नई दिल्ली, 27 दिसंबर | कांग्रेस ने शनिवार को पश्चिम बंगाल के 70 लाख किसानों को 'किसान सम्मान निधि' योजना में शामिल न किए जाने पर केंद्र और पश्चिम बंगाल सरकार पर निशाना साधा। कांग्रेस ने किसानों के हितों को ध्यान में रखते हुए उन्हें तत्काल धन जारी किए जाने की मांग भी की।
कांग्रेस नेता जितिन प्रसाद ने कहा, "यह जानकर दुख होता है कि केंद्र और राज्य सरकारों के अहंकारी रवैये के कारण पश्चिम बंगाल के 70 लाख किसान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के किसान सम्मान कार्यक्रम से बाहर हैं।"
उनकी टिप्पणी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा नौ करोड़ से अधिक किसानों के बैंक खातों में 18,000 करोड़ रुपये स्थानांतरित करने के एक दिन बाद सामने आई है।
प्रसाद कांग्रेस के पश्चिम बंगाल प्रभारी भी हैं। उन्होंने कहा, "14,000 रुपये की राशि, जो किसानों के बैंक खातों में हस्तांतरित की जानी थी, वह नहीं की गई है।"
प्रसाद ने कहा, "इसके लिए कौन जिम्मेदार है? मैं मांग करता हूं कि केंद्र और राज्य सरकार को किसानों के हितों को सर्वोच्च प्राथमिकता पर रखना चाहिए।"
कांग्रेस नेता ने मांग की कि पश्चिम बंगाल के किसानों को उनकी यह राशि हस्तांतरित की जानी चाहिए, जो उनका अधिकार है।
उन्होंने कोरोना महामारी के इस संकट के समय में किसानों को राशि दिए जाने की वकालत की।
बता दें कि प्रधानमंत्री नरेद्र मोदी ने शुक्रवार को केंद्र सरकार की प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना (पीएम-किसान) के लाभ से पश्चिम बंगाल के 70 लाख से अधिक किसानों को कथित तौर पर वंचित रखने को लेकर मुख्यमंत्री ममता बनर्जी पर निशाना साधा और आरोप लगाया कि राजनीतिक कारणों से वह ऐसा कर रही हैं।
--आईएएनएस
रांची, 26 दिसम्बर | झारखंड की राजधानी रांची में शनिवार को एक कथित शराबी पिता ने अपनी डेढ़ साल की मासूम बेटी के लगातार रोने के चलते हत्या कर दी। पुलिस के अनुसार, रांची के चुटिया थाना क्षेत्र के मुचुंदटोली इलाके के निवासी 40 वर्षीय गौतम उस समय आग बबूला हो गया, जब उनकी बेटी रोना बंद नहीं कर रही थी, तो वह गुस्से में आकर अपनी बेटी को जमीन पर पटक दिया। इसके बावजूद जब बच्ची रो रही थी, तो उसने बेटी की गला घोंट कर हत्या कर दी।
घटना के बाद बच्चे की मां भटकने लगी और आस-पड़ोस के लोगों ने इक्ट्ठा होकर गौतम को पकड़ लिया, जिसके बाद भीड़ ने उसे जमकर पीटा और पुलिस के हवाले कर दिया।
पुलिस के अनुसार, गौतम एक आदतन शराब पीने वाला था। उन्हें नशा मुक्ति केंद्र में भर्ती कराया गया था, लेकिन शराब पीना नहीं छोड़ा।
बच्चे के शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया है और गौतम को हिरासत में ले लिया गया है।
आरोपी की पत्नी बबीता ने कहा, "मेरे पति हमारे दोनों बच्चों से प्यार करते थे। ऐसा स्टेप उन्होंने क्यों उठाया मैं बता नहीं सकती।" (आईएएनएस)
नई दिल्ली, 26 दिसंबर | जल्दी खराब होने वाले कृषि उत्पादों को समय से देश के विभिन्न हिस्सों में पहुंचाने में गेम चेंजर साबित हुई किसान रेल योजना को मोदी सरकार ने और विस्तार देने की तैयारी की है। इस सिलसिले में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 28 दिसंबर को महाराष्ट्र के सांगोला से पश्चिम बंगाल के शालीमार के बीच सौवीं किसान रेल को हरी झंडी दिखाएंगे। वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से होने वाले इस कार्यक्रम में रेल मंत्री पीयूष गोयल और कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर मौजूद रहेंगे। मल्टी कमोडिटी ट्रेन सेवा में फूलगोभी, शिमला मिर्च, पत्तागोभी, मिर्च, प्याज के साथ अंगूर, संतरा, अनार, केला, सेब आदि की ढुलाई होगी। भारत सरकार ने फलों और सब्जियों के परिवहन पर 50 प्रतिशत की सब्सिडी दी है। पहली किसान रेल का संचालन बीते सात अगस्त को महाराष्ट्र के देवलाली से बिहार के दानापुर स्टेशन के बीच हुआ था।
बाद में इस किसान रेल सेवा का मुजफ्फरपुर तक विस्तार हुआ था। किसानों के बीच से अच्छी प्रतिक्रिया मिलने पर रेल सेवा का सप्ताहिक की जगह अब हफ्ते मे तीन बार संचालन हो रहा है। मंत्रालय के अफसरों के मुताबिक, किसान रेल पूरे देश में कृषि उत्पादों का तेजी से परिवहन सुनिश्चित करने में गेम चेंजर साबित हो रही है। यह नाशपाती उत्पादन की निर्बाध आपूर्ति में मददगार साबित हो रही है। (आईएएनएस)
पटना, 26 दिसंबर | बिहार में कोरोना संक्रमित मरीजों की संख्या 2़ 50 लाख के पार पहुंच गई है। शनिवार को 474 नए मामले सामने आए हैं। राज्य में हालांकि अब तक 2,43,985 लोग कोरोना को मात दे चुके हैं। रिकवरी रेट) 97.42 प्रतिशत तक पहुंच गई है। बिहार स्वास्थ्य विभाग ने शनिवार को जारी रिपोर्ट में कहा है कि राज्य में पिछले 24 घंटे के दौरान 474 नए मामले सामने आए, जिससे राज्य में कुल कोरोना मरीजों की संख्या 2,50,450 पहुंच गई है।
पिछले 24 घंटों के दौरान 730 संक्रमित स्वस्थ होकर अपने घर जा चुके हैं। राज्य में अब तक 2,43,985 संक्रमित स्वस्थ हो चुके हैं। राज्य में कोरोना संक्रमित लोगों का रिकवरी रेट 97.42 फीसदी तक पहुंच गया है।
बिहार में कोविड-19 के फिलहाल 5,085 सक्रिय मरीज हैं। पिछले 24 घंटे के दौरान राज्य में 1,02,055 नमूनों की जांच हुई है।
राज्य में पिछले 24 घंटों के दौरान 6 संक्रमितों की मौत हुई है। राज्य में अब तक 1,379 संक्रमितों की मौत हो चुकी है। पटना जिले में शनिवार को 196 मामले सामने आए हैं। पटना में अब तक कुल 47,918 संक्रमितों की पहचान हो चुकी है, जिसमें से 45,490 स्वस्थ हो चुके हैं। (आईएएनएस)
बेंगलुरु, 26 दिसंबर | कर्नाटक के स्वास्थ्य मंत्री के. सुधाकर ने शनिवार को कहा कि 25 नवंबर से अब तक ब्रिटेन से लौटे 2,500 यात्रियों में से 14 कोरोना पॉजिटिव पाए गए। उनके नमूने जीनोम सीक्वेंसिंग जांच के लिए भेजे गए हैं, ताकि कोरोना की नई किस्म का पता लगाया जा सके। सुधाकर ने पत्रकारों को बताया कि स्वास्थ्य विभाग ने 22 दिसंबर तक 2,500 यात्रियों में से 1,638 लोगों की जांच की है।
उन्होंने कहा, "1,638 में से 14 यात्री पॉजिटिव पाए गए हैं। पॉजिटिव लोगों के सैंपल को जीनोम सीक्वेंसिंग टेस्ट के लिए नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ मेंटल हेल्थ एंड न्यूरो-साइंसेज (निमहंस) को भेजा गया है। निमहंस इन परीक्षणों का संचालन करने के लिए स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा चुने गए 10 संस्थानों में से एक है। निमहंस के साथ, बेंगलुरु में नेशनल सेंटर फॉर बायोलॉजिकल साइंसेज (एनसीबीएस) भी परीक्षण कर सकता है।"
सुधाकर ने कहा कि जीनोम सीक्वेंसिंग टेस्ट की रिपोर्ट आने में कम से कम तीन से चार दिनों की प्रक्रिया है।
उन्होंने कहा, "ब्रिटेन में पाए गए नए स्ट्रेन का पता चलाने के लिए 14 पॉजिटिव सैंपलों की जांच हो रही है। जीनोम सीक्वेंसिंग टेस्ट में कुछ समय लग रहा है।" (आईएएनएस)
नई दिल्ली, 26 दिसम्बर | कृषि कानून के मसले पर दिल्ली की सीमाओं पर किसानों द्वारा प्रदर्शन जारी है। ऐसे में किसान नेताओं की तरफ से कहा गया है कि, "हम सरकार के साथ बातचीत करने के तैयार हैं, वहीं किसानों के प्रतिनिधियों और भारत सरकार के बीच अगली बैठक 29 दिसंबर 2020 को सुबह 11 बजे आयोजित की जाय।" हालांकि इस बैठक के लिए किसानों द्वारा कुछ मुद्दे भी तय किये गए हैं। दरअसल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को किसानों को संबोधित किया था। ठीक एक दिन बाद यानी शनिवार को सिंघु बॉर्डर पर किसान नेताओं की शनिवार को एक महत्वपूर्ण बैठक हुई, इस बैठक में किसानों की अगली रणनीति क्या होगी, इस पर विचार विमर्श किया गया। वहीं शाम साढ़े 5 बजे किसान संगठनों के नेताओं ने प्रेस वार्ता आयोजित की, जिसमें भविष्य की रणनीतियों के बारे में जिक्र किया गया।
संयुक्त किसान मोर्चा की ओर से किसान नेताओं ने लिखा है कि, केंद्र सरकार के 24 दिसंबर 2020 को मिले पत्र के जवाब में किसानों की ओर से चिठ्ठी भेजी जा रही है और इस चिट्ठी में लिखा गया है कि, "अफसोस है कि इस चिठ्ठी में भी सरकार ने पिछली बैठकों के तथ्यों को छिपाकर जनता को गुमराह करने की कोशिश की है। हमने हर वार्ता में हमेशा तीन केंद्रीय कृषि कानूनों को निरस्त करने की मांग की। सरकार ने इसे तोड़ मरोड़ कर ऐसे पेश किया, मानो हमने इन कानूनों में संशोधन की मांग की थी।"
इन्होंने कहा कि, "हमने पहली बातचीत से ही लगातार एमएसपी का मुद्दा उठाया, लेकिन सरकार ऐसे दिखाती है मानो हम इस मुद्दे को पहली बार उठा रहे हैं। आप अपनी चिठ्ठी में कहते हैं कि सरकार किसानों की बात को आदरपूर्वक सुनना चाहती है। अगर आप सचमुच ऐसा चाहते हैं तो सबसे पहले वार्ता में हमने क्या मुद्दे कैसे उठाए हैं, इसके बारे में गलतबयानी ना करें और पूरे सरकारी तंत्र का इस्तेमाल कर किसानों के खिलाफ दुष्प्रचार बंद करें।"
चिट्ठी में आगे लिखा गया है कि, "सरकार किसानों की सुविधा के समय और किसानों द्वारा चुने मुद्दों पर वार्ता करने को तैयार हैं, इसलिए हम संयुक्त किसान मोर्चा की ओर से सभी संगठनों से बातचीत कर निम्नलिखित प्रस्ताव रख रहे हैं और हमारा प्रस्ताव है कि किसानों के प्रतिनिधियों और भारत सरकार के बीच अगली बैठक 29 दिसंबर 2020 को सुबह 11 बजे आयोजित की जाय।"
किसानों द्वारा बैठक का एजेंडा भी तय कर लिया गया है। इस एजेंडे के अनुसार 4 बिंदुओं को किसानों ने रखा है जिसमें पहला, तीनों कृषि कानूनों को रद्द/निरस्त करने के लिए अपनाए जाने वाली क्रियाविधि। वहीं दूसरा सभी किसानों और कृषि वस्तुओं के लिए राष्ट्रीय किसान आयोग द्वारा सुझाए लाभदायक एमएसपी पर खरीद की कानूनी गारंटी देने की प्रक्रिया और प्रावधान हों।
तीसरा राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र और आसपास के क्षेत्रों में वायु गुणवत्ता प्रबंधन के लिए आयोग अध्यादेश, 2020 में ऐसे संशोधन जो अध्यादेश के दंड प्रावधानों से किसानों को बाहर करने के लिए जरूरी हैं। चौथा किसानों के हितों की रक्षा के लिए 'विद्युत संशोधन विधेयक 2020' के मसौदे में जरूरी बदलाव।
इस प्रेस वार्ता में किसान नेताओं ने कहा कि, "हम फिर दोहराना चाहते हैं कि किसान संगठन खुले मन से वार्ता करने के लिए हमेशा तैयार रहे है और रहेंगे।"
हालांकि इस दौरान किसान नेताओं द्वारा कहा गया कि, "27 और 28 दिसंबर को गुरुगोबिंद जी के छोटे साहब जादे के शहादत के उर्स को सभी बॉर्डरों पर मनाया जाएगा। वहीं 30 दिसंबर को एक बॉर्डर से दूसरे बॉर्डर तक ट्रैक्टर मार्च करेंगे। साथ ही 1 जनवरी को दिल्ली और आसपास के लोगों से अपील करते हैं कि आप हमारे साथ नया साल मनाएं और बॉर्डर पर चल रहे लंगर को आकर चखें।" (आईएएनएस)
गुवाहाटी, 26 दिसंबर | केंद्रीय गृहमंत्री और वरिष्ठ भाजपा नेता अमित शाह ने शनिवार को अपनी अपील दोहराई और आंदोलनकारी किसानों से उनकी चिंताओं को सुलझाने के लिए सरकार के साथ बातचीत करने का अनुरोध किया। शाह ने यहां अमिंगॉन परेड ग्राउंड में एक जनसभा को संबोधित करते हुए कहा, "मैं किसानों से अनुरोध करता हूं कि वे अपने मुद्दों को हल करने के लिए सरकार से बातचीत करें।"
लगभग 40 किसान संगठनों से जुड़े नेताओं के नेतृत्व में किसान 26 नवंबर से दिल्ली की सीमाओं पर डेरा डाले हुए हैं। वे सितंबर में लागू तीन कृषि कानूनों को निरस्त करने की मांग कर रहे हैं।
इन कानूनों में कृषि उत्पादन व्यापार और वाणिज्य (संवर्धन और सुविधा) अध्यादेश, 2020, आवश्यक वस्तु अधिनियम 1955 में संशोधन और मूल्य आश्वासन पर किसान (संरक्षण एवं सशक्तीकरण) समझौता एवं कृषि सेवा अध्यादेश शामिल हैं, जिनका किसान विरोध कर रहे हैं।
गृहमंत्री ने कहा कि असम में 16 लाख किसानों को प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि (पीएम-किसान) के तहत वित्तीय लाभ मिलता है और वित्तीय सहायता सीधे उनके बैंक खातों में जमा हो जाती है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा पिछले साल फरवरी में किसान परिवारों को आय सहायता प्रदान करने के लिए पीएम-किसान योजना शुरू की गई थी।
इस योजना के तहत, लाभार्थियों के बैंक खातों में प्रत्येक वर्ष 6,000 रुपये ट्रांसफर किए जाते हैं। यह राशि तीन मासिक किस्तों में प्रत्येक किसान के खाते में सीधे भेजी जाती है।
शुक्रवार रात असम और मणिपुर की तीन दिवसीय यात्रा पर गुवाहाटी पहुंचे शाह ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी के नेतृत्व वाली असम सरकार ने 7.20 लाख चाय बागान श्रमिकों के बैंक खातों में सीधे वित्तीय सहायता राशि भेजी है। (आईएएनएस)
पटना, 26 दिसंबर | बिहार में अब किसानों से धान नहीं खरीदने वाली प्राथमिक साख सहयोग समितियों (पैक्सों) पर कार्रवाई करने का मन बना रही है। सरकार धान खरीदने में लापरवाह पैक्सों को 31 दिसंबर तक का समय देते हुए कहा कि धान नहीं खरीदने वाले पैक्सों और व्यापार मंडलों को काली सूची में डाला जाएगा। सहकारिता विभाग ने राज्य के सभी जिलाधिकरियों को पत्र भेजकर ऐसे पैक्सों की पहचानकर कार्रवाई करने का निर्देश दिया है। पत्र में सपष्ट कहा गया है कि धान की खरीद नहीं करने वाले पैक्स और व्यापार मंडलों को न केवल काली सूची में डाल दिया जाए, बल्कि भविष्य में भी उन्हें खरीद से अलग रखा जाए।
सूत्रों का कहना है कि राज्य में ऐसे कम से कम छह जिले ऐसे हैं, जहां कई पैक्स धान खरीदी में स्िरकय नजर नहीं आ रहे हैं।
उल्लेखनीय है कि बिहार में एपीएमसी एक्ट साल 2006 में समाप्त हुआ और उसके बाद से सरकार ने अनाज खरीद के लिए पैक्स और व्यापार मंडल को मजबूत किया गया।
पैक्स बिहार में ग्राम पंचायत और प्रखंड स्तर पर काम करने वाला सहकारी संगठन है। राज्य में धान या अन्य अनाजों की खरीद करने वाली मुख्य एजेंसी यही है।
इधर, कई इलाकों से विभाग को शिकायत मिल रही है कि किसानों की उपज की खरीददारी प्रारंभ नहीं हुई है, जिस कारण किसानों के धान 1100 रुपये प्रति क्विंटल की दर से व्यापारी खरीद रहे हैं। (आईएएनएस)
नई दिल्ली, 26 दिसम्बर | अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के छियासठवें राष्ट्रीय अधिवेशन का नागपुर में उद्घाटन राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरकार्यवाह भैयाजी जोशी ने किया। कोरोनावायरस के संक्रमण की परिस्थितियों में इस वर्ष अधिवेशन में अभाविप की विभिन्न इकाइयों के कार्यकर्ता वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से अधिवेशन में भाग ले रहे हैं। दिल्ली में 22 स्थानों पर हो रहे इस कार्यक्रम की वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग में डीयू, जेएनयू सहित विभिन्न शैक्षणिक संस्थानों के छात्र भाग ले रहे हैं। जबकि देशभर में 4000 स्थानों पर हो रही वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग तथा स्क्रीनिंग में लगभग डेढ़ लाख की संख्या में छात्र, प्रोफेसर तथा सामाजिक कार्यकर्ता इस अधिवेशन में भाग ले रहे हैं।
दिल्ली में अलग-अलग स्थानों पर आयोजित हो रहे अधिवेशन कार्यक्रमों का उद्घाटन अलग-अलग सामाजिक कार्यकर्ताओं तथा प्रोफेसरों आदि गणमान्य नागरिकों के द्वारा किया गया। प्रमुख रूप से डीयू के शहीद राजगुरु सिंह कॉलेज की प्राचार्या पायल मग्गो, पूर्व डूसू अध्यक्ष विकास दहिया, पूर्व जेएनयूएसयू उपाध्यक्ष गोविंद मिश्र उपस्थित रहे।
अभाविप दिल्ली के प्रदेश अध्यक्ष डॉ. अभिषेक टंडन ने कहा, "हमने अधिवेशन के जरिए प्रत्येक वर्ष होने वाले संवाद को इस वर्ष भी तकनीकी माध्यम से जारी रखा है। अधिवेशन में दिल्ली से सैकड़ों छात्रों ने आभासी माध्यमों से सहभागिता कर शिक्षा, वर्तमान की परिस्थितियों पर सार्थक संवाद किया। वर्तमान समय में मुख्यतया कोरोनावायरस सहित विभिन्न कारणों से नई परिस्थितियों का उदय हुआ है, शिक्षा का पूरा क्षेत्र कई महीनों से ऑनलाइन माध्यमों से संचालित हो रहा है। ऐसे में शिक्षा क्षेत्र का अग्रणी छात्र संगठन होने के नाते हमने नए अवसरों तथा परिस्थितियों के बारे में सार्थक संवाद किया। इस कार्यक्रम के माध्यम से छात्रों को पारम्परिक तथा आधुनिक ज्ञान के समन्वय से आगे बढ़ने की प्रेरणा मिली, हम आशा करते हैं कि शिक्षा क्षेत्र में बदली परिस्थितियों में स्वयं को व्यवस्थित कर वर्तमान पीढ़ी देश को आगे ले जाएगी।" (आईएएनएस)
जयपुर, 26 दिसंबर | शिरोमणि अकाली दल के बाद, एनडीए के एक और सहयोगी राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी (आरएलपी) ने शनिवार को राष्ट्रीय लोकतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) के साथ अपने गठबंधन को तोड़ने की आधिकारिक घोषणा की। पार्टी ने यह फैसला विवादास्पद कृषि कानूनों को वापस लेने की मांग पूरी नहीं किए जाने की वजह से किया है। आरएलपी के संयोजक और राजस्थान के नागौर से सांसद हनुमान बेनीवाल ने हजारों किसानों की उपस्थिति में अलवर जिले में शाहजहांपुर-खेड़ा सीमा पर अपनी पार्टी के एनडीए से अलग होने की घोषणा की।
किसानों को संबोधित करते हुए, उन्होंने कहा, "भाजपा के साथ आरएलपी का गठबंधन शनिवार को समाप्त हो गया है।"
इससे पहले 19 दिसंबर को बेनीवाल ने किसानों के आंदोलन के समर्थन में संसद की तीन समितियों से इस्तीफा दे दिया था। (आईएएनएस)
नवनीत मिश्र
नई दिल्ली, 26 दिसंबर | महात्मा गांधी को सबसे बड़े हिंदू देशभक्त के रूप में चित्रित करने वाली पुस्तक का नए साल के पहले दिन राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरसंघचालक मोहन भागवत विमोचन करेंगे। एक जनवरी को महात्मा गांधी के समाधिस्थल राजघाट पर 'मेकिंग ऑफ ए हिंदू पैट्रियट' नामक इस किताब के विमोचन समारोह में मोदी सरकार के मंत्री प्रहलाद पटेल और वी मुरलीधरन भी हिस्सा लेंगे। आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत ने इसी साल फरवरी में शिक्षाविद जगमोहन राजपूत की किताब का विमोचन करते हुए गांधी के सपनों का भारत बनाने की अपील की थी। मोहन भागवत ने कहा था, "गांधी जी ने कई बार स्वयं को कट्टर सनातनी हिंदू बताया था। उन्हें कभी स्वयं के हिंदू होने पर लज्जा नहीं हुई। महात्मा गांधी के सपनों का भारत बनाने की दिशा में आरएसएस के सरसंघचालक की अपील की कड़ी में इस किताब के विमोचन के काफी मायने हैं।"
किताब को जेके बजाज और प्रो. एमडी श्रीनिवास ने मिलकर लिखा है। जेके बजाज, सेंटर फॉर पॉलिसी स्टडीज के संस्थापक निदेशक और इंडियन काउंसिल आफ सोशल साइंस रिसर्च के मेंबर के साथ ओबीसी जातियों के उपवर्गीकरण करने के लिए केंद्र सरकार की ओर से गठित आयोग के सदस्य भी हैं। वहीं दूसरे लेखक प्रो. एमडी श्रीनिवास सेंटर फॉर पॉलिसी स्टडीज के संस्थापक अध्यक्ष हैं।
किताब के लेखक जेके बजाज ने आईएएनएस को बताया, "गांधी जी जन्मजात हिंदू थे, लेकिन दक्षिण अफ्रीका के संघर्ष के दिनों में वह प्रखर हिंदू बनकर निकले। हिंदू होना क्या होता है? यह उन्होंने दक्षिण अफ्रीका में संघर्षो के दौरान जाना। गांधी जी खुलकर कहते थे- मेरी देशभक्ति बढ़ती जा रही है और यह देशभक्ति मेरे धर्म से निकलती है।"
लेखक जेके बजाज ने बताया कि, "दक्षिण अफ्रीका में रहने के दौरान इसाई और मुस्लिम मित्रों ने जब धर्मातरण कराने की कोशिश की तो महात्मा गांधी ने इनकार कर दिया था। इस दौरान उन्होंने सनातन हिंदू धर्म के बारे में गहन अध्ययन शुरू किया। जिससे उनकी हिंदू पहचान और प्रखर हुई।"
'मेकिंग ऑफ ए हिंदू पैट्रियट' नामक किताब में गांधी के 'हिंद स्वराज' की पृष्ठिभूमि की जानकारी दी गई है। गांधी जी के व्यक्तित्व के विकास और उनके दक्षिण अफ्रीका में रहने के दौरान चलाए अभियानों से लेकर कई रोचक जानकारियां हैं। पुस्तक में 11 सितंबर 1906 को जोहांसबर्ग के एंपायर थियेटर में आयोजित ऐतिहासिक बैठक में गांधी के 'सत्याग्रह' के जन्म की कहानी का भी वर्णन है। 'द साउथ अफ्रीकन जेल डायरी' नामक अध्याय में महात्मा गांधी और उनके समर्थकों के सत्याग्रह की खोज में जेल में मिली यातनाओं की दास्तान भी है।
इस किताब में महान रूसी लेखक और दार्शनिक लियो टॉलस्टॉय और महात्मा गांधी के बीच हुए पत्राचार का भी वर्णन है। किताब में कहा गया है कि यह लियो टॉलस्टॉय ही थे, जिन्होंने सबसे पहले महात्मा गांधी को हिंदू पैट्रियट(हिंदू देशभक्त) की उपाधि दी थी। किताब में लियो टॉलस्टॉय के बारे में कहा गया है कि वह गांधी की 'हिंदू देशभक्ति' को छोड़कर अन्य सभी बातों के प्रशंसक थे। इस किताब में गांधी जी के दक्षिण अफ्रीका से आने के दौरान जुलाई 1914 में हुई दो फेयरवेल मीटिंग के बारे में भी जानकारी है, जिसमें उन्हें देशभक्त महात्मा की उपाधि मिली थी। (आईएएनएस)
रांची, 26 दिसम्बर | झारखंड के गुमला जिले में पांच संदिग्ध नक्सलियों को गिरफ्तार किया गया है और उनके पास से हथियार व गोला-बारूद बरामद किए गए हैं। पुलिस ने यह जानकारी दी। खुफिया जानकारी के अनुसार, एक पुलिस टीम बिशुनपुर पुलिस स्टेशन के अंतर्गत तिर्तिया प्रस्तुती समिति(टीपीसी) के नक्सलियों को गिरफ्तार करने गई थी। उसी समय नौ छापामारों के एक समूह ने पुलिस पर दो बम फेंके और भागने की कोशिश करने लगे। हालांकि पीछा करके इनमें से पांच को गिरफ्तार कर लिया गया।
पुलिस ने इनके पास से एक राइफल, एक डबल-बैरल बंदूक, एक देसी कट्टा, एक एयर गन, कारतूस और डेटोनेटर्स बरामद किए। इनकी पहचान प्रभात मुंडा ऊर्फ राकेश, अमित उरांव ऊर्फ अमित भगत, इंद्र कुमार गोप, दिलीप ऊरांव और राहुल महली के रूप में हुई है।
पुलिस को सूचना मिली थी की गिरफ्तार नक्सली व्यापारियों से पैसे उगाहने के काम में लिप्त था।
नक्सली राज्य के 24 में से 18 जिलों में सक्रिय हैं। (आईएएनएस)
नई दिल्ली, 26 दिसम्बर | व्यापारियों के संगठन कंफेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया (कैट) ने वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण से मांग की है कि एक जनवरी, 2021 को लागू होने वाले वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) में 'नियम 86-बी' के कार्यान्वयन को स्थगित करने का आग्रह किया है। शुक्रवार को वित्त मंत्री को लिखे पत्र में व्यापारियों के निकाय ने अपनी चिंता जाहिर की है।
दरअसल इस नियम के तहत हर महीने 50 लाख से अधिक के टर्नओवर वाले कारोबारियों को जीएसटी देनदारी का कम से कम एक प्रतिशत नकद में जमा कराने का प्रावधान किया गया है, जिस पर व्यापारियों के संगठन को आपत्ति है।
कैट ने इस प्रावधान को उत्पादकता को बुरी तरह प्रभावित करने वाला बताया है। संगठन ने कहा है कि इस कदम से व्यापारियों पर अधिक वित्तीय दायित्व का बोझ पड़ेगा।
व्यापारिक संगठन ने वित्त मंत्री से नियम 86-बी को लागू करने के फैसले को तत्काल प्रभाव से स्थगित करने का अनुरोध किया है, जिसे अगले साल एक जनवरी से लागू किया जाना है।
इसके अलावा कैट ने वित्त मंत्री से जीएसटी फाइल करने और इनकम टैक्स ऑडिट रिटर्न की समयसीमा 31 दिसंबर 2020 से बढ़ाकर 31 मार्च 2021 किए जाने की मांग की है।
कैट के महासचिव प्रवीण खंडेलवाल ने कहा कि किसी भी कर कानून को वर्ष के बीच की अवधि के दौरान बार-बार संशोधित करने के बजाय वित्तीय वर्ष की शुरूआत से ही लागू किया जाना चाहिए। (आईएएनएस)
प्रमोद कुमार झा
दिल्ली, 26 दिसंबर | कोरोना महामारी से मिली आर्थिक चुनौतियों से निपटने में भारत की अर्थव्यवस्था की धुरी कृषि का क्षेत्र और अन्नदाता किसानों की उपयोगिता का अहसास पूरे देश को हुआ और केंद्र सरकार ने कृषि क्षेत्र में आमूलचूल सुधार लाने के लिए साल 2020 में तीन कृषि कानून लागू किए। मगर, किसानों को ये मोदी सरकार द्वारा लाए गए कानून मंजूर नहीं है और वे इसके खिलाफ सड़कों पर हैं। साल के आखिर में अब कृषि सुधार पर किसान और सरकार के बीच जारी तकरार के समाधान का इंतजार है।
साल 2020 के आरंभ में ही कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय के बजटीय आबंटन में पिछले साल के मुकाबले करीब 30 फीसदी की बढ़ोतरी करके केंद्र सरकार ने यह संकेत दे दिया था कि मोदी-2.0 में भी कृषि और संबद्ध क्षेत्र पर सरकार का मुख्य फोकस रहेगा।
कोरोना महामारी के संकट के बावजूद मोदी सरकार ने अपनी प्रतिबद्धता दिखाते हुए कृषि क्षेत्र के तमाम कार्यक्रमों को जारी रखते हुए ऐतिहासिक नीतिगत सुधार को अंजाम दिया। कोरोना काल में तीन अहम अध्यादेश के माध्यम से कृषि और संबद्ध क्षेत्र में सुधार के बयार लाने के लिए नये कानून लागू किए गए। हालांकि इन कानूनों को लेकर देश में विरोध उसी समय शुरू हो गया था। लेकिन संसद के मानसून सत्र में जब इन अध्यादेशों के एवज में तीन विधेयक लाए गए तो तमाम विपक्षी दलों ने इनका विरोध किया। राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) का एक पुराना सहयोगी शिरोमणि अकाली दल (शिअद) ने सरकार का साथ छोड़ दिया। इसके बाद से सुधार के इन तीनों कानूनों पर लगातार रार जारी है और बीते एक महीने से देश की राजधानी दिल्ली की सीमाओं पर किसान आंदोलनरत हैं।
नये कृषि कानूनों का विरोध हालांकि जून में अध्यादेशों की अधिघोषणा के बाद से ही शुरू हो गया था, लेकिन शुरूआत में मंडियों के व्यापारी और आढ़ती इनके खिलाफ थे, क्योंकि नये कानून से राज्यों में कृषि उपज विपणन समिति (एपीएमसी) द्वारा संचालित मंडियों के भविष्य को लेकर चिंता पैदा हो गई थी। पंजाब और हरियाणा में जहां देश में सबसे सशक्त एपीएमसी मंडी व्यवस्था है, वहां के किसान भी इसके विरोध में आ गए क्योंकि उन्हें मंडियां समाप्त होने से फसलों का न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) नहीं मिलने का खतरा दिखने लगा। पंजाब में अगस्त में किसानों का आंदोलन धीरे-धीरे जोर पकड़ने लगा। केंद्र सरकार द्वारा लागू कानून के खिलाफ किसानों के लामबंद होने से इस ओर राजनीतिक दल भी आकृष्ट होने लगे और संसद के मानसून सत्र में जब विधेयक पेश किए गए तो दोनों सदनों में विपक्षी दलों ने विधेयकों में खामियां गिनाकर इनका पुरजोर विरोध किया। शिअद कोटे से कैबिनेट मंत्री हरसिमरन कौर बादल ने खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्री पद से इस्तीफा दे दिया। विपक्षी दलों के कुछ सांसदों ने विधेयकों को पारित करने से पहले संसदीय समिति के पास भेजने की मांग की तो कुछ सांसदों ने संशोधन के सुझाव दिए। हालांकि उनकी मांगों को नजरंदाज करते हुए तीनों विधेयक दोनों सदनों में पारित करवाने के बाद केंद्र सरकार ने इन्हें लागू कर दिए।
केंद्र सरकार द्वारा कृषक उपज व्यापार और वाणिज्य (संवर्धन और सुविधा) कानून 2020, कृषक (सशक्तीकरण एवं संरक्षण) कीमत आश्वासन और कृषि सेवा करार कानून 2020 और आवश्यक वस्तु (संशोधन) कानून 2020 के रूप सितंबर में लागू होने के बाद पंजाब, हरियाणा और पश्चिमी उत्तर प्रदेश के कई किसान संगठन इसके विरोध में किसानों को लामबंद करने लगे और अक्टूबर में पंजाब में किसानों का प्रदर्शन काफी तेज हो गया।
इस विरोध प्रदर्शन को देखते हुए केंद्र सरकार ने किसान संगठनों को बातचीत के लिए बुलाया और 14 अक्टूबर को कृषि सचिव ने किसान नेताओं से बातचीत की जोकि केंद्र सरकार से किसानों की पहली वार्ता थी। मगर वार्ता का कोई नतीजा नहीं निकला क्योंकि किसानों ने तीनों कानूनों को रद्द करने की मांग की। किसानों ने तीनों कानूनों का निरस्त करने के साथ-साथ एमएसपी पर फसलों की खरीद की गारंटी के लिए एक नया कानून बनाने की मांग की। उनकी मांगों की फेहरिस्त हालांकि और लंबी है। किसान पराली दहन से संबंधित अध्यादेश में किए गए भारी दंड व जुर्माना को वापस लेने के साथ-साथ बिजली संशोधन विधेयक 2020 को वापस लेने की भी मांग कर रहे हैं।
किसानों ने अपनी मांगों को लेकर आंदोलन तेज कर दिया। पंजाब में रेल सेवा ठप हो गई। इसके बाद किसान संगठनों को मंत्री स्तर की वार्ता के लिए बुलाया गया।
केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर, रेलमंत्री पीयूष गोयल और केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग राज्यमंत्री सोम प्रकाश के साथ 13 नवंबर को यहां विज्ञान-भवन में किसान नेताओं के साथ हुई वार्ता भी बेनतीजा रही और आगे वार्ता जारी रखने पर सहमति बनी। लेकिन किसानों ने 26 नवंबर को दिल्ली चलो का एलान कर दिया। पंजाब और हरियाणा के साथ-साथ पश्चिमी उत्तर प्रदेश के किसान तय कार्यक्रम के अनुसार दिल्ली की सीमाओं पर पहुंचे और तब से वे सिंघु बॉर्डर, टिकरी बॉर्डर, गाजीपुर बॉर्डर व अन्य जगहों पर डेरा डाले हुए हैं। हालांकि सरकार ने उन्हें पहले तीन दिसंबर को फिर वार्ता के लिए आमंत्रित किया था। मगर, किसानों के आंदोलन को देखते हुए उन्हें एक दिसंबर को ही बुलाया गया और विज्ञान भवन में आयोजित मंत्री स्तरीय यह वार्ता भी बेनतीजा रही क्योंकि किसान संगठनों के नेता तीनों कानूनों का निरस्त करवाने की अपनी मांग पर कायम रहे।
आगे फिर तीन दिसंबर और पांच दिसंबर को किसान नेताओं के साथ हुई मंत्री स्तरीय वार्ताएं भी विफल रहीं। हालांकि छठे दौर की वार्ता जारी रखने के लिए नौ दिसंबर की तारीख तय हुई मगर इससे पहले आठ दिसंबर को केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने कुछ किसान नेताओं की एक कमेटी के साथ मुलाकात की जिसमें यह तय हुआ है कि सरकार उन्हें किसानों की समस्याओं के समाधान को लेकर प्रस्ताव भेजेगी और उस पर उनकी सहमति के बाद आगे की वार्ता की जाएगी। इसके बाद से लगातार अगले दौर की वार्ता के लिए दोनों तरफ से हो रहे पत्राचार में कहा जा रहा है कि वे मसले के समाधान के लिए वार्ता करने को तैयार हैं। मगर वार्ता की तारीख व समय तय नहीं हुआ है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 25 दिसंबर को एक कार्यक्रम में किसानों को संबोधित करते हुए कहा कि वह उनके विश्वास पर कोई आंच नहीं आने देंगे। प्रधानमंत्री ने आंदोलनरत किसानों से किसी के बहकावे में नहीं आने की हिदायत देते हुए तर्क और तथ्य के आधार पर विचार करने की अपील की है।
वित्त वर्ष 2020-21 के बजट में कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय के लिए 1,42,762 करोड़ रुपये बजट का प्रावधान किया गया जोकि पिछले वित्त वर्ष में की तुलना में 30 फीसदी अधिक है। (आईएएनएस)
पणजी, 26 दिसंबर | गोवा स्थित नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ ओशनोलॉजी ने नई दिल्ली स्थित नेशनल प्रोडक्टिविटी काउंसिल (एनपीसी) के साथ संयुक्त रूप से जलवायु परिवर्तन, पर्यावरण से संबंधित डेटा विश्लेषिकी, तेल संयोजन के क्षेत्र में और नवीकरणीय ऊर्जा क्षेत्र में काम करने के लिए एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए हैं। यह जानकारी शनिवार को दी गई। बयान में कहा गया, "इस समझौता ज्ञापन का उद्देश्य मुख्य रूप से पर्यावरण प्रबंधन, तटीय क्षेत्रों और कम्यूनिटीज, महासागरीय डेटा विश्लेषण, पर्यावरणीय प्रभाव अध्ययन और उपचारात्मक और शमन उपायों की पहचान करने और नीति अनुसंधान में योगदान के अलावा पर्यावरणीय प्रभाव की भविष्यवाणी करने के लिए मॉडलिंग करना है।"
वैज्ञानिक और औद्योगिक अनुसंधान परिषद के तत्वावधान में कार्य करने वाला एनआईओ और उद्योग और आंतरिक व्यापार को बढ़ावा देने के लिए केंद्र सरकार के विभाग की एक शाखा एनपीसी देश की नदियों, समुद्रों और अन्य समुद्री निकायों में मैक्रो और माइक्रोप्लास्टिक्स के मूल्यांकन पर भी ध्यान केंद्रित करेगा।
दोनों संगठन संयुक्त रूप से महासागरीय मॉडलिंग और डेटा विश्लेषण पर्यावरणीय कारकों और प्रदूषकों से संबंधित और तटीय नियामक क्षेत्र, समुद्री पर्यावरण और पूवार्नुमान में संबंधित प्रभाव का आकलन करेंगे। (आईएएनएस)
नई दिल्ली, 26 दिसंबर | सरकार डिजिटल मोड का उपयोग करके ऑनलाइन आवेदन करने वाले निवेशकों को अपनी आगामी गोल्ड बॉन्ड योजना में छूट देगी। इसी क्रम में, केंद्र, भारतीय रिजर्व बैंक के साथ परामर्श के साथ ही सदस्यता के लिए डिजिटल माध्यम का उपयोग करने वाले निवेशकों को इश्यू प्राइस से 50 रुपये प्रति ग्राम की छूट देगा।
28 दिसंबर को खुलने वाली स्कीम में बॉन्ड का इश्यू प्राइस 5,000 रुपये प्रति ग्राम है। लेकिन छूट पाने वाले निवेशकों को 4,950 रुपये में बॉन्ड की सदस्यता लेने की अनुमति होगी। (आईएएनएस)
लखनऊ, 26 दिसम्बर | उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने राज्य में धान व गन्ना क्रय केंद्र के साथ गौ आश्रय स्थलों की निगरानी करने के वरिष्ठ अफसरों को निर्देश दिए हैं। मुख्यमंत्री यहां लोक भवन में एक उच्चस्तरीय बैठक में विभिन्न विभागों के कार्यो की समीक्षा कर रहे थे। उन्होंने कहा कि नोडल अधिकारी जनपद में जाकर धान तथा गन्ना क्रय केंद्रों और गोआश्रय का निरीक्षण करने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा है कि नोडल अधिकारीगण सम्बन्धित जनपद के गोआश्रय स्थलों की व्यवस्थाओं को देखें तथा विशेष वरासत अभियान के कार्यो का अनुश्रवण करें। उन्होंने नोडल अधिकारियों को किसानों से संवाद करने के निर्देश भी दिए हैं।
उन्होंने कहा कि नोडल अधिकारी जनपद स्तर पर विद्युत आपूर्ति व्यवस्था तथा किसानों को उपलब्ध कराई जा रही सिंचाई सुविधा की समीक्षा करें। उन्होंने निर्देश दिए कि नोडल अधिकारी भ्रमण के पश्चात आगामी मंगलवार की सांयकाल तक अपनी रिपोर्ट शासन को उपलब्ध कराएं।
योगी ने धान खरीद कार्य को पूरी सक्रियता से संचालित किए जाने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा है कि यह सुनिश्चित किया जाए कि धान क्रय केंद्रों पर अपनी उपज बेचने में किसानों को कोई असुविधा न हो। किसानों से धान की खरीद में कोई विलम्ब नहीं होना चाहिए तथा उन्हें उपज के मूल्य का भुगतान 72 घंटे के अन्दर सुनिश्चित किया जाना चाहिए।
मुख्यमंत्री ने कहा कि 24 से 26 जनवरी, 2021 तक उत्तर प्रदेश दिवस का आयोजन किया जाएगा। इस अवसर पर सम्पन्न किए जाने वाले विभिन्न कार्यक्रमों के सम्बन्ध में समय से सभी व्यवस्थाएं सुनिश्चित किए जाने के निर्देश देते हुए उन्होंने कहा कि अन्तर्विभागीय समन्वय के साथ उत्तर प्रदेश दिवस का आयोजन किया जाए।
योगी ने कहा कि माघ मेला एक महत्वपूर्ण आयोजन है। इसे प्रयागराज कुम्भ-2019 की भांति स्वच्छता, सुरक्षा एवं सुव्यवस्था के उच्च मापदण्डों के आधार पर आयोजित किया जाए। उन्होंने माघ मेले में आने वाले श्रद्धालुओं विशेषकर कल्पवासियों व साधु-संतों को सभी सुविधाएं उपलब्ध कराने के निर्देश दिए हैं। (आईएएनएस)
नई दिल्ली, 26 दिसंबर | आयकर विभाग ने उत्तर-पूर्वी भारत के तीन प्रमुख ठेकेदारों के खिलाफ सर्च और सर्वे की कार्रवाई की, जिससे अब तक लगभग 100 करोड़ रुपये की अघोषित आय का खुलासा हुआ है। इनमें से एक समूह हॉस्पिटैलिटी बिजनेस में है। तलाशी दिल्ली और असम के गुवाहाटी, सिलापाथर और पाठसाला में 14 स्थानों पर की गई।
तीनों समूहों पर इस गतिविधि में असुरक्षित ऋण और कोलकाता स्थित शेल कंपनियों के प्रयोग का आरोप है।
विभाग ने एक बयान में कहा कि तीनों समूहों ने कथित तौर पर शुद्ध लाभ को भी छुपाया और गुवाहाटी और कोलकाता से बाहर इंट्री ऑपरेटरों के माध्यम से व्यापार में बेहिसाब कमाई की।
तलाशी के दौरान, यह पता चला कि जिन शेल कंपनियों से ऋण/प्रीमियम लिया गया था, वे केवल कागज पर मौजूद थे और उनका कोई वास्तविक व्यवसाय नहीं था।
पूछताछ करने पर इंट्री ऑपरेटरों ने स्वीकार किया कि शेल कंपनियों से समूहों के लिए असुरक्षित ऋण / शेयर प्रीमियम वास्तविक नहीं थे।
अब तक, 9.79 लाख रुपये के गहने और 2.95 करोड़ रुपये नकद जब्त किए गए हैं। 2 करोड़ रुपये से अधिक के शेष आभूषणों के अधिग्रहण के स्रोतों का अभी सत्यापन होना बाकी है।
विभाग ने कहा कि सर्च और सर्वे अभियान के दौरान अब तक लगभग 100 करोड़ रुपये की अघोषित आय का खुलासा हुआ है। एक लॉकर भी मिला है, जिसे खोला जाना बाकी है। (आईएएनएस)
पटना, 26 दिसम्बर | बिहार में शनिवार को 103 नई नगर पंचायत और आठ नए नगर परिषद बनाए गए। बिहार मंत्रिमंडल की शनिवार को हुई बैठक में 103 नए नगर पंचायत और आठ नए नगर परिषद के गठन को मंजूरी दी गई। बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अध्यक्षता में मंत्रिमंडल की हुई बैठक में वहीं 32 नगर पंचायत को नगर परिषद में अपग्रेड करने के प्रस्ताव को भी मंजूरी दी गई तथा 12 नगर निकाय को अपग्रेड किया गया है। इसके अलावा पांच नगर परिषद को नगर निगम में भी परिवर्तित किया गया है।
बैठक में नगर परिषद, सासाराम, नगर परिषद, मोतिहारी सहित बेतिया, समस्तीपुर और मधुबनी नगर परिषद को नगर निगम में बदलने के प्रस्ताव को मंजूरी दी गई।
बैठक में जिन 103 नगर पंचायत बनाए जाने के प्रस्ताव की स्वीकृति दी गई है, उसमें पटना के पुनपन और पालीगंज तथा नालंदा जिले के हरनौत, सरमेरा, रहुई, परवलपुर, गिरियक, अस्थावां, एकंगरसराय व चंडी शामिल हैं।
32 नगर पंचायतों के नगर परिषद में बदलने वाले क्षेत्रों में नालंदा की राजगीर नगर पंचायत अब नगर परिषद में बदल जाएगी, जबकि भोजपुर का पीरो, रोहतास का नोखा, पूर्वी चंपारण का चकिया व रामनगर नगर पंचायत अब नगर परिषद होंगे।
उल्लेखनीय है कि अगले साल राज्य में पंचायत चुनाव प्रस्तावित हैं, जिसके लिए मतदाता सूची बनने का काम जारी है। (आईएएनएस)
तिरुवनंतपुरम, 26 दिसम्बर | केरल के पलक्कड़ में एक 27 वर्षीय व्यक्ति पर कथित तौर से कुल्हाड़ी और हंसिया से हमला करने के आरोप में पुलिस ने दो लोगों को ऑनर किलिंग के एक संदिग्ध मामले में गिरफ्तार किया गया है। इसकी जानकारी पुलिस ने शनिवार को दी। पुलिस ने प्रभुकुमार और सुरेश को हिरासत में ले लिया गया है और उनसे पुछताछ की जा रही है।
पुलिस ने बताया कि पीड़ित अनीश शुक्रवार रात अपने भाई अरुण के साथ मोटरसाइकिल पर था, जहां घात लगाए पहले से ही बैठे प्रभुकुमार और सुरेश ने रास्ते में उनपर हमला कर दिया, जहां अनीश की अस्पताल ले जाते समय मौत हो गई।
सूत्रों ने बताया कि तीन महीने पहले अनीश ने हरीथा से शादी की थी जो एक उच्च जाति से थी। उनका रिश्ता तब शुरू हुआ जब वे स्कूल में थे। इस रिस्ते से लड़की का परिवार कभी भी खुश नहीं था।
हालांकि, पुलिस ने कहा कि उन्हें अभी तक पता नहीं चल पाया है कि यह ऑनर किलिंग का मामला है या नहीं।
पलक्कड़ जिले के पुलिस प्रमुख सुजीतदास ने कहा कि पुलिस ने तब से कार्रवाई की है जब से अनीश के परिवार ने हरीथा के पिता और उसके चाचा के खिलाफ अनीश को धमकी देने के लिए शिकायत दर्ज की थी।
उन्होंने कहा कि स्थानीय पुलिस ने हरिता के माता-पिता को फोन किया और उन्हें चेतावनी दी कि वे कानून को अपने हाथ में न लें।
पुलिस प्रमुख ने कहा, "हमें अभी तक यह पता नहीं चला है कि यह ऑनर किलिंग का मामला है या नहीं और हरीथा, उसके रिश्तेदारों और अनीश के रिश्तेदारों और दोस्तों समेत सभी के बयानों के बाद ही इसकी पुष्टि की जा रही है।" (आईएएनएस)
गुरूग्राम, 26 दिसम्बर | दिल्ली में तीन कृषि कानूनों के खिलाफ चल रहे किसानों के आंदोलन के समर्थन में शनिवार तक हरियाणा-राजस्थान सीमा पर 2,000 से अधिक किसान एकत्रित हुए हैं। पुलिस ने इसकी जानकारी दी है। यहां किसानों की संख्या में हर दिन इजाफा होता जा रहा है, ऐसे में हरियाणा पुलिस ने राज्य में इन्हें प्रवेश करने से रोकने के लिए एक भारी पुलिस बल की तैनाती किया है।
मिली जानकारी के मुताबिक, हरियाणा-राजस्थान की सीमा पर आए हुए किसान अन्य किसान संगठनों के आने का इंतजार कर रहे हैं ताकि उनका विरोध और भी सशक्त हो सके।
एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने कहा, "राष्ट्रीय राजमार्ग-48 पर दिल्ली-गुरुग्राम सीमा और आसपास के क्षेत्रों जैसे बिलासपुर, पंचगांव, खेड़की दौला टोल, डूंडाहेड़ा-दिल्ली सीमा और हरियाणा-राजस्थान सीमा पर भारी पुलिस बल तैनात किया गया है।"
अधिकारी ने आगे बताया, "दिल्ली में जारी विरोध प्रदर्शनों में शामिल होने के लिए किसानों द्वारा राष्ट्रीय राजधानी की ओर कूच करने के निर्णय के मद्देनजर हमने राष्ट्रीय राजमार्ग में बड़ी संख्या में पुलिस कर्मियों की तैनाती की है। अब तक किसी भी किसान समूह या संगठन ने रेवाड़ी या राजस्थान के माध्यम से गुरुग्राम में प्रवेश किया है या नहीं, इसकी हमें कोई जानकारी नहीं है।"
इस बीच, दिल्ली-गुरुग्राम सीमा पर दिल्ली पुलिस राष्ट्रीय राजधानी में प्रवेश करने वाले संदिग्ध वाहनों की जांच कर रही है। उन्होंने कई जांच बिंदुओं पर बैरिकेड्स भी लगा रखे हैं।
इसके अलावा, गुरुग्राम पुलिस ने दावा किया है कि उनके द्वारा जिले में कानून व्यवस्था को बनाए रखने के लिए राष्ट्रीय राजमार्ग-48 पर विभिन्न बिंदुओं पर 1500 से अधिक पुलिस कर्मियों की तैनाती की गई है। (आईएएनएस)
श्रीनगर, 26 दिसम्बर | दक्षिण कश्मीर के शोपियां जिले में सुरक्षा बलों के साथ रात भर हुई मुठभेड़ में दो अज्ञात आतंकवादी मारे गए। इसकी जानकारी अधिकारियों ने शनिवार को दी। शुक्रवार को मुठभेड़ तब शुरू हुई, जब सुरक्षा बलों ने एक विशेष सूचना के आधार पर छिपे हुए आतंकवादियों के ठिकानों को चारों तरफ से घेर लिया।
जैसे ही सुरक्षा बलों ने ठिकाने का घेराव किया, वहां मौजूद आंतकवादियों ने ताबड़तोड़ गोलीबारी करना शुरू कर दी, जिससे दोनों पक्षों में मुठभेड़ शुरू हो गई।
पुलिस ने कहा कि इलाके में तलाशी अभियान जारी है। (आईएएनएस)
पटना, 26 दिसम्बर | राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के नेता और बिहार के पूर्व स्वास्थ्य मंत्री तेजप्रताप यादव ने शनिवार को भविष्यवाणाी करते हुए कहा कि बिहार में जल्द ही जनता दल (यूनाइटेड) का सफाया हो जाएगा। राजद अध्यक्ष लालू प्रसाद के पुत्र तेजप्रताप यादव ने कहा, "जदयू का अब सफाया तय है। अरूणाचल प्रदेश से इसकी शुरूआत हो गई है। बिहार में भी जल्द ही इसका सफाया हो जाएगा।"
उन्होंने आगे कहा कि जदयू खंडित हो चुका है, टूट चुका है। उन्होंने कहा कि बिहार में भी नीतीश सरकार का भविष्य सही नहीं है।
उल्लेखनीय है कि अरूणाचल प्रदेश में जदयू के सात विधायकों में से छह के भाजपा में शामिल होने के बाद विपक्ष भाजपा और जदयू पर निशाना साधा रहा है।
गौरतलब है कि राजद के नेता तेजस्वी यादव भी जदयू के टूट की संभावना जताते रहे हैं। (आईएएनएस)
बांदा, 26 दिसम्बर | उत्तर प्रदेश के बांदा जिले स्थित मरका थाना के दुबे पुरवा मऊ में अलाव की चिंगारी से मां समेत तीन बच्चों की जलकर मौत हो गई है। अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक महेन्द्र प्रताप चौहान ने बताया, "जिले के मरका थाना स्थित दुबे पुरवा का रहने वाला कल्लू राजस्थान के जयपुर में मजदूरी करता है। उसकी पत्नी अपने तीन बच्चों के साथ यहां रहती थी। ठंड के कारण आग अलाव में से निकली चिंगारी ने पूरे घर को खाक कर दिया। आग कैसे लगी। अन्य भी कारणों का जांच में पता लगाया जा रहा है।"
स्थानीय लोगों के अनुसार दुबे का पुरवा मजरा निवासी कल्लू के घर में ग्रामीणों ने आग की लपटें निकलते देखीं तो शोर मचाया। आग की भयावहता देखकर कोई पास जाने की हिम्मत नहीं जुटा सका। बाद में दरवाजा तोड़ा गया तो पूरा घर मलबे में तब्दील हो चुका था। हर तरफ केवल जला हुआ मलबा पड़ा था और धुआं उठ रहा था। सूचना मिलने पर पुलिस पहुंची और फायर ब्रिगेड भी पहुंची।
ग्रामीणों ने बताया कि अलाव की चिंगारी से कच्चे घर में लगी आग में मां व तीन मासूम बच्चों की जिंदा जलकर मौत हो गई। घर में भूसा भरे होने और लकड़ी की धन्नियां लगी होने से आग ने विकराल रूप ले लिया और किसी को बाहर निकलने तक का मौका नहीं मिला। आग की लपटें देखकर गांव वालों ने शोर मचाया लेकिन अंदर जाने की हिम्मत कोई नहीं जुटा पाया। पुलिस और फायर ब्रिगेड पहुंची और आग बुझाने के बाद मलबे से शवों को खोजकर बाहर निकाला। मौके पर प्रशासन मौजूद है।
एसडीएम ने बताया कि आग लगने की पहली वजह सर्दी से बचाव को रखे गए अलाव की चिंगारी प्रतीत हो रही है। जांच के बाद हकीकत सामने आएगी। (आईएएनएस)
विवेक त्रिपाठी
लखनऊ, 26 दिसम्बर | मौजूदा वित्तीय वर्ष में योगी सरकार का लक्ष्य 50 लाख युवाओं को रोजगार-स्वरोजगार उपलब्ध कराना है। इसके लिए सरकार ने 5 दिसम्बर से मिशन रोजगार की शुरुआत की है। इस क्रम में अब तक 21,75443 युवाओं को रोजगार मुहैया कराया जा चुका है। इसमें नियमित नियुक्तियों से लेकर आउटसोर्सिग, संविदा, निजी क्षेत्र, कौशल प्रशिक्षण और स्वरोजगार एवं मानव दिवस सृजन के जरिए उत्पन्न रोजगार एवं स्वरोजगार के अवसर शामिल हैं। प्रदेश सरकार के विभिन्न विभाग, विकास एवं औद्योगिक विकास प्राधिकरण, अलग-अलग आयोग,निगम,परिषद एवं बोर्ड, निजी क्षेत्र के संस्थान और कौशल प्रशिक्षण देने एवं स्वरोजगार में मदद करने वाले संस्थान ये अवसर उपलब्ध कराएंगे।
अब तक एमएसएमई ( सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम) ग्राम विकास, पंचायती राज, खेल, मत्स्य, व्यावसायिक शिक्षा एवं कौशल, श्रम, बेसिक शिक्षा और लोकनिर्माण विभाग ने रोजगार और मानव दिवस सृजित करने में उल्लेखनीय प्रगति की है।
अधिक से अधिक युवाओं को रोजगार और स्वरोजगार मिले इसके लिए सरकार अभियान चलाकर जिला स्तर पर जनप्रतिनिधियों की मौजूदगी में जागरूकता कार्यक्रम के साथ लाभार्थी परक कार्यक्रमों का आयोजन करेगी। अधिक से अधिक युवा इस अभियान से लाभान्वित हो इसके लिए इन कार्यक्रमों के पहले सूचना विभाग इनका व्यापक प्रचार-प्रसार सुनिश्चित करेगा।
स्थानीय स्तर पर कम पूंजी, न्यूनतम जोखिम और बुनियादी संरचना में सर्वाधिक रोजगार देने वाले एमएसएमई सेक्टर की इसमें महत्वपूर्ण भूमिका होगी। इस सेक्टर में अधिक से अधिक नई इकाइयां खुलें, पुरानी इकाइयां तकनीकी अपग्रेडेशन के जरिए अपनी उत्पादन क्षमता बढ़ाने के साथ अपने उत्पाद की गुणवत्ता बाजार की मांग के अनुरूप बेहतर कर सकें इसके लिए बैंकर्स से समन्वय कर अभियान चलाकर ऐसे उद्यमियों को लोन दे रहा है।
अपर मुख्य सचिव एमएसएमई नवनीत सहगल ने बताया कि मौजूदा वित्तीय वर्ष में 20 लाख नई और पुरानी इकाइयों को 75 हजार करोड़ रुपए ऋण देने का लक्ष्य है। अब तक 11 लाख से अधिक इकाइयों को करीब 30 हजार करोड़ रुपए के ऋण बांटे जा चुके हैं। अगर एक इकाई में औसत 4 से 5 लोगों को भी रोजगार मिले तो अकेले इसी सेक्टर में इस वित्तीय वर्ष में 80 लाख से एक करोड़ लोगों को रोजगार मिलेगा। (आईएएनएस)