बदायूं, 21 अक्टूबर| उत्तर प्रदेश में एक चौंकाने वाली घटना में, एक व्यक्ति ने मामूली सी बात पर अपनी पत्नी की कथित रूप से पिटाई की, उसका सिर मुंडा दिया और उसे घर में बंद कर दिया। महिला ने अपने चाचा के अंतिम संस्कार में भाग लेने की जिद की थी। इस शख्स को पुलिस ने हिरासत में लिया है।
यह घटना 17 अक्टूबर को बिसौली शहर में घटी और महिला तब तक बंद रही जब तक कि वह सोमवार को किसी तरह से भागकर अपनी एक रिश्तेदार के घर नहीं पहुंच गई।
फिर, वह अपने पति और ससुराल वालों के खिलाफ शिकायत दर्ज कराने के लिए पुलिस स्टेशन गई।
31 वर्षीय सीमा देवी ने पुलिस को बताया कि उसका पति राजपाल, जो एक शराबी हैं, उसे नियमित रूप से प्रताड़ित कर रहा था।
इस जोड़े की शादी को नौ साल हो चुके हैं और उनका एक बेटा भी है।
सीमा ने अपने ससुराल वालों को दोषी ठहराया और कहा कि जब उसने उनके साथ दुर्व्यवहार किया तो उन्होंने अपने बेटे का हमेशा साथ दिया।
सीमा ने कहा, "मेरे पिता के बड़े भाई का 17 अक्टूबर को निधन हो गया। वह मेरे पिता की तरह थे और मैं उन्हें आखिरी बार देखना चाहती थी, लेकिन राजपाल ने मुझे जाने नहीं दिया। जब मैंने जोर दिया, तो उसने मुझे बुरी तरह पीटा और मेरा सिर मुंडा दिया। मेरे ससुराल वालों ने भी मुझे बचाने की कोशिश नहीं की।"
उसने कहा कि वह पति के पास वापस नहीं लौटना चाहती क्योंकि उसे अपनी जान का खतरा है और अपने बेटे की सुरक्षा की चिंता है।
बदायूं के एसएसपी संकल्प शर्मा ने बुधवार को कहा, " हमने आईपीसी की धाराओं 509 (एक महिला की मॉडस्टी का अपमान करना), 500 (मानहानि की सजा) और 498 ए (एक विवाहित महिला के खिलाफ क्रूरता) के तहत पति, उसके माता-पिता, ससुरालवालों और एक रिश्तेदार के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की है। पति और रिश्तेदार को हिरासत में लिया गया है और कानून के अनुसार कार्रवाई की जा रही है।" (आईएएनएस)
ललितपुर (उप्र), 21 अक्टूबर| उत्तर प्रदेश के ललितपुर के एक गांव में एक ही परिवार के 7 से 14 साल की उम्र के चार बच्चे मृत मिले हैं। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने चारों बच्चों के निधन पर दुख व्यक्त किया है और जिला प्रशासन से शोक संतप्त परिवार को आर्थिक मदद देने के लिए कहा है।
यह घटना मंगलवार की शाम को सामने आई, जब कुछ लोगों ने बच्चों को एक चेक डैम के पास पानी से भरे गड्ढे में पड़ा देखा और पुलिस को सूचित किया। पुलिस ने बचाव अभियान चलाया और बच्चों को निकालकर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र भेजा, जहां उन्हें मृत घोषित कर दिया गया।
पीड़ितों के परिवार ने आरोप लगाया है कि बच्चों की हत्या उसी गांव में रहने वाले उनके परिजनों ने की है, जिनके साथ उनका जमीन को लेकर विवाद चल रहा है।
पुलिस ने घटना के संबंध में मामला दर्ज कर लिया है और जांच कर रही है। (आईएएनएस)
जम्मू, 21 अक्टूबर| सोशल मीडिया पर विवादित टिप्पणी करने के बाद जम्मू में वकील दीपिका सिंह राजावत के घर के बाहर कुछ लोगों की भीड़ इकट्ठा हो गई, जिसे हटाने के लिए पुलिस ने हस्तक्षेप किया। राजावत एक समय कठुआ बलात्कार और हत्या के मामले से जुड़ी रहीं थीं और कुछ समय के लिए पीड़ित परिवार की वकील थीं। घर के बाहर भीड़ इकट्ठा होने के बाद राजावत ने पुलिस को फोन कर कहा था कि वह असुरक्षित महसूस कर रही हैं।
वकील ने तीन दिन पहले सोशल मीडिया पर एक टिप्पणी पोस्ट की थी, जो कथित रूप से हिंदू समुदाय की धार्मिक भावनाओं को आहत करने वाली थी। यह टिप्पणी नवरात्रि उत्सव के पहले दिन की गई की गई थी, इसलिए इसने लोगों को ज्यादा आहत किया।
राजावत ने जनवरी 2018 में कठुआ जिले की हीरानगर तहसील के रसाना गांव में 8 साल की लड़की के साथ दुष्कर्म और हत्या के बाद माता-पिता की ओर से केस लड़ा था।
बाद में आरोपियों को पठानकोट (पंजाब) में जिला और सत्र न्यायाधीश अदालत ने दोषी ठहरा दिया था। (आईएएनएस)
लखनऊ, 21 अक्टूबर| उत्तर प्रदेश में कोरोनावायरस की रफ्तार शिथिल होती जा रही है। प्रदेश में रिकवरी का प्रतिशत अब बढ़कर 91.91 हो गया है। राज्य में पिछले चौबीस घंटों के दौरान कोरोनावायरस संक्रमण के 2,351 नए रोगी मिले हैं। प्रदेश के अपर मुख्य सचिव चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अमित मोहन प्रसाद ने बताया कि प्रदेश में एक दिन में कुल 1,51,314 सैम्पल की जांच की गयी। अब तक कुल 1,32,98,742 सैम्पल की जांच की गयी है। उन्होंने बताया कि प्रदेश में पिछले 24 घंटे में कोरोना से संक्रमित 2,351 नये मामले आये हैं। पिछले 33 दिनों मंे लगातार नये मामलों में गिरावट आ रही है।
उन्होंने कहा कि अब रिकवरी रेट बढ़कर 91.91 प्रतिशत हो गई है, जो राष्ट्रीय स्तर के 88 फीसद से बेहतर है। वहीं नए मरीजों के मुकाबले ठीक होने वाले रोगियों की संख्या ज्यादा होने के कारण एक्टिव केस घटकर 30,416 रह गए हैं। अब तक कुल 4.59 लाख लोग कोरोना की गिरफ्त में आए हैं, जिसमें 4.22 लाख मरीज स्वस्थ हो चुके हैं।
यूपी में 17 सितंबर को सबसे ज्यादा 68,235 एक्टिव केस थे। तब कोरोना वायरस के 3.54 लाख रोगी थे, जिसमें 2.83 लाख स्वस्थ होने से रिकवरी रेट 80 फीसद था। तब से लगातार 33 दिनों से इसमें लगातार गिरावट आ रही है। अब तक 55.43 फीसद केस घटे हैं।
उन्होंने बताया कि निजी चिकित्सालयों में 2,562 लोग इलाज करा रहे है। प्रदेश में सर्विलांस टीम के माध्यम से 2,74,44,903 घरों के 13 करोड़ 52 लाख जनसंख्या का सर्वेक्षण किया गया है।
प्रसाद ने बताया कि 18 अक्टूबर को प्रदेश के सरकारी अस्पतालों मंे 6,664 बच्चों का जन्म हुआ है। जिनमें से 6,513 सामान्य और 155 सिजेरियन डिलीवरी हुयी है। उन्होंने बताया कि कोरोना के संक्रमण की वजह से जिन बच्चों तथा गर्भवती महिलाओं का टीकाकरण नहीं हुआ है उन बच्चों एवं महिलाओं को चिन्हित कर नवम्बर माह से एक विशेष अभियान के तहत टीकाकरण कराया जायेगा। इसकी तैयारियां स्वास्थ्य विभाग ने शुरू कर दी हैं। यह बच्चे व महिलाएं एक से 15 अक्टूबर तक चलाए गए दस्तक अभियान में चिन्हित किए गए हैं। (आईएएनएस)
नई दिल्ली, 21 अक्टूबर| दिल्ली सरकार ने 'प्रतिबंधित समय में शराब बेचने के कारण' दिल्ली जिमखाना क्लब का बार लाइसेंस कैंसल कर दिया है। आबकारी विभाग की जांच में पाया गया कि लॉकडाउन के दौरान भी यह क्लब शराब बेचता रहा। उप आबकारी आयुक्त रणजीत सिंह द्वारा जारी किए गए आदेश के अनुसार, लाइसेंस तत्काल प्रभाव से रद्द कर दिया गया है। साथ ही इस मामले में आगे की कार्यवाही के लिए जिमखाना क्लब के अधिकारियों को 27 अक्टूबर को आबकारी विभाग के सामने पेश होने का निर्देश दिया गया है।
दिल्ली सरकार ने अपने आदेश में कहा है कि 17 सितंबर को निरीक्षण के दौरान क्लब में एक बार सब-स्टोर पाया गया था, जिसके लिए आबकारी विभाग की कोई मंजूरी नहीं ली गई थी। निरीक्षण के दौरान पूछताछ में क्लब के एक अधिकारी ने कहा कि लॉकडाउन के दौरान एक पूर्व अधिकारी ने बिना मैनेजर या अन्य अधिकारियों को सूचित किए बार सब-स्टोर से शराब की बोतलें निकाल ली थीं।
आदेश में कहा गया, "यह स्पष्ट है कि इस कार्यालय के 21.04.2020 को जारी किए गए आदेश के बाद भी लाइसेंसधारी लॉकडाउन के दौरान शराब की बिक्री में शामिल था। जबकि आदेश में सभी लाइसेंसधारी - थोक, खुदरा, होटल, क्लब और रेस्तरां को शराब बेचने से रोका गया था। इसे देखते हुए मेसर्स दिल्ली जिमखाना क्लब का लाइसेंस तत्काल प्रभाव से रद्द किया जाता है।"(आईएएनएस)
हापुड़ (उत्तर प्रदेश), 21 अक्टूबर| उत्तर प्रदेश की एक पोक्सो कोर्ट ने छह साल की बच्ची के साथ दुष्कर्म के दोषी पाए जाने के बाद व्यक्ति को उसकी आखिरी सांस तक सलाखों के पीछे भेज दिया। स्पेशल जज वीना नारायण ने आरोपी दलपत को दोषी ठहराया और उस पर 2 लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया। फैसले में कहा गया, "पोक्सो अधिनियम की धारा 6 के तहत, अभियुक्त को अंतिम सांस तक आजीवन कैद की सजा सुनाई जाती है।"
विशेष सरकारी वकील हरेंद्र त्यागी ने दोषी ठहराए जाने की पुष्टि करते हुए कहा कि आरोप तय होने के बाद सिर्फ 22 दिनों में फैसला सुनाया गया है।
गौरतलब है कि 6 साल की बच्ची का अपहरण करने के बाद दुष्कर्म किया गया था। दोषी दलपत, अमरोहा जिले का रहने वाला है और उसने 6 अगस्त को बच्ची का अपहरण कर घटना को अंजाम दिया था।
रिपोर्ट के अनुसार, बच्ची 12 घंटे तक लापता रहने के बाद 7 अगस्त की सुबह मिली थी। वह एक खेत में बेहोश पड़ी थी और खून से लथपथ थी।
दलपत को 14 अगस्त को अमरोहा से गिरफ्तार किया गया था।
पीड़ित बच्ची के आंतरिक अंगों में गंभीर चोटें आने के बाद मेरठ के एक अस्पताल में भर्ती कराया गया।
कोर्ट द्वारा पिछले चार दिनों में दी गई यह दूसरी सजा है।
इस साल 15 अक्टूबर को दो दोषियों को साल 2018 में इसी जिले में 12 वर्षीय लड़की के साथ दुष्कर्म और हत्या के लिए मौत की सजा दी गई थी।
अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक (एएसपी) सर्वेश मिश्रा ने कहा, "अभियोजन पक्ष की मदद करने के लिए सभी प्रयास किए गए थे, चाहे वह बयान दर्ज करने या फॉरेंसिक रिपोर्ट के बाद गवाहों को पेश करना हो। हमें खुशी है कि न्याय इतनी जल्द मिला।" (आईएएनएस)
जयपुर, 21 अक्टूबर (आईएएनएस)| पंजाब के बाद, अब राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने भी कृषि कानूनों पर चर्चा करने के लिए विधानसभा का विशेष सत्र बुलाने का फैसला किया है। मंगलवार को गहलोत ने एक कैबिनेट बैठक बुलाई और घोषणा की कि सरकार 'किसानों के हित' के संरक्षण के लिए विधानसभा का विशेष सत्र बुलाएगी।
उन्होंने कैबिनेट बैठक के बाद ट्वीट किया: मंत्रिपरिषद ने फैसला किया है कि राज्य के किसानों के हितों की रक्षा करने के लिए विधान सभा का एक विशेष सत्र जल्द ही बुलाया जाना चाहिए।
उन्होंने कहा, सत्र में, भारत सरकार द्वारा लागू किए गए कृषि कानूनों के प्रभाव पर चर्चा की जाएगी और राज्य के किसानों के हित में संशोधन बिल लाया जाएगा।
गहलोत ने एक अन्य ट्वीट में कहा, सोनिया गांधी और राहुल गांधी के नेतृत्व में भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस, हमारे 'अन्नादता' किसानों के पक्ष में मजबूती से खड़ी है और हमारी पार्टी किसान विरोधी कानूनों का विरोध करती रहेगी।
सूत्रों ने कहा कि बैठक में सिविल कोर्ट द्वारा फसलों की खरीद में विवादों को निपटाने के अधिकारों को बहाल करने पर चर्चा की गई। सूत्रों ने ये भी बताया कि राजस्थान में फसल खरीद से जुड़े विवादों के निपटारे की व्यवस्था मंडी समिति या सिविल कोर्ट के पास होनी चाहिए।
देश में पहली बार, मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह के नेतृत्व वाली पंजाब सरकार ने मंगलवार को सर्वसम्मति से तीन विधेयक पारित किए और भाजपा के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार द्वारा लाए गए केंद्र के कृषि कानूनों को औपचारिक रूप से खारिज कर दिया।
नई दिल्ली, 21 अक्टूबर।मैं सभी शहीदों के परिवार जनों को कहना चाहता हूं कि ये स्मारक(राष्ट्रीय पुलिस स्मारक) सिर्फ ईंट, पत्थर और सीमेंट से बना स्मारक नहीं है, अब तक 35,398 पुलिस कर्मियों ने शहादत दी है... : गृह मंत्री अमित शाह
पुलिसकर्मी संभालें देश, सरकार परिजनों को संभालेगी-शाह
नई दिल्ली, 21 अक्टूबर। केन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने देश की आंतरिक और बाह्य सुरक्षा में लगे पुलिसबलों की सराहना करते हुए आज उन्हें आश्वस्त किया वे देश की आंतरिक सुरक्षा को संभाले और मोदी सरकार उनके परिजनों को संभालेगी।
श्री शाह ने पुलिस स्मरणोत्सव दिवस के मौके पर आज यहां चाणक्यपुरी स्थित राष्ट्रीय पुलिस स्मारक पर देश भर के शहीद पुलिसकर्मियों को कृतज्ञ राष्ट्र की ओर से श्रद्धांजलि अर्पित की।
पुलिसकर्मियों को संबोधित करते हुए श्री शाह ने कहा कि वे आश्वस्त होकर पूरी तत्परता के साथ देश की आंतरिक सुरक्षा तथा कानून व्यवस्था की स्थिति को संभालें और मोदी सरकार उनके परिजनों को संभालेगी। उन्होंने कहा कि मोदी सरकार पुलिसकर्मियों के कल्याण तथा उनके परिजनों की रक्षा के लिए सदैव तत्पर, जागरूक है तथा रहेगी। सरकार आने वाले दिनों में प्रशिक्षण, भर्ती तथा आधुनिकीकरण की दिशा में अनेक ऐसे कदम उठाने जा रही है जिससे पुलिस बल मजबूती के साथ देश सेवा कर सकेंगे।
गृह मंत्री ने कहा कि पिछले दो दशकों में आंतरिक सुरक्षा के मोर्चे पर आतंकवाद, साइबर अपराध और अन्य समस्याओं के कारण पुलिस की चुनौती बढी है तथा उसे विभिन्न आयामों तथा पहलुओं को ध्यान में रखकर काम करना पड़ रहा है। इससे निपटने के लिए पुलिस का हर ²ष्टि से आधुनिकीकरण किया जा रहा है। देश की सीमाओं की सुरक्षा में लगे पुलिसबल सेना के साथ मिलकर मुस्तैदी से अपना काम कर रहे हैं और अब सीमाओं को अभेद्य बनाने के लिए प्रौद्योगिकी का बड़े पैमाने पर मदद ली जा रही है। इस दिशा में व्यापक स्तर पर काम हो रहा है जिसके बाद पुलिसबल प्रौद्योगिकी और अपनी तत्परता के सामंजस्य से देश को बेहतर तरीके से सुरक्षित कर पायेंगे।
देश में पुलिस और आबादी के अनुपात में कमी का उल्लेख करते हुए श्री शाह ने कहा कि सरकार इस दिशा में काम कर रही है और रक्षा शक्ति विश्वविद्यालय तथा अपराध विज्ञान विश्वविद्यालय देश में पुलिसबलों तथा अपराधों की जांच से जुड़े वैज्ञानिकों की कमी को पूरा करने में बहुत बड़ा योगदान देंगे।
उन्होंने कहा कि पुलिसकर्मी प्रतिकूल परिस्थितियों में दिन रात सडक़ पर रहकर देश सेवा कर रहे हैं और देश तथा सरकार को इस बात का पता है कि लोग उन्हीं के कारण त्यौहार मना रहे हैं और घरों में चैन की नींद सो रहे हैं। उन्होंने कहा कि पुलिसकर्मियों ने शाहदत देकर देश के विकास का मार्ग प्रशस्त किया है।
गृह मंत्री ने कहा कि अब तक 35 हजार से अधिक पुलिसकर्मियों ने देश सेवा में प्राणों की आहुति दी है। अकेले इसी वर्ष 264 पुलिसकर्मियों ने देश सेवा में अपने प्राण न्यौच्छावर किये। देश इनके बलिदान को कभी भुला नहीं सकता।
कोरोना महामारी के कारण उत्पन्न स्थिति और विशेष रूप से पूर्णबंदी को लागू कराने में पुलिसकर्मियों के योगदान की सराहना करते हुए उन्होंने कहा कि पुलिसबलों ने अग्रिम पंक्ति में रहकर इस लड़ाई में हिस्सा लिया और इस दौरान 343 पुलिसकर्मियों ने अपनी जान गंवाई। कोरोना महामारी के खिलाफ अभियान में उनके इस बलिदान को हमेशा याद रखा जायेगा।
पुलिस स्मरणोत्सव दिवस आज के दिन हर वर्ष केन्द्रीय रिजर्व पुलिस बल के उन दस जवानों की याद में मनाया जाता है जिन्होंने 21 अक्टूबर 1960 को अपने से कई गुना अधिक चीनी सैनिकों का सीमा पर डटकर मुकाबला किया और देश रक्षा में अपने प्राणों की आहुति दी। (वार्ता)
श्रीनगर, 20 अक्टूबर| दक्षिण कश्मीर के पुलवामा जिले में सुरक्षा बलों के साथ जारी मुठभेड़ में एक आतंकवादी मारा गया। पुलिस ने कहा, "एक अज्ञात आतंकवादी पुलवामा के ककपोरा में मुठभेड़ में मारा गया। ऑपरेशन जारी है।"
मुठभेड़ आतंकवादियों और पुलिस, सेना व सीआरपीएफ की संयुक्त टीम के बीच मंगलवार दोपहर को शुरू हुई। इससे पहले सुरक्षा बलों ने आतंकवादियों के छिपे होने की खुफिया सूचना के आधार पर क्षेत्र को घेर लिया और तलाशी अभियान शुरू किया।
जैसे ही सुरक्षाबलों ने दबिश बढ़ाई, वहां छिपे आतंकवादियों ने भारी गोलीबारी शुरू कर दी और जवाब में सुरक्षाबलों ने भी गोलीबारी की, जिसके फलस्वरूप जारी मुठभेड़ में एक आतंकवादी मारा गया।
बीते 24 घंटे में कश्मीर में यह दूसरी मुठभेड़ है। इससे पहले मंगलवार को एक आतंकवादी शोपियां जिले के मेलहोरा में एक मुठभेड़ मे मारा गया, जबकि एक आतंकवादी को सोमवार को ढेर किया गया था। (आईएएनएस)
नई दिल्ली, 20 अक्टूबर. पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह ने मंगलवार को विधानसभा में 4 विधेयकों को पेश किया और केन्द्र के कृषि कानूनों को 'किसान विरोधी' करार देते हुए खारिज करने की बात कही। कांग्रेस ने इन्हें 'क्रांतिकारी' प्रस्ताव बताया और कहा कि इन प्रस्तावों ने भाजपा की 'बेईमानी' को उजागर कर दिया है। कांग्रेस प्रवक्ता जयवीर शेरगिल ने कहा, "प्रस्तावित बिल क्रांतिकारी हैं और भाजपा की बेईमानी को उजागर करते हैं। यह प्रस्ताव पंजाब में संघीय ढांचे और किसानों की रक्षा के लिए पेश किए गए हैं।"
कांग्रेस नेता ने दावा किया कि भाजपा ने सितंबर में संसद द्वारा पारित किए गए तीनों केंद्रीय कानूनों के जरिए 'घोर पूंजीवाद की मदद की और किसानों के खिलाफ मिसाइल लॉन्च की थी'।
अमरिंदर सिंह के नेतृत्व वाली पंजाब की कांग्रेस सरकार ने पार्टी प्रमुख सोनिया गांधी से कहा कि वे सभी कांग्रेस शासित राज्यों को कहें कि वे राज्य में कानूनों को पारित करें ताकि वे कृषि कानूनों को रद्द कर सकें। (आईएएनएस)|
राज्य तीनों विधेयक-कृषि उत्पादन व्यापार और वाणिज्य (संवर्धन और सुविधा) अधिनियम, 2020, मूल्य आश्वासन और कृषि सेवाओं पर कृषक (सशक्तीकरण और संरक्षण) समझौता विधेयक 2020 और आवश्यक वस्तु (संशोधन) अधिनियम, 2020 को रद्द करना चाहते हैं।
विपक्ष के विरोध के बीच संसद ने इन तीन विधेयकों को पारित किया और फिर राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद द्वारा सहमति दिए जाने के बाद सरकार ने 27 सितंबर को एक गजट अधिसूचना जारी कर दी थी जिसके बाद ये विधेयक कानून बन गए।
कानपुर(उत्तरप्रदेश), 20 अक्टूबर| गैंग्स्टर विकास दुबे तीन माह पहले पुलिस के साथ हुई मुठभेड़ में मारा गया था, लेकिन अब भी उसके खिलाफ शिकायतें सामने आ रही हैं। अब उसका नाम संपत्ति विवाद में धोखाधड़ी मामले में सामने आ रहा है। कानपुर पुलिस ने दुबे के सहयोगी महेश दीक्षित और उसकी पत्नी विजय लक्ष्मी के खिलाफ भी इस केस में मामला दर्ज किया है। एक बूढ़ी महिला ने कोतवाली पुलिस स्टेशन में तीनों के खिलाफ स्वरूप नगर स्थित उसके घर के दस्तावेज के साथ फर्जीवाड़ा करने के मामले में एफआईआर दर्ज करवाई है।
वहीं महीला ने गैंग्सटर पर उसके पति को गायब करने का आरोप लगाया है, जो 15 साल पहले गायब हो गए थे और अबतक लापता हैं।
कोतवाली पुलिस स्टेशन इंस्पेक्टर संजीव कांत मिश्रा के अनुसार, "शिकायतकर्ता कमला देवी ने कहा कि डेयरी के मालिक महेश और उसकी पत्नी ने उसके स्वरूप नगर स्थित घर को लेकर फर्जी रजिस्ट्री दस्तावेज दिखाए। उन्होंने दावा किया कि उसके(महिला के) पति ने यह घर विकास दुबे और विजय लक्ष्मी को बेच दिया है। दोनों ने महिला को घर खाली करने को कहा।"
मिश्रा ने कहा, "महिला ने रविवार को एक शिकायत दर्ज कराई थी, जिसके बाद आईपीसी की धारा 419, 420, 467, 468 और 471 के तहत रविवार को एक मामला दर्ज किया गया और इस बाबत जांच शुरू की गई है।"
विकास दुबे 10 जुलाई को कथित एनकाउंटर में मारा गया था। उसके पांच सहयोगी भी विभिन्न एनकाउंटर में मारे जा चुके हैं और 37 को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया है। (आईएएनएस)
भोपाल/अनूपपुर, 20 अक्टूबर| मध्यप्रदेश की शिवराज सिंह चौहान सरकार में मंत्री बिसाहू लाल सिंह के विवादित बयान पर राज्य महिला आयोग ने नोटिस जारी कर जवाब मांगा है। मंत्री बिसाहू लाल सिंह ने कांग्रेस उम्मीदवार विश्वनाथ सिंह की पत्नी को लेकर अमर्यादित टिप्पणी की थी। राज्य महिला आयोग की सदस्य संगीता शर्मा ने मंगलवार को संवाददाताओं को बताया कि इंदौर के विवेक खंडेलवाल ने मंत्री बिसाहू लाल के बयान की शिकायत की। इस शिकायत के आधार पर मंत्री को नोटिस जारी कर जवाब मांगा गया है।
ज्ञात हो कि बीते रोज मंत्री ने अनूपपुर से कांग्रेस के उम्मीदवार विश्वनाथ सिंह की पत्नी को लेकर बयान दिया था जिसमें कहा गया था कि विश्वनाथ ने अपनी पहली पत्नी का निर्वाचन के नामांकन पत्र में विवरण नहीं दिया है, जबकि रखैल का ब्यौरा दिया है। इस बयान पर बाद में मंत्री की सफाई भी आ गई थी।
ज्ञात हो कि बिसाहू लाल सिंह उन नेताओं में शामिल हैं जिन्होंने कांग्रेस छोड़कर भाजपा का दामन थामा था और कमल नाथ की सरकार गिराई थी। बिसाहू लाल अब अनूपपुर से विधानसभा का उपचुनाव लड़ रहे हैं, उनके खिलाफ कांग्रेस के उम्म्ीदवार के तौर पर विश्वनाथ सिंह है। (आईएएनएस)
हाथरस (उत्तर प्रदेश), 20 अक्टूबर| हाथरस मामले में एक नई जानकारी सामने आई है। मामले की जांच कर रहे केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) की जांच में सामने आया है कि दलित लड़की के साथ कथित तौर पर सामूहिक दुष्कर्म करने और बाद में उसकी मृत्यु होने के मामले में जो 4 आरोपी हैं, उनमें से एक स्कूल के रिकॉर्ड के अनुसार नाबालिग है। नाबालिग आरोपी की मां के अनुसार, सीबीआई की टीम ने उनके घर आकर उनसे मार्कशीट ली थी। मां ने कहा, "मार्कशीट के साथ वे मेरे बड़े बेटे के कुछ कपड़े भी ले गए। मेरा बेटा नाबालिग है।"
हाथरस के कथित सामूहिक दुष्कर्म मामले के 4 आरोपी अलीगढ़ जेल में बंद हैं। जहां सीबीआई ने उनसे पूछताछ भी की थी। ऐसे में एक आरोपी का नाबालिग निकलना उप्र पुलिस की गलती की ओर इशारा करता है, जिसने मामले में आरोपी की उम्र को लेकर जांच नहीं की।
14 सितंबर को हाथरस के एक गांव में 19 वर्षीय दलित लड़की के साथ कथित रूप से सामूहिक दुष्कर्म किया गया था, जिसकी दो हफ्ते बाद दिल्ली में एक अस्पताल में मौत हो गई थी। (आईएएनएस)
चंडीगढ़, 20 अक्टूबर| केन्द्र के 3 कृषि कानूनों को रद्द करते हुए पंजाब विधानसभा में अपनी सरकार द्वारा 4 बिल पेश करने के दौरान मंगलवार को मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह ने राष्ट्रीय सुरक्षा और शांति को खतरा होने की चेतावनी दी है। इतना ही नहीं उन्होंने यह भी कहा कि वह इस्तीफा देने या सरकार के बर्खास्त होने के लिए भी तैयार हैं लेकिन 'पंजाब के किसानों के साथ अन्याय' नहीं होने देंगे। अपने विशेष सत्र के दूसरे और अंतिम दिन विधानसभा में उन्होंने केंद्रीय कृषि कानूनों के कारण सीमावर्ती राज्य की शांति और राष्ट्रीय सुरक्षा को संभावित खतरा होने की चेतावनी दी। उन्होंने कहा कि कोई भी धार्मिक भावनाओं को लगनी वाली ठेस और रोजी-रोटी पर हमले को बर्दाश्त नहीं कर सकता है।
मुख्यमंत्री ने कहा, "मैं इस्तीफा देने से नहीं डरता हूं। अगर मेरी सरकार बर्खास्त होती है तो भी मैं डरने वाला नहीं हूं। लेकिन मैं किसानों को नुकसान नहीं होने दूंगा, न उन्हें बर्बाद होने दूंगा।" उन्होंने कहा कि मैंने 1984 में ऑपरेशन ब्लू स्टार के मौके पर सिखों के साथ अन्याय को स्वीकार करने की बजाय सरकार छोड़ने का विकल्प चुना था।
केन्द्र को सीधी चेतावनी देते हुए अमरिंदर सिंह ने कहा, "अगर कृषि कानूनों को रद्द नहीं किया जाता है, तो गुस्साए युवा, किसानों का साथ देने के लिए सड़कों पर उतर सकते हैं, अराजकता फैल सकती है। जिस तरह से चीजें चल रही हैं वे राज्य का शांतिपूर्ण माहौल बिगाड़ सकती हैं।"
उन्होंने कहा, "80 और 90 के दशक में भी यही हुआ था जब सिख उग्रवाद ने पंजाब को जकड़ लिया था। चीन और पाकिस्तान राज्य के ऐसे हालातों का फायदा उठाने की कोशिश करेंगे, जो पूरे देश की सुरक्षा के लिए गंभीर खतरा पैदा करेगा।"
उन्होंने आगे कहा, "कृषि कानूनों के नाम पर हमने वास्तव में व्यापार कानूनों को लागू किया है। यह ऐसे किसान नहीं हैं, जिनकी पहुंच राष्ट्रीय स्तर तक होगी, लेकिन व्यापारियों की होगी इसलिए इस कानून में 'व्यापार क्षेत्र' शब्द का उपयोग भी होता है।"
मुख्यमंत्री ने कहा कि वह इस स्थिति से असहज और परेशान थे। सरकार ने कोविड-19 संकट के बीच किसानों को ऐसे कानूनों के जरिए और परेशान किया है।
उन्होंने कहा कि किसानों के पास खुद को और अपने परिवार को बचाने के लिए लड़ने के अलावा कोई विकल्प नहीं बचा है और मैं उनका पूरा साथ दूंगा। अमरिंदर सिंह ने किसानों से अपील की कि वे 'रेल रोको' आंदोलन छोड़कर और सड़कों से जाम हटाकर जरूरी वस्तुओं की आवाजाही होने दें।
ये तीनों विधेयक -- कृषि उत्पादन व्यापार और वाणिज्य (संवर्धन और सुविधा) अधिनियम, 2020, मूल्य आश्वासन और कृषि सेवाओं पर कृषक (सशक्तीकरण और संरक्षण) समझौता विधेयक 2020 और आवश्यक वस्तु (संशोधन) अधिनियम, 2020 हैं, जिनका पंजाब सरकार विरोध कर रही है। (आईएएनएस)
मंदसौर, 20 अक्टूबर| मध्य प्रदेश में हो रहे उप-चुनाव में गद्दार बड़ा मुददा बना हुआ है। इसी को लेकर पूर्व मंत्री और कांग्रेस नेता सुभाष सोजतिया ने सोशल मीडिया पर 'गददार रेड कार्ड' साझा किया और उसमें सुवासरा विधानसभा क्षेत्र के भाजपा उम्मीदवार व मंत्री हरदीप सिंह डंग पर हमला बोला। इसके बाद उनके खिलाफ चुनाव आयोग ने प्रकरण दर्ज कर लिया है।
पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने गद्दार रेड कार्ड अभियान चलाया था। इसी के तहत पूर्व मंत्री सोजतिया ने भी सुवासरा विधानसभा क्षेत्र के भाजपा उम्मीदवार और मंत्री हरदीप सिंह डंग को लेकर गददार रेड कार्ड जारी किया। इस कार्ड में कहा गया था कि डंग ने दल बदल के लिए जो रकम ली है, वह रकम बांटी जाए तो प्रति मतदाता के हिस्से में 3,757 रुपये आते हैं, क्योंकि 35 करोड़ रुपये मिले और सुवासरा विधानसभा क्षेत्र में डंग को 93,169 वोट मिले थे।
इस गद्दार रेड कार्ड को लेकर डंग के निर्वाचन अभिकर्ता प्रफुल्ल यजुवेर्दी ने चुनाव आयोग से शिकायत की जिसमें कहा गया कि सोजतिया ने सोशल मीडिया के प्लेटफार्म पर भाजपा उम्मीदवार डंग पर आरोप लगाए। इससे आम जनता व मतदाताओं में गलत संदेश जा रहा है। इस शिकायत पर चुनाव आयोग ने सोजतिया के खिलाफ आदर्श आचार संहिता के उल्लंघन का मामला दर्ज किया है। (आईएएनएस)
चंडीगढ़, 20 अक्टूबर| राज्य के किसानों और कृषि क्षेत्र की सुरक्षा के लिए पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह ने मंगलवार को विधानसभा में केन्द्र के किसान संबंधी कानूनों को खारिज करने के लिए एक प्रस्ताव पेश किया। इस दौरान उन्होंने सभी दलों से इस कृषि प्रधान राज्य को बचाने के लिए राजनीतिक हितों से ऊपर उठने की अपील भी की। इस नए प्रस्ताव के ड्राफ्ट में कृषि कानूनों और प्रस्तावित बिजली बिल को रद्द करने की घोषणा की गई है, साथ ही "नए सिरे से अध्यादेश लाने की मांग की गई है, जिससे किसानों को न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) पर खाद्यान्न की खरीद का वैधानिक अधिकार मिल सके।"
मुख्यमंत्री ने कहा कि उन्होंने विभिन्न विशेषज्ञों के साथ व्यापक चर्चा करने के बाद रात साढ़े 9 बजे ही इस ड्राफ्ट पर हस्ताक्षर कर दिए थे। सत्र के दौरान विधेयकों की प्रतियों को साझा करने के बीच उन्होंने कहा कि ऐसी ही घटना तक हुई थी जब उनकी सरकार ने 2004 में अपने आखिरी कार्यकाल में पंजाब टर्मिनेशन ऑफ वॉटर एग्रीमेंट एक्ट लाया था।
अमरिंदर सिंह ने कहा कि विशेष विधानसभा सत्र के दूसरे दिन मंगलवार को पेश किए जा रहे विधेयकों से राज्य की कानूनी लड़ाई का आधार मजबूत होगा और इसलिए इसकी पूरी तरह से जांच की जरूरत है। इस ड्राफ्ट में "केन्द्र सरकार के किसानों और खेतों को लेकर अपनाए गए कठोर और असंगत रवैये पर" अफसोस भी जताया गया है।
इसमें लिखा गया है, "3 (कृषि) विधेयकों और प्रस्तावित विद्युत (संशोधन) विधेयक, 2020 को सर्वसम्मति से अस्वीकार करने के लिए विधानसभा विवश है।"
तीनों विधेयक -- कृषि उत्पादन व्यापार और वाणिज्य (संवर्धन और सुविधा) अधिनियम, 2020, मूल्य आश्वासन और कृषि सेवाओं पर कृषक (सशक्तीकरण और संरक्षण) समझौता विधेयक 2020 और आवश्यक वस्तु (संशोधन) अधिनियम, 2020 का जिक्र करते हुए लिखा गया है कि मुख्यमंत्री द्वारा 14 सितंबर को पत्र के जरिए सदन की चिंताओं और भावनाओं को प्रधानमंत्री तक पहुंचा दिया गया था।
ड्राफ्ट में लिखा गया, "प्रस्तावित विद्युत (संशोधन) विधेयक, 2020 के साथ ये तीन कानून स्पष्ट रूप से किसानों और भूमिहीन श्रमिकों के हितों के खिलाफ हैं, और यह कृषि विपणन प्रणाली न केवल पंजाब में बल्कि पंजाब, हरियाणा और पश्चिमी उत्तर प्रदेश के हरित क्रांति की शुरूआत करने वाले क्षेत्रों में भी स्थापित की गई है।"
इसमें आगे यह भी कहा गया कि ये कानून भारत के संविधान (एंट्री 14 लिस्ट- 2) के खिलाफ भी हैं, जिसमें कृषि को राज्य के विषय के रूप में शामिल किया गया है।
ये कानून एक तरह से राज्यों के अधिकार पर सीधा हमला है, जो देश के संविधान में निहित कार्यों और राज्यों की शक्तियों पर अतिक्रमण करते हैं। (आईएएनएस)
संदीप पौराणिक
भोपाल, 20 अक्टूबर| कांग्रेस छोड़कर भाजपा में शामिल हुए राज्यसभा सदस्य ज्योतिरादित्य सिंधिया ने मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कमल नाथ पर बड़ा हमला बोला है। उन्होंने कहा कि कमल नाथ ऐसे मुख्यमंत्री थे जो 15 माह मुख्यमंत्री रहे और बल्लभ भवन से बाहर नहीं निकले, प्रदेश के विकास की चिंता नहीं की, यही कारण है कि उनके 15 माह के शासनकाल पर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के पांच माह की बैलेंस सीट भारी है।
मध्य प्रदेश में 28 विधानसभा क्षेत्रों में उप-चुनाव हो रहे हैं। इस उप-चुनाव में सिंधिया भाजपा के स्टार प्रचारक हैं और हर क्षेत्र में पहुंचकर कमल नाथ सरकार के काल की कमियां गिना रहे हैं और शिवराज सिंह चौहान सरकार की खूबियां।
चुनाव प्रचार के दौरान सिंधिया ने आईएएनएस से खास बातचीत में कहा कि यह उप-चुनाव विनाश बनाम विकास है। राज्य में 15 माह तक भ्रष्टाचारी और विकास नहीं विनाशशील सरकार थी, उसका समापन करके गरीबों के उत्थान, विकासशील सरकार बनी है। कमल नाथ की 15 माह की बैलेंसशीट और शिवराज सिंह चौहान की सात माह की बैलेंस शीट जनता के सामने है। कमल नाथ ऐसे मुख्यमंत्री रहे जिन्होंने 15 माह में एक भी नई योजना नहीं बनाई, नया कार्य नहीं किया, एक भी दौरा नहीं किया, बल्लभ भवन में कैद हेाकर उन्होंने उद्योगपतियों के साथ भ्रष्टाचार का एक केंद्र स्थापित कर दिया था।
अपनी बात को आगे बढ़ाते हुए सिंधिया ने कहा कि एक तरफ जहां कमल नाथ के 15 माह के शाासनकाल की बैलेंसशीट हमारे सामने है तो दूसरी ओर शिवराज सिंह चौहान, जिन्होंने पांच माह में कोरोना जैसी महामारी से निपटा, साथ में नई योजनाओं की सौगात दी। इसके साथ क्षेत्रीय स्तर पर हर क्षेत्र और संभाग की विकास की योजनाएं शुरु की। इसका उदाहरण है ग्वालियर-चंबल एक्सप्रेस वे। कमल नाथ के कार्यकाल में उनसे कई बार अनुरोध किया, मगर बात उनके एक कान से होती हुई दूसरे से निकल गई। वहीं शिवराज सिंह और केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी से पांच माह में उस परियोजना को स्वीकृति मिल गई। यह साढ़े आठ हजार करोड़ का एक्सप्रेस वे है। ऐसी हर विधानसभा क्षेत्र में अनेकों और सैकड़ों करोड़ की योजनाएं शुरु की गई है।
कमल नाथ की कार्य शैली पर हमला बोलते हुए सिंधिया ने कहा कि कमल नाथ 15 माह ऐसे मुख्यमंत्री रहे जिन्होंने इस अवधि में एक भी संभाग का दौरा नहीं किया, अब चुनाव हैं तो वोट मांगने आ रहे हैं। प्रदेश में अतिवृष्टि-ओलावृष्टि हुई मगर इस अवधि में भी उनका दौरा नहीं हुआ। तब कांग्रेस में रहते हुए मैंने और भाजपा से शिवराज िंसंह ने दौरा किया था। मुख्यमंत्री वास्तव में मुख्य सेवक होता है, उसे दुख और तकलीफ के समय जनता के साथ हेाना चाहिए मगर कमल नाथ बल्लभ भवन से बाहर ही नहीं निकले।
राज्य में हो रहे उप-चुनाव में भाजपा द्वारा सिंधिया को किनारे किए जाने, उनकी साख से जोड़ते हुए कांग्रेस लगातार हमले बोल रही है। इस पर सिंधिया ने कहा कि, हर चुनाव महत्वपूर्ण होता है और उसे गंभीरता से लड़ा जाता है, वही कर रहा हूं। जहां तक कांग्रेस के आरोपों का सवाल है तो मुझे न कभी पद की अभिलाषा रही और न ही लालबत्ती की। मैंने सदैव जनता की लड़ाई लड़ी है, गरीबों के उत्थान, विकास की लड़ाई लड़ी है, कभी कुर्सी की लड़ाई नहीं लड़ी, कभी लालबत्ती की लड़ाई नहीं लड़ी और न ही इन चीजों से मोह है, जैसा कि मेरे प्रतिद्वंद्वी की आशा और अभिलाषा है।
विधानसभा के उप-चुनाव के दौरान भाषा के गिरते स्तर को लेकर सिंधिया दुखी हैं। उनका कहना है कि बीते दो दशक से वे जनसेवा के क्षेत्र में है, उन्होंने इस बात की कभी कल्पना नहीं की थी कि भाषा का यह स्तर होगा। सिंधिया ने कहा कि चुनाव की तारीख करीब आने के साथ भाषा में जो गिरावट आ रही है वह हमारी संस्कृति के विपरीत है। जो कांग्रेस पार्टी महिलाओं की बात करती थी उसी के नेता कमल नाथ ने डबरा से भाजपा की उम्मीदवार और सरकार की मंत्री इमरती देवी जो दलित वर्ग से है उन पर जो टिप्पणी की, जिन शब्दों का इस्तेमाल किया, वह उनके चरित्र और नीयत को दर्शाता है।
अपनी बात को आगे बढ़ाते हुए सिंधिया ने कहा कि महिलाओं पर कांग्रेस नेताओं का यह ²ष्टिकोण पहली बार सामने नहीं आया है। उसी मंच से पूर्व नेता प्रतिपक्ष अजय सिंह ने कहा कि इमरती देवी को जलेबी बना देंगे। दो साल पहले पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने पूर्व सांसद मीनाक्षी नटराजन को लेकर जो कहा था उसे तो दोहरा भी नहीं सकते। इतना ही नहीं कमल नाथ अपने बयान पर माफी मांगना तो दूर वे तो उसे सही ठहराने में लगे हैं। कह रहे हैं कि राज्यसभा और लोकसभा की आइटम संख्या से जोड़ रहे हैं। यह कमल नाथ का अजब तर्क है। (आईएएनएस)
लखनऊ, 20 अक्टूबर| उत्तर प्रदेश में कोरोनावायरस की रफ्तार घट रही है। लेकिन ठीक हुए लोगों में अन्य कई बीमारियां होने लगी है। इसके अलावा स्वास्थ्य संबंधित अन्य परेशानियां भी सामने देखने को मिल रही हैं। इसे देखते हुए स्वास्थ्य विभाग इंटीग्रेटेड कोविड कमांड सेंटर की मदद से ऐसे रोगियों का सर्वे कराने जा रहा है। यह अभियान मंगलवार से शुरू हो जाएगा। स्वास्थ्य विभाग से मिली जानकारी के अनुसार, इस अभियान के अर्न्तगत 15 सितंबर तक कोरोना से ठीक हुए 80 हजार लोगों का सर्वे कराया जाएगा। इसके लिए विशेष टीम बनायी गयी है। मेडिकल टीमें ऐसे रोगियों से सवाल जवाब कर उनकी स्क्रीनिंग करेगी। अगर उन्हें करोना से मुक्ति मिल गयी है। इसके अलावा अन्य किसी तरह की परेशानी के इलाज के लिए गठित डाक्टर की टीमें मदद करेंगी। स्वास्थ्य विभाग के अपर मुख्य सचिव अमित मोहन प्रसाद के अनुसार, कोरोना से ठीक होने के बाद मरीजों को अगर परेशानी हो रही है तो सभी जिलों में नान कोविड अस्पतालों में पोस्ट कोविड केयर डेस्क से उनकी मदद हो जाएगी।
उधर लखनऊ में कोरोना संक्रमण में कमी आने लगी है। सोमवार को करीब 84 दिन बाद पहली बार मरीजों की संख्या करीब 250 से कम रही। लखनऊ में 28 जुलाई को 24 घंटे में 247 कोरोना मरीज मिले थे। इसके बाद मरीज लगातार बढ़ते जा रहे थे। शहर में संक्रमण का दायरा घट रहा है। लेकिन अभी खतरा टला नहीं है।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने लखनऊ की रिकवरी दर को बेहतर करने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा कि लखनऊ का जिला प्रशासन व स्वास्थ्य विभाग सभी कोविड अस्पतालों में नियमित संवाद बनाते हुए रिकवरी दर बेहतर करें। (आईएएनएस)
लखनऊ, 20 अक्टूबर| उत्तर प्रदेश ने महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना (मनरेगा) के तहत 26 करोड़ के वार्षिक लक्ष्य के मुकाबले महज छह महीने में 26.1 करोड़ कार्य दिवस बनाने का रिकॉर्ड बनाया है। यह पहली बार है कि राज्य ने केवल आधी अवधि में योजना का वार्षिक लक्ष्य प्राप्त किया है।
राज्य ग्रामीण विकास विभाग ने लॉकडाउन के दौरान राज्य में लौटने वाले लाखों प्रवासियों के लिए मनरेगा के तहत रोजगार सृजन में तेजी लाकर ये उपलब्धि हासिल की।
सरकार के प्रवक्ता के अनुसार, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की सरकार ने राष्ट्रीय लॉकडाउन की घोषणा के एक महीने बाद 21 अप्रैल से प्रवासियों को नौकरी देना शुरू कर दिया था।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने एक बयान में कहा कि महामारी के चरम के बीच ग्रामीण क्षेत्रों में वापस आने वाले प्रवासियों को रोजगार प्रदान करने में यह योजना काफी मददगार साबित हुई।
उन्होंने कहा कि योजना को कई महत्वपूर्ण कार्यों को पूरा करते हुए रणनीतिक तरीके से लागू किया गया था, जिसमें नदियों, तालाबों के पुनरुद्धार और वृक्षारोपण शामिल हैं। योगी आदित्यनाथ ने कहा, "इन सभी गतिविधियों ने प्रवासियों को रोजगार देने में राज्य सरकार की मदद की।"
इससे पहले, मनरेगा का प्रदर्शन राज्य में नौकरी सृजन के मामले में बहुत अच्छा नहीं रहा है। आंकड़ों से पता चलता है कि योजना के तहत लोगों के नामांकन का लक्ष्य मोटे तौर पर पिछले पांच वर्षों से 1.03 करोड़ परिवारों में स्थिर है। यह लगभग पांच करोड़ वार्षिक कार्य दिवस में तब्दील होता है। (आईएएनएस)
अलीगढ़ (उप्र), 20 अक्टूबर| उप्र में एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है, यहां 7 साल के लड़के ने अलीगढ़ में कथित तौर पर अपनी साढ़े 5 साल की पड़ोसी का यौन शोषण किया है। घटना को लेकर पुलिस ने पॉक्सो के तहत मामला दर्ज कर लिया है। कावेरी पुलिस स्टेशन में आईपीसी की धारा 376 और यौन अपराध से बच्चों के संरक्षण अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया गया है। पुलिस अधीक्षक (अपराध) अरविंद कुमार ने कहा कि आरोपी बच्चे को मंगलवार को जुवैनाइल जस्टिस (जेजे) बोर्ड के सामने पेश किया जाएगा।
बाल कल्याण अधिकारी को दिए अपने बयान में पीड़िता ने कहा कि जब वह अपनी गेंद लेने के लिए पड़ोसी के घर गई, तब लड़के ने उसका यौन शोषण किया। लड़की की मां के द्वारा दर्ज कराई गई शिकायत के अनुसार यह घटना 12 अक्टूबर को हुई थी।
एफआईआर में मां ने कहा, "मेरी बेटी जब छत पर खेल रही थी तो उसकी गेंद पड़ोसी के घर चली गई, जब वह गेंद वापस लेने गई तो उसे पड़ोस के किराएदार के बेटे ने पकड़ लिया।"
पुलिस ने कहा, "हालांकि लड़के की उम्र नहीं बताई गई है लेकिन मेडिकल जांच से पता चला है कि वह 7 साल का है। लड़का अभी अपने माता-पिता के साथ है।"
बता दें कि आईपीसी की धारा 83 ऐसे बच्चे जिनकी उम्र 7 से 12 वर्ष के बीच हो उन्हें आंशिक रूप से प्रतिरक्षा देती है। इसके तहत "इस उम्र के बच्चों द्वारा किया गया कोई भी काम अपराध नहीं है, क्योंकि उनमें समझने के लिए पर्याप्त परिपक्वता नहीं होती और ना वो यह समझ पाते हैं कि उनके उस आचरण के क्या परिणाम होंगे।" (आईएएनएस)
भारतीय रेलवे ने त्योहारी सीजन में यूं तो आम लोगों को राहत देने के लिए आज से 392 विशेष ट्रेनें चलाने का ऐलान किया है, लेकिन इसके साथ ही पहले से आर्थिक संकट से परेशान लोगों पर अतिरिक्त भार डालने का फैसला किया है।
रेलवे ने कहा है दुर्गा पूजा, दशहरा और दिवाली के मद्देनजर अलग-अलग शहरों को जोड़ने वाली 392 ट्रेनें मंगलवार 20 अक्टूबर से शुरु हो जाएंगी। इन ट्रेनों में से 118 सेवाएं पश्चिम रेलवे द्वारा संचालित की जाएंगी। पश्चिम रेलवे का कहना है कि इनमें से 5 ट्रेनें बांद्रा टर्मिनस, दो इंदौर और दो उधाना से चलेंगे। यह सभी ट्रेनें जोड़े में होंगी। इसी तरह एक-एक जोड़ी ट्रेन ओखा, गांधीधाम और पोरबंदर स्टेशनों से भी रवाना होंगी।
लेकिन इसके साथ ही रेलवे ने कह दिया है कि इन सभी स्पेशल ट्रेनों का विशेष किराया वसूला जाएगा। इन विशेष ट्रेन में यात्रा करने के लिए 30 फीसदी अतिरिक्त किराया चुकाना होगा। इन ट्रेनों में यात्रा के लिए20 अक्तूबर यानी आज से 22 अक्तूबर के बीच ही टिकट बुक कराया जा सकता है।
रेलवे ने कहा है कि पश्चिम रेलवे द्वारा 6 नवम्बर से जामनगर एवं तिरुनेलवेली के बीच विशेष ट्रेन चलाई जायेगी, जो सप्ताह में दो दिन चलेगी। साथ ही बीकानेर एवं मदुरई तथा पुणे एवं हज़रत निज़ामुद्दीन के बीच चलने वाली दो त्योहार विशेष ट्रेनें भी पश्चिम रेलवे से गुज़रेंगी।(navjivan)
टोरंटो, 20 अक्टूबर | कनाडा की पुलिस अभी भी एक 22 वर्षीय भारतीय व्यक्ति को कनाडा में लक्षित भारतीय कॉल सेंटर घोटाले में उसकी भूमिका के लिए गिरफ्तार नहीं कर सकी है। जांच में इस घोटाले का पता चला है, जहां अध्ययन (स्टडी) वीजा पर अंतर्राष्ट्रीय छात्रों की भागीदारी है।
यह हालांकि ज्ञात नहीं है कि टोरंटो के बाहरी इलाके में मिसिसॉगा के नमन ग्रोवर भी कनाडा में एक अंतर्राष्ट्रीय छात्र हैं।
कॉल सेंटर घोटालेबाजों के लिए 'मनी म्यूल' के रूप में काम करते पाए जाने के बाद ग्रोवर के लिए एक कनाडा-व्यापी वारंट जारी किया गया है।
कनाडा के राष्ट्रीय पुलिस बल रॉयल कैनेडियन माउंटेड पुलिस (आरसीएमपी) को संदेह है कि वह देश से भाग गया होगा।
भारत के फोन घोटालेबाज कनाडा राजस्व एजेंसी (सीआरए), पुलिस संगठनों और तकनीकी सहायता एजेंसियों के प्रतिनिधियों के रूप में प्रस्तुत करके कनाडा के लोगों को निशाना बना रहे हैं। वे लोगों को पैसे का भुगतान करने या अपने वित्तीय/क्रेडिट कार्ड की जानकारी देने की बात करते हैं और अगर वे ऐसा नहीं कर पाए तो उन्हें कार्रवाई का सामना करने का डर दिखाया जाता है।
ग्रोवर कनाडा रेवेन्यू एजेंसी फोन घोटाले, बैंक जांचकर्ता घोटाले और तकनीकी सहायता घोटाले के संबंध में वांछित है। उस पर धोखाधड़ी, अपराध से प्राप्त रुपये हथियाने और अपराध की धन शोधन की कार्यवाही का आरोप लगाया गया है।
पुलिस का कहना है कि कॉल सेंटर के घोटालेबाज पीड़ितों से पैसा प्राप्त करने के लिए कनाडा में 'मनी म्यूल' के रूप में व्यक्तियों की भर्ती करते हैं।
रॉयल कनाडाई माउंटेड पुलिस की ओर से दो साल की जांच के बाद ग्रोवर को 'मनी म्यूल्स/मनी म्यूल मैनेजर' के तौर पर उजागर किया गया है।
पुलिस का कहना है कि घोटालेबाजों ने कनाडा में आने से पहले या यहां अध्ययन करते हुए अंतरराष्ट्रीय छात्रों को इन घोटालों के लिए अध्ययन वीजा पर भर्ती किया है।
यह अनुमान है कि कॉल सेंटर के घोटालेबाजों ने 2014 से 2020 के बीच अकेले सीआरए फोन घोटाले के माध्यम से कनाडा में रहने वालों के साथ 1.8 करोड़ डॉलर की धोखाधड़ी की है। इसके अलावा अगर इसमें अन्य घोटाले भी शामिल हैं, तो कनाडाई को कुल नुकसान 3.5 करोड़ डॉलर से अधिक का नुकसान झेलना पड़ा है।
आरसीएमपी इंस्पेक्टर जिम ओगडेन ने घोटाला करने वालों को चेतावनी देते हुए कहा, "जो लोग इसमें शामिल होंगे, उन्हें गिरफ्तार किया जाएगा। उन पर आपराधिक आरोप लगाए जाएंगे और इन आपराधिक संगठनों की गैरकानूनी गतिविधियों में भाग लेने के अन्य गंभीर परिणाम होंगे, जिनमें छात्र वीजा रद्द करना भी शामिल है।"(आईएएनएस)
पणजी, 20 अक्टूबर | गोवा के उपमुख्यमंत्री चंद्रकांत कावलेकर ने सोमवार को गोवा पुलिस साइबर सेल में एक शिकायत दर्ज कराई, जिसमें दावा किया गया कि अज्ञात व्यक्तियों ने उस व्हाट्सएप ग्रुप में एक अश्लील वीडियो साझा किया है, जिसका वह खुद हिस्सा हैं। कावलेकर ने साइबर सेल को दी अपनी शिकायत में कहा कि यह कथित वीडियो व्हाट्सएप ग्रुप 'विलेजिज टू गोवा' पर भेजा गया था। उन्होंने बताया कि यह वीडियो रात 1.20 बजे भेजा गया, जब वह सो रहे थे।
उन्होंने अपनी शिकायत में कहा, "इस वीडियो को इस व्हाट्सएप ग्रुप में भेजा गया, जहां मैं उसके सदस्यों में से एक हूं और यह जानबूझकर कुछ आपराधिक इरादे से मेरे नाम पर भेजा गया है।"
उपमुख्यमंत्री ने कहा, "यह संदेश कई व्हाट्सएप समूहों (ग्रुप) में से केवल इस ग्रुप को भेजा गया था, जहां मैं सदस्य हूं। इसके अलावा, जिस समय यह संदेश भेजा गया था, मैं फोन की पहुंच में नहीं था और मैं उस समय सो रहा था।"
कावलेकर ने कहा कि उन्हें बदनाम करने के लिए इससे पहले भी प्रयास किए गए हैं।
उन्होंने कहा, "हाल के दिनों में मुझे बदनाम करने और जनता के सामने मेरी गलत छवि पेश करने की ऐसी कई कोशिशें हुई हैं।"
उन्होंने ऐसे सभी उपद्रवियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की है, जिन्होंने ऐसा कृत्य किया है।(आईएएनएस)
भोपाल, 20 अक्टूबर| ग्वालियर के डबरा विधानसभा क्षेत्र में पूर्व मुख्यमंत्री कमल नाथ द्वारा मंत्री इमरती देवी पर की गई टिप्पणी से सियासी तूफान थमने का नाम नहीं ले रहा है। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान द्वारा कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी को लिखे गए पत्र का जवाब पूर्व मुख्यमंत्री कमल नाथ ने दिया है। इस पत्र में नाथ ने लिखा है, "आप लगातार झूठ परोस रहे हैं और सोनिया गांधीजी को लिखे खत में भी झूठ को इतना बढ़ा-चढ़ाकर लिखा है कि झूठ भी शर्मा जाए।
डबरा की सभा में दिए गए बयान का जिक्र करते हुए कमल नाथ ने लिखा है, "मैंने कोई सम्मानजनक टिप्पणी नहीं की, फिर भी आप और भाजपा झूठ परोस रही है और जिस शब्द की ओर आप इशारा कर रहे हैं, उस शब्द के कई मायने हैं। कई तरह की व्याख्याए हैं, लेकिन सोच में खोट के अनुसार आप और आपकी पार्टी अपनी मनमर्जी की व्याख्या कर झूठ परोसने में लगे और जनता को गुमराह करने का काम कर रहे हैं। प्रदेश की जनता इस सच्चाई को जानती है कि आप येन केन प्रकारेण अपनी कुर्सी बचाने के लिए चुनाव को वास्तविक मुद्दों से भटकाकर अनैतिक और अतिभावनात्मक राजनीति की ओर ले जा रहे हैं।"
कमल नाथ ने इस बात पर भी आश्चर्य जाहिर किया है कि सोनिया गांधी को महिलाओं के सम्मान व सुरक्षा को लेकर पत्र लिखा गया। उन्होंने लिखा, "आपकी 15 वर्षीय सरकार में मध्यप्रदेश बहन-बेटियों से दुष्कर्म, महिलाओं पर अत्याचार और महिला अपराध में देश में शीर्ष पर रहा है और इस दौरान ऐसी घटनाओं पर आप अपने दायित्वों का निर्वहन ना करते हुए सालों तक मौन रहे। पिछले 7 माह की भाजपा सरकार में कोरोना काल में भी बहन-बेटियों के साथ दरिंदगी की घटनाएं घटीं और राज्य फिर दुष्कर्म के मामले में देश में शीर्ष स्थान वाले प्रदेशों के रूप में सामने आ रहा है।"
कमल ने हाथरस की घटना का जिक्र करते हुए कहा कि "भारतीय संस्कृति में महिलाओं का सम्मान और सुरक्षा सर्वोपरि है चाहे वह किसी जाति अथवा धर्म की महिला हो यदि आप सचमुच में महिलाओं और दलित सम्मान को लेकर द्रवित होते तो हाथरस की घटना, स्वामी चिन्मयानंद की घटना, भाजपा विधायक कुलदीप सेंगर के द्वारा की गई घटनाओं और रीवा जिले में महिला बंदी पर घटित घटनाओं पर मौन और उपवास आवश्य रखते, परंतु आपने पत्र में महिलाओं की जाति का उल्लेख कर अपनी अनैतिक राजनीति की मानसिकता को स्पष्ट तौर पर प्रदर्शित किया है।"
पूर्व मुख्यमंत्री ने अपने राजनीतिक जीवन का हवाला देते हुए कहा, "मैंने 40 वर्ष के सार्वजनिक जीवन में सदैव महिलाओं का सम्मान किया है और मैं सदैव महिलाओं का सम्मान करूंगा, मगर महिलाओं के सम्मान का दिखावा कर आपकी तरह कुत्सित राजनीति कभी नहीं करूंगा। महिलाओं के संबंध में आज तक मैंने कभी भी कोई भी अशोभनीय टिप्पणी नहीं की, जबकि आप की पार्टी के कई नेता महिलाओं पर अशोभनीय टिप्पणी के आदी हैं और उसके कई उदाहरण भी मौजूद हैं।"
मुख्यमंत्री ने शिवराज से उम्मीद जताई है कि वे राजनीतिक शुचिता और नैतिकता का वास्तविकता में पालन करेंगे और राजनीति से ऊपर उठकर प्रदेश की महिलाओं की सुरक्षा एवं सम्मान के लिए वास्तविक एवं गंभीर प्रयास भी करेंगे। (आईएएनएस)
नई दिल्ली, 20 अक्टूबर | दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने सोमवार को अवैध हथियारों की आपूर्ति करने वाले एक अंतर्राज्यीय रैकेट के एक प्रमुख सदस्य को गिरफ्तार किया है। उसके पास से 25 अवैध सेमी-ऑटोमेटिक पिस्तौल जब्त किए हैं। गिरफ्तार किया गया आरोपी मध्यप्रदेश के धार जिले का रहने वाला है। आरोपी रवि मौर्य (25) को रोहिणी के सेक्टर 11 से उपलब्ध किया है। उससे पहले ही वह अपने संपर्क के लोगों को अवैध हथियारों की बड़ी खेप पहुंचाकर आया था। उसके खिलाफ पीएस स्पेशल सेल, दिल्ली में मामला दर्ज कर लिया गया है।
पुलिस ने बताया कि मौर्य को उसके गांव के ही एक व्यक्ति जगत ने इस काम में लगाया था।(आईएएनएस)