सीटों पर चुनाव लड़ेगी। जेडीयू ने अपने कोटे में से सात सीटें हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा (हम) को दी है, तो बीजेपी ने अपने कोटे से 11 सीटें विकासशील इंसान पार्टी (वीआईपी) को दी है।
नई दिल्ली, 10 अक्टूबर। उत्तर प्रदेश के हाथरस में दलित लडक़ी से कथित रूप से गैंगरेप और हत्या के मामले ने एक बार फिर महिला सुरक्षा पर सवालिया निशान लगा दिया है। देश में इस बात को लेकर एक बार फिर चर्चा जोरों पर है कि महिलाओं के खिलाफ बढ़ रहे अपराध को कैसे रोका जाए। देश में तेजी से बढ़ते महिला अपराध को देखते हुए गृहमंत्रालय ने सभी राज्यों के लिए एडवाइजरी जारी की है।
महिला अपराध के मामले में अक्सर देखा जाता है कि महिलाएं अपराध होने के बाद भी थाने के चक्कर काटने को मजबूर होती हैं। सरकार की ओर से जारी एडवाइजरी के मुताबिक अब महिला अपराध पर एफआईआर दर्ज करना अनिवार्य होगा। मंत्रालय ने आईपीसी और सीआरपीसी के प्रावधान गिनाते हुए कहा कि राज्य/केंद्रशासित प्रदेश इनका पालन सुनिश्चित करें। गृह मंत्रालय की ओर से साफ किया गया है कि एडवाइजरी में जारी बातों पर लापरवाही बरतने वाले अधिकारियों पर सख्त से सख्त कार्रवाई की जाएगी।
गृहमंत्रालय की ओर से जारी एडवाइजरी में क्या है खास
सरकार की ओर से जारी एडवाइजरी में साफ किया गया है कि संज्ञेय अपराध की स्थिति में एफआईआर दर्ज करना अनिवार्य है। सरकार ने याद दिलाया है कि कानून में भी जीरो एफआईआर का प्रावधान है। जीरो एफआईआर तब दर्ज की जाती है, जब अपराध थाने की सीमा से बाहर हुआ हो। आईपीसी की धारा 166 ए(सी) के तहत अगर एफआईआर दर्ज नहीं की जाती है तो अधिकारी को सजा का भी प्राधान है।
सीआरपीसी की धारा 173 में दुष्कर्म से जुड़े किसी भी मामले की जांच दो महीने के अंदर पूरी करने का प्रावधान है। अपराध में जांच की प्रगति जानने के लिए गृह मंत्रालय की ओर से ऑनलाइन पोर्टल बनाया है।
सीआरपीसी के सेक्शन 164-ए के अनुसार दुष्कर्म के किसी भी मामले की सूचना मिलने के 24 घंटे के अंदर पीडि़ता की सहमति से एक रजिस्टर्ड मेडिकल प्रैक्टिशनर मेडिकल जांच करेगा।
वाशिंगटन, 10 अक्टूबर (आईएएनएस)| भारतीय-अमेरिकी शख्स श्रीकांत दातार को हार्वर्ड बिजनेस स्कूल के डीन के रूप में नामित किया गया है। वर्तमान में वह हार्वर्ड बिजनेस स्कूल (एचबीएस) के यूनिवर्सिटी मामलों के सीनियर एसोसिएट डीन हैं। प्रेसीडेंट लैरी बेकोव ने यह जानकारी दी।
दातार 1 जनवरी 2021 से अपनी सेवा शुरू करेंगे।
हार्वर्ड गजट ने शुक्रवार बेकोव के हवाले से कहा, "श्रीकांत दातार एक इनोवेटिव शिक्षक, एक प्रतिष्ठित विद्वान और एक गहन अनुभवी अकेडमिक लीडर हैं।"
बेकोव ने कहा, "वह व्यावसायिक शिक्षा के भविष्य के बारे में एक अग्रणी विचारक हैं, और उन्होंने हाल ही में कोविड-19 महामारी द्वारा उत्पन्न चुनौतियों के लिए एचबीएस की रचनात्मक प्रतिक्रिया में एक आवश्यक भूमिका निभाई है। उन्होंने एचबीएस में 25 सालों में अपने लगभग कई पदों पर नेतृत्व की स्थिति में विशिष्टता के साथ काम किया है, साथ ही अन्य हार्वर्ड स्कूलों के साथ सहयोग भी किया है।"
उन्होंने कहा कि श्रीकांत एक व्यापक अंतर्राष्ट्रीय परिप्रेक्ष्य और समावेशी एचबीएस समुदाय के निर्माण के लिए एक मजबूत प्रतिबद्धता के साथ डीनशिप में आएंगे।
1996 में एचबीएस फैकल्टी में शामिल होने के बाद से, दातार ने कई अहम जिम्मेदारियों का निर्वहन किया है।
2015 से, उन्होंने हार्वर्ड इनोवेशन लैब्स, या आई-लैब के संकाय अध्यक्ष के रूप में सेवा दी है।
घोषणा पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए, भारतीय-अमेरिकी दातार ने कहा, "मैं इस नई भूमिका को लेने को लेकर आभारी और सम्मानित महसूस कर रहा हूं। हार्वर्ड बिजनेस स्कूल अनुसंधान, शिक्षा और प्रैक्टिस में उल्लेखनीय विरासत के प्रभाव वाली एक संस्था है।"
हार्वर्ड बिजनेस स्कूल के 112 साल के इतिहास में दातार 11वें डीन बनेंगे।
वह नितिन नोहरिया की जगह लेंगे, जिन्होंने पिछले नवंबर में जून 2020 के अंत में अपनी डीनशिप समाप्त करने की योजना की घोषणा की थी, लेकिन महामारी को देखते हुए इस दिसंबर तक अपनी पारी जारी रखने के लिए सहमत हुए।
दातार 1973 में सेंट जेवियर्स कॉलेज, मुंबई विश्वविद्यालय से गणित और अर्थशास्त्र में डिस्टिंक्शन के साथ ग्रेजुएट हुए थे।
एक चार्टर्ड एकाउंटेंट, उन्होंने स्टैनफोर्ड यूनिवर्सिटी से सांख्यिकी और अर्थशास्त्र में मास्टर डिग्री पूरी करने और बिजनेस में पीएचडी करने से पहले भारतीय प्रबंधन संस्थान, अहमदाबाद से बिजनेस मैनेजमेंट में स्नातकोत्तर डिप्लोमा प्राप्त किया था।
1984 से 1989 तक, वह कैर्नेगी मेलन ग्रेजुएट स्कूल ऑफ इंडस्ट्रियल एडमिनिस्ट्रेशन में सहायक प्रोफेसर और फिर एसोसिएट प्रोफेसर थे, जहां उन्हें जॉर्ज लेलैंड बाक टीचिंग अवार्ड से सम्मानित किया गया था।
नई दिल्ली, 10 अक्टूबर (आईएएनएस)| उत्तर प्रदेश के हाथरस और अन्य राज्यों में महिलाओं के खिलाफ हाल के अपराधों पर संज्ञान लेते हुए, गृह मंत्रालय (एमएचए) ने सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों (यूटी) के लिए नए दिशानिर्देश जारी किए हैं और इस तरह के मामलों में प्राथमिकी (एफआईआर) को अनिवार्य रूप से दर्ज करने के साथ पुलिस कार्रवाई भी अनिवार्य कर दी गई है। इसने आगे चेतावनी दी है कि महिलाओं के खिलाफ अपराध के संबंध में अनिवार्य दिशानिर्देशों के अनुपालन में लापरवाही पर पुलिस से पूछताछ की जाएगी और लापरवाही के लिए जिम्मेदार संबंधित अधिकारियों के खिलाफ तुरंत आवश्यक कार्रवाई की जाएगी।
एडवाइजरी में कहा गया है, "यह अनुरोध किया जाता है कि राज्य और केंद्र शासित प्रदेश कानून में प्रावधानों का कड़ाई से अनुपालन सुनिश्चित करने के लिए सभी संबंधितों को निर्देश जारी कर सकते हैं।"
राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों से यह भी अनुरोध किया गया है कि वे यौन अपराधों के लिए जांच ट्रैकिंग प्रणाली (आईटीएसएसओ) पर मामलों की निगरानी करें, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि कानून में आवश्यकतानुसार समयबद्ध तरीके से आरोप पत्र पर उचित कार्रवाई की जाए।
उत्तर प्रदेश के हाथरस में 19 वर्षीय दलित लड़की के साथ कथित तौर पर चार लोगों द्वारा सामूहिक दुष्कर्म करने के कारण उसकी मौत होने के कई दिनों बाद मंत्रालय ने शुक्रवार को यह एडवाइजरी जारी की। झारखंड और राजस्थान और अन्य राज्यों में इसी तरह के अपराध दर्ज किए गए थे और व्यापक विरोध और राजनीतिक आक्रोश के कारण, मंत्रालय ने नई एडवाइजरी जारी करने का कदम उठाया।
एडवाइजरी में मंत्रालय ने 16 मई, 2019 की एडवाइजरी को संदर्भित किया है, यह भारतीय दंड संहिता की धारा 166 ए के तहत सीआरपीसी की धारा 154 की उप-धारा (1) के तहत सूचना रिकॉर्ड करने में विफलता के बारे में है। एमएचए ने महिलाओं के खिलाफ अपराधों के मामलों में पुलिस द्वारा समय पर और सक्रिय कार्रवाई के बारे में 5 दिसंबर, 2019 को अपनी एक और एडवाइजरी का संदर्भ लिया।
मंत्रालय ने पुलिस रिसर्च और विकास ब्यूरो (बीपीआर एंड डी) द्वारा जारी महिलाओं के खिलाफ दुष्कर्म की जांच और मुकदमा चलाने के लिए मानक संचालन प्रक्रिया (एसओपी) का भी उल्लेख किया, और 'बीपीआर एंड डी' द्वारा राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को यौन उत्पीड़न साक्ष्य संग्रह के वितरण के बारे में बिंदुओं को जोड़ा। जैसा कि 5 अक्टूबर के एमएचए के पत्र में वर्णित है।
रवि एस नारायण
पटना, 10 अक्टूबर। दिवंगत केंद्रीय मंत्री रामविलास पासवान के अंतिम दर्शन के लिए हजारों की तादाद में लोग उनके आवास पहुंचे। इस क्रम में जदयू नेता आरसीपी सिंह और एमएलसी संजीव सिंह, राजद नेता अब्दुल बारी सिद्दकी, पूर्व डीजीपी गुप्तेश्वर पांडेय और रालोसपा प्रमुख उपेन्द्र कुशवाहा भी पहुंचे। इनके अलावा हाजीपुर से बड़ी संख्या में लोग पहुंचे। पासवान की अंतिम यात्रा में शामिल होने के लिए पंजाब से भी कई लोग आए। वहीं सुबह-सुबह रामविलास पासवान की पहली पत्नी राजकुमारी देवी भी अपने गांव से अंतिम दर्शन को पटना स्थित आवास पहुंचीं। आंसुओं से भरी आंखों के साथ जैसे ही वह पहुंची तो शव देखकर जार-बेजार होकर रोने लगीं। इस मौके पर चिराग पासवान सहित परिवार के तमाम लोगों मौजूद थे।
राजकुमारी की शादी महज 13 साल की उम्र में रामविलास पासवान से हुई थी। रामविलास उस समय 14 साल के थे। 1967 में एमएलए बनने के बाद राजकुमारी देवी, रामविलास पासवान के साथ आर ब्लॉक स्थित एमएलए फ्लैट में रहीं। फिर रामविलास पासवान एमपी बन गए। सालों तक सब कुछ ठीक रहा, लेकिन फिर सब बदल गया। उनकी बेटी आशा पासवान 7 साल की थीं तभी से रामविलास पासवान ने इस परिवार से नाता तोड़ लिया था।
गौरतलब है कि रामविलास पासवान की पहली शादी 1960 में खगडिय़ा की ही रहने वाली राजकुमारी देवी से हुई थी। इसके बाद1981 में राजकुमारी देवी को तलाक देने की बात उन्होंने खुद कही थी। इसके बाद 1983 में पासवान ने रीना शर्मा से दूसरा विवाह किया। जिनसे उन्हें एक बेटा और एक बेटी हैं। बेटा चिराग पासवान लोजपा के अध्यक्ष हैं और जमुई से सांसद हैं।
वहीं राजकुमारी देवी खगडिय़ा के शहरबन्नी गांव में ही रहती हैं। जब से उन्हें पासवान के निधन की जानकारी मिली है लगातार गमगीन हैं। उनके आंसू थमने का नाम नहीं ले रहे हैं। बता दें कि रामविलास पासवान का गुरुवार को निधन हो गया था।
दरअसल बीते कुछ महीनों से रामविलास पासवान की सेहत में लगातार गिरावट आ रही थी और दिल्ली के एक प्राइवेट अस्पताल में उनके दिल का ऑपरेशन 3 अक्टूबर को देर रात किया गया था। वह 24 अगस्त के बाद से ही लगातार परेशानी में थे और पिछले कुछ हफ्तों से अस्पताल में भर्ती थे।
कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने एक वीडियो शेयर कर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर निशाना साधा है। इस वीडियो में कथित तौर पर एक ट्रक के भीतर बैठे कुछ जवान आपस में बात कर रहे हैं। उनसे में एक कहता है कि 'नॉन बुलेटप्रूफ गाड़ी में भेजकर हमारी जान से खिलवाड़ किया जा रहा है।' राहुल ने इस वीडियो के साथ लिखा है, हमारे जवानों को नॉन-बुलेट प्रूफ़ ट्रकों में शहीद होने भेजा जा रहा है और PM के लिए 8400 करोड़ के हवाई जहाज़! क्या यह न्याय है?'(navjivan)
एनआईए ने पूरक चार्जशीट में हैनी बाबू और स्वामी पर भी गंभीर दावा किया
भीमा-कोरेगांव हिंसा मामले में राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने शुक्रवार को अपने पूरक आरोप पत्र (चार्जशीट) में यह दावा किया है कि सामाजिक कार्यकर्ता गौतम नवलखा पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई के संपर्क में थे और उन्हें सरकार के खिलाफ बुद्धिजीवियों को एकजुट करने का काम सौंपा गया था।
पूरक चार्जशीट में एनआईए ने यह भी दावा किया कि दिल्ली विश्वविद्यालय में एसोसिएट प्रोफेसर हनी बाबू नक्सली क्षेत्रों में विदेशी मीडिया की यात्राओं के आयोजन में सहायक थे और उन्हें आंध्र प्रदेश और तेलंगाना में प्रतिबंधित आतंकवादी संगठन रिवोल्यूशनरी डेमोक्रेटिक फ्रंट (आरडीएफ) के कार्यों की जिम्मेदारी सौंपी गई थी। एनआईए ने इस साल 28 जुलाई को बाबू को नोएडा स्थित उनके आवास से गिरफ्तार किया था, जबकि नवलखा को 14 अप्रैल को आनंद तेलतुम्बड़े के साथ गिरफ्तार किया गया था।
भीमा-कोरेगांव हिंसा मामले में एनआईए ने आठ आरोपियों- गौतम नवलखा, हनी बाबू, आनंद तेलतुम्बड़े, सागर गोरखे, रमेश गाइचोर, ज्योति जगताप, मिलिंद तेलतुम्बड़े और स्टेन स्वामी के खिलाफ मुंबई की एक विशेष एनआईए अदालत में पूरक आरोप पत्र दायर किया। इन आरोपियों पर गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम (यूएपीए) के साथ ही भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की कई धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया है।
भीमा कोरेगांव मामले में नवलखा की भूमिका और भागीदारी को लेकर एनआईए ने अपने आरोप पत्र में दावा किया है कि जांच के दौरान यह पाया गया कि उनके सीपीआई (माओवादी) कैडरों के बीच गुप्त संचार हुआ था। एनआईए ने कहा, "नवलखा को सरकार के खिलाफ बुद्धिजीवियों को एकजुट करने का काम सौंपा गया था। वह कुछ तथ्य-खोज समितियों का हिस्सा थे और उन्हें सीपीआई (माओवादी) की गुरिल्ला गतिविधियों के लिए कैडर भर्ती करने का काम सौंपा गया था। साथ ही आईएसआई के साथ भी उनके संबंध सामने आए हैं।"
एनआईए ने यह भी कहा कि हनी बाबू सीपीआई (माओवादी) के प्रभाव वाले क्षेत्रों में विदेशी पत्रकारों की यात्राओं के आयोजन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता था और उसे रिवोल्यूशनरी डेमोक्रेटिक फ्रंट (आरडीएफ) के वर्तमान और भविष्य के कार्य सौंपे गए थे। एनआईए का दावा है कि बाबू मणिपुर की प्रतिबंधित आतंकवादी संगठन- कुंगलपाक कंगलेपाक कम्युनिस्ट पार्टी (केसीपी) के संपर्क में था और अभियुक्त जी. एन. साईबा सीपीआई (माओवादी) के निर्देशों पर चल रहा था और उसी के लिए धन जुटा रहा था।
गुरुवार रात रांची से गिरफ्तार किये गए और शुक्रवार को मुंबई की एक अदालत के समक्ष पेश किये गए स्वामी की भूमिका का हवाला देते हुए एनआईए ने कहा है कि वह एक सीपीआई (माओवादी) कैडर है और उसकी गतिविधियों में सक्रिय रूप से शामिल रहा है। आरोप पत्र में कहा गया है कि स्वामी अन्य सीपीआई (माओवादी) कैडरों के साथ संचार में थे। एनआईए ने यह भी आरोप लगाया कि स्वामी ने अपनी गतिविधियों के लिए अन्य माओवादी कैडरों से धन प्राप्त किया। एजेंसी ने आरोप लगाया कि वह सीपीआई (माओवादी) के फ्रंटल संगठन पीपीएससी का संयोजक है।
एनआईए ने ने कहा है कि "भाकपा (माओवादी) की गतिविधियों को आगे बढ़ाने के लिए संचार से संबंधित दस्तावेजों और प्रचार सामग्री को जब्त कर लिया गया है।" आरोपपत्र में यह भी आरोप लगाया गया है कि आनंद तेलतुम्बड़े, नवलखा, बाबू, गोरखे, गाइचोर, जगताप और स्वामी ने अन्य आरोपी व्यक्तियों के साथ मिलकर भाकपा (माओवादी) की विचारधारा को आगे बढ़ाया और कानून द्वारा स्थापित सरकार के प्रति असहमति पैदा करते हुए विभिन्न समूहों के बीच धर्म, जाति और समुदाय को लेकर दुश्मनी को बढ़ावा दिया। इस मामले में एनआईए ने इस साल 24 जनवरी को मामला दर्ज किया था।
बता दें कि महाराष्ट्र के पुणे के पास भीमा कोरेगांव में एक युद्ध स्मारक के पास एक जनवरी 2018 को हिंसा भड़क गई थी। इसके एक दिन पहले ही पुणे शहर में हुए एल्गार परिषद सम्मेलन के दौरान कथित तौर पर उकसाने वाले भाषण दिए गए थे। पुणे पुलिस ने इस मामले में क्रमश: 15 नवंबर, 2018 और 21 फरवरी, 2019 को एक आरोप पत्र और एक पूरक आरोप पत्र दायर किया था। बाद में केंद्र सरकार ने इस मामले को एनआईए के हवाले कर दिया था।(navjivan)
श्रीनगर, 10 अक्टूबर (आईएएनएस)| जम्मू-कश्मीर के कुलगाम जिले के चिनगाम इलाके में शुक्रवार रात को आतंकवादियों और सुरक्षाबलों के बीच शुरू हुई मुठभेड़ में दो आतंकवादी मारे गए हैं।
अधिकारियों ने शनिवार को यह जानकारी दी।
आतंकवादियों और सुरक्षाबलों के बीच मुठभेड़ तब शुरू हुई जब सुरक्षाबलों ने आतंकवादियों की मौजूदगी की सूचना पर इलाके की घेराबंदी कर तलाशी अभियान शुरू किया।
जैसे ही सुरक्षाबल उस स्थान पर पहुंचे, जहां आतंकवादी छिपे हुए थे, आतंकवादियों ने अंधाधुंध गोलीबारी करनी शुरू कर दी, जिससे मुठभेड़ शुरू हो गई।
एक पुलिस अधिकारी ने कहा, "कुलगाम मुठभेड़ में दो अज्ञात आतंकवादी मारे गए हैं, ऑपरेशन जारी है।"
बेटी-दामाद को दर्शन नहीं करने देने पर हंगामा, मोदी की गाड़ी को रोका
पूर्व केंद्रीय मंत्री रामविलास पासवान का पार्थिव शरीर देर शाम पटना पहुंच गया। पटना एयरपोर्ट पर जमा हुई भारी भीड़ के बीच पासवान के पार्थिव शरीर को अंतिम दर्शन के लिए स्टेट हैंगर में रखा गया, जहां पहुंचकर उनके परिवार के सदस्यों समेत राज्य के तमाम बड़े नेताओं ने उनके अंतिम दर्शन किए। इस दौरान पुलिस ने पासवान के दामाद और बेटी को एयरपोर्ट में नहीं घुसने दिया, जिस पर हंगामा खड़ा हो गया।
पार्थिव शरीर के अंतिम दर्शन के लिए एयरपोर्ट में नहीं जाने देने पर रामविलास पासवान की बेटी और दामाद अनिल साधु नाराज हो गए और उन्होंने पटना एयरपोर्ट के स्टेट हैंगर गेट पर हंगामा करना शुरू कर दिया। इस दौरान उन्होंने वहां से गुजर रहे उपमुख्यमंत्री सुशील मोदी के काफिले को भी रोक दिया और हंगामा करने लगे। इसके बाद वहां पर काफी भीड़ जमा हो गई और अच्छा खासा हंगामा खड़ा हो गया। इसके बाद वहां मौजूद पुलिस ने काफी मशक्कत से उन्हें हटाया, तब जाकर सुशील मोदी की गाड़ी अंदर गई।
पटना जिला प्रशासन और एयरपोर्ट प्रबंधन द्वारा अंदर जाने की इजाजत नहीं देने पर रामविलास पासवान की बेटी ने कैमरे के सामने रोते हुए आरोप लगाया कि बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के कहने पर उनको दर्शन करने से रोका जा रहा है। बता दें कि वह रामविलास पासवान की पहली पत्नी की बेटी हैं। उन्होंने कुछ साल पहले अपने अधिकार के लिए पिता के खिलाफ धरना भी दिया था। वहीं उनके पति अनिल साधु आरजेडी में हैं और पार्टी के एसटी-एसटी प्रकोष्ठ के अध्यक्ष हैं।
पूर्व केंद्रीय मंत्री रामविलास पासवान का 74 साल की उम्र में लंबी बीमारी के बाद गुरुवार की शाम दिल्ली में निधन हो गया। वह कई दिनों से अस्पताल में भर्ती थे और कुछ दिन पहले ही उनकी हर्ट सर्जरी हुई थी। बीच-बीच में उनकी तबीयत में सुधार की खबरें आ रही थी, लेकिन गुरुवार शाम को अचनाक उनके बेटे और लोक जनशक्ति पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष चिराग पासवान ने उनके निधन की जानकारी दी। पासवान के निधन की खबर आते ही दिल्ली से लेकर बिहार तक शोक की लहर दौड़ गई।(navjivan)
नासिक/मुंबई, 9 अक्टूबर । महाराष्ट्र आतंकवाद रोधी दस्ते (एंटी टेररिस्ट स्क्वाड) की नासिक यूनिट ने एक विदेशी एजेंसी के लिए जासूसी करने के आरोप में हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (एचएएल) के एक कर्मचारी को गिरफ्तार किया है। शीर्ष अधिकारियों ने यहां शुक्रवार को यह जानकारी दी।
अतिरिक्त डीजीपी (एटीएस) देवेन भारती ने कहा कि एचएएल के कर्मचारी पर भारतीय लड़ाकू विमान और नासिक में विनिर्माण सुविधाओं के बारे में गोपनीय और संवेदनशील जानकारी मुहैया कराने का आरोप है। अधिकारी ने बताया कि कर्मचारी की पहचान दीपक शिरसाट (41) के रूप में हुई है।
अधिकारियों ने कहा कि दीपक की संदिग्ध गतिविधियों के कारण वह नासिक पुलिस, राज्य एटीएस सहित कई एजेंसियों के रडार पर आ गया था। वह नासिक में महत्वपूर्ण विमान विनिर्माण विभाग के साथ एक गुणवत्ता नियंत्रण निरीक्षक के तौर पर काम कर रहा था और उसने एक विदेशी नागरिक से भी मुलाकात की थी, जिसकी भनक पुलिस व एजेंसियों के अधिकारी को लग गई थी और आखिरकार तीन दिन पहले उसे हिरासत में ले लिया गया।
अभियुक्त से निरंतर पूछताछ के बाद पता चला कि वह पाकिस्तान की इंटर सर्विसेज इंटेलिजेंस (आईएसआई) के साथ नियमित रूप से संपर्क में था और उसे गुप्त और संवेदनशील जानकारी प्रदान कर रहा था। आरोपी नासिक स्थित ओझर में एचएएल विमान विनिर्माण इकाई, वायुसेना अड्डे और विनिर्माण इकाई में प्रतिबंधित क्षेत्र संबंधी जानकारी दे रहा था।
अन्य बातों के अलावा, यह भी पता चला कि अभियुक्त कथित रूप से व्हाट्सएप और संचार के अन्य माध्यम से दस्तावेजों, तस्वीरों और मानचित्रों के साथ रक्षा-संबंधित सुविधाओं की कई महत्वपूर्ण जानकारी एकत्रित कर रहा था।
भारती ने कहा, "आधिकारिक रहस्य अधिनियम 1923 की धारा 3, 4 और 5 के तहत आरोपी के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया है। हमने पांच सिम कार्ड और दो मेमोरी कार्ड के साथ तीन मोबाइल हैंडसेट जब्त किए हैं, जो फॉरेंसिक जांच के लिए भेजे गए हैं।"
एटीएस के डीआईजी जयंत नायकनव्रे ने कहा कि आरोपी को नासिक में एक विशेष एटीएस कोर्ट के समक्ष पेश किया गया, जिसने उसे 10 दिन की पुलिस हिरासत में भेज दिया है। पूरे रैकेट की आगे की जांच चल रही है, जिसमें अन्य के शामिल होने की संभावना है।
एचएएल के प्रवक्ता गोपाल सुतार ने कहा, "अभी जांच जारी है और हम इस संबंध में कोई टिप्पणी नहीं कर सकते।"
मुंबई से लगभग 200 किलोमीटर उत्तर में स्थित, एचएएल एयरक्राफ्ट मैन्युफैक्च रिंग डिवीजन मिग और सुखोई लड़ाकू विमानों के अलग-अलग वेरिएंट के उत्पादन का कार्य करती है।(आईएएनएस)