पटना, 15 अक्टूबर (आईएएनएस)| बिहार विधानसभा चुनाव में राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के नेतृत्व वाले गठबंधन में शामिल होकर चुनाव मैदान में उतरी भाकपा (माले) ने गुरुवार को घोषणा पत्र जारी कर दिया।
भाकपा (माले) के महासचिव दीपंकर भट्टाचार्य ने विधानसभा चुनाव के लिए पार्टी के घोषणा पत्र को जारी करते हुए कहा कि नीतीश कुमार को लोकतंत्र के बुनियादी सिद्धांतों से कोई लेना-देना नहीं रह गया है।
घोषणा पत्र में डी बंदोपाध्याय आयोगों की अनुशंसाओं के आलोक में सीलिंग की जमीन घटाना, कानून का सख्ती से पालन, भूदान समितियों का पुनस्र्थापना, बटाईदारों का पंजीकरण, किसानी का हक, बिना आवास वाले परिवार को 10 डिसमिल आवासीय जमीन देने की घोषणा की गई है।
पार्टी ने बन्द पड़ी मिलों व सरकारी इलाके की बीमार इकाइयों को फिर से शुरू करने का वादा किया है, जबकि रोजगारोन्मुख औद्योगिक विकास पर जोर देते हुए अन्य छोटे-मध्यम उद्योगों पर विकास करने का वादा भी किया गया है।
घोषणा पत्र में बेरोजगार युवकों को बेरोजगारी भत्ता का प्रावधान करने का वादा किया गया है, तो सरकारी विभागों में रिक्त पड़े सभी पदों पर अविलंब बहाली का वादा किया गया है।
घोषणापत्र जारी करने के मौके पर कविता कृष्णन, राजाराम सिंह व केडी यादव भी उपस्थित थे।
नई दिल्ली, 15 अक्टूबर । विवादित बयान देने वाले कांग्रेस नेता उदित राज एक बार फिर सुर्खियों में हैं। उदित राज ने अब कुंभ मेले के आयोजन में सरकारी पैसे के इस्तेमाल पर सवाल उठाए हैं। इसके साथ ही उन्होंने मदरसा और कुंभ की तुलना करते हुए गुरुवार को ट्वीट करके कहा कि असम सरकार ने सरकारी फंड से मदरसे न चलाने का निर्णय किया है उसी तरह यूपी सरकार को कुंभ मेले के आयोजन पर 4200 करोड़ रुपये नहीं खर्च करने चाहिए। हालांकि विवाद बढ़ने पर उदित राज ने वो ट्वीट डिलीट कर दिया। उधर, कांग्रेस नेता के इस बयान पर बीजेपी प्रवक्ता संबित पात्रा ने जोरदार हमला बोला है। उन्होंने लिखा 'मित्रों ये है गांधी परिवार की सच्चाई..'
इससे पहले कांग्रेस नेता उदित राज ने सुबह एक ट्वीट में कहा कि किसी भी धार्मिक कार्यक्रम में सरकारी फंड का इस्तेमाल नहीं होना चाहिए। यह गलत है।' हालांकि बाद में विवाद बढ़ने के बाद उदितराज ने ट्वीट डिलीट कर दिया। उन्होंने एक न्यूज चैनल से बातचीत में सफाई देते हुए कहा, 'राज्य का कोई धर्म नहीं होता। सभी को बराबर मानना चाहिए। किसी के साथ भेदभाव नहीं होना चाहिए। इस संदर्भ में मैंने कुंभ मेले के खर्च का उदाहरण दिया'
संबित पात्रा बोले- ये है गांधी परिवार की सच्चाई
उदित राज के विवादित ट्वीट के जवाब में बीजेपी प्रवक्ता संबित पात्रा ने कहा, 'मित्रों ये है गांधी परिवार की सच्चाई। पहले अफिडेविट देकर सुप्रीम कोर्ट में कहा था 'भगवान श्री राम मात्र काल्पनिक है..उनका कोई अस्तित्व नहीं' और अब प्रियंका वाड्रा जी का कहना है की कुंभ मेला भी बंद होना चाहिए! तभी तो दुनिया कहती है राहुल और प्रियंका 'सुविधा-वादी' हिंदू है'।
वैश्विक स्तर का आयोजन है कुंभ
कुंभ मेले पर यूपी सरकार के खर्च पर सवाल उठाने वाले उदित राज के ट्वीट के जवाब में यूपी सरकार के मंत्री बृजेश पाठक ने कहा कि कुंभ अब एक वैश्विक स्तर का आयोजन है, यह सिर्फ उत्तर प्रदेश सरकार तक सीमित नहीं है। ऐसे आयोजन पर किसी को भी टिप्पणी नहीं करनी चाहिए, जिसमें दुनिया भर के लाखों लोग शामिल होते हैं।
'कुछ लोगों के पास विकास के लिए विचार और इच्छाएं नहीं'
केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने कुंभ मेले पर उदित राज की टिप्पणी पर कहा कि कुछ लोगों के पास विकास के लिए विचार और इच्छाएं नहीं हैं। जब किसी कार्यक्रम में करोड़ों लोग आते हैं। ऐसे में सरकार उनको बेहतर सुविधाएं मुहैया कराती है। इस तरह के आयोजनों से बुनियादी ढांचे के विकास के अवसर मिलते हैं। (nbt)
नई दिल्ली, 15 अक्टूबर (आईएएनएस)| सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को आम आदमी को समझ में आ सकने वाली अंग्रेजी में कानून बनाने से जुड़ी याचिका पर सुनवाई करते हुए केंद्र से जवाब मांगा है। याचिका में सरल अंग्रेजी भाषा में कानून तैयार करने की मांग की गई है। याचिका में शीर्ष न्यायालय से गुहार लगाई गई है कि वह केंद्र के न्याय विभाग को निर्देश दें कि वह साधारण अंग्रेजी में ऐसी मार्गदर्शक/हैंडबुक जारी करे, जिसे आम लोग आसानी से समझ सकें।
इस मामले पर सुनवाई प्रधान न्यायाधीश एस.ए. बोबडे की अध्यक्षता वाली पीठ ने की।
अधिवक्ता सुभाष विजयरन की ओर से दायर याचिका में कहा गया है कि अधिकांश वकील अपनी बातों को लेकर अस्पष्ट और नीरस बने रहते हैं, क्योंकि वे कुछ कहने के लिए दो के बजाय आठ शब्दों का उपयोग करते हैं।
याचिका में कहा गया है, "हम सामान्य विचारों को व्यक्त करने के लिए रहस्यमय वाक्यांशों का उपयोग करते हैं। सटीक होने की कोशिश में हम निर्थक हो जाते हैं। सतर्क रहने की मांग करते हुए, हम क्रियात्मक हो जाते हैं। हमारा लेखन कानूनी शब्दजाल और कानूनी तरीके से लिखा जाता है और कहानी चलती रहती है।"
यह दलील दी गई है कि संविधान, कानून और कानूनी प्रणाली आम आदमी के लिए है, और फिर भी यह आम आदमी है, जो सिस्टम से सबसे अधिक अनभिज्ञ है। याचिका में कहा गया है, आम नागरिक न तो व्यवस्था को समझता है, न ही कानूनों को। सब कुछ इतना जटिल और भ्रमित करने वाला है।
दलील में कहा गया है कि अगर जनता तक न्याय नहीं पहुंचाया जाता तो यह उनके मौलिक अधिकारों का हनन होगा।
याचिका में कुछ देशों का उदाहरण देते हुए कहा गया है कि कई देशों में सार्वजनिक एजेंसियां नागरिकों तक पहुंच बढ़ाने के लिए सादी भाषा का इस्तेमाल करती हैं।
याचिका में दलील दी गई है कि विधानमंडल और कार्यपालिका को सटीक और असंदिग्ध कानून बनाने चाहिए और जहां तक संभव हो, इसे आसान भाषा में बनाया जाना चाहिए। इसके अलावा, सरकार द्वारा सामान्य जनहित के कानूनों की व्याख्या करने के लिए सादी अंग्रेजी और अन्य स्थानीय भाषाओं में एक मार्गदर्शिका (गाइड) जारी करनी चाहिए।
याचिकाकर्ता ने यह भी कहा कि सुप्रीम कोर्ट में दायर याचिका का मानक उच्चतम गुणवत्ता का होना अनिवार्य है। याचिका में यह भी कहा गया है कि भारत के शीर्ष न्यायालय के वकीलों को अपनी दलीलों को स्पष्ट, संक्षिप्त और सटीक बनाने के लिए अतिरिक्त प्रयास करने चाहिए।
याचिका में बार काउंसिल ऑफ इंडिया को एक अनिवार्य विषय शुरू करने का आदेश देने की मांग भी की गई है। इसमें कहा गया है कि एलएलबी पाठ्यक्रम में 'आसान अंग्रेजी में कानूनी लेखन' विषय शुरू किया जाना चाहिए, जहां कानून के छात्रों को साधारण अंग्रेजी में सटीक और संक्षिप्त दस्तावेजों का मसौदा तैयार करना सिखाया जा सके।
जयपुर, 15 अक्टूबर (आईएएनएस)| राजस्थान के गुर्जर नेताओं ने शनिवार को भरतपुर में एक महापंचायत बुलाई है, जिसमें आरक्षण के मुद्दे पर चर्चा होगी। महापंचायत में गुर्जरों के आरक्षण के मुद्दे पर नया आंदोलन चलाने को लेकर फैसला लिया जाएगा। इससे पहले, महापंचायत का आयोजन सवाई माधोपुर जिले के मलारना डूंगर गांव में किया जाना था, हालांकि, बाद में कार्यक्रम स्थल को भरतपुर के पिलुपुरा क्षेत्र के अडा गांव में बदल दिया गया।
मीडिया से बात करते हुए गुर्जर नेता कर्नल किरोड़ी सिंह बैंसला ने कहा कि राज्य सरकार आरक्षण के मुद्दे पर गंभीर नहीं है।
बैंसला ने कहा कि गुर्जर समाज ने कई अवसरों पर आरक्षण कानून को संविधान की 9वीं सूची में डालने का मुद्दा उठाया है। साथ ही ये भी कहा कि बैकलॉग भर्ती के लिए और भर्ती प्रक्रिया में सबसे पिछड़े वर्गो (एमबीसी) को 5 प्रतिशत आरक्षण का लाभ देने के लिए सरकार का रवैया ढीला है।
"आंदोलन के दौरान मारे गए लोगों के परिवारों को मुआवजा व नौकरी देने और मुकदमे वापस लेने के लिए सरकार के साथ कई बैठकें हुईं, लेकिन सरकार ने कोई भी मांग पूरी नहीं की, इसलिए गुर्जर समाज में भारी आक्रोश है।"
बैंसला के बेटे विजय बैंसला ने कहा कि महापंचायत में आगामी आंदोलन से जुड़े बड़े फैसले लिए जाएंगे। गुर्जर समाज ने हाल ही में आरक्षण के मुद्दे पर केंद्र और राज्य सरकार दोनों को अल्टीमेटम दिया था।
एक महीना पहले, पूर्व उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को पत्र लिखकर आरोप लगाया था कि राजस्थान में अति पिछड़े वर्ग को सरकारी नौकरियों में कोटा से वंचित किया जा रहा है।
गहलोत के हस्तक्षेप की मांग करते हुए पायलट ने मुख्यमंत्री को याद दिलाया था कि 2018 के चुनावों में कांग्रेस के घोषणापत्र में अति पिछड़े वर्ग के आरक्षण का वादा शामिल था।
पायलट ने कहा था, "मुझे जो आवेदन मिले हैं उसके अनुसार, पुलिस कांस्टेबल भर्ती-2018 में आरक्षण नहीं दिया जा रहा है।" उन्होंने आगे कहा था कि राज्य के विभिन्न क्षेत्रों के कई प्रतिनिधिमंडल उनसे व्यक्तिगत रूप से मिले और शिकायतें बताईं।
गुरुग्राम, 15 अक्टूबर (आईएएनएस)| प्रदूषण नियामक प्राधिकरण ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान(जीआरएपी)ने गुरुवार से राष्ट्रीय राजधानी में डीजल जेनरेटर्स के प्रयोग पर प्रतिबंध लगा दिया है। हालांकि अस्पताल, रेलवे, मेट्रो और अन्य बेहद जरूरी सेवाओं के लिए जनरेटर्स के प्रयोग पर छूट प्रदान की गई है।
गुरुग्राम में प्रदूषण विभाग के अनुसार, शहर में दोनों आवासीय और औद्योगिक क्षेत्र मिलाकर करीब 10,000 जेनरेटर संचालित होते हैं।
गुरुग्राम में, करीब 2 लाख निवासी या तो आंशिक रूप से या फिर काफी हद तक जेनसेट पर निर्भर हैं। निवासी इन सोसायटी में कई वर्षो से रह रहे हैं, लेकिन कई बिल्डर्स ने स्थानीय कनेक्शन के लिए न तो बकाया चुकाया है और ना ही अन्य निर्देश पूरे किए है, जिस वजह से वे पूरी तरह से पॉवर बैकअप पर निर्भर हैं। इनमें से पांच सोसायटी ऐसी हैं जो पूरी तरह से जनरेटर्स पर निर्भर है।
गुरुग्राम के एक वरिष्ठ नागरिक आनंद साहा ने कहा, "हम एलीवेटर्स जैसी आवश्यक सेवाओं का प्रयोग करते हैं। और यहां कई बच्चे और वरिष्ठ नागरिक रहते हैं। इनमें से कई गंभीर बीमारी से जूझ रहे हैं। कुछ रोगियों के लिए, दवाईयों को एक निश्चित तापमान में रखना जरूरी है। ये सभी चीजें अबाधित बिजली आपूर्ति पर निर्भर करती है।"
हालांकि डिस्कॉम के अधिकारियों ने कहा कि उनके पास 11,000 मेगावाट के बेस पीक डिमांड के एवज में 12,500 मेगावाट की सरप्लस बिजली है और वे फिलहाल डिजल जेनरेटर्स पर निर्भर इन सोसायटीज और कॉलोनियों में पॉवर सप्लाई कर सकते हैं।
उन्होंने कहा कि गुरुग्राम में 5,540 डीजल जेनरटर्स हैं, जिसकी क्षमता 100 किलोवाट है।
न्यू गुरुग्राम की निवासी नेहा राणा ने कहा, "लगातार बिजली जाने से कार्यालय का काम बाधित होता है और यह उनके लिए मुश्किल है जो घर से काम करते हैं। राज्य सरकार को इन समस्याओं से निपटने के लिए पर्याप्त संरचना मुहैया कराना चाहिए।"
नई दिल्ली, 15 अक्टूबर (आईएएनएस)| प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने धनशोधन (मनी लांड्रिंग) के आरोप में अहमदाबाद स्थित जैव प्रौद्योगिकी कंपनी की निदेशक को गिरफ्तार किया है। प्रवर्तन निदेशालय ने पेंटियम इन्फोटेक लिमिटेड और हीरम बायोटेक लिमिटेड की निदेशक निकेता बलदेवभाई दवे को धनशोधन-रोधी कानून (पीएमएलए) के तहत गिरफ्तार किया है। ईडी ने यह गिरफ्तारी कथित रूप से एक सहकारी बैंक के साथ हुई धोखाधड़ी से जुड़े मामले में की है। एक स्थानीय अदालत ने दवे को चार दिन की ईडी हिरासत में भेज दिया है।
गुजरात पुलिस की सीआईडी-अपराध शाखा ने सबसे पहले मई, 2009 में इस संबंध में मामला दर्ज किया था। केंद्रीय जांच एजेंसी ने बयान में कहा कि दवे और इन कंपनियों के एक निदेशक प्रतीक आर. शाह और अन्य ने अहमदाबाद के पीपल्स को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड (एपीसीबीएल) के साथ 25.25 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी की है।
एजेंसी ने कहा, "जांच में पाया गया है कि शाह और दवे ने एपीसीबीएल में एफडीओडी (एफडी के एवज में ओवरड्राफ्ट) ऋण खाता खोला। इन कंपनियों ने भुगतान में चूक की, जिससे बैंक को 25.25 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ।"
ईडी ने एक अधिकारी ने कहा कि इसके बाद एपीसीबीएल में प्रत्येक खाते में 50 लाख रुपयों के साथ 20 आईबीएल खाते भी शाह द्वारा अपने कार्यालय के कर्मचारियों, कंपनियों या सहयोगियों के नाम से खोले गए।
उन्होंने कहा, "इसके अलावा दवे ने निदेशक/पार्टनर के रूप में 20 में सात कंपनियों जिनमें एस.जे. सिक्योरिटीज लिमिटेड, पायनियर मर्के टाइल लिमिटेड, विटाले बायो साइंस लिमिटेड, सातरक रियल एस्टेट लिमिटेड, जुपिटर बिजनेस लिमिटेड, लक्ष्य सिक्योरिटीज एंड क्रेडिट होल्डिंग लिमिटेड और अरिहंत ज्वैलर्स शामिल हैं, उनके लिए ऋण प्राप्त करने के लिए आवेदन किया।"
नई दिल्ली, 15 अक्टूबर (आईएएनएस)| दक्षिण-पूर्वी दिल्ली में रहने वाली एक कश्मीरी युवती ने ट्विटर के जरिए शिकायत की है कि उसकी मकान मालकिन ने कथित तौर पर उसके साथ मारपीट की है। उसने कश्मीरी होने के कारण मकान मालकिन द्वारा निशाना बनाए जाने का आरोप लगाया है। महिला ने एक तस्वीर भी पोस्ट की, जिसमें मारपीट के कारण लगी चोटों को दिखाया है। पुलिस ने मामला दर्ज कर लिया है और जांच शुरू कर दी है। अधिकारियों ने कहा कि मकान मालकिन ने भी पुलिस में शिकायत दर्ज कराई है और उस पर भी गौर किया जा रहा है।
पुलिस ने कहा कि उसे बुधवार को अमर कॉलोनी पुलिस स्टेशन में रात 8.40 बजे ताला तोड़कर घर में चोरी होने की पीसीआर कॉल आई। मौके पर पहुंचने पर पता चला कि पूर्वी कैलाश में मकान की चौथी मंजिल पर जम्मू एवं कश्मीर के श्रीनगर जिले के राजबाग की निवासी नूर भट्ट और उसकी बहन किराए के कमरे में रहती हैं। यह कॉल मकान मालकिन तरुणा मखीजा ने की थी।
नूर ने अपने ट्वीट में कहा, "मेरी मकान मालकिन एक आदमी के साथ मेरे घर में आई, जिसे मैंने पहले कभी नहीं देखा था। उन्होंने मुझे और मेरे दोस्तों को आतंकवादी कहना शुरू किया, क्योंकि हम कश्मीर से हैं। हमें पीटा और हमारे पैसे छीन लिए।"
डीसीपी साउथ ईस्ट आर.पी.मीणा ने कहा, "यह भी पता चला है कि किराए और बिजली का बिल न देने के कारण पहले भी झगड़ा हुआ था। बीएसईएस द्वारा बिजली भी काट दी गई थी।"
तरुणा मखीजा ने कहा, "ये लड़कियां इस साल जून में हमारे घर में रहने आईं और फिर किराया देने में देरी करने लगीं। उन्होंने बीएसईएस के कर्मचारियों को भी परेशान किया। हमने पुलिस में शिकायत की है।"
सासाराम, 15 अक्टूबर (आईएएनएस)| भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के अध्यक्ष जे.पी. नड्डा ने यहां गुरुवार को कहा कि राजनीति में नारा लगा देना आसान है लेकिन गरीबों की मदद के लिए 56 इंच का सीना होना जरूरी है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने संस्कृति बदल दी है। बिहार के काराकाट विधानसभा क्षेत्र में एक चुनावी सभा को संबोधित करते हुए नड्डा ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तारीफ करते हुए कहा कि, हमलोगों ने जो किया है वह लेखा-जोखा लेकर आया हूं। हम क्या करेंगे, ये नहीं बताने आया हूं, हमने क्या किया है, यह बताने आया हूं। मोदीजी ने बिहार के लिए जो कुछ किया है, जितना खर्च किया है, वह बताने आया हूं।
भाजपा अध्यक्ष ने एक ओर जहां केंद्र और राज्य सरकार द्वारा किए गए विकास कार्यों की चर्चा की, वहीं राष्ट्रीय जनता दल (राजद) और कांग्रेस पर जमकर निशाना साधा।
उन्होंने राजद के शासनकाल पर कटाक्ष करते हुए कहा कि चरवाहा विद्यालय के नाम पर बिहार को चारागाह बना दिया और चारा घोटाला कर दिया, अब रांची की जेल में बैठे हैं।
उन्होंने लोगों से पहचानने की अपील करते हुए कहा कि लालू राज में शहाबुद्दीन को कुछ नहीं किया गया, नीतीश कुमार के शासन में शहाबुद्दीन को जेल भेजा गया। लालू राज में गोपालगंज के दलित जिलाधिकारी कृष्णया की हत्या कर दी गई। लालू राज में पटना से व्यवसायी बिहार छोड़कर चले गए।
उन्होंने दावा करते हुए कहा कि जब राजग की सरकार आई तो हालत सुधरी है। उन्होंने कहा कि राज्य में पहले 24 प्रतिशत क्षेत्रों में बिजली थी, लेकिन आज शत प्रतिशत क्षेत्रों में बिजली पहुंच गई है।
उन्होंने राजद पर कटाक्ष करते हुए कहा कि आजकल राजद के लेाग भी विकास की बात कर रहे हैं। मोदी जी ने उनको विकास भी समझा दिया। अब वे भी समझ गए हैं कि बिहार के लोगों की आकांक्षा क्या है।
नई दिल्ली, 15 अक्टूबर| दिल्ली की व्यस्त सड़कों पर एक तेज रफ्तार कार को रोकने के प्रयास में कार के बोनट पर चढ़े ट्रैफिक पुलिसकर्मी को करीब 400 मीटर तक घसीटने की घटना सामने आई है। सीसीटीवी फुटेज में सिपाही को सड़क पर गिरने से पहले कार को पकड़े हुए देखा गया है। सिपाही का पैर कार के पहिए के नीचे आते-आते बचा, वहीं अन्य वाहन उसके बहुत करीब से होकर गुजरे।
पुलिस ने गुरुवार को बताया कि अपराधी कार चालक बीकॉम के छात्र को आईपीसी 307 (हत्या का प्रयास) के तहत गिरफ्तार कर लिया गया है।
उस पर हमला, एक लोक सेवक को ड्यूटी करने से रोकने के लिए आपराधिक बल का इस्तेमाल और खराब ड्राइविंग करने को लेकर मामला दर्ज किया गया है। उसके खिलाफ दिल्ली कैंट थाने में भारतीय दंड संहिता की धारा 186, 353, 279 और 337 के तहत भी मामला दर्ज किया गया था।
छात्र सोमवार शाम को दिल्ली छावनी क्षेत्र की गलियों में तेजी से कार चला रहा था। कार में फैंसी नंबरप्लेट भी थी।
एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने कहा, "जब ड्राइवर को कॉन्स्टेबल ने रोका, तो बिना लाइसेंस वाले ड्राइवर ने उसके ऊपर से वाहन दौड़ाने की कोशिश की और पुलिसकर्मी को अपनी कार के बोनट पर खींच लिया। अगर कोई तेज रफ्तार वाहन पीछे से आ रहा होता तो कांस्टेबल को गंभीर चोटें आतीं।"
बोनट से गिरने के बाद कांस्टेबल महिपाल सिंह यादव को चोटें आई हैं।
चालक ने भागने की कोशिश की, लेकिन वहां मौजूद लोगों और अन्य यातायात पुलिसकर्मियों द्वारा पकड़ा गया। करीब एक किलोमीटर तक उसका पीछा करने के बाद वह पकड़ा गया। उसकी पहचान उत्तम नगर निवासी शुभम के तौर पर हुई है। वह बीकॉम तृतीय वर्ष का छात्र है।
यादव ने अपनी शिकायत में कहा है कि वह सोमवार शाम को दिल्ली कैंट में स्टेशन रोड पर तीन अन्य कर्मियों के साथ वाहन चेकिंग ड्यूटी पर थे। यादव ने शाम 5 बजे के आसपास एक सफेद रंग की कार देखी, जिसमें फैंसी नंबरप्लेट लगी हुई थी और उसने चालक को रुकने का इशारा किया। रुकने के बजाय चालक ने स्पीड बढ़ा दी और भागने की कोशिश की।
पूरी घटना सीसीटीवी में कैद हो गई है। (आईएएनएस)
नई दिल्ली, 15 अक्टूबर| दिल्ली के लगभग 65 प्रतिशत घरों में एक या एक से अधिक ऐसे व्यक्ति हैं, जिन्होंने पहले ही प्रदूषण से जुड़ी बीमारियों का सामना करना शुरू कर दिया है। एक सर्वेक्षण में इस बात का पता चला है। दिल्ली-एनसीआर के 47 प्रतिशत लोगों को सर्दी, खांसी या गले में खरास की समस्या का सामना करना पड़ रहा है, जबकि 26 प्रतिशत को आंखों में जलन और 30 प्रतिशत को सांस लेने में कठिनाई का सामना करना पड़ रहा है। सर्वेक्षण में गुरुवार को इस तरह के परिणाम सामने आए हैं।
दिल्ली का वायु गुणवत्ता सूचकांक दोपहर एक बजे 323 पर था, जो 'बहुत खराब' श्रेणी में आता है। हर साल यह देखने में आता है कि राजधानी और इससे सटे इलाकों में सर्दियां शुरू होते ही वायु प्रदूषण का स्तर काफी बढ़ जाता है। हालांकि अभी सर्दी शुरू भी नहीं हुई है, मगर लोगों को प्रदूषण का आभास होने लगा है।
शहर के कई डॉक्टरों और अस्पतालों का भी कहना है कि सांस लेने में कठिनाई वाले रोगियों के मामलों की अधिक संख्या देखने को मिल रही है। पहले से श्वसन संबंधी बीमारियों से घिरे लोग खराब हवा के संपर्क में आते हैं तो उन्हें और अधिक परेशानियां उठानी पड़ सकती हैं। यहां तक कि उन्हें कोरोनावायरस जैसे संक्रामक रोगों का खतरा भी अधिक है।
'लोकल सर्कल्स' की ओर से कराए गए इस सर्वे में दिल्ली, गुरुग्राम, नोएडा, गाजियाबाद और फरीदाबाद के करीब 15,500 लोगों ने हिस्सा लिया।
इसमें लोगों से पूछा गया कि बढ़ते प्रदूषण का आपके और आपके परिवार पर क्या असर पड़ रहा है। इस सवाल के जवाब में 29 प्रतिशत लोगों ने कहा कि उनके परिवार में एक या एक से अधिक लोगों का अभी से गला खराब, जुकाम और कफ जैसी समस्या होने लगी है। इसके अलावा छह प्रतिशत लोगों ने कहा कि उनके घर में एक या अधिक लोगों को आंख में जलन की समस्या हो रही है। जबकि 12 प्रतिशत ने कहा कि एक या अधिक फैमिली मेंबर को सांस लेने में कठिनाई हो रही है। इसके साथ ही 18 प्रतिशत लोगों ने उपरोक्त सभी प्रकार की दिक्कतें होने की बात कही।
कुल मिलाकर सर्वे में शामिल 65 प्रतिशत लोगों ने कहा कि उनके घर में एक या अधिक लोगों को प्रदूषण की वजह से परेशानी होनी शुरू हो गई है।
प्रदूषण से निपटने की योजना के सवाल पर सर्वे में शामिल छह प्रतिशत लोगों ने कहा कि वह कुछ समय के लिए दिल्ली-एनसीआर से बाहर चले जाएंगे। वहीं 21 प्रतिशत लोगों ने कहा कि वह घरों में ही रहेंगे और इम्युनिटी बढाएंगे। वहीं, 12 प्रतिशत लोगों ने कहा कि वह एयर प्यूरीफायर का इस्तेमाल करेंगे। वहीं 24 प्रतिशत लोगों ने कहा कि वह नियमित गतिविधि (रूटीन एक्टिविटी) करेंगे और मास्क पहनेंगे।
इसके साथ ही 25 फीसदी से अधिक लोगों ने कहा कि वे नियमित गतिविधि करेंगे और बाहर जाने पर मास्क पहनेंगे और इसके अलावा इम्युनिटी बढ़ाने वाले खाद्य पदार्थ या पेय पदार्थों का सेवन बढ़ाएंगे, जबकि नौ प्रतिशत लोगों ने कहा कि वे उपरोक्त में से कोई भी काम नहीं करेंगे और बस इसी परिस्थिति के साथ बने रहेंगे।
सर्वे में शामिल चार प्रतिशत लोगों ने कहा कि केंद्र और दिल्ली सरकार ने काफी काम किया है और इस बार अच्छे परिणाम दिखेंगे। वहीं, सात प्रतिशत लोगों ने कहा कि काम हुआ है और कुछ न कुछ असर पड़ेगा। हालांकि इस मामले में 42 प्रतिशत लोगों ने कहा कि कुछ काम नहीं हुआ है और प्रदूषण पिछले साल जैसा ही रहेगा। (आईएएनएस)
कोलकाता, 15 अक्टूबर| कोरोना संक्रमण को रोकने के लिए पूरे देश में किए गए लॉकडाउन के 7 महीने बाद पश्चिम बंगाल में गुरुवार को फिर से सिनेमाघर और मल्टीप्लेक्स दर्शकों के लिए खोल दिए गए। हालांकि इसके लिए कोविड-19 सुरक्षा प्रोटोकॉल का पालन करना अनिवार्य होगा। सिनेमाघरों में बैठक क्षमता से आधे लोगों ही प्रवेश कर सकेंगे, ताकि फिल्म देखने वाले लोगों के बीच कम से कम 3-मीटर की दूरी हो।
आईनॉक्स लेजर लिमिटेड के प्रवक्ता पुनीत गुप्ता ने कहा, "हम टिकट काउंटर पर पेपरलेस एंट्री और डिजिटल पेमेंट को बढ़ावा दे रहे हैं। थर्मल स्क्रीनिंग और सैनिटाइजेशन के बाद ही लोग मूवी थियेटर के अंदर प्रवेश कर सकेंगे। सभी को मास्क और ग्लब्स दे रहे हैं।"
उन्होंने कहा कि देश के सभी आईनॉक्स थिएटर में सभी कोविड सुरक्षा प्रोटोकॉल का सख्ती से पालन किया जा रहा है, ताकि किसी भी गंभीर सुरक्षा खतरे से बचा जा सके। लोग वेबसाइट और मोबाइल एप्लिकेशन के जरिए टिकट बुक कर सकते हैं और काउंटर से ई-टिकट प्राप्त कर सकते हैं।
उन्होंने कहा, "हमें अच्छे रिस्पांस की उम्मीद है। लोगों को यह नहीं सोचना चाहिए कि वे एक बार फिर दोस्तों और परिवार के बड़े समूह के साथ फिल्म देखने जा सकते हैं। हमें कोविड-19 को फैलने से रोकने के लिए सभी आवश्यक सावधानियां बरतनी चाहिए।"
सूत्रों ने कहा कि सिनेमाघरों में प्रवेश करने वाले प्रत्येक व्यक्ति के फोन में आरोग्य सेतु ऐप होना चाहिए। वहीं बुखार या अन्य कोविड लक्षण वाले व्यक्ति को प्रवेश की अनुमति नहीं दी जाएगी।
एयर कंडीशनर का तापमान 24-30 डिग्री सेल्सियस पर सेट होना चाहिए और थिएटर में क्रॉस वेंटिलेशन होना चाहिए।
फिल्म निर्माता ध्रुबो बनर्जी ने आईएएनएस से कहा, "मुझे लगता है कि पिछले सात महीनों में लोगों को सुरक्षा दिशानिर्देशों का पालन करने की आदत हो गई है और सिनेमा हॉल में वापस जाने से उनके सामाजिक जीवन में सकारात्मकता आएगी।"
कोलकाता के प्रतिष्ठित प्रिया सिनेमा हॉल के मालिक अरिजीत दत्ता ने कहा, "यह सिर्फ एक शुरुआत है। आज सिनेमाघर फिर से खुल रहे हैं। ऐसा नहीं है कि सभी सिनेमा हॉल और मल्टीप्लेक्स आज फिर से खुल गए हैं। लेकिन मुझे यकीन है कि अगले दो-तीन महीनों में कारोबार फिर से चल पड़ेगा।" (आईएएनएस)
नई दिल्ली, 15 अक्टूबर (आईएएनएस)| पाकिस्तानी राष्ट्रपति आरिफ अल्वी की ओर से पाकिस्तान द्वीप विकास प्राधिकरण (पीआईडीए) अध्यादेश पर हस्ताक्षर करना भविष्य के निवेशकों या शायद चीन को पाकिस्तानी द्वीप बेचने की योजना प्रतीत होती है।
पीआईडीए अध्यादेश में कुछ विवादास्पद सेक्शन ने देश में बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन और एक बड़ा विवाद शुरू कर दिया है।
अध्यादेश के बारे में सावधानीपूर्वक पढ़ने से पता चलता है कि संघीय सरकार कुछ छिपा रही है। अध्यादेश में कहा गया है कि एक बार सरकार कराची के पाकिस्तानी बंदरगाह के आसपास स्थित सिंध में द्वीपों पर कब्जा कर लेती है तो पुलिस, न्यायपालिका और स्थानीय सरकार उन पर कोई अधिकार क्षेत्र नहीं रखेगी। इमरान खान सरकार ने इसमें ऐसा क्लॉज क्यों डाला, यह अटकलों और चिंता का विषय बन गया है।
भू राजनीतिक विश्लेषक मार्क किनरा कहते हैं, "यह स्पष्ट है कि संघीय सरकार देश के भीतर किसी भी अधिकार या शक्ति को नहीं चाहती है कि वह द्वीपों पर जो कुछ कर रही है, उसमें हस्तक्षेप किया जाए। यह एक अतिरिक्त-संवैधानिक प्राधिकरण बनाने की तरह है, जिसके पास सभी मौजूदा लोकतांत्रिक संस्थानों पर ओवर-राइडिंग शक्तियां हैं। पाकिस्तान के लोगों के लिए यह एक चिंता का विषय है, क्योंकि इसे उनके अधिकारों और देश की संप्रभुता पर थोपा गया है।"
उन्होंने इस अध्यादेश की वैधता पर सवाल उठाए। इसके साथ ही अध्यादेश में एक खंड तो ऐसा भी है जो कि काफी विवादास्पद है। कहा जा रहा है कि संघीय सरकार को इस अध्यादेश के माध्यम से अधिग्रहित भूमि को बेचने तक का अधिकार है।
अध्यादेश के इस खंड ने पाकिस्तानी अवाम की चिंता बढ़ा दी है, क्योंकि दुनिया में शायद ही कोई सरकार हो, जो राष्ट्रीय संपत्ति मानी जाने वाली जमीन को बेचने के बारे में सोचती हो। संबंधित खंड की ओर इशारा करते हुए किनरा ने कहा, "इसकी धारा 47 में कहा गया है कि प्राधिकरण अपने पास निहित किसी भी भूमि को पट्टे पर रख सकता है, या बेच सकता है या फिर विनिमय कर सकता है।"
पाकिस्तान का दोस्त चीन खुद इसका एक दिलचस्प उदाहरण है, क्योंकि चीन में भूमि का कोई निजी स्वामित्व नहीं है। चीन में भूमि का स्वामित्व सरकार के पास ही रहता है, जबकि भूमि पर संरचनाएं कॉर्पोरोट इकाई के पास होती हैं।
हालांकि, पाकिस्तान ने ऐतिहासिक रूप से अपनी ही भूमि के प्रति एक उदासीन रवैया दिखाया है।
पिछले साल, दिसंबर 2019 के पहले सप्ताह में खान ने घोषणा की थी कि वह विदेशी और पाकिस्तानी निवेशकों को जमीन और अन्य राज्य संपत्ति बेच देगा। दुबई एक्सपो 2020 में राज्य के स्वामित्व वाली लेकिन अप्रयुक्त भूमि को बेचने के लिए विचार किया गया था।
विपक्षी दल और पाकिस्तानी नेता पाकिस्तान द्वीप विकास प्राधिकरण अध्यादेश का विरोध कर रहे हैं।
सिंध प्रांत की सरकार के अधीन दो द्वीपों को पाकिस्तान सरकार द्वारा अपने नियंत्रण में लेने के बाद से इमरान शासन विपक्ष के निशाने पर आ गए हैं। राजनीतिज्ञों ने रणनीतिक रूप से अहम इन द्वीपों को सीपीईसी के एक हिस्से के रूप में चीन को सौंपने की योजना बनाने का इमरान प्रशासन पर आरोप लगाया है। विपक्ष ने कहा है कि वह सरकार को यह जमीन चीन को बेचने की कतई अनुमति नहीं देगा।
बता दें कि पिछले महीने ही राष्ट्रपति आरिफ अल्वी ने बुंदल और भुड्डो द्वीपों पर पुनर्विचार और शहरी नियोजन की सुविधा के मकसद से पाकिस्तान द्वीप विकास प्राधिकरण (पीआईडीए) अध्यादेश पर हस्ताक्षर किए हैं। दोनों द्वीप सिंध के किनारे दक्षिण में स्थित हैं। इस अध्यादेश से सिंध और बलूचिस्तान प्रांतों में राजनीतिक हलचल पैदा हो गई है।
मुंबई, 15 अक्टूबर| मायानगरी मुंबई के धारावी में पुलिस ने एक ड्रग पैडलर से लगभग 1.20 किलोग्राम हेरोइन जब्त की है, जिसकी कीमत 2.40 करोड़ रुपये आंकी गई है। यहां घाटकोपर पुलिस के एंटी नारकोटिक्स सेल (एएनसी) के एक अधिकारी ने गुरुवार को यह जानकारी दी। ड्रग डिलीवरी के बारे में गुप्त सूचना मिलने के बाद, एएनसी की एक टीम ने बुधवार दोपहर धारावी में 60 फीट वाली सड़क पर पैडलर को काबू करने के लिए जाल बिछाया और छिपकर उसका इंतजार करने लगी।
संयुक्त पुलिस आयुक्त (अपराध) मिलिंद भाराम्बे ने कहा कि कुछ समय बाद, संदिग्ध पैडलर अन्य पैडलर्स या ग्राहकों को ड्रग्स बेचने के लिए पहुंचा।
टीम के सदस्यों ने पैडलर को 1.20 किलोग्राम ड्रग्स के पैकेट के साथ रंगे हाथों दबोच लिया, जिसमें 'हेरोइन' मिली। इसकी कीमत अंतर्राष्ट्रीय बाजार में लगभग 2.40 करोड़ आंकी जा रही है।
गिरफ्तार पैडलर की पहचान धारावी निवासी 47 वर्षीय मंजर डी. शेख के रूप में हुई है, जिसे पूछताछ के लिए ले जाया गया है।
अन्य कई महत्वपूर्ण बातों के अलावा, शेख ने शहर और उपनगरों में ड्रग पेडलर्स और ग्राहकों के एक बड़े नेटवर्क का खुलासा किया है, जिसके बारे में अब जांच की जाएगी।
पुलिस ने कहा कि आरोपी को 2018 में भी एएनसी घाटकोपर यूनिट ने इसी तरह के एक ड्रग मामले में पकड़ा था। (आईएएनएस)
हैदराबाद, 15 अक्टूबर | पुराने हैदराबाद शहर के प्रसिद्ध अकन्ना मदन्ना मंदिर का जर्जर ढांचा ढहने से उसकी चपेट में आने से एक महिला बाल-बाल बच गई। सीसीटीवी पर महिला के बचने की घटना कैद हो गई और वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया।
पुलिस के अनुसार, इस घटना में किसी की मौत नहीं हुई, न ही कोई घायल हुआ है।
बुधवार शाम को रिकॉर्ड हुए इस वीडियो में एक बुर्का पहने महिला को मंदिर के सामने से हड़बड़ी में निकलते हुए देखा जा सकता है। जैसे ही वह पुराने ढांचे से गुजरी, वह अचानक ढह गया। वह तेजी से आगे बढ़ी और सिर्फ एक सेकंड से वह बच गई।
वहीं विपरीत दिशा से एक दोपहिया वाहन पर आ रहा शख्स बचकर निकल गया। मलबा जैसे ही सड़क पर गिरा, पूरे क्षेत्र में धूल के गुब्बार छा गए।
सड़क पर यातायात कम होने के कारण एक बड़ी त्रासदी टल गई। एक पुलिस अधिकारी ने कहा कि हालांकि यह एक व्यस्त सड़क है, लेकिन खराब मौसम होने के कारण कम ही वाहन थे।
मंगलवार रात को हुई भारी बारिश ने हैदराबाद और आसपास के इलाकों में भीषण बाढ़ जैसी स्थिति उत्पन्न कर दी है, जिससे 19 लोगों की जान चली गई। इनमें से नौ बंदलागुड़ा में एक घर के ढहने से मारे गए थे।
पुराने शहर में तीन दिनों में घर गिरने की यह दूसरी घटना थी। इससे पहले रविवार को हुसैनी आलम में एक पुराने घर के गिरने से दो लोगों की मौत हो गई।
घटनाओं पर गंभीरता से ध्यान देते हुए, नगरपालिका प्रशासन और शहरी विकास मंत्री के टी रामाराव ने ग्रेटर हैदराबाद नगर निगम (जीएचएमसी) के अधिकारियों को जर्जर इमारतों की पहचान करने और उन्हें खाली करने के लिए कहा है।
उन्होंने अधिकारियों से ऐसी इमारतों को खाली कराने के लिए कहा, साथ ही यह भी कहा कि यदि आवश्यक हो, तो बल का उपयोग करें।
उनके निर्देश के बाद, अधिकारियों ने बुधवार को 14 जीर्ण-शीर्ण इमारतों को खाली करा दिया।
जीएचएमसी ने शहर भर में 286 जर्जर इमारतों की पहचान की है और निवासियों को उन्हें खाली करने के लिए नोटिस दिए हैं।(आईएएनएस)
प्रयागराज (उत्तर प्रदेश), 15 अक्टूबर (आईएएनएस)। विश्व हिंदू परिषद (विहिप) ने प्रयागराज के ट्रांस गंगा क्षेत्र में एक ग्राम सभा की भूमि पर मस्जिद के निर्माण के खिलाफ आपत्ति दर्ज कराई है। विहिप ने कहा कि झांसी क्षेत्र के हवेलिया गांव में मस्जिद का निर्माण किया जा रहा है।
जिला प्रशासन को ज्ञापन सौंपने वाले विहिप नेताओं ने कहा कि कुंभ मेला क्षेत्र में गंगा के किनारे समुद्र तट के पास मस्जिद का निर्माण चल रहा है। उन्होंने जिला अधिकारियों से अवैध ढांचे को जल्द से जल्द ध्वस्त करने का अनुरोध किया है।
विहिप नेताओं ने निर्माण को रोकने और ढांचे को ध्वस्त करने के लिए जिला अधिकारियों को सात दिनों का अल्टीमेटम दिया है, वरना वे साइट पर बड़े पैमाने पर विरोध शुरू करेंगे।
विहिप के प्रवक्ता अश्विनी मिश्रा ने संवाददाताओं को बताया, "विहिप के काशी प्रांत के स्वयंसेवकों ने कुंभ मेला क्षेत्र में एक अवैध मस्जिद के निर्माण के खिलाफ एडीएम (सिटी) को एक ज्ञापन सौंपा है।"
उन्होंने कहा कि अज्ञात लोगों के एक समूह ने संगम शहर के सांप्रदायिक सद्भाव को बिगाड़ने के इरादे से अवैध रूप से मस्जिद का निर्माण किया है।
मिश्रा ने कहा कि इलाके के लेखपाल और पुलिस के साथ-साथ प्रशासनिक अधिकारी भी निर्माण के बारे में जानते हैं, लेकिन अब तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं की गई है।
विहिप के स्वयंसेवकों ने मांग की कि जिला अधिकारियों को त्वरित कार्रवाई करनी चाहिए, क्योंकि कुंभ मेला क्षेत्र के पास गंगा के किनारे मस्जिद का अवैध निर्माण हो रहा है।
वहीं आईएएनएस द्वारा संपर्क किए जाने पर, स्थानीय अधिकारियों ने इस मुद्दे पर टिप्पणी करने से इनकार कर दिया।
बक्सर, 15 अक्टूबर। बिहार के बक्सर में बीते दिनों दलित महिला के साथ गैंगरेप और पीडि़ता के 5 वर्षीय बेटे की हत्या मामले में पुलिस ने बड़ा खुलासा किया है। पुलिस के अनुसार महिला के साथ गैंगरेप जैसा कुछ नहीं हुआ है। घर से निकलने के बाद वह बैंक नहीं आशिक से मिलने गई थी और पूरे दिन आशिक के साथ उसके बहनोई के घर रुकी थी। हालांकि, इस पूरे प्रकरण में बच्चे की जान कैसे गई इसपर सस्पेंस बना हुआ है।
पुलिस जांच में यह बात सामने आई है कि सारा मामला प्रेम प्रसंग का है। मेडिकल रिपोर्ट में इस बात की पुष्टि हुई है कि महिला के साथ गैंगरेप नहीं हुआ है। पीडि़त महिला ने गैंगरेप की झूठी कहानी गढ़ी थी, जिसमें उसका पिता भी शामिल था। इस बात का खुलासा तब हुआ जब पुलिस ने मामले में दो लोगों की गिरफ्तारी की। फिलहाल दोनों लोगों को जेल भेज दिया गया।
बीते 11 अक्टूबर की सुबह एक दलित महिला और उसका बेटे को गांव के पास ही एक नहर में पाया गया था। दोनों को तत्काल अस्पताल ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने बच्चे को मृत घोषित कर दिया। इस मामले में महिला ने पुलिस को बताया था कि गांव के ही दो लोगों ने तीन अज्ञात लोगों के साथ मिलकर उसे अगवा कर उसका गैंगरेप किया। साथ ही उसके बच्चे को उसके सामने ही मार डाला।
इस घटना के सामने आते ही बवाल मच गया था। पीडि़ता के बयान के आधार पर उसी के गांव के भीम यादव और मीना राम के अलावा तीन अज्ञात लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई थी। जिसके बाद तत्काल मीना राम को पकडक़र जेल भी भेज दिया गया था। लेकिन, पुलिस ने जब अनुसंधान शुरू किया तो माजरा कुछ और निकला। महिला के मोबाइल लोकेशन से पता चला कि 10 अक्टूबर को वह अपने आशिक के संग राजपुर थाने के सोनपा गांव में थी।
दरअसल, महिला का राजपुर थाने के ओरा निवासी चुलबुल राजभर से प्रेम संबंध है, जो छह माह पहले ही शुरू हुआ था। चुलबुल की महिला के गांव में रिश्तेदारी है और हार्वेस्टर लेकर वह अक्सर वहां आया-जाया करता था। इसी बीच दोनों में प्रेम हुआ।
पुलिस के मुताबिक घटना के दिन चुलबुल अपने गांव के ही दोस्त रवि के साथ महिला के गांव पहुंचा था। तब पीडि़ता घर से बैंक जाने के लिए अपने पांच वर्षीय इकलौते बेटे के साथ निकली थी और सडक़ पर खड़ी थी। रवि और चुलबुल वहां बाइक से पहुंचे और उसे साथ लेकर राजपुर थाने के सोनपा गांव चले गए, जहां चुलबुल की बहन ब्याही गई है। महिला को उसने दिन भर अपने बहनोई राधेश्याम राजभर के घर रखा। आधी रात हुई तब चुलबुल ने महिला से कहा कि उसके पिता की तबियत खराब है और एक ऑटो के जरिये उसे लेकर उसके गांव के लिए चल पड़ा। इस दौरान साथ में रवि और राधेश्याम भी थे।
दो घंटे बाद सभी नहर के पास पहुंचे, जहां महिला उतर गई। इस बीच चुलबुल का उससे विवाद हो गया। पुलिस के अनुसार इसी विवाद में संभव है कि सबों ने महिला और उसके बेटे को पानी में फेंक दिया हो, जिससे बच्चे की मौत हो गई हो। वैसे यह बात अभी तक साफ नहीं हो पाई है कि बच्चा पानी में कैसे गया?
पुलिस के अनुसार चूंकि पीडि़ता अभी सदमे में है, इसलिए उससे पूछताछ नहीं की जा सकती. हालांकि एसपी नीरज कुमार सिंह ने कहा कि मामले की गुत्थी सुलझाने के लिए उससे भी पूछताछ की जाएगी। यदि वह दोषी पाई गई तो उसके खिलाफ भी कार्रवाई होगी।
गैंगरेप मामले में पुलिस कें लिए मोबाइल मददगार साबित हुई। दरसअल, पीडि़त परिवार द्वारा ये कहा गया था कि महिला का फोन दिन में ग्यारह बजे ही बंद हो गया था. ऐसे में पुलिस ने जब फोन की जांच करवाई तो पता चला की महिला का फोन रात में बारह बजे तक चालु था। ऐसे में फोन के मध्याम से पुलिस राजपुर थाने के सोनपा पहुंची तो उन्हें इस बात जानकारी मिली कि महिला रात में अपने बच्चे के साथ यहां आइ हुई थी और लडक़े की बहन के पास ठहरी हुई थी। लेकिन लडक़े के परिवार वालों ने फिर उसे उसके घर भेज दिया, जबकि महिला घर जाने को राजी नहीं थी।
हैदराबाद, 15 अक्टूबर| हैदराबाद में भारी बारिश के कारण उपनगरों में कई कॉलोनियों में गुरुवार को पानी भरा रहा, वहीं सेना और राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल (एनडीआरएफ) के जवानों ने बाढ़ प्रभावित इलाकों में बचाव और राहत कार्य जारी रखा। हालांकि साफ आसमान देख लोगों ने राहत की सांस ली, लेकिन 13-14 अक्टूबर की मध्यरात्रि में हुई भारी बारिश से शहर के झील और नालों में पानी लबालब भर गया है, कई क्षेत्रों में बाढ़ की स्थिति बनी रही, वहीं क्षतिग्रस्त राजमार्गो पर यातायात अभी भी बहाल नहीं हो पाया है।
ग्रेटर हैदराबाद नगर निगम के सेना, एनडीआरएफ और आपदा प्रतिक्रिया बल (डीआरएफ) के कार्मिकों ने सबसे अधिक प्रभावित क्षेत्रों में बचाव और राहत कार्य जारी रखा। नावों के जरिए घरों में फंसे लोगों को सुरक्षित स्थानों पर स्थानांतरित किया जा रहा है।
शहर के इतिहास में सबसे खराब बाढ़ में से एक में अब तक 19 लोगों की जान गई है, जबकि पांच अन्य लापता हैं।
झील के आसपास के क्षेत्रों में रहने वाले लोगों को सुरक्षित स्थानों पर जाने के लिए सतर्क किया गया है। अली नगर इलाके में मंगलवार रात भारी बारिश के बाद बांध का एक हिस्सा टूट गया था।
अली नगर में बुधवार को बाढ़ के पानी से बचने की कोशिश करते हुए एक ही परिवार के आठ सदस्य बह गए। तीन लोगों के शव पाए गए, जबकि अन्य की तलाश जारी है।
मणिकोंडा क्षेत्र की कुछ कॉलोनियां भी फिरंगी नाला के कारण जलमग्न हो गईं। वहीं उप्पल, बोडुप्पल, रमंतापुर, पीरजादीगुड़ा और घाटकेसर की कई कॉलोनियां भी जलमग्न रहीं।
राज्य सरकार ने बुधवार और गुरुवार को आउटर रिंग रोड (ओआरआर) के अंतर्गत सभी निजी संस्थानों, कार्यालयों, गैर-जरूरी सेवाओं को वर्क फ्रॉम होम की सलाह दी गई।
मुख्यमंत्री के. चंद्रशेखर राव हैदराबाद और राज्य के अन्य हिस्सों में बाढ़ की स्थिति की समीक्षा एक उच्चस्तरीय बैठक करेंगे।
मुख्यमंत्री ने संबंधित सभी अधिकारियों को बैठक के लिए तैयार होने के लिए कहा है, क्योंकि राज्य सरकार को राज्य में भारी बारिश और बाढ़ के कारण हुए नुकसान पर केंद्र को एक रिपोर्ट देनी है। (आईएएनएस)
विशाखापत्तनम, 15 अक्टूबर| यहां की सिटी पुलिस ने सिम्हाचलम देवस्थानम में भगवान के प्रसाद में इस्तेमाल होने वाली पीतल की वस्तुएं चुराने के आरोप में 8 लोगों को गिरफ्तार किया है। पुलिस ने कुंडी सुरेश (30), कासी महेश (24), सोमला श्रीनिवास (32), सोमा सतीश (22), पिंडराला अप्पाराव (40), वड्डे रामू (35), राजशेखर रेड्डी (28) और अवुला वेंकट कुमार रेड्डी (41) को गिरफ्तार किया है।
विशाखापत्तनम के पुलिस आयुक्त मनीष कुमार सिन्हा ने आईएएनएस को बताया, "सिम्हाचलम मंदिर को नियमित रूप से श्रद्धालुओं से प्रसाद के रूप में छोटे पीतल के सामान मिलते हैं, जिनकी समय-समय पर मंदिर नीलामी करता रहता है।"
अगस्त के महीने में मंदिर ने 665 किलोग्राम पीतल के सामानों की नीलामी की, जिसे खरीदार ने बड़ी बोरियों में भर दिया और उन्हें मंदिर के पास एक कल्याण मंडपम में रख दिया।
कल्याण मंडपम में जमा की जा रही पीतल की वस्तुओं को मंदिर में काम करने वाले सफाईकर्मी सुरेश, महेश, श्रीनिवास और सतेश ने चुराया। सिन्हा ने कहा, "जब पीतल के सामान का खरीदार अपना सामान उठाने आया, तब इस मामले का पता चला।"
मंदिर के सहायक कार्यकारी अधिकारी, पुली रामा राव ने 34 बैग में रखी 550 किलो पीतल की वस्तुओं की चोरी के बारे में शिकायत दर्ज कराई। इनकी कीमत 1.2 लाख रुपये है।
राव द्वारा दी गई शिकायत के आधार पर पुलिस ने गोपालपट्टनम पुलिस स्टेशन में आईपीसी की धारा 380 के तहत मामला दर्ज किया है। एक अधिकारी ने कहा कि हमने आरोपियों को गिरफ्तार कर अदालत में पेश किया, अब वे न्यायिक हिरासत में हैं।
पुलिस ने चुराए गए सभी सामान बरामद कर लिए हैं। (आईएएनएस)
नई दिल्ली, 15 अक्टूबर| राष्ट्रीय राजधानी में गुरुवार को हल्की धुंध छाने के कारण इस सप्ताह दूसरी बार क्षेत्र की वायु गुणवत्ता सूचकांक 'बेहद खराब' श्रेणी में दर्ज की गई। पूर्वी दिल्ली जिले में सबसे ज्यादा प्रदूषण दर्ज किया गया। दिल्ली का वायु गुणवत्ता सूचकांक दोपहर के समय 320 पर दर्ज की गई, जो 'बहुत खराब' श्रेणी में आता है।
पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय के तत्वावधान में आने वाले सिस्टम ऑफ एयर क्वालिटी एंड वेदर फोरकास्टिंग एंड रिसर्च (सफर) ने 0-50 रेंज में हवा की गुणवत्ता को अच्छा, 51-100 को संतोषजनक, 101-200 को मध्यम, 201-300 खराब, 301-400 बहुत खराब और 400 से अधिक को गंभीर श्रेणी में वर्गीकृत किया है।
केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अनुसार, दिल्ली के 36 प्रदूषण निगरानी स्टेशनों में से 25 स्टेशनों पर वायु गुणवत्ता सूचकांक 'बहुत खराब' श्रेणी में दर्ज की गई है, आठ स्टेशनों ने सूचकांक को 'खराब' श्रेणी में दर्ज किया है, एक ने 'मध्यम' श्रेणी में दर्ज किया गया, जबकि दो काम नहीं कर रहे थे।
पूर्वी दिल्ली के विवेक विहार इलाके में प्रदूषण निगरानी स्टेशन ने 373 पर सबसे अधिक प्रदूषित हवा दर्ज की, इसके बाद शादीपुर में 361 और पटपड़गंज और मुंडका क्षेत्र में 357 सूचकांक दर्ज की गई। लोधी रोड में सबसे कम वायु गुणवत्ता सूचकांक दर्ज किया गया।
दिल्ली के पड़ोसी क्षेत्रों, गुरुग्राम, गाजियाबाद, फरीदाबाद, नोएडा और ग्रेटर नोएडा में भी हवा की गुणवत्ता बहुत खराब रही। वर्तमान में ग्रेटर नोएडा की हवा इन सभी में सबसे अधिक प्रदूषित रही। (आईएएनएस)
देशभर में 15 शहरों में वायु की गुणवत्ता बहुत खराब है। सूची में उत्तर प्रदेश का बागपत सबसे ऊपर है, इसके बाद राजस्थान का भिवाड़ी, ग्रेटर नोएडा, मेरठ, मुजफ्फरनगर, गाजियाबाद आदि हैं।
नासा के मार्शल स्पेस फ्लाइट सेंटर के एक यूनिवर्सिटी स्पेस रिसर्च एसोसिएशन के वैज्ञानिक पवन गुप्ता ने इस बात पर जोर दिया कि खेत में आग लगाने की परंपरा न सिर्फ पंजाब, हरियाणा तक सीमित है, बल्कि उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश के विभिन्न जिलों में भी व्यापक तौर पर पराली जलती हुई देखी जाती है।
छत्तीसगढ़ सहित 5 राज्यों का बंद का फैसला
नई दिल्ली, 15 अक्टूबर। देश के कई राज्यों में सात महीने बाद आज गुरुवार से सिनेमाघर दोबारा खोले जा रहे हैं। केंद्रीय गृह मंत्रालय ने 30 सितंबर को अनलॉक 5 के तहत जो दिशा-निर्देश जारी किये थे उनमें 15 अक्टूबर से सिनेमाहॉल खोलने की भी अनुमति दी थी।
इसके बाद दिल्ली, हरियाणा, उत्तर प्रदेश, पश्चिम बंगाल, मध्य प्रदेश, गुजरात, आंध्र प्रदेश और कर्नाटक जैसे राज्यों में सिनेमाघर खोले जा रहे हैं।
लेकिन, महाराष्ट्र, तेलंगाना, तमिलनाडु, केरल, पंजाब और छत्तीसगढ़ की सरकारों ने अभी मल्टीप्लेक्स और सिनेमाहॉल बंद रखने का फैसला किया है।
पूर्वोत्तर भारत में भी अभी वहाँ के राज्यों की सरकारों ने सिनेमाहॉल खोले जाने को लेकर कोई दिशानिर्देश जारी नहीं किया है।
50 प्रतिशत सीटों पर ही अनुमति
दिल्ली में आज से 50 फीसदी क्षमता के साथ सिनेमा हॉल और मल्टीप्लेक्स खोले जा रहे हैं।
उत्तर प्रदेश सरकार ने भी राज्य के सिनेमा घरों को कुछ शर्तों के साथ 15 अक्टूबर से खोलेने की इजाज़त दे दी है।
कर्नाटक में भी आज से ही सिनेमा हॉल और मल्टीप्लेक्स खुलने जा रहे हैं। राज्य सरकार ने थर्मल स्क्रीनिंग, सोशल डिस्टेंसिंग और सीटों को लेकर ख़ास दिशा-निर्देश जारी किये हैं।
नई गाइडलाइंस के तहत सिनेमाघरों में 50 प्रतिशत से ज़्यादा सीटें नहीं भरी जा सकतीं, यानी आधी सीटें खाली रहेंगी।
लेकिन कंटेनमेंट वाले इलाक़ों में सिनेमाघर अब भी बंद रहेंगे।
समाचार एजेंसी एएनआई के मुताबिक पंजाब सरकार ने स्कूलों को खोलने के बारे में फ़ैसला किया है।
एएनआई के अनुसार, पंजाब के शिक्षा मंत्री विजय इंदर सिंगला ने कहा है कि स्कूलों को खोलने के लिए दिशा-निर्देश तैयार कर स्वास्थ्य विभाग को भेज भी दिया गया है, उनपर सहमति बनने के बाद तय तारीख का भी ऐलान कर दिया जाएगा।
उत्तराखंड की सरकार ने एक नवंबर से 10वीं और 12वीं के बच्चों के लिए स्कूल खोलने की अनुमति दे दी है।
वहीं महाराष्ट्र सरकार ने भी 31 अक्टूबर तक स्कूल-कॉलेज और कोचिंग इंस्टीट्यूट को 31 अक्टूबर तक बंद रखने का ही फैसला किया है।
डिपार्टमेंट ऑफ स्कूल एजुकेशन एंड लिटरेसी के मुताबिक़, जो भी स्कूल खुलेंगे उन्हें राज्य सरकारों के नियमों का पालन करना होगा, जो हमारे स्टैंडर्ड प्रोसिजऱ के आधार पर होगा।
दिशा-निर्देशों को दो भागों में बांटा गया है। पहला- स्वास्थ्य, सफ़ाई और सुरक्षा से जुड़े नियम। और दूसरा- सोशल डिस्टेंसिंग के नियमों से जुड़े नियम।
शिक्षा मंत्रालय की गाडलाइन कहती है कि सफ़ाई, हाइजीन से जुड़ी तैयारी स्कूलों, शिक्षण संस्थानों के प्रबंधन को संस्थान खुलने से पहले ही सुनिश्चित करना होगा। इसके अंतर्गत सैनेटाइज़ेशन, हाथ साफ़ करने की उचित व्यवस्था का ध्यान रखना होगा।
प्रवेश और बाहर निकलने की समुचित व्यवस्था, हॉस्टल की साफ़ सफ़ाई और उसका समुचित सैनिटाइज़ेशन इन सबसे जुड़ी जानकारियां सरकार के स्टैंडर्ड प्रोसिजऱ से जुड़ी गाइडलाइन में दिया गया है।
स्टैंडर्ड प्रोसिजऱ में स्कूल खुलने के बाद सोशल डिस्टेंसिंग से जुड़े नियमों की भी जानकारी दी गई है। दो लोगों के बीच 6 फ़ीट की दूरी होना अनिवार्य है, क्लासरूम, लैब और खेल के मैदान में भी मास्क पहनना ज़रूरी होगा। हर जगह हाथ धुलने का इंतज़ाम। प्रवेश द्वार पर स्क्रीनिंग की व्यवस्था होनी चाहिए।
अभिभावकों की सहमति ज़रूरी
सबसे अहम बात बच्चों के अभिभवकों के लिखित इजाज़त के बाद भी बच्चे स्कूल आ सकेंगे। गाइडलाइन्स कहती हैं कि क्लास में उपस्थिति के नियमों को लेकर रियायत दी जाएगी।
अगर कोई चाहें तो ऑनलाइन कक्षाओं का विकल्प भी चुन सकता है। मिड-डे मील के बनाने और उसे परोसने को लेकर एहतियात बरतने के नियम भी इन गाइडलाइन्स में बताए गए हैं।
नए दिशानिर्देशों में राज्य, केंद्र शासित राज्य, स्कूल के प्रमुख, अध्यापकों अभिभावकों की जिम्मेदारी का भी विस्तृत ब्योरा दिया गया है। (bbc.com/hindi)
भुवनेश्वर, 15 अक्टूबर| ओडिशा के कटक में 15 साल की लड़की से कथित तौर पर दुष्कर्म करने के आरोप में 2 आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है। गुरुवार को एक अधिकारी ने यह जानकारी दी। आरोपियों के नाम संतोष बेहरा और राकेश राउत हैं। पुलिस आयुक्त सुधांशु सारंगी ने कहा कि अपराध की रिपोर्ट होने के 24 घंटों के भीतर दोनों को पकड़ लिया गया। उन्होंने कहा, "मामले की जांच जल्द पूरी हो जाएगी और दोनों आरोपियों को जल्द ही मुकदमे के लिए ले जाया जाएगा।"
कटक में 15 वर्षीय लड़की को 22 दिनों तक एक पोल्ट्री फार्म में कैद कर कथित रूप से सामूहिक दुष्कर्म किया गया था। पीड़िता को 13 अक्टूबर की रात को कमिश्नरेट पुलिस ने कटक के गतीरौत पटाना इलाके से बचाया गया था। नाबालिग लड़की का बयान पॉक्सो कोर्ट में दर्ज किया गया है।
पुलिस के अनुसार, जगतसिंहपुर जिले के तिरतोल इलाके में रहने वाली नौवीं कक्षा की छात्रा (पीड़िता) अपने पिता के साथ झगड़े के बाद घर छोड़कर चली गई थी। वह अपनी बड़ी बहन के घर कटक के प्रोफेसरपाड़ा पहुंची। कुछ दिनों तक वह वहीं रही। जब उसके वहां रहने के कारण उसकी बहन और बहनोई के बीच झगड़े हुए तो बहन ने नाबालिग लड़की को अपने घर लौट जाने को कहा।
जब लड़की घर लौटने के लिए ओएमपी स्क्वायर पर बस का इंतजार कर रही थी, तो आरोपी संतोष बेहरा ने उसे लिफ्ट देने की पेशकश की। बेहरा लड़की को अपने दोस्त राकेश के पोल्ट्री फार्म में ले गया जहां दोनों ने उसके साथ बार-बार दुष्कर्म किया।
आरोपी ने मोबाइल पर घटना का वीडियो रिकॉर्ड किया और उसे धमकी दी कि वह किसी के सामने इस मामले का खुलासा न करें। (आईएएनएस)
संदीप पौराणिक
भोपाल, 15 अक्टूबर | मध्य प्रदेश के उप-चुनाव में अजब रंग देखने को मिल रहे हैं और लोकतंत्र की असली ताकत मतदाता की अहमियत को राजनेता भी समझ रहे हैं। यही कारण है कि मतदाताओं को लुभाने के लिए नेता और उम्मीदवार तरह-तरह के जतन करने में लगे हैं। कोई घुटनों के बल है तो कोई किचन में ही पहुंच गया।
मध्यप्रदेश में विधानसभा के 28 क्षेत्रों में उप-चुनाव होना है और यह चुनाव भारतीय जनता पार्टी और कांग्रेस दोनों के लिए काफी अहम है। इसकी वजह भी है, अगर कांग्रेस बड़ी सफलता हासिल करती है तो सत्ता में वापसी के आसार हैं तो दूसरी ओर भाजपा को सत्ता में बने रहने के लिए दहाई अंक से कम सीटों की दरकार है।
राज्य में मतदान तीन नवंबर को होना है और चुनावी पारा ऊंचाई पर पहुंच गया है। तमाम राजनेता और उम्मीदवार मतदाताओं को लुभाने में लगे हैं। बीते कुछ दिनों में अजब और गजब की तस्वीरें सामने आई हैं। ग्वालियर में तो भाजपा उम्मीदवार प्रद्युम्न सिंह तोमर मतदाताओं के पैर पड़ते नजर आए तो मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चैहान ने घुटनों के बल बैठ कर मतदाताओं का अभिवादन किया। करेरा में भाजपा उम्मीदवार जसवंत जाटव साष्टांग मतदाताओं के सामने दंडवत करते दिखे तो सांवेर में तुलसीराम सिलावट भी मतदाताओं के आगे नतमस्तक नजर आए। इसके अलावा सागर के सुरखी विधानसभा क्षेत्र से कांग्रेस उम्मीदवार पारुल साहू मतदाताओं के किचन तक पहुंच गई और रसोई में खाना बनाने में मदद करने लगी।
मुख्यमंत्री चौहान के घुटनों के बल मतदाताओं का अभिवादन करने पर पूर्व मुख्यमंत्री कमल नाथ ने तंज सकते हुए कहा, अपनी सत्ता लोलुपता के लिये सौदेबाजी से जनादेश का अपमान कर राजनीति को कलंकित न करे, जनहित उसके लिये सदैव सर्वोपरि हो तो जनता उसे हमेशा सिर आंखो पर बैठाती है, अपने सिर का ताज बनाती है, उसको घुटने टेकने की कभी जरूरत ही नहीं पड़ती है।
वहीं मुख्यमंत्री शिवराज िंसह चौहान का कहना है कि, जनता भगवान है, अहंकार कांग्रेस को मुबारक हो, मैं तो दिल से राजनीति करता हूं, दिमाग से नहीं। मुझे लगा कि मुझे जनता का धन्यवाद अदा करना चाहिए, तो शीश झुकाकर प्रणाम किया अपनी जनता को। एक नहीं लाख बार करूंगा। जनता ही हमारी भगवान है, उसकी सेवा ही भगवान की पूजा है। कोई अहंकारी मुख्यमंत्री थोड़े हैं हम। एक बार नहीं लाखों बार जनता केा शीश झुकाता हूं और झुकाता रहूंगा।
राज्य के उप-चुनाव के दौरान आ रही अजब गजब की तस्वीरों ने हर किसी का ध्यान अपनी ओर खींचा हैं। राजनीतिक विश्लेषक साजी थॉमस का कहना है कि चुनाव जीतना राजनीतिक दलों और उम्मीदवारों का मकसद होता है, इसके लिए वे तरह-तरह के तौर तरीके अपनाते हैं, ताकि मतदाता को रिझा सकें। ऐसा करने से वास्तविक मुददों की चर्चा कम होती है। वर्तमान के उप-चुनाव में भी ऐसा ही हो रहा है, हर उम्मीदवार व राजनीतिक दल की कोशिश मतदाता के करीब पहुंचने की है और इसीलिए अजब-गजब तौर तरीके अपनाए जा रहे हैं।(आईएएनएस)
नई दिल्ली, 15 अक्टूबर (वार्ता)। उच्चतम न्यायालय ने टीआरपी घोटाले में मुंबई पुलिस की ओर से जारी समन आदेश के खिलाफ रिपब्लिक टीवी की याचिका पर सुनवाई से गुरुवार को इंकार कर दिया।
न्यायमूर्ति डी वाई चंद्रचुड़ की अध्यक्षता वाली खंडपीठ ने याचिकाकर्ता को बॉम्बे उच्च न्यायालय जाने को कहा। उसके बाद याचिकाकर्ता ने याचिका वापस ले ली।
रिपब्लिक टीवी ने अपने सीएफओ और दूसरे अधिकारियों को मुंबई पुलिस द्वारा समन किए जाने को चुनौती दी थी।
हाथरस, 15 अक्टूबर| हाथरस दुष्कर्म और हत्या मामले की सीबीआई जांच की शुरुआत में ही बाधा आ गई। जांचकतार्ओं ने पाया कि जिस दिन पीड़िता को अस्पताल लाया गया था, उस दिन यानी 14 सितंबर की अस्पताल की सीसीटीवी फुटेज गायब है। हाथरस के जिला अस्पताल के मुख्य चिकित्सा अधीक्षक इंद्र वीर सिंह ने कहा कि अगर पुलिस ने उनसे कहा होता तो वह अस्पताल फुटेज को सुरक्षित रख लेते।
उन्होंने कहा, "पुराने फुटेज को हर सात दिन में डिलीट कर दिया जाता है और नए फुटेज को इस पर रिकॉर्ड कर लिया जाता है। जब तक विशेष रूप से कहा नहीं जाता है, हम बैक-अप नहीं रखते हैं।"
पीड़िता को घटना के बाद इलाज के लिए सबसे पहले जिला अस्पताल ले जाया गया था और फुटेज में उसकी हालत के बारे में महत्वपूर्ण सबूत मिलने की संभावना थी, कि कथित तौर पर हमले के बाद उसकी हालत क्या थी।
डॉक्टरों के बयान दर्ज करने और सबूतों की जांच करने के लिए सीबीआई की टीम अस्पताल गई थी।
सीबीआई सूत्रों ने कहा कि जब पीड़िता को यहां लाया गया था तब फुटेज से उन्हें पीड़िता की स्थिति का पता लगाने में मदद मिलती कि उसे कब लाया गया था, उसे किसने देखा था और जब वह यहां थी तो उससे किसने बात की थी।
उन्होंने कहा, "एक पुलिस अधिकारी ने कहा कि 'अस्पताल का अपराध से संबंधित जांच से कुछ लेना देना नहीं है। जब तक अस्पताल में कोई अपराध नहीं होता है या लापरवाही की सूचना नहीं दी जाती है, इस पर आपराधिक जांच का कोई असर नहीं पड़ता है।' ये अलग-अलग चीजें हैं। यही वजह है कि सीसीटीवी फुटेज को ध्यान में नहीं रखा गया।"
संयोग से हाल फिलहाल में सीबीआई द्वारा जांच की जा रही एक हाई-प्रोफाइल मामले में यह दूसरी घटना है, जब सीसीटीवी फुटेज गायब है, यह चीजें जांच को प्रभावित कर रही हैं।
सुशांत सिंह राजपूत मामले में भी मुंबई के कूपर अस्पताल में जहां दिवंगत अभिनेता का पोस्टमार्टम किया गया था, उन्होंने जांच के लिए सीसीटीवी फुटेज को संरक्षित नहीं किया था। (आईएएनएस)
नई दिल्ली, 15 अक्टूबर| टेलीविजन रेटिंग पॉइंट (टीआरपी) के कथित घोटाले में मुंबई पुलिस द्वारा दिए गए समन के खिलाफ रिपब्लिक टीवी की याचिका की सुनवाई के दौरान गुरुवार को सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि वो पुलिस आयुक्तों द्वारा साक्षात्कार देने को लेकर चिंतित है। जस्टिस डी.वाई. चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली बेंच जिसमें जस्टिस इंदु मल्होत्रा और जस्टिस इंदिरा बनर्जी भी हैं, ने कहा "हम पुलिस आयुक्तों के साक्षात्कार देने के बारे में चिंतित हैं।" बता दें कि इस घोटाले को लेकर मुंबई पुलिस कमिश्नर ने प्रेस कॉन्फ्रेंस की थी और कई चैनलों पर इंटरव्यू भी दिया था।
रिपब्लिक टीवी की ओर से मामले का प्रतिनिधित्व कर रहे वरिष्ठ अधिवक्ता हरीश साल्वे से कोर्ट ने मामले को बॉम्बे हाई कोर्ट में स्थानांतरित कराने के लिए कहा।
शीर्ष अदालत ने कहा कि सीआरपीसी के तहत जांच का सामना करने वाले किसी भी सामान्य नागरिक की तरह याचिकाकर्ताओं को भी पहले उच्च न्यायालय जाना चाहिए। शीर्ष अदालत ने साल्वे से कहा, "हमें उच्च न्यायालय में विश्वास रखना चाहिए।"
वहीं मुंबई पुलिस ने रिपब्लिक टीवी की सीबीआई जांच की मांग का विरोध करते हुए कहा है कि चैनल यह तय नहीं कर सकता कि किस एजेंसी को मामले की जांच करनी चाहिए। साथ ही मुंबई पुलिस ने आरोप लगाया है कि अर्नब गोस्वामी गवाहों को धमका रहे हैं और डरा रहे हैं।
पुलिस ने कुछ दिनों की जांच के बाद रिपब्लिक टीवी, इंडिया टुडे टीवी, फक्त मराठी और बॉक्स सिनेमा को आरोपी बताया है। (आईएएनएस)