नई दिल्ली, 1 दिसंबर | नये कृषि कानूनों के विरोध में सड़कों पर उतरे किसान संगठनों के प्रतिनिधि आज (मंगलवार) जब विज्ञान-भवन में केंद्रीय मंत्रियों के साथ बैठक करेंगे तो वे इन कानूनों से जुड़े मसलों के साथ-साथ कुछ अन्य मुद्दों पर भी चर्चा करेंगे। किसानों के मसलों को लेकर केंद्र सरकार से बातचीत करने के लिए प्रदर्शन स्थल से दिल्ली के लिए रवाना होने से पहले उन्होंने बताया कि वे किसानों से जुड़ी सभी समस्याओं पर सरकार से बात करना चाहते हैं। हालांकि उनका कहना है कि वार्ता के दौरान जो प्रमुख मसले रहेंगे उनमें तीनों नये कृषि कानूनों को वापस लेने के साथ-साथ एमएसपी की गारंटी की मांग शामिल हैं। इनके अलावा, पराली दहन अध्यादेश में किसानों पर जेल की सजा और भारी जुर्माना वापस लेना और बिजली सब्सिडी से जुड़े मसलों पर भी किसान बातचीत करना चाहते हैं।
किसान संगठन मोदी सरकार द्वारा लागू तीन नये कृषि कानून, कृषक उपज व्यापार और वाणिज्य (संवर्धन और सरलीकरण) कानून 2020, कृषक (सशक्तिकरण व संरक्षण) कीमत आश्वासन व कृषि सेवा पर करार कानून 2020 और आवश्यक वस्तु (संशोधन) अधिनियम 2020 को वापस लेने की मांग कर रहे हैं। उनका कहना है कि इन कानूनों का फायदा किसानों को नहीं, बल्कि कॉरपोरेट को होगा। केंद्रीय मंत्रियों के साथ मंगलवार को बैठक में इन तीनों कानूनों पर चर्चा होगी।
दूसरा बड़ा मसला न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) पर फसलों की खरीद की गारंटी का है। किसान चाहते हैं कि केंद्र सरकार उन्हें एमएसपी पर फसलों की खरीद की गारंटी दे।
तीसरा मसला पराली दहन से संबंधित है। केंद्र सरकार ने हाल ही में पराली दहन पर रोक लगाने के लिए एक अध्यादेश लाया है जिसमें नियमों का उल्लंघन करने पर पांच साल तक जेल की सजा या एक करोड़ रुपये तक जुर्माना या दोनों का प्रावधान है। किसान नेता इस अध्यादेश के मसले पर भी बातचीत करेंगे।
वहीं, चौथा अहम मुद्दा बिजली से संबंधित है। पंजाब में किसानों को ट्यूबवेल के लिए मुफ्त में बिजली मिलती है। उन्हें आशंका है कि सरकार द्वारा बिजली वितरण निजी हाथों में देने पर उन्हें यह छूट नहीं मिलेगी। इसलिए किसान नेता इस वार्ता के दौरान बिजली के मसले पर भी चर्चा करना चाहते हैं।
केंद्र सरकार द्वारा वार्ता के लिए आमंत्रित किसान संगठनों के नेता प्रदर्शन स्थल से विज्ञान भवन के लिए रवाना हो चुके हैं। जानकारी के अनुसार, किसान संगठनों के प्रतिनिधियों के साथ रक्षामंत्री राजनाथ सिंह की अगुवाई में वार्ता होगी जिसमें केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर और रेलमंत्री पीयूष गोयल भी मौजूद रहेंगे।
कृषि सचिव ने सोमवार को उन्हें एक पत्र भेजकर केंद्रीय मंत्रियों से बातचीत के लिए एक दिसंबर को आमंत्रित किया है। किसान संगठनों के प्रतिनिधियों को केंद्रीय मंत्रियों से वार्ता के लिए मंगलवार को दोपहर तीन बजे विज्ञान भवन बुलाया गया है। (आईएएनएस)
जम्मू, 1 दिसंबर | जम्मू-कश्मीर की जिला विकास परिषदों के दूसरे चरण के मतदान में मंगलवार को 43 निर्वाचन क्षेत्रों में सुबह 11 बजे तक 23.67 प्रतिशत मतदाताओं ने वोट डाले। इसमें कश्मीर डिवीजन के 25 और जम्मू डिवीजन के 18 निर्वाचन क्षेत्र शामिल हैं। राज्य निर्वाचन आयुक्त के आंकड़ों के अनुसार, कश्मीर डिवीजन में सुबह 11 बजे तक कुपवाड़ा में 16, बांदीपोरा में 39.89, बारामूला में 14.45, गांदरबल में 15.65, श्रीनगर में 18.26, बडगाम में 25.29, पुलवाग में 6.08, शोपियां में 3.95, कुलगाम में 14.37 और अनंतनाग में 11.56 प्रतिशत मतदान दर्ज किया गया।
इसी तरह जम्मू संभाग में इसी समय तक किश्तवाड़ में 28.47, डोडा में 35.86, रामबन में 24.75, रियासी में 32.27, उधमपुर में 26.39, कठुआ में 29.75, सांबा में 38.34, जम्मू में 39.65, राजौरी में 32.09 और पुंछ में 38.42 प्रतिशत मतदान हुआ। (आईएएनएस)
नई दिल्ली, 1 दिसम्बर | सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को चंदा कोचर की याचिका को खारिज कर दिया। कोचर ने आईसीआईसीआई बैंक की एमडी और सीईओ के रूप में अपनी बर्खास्तगी और बोनस को अस्वीकार करने के हाई कोर्ट के निर्णय को चुनौती दी थी। न्यायमूर्ति संजय किशन कौल की अगुवाई वाली एक पीठ ने बॉम्बे हाईकोर्ट के आदेश को यह कहते हुए बरकरार रखा कि विवाद की प्रकृति संविदात्मक है और निजी भी।
न्यायमूर्ति कौल ने कोचर की पैरवी कर रहे वरिष्ठ वकील मुकुल रोहतगी से कहा, "हम विवाद में हस्तक्षेप करने के लिए इच्छुक नहीं हैं। यह बैंक और कर्मचारी के बीच निजी अनुबंध के दायरे में आता है ... हम हस्तक्षेप नहीं कर सकते।"
कोचर ने बॉम्बे हाईकोर्ट के उस आदेश के खिलाफ अपील दायर की जिसने पिछले साल हुई उनकी बर्खास्तगी को चुनौती देने वाली उनकी याचिका खारिज कर दी थी।
रोहतगी ने पीठ के समक्ष कहा कि कोचर की बर्खास्तगी अवैध है क्योंकि ऐसा आरबीआई की पूर्व स्वीकृति के बिना किया गया था। (आईएएनएस)
नई दिल्ली, 1 दिसंबर | दिल्ली के शाहदरा के मानसरोवर पार्क इलाके में एक 45 वर्षीय महिला की एक शख्स ने गोली मारकर हत्या कर दी, जबकि हमले में महिला की बेटी घायल हो गई। माना जा रहा है कि हमलावर महिला की बेटी का प्रेमी था, बाद में दोनों के रिश्ते में दरार आ गई थी और कथित रूप से उसने वारदात को अंजाम दे दिया। पुलसि ने यह जानकारी दी।
यह अपराध सोमवार शाम करीब 7.30 बजे हुआ जब बिलाल के रूप में पहचाने गए एक व्यक्ति ने शमा परवीन के किराए के फ्लैट में प्रवेश किया, जो अपनी तीन बेटियों के साथ वहां रहती थी।
पुलिस ने कहा कि बिलाल द्वारा शमा परवीन को गोली मारने से पहले शमा की बेटी मेहर के साथ बिलाल की तीखी बहस हुई थी। जब शमा ने अपनी बेटी को बचाने की कोशिश की, तो उसे भी गोली मार दी गई। गंभीर रूप से घायल शमा की मौत हो गई।
पुलिस ने बताया कि बिलाल नंद नगरी का निवासी था। शमा का परिवार भी पहले नंद नगरी में रहता था। बिलाल, मेहर का एक कथित प्रेमी था और मेहर और उसकी मां शमा के साथ मनमुटाव दूर करने आया था।
शाहदरा के एडिशनल डीसीपी संजय कुमार सेन ने कहा, "मेहर को सफदरजंग अस्पताल में भर्ती कराया गया था, जबकि उसकी मां ने दम तोड़ दिया। आरोपी फरार है और उसे पकड़ने के लिए कई टीमें गठित की गई हैं।" (आईएएनएस)
मनोज पाठक
पटना, 1 दिसंबर | बिहार में पिछले महीने नीतीश कुमार के नेतृत्व में सरकार गठन के बाद विधानसभा का पहला सत्र संपन्न हो गया। इस दौरान विपक्षी दलों का आक्रामक रवैया भी देखने को मिला। अब, नीतीश कुमार के मंत्रिमंडल विस्तार की संभावना जताई जा रही है। चर्चा है कि दिसंबर महीने में ही नीतीश कुमार मंत्रिमंडल का विस्तार कर सकते हैं।
नीतीश की नई सरकार में एक भी मुस्लिम को मंत्री नहीं बनाए जाने को लेकर सियासत में खूब चर्चा भी रही, ऐसे में मंत्रिमंडल के विस्तार में मुस्लिम को स्थान दिया जाएगा या नहीं, यह बड़ा सवाल है।
बिहार चुनाव में राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) का एक भी मुस्लिम प्रत्याशी जीतकर विधानसभा नहीं पहुंच सका है, ऐसे में तय है कि अगर नीतीश कुमार किसी मुस्लिम चेहरे को अपने मंत्रिमंडल में स्थान देना चाहेंगे, तो वह विधान परिषद का ही सदस्य होगा।
उल्लेखनीय है कि भाजपा ने इस चुनाव में एक भी मुस्लिम को टिकट नहीं दिया था वहीं जदयू ने 11 मुस्लिम उम्मीदवार जरूर उतारे थे।
संवैधानिक प्रावधानों के अनुसार, राज्य में कुल 36 मंत्री बनाए जा सकते हैं, जिनमें फिलहाल मुख्यमंत्री के अलावा 13 मंत्री हैं और मुख्यमंत्री को छोड़कर जदयू के सिर्फ चार मंत्री हैं। 22 और मंत्री की नियुक्ति अभी बाकी है।
नीतीश मंत्रिमंडल में मेवालाल चौधरी को भी शामिल किया गया था, लेकिन भ्रष्टाचार के आरोपी होने के कारण बाद में उन्हें इस्तीफा देना पड़ा। फिलहाल मंत्रियों के पास पांच-पांच विभागों का दायित्व है। इस कारण नीतीश कुमार जल्द ही मंत्रिमंडल विस्तार कर सकते हैं। दो दिन पहले जदयू के वरिष्ठ नेताओं के साथ बैठक भी की थी।
सूत्रों का कहना है कि नीतीश मंत्रिमंडल का जल्द ही विस्तार हो सकता है। सूत्रों की मानें तो इसके लिए जल्द ही राजग की बैठक बुलाकर मुख्यमंत्री मंत्रिमंडल विस्तार के लिए नामों पर मंथन करेंगे।
इस विस्तार में भाजपा के कम से कम 10 नए चेहरों को मौका मिल सकता है, जिनमें युवा और अति पिछड़े व दलित वर्ग से आने वाले विधायकों को भी मंत्री पद की जिम्मेवारी मिल सकती है। जदयू भी इस मंत्रिमंडल में अपने नए लोगों को मौका दे सकती है। ऐसे में यह भी तय माना जा रहा है कि इस मंत्रिमंडल विस्तार में जदयू किसी मुस्लिम चेहरे को मंत्री बना सकती है।
इस चुनाव में जदयू, भाजपा से कम सीटें लाकर राजग में 'छोटे भाई' की भूमिका में है, जिसे लेकर जदयू संजीदा है। जदयू भविष्य को लेकर अभी से ही मंथन में जुट गई है।
जदयू के एक नेता भी मानते हैं कि सीटों की संख्या तो कम हो ही गई है, उम्मीद के मुताबिक मुस्लिमों का समर्थन भी पार्टी को नहीं मिला है, जिसका खामियाजा पार्टी को इस चुनाव में उठाना पड़ा है।
ऐसे में तय है कि नीतीश कुमार किसी मुस्लिम को मंत्री बना कर मुस्लिम वोटर को बड़ा मैसेज देने की कोशिश कर सकते हैं। (आईएएनएस)
नई दिल्ली, 1 दिसंबर | कृषि कानूनों के खिलाफ विभिन्न राज्यों के कई किसान और किसान संगठन लगातार विरोध कर रहे हैं। अब इस आंदोलन में टाइम मैगजीन की 100 प्रभावशाली लोगों की लिस्ट में शामिल हुई शाहीन बाग की दादी भी उतरेंगी। शाहीन बाग प्रदर्शन से मशहूर हुई बिलकिस बानो (दबंग दादी) सिंघू बॉर्डर पर पहुंच कर किसानों के आंदोलन को समर्थन देंगी।
82 साल की बिलकिस बानो को टाइम मैगजीन के दुनिया के 100 प्रभावशाली लोगों में जगह मिली, वहीं दादी एनटी-सीएए प्रोटेस्ट के दौरान शाहीन बाग प्रदर्शन में मशहूर चेहरा थी। दादी इस प्रोटेस्ट में महीनों तक वह वहां डटी रही। यह खबर आने के बाद बिल्किस सोशल मीडिया पर भी काफी छाई रही थी।
टिकरी, सिंघू और गाजीपुर बॉर्डर पर किसानों ने अपना डेरा बनाया हुआ है। जानकारी के अनुसार करीब 1 बजे दादी सिंघू बॉर्डर पहुंचेगी, वहीं उनके साथ प्रदर्शन में शामिल होंगी।
दरअसल, केन्द्र सरकार सितंबर महीने में 3 नए कृषि विधेयक लाई थी, जिन पर राष्ट्रपति की मुहर लगने के बाद वे कानून बन चुके हैं। जिसके खिलाफ किसानों का ये आंदोलन छिड़ा हुआ है।
देश के करीब 500 अलग-अलग संगठनों ने मिलकर संयुक्त किसान मोर्चे का गठन किया है। वहीं इन सभी संगठनों ने केंद्र सरकार के खिलाफ दिल्ली बॉर्डर पर डेरा बनाए हुए हैं (आईएएनएस)
नई दिल्ली, 1 दिसंबर | कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने मंगलवार को एक बार फिर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का नाम लिए बिना उन पर कटाक्ष करते हुए कहा है कि उन्हें घमंड से दूर रहने और प्रदर्शनकारी किसानों को उनका अधिकार देने की जरूरत है। केरल के वायनाड से सांसद राहुल गांधी ने कहा, "किसान सड़कों पर विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं और एक झूठा व्यक्ति टेलीविजन पर भाषण दे रहा है। हम सभी किसानों की कड़ी मेहनत के लिए ऋणी हैं और हम उनका ये ऋण उन्हें न्याय देकर और उनके अधिकार देकर चुका सकते हैं, ना कि उन्हें अपमानित करके या लाठी मारकर या आंसू-गैस के गोले छोड़कर। जागो, अहंकार की स्थिति से निकलकर सोचो और किसानों को उनका हक दिलाओ।"
बता दें किकई राज्यों के हजारों किसान पिछले हफ्ते से दिल्ली की सीमाओं पर विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं और 3 कृषि कानूनों को रद्द करने की मांग कर रहे हैं। सरकार ने किसानों को बैठक के लिए बुलाया है। (आईएएनएस)
हैदराबाद, 1 दिसम्बर | तेलंगाना राष्ट्र समिति (टीआरएस) के कार्यकारी अध्यक्ष के.टी. रामा राव, केंद्रीय राज्य मंत्री जी. किशन रेड्डी और एमआईएम प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी उन नेताओं में शामिल रहे जिन्होंने मंगलवार को ग्रेटर हैदराबाद नगर निगम (जीएचएमसी) चुनावों में पहले घंटे में अपना वोट डाला। चुनाव प्रचार अभियान में सत्तारूढ़ दल का नेतृत्व करने वाले रामाराव और उनकी पत्नी ने बंजारा हिल्स के नंदीनगर मतदान केंद्र पर अपने मताधिकार का प्रयोग किया।
इस अवसर पर राज्य के नगरनिगम प्रशासन मंत्री ने सभी मतदाताओं से अपने वोट डालने की अपील की।
उन्होंने मतदाताओं से घरों से बाहर निकलकर वोट डालने की अपील करते हुए कहा, "लोकतंत्र में केवल वोट डालने वालों को ही सवाल करने का अधिकार है।"
मुख्यमंत्री के. चंद्रशेखर राव के बेटे रामाराव ने मतदाताओं से मतदान में भाग लेने का आग्रह किया। उन्होंने कहा,"हैदराबाद के विकास के लिए आप किस तरह के जनप्रतिनिधि चाहते हैं, वोट देने से पहले सोचें।"
किशन रेड्डी और उनकी पत्नी ने काचीगुडा में एक मतदान केंद्र पर अपना वोट डाला। केंद्रीय मंत्री ने सभी मतदाताओं से मताधिकार का प्रयोग करने की अपील की।
सिकंदराबाद से सांसद रेड्डी ने कहा, "डॉ. बीआर अंबेडकर द्वारा तैयार संविधान में, देश के राष्ट्रपति से लेकर एक सामान्य नागरिक तक, हर किसी को वोट देने का अधिकार है। सभी को इस महत्वपूर्ण हथियार का उपयोग करना चाहिए। लोगों को न केवल सरकारों के ठीक से काम नहीं करने के बारे में शिकायत करनी चाहिए, बल्कि अपने संवैधानिक अधिकार का उपयोग करना चाहिए। सुनिश्चित करें कि वे अच्छे जनप्रतिनिधि का चुनाव करें।"
भाजपा ओबीसी मोर्चा के अध्यक्ष के. लक्ष्मण अपना वोट डालने के लिए चिक्कड़पल्ली में एक मतदान केंद्र पर आए।
मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एमआईएम) के अध्यक्ष और हैदराबाद के सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने पुराने शहर के शास्त्रीपुरम में अपना वोट डाला। उन्होंने कहा, "मैंने मतदान करने के अपने अधिकार का इस्तेमाल किया। मैं मतदाताओं से अपील कर रहा हूं कि वे शहर, विशेष रूप से पुराने शहर के विकास खासकर पुराने शहर के, और शहर की समग्र संस्कृति, विरासत और भाषा की रक्षा के लिए अपने मतदान के अधिकार का उपयोग करें।"
ओवैसी ने मतदाताओं से मतदान प्रतिशत बढ़ाने और लोकतंत्र को मजबूत करने के लिए घरों से बाहर निकलकर मतदान करने का आग्रह किया (आईएएनएस)
नई दिल्ली, 1 दिसम्बर | किसानों के प्रदर्शन के मद्देनजर मंगलवार को गृह मंत्री अमित शाह सहित नरेंद्र मोदी सरकार के शीर्ष मंत्री बातचीत करने के लिए भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी के आवास पर जुटे। शाह के अलावा, नड्डा के आवास पर उच्च स्तरीय बैठक में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर शामिल हुए।
उच्च स्तरीय बैठक से पहले मीडिया से तोमर ने कहा, "किसान नेताओं को आज दोपहर 3 बजे बातचीत के लिए आमंत्रित किया गया है। सरकार किसानों के साथ बातचीत करने और उनकी मांगों को सुनने के लिए हमेशा तैयार है।"
बैठक के दौरान, मंत्रियों द्वारा किसानों की मांगों पर चर्चा करने की संभावना है।
किसान क्रमश: दिल्ली-चंडीगढ़, दिल्ली-हरियाणा और दिल्ली-उत्तर प्रदेश मार्गों पर दिल्ली के सिंघू, टिकरी और गाजीपुर सीमाओं पर विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं।
किसान सितंबर में संसद द्वारा पारित तीन कृषि कानूनों को रद्द करने की मांग कर रहे हैं। (आईएएनएस)
नए कृषि कानूनों पर किसानों के साथ चल रहे गतिरोध को समाप्त करने के लिए केंद्र सरकार ने 32 किसान संघों को बातचीत के लिए बुलाया है. ठंड और महामारी के बीच किसान दिल्ली की सीमाओं पर अभी भी डटे हुए हैं.
डायचेवेले पर चारु कार्तिकेय का लिखा -
प्रदर्शनकारियों का कहना है कि अगर पुलिस धारा 144 लगा सकती है तो हम 288 लगा सकते हैं ताकि पुलिस हमारी तरफ नहीं आ सके.
कृषि मंत्री नरेंद्र तोमर ने कहा कि ठंड और कोरोना वायरस महामारी को देखते हुए केंद्र सरकार किसानों के साथ अपनी बैठक की निर्धारित तिथि से पहले ही मंगलवार एक दिसंबर को ही किसानों के साथ बैठक करेगी. उन्होंने 32 किसान संघों को दिल्ली के विज्ञान भवन में दोपहर तीन बजे बैठक में शामिल होने का न्योता दिया है.
किसी भी संघ ने अभी तक निमंत्रण मंजूर करने की पुष्टि नहीं की है, बल्कि कुछ किसान नेताओं ने कहा है कि यह सरकार द्वारा सभी किसान संघों के बीच फूट डालने की कोशिश है. उनका कहना है कि संघर्ष में 500 से भी ज्यादा संगठन शामिल हैं लेकिन सरकार ने बैठक के लिए सिर्फ 32 को बुलाया है.
उनका यह भी कहना है कि वे तीनों कृषि कानूनों को निरस्त करने की अपनी मूल मांग से समझौता नहीं करेंगे. इस बीच पंजाब, हरियाणा, उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड से भी आए किसान अभी भी दिल्ली की सभी सीमाओं पर धरना दे रहे हैं. मीडिया में आई खबरों में बताया जा रहा है कि धरने पर बैठे किसानों की संख्या और ज्यादा बढ़ सकती है क्योंकि मंगलवार को पंजाब और हरियाणा से और भी किसानों के आने की उम्मीद है.
प्रदर्शनकारियों का कहना है कि अगर पुलिस धारा 144 लगा सकती है तो हम 288 लगा सकते हैं ताकि पुलिस हमारी तरफ नहीं आ सके.
ऐसी भी खबरें हैं कि अभी तक धरने पर बैठे कम से कम दो किसानों की स्वास्थ्य बिगड़ने के कारण मृत्यु हो चुकी है. दिल्ली में इस बार इस समय सामान्य से ज्यादा ठंडा मौसम है. तापमान इतना नीचे पहुंच गया है जितना पिछले 71 सालों में नहीं गया.ऐसे में सुरक्षाबलों ने कई बार प्रदर्शन कर रहे किसानों पर वॉटर कैनन का भी इस्तेमाल किया और उन्हें ठंडे पानी से तरबतर कर दिया.
लेकिन किसान फिर भी पीछे नहीं हट रहे हैं, बल्कि प्रशासन के बल प्रयोग का भी खुल कर विरोध कर रहे हैं. दिल्ली और पश्चिमी उत्तर प्रदेश के बीच गाजीपुर सीमा पर सोमवार को किसानों ने बार बार बॉर्डर पार करने की कोशिश की लेकिन पुलिस ने हर बार उनके प्रयासों को विफल कर दिया.
प्रदर्शनकारियों का कहना है कि अगर पुलिस धारा 144 लगा सकती है तो हम 288 लगा सकते हैं ताकि पुलिस हमारी तरफ नहीं आ सके. दरअसल वे 144 को दोगुनी कर 288 की बात कर रहे हैं. उधर प्रशासन द्वारा किसानों को दिल्ली में आने से रोकने के प्रयास की वजह से लगभग सभी सीमाएं सील हैं और वहां से लोगों और सामान की आवाजाही नहीं हो पा रही है.
हालात अगर ऐसे ही रहे तो राजधानी में दूध, सब्जियां, पोल्ट्री जैसी आवश्यक वस्तुओं की सप्लाई पर असर पड़ेगा जिस से प्रशासन पर दबाव और बढ़ने की संभावना है. देखना होगा कि मंगलवार की बैठक इस गतिरोध को समाप्त कर पाती है या नहीं.
सीवान (बिहार), 1 दिसंबर । बिहार के सीवान जिले के भगवानपुर थाना क्षेत्र में एक व्यक्ति ने अपनी पत्नी और पांच बच्चों को फसुली (एक प्रकार का धारदार हथियार) से वार कर हत्या कर दी। हत्या के कारणों का अब तक पता नहीं चल पाया है। घटना की पुष्टि करते हुए भगवानपुर के थाना प्रभारी विपिन सिंह ने मंगलवार को आईएएनएस को बताया कि बलहा अलिमर्दनपुर गांव में सोमवार की आधी रात अवधेश चौधरी ने अपनी पत्नी और पांच बच्चों को फसुली से काट डाला। इस घटना में चार बच्चों की मौके पर ही मौत हो गई है वहीं पत्नी और एक बच्चा गंभीर रूप से घायल है। मरने वालों में तीन बेटे और एक बेटी है।
सिंह ने बताया कि घायलों को इलाज के लिए स्थानीय अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां से चिकित्सकों ने गंभीर स्थिति को देखते हुए पटना रेफर कर दिया।
थाना प्रभारी ने बताया कि आरोपी चौधरी को गिरफ्तार कर लिया गया है तथा उससे पूछताछ की जा रही है। हत्या के कारणों का अब तक पता नहीं चल पाया है, पुलिस मामले की छानबीन कर रही है।
(आईएएनएस)
भोपाल, 1 दिसंबर। मध्य प्रदेश में गौशालाओं को दान करने वालों को आयकर से छूट मिलेगी। शर्त यह है कि गौषाला पंजीकृत हेाना चाहिए। पशु चिकित्सा विभाग से मिली जानकारी में बताया गया है कि गौ-रक्षा एवं गौ-संरक्षण को बढ़ावा देने के लिए मध्यप्रदेश शासन द्वारा पंजीकृत गौ-पालन एवं पशुधन संवर्धन बोर्ड को दी जाने वाली दान राशि को आयुक्त आयकर विभाग भारत शासन द्वारा आयकर में छूट प्रदान की गई है। इसके तहत पंजीकृत गौ-शालाओं को दी जाने वाली दान राशि भी आयकर मुक्त होगी।
राज्य सरकार ने गौशालाओं को दान देने वालों के लिए एक पोर्टल भी बनाया है, जिसके माध्यम से गौ-शालाओं को चारे, पानी, शेड एवं अन्य कार्यों के लिए दान दिया जा सकता है।(आईएएनएस)
नई दिल्ली, 1 दिसंबर | मशहूर समाजसेवी बाबा आमटे की पोती शीतल आमटे कराजगी का निधन हो गया है.
समाचार एजेंसी पीटीआई ने आमटे परिवार के सूत्रों के हवाले से लिखा है कि उन्होंने कथित तौर पर आत्महत्या कर ली है.
पीटीआई के अनुसार पुलिस ने अभी उनकी मृत्यु के कारणों की पुष्टि नहीं की है.
मगर परिवार के सूत्रों के हवाले से पता चला है कि 39 वर्षीया शीतल आमटे ने शायद एक घातक इंजेक्शन लगा लिया था.
ख़बरों के अनुसार उन्हें महाराष्ट्र के वरोरा में आनंदवन स्थित उनके घर पर बेहोश पाया गया था जिसके बाद उन्हें चंद्रपुर ज़िले के वरोरा उप-ज़िला अस्पताल ले जाया गया. वहां उन्हें चिकित्सा अधिकारियों ने मृत घोषित कर दिया.
शीतल आमटे की मृत्यु से कुछ ही अरसे पहले आमटे परिवार के संगठन महारोगी सेवा समिति के प्रबंधन को लेकर परिवार के बीच खुलेआम अनबन होने की ख़बर आई थी.
इस संगठन की स्थापना रेमन मैग्सेसे और पद्म विभूषण पुरस्कार प्राप्त बाबा आमटे ने की थी.
बाबा आमटे ख़ास तौर से कुष्ठ रोगियों की सेवा के लिए मशहूर हुए थे. उनका निधन 2008 में हो गया था.
परिवार में अनबन
महारोगी सेवा समिति के प्रबंधन को लेकर शीतल आमटे ने सोशल मीडिया पर कई आरोप लगाए थे.
उन्होंने 20 नवंबर, 2020 को एक फ़ेसबुक लाइव में कुष्ठ सेवा समिति और ट्रस्टियों के कार्यों पर कुछ आपत्तियां की थीं.
इस लाइव में, उन्होंने चाचा डॉक्टर प्रकाश आमटे और उनके परिवार पर भी आरोप लगाए थे. मगर आधे घंटे के बाद शीतल ने उस लाइव पोस्ट को हटा दिया.
इसके बाद बाबा आमटे के बेटों विकास और प्रकाश आमटे तथा उनकी पत्नियों भारती व मंदाकिनी ने हाल ही में स्पष्टीकरण जारी किया था.
आमटे परिवार की ओर से जारी किए गए बयान में कहा गया था कि 'शीतल गौतम कराजगी मानसिक तनाव और डिप्रेशन से गुज़र रही हैं और उन्होंने इसे स्वीकार करते हुए महारोगी सेवा समिति के काम, ट्रस्टियों और इसके कर्मचारियों के बारे में ग़ैर-वाजिब बयान दिए हैं'.
बयान में कहा गया - "उनके सारे बयान बेबुनियाद हैं. आमटे परिवार आपस में चर्चा के बाद ये बयान जारी कर रहा है ताकि शीतल के आरोपों से किसी तरह की ग़लतफ़हमी पैदा ना हो."
इस बयान के बाद शीतल आमटे ने बीबीसी मराठी सेवा से कहा था - "मेरे पति गौतम करजगी और मैं स्वर्गीय बाबा आमटे का काम जारी रख रहे हैं. हम जल्द ही एक बयान जारी करके अपनी स्थिति की घोषणा करेंगे."
डॉ शीतल आमटे पेशे से डॉक्टर थीं. इसके साथ ही वो एक सामाजिक कार्यकर्ता भी थीं.
उन्होंने 2004 में गवर्नमेंट मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल, नागपुर से एमबीबीएस की पढ़ाई पूरी की थी.
2016 में, कुष्ठ सेवा समिति की नई कार्यकारी समिति की घोषणा की गई तो इसमें शीतल आमटे करजगी और उनके पति गौतम करजगी को जगह दी गई.
तब से, वह कुष्ठ सेवा समिति की सीईओ थीं. उनके पति गौतम-करजगी को आंतरिक प्रबंधक की ज़िम्मेदारी दी गई थी.
शीतल के पिता विकास आमटे संस्था के सचिव हैं. (bbc)
नई दिल्ली, 1 दिसंबर | जेएनयू छात्र संघ की पूर्व उपाध्यक्ष और एक्टिविस्ट शेहला रशीद के बारे में इंडियन एक्सप्रेस ने एक रिपोर्ट प्रकाशित की है जिसके अनुसार उनके पिता अब्दुल रशीद शौरा को अक्टूबर महीने से श्रीनगर के मुंसिफ़ कोर्ट ने घरेलू हिंसा के मामले में घर में जाने से रोक दिया था.
घर के लोगों ने अब्दुल रशीद के ख़िलाफ़ घरेलू हिंसा की शिकायत दर्ज कराई थी. अब अब्दुल रशीद ने जम्मू-कश्मीर के डीजीपी दिलबाग सिंह को पत्र लिख अपनी बेटी शेहला रशीद पर एक कश्मीरी बिज़नेसमैन से तीन करोड़ रुपए लेने का आरोप लगाया है.
शेहला रशीद के पिता आरोप लगाते हुए
ब्दुल रशीद ने बिज़नेसमैन ज़ाहूर अहमद शाह वताली से जम्मू-कश्मीर पीपल्स मूवमेंट पार्टी में शामिल होने के बदले तीन करोड़ रुपए लेने का आरोप लगाया है. जम्मू-कश्मीर पीपल्स मूवमेंट पार्टी को चर्चित यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा टॉपर आईएएस अधिकारी शाह फ़ैसल ने शुरू किया था.
शाह फ़ैसल का आईएएस से इस्तीफ़ा अभी सरकार के पास लंबित है. वताली और पूर्व विधायक इंजीनियर रशीद को एनआईए ने आतंकवादी वित्त पोषण केस 2017 और 2019 में गिरफ़्तार किया था.
अपने पिता के आरोपों को शेहला रशीद ने झूठा क़रार दिया है. उन्होंने इंडियन एक्सप्रेस से कहा, ''हमने उनके ख़िलाफ़ घरेलू हिंसा को लेकर एफ़आईआर दर्ज कराई है. वो पूरी न्यायिक प्रक्रिया को पटरी से उतारना चाहते हैं. कोर्ट ने उनके घर आने पर पाबंदी लगा दी है. वो ख़ुद कह रहे हैं कि उन्होंने वताली से मुलाक़ात की है. अगर उन्होंने वताली से मुलाक़ात की है तो उन्हें जवाब देना चाहिए. अगर उन्होंने मेरे नाम पर कोई सौदा किया है तो उन्हें बताना चाहिए. अगर उन्हें लगता है कि मैं राष्ट्र विरोधी गतिविधि में शामिल हूं तो उन्होंने शिकायत करने में इतनी देरी क्यों की? उन्हें घर में घुसने से रोक दिया गया है तो ये सब कर रहे हैं.''
मोहल्ला कमिटी ने 2005 में लिखा था कि अब्दुल रशीद शौरा अपने परिवार को प्रताड़ित ना करे
दिलबाग सिंह को लिखे पत्र में अब्दुल रशीद ने कहा है कि शेहला रशीद, बड़ी बेटी अस्मा रशीद, पत्नी ज़ुबैदा और सिक्यॉरिटी गार्ड साकिब अहमद से उनकी जान का ख़तरा है.
अब्दुल रशीद ने अपनी सुरक्षा के लिए बॉडीगार्ड की माँग की है और कहा है कि उन्हें अपने घर में जाने देने के लिए पुलिस को हस्तक्षेप करना चाहिए. अब्दुल रशीद ने अपनी बेटी के बैंक अकाउंट और ईमेल की जाँच की मांग की है. उन्होंने फ़िरोज़ पीरज़ादा, ज़ाहुर वताली और इंजीनियर रशीद से कथित वित्तीय लेन-देन की जाँच मांग की है.
शेहला रशीद ने पूरे मामले को लेकर ट्विटर पर भी कई ट्वीट किए हैं. उन्होंने अपने ट्वीट में लिखा है कि जब वो अपनी क़रीबी परिवार में एक मौत से दुखी हैं तब उनके पिता ने उन पर बेबुनियाद आरोप लगाए हैं. (bbc)
नई दिल्ली, 1 दिसंबर | केंद्रीय सूचना और प्रसारण मंत्री प्रकाश जावडेकर और केंद्रीय नागरिक उड्डयन और आवास एवं शहरी मामलों के मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने सोमवार को 'पीएम मोदी और सिखों के साथ उनकी सरकार के विशेष संबंध' का विमोचन किया। इस पुस्तक को तीन भाषाओं हिंदी, पंजाबी और अंग्रेजी में जारी किया गया। हरदीप सिंह पुरी ने इस पुस्तक को लाने के लिए प्रकाश जावडेकर और सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय को बधाई दी। पुरी ने गुरु नानक देव जी की 550वीं जयंती मनाने के लिए एक साल पहले लिए गए पथ-प्रदर्शक फैसलों को सूचीबद्ध किया, जिसमें सोमवार को जारी की गई पुस्तिका शामिल है।
उन फैसलों की जानकारी देते हुए मंत्री ने कहा कि युनाइटेड किंगडम और कनाडा के एक विश्वविद्यालय में गुरु नानक देव जी की शिक्षाओं पर एक चेयर स्थापित करने का निर्णय लिया गया था और कनाडा में इसे स्थापित करने के लिए बातचीत चल रही है। उन्होंने बताया कि जो भी निर्णय लिए गए हैं, उन्हें रिकॉर्ड समय में लागू भी किया गया है। पुरी ने प्रधानमंत्री को व्यक्तिगत रूप से छोटी व्यवस्थाओं की देखरेख करने और व्यक्तिगत रूप से करतारपुर कॉरिडोर के लिए पहला जत्था भेजने का श्रेय दिया।
--आईएएनएस
नई दिल्ली,1 दिसंबर | भारतीय नौसेना अपनी बढ़ती वैश्विक पहुंच का संकेत देते हुए 21 देशों और 22 बहु-राष्ट्रीय एजेंसियों के साथ हिंद महासागर क्षेत्र में समुद्री गतिविधियों से संबंधित सूचनाओं के त्वरित आदान-प्रदान के लिए संयुक्त रूप से कार्य कर रही है।
भारतीय नौसेना हर समय हिंद महासागर क्षेत्र में 12,000 जहाजों और 300 मछली पकड़ने के जहाजों की निगरानी करती है। इसके अलावा, समुद्र में लगभग तीन लाख मछली पकड़ने वाले भारतीय जहाज चल रहे हैं और उनकी गतिविधियों पर भी नौसेना की नजर बनी रहती है।
हिंद महासागर क्षेत्र में दुनिया के समुद्री व्यापार का 75 प्रतिशत हिस्सा कवर होता है और वैश्विक उपभोग का 50 प्रतिशत इसके माध्यम से गुजरता है। यही वजह है कि कई देशों के सुरक्षा उपायों को इसमें शामिल किया गया है।
अब भारतीय नौसेना अपने सूचना संलयन केंद्र (इन्फर्मेशन फ्यूशन सेंटर) के माध्यम से हिंद महासागर क्षेत्र में वास्तविक समय की जानकारी (रियल टाइम इन्फर्मेशन) प्राप्त करने में सक्षम है।
भारत जिन 21 देशों के साथ हिंद महासागर में सूचनाओं के त्वरित आदान-प्रदान के लिए एक सहयोग के तहत काम कर रही है, उनमें ऑस्ट्रेलिया, फ्रांस, इटली, जापान, मालदीव, अमेरिका, न्यूजीलैंड, मॉरीशस, म्यांमार और बांग्लादेश जैसे देश शामिल हैं। इसके साथ ही भारत 22 अन्य राष्ट्रीय एजेंसियों के साथ भी मिलकर क्षेत्र की गतिविधियों पर नजर रख रहा है।
गुरुग्राम में स्थित इंटरनेशनल फ्यूशन सेंटर, दिसंबर 2018 में सदस्य देशों को समुद्री जानकारी प्रदान करने के लिए शुरू किया गया था।
तीन देशों फ्रांस, जापान और अमेरिका ने समुद्री गतिविधियों के बेहतर समन्वय और वास्तविक समय साझा करने के लिए अपने संपर्क अधिकारियों को केंद्र में भेज दिया है, जबकि कई और देशों की ओर से कोविड-19 महामारी खत्म होने के साथ ही अपने-अपने संपर्क अधिकारियों की तैनाती करने की उम्मीद है।
सूत्रों ने कहा कि भारतीय नौसेना को 36 देशों के साथ श्वेत नौवहन समझौते (व्हाइट शिपिंग एग्रीमेंट) के लिए आगे बढ़ना है, जिनमें से 22 पर हस्ताक्षर भी किए जा चुके हैं।
इस महीने की शुरुआत में क्वाड (चार देशों का समूह) की नौसेनाओं के बीच 'मालाबार' समुद्री अभ्यास किया गया था। इसमें भारत, अमेरिका, जापान और ऑस्ट्रेलिया शामिल थे। हिंद महासागर क्षेत्र में निगरानी बढ़ाने और सुरक्षा मामलों को चाक-चौबंद करने के लिए चारों देशों की नौसेना ने बंगाल की खाड़ी और अरब सागर में दो चरणों में अभ्यास आयोजित किया गया था।
--आईएएनएस
नई दिल्ली, 1 दिसंबर | भाजपा ने दिल्ली में कोरोना की रोकथाम को लेकर केजरीवाल सरकार पर लापरवाही बरतने का आरोप लगाया है। भाजपा की दिल्ली इकाई ने कहा है कि केजरीवाल सरकार के गैरजिम्मेदार रवैये के कारण दिल्ली में कोरोना की रफ्तार कम होने का नाम नहीं ले रही है। दिल्ली भाजपा अध्यक्ष आदेश गुप्ता ने कहा कि केजरीवाल सरकार कोरोना मामलों की नियंत्रित करने के लिए कोई कदम नहीं उठा रही है। ऊपर से टेस्टिंग भी 60 प्रतिशत कम कर दी है। स्वास्थ्य व्यवस्थाओं के नाम पर केजरीवाल सरकार बस दिल्लीवासियों को ठेंगा दिखा रही है। प्रदेश अध्यक्ष आदेश गुप्ता ने कहा कि, "कागजों पर बेड खाली हैं। लेकिन अस्पतालों में न आईसीयू बेड मिल रहे हैं और नही ऑक्सीजन सिलेंडर, न वेंटिलेटर की व्यवस्था है। हालात इतने बुरे हो गए हैं कि केजरीवाल सरकार के अस्पतालों की लापरवाही के कारण मरीज दम तोड़ रहे हैं। पूरी सरकार दिल्लीवालों को भगवान भरोसे छोड़कर गायब है। पूरी की पूरी आम आदमी पार्टी सरकार अपनी राजनीतिक जमीन तलाशने में लगी है।"
प्रदेश अध्यक्ष आदेश कुमार गुप्ता ने कहा कि, "दिल्लीवालों ने बड़े विश्वास से आम आदमी पार्टी को चुनकर सत्ता में बिठाया था, लेकिन सत्ता के नशे में चूर आप के सभी नेता अब दिल्लीवालों को मरता छोड़ दूसरे राज्यों में अपनी राजनीतिक चमका रहे हैं।"
--आईएएनएस
नई दिल्ली, 1 दिसंबर | भारत में वर्ष 2000 में जहां मलेरिया के करीब दो करोड़ मामले सामने आए, वहीं 2019 में मलेरिया के मामलों की संख्या घटकर लगभग 56 लाख हो गई। विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) की सोमवार को जारी एक रिपोर्ट में यह दावा किया गया है। डब्ल्यूएचओ की हालिया विश्व मलेरिया रिपोर्ट के अनुसार, दक्षिण-पूर्व एशिया क्षेत्र में भारत में मलेरिया के मामलों में सबसे बड़ी कमी देखने को मिली है। रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत में 2018 की तुलना में 12 लाख मलेरिया के मामलों में कमी दर्ज की गई है।
वार्षिक अनुमान के तहत 2019 में मलेरिया के मामलों का वैश्विक स्तर 2.29 करोड़ था और यह अनुमान पिछले चार वर्षों में लगभग अपरिवर्तित रहा है। इस बीमारी ने 2018 में 411,000 की तुलना में 2019 में करीब 409,000 लोगों की जान ली।
डब्ल्यूएचओ की रिपोर्ट में कहा गया है कि विशेष रूप से अफ्रीका में मलेरिया का अधिक प्रभाव देखा गया है।
जीवन रक्षक उपकरणों की पहुंच में कमी से इस बीमारी पर अंकुश लगाने के वैश्विक प्रयास कमजोर हुए हैं। इसके साथ ही अब विश्व भर के देश कोविड-19 महामारी से लड़ रहे हैं, जिस दौरान इसके और भी बढ़ने की उम्मीद है।
डब्ल्यूएचओ के महानिदेशक ट्रेडोस अदनोम गेब्रेयसस ने कहा, "यह अफ्रीका और दुनिया भर के नेताओं के लिए समय है कि वे मलेरिया की चुनौती से पार पाने के लिए एक बार फिर से उठ खड़े हों।"
उन्होंने मलेरिया के खिलाफ लड़ाई में संयुक्त कार्रवाई पर जोर दिया।
भारत में हालांकि मलेरिया के मामलों में कमी जरूर देखी गई है, मगर यहां अभी भी यह बीमारी एक चुनौती बनी हुई है।
भारत दुनिया के 11 सबसे अधिक मलेरिया के बोझ वाले देशों में से एक है। अफ्रीका के बाहर भारत ही एकमात्र ऐसा देश है, जहां मलेरिया के मामले और इसकी वजह से होने वाली मौत दुनिया भर के मुकाबले लगभग 70 प्रतिशत है।
--आईएएनएस
रांची, 30 नवंबर | झारखंड के पूर्व सिंहभूम जिले में एक व्यक्ति ने अपनी पत्नी की मौत के एक माह बाद आत्महत्या कर ली। पुलिस ने यह जानकारी दी। पुलिस के अनुसार, पूर्वी सिंहभूम के हबीबनगर कॉलोनी के निवासी मोहम्मद शोएब (46) ने पंखे से लटकर आत्महत्या कर ली। पेशे से ऑटो रिक्शा चालक शोएब केपरिवार में तीन बच्चे हैं। शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया है।
शोएब के भाई के अनुसार, वह अपनी पत्नी द्वारा आत्महत्या करने के बाद से ही डिप्रेशन में था। शोएब की पत्नी मुसरत नाजा ऊर्फ आसिया(40) ने पति से झगड़े के बाद आत्महत्या कर ली थी। उसकी मौत के बाद, शोएब अपने भाई के घर में शिफ्ट हो गया था। (आईएएनएस)
नई दिल्ली, 30 नवंबर | चीनी वैज्ञानिकों के एक दल ने हाल ही में दावा किया है कि कोरोनावायरस पहली बार भारत से होकर दुनिया भर में फैला। चीन के इस दावे को भारत के स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने खारिज कर दिया है। चीनी वैज्ञानिकों की ओर से जिस रिपोर्ट में यह दावा किया गया है, उसमें कहा गया है कि चीन से पहले भी भारत वायरस की चपेट में आ चुका था। हालांकि अन्य कई वैज्ञानिकों ने चीन के इस खोखले दावे को खारिज कर दिया है।
नई दिल्ली में श्री बालाजी एक्शन मेडिकल इंस्टीट्यूट से माइक्रोबायोलॉजी की वरिष्ठ सलाहकार ज्योति मुत्ता ने कहा, "यह वैज्ञानिक आधार के बिना एक काल्पनिक सिद्धांत है।"
उन्होंने कहा, "किसी भी प्रकोप की जांच शुरू करने की आवश्यकता है, जहां से पहला मामला उभरा।"
हालांकि, चीन में वैज्ञानिकों की एक हालिया रिपोर्ट में यह कुतर्क दिया गया है कि कोविड-19 का प्रकोप सबसे पहले भारत में हुआ हो सकता है।
चीनी वैज्ञानिकों ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि भारत में वायरस का जन्म वुहान प्रकोप से तीन या चार महीने पहले हुआ हो सकता है।
इन वैज्ञानिकों का कहना है कि वर्ष 2019 के जुलाई या अगस्त में भारत में कोरोनावायरस पनपा होगा।
चीन का यह नया खोखला सिद्धांत, ऐसे समय में सामने आया है, जब विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने कोविड-19 के लिए जिम्मेदार वायरस के स्रोत की लंबे समय से प्रतीक्षित जांच शुरू करने की घोषणा की है।
द जॉर्ज इंस्टीट्यूट फॉर ग्लोबल हेल्थ के एक वरिष्ठ रिसर्च फेलो ओमन जॉन के अनुसार, अब तक के वैज्ञानिक प्रमाण बताते हैं कि वायरस वास्तव में चीन में वुहान में उत्पन्न हुआ था।
उन्होंने कहा कि किसी भी दावे को सबूतों पर आधारित होना चाहिए और ऐसे प्रमाण हैं, जो बताते हैं कि वायरस की शुरूआत चीन में ही हुई थी।
गुरुग्राम स्थित फोर्टिस अस्पताल में न्यूरोलॉजी के निदेशक प्रवीण गुप्ता ने इसे चीन की चालबाजी करार दिया है और कहा है कि यह चीन की ओर से किए जाने वाले दोषपूर्ण प्रयासों की श्रृंखला का एक हिस्सा है, जो अपने दोष दूसरे पर मढ़ने का प्रयास कर रहा है। (आईएएनएस)
नई दिल्ली, 30 नवंबर | भारतीय मौसम विभाग (आईएमडी) ने सोमवार को घोषणा की कि बंगाल की खाड़ी में एक और चक्रवात पनप रहा है, जिससे तमिलनाडु और केरल प्रभावित हो सकते हैं। हाल ही में चक्रवात निवार ने दक्षिणी राज्यों में कहर बरपाया है और इस घटनाक्रम को एक सप्ताह भी नहीं बीता है कि एक और चक्रवात का खतरा मंडराने लगा है।
मौसम विभाग की ओर से जारी बुलेटिन में कहा गया है कि चक्रवात 2 दिसंबर को श्रीलंका के तट को पार करेगा और इस वजह से तमिलनाडु और केरल में भारी बारिश हो सकती है। एहतियात के तौर पर समुद्र में मछुआरों को सोमवार शाम तक तट पर लौटने को कहा गया।
मौसम विभाग ने कहा है कि बंगाल की खाड़ी में बन रहे डिप्रेशन के अगले 12 घंटों के दौरान गहरे डिप्रेशन में तेज होने की संभावना है और अगले 24 घंटों के दौरान इसके एक चक्रवाती तूफान में तब्दील होने के आसार हैं।
आईएमडी ने कहा, "इसके पश्चिम-उत्तर-पश्चिम की ओर बढ़ने और दो दिसंबर की शाम या रात के दौरान श्रीलंका तट को पार करने की काफी संभावना है।"
इसके बाद चक्रवात के पश्चिम की ओर बढ़ने की संभावना है और तीन दिसंबर की सुबह कोमोरिन क्षेत्र में इसका प्रभाव पड़ने के आसार हैं। जब यह शक्तिशाली चक्रवात में बदल जाएगा तो इसे 'बुरेवी' कहा जाएगा।
दो और तीन दिसंबर को दक्षिण तमिलनाडु के कन्याकुमारी, तिरुनेलवेली, थुथुकुडी, तेनकासी, रामनाथपुरम और शिवगंगा क्षेत्रों में इसका प्रभाव देखा जा सकता है।
मौसम विभाग का कहना है कि दक्षिण केरल में तीन दिसंबर को बारिश की संभावना बनी हुई है। इस क्षेत्र में तिरुवनंतपुरम, कोल्लम, पठानमथिट्टा और अलाप्पुझा क्षेत्रों में बारिश हो सकती है।
मछुआरों को सलाह दी गई है कि वे 30 नवंबर से एक दिसंबर तक बंगाल की खाड़ी के दक्षिण-पूर्वी हिस्से में और एक से तीन दिसंबर तक बंगाल की खाड़ी के दक्षिण-पश्चिम हिस्से एवं पूर्वी श्रीलंका तट से दूर ही रहें।
कोमोरिन क्षेत्र, मन्नार की खाड़ी, तमिलनाडु, केरल और लक्षद्वीप तट इसकी चपेट में आएंगे, जहां इसके दो से चार दिसंबर के बीच कहर बरपाने की संभावना है। यही वजह है कि इस पर इन इलाकों में समुद्र में नहीं उतरने की सलाह दी गई है। इसके अलावा लक्षद्वीप-मालदीव क्षेत्र और आसपास के दक्षिण-पूर्वी अरब सागर में तीन से चार दिसंबर तक नहीं जाने की सलाह जारी की गई है।
बता दें कि चार दिन पहले ही 25-26 नवंबर की रात तमिलनाडु-पुडुचेरी के समुद्री तट के आसपास निवार तूफान टकराया था। इसकी वजह से पुडुचेरी, तमिलनाडु और तटीय आंध्र प्रदेश के इलाकों में भारी बारिश हुई थी और कई स्थानों पर तेज तूफान की वजह से जान-माल की हानि भी हुई थी।(आईएएनएस)
सुमित कुमार सिंह
नई दिल्ली, 30 नवंबर | भारत का मानना है कि हिंद महासागर क्षेत्र में चीनी अनुसंधान जहाजों और मछली पकड़ने वाले जहाजों का चलन बढ़ रहा है, जिससे समुद्र में देशों के लिए सुरक्षा चिंता बढ़ रही है।
चीन के मछली पकड़ने वाले जहाज हिंद महासागर क्षेत्र में देश के बढ़ते पदचिह्न् का संकेत देते हैं, वहीं इसके अनुसंधान जहाजों ने सुरक्षा चिंताएं बढ़ा दी हैं, क्योंकि वे पनडुब्बी युद्ध की क्षमताओं में सुधार के लिए समुद्र के पानी की विशेषताओं का सर्वेक्षण कर सकते हैं।
सरकार के एक सूत्र ने कहा, "हिंद महासागर क्षेत्र में चीनी अनुसंधान जहाजों की तैनाती में लगातार वृद्धि हुई है। तैनाती का सामान्य क्षेत्र 90 डिग्री पूर्वी रिज और दक्षिण-पश्चिम भारतीय रिज में देखा गया है।"
सूत्र ने यह भी कहा कि हिंद महासागर क्षेत्र में गहरे समुद्र में चीनी मत्स्य पालन वेसल्स की प्रवृत्ति भी बढ़ी है। हर साल पहले जहां लगभग 300 चीनी मछली पकड़ने वाले जहाज रवाना होते थे, मगर पिछले साल लगभग 450 ऐसे जहाज रवाना किया गए।
सूत्र ने कहा, "मछली पकड़ने की गतिविधि में एक मौसमी व्यवहार होता है, जिसमें मानसून की शुरुआत से पहले और सितंबर व अक्टूबर के समय अरब सागर में मछली पकड़ने के जहाज जाते हैं।"
केंद्रीय अरब सागर और दक्षिण पश्चिम हिंद महासागर में चीनी मछली पकड़ने की गतिविधियों की लगातार इजाफा देखा गया है।
यह भी देखा गया है कि चीनी नौसेना के जहाज अपनी पनडुब्बियों सहित अक्सर समुद्री डकैती रोधी अभियानों के बहाने समुद्री में उतरते हैं।
भारतीय नौसेना हिंद महासागर क्षेत्र में चीन की बढ़ती गतिविधियों से अवगत है, क्योंकि वह अपने नौसैनिक अभियानों का विस्तार कर रही है।
इसके अलावा चीन वैश्विक शक्ति बनने के अपने लक्ष्य के अनुरूप चलते हुए हथियारों के साथ अन्य संसाधनों को नौसेना में स्थानांतरित कर रहा है।
पिछले साल सितंबर में, एक चीनी पोत को भारतीय जलक्षेत्र के करीब देखा गया था और यह संदेह जताया गया था कि यह एक जासूसी मिशन था।
सूत्रों ने बताया कि हिंद महासागर क्षेत्र में गहरे समुद्र में खनन के लिए या फिर सर्वेक्षण क्षेत्रों में पनडुब्बियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए पानी की विशेषताओं का अध्ययन करने के लिए ये शोध पोत आते हैं।
इन जहाजों को स्वचालित पहचान प्रणाली (एआईएस) द्वारा ट्रैक किया जाता है, जिसे इनमें फिट किया जाता है।
हालांकि भारतीय नौसेना पूरी तरह से सतर्क और सजग है और वह क्षेत्र में प्रवेश करने वाले प्रत्येक चीनी पोत पर नजर रख रही है।(आईएएनएस)
श्रीनगर, 30 नवंबर | जम्मू-कश्मीर डीडीसी चुनावों के प्रभारी व केंद्रीय वित्त एवं कॉर्पोरेट मामलों के राज्यमंत्री ने यहां सोमवार को कहा कि गुपकार गठबंधन में शामिल अब्दुल्ला-मु़फ्ती परिवार ने अपनी विलासिता को बरकरार रखने के लिए राज्य में लोकतंत्र को कमजोर किया और युवाओं को गुमराह कर उनका भविष्य अंधकारमय कर दिया। ठाकुर ने कहा, "जम्मू-कश्मीर आज देश का सबसे खुशहाल प्रदेश होता, मगर मु़फ्ती-अब्दुल्ला परिवार ने अपनी विलासिता को बनाए रखने के लिए प्रदेश के हितों को ताक पर रख यहां लोकतंत्र को कमजोर किया है। गुपकारों ने बहुत ही सिस्टमैटिक तरीके से सिस्टम के साथ मिलकर जम्मू-कश्मीर को लूटा है। अब्दुल्ला-मु़फ्ती परिवार ने अपनी शानो-शौकत बरकरार रखने के लिए जम्मू-कश्मीर के युवाओं को गुमराह किया। उनके नेतृत्व को ब्लॉक किया, उनके हाथों में पत्थर, बंदूक पकड़ाई, उन्हें राजनीति में आने से रोका व उनके भविष्य को अंधकार में धकेला है।"
केंद्रीय मंत्री ने कहा, "मु़फ्ती-अब्दुल्ला परिवार के साथ-साथ कांग्रेस भी उनके इस पाप में बराबर की साझेदार है। जो युवा राजनीति में आकर प्रदेश की तकदीर बदल सकते थे, चीन-पाकिस्तान के इशारों पर चलने वाले इन गुपकारों ने उनके हाथों में पत्थर, बंदूकें पकड़ा कर उन्हें सिर्फ अपनी राजनैतिक रोटियां सेंकने का माध्यम बनाया"
अनुराग ठाकुर ने आगे कहा, "भारतीय जनता पार्टी का लोकतंत्र और उसमें लोगों की भागीदारी के प्रति गहरी आस्था है। हमने यहां से 370 व 35ए भी हटाया, वर्षो से हाशिए पर बैठे लोगों को वोटिंग करने और चुनाव लड़ने का अधिकार भी दिया। इन डीडीसी चुनावों के माध्यम से जम्मू-कश्मीर के लोगों को लोकतांत्रिक तरीके से विकास का भागीदार बनने का अवसर मोदी सरकार ने दिया है, वरना दशकों से जम्मू-कश्मीर में सुख भोग रहे अब्दुल्ला-मु़फ्ती परिवारों ने अपने बेटे-बेटियों को ही आगे बढ़ाने का काम किया है। सड़क, पानी और सुरक्षा यहां की बुनियादी जरूरत थी, मगर इन गुपकारों ने अपने आलीशान महल खड़े किए। सारी सरकारी सुविधाओं का दुरुपयोग किया और आम जनता को उनके बुरे हाल पर छोड़ दिया। मगर अब जम्मू-कश्मीर की जनता इनके झांसे में नहीं आएगी और इन डीडीसी चुनावों में गुपकारों को उनके अत्याचारों के लिए सबक सिखाएगी।"(आईएएनएस)
हैदराबाद, 30 नवंबर | केंद्र की नीतियों की वजह से देश की अर्थव्यवस्था के मंदी की ओर जाने का आरोप लगाते हुए, तेलंताना राष्ट्र समिति के कार्यकारी अध्यक्ष के.टी. रामा राव ने चुनौती देते हुए कहा कि ऐसे 20 लोगों को दिखाएं, जिन्हें केंद्र के 20 लाख करोड़ रुपये के पैकेज से फायदा हुआ हो। राव ने जीएचएमसी चुनाव की पूर्व संध्या पर कहा, "मैं बीते 15 दिनों से व्यापारी व अन्य से मुलाकात कर रहा हूं, लेकिन एक भी व्यक्ति ऐसा नहीं मिला जिसे 20 लाख करोड़ के पैकेज से फायदा मिला हो। हो सकता है कि सभी 20 लाख करोड़ का फायदा गुजरात को मिला हो।"
राज्य के उद्योग व सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री ने कहा कि आठ लगातार तिमाहियों में धीमी आर्थिक गति और उसके बाद लॉकडाउन की वजह से अर्थव्यवस्था काफी नीचे और अब मंदी की ओर बढ़ रही है।
उन्होंने पूछा, "हमारी जीडीपी ग्रोथ बांग्लादेश और श्रीलंका से कम है। इसके लिए कौन जिम्मेदार है।"
केटीआर ने कहा, "कहां है 12 करोड़ नौकरियां। यहां तक मौजूदा नौकरियां जा रही हैं और नई नौकरियों की बात करना ही बईमानी है। मोदी सरकार फिट इंडिया, सिट इंडिया, स्टैंड इंडिया जैसी कई परियोजनाओं को लॉन्च करती है। अब इसका स्लोगन बेचो इंडिया है। जबकि हमारा स्लोगन सोचो इंडिया है। "(आईएएनएस)
नई दिल्ली, 30 नवंबर | दिवंगत संगीतकार वाजिद खान की पारसी पत्नी कमालरुख ने हाल में ससुराल के लोगों पर धर्म परिवर्तन के लिए दबाव डालने का आरोप लगाया। जिस पर विश्व हिंदू परिषद ने कमालरुख का मुद्दा उठाते हुए उत्तर प्रदेश की तरह देश के सभी राज्यों में लव जिहाद के विरुद्ध कानून बनाने की अपनी मांग दोहराई है। विहिप के केंद्रीय संयुक्त महामंत्री डॉ. सुरेन्द्र जैन ने कहा कि लव जिहादियों के चंगुल से अब देश के वास्तविक अल्पसंख्यक भी नहीं बचे। विहिप के शीर्ष नेताओं में से एक डॉ. सुरेंद्र जैन ने कहा कि दिवंगत संगीतकार वाजिद खान की पारसी पत्नी कमालरुख ने जो खुलासा किया है वह किसी को भी आहत करने के लिए पर्याप्त है। वाजिद के परिवारों के लोगों द्वारा धर्मातरण के लिए जबरदस्ती की जा रही है। अभी तक कोई भी मुस्लिम नेता या अभिनेता कमालरुख को न्याय दिलाने के लिए सामने नहीं आया है। इससे साफ हो गया है कि फिल्मी जगत हो या उससे बाहर की दुनिया, कलाकार हो या कथित बुद्धिजीवी, व्यापारी हो या बेरोजगार इन सब लोगों के लिए विवाह या मित्रता के पीछे लव नहीं केवल जेहाद ही है। यह तथ्य एक न्यायालय ने भी पूछा था कि आखिर क्यों इस तरह के कथित विवाहों में केवल लड़की ही धर्मातरण करने के लिए विवश की जाती है?
विहिप नेता ने उत्तर प्रदेश सरकार के नए कानून का स्वागत करते हुए कहा कि कमालरूख को न्याय के साथ हम महाराष्ट्र समेत अन्य सभी राज्य सरकारों से भी यही विनती करते हैं कि वे अपने पूर्वाग्रहों से बाहर निकलकर प्रदेश की शांति व जनता की रक्षार्थ लव जिहाद व अवैध धर्मांतरण को रोकने के लिए अति शीघ्र कानून बनाएं। (आईएएनएस)