"मेरे सेवामुक्त होने के बाद सबको उम्मीद थी कि मैं चुनाव लड़ूंगा, लेकिन मैं इस बार विधानसभा का चुनाव नहीं लड़ रहा. हताश निराश होने की कोई बात नहीं है. धीरज रखें. मेरा जीवन संघर्ष में ही बीता है."
बिहार पुलिस के डीजीपी रहे गुप्तेश्वर पांडेय ने ये बयान फ़ेसबुक पर जारी किया है. इसके पहले जेडीयू ने बुधवार को बिहार विधानसभा चुनाव के लिए 115 उम्मीदवारों की लिस्ट जारी की, इसमें गुप्तेश्वर पांडेय का नाम नहीं था.
इस लिस्ट में बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद के बड़े बेटे तेज प्रताप के ससुर चंद्रिका राय और मुजफ्फरपुर बालिका गृह मामले से चर्चा में आईं मंजू वर्मा का नाम शामिल है.
बिहार के डीजीपी रहे गुप्तेश्वर पांडेय ने बीते महीने वीआरएस यानी स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति ली थी और उसके बाद वो बिहार की सत्ताधारी पार्टी जनता दल यूनाइटेड में शामिल हो गए थे.
राजनीतिक हलकों में चर्चा थी कि विधानसभा चुनाव के ठीक पहले पुलिस बल से रिटायर होकर वो राजनीतिक महत्वाकांक्षा पूरी करना चाहते हैं. माना जा रहा था कि वो चुनाव में जेडीयू के उम्मीदवार बन सकते हैं.
अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत की मौत के मामले में अपने बयानों से देश भर में चर्चा का केंद्र बने गुप्तेश्वर पांडेय का नाम जेडीयू उम्मीदवारों की सूची में नहीं आया तो इसे लेकर भी सोशल मीडिया पर ख़ूब चर्चा हुई. बाद में पांडेय ने फ़ेसबुक पर बयान जारी किया.
इन चर्चित नामों को मिला टिकट
जेडीयू उम्मीदवारों की सूची में जो चर्चित नाम शामिल हैं उनमें लालू प्रसाद के बड़े बेटे तेज प्रताप यादव के ससुर चंद्रिका राय का नाम भी शामिल है.
चंद्रिका राय इससे पहले राष्ट्रीय जनता दल में रह चुके हैं. वो आरजेडी से मंत्री भी रहे थे.
चंद्रिका राय की बेटी ऐश्वर्या की शादी तेज प्रताप से हुई थी. बाद में इस रिश्ते में विवाद शुरू हो गया. चंद्रिका राय ने अपनी बेटी के ख़िलाफ़ घरेलू हिंसा का आरोप लगाते हुए लालू की पत्नी राबड़ी देवी, उनकी बेटी और बेटे पर मामला भी दर्ज कराया था. इसके बाद चंद्रिका राय ने आरजेडी से इस्तीफा दे दिया था और जेडीयू में शामिल हो गए थे.
भारतीय जनता पार्टी के साथ मिलकर चुनाव लड़ रही जेडीयू ने मुजफ्फरपुर बालिका गृह मामले से चर्चा में आईं मंजू वर्मा को भी उम्मीदवार बनाया है.
बालिका गृह मामले में मंजू को मंत्री पद गंवाना पड़ा था. अब इन्हें चेरियाबरियारपुर से फिर टिकट मिला है.(bbc)
नई दिल्ली, 8 अक्टूबर (आईएएनएस)| भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के कार्यकारी निदेशक एम. राजेश्वर राव को आरबीआई का डिप्टी गवर्नर नियुक्त किया गया है। नियुक्ति समिति ने बुधवार को राव को डिप्टी गवर्नर बनाए जाने का अनुमोदन किया है।
राव वर्तमान में केंद्रीय बैंक के साथ एक कार्यकारी निदेशक हैं।
कार्मिक और प्रशिक्षण विभाग के एक नोटिफिकेशन में कहा गया है, "मंत्रिमंडल की नियुक्ति समिति ने भारतीय रिजर्व बैंक के डिप्टी गवर्नर के पद पर भारतीय रिजर्व बैंक के कार्यकारी निदेशक एम. राजेश्वर राव की नियुक्ति को मंजूरी दे दी है।"
राव आरबीआई एन. एस. विश्वनाथन की जगह लेंगे। यह पद छह महीने से यह पद खाली पड़ा हुआ था। विश्वनाथन 31 मार्च को सेवानिवृत्त हुए थे।
अयोध्या, 8 अक्टूबर (आईएएनएस)| अयोध्या में राममंदिर निर्माण के लिए भूमिपूजन के बाद भक्त अपनी श्रद्घा के अनुसार कुछ न कुछ भेंट कर रहे हैं। इसी बीच बुद्धवार को तमिलनाडु के रामेश्वरम् से 4500 किलोमीटर की यात्रा कर लाया गया एक 613 किलो का घंटा रामलला को भेंट किया गया है। इस घंटे की खास बात है कि इसकी ध्वनि कई किलोमीटर तक सुनाई देती है। इसे लीगल राइट काउंसिल ने भेंट किया है।
यह विशेष घंटा तमिलनाडु की रहने वाली राजलक्ष्मी मांडा लेकर आई हैं। राजलक्ष्मी बुलेट रानी के नाम से देश में मशहूर हैं। वे विश्व की दूसरी महिला हैं, जिन्होंने 9़5 टन वजन खींचने का वर्ल्ड रिकॉर्ड बनाया है। रामरथ पर रखकर यह घंटा अयोध्या लाया गया है। 17 सितंबर को रामरथ यात्रा की शुरुआत हुई थी, जो 7 अक्टूबर को 21 दिन में 10 राज्यों से होकर अयोध्या में पूरी हुई।
राजलक्ष्मी ने बताया कि रास्ते में जगह-जगह इस घंटे की और भगवान राम दरबार व गणेश की मूर्ति का पूजन किया गया। यात्रा में कुल 18 लोग तमिलनाडु से अयोध्या पहुंचे हैं।
राम मंदिर में लगने वाला यह घंटा अनूठा है। यह 4 फीट ऊंचा है और वजन 613 किलो है। कांसे से बना हुआ है। इसकी चौड़ाई 3़9 फीट है। अयोध्या पहुंचने पर राजलक्ष्मी मांडा ने कहा कि उनका जीवन धन्य हो गया। वे भगवान श्री राम के रथ को तमिलनाडु से अयोध्या तक खुद ड्राइव करके आई हैं।
इस मौके पर सांसद, नगर विधायक, महापौर, श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय सहित कई अन्य लोग मौजूद थे।
ज्ञात हो कि काफी समय की प्रतीक्षा के बाद अयोध्या में भव्य राम मंदिर का निर्माण शुरू हो चुका है। पांच अगस्त को प्रधानमंत्री मोदी द्वारा भूमिपूजन करने के बाद रामलला के दर्शन के लिए देश भर से लोग आ रहे हैं और रामलला के लिए भेंट ला रहे हैं।
नई दिल्ली, 8 अक्टूबर (आईएएनएस)| वकील और पूर्व केंद्रीय मंत्री अरुण जेटली के बेटे रोहन जेटली ने बुधवार को दिल्ली एवं जिला क्रिकेट संघ (डीडीसीए) के अध्यक्ष पद के लिए नामांकन भर दिया।
रोहन के पिता दिवंगत अरुण जेटली 1999 से 2013 तक 14 साल तक इस पद पर रहे थे।
रोहन ने आईएएनएस से कहा, "मैंने नामांकन भर दिया है क्योंकि किसी को तो काम करना है। क्रिकेट प्रशासन आसान नहीं है। जो चीजें डीडीसीए के लिए जरूरी है वो की जानी चाहिए।"
रोहन के खिलाफ सिर्फ एक इंसान-सुनील कुमार गोयल ने नामांकन भरा लेकिन उम्मीद है कि वह 10 अक्टूबर को अपना नाम वापस ले लेंगे।
रोहन को डीडीसीए के बाकी समूहों से समर्थन मिला है लेकिन बाकी पदो के लिए कोई आम सहमति नहीं बनी है। डीडीसीए में छह पदों के लिए 17 से 20 अक्टूबर के बीच चुनाव होने हैं।
इसमें अध्यक्ष, कोषाध्याक्ष और चार निदेशक हैं।। कोषाध्यक्ष के लिए 19 लोगों ने नामांकन भरा है, लेकिन एक या दो लोगों के अंत तक इस रेस में बने रहने की उम्मीद है बाकी के लोग अपना नामांकन वापस ले सकते हैं।
बीसीसीआई के पूर्व अध्यक्ष सीके. खन्ना की पत्नी शशि खन्ना ने इस पद के लिए नामांकन भरा है और वह मजबूत दावेदार लग रही हैं।
शशि ने आईएएनएस से कहा, "मैं निश्चित तौर पर कोषाध्यक्ष पद के लिए लडूंगी। मैंने कागजों के दो सेट भरे हैं ताकि मैं सुरक्षित रह सकूं। कुछ और लोगों ने भी इस पद के लिए नामांकन भरा है लेकिन इनमें से ज्यादा लोग किसी ग्रुप के नहीं हैं। इसलिए उम्मीद है कि वह अपना नामांकन वापस ले लेंगे।"
निदेशकों के चार पदों के लिए कुल 19 लोगों ने नामांकन भरे हैं।
नई दिल्ली, 7 अक्टूबर (आईएएनएस)| राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के सरसंघचालक मोहन भागवत ने कहा कि बीज से वृक्ष बनता है और बीज को मिट्टी में मिल जाना पड़ता है। समर्पण ही बीज की ताकत है। संघ ऐसे लोगों से चलता है जो होते तो हैं, लेकिन दिखते नहीं हैं। ऐसे ही व्यक्तित्व के धनी थे राष्ट्रवादी साहित्यकार और पत्रकार मामाजी माणिक चंद्र बाजपेयी। आरएसएस के सरसंघचालक मोहन भागवत ने बुधवार को मामाजी माणिक चंद्र बाजपेयी के जन्म शताब्दी समारोह को संबोधित करते हुए कहा कि, "व्यक्ति क्या बनता है, क्या करता है? इसके कारण वह यशस्वी बनता है। यश एक बात है, सार्थकता अलग बात है। मामाजी का जीवन ऐसा था। इसीलिए संघ चल रहा है। "
पांचजन्य और विश्व संवाद केंद्र मध्य प्रदेश की ओर से आयोजित इस कार्यक्रम में सरसंघचालक मोहन भागवत ने कहा, "यश का परहेज नहीं है, लेकिन सार्थकता अनिवार्य है। संघ ऐसे लोगों से चलता है जो होते हैं, लेकिन दिखते नहीं। जो कुछ न करें तो भी उनके होने का परिणाम होता है।"
मोहन भागवत ने कहा कि, "माणिक चंद्र वाजपेयी कौन हैं? यही उनका सबसे बड़ा सर्टिफिकेट है। उनके इसी समर्पण के कारण आज हम उनके बारे में बातचीत कर रहे हैं। बीज मिट्टी में मिलकर वृक्ष खड़ा कर देता है। ऐसे ही थे माणिक चंद्र बाजपेयी। वे जानते थे कि विश्व को अपना बनाना है तो पहले भारत को अपना बनाना होगा। इसके लिए भारतीयों को खड़ा करना होगा होगा।"
पटना, 7 अक्टूबर (आईएएनएस)| बिहार विधानसभा चुनाव-2020 को लेकर बुधवार को राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) में शामिल जनता दल (युनाइटेड) ने अपने कोटे की सभी 115 विधानसभा क्षेत्रों के प्रत्याशियों की सूची जारी कर दी। राजग में शामिल जदयू ने बुधवार को प्रदेश कार्यालय में एक प्रेस कांफ्रेंस आयोजित कर अपने कोटे की सभी 115 सीटों पर प्रत्याशियों की सूची जारी कर दी। जदयू ने रूपौली से जहां बीमा भारती को प्रत्याशी बनाया है, वहीं परसा से राजद अध्यक्ष लालू प्रसाद के समधी चंद्रिका राय को टिकट थमाया है।
इसके अलावा, महुआ से आश्मा परवीन को, जबकि सरायरंजन से विधानसभा अध्यक्ष विजय कुमार चौधरी को प्रत्याशी बनाया गया है।
जदयू की सूची में बिहार के पूर्व पुलिस महानिदेशक गुप्तेश्वर पांडेय का नाम नहीं है। कुछ दिनों पहले पांडेय जदयू की सदस्यता ग्रहण की थी, तब संभावना व्यक्त की गई थी वे जदयू की ओर से चुनाव मैदान में उतरेंगे।
मुख्यमंत्री और जदयू के अध्यक्ष नीतीश कुमार ने अपने गृह जिले नालंदा के नालंदा विधानसभा क्षेत्र से मंत्री श्रवण कुमार पर फिर से विश्वास जताते हुए उन्हें टिकट थमाया है, जबकि बक्सर के डुमरांव से अंजुम आरा को चुनावी मैदान में उतारा गया है।
दिनारा से मंत्री जयकुमार सिंह चुनावी मैदान में खम ठोकेंगे तथा झाझा से दामोदर रावत एकबार फिर दो-दो हाथ करते नजर आएंगे। जहानाबाद से शिक्षा मंत्री कृष्णनंदन वर्मा फिर से चुनावी मैदान में उतारे गए हैं।
उल्लेखनीय है कि जदयू राजग में भाजपा, हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा (हम) , विकासशील इंसान पार्टी (वीआईपी) के साथ चुनाावी मैदान में है। बंटवारे में जदयू के हिस्से 122 सीटें आई हैं, जिसमें से उसने अपने कोटे की सात सीटें हम को दी है। भाजपा के हिस्से 121 सीटें आई हैं, जिसमें से उसने 11 सीटें वीआईपी को दे दी है।
पटना, 7 अक्टूबर (आईएएनएस)| बिहार विधानसभा चुनाव के प्रथम चरण के 28 अक्टूबर को होने वाले मतदान को लेकर बुधवार को नामांकन दाखिल किए जाने में तेजी आ गई है। बुधवार को कई दिग्गज नेताओं ने नामांकन का पर्चा दाखिल किया। बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी ने जहां हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा (हम) उम्मीदवार के रूप में इमामगंज क्षेत्र से नामांकन का पर्चा भरा, वहीं गया में कृषि मंत्री प्रेम कुमार ने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) प्रत्याशी के रूप में नामांकन दाखिल किया।
अंतर्राष्ट्रीय शूटर श्रेयसी सिंह ने जमुई विधानसभा से नामांकन का पर्चा दाखिल किया। श्रेयसी को भाजपा ने जमुई से प्रत्याशी बनाया है। इसके अलावे कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और युवक कांग्रेस के बिहार प्रदेश के अध्यक्ष ललन कुमार ने भागलपुर के सुल्तानगंज से बतौर कांग्रेस प्रत्याशी के रूप में नामांकन दाखिल किया।
बिहार के दिग्गज नेता रहे दिग्विजय सिंह की पुत्री श्रेयसी सिंह ने नामांकन का पर्चा दाखिल करने के बाद अपने जीत का दावा करते हुए कहा कि उनकी प्राथमिकता जमुई का विकास है। उन्होंने कहा कि राजग विकास के मुद्दे के साथ चुनाव मैदान में है और जमुई तथा बिहार का विकास उनकी प्राथमिकता है।
इधर, ललन कुमार ने भी अपनी जीत का दावा किया है। उन्होंने कहा कि महागठबंधन एकजुट है और महागठबंधन यहां तीन चौथाई सीटों पर जीतकर बिहार की सत्ता में वापसी करेगा।
उल्लेखनीय है कि बिहार चुनाव में मुख्य मुकाबला राजग और विपक्षी दलों के महागठबंधन में माना जा रहा है। राजग में जहां भाजपा, जदयू, विकासशील इंसान पार्टी (वीआईपी) और हम है, वहीं महागठबंधन में राजद के अलावा कांग्रेस व कई वामपंथी दल शामिल हैं।
बिहार में पहले चरण का मतदान 28 अक्टूबर को होगी। दूसरे चरण में 3 नवंबर और तीसरे चरण में 7 नवंबर को मतदान होगा। चुनाव परिणाम 10 नवंबर को निकलेंगे।
पीलीभीत, 7 अक्टूबर (आईएएनएस)| पीलीभीत टाइगर रिजर्व (पीटीआर) के माला वन रेंज में बाघ के हमले में एक किसान की मौत हो गई। अधिकारियों ने यह जानकारी बुधवार को दी। गजरौला थाना क्षेत्र अंतर्गत पिपरिया करम गांव निवासी सुखवीर सिंह पर मंगलवार शाम को हमला उस वक्त हुआ, जब वह माला वन रेंज के पास से अपने घर की तरफ जा रहे थे।
मृतक के परिजनों ने वन विभाग से मुआवजे की मांग की, लेकिन वन अधिकारी उनके बातों से सहमत नहीं हुए। अधिकारी का कहना है कि जहां हमला हुआ वो वन परिसर के लगभग एक किलोमीटर भीतर हुआ है।
पीलीभीत टाइगर रिजर्व (पीटीआर) के उपनिदेशक नवीन खंडेवाल ने कहा कि वन विभाग की टीम ने घटनास्थल का मुआयना किया है।
उन्होंने कहा, "हालांकि, हमने बाघ के मूवमेंट पर नजर रखने के लिए इलाके में कैमरा ट्रैप लगाने के लिए फील्ड फोर्स की तैनाती की है। हमने ग्रामीणों से अपनी सुरक्षा के लिए वन क्षेत्र में प्रवेश नहीं करने की अपील भी की है।
रांची, 7 अक्टूबर (आईएएनएस)| करीब सात महीने के अंतराल के बाद झारखंड में श्रद्धालुओं के लिए मंदिर गुरुवार से खुल जाएंगे। हेमंत सोरेन के नेतृत्व वाली झारखंड सरकार ने 1 अक्टूबर को मंदिरों को खोलने के लिए दिशा-निर्देश जारी किए थे। राज्य सरकार ने कुछ प्रतिबंधों के साथ दुर्गा पूजा मनाने की भी अनुमति दी है।
अधिकारियों ने राज्य के महत्वपूर्ण मंदिरों का दौरा किया और भक्तों के लिए दिशानिर्देश जारी किए। रामगढ़ जिला प्रशासन के अधिकारियों ने बुधवार को मां छिन्नमस्तिका मंदिर का दौरा किया और मंदिर को फिर से खोलने की तैयारियों को लेकर समीक्षा की।
मां छिन्नमस्तिका मंदिर देश के 52 शक्तिपीठों में से एक है।
दिशानिर्देशों के अनुसार, मास्क के बिना किसी भी भक्त को मंदिर में प्रवेश करने की अनुमति नहीं दी जाएगी और भक्त को अपने साथ सैनिटाइजर ले जाना होगा। वहीं एक वक्त में सिर्फ पांच भक्तों को ही गर्भ गृह में जाने की अनुमति दी जाएगी। सुबह की प्रार्थना के बाद मंदिर खोला जाएगा। मंदिर परिसर में एक समय में अधिकतम 100 लोगों को अनुमति दी जाएगी, जबकि परिसर में प्रवेश के लिए कतार में सिर्फ 150 भक्तों को ही अनुमति दी जाएगी।
शिव मंदिर में भक्तों को शिवलिंग को छूने की अनुमति नहीं होगी। लोगों को सिर्फ 'अर्ध्य' प्रणाली के माध्यम से दूर से जल चढ़ाने की अनुमति दी जाएगी।
वहीं देवघर का शिव मंदिर पहले सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर खोला गया था। देवघर मंदिर में पूजा करने के लिए एक समय में सिर्फ 100 भक्तों को अनुमति दी जाती है। यह शिवलिंग 12 ज्योर्तिलिगों में से एक है।
राज्य में जगह-जगह कोविड -19 प्रोटोकॉल के साथ दुर्गा पूजा का आयोजन किया जाएगा।
राज्य सरकार के दिशानिर्देशों में कहा गया है कि दुर्गा पूजा विशेष रूप से चयनित छोटे पंडाल में भी की जा सकती है, जहां यह पूजा पारंपरिक रूप से होती आ रही है। पूजा में जन-भागीदारी की अनुमति नहीं होगी। इसके अलावा, इन पंडालों का निर्माण किसी भी थीम पर आधारित नहीं होगा।
मूर्ति चार फीट से अधिक ऊंची नहीं होगी। आदेश में कहा गया है कि पूजा पंडाल के आस-पास के क्षेत्र में कोई सजावट या लाइटिंग व्यवस्था नहीं होगी और न ही पूजा पंडालों में और इसके आसपास द्वार या तोरणद्वार बनाए जाएंगे। पंडाल में मूर्ति वाले स्थान को छोड़कर पूरा पूजा पंडाल पूरी तरह हवादार होगा। दुर्गा पूजा पंडाल और उसके आसपास खाद्य पदार्थों के स्टॉल लगाने की अनुमति नहीं होगी।
मुंबई, 7 अक्टूबर (आईएएनएस)| जमानत मिलने के कुछ घंटे बाद बॉलीवुड अभिनेत्री रिया चक्रवर्ती बुधवार की शाम को भयखला जेल से बाहर निकलीं। रिया 8 सितंबर को गिरफ्तार होने के बाद से 28 दिन से जेल में थीं।
बड़े पैमाने पर इकट्ठी हुई मीडिया और पूरी पुलिस सुरक्षा के बीच गाड़ी में बैठीं और सांताक्रूज में अपने घर के लिए रवाना हो गईं।
इससे पहले सुबह बॉम्बे हाईकोर्ट के न्यायाधीश एस.वी.कोतवाल ने उन्हें 1 लाख रुपये के साथ सशर्त जमानत दे दी थी। उनके साथ ही दिवंगत अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत के होम मैनेजर सैमुअल मिरांडा और निजी स्टाफ के सदस्य दीपेश सावंत को भी जमानत दे दी थी।
हालांकि रिया के भाई शोविक और ड्रग पेडलर अब्दुल बासित परिहार को जमानत देने से कोर्ट ने इनकार कर दिया।
अदालत के आदेश का स्वागत करते हुए रिया के वकील सतीश मानेशिंदे ने कहा कि "सत्य और न्याय की जीत हुई है" और आखिरकर तथ्यों और कानून पर आधारित दस्तावेजों को न्यायमूर्ति कोतवाल ने स्वीकार कर लिया है।
उन्होंने कहा, "रिया की गिरफ्तारी और हिरासत पूरी तरह से अनुचित और कानून से हटकर थी। तीन केंद्रीय एजेंसियों - सीबीआई, ईडी और एनसीबी द्वारा रिया को निशाना बनाना बंद करना चाहिए। हम सत्य के लिए प्रतिबद्ध हैं। सत्यमेव जयते।"
शाम को मानेशिंदे ने राहत जताई कि आखिरकार एक महीने बाद रिया आज अपने घर पर सोएंगी।
इस बीच पुलिस उपायुक्त संग्राम सिंह निशंदर ने पेपराज्जी को फिर से चेतावनी दी कि वे किसी भी वाहन का पीछा न करें।
जयपुर, 7 अक्टूबर (आईएएनएस)| बहुचर्चित थानागाजी सामूहिक दुष्कर्म मामले में अदालत ने मंगलवार को फैसला सुनाते हुए पांचों आरोपियों को दोषी माना। विशेष अदालत ने चार दोषियों को उम्र कैद की सजा सुनाई, जबकि घटनाक्रम का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल करने वाले दोषी को पांच साल के सश्रम कारावास की सजा सुनाई। इसके एक दिन बाद अब पीड़ित के परिवार के सदस्यों ने अदालत के फैसले पर असंतोष व्यक्त करते हुए दोषियों को फांसी देने की मांग की है। यहां मीडिया से बात करते हुए पीड़िता के पिता, सास और देवर ने कहा कि दोषियों को मौत की सजा दी जानी चाहिए, ताकि इस तरह के जघन्य अपराधों को दोहराया न जाए।
उन्होंने कहा, "हम विशेष अदालत के फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में अपील करेंगे और दोषियों के लिए मौत की सजा की मांग करेंगे।"
मंगलवार को फैसला सुनाते हुए विशेष अदालत के न्यायाधीश बृजेश कुमार ने अपराध की तुलना द्रौपदी के 'चीरहरण' से की थी और कहा था कि जघन्य कृत्य ने मानवता को शर्मसार किया है।
घटना 26 अप्रैल 2019 की है। थानागाजी के रहने वाले एक दंपति बाइक पर जा रहे थे। तभी पांच युवकों ने उनका पीछा करके उन्हें रोक लिया। इसके बाद वह उन्हें जबरन जंगल ले गए। वहां महिला के साथ पति के सामने सामूहिक दुष्कर्म किया।
आरोपियों ने इसका वीडियो भी बनाया। इस मामले में दो मई को एफआईआर दर्ज हुई। बताया जाता है कि पीड़ित थाने गए थे, लेकिन पुलिस ने चुनाव में व्यस्त होने की बात कहकर मुकदमा नहीं लिखा और उन्हें वापस भेज दिया। बाद में घटना का वीडियो वायरल होने के बाद मामले ने तूल पकड़ा।
राजस्थान सरकार को लोकसभा चुनाव प्रचार के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और बहुजन समाज पार्टी (बसपा) की प्रमुख मायावती की ओर से इस मामले में प्राथमिकी दर्ज करने में देरी को लेकर आलोचनाओं का सामना करना पड़ा था। कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने भी थानागाजी का दौरा किया था और वह दुष्कर्म पीड़िता के परिवार से मिले थे।
उम्रकैद की सजा पाने वाले दोषियों में इंद्राज, अशोक, छोटेलाल और हंसराज शामिल हैं। अदालत ने उन पर एक लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया है।
पांचवा सजायाफ्ता व्यक्ति मुकेश है, जिसने वीडियो को वायरल किया, और उसे पांच साल के कठोर कारावास की सजा सुनाई गई है।
आरोपी ने दुष्कर्म का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल न करने के लिए पीड़िता से 10 हजार रुपये की मांग भी की थी।
पटना, 7 अक्टूबर (आईएएनएस)| बिहार की सियासत में बाहुबली नेताओं का अपना वर्चस्व रहा है। इसी क्रम में बाहुबली विधायक अनंत सिंह ने बुधवार को मोकामा से नामांकन पर्चा दाखिल किया। सिंह पटना के बेउर जेल से कैदी वैन पर बाढ़ पहुंचे। वहां निर्वाची पदाधिकारी के पास उन्होंने नामांकन पर्चा दाखिल किया। बिहार में 'छोटे सरकार' के रूप में चर्चित अनंत सिंह उनके घर से एके-47 बरामद होने के मामले में फिलहाल जेल में बंद हैं। सिंह मोकामा से पांचवीं बार चुनाव मैदान में हैं। इस चुनाव में सिंह राजद के प्रत्याशी बनाए गए हैं। सिंह की पत्नी नीलम सिंह भी बुधवार को बतौर निर्दलीय पर्चा दाखिल किया।
माना जा रहा है कि अगर किसी भी कारण अनंत सिंह का नामांकन पर्चा रद्द हो जाता है, तब नीलम बतौर निर्दलीय चुनावी मैदान में रहेंगी। उन्हें महागठबंधन का समर्थन मिलेगा।
अनंत सिंह का राजनीतिक सफर तो जदयू से शुरू हुआ था, लेकिन पिछले साल उनका जदयू से मतभेद हो गया और वे बतौर निदलीय चुनाव मैदान में उतर गए। उन्होंने जदयू के वरिष्ठ नेता नीरज कुमार को हराया था। आपराधिक छवि के होने के बावजूद उनकी लोकप्रियता इस क्षेत्र में बनी हुई है। मोकामा भूमिहार जाति बहुल विधानसभा क्षेत्र माना जाता है। सिंह भी इसी जाति से आते हैं।
उल्लेखनीय है कि सिंह के नदवां गांव स्थित उनके आवास से पिछले साल एक एके47 राइफल बरामद हुई थी, जिसके बाद उन्हें गिरफ्तार किया गया था। तभी से वे बेउर जेल में बंद हैं।
हाथरस, 7 अक्टूबर (आईएएनएस)| कोरोना पॉजिटिव होने के बाद भी हाथरस के पीड़ित परिवार के घर का दौरा करने वाले दिल्ली के आम आदमी पार्टी के विधायक कुलदीप कुमार पर महामारी अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया गया है।
हाथरस के पुलिस अधीक्षक विनीत जायसवाल ने बुधवार को कहा कि कुलदीप कुमार ने 29 सितंबर को ट्विटर पर घोषणा की थी कि "पिछले दो दिनों से हल्के बुखार के बाद आज मैंने कोविड -19 का परीक्षण करवाया था। इसकी रिपोर्ट पॉजिटिव आई है और अब मैं घर पर ही आइसोलेशन में रहूंगा। पिछले 2-3 दिनों में जो भी मुझसे मिला है, उसे भी अपना परीक्षण करवाना चाहिए।"
कोरोना वायरस पॉजिटिव पाए जाने के 6 दिन बाद कुलदीप कुमार पीड़ित परिवार से मिलने हाथरस गए।
हाथरस के पीड़ित परिवार से मिलने के बाद 5 अक्टूबर को उन्होंने एक वीडियो पोस्ट किया और लिखा, "मैं हाथरस के पीड़ित परिवार से मिलने के बाद अभी लौटा हूं। परिवार को डराया जा रहा है। यह लोकतंत्र और संविधान की हत्या है। उत्तर प्रदेश में योगी राज में कोई कानून नहीं है, वहां जंगल राज चल रहा है!"
नई दिल्ली, 7 अक्टूबर (आईएएनएस)| तेजस एक्सप्रेस ट्रेनों में यात्रा करने की योजना बना रहे यात्रियों के लिए एक बड़ी राहत देते हुए इंडियन कैटरिंग एंड टूरिज्म कॉरपोरेशन लिमिटेड (आईआरसीटीसी) ने 2 ट्रेनों का परिचालन शुरू करने का फैसला किया है। करीब सात महीने बाद 17 अक्टूबर से लखनऊ-नई दिल्ली और अहमदाबाद-मुंबई तेजस ट्रेनें शुरू होंगी। आईआरसीटीसी के प्रवक्ता ने एक बयान में कहा है कि त्योहारी सीजन के कारण बढ़ती यात्री मांग को पूरा करने के लिए दोनों तेजस एक्सप्रेस ट्रेनों का परिचालन 17 अक्टूबर से फिर से शुरू होने की उम्मीद है।
आईआरसीटीसी ने कोविड-19 महामारी के कारण 19 मार्च से ही इन दोनों को रद्द कर दिया था। प्रवक्ता ने कहा कि इन दोनों ट्रेनों का परिचालन रेल मंत्रालय से मंजूरी मिलने के बाद शुरू होगा।
प्रवक्ता ने कहा, "शुरूआत में सोशल डिस्टेंसिंग के मानदंडों के अनुसार एक सीट छोड़कर एक सीट को खाली रखा जाएगा। यात्रियों को एक बार बैठने के बाद अपनी सीटों का बदलने की अनुमति नहीं दी जाएगी। यात्रियों और कर्मचारियों के लिए फेस मास्क का उपयोग करना अनिवार्य होगा। सभी यात्री आरोग्य सेतु ऐप इंस्टॉल करेंगे।"
उन्होंने आगे कहा कि सभी यात्रियों को एक कोविड -19 सुरक्षा किट दी जाएगी, जिसमें हैंड सैनिटाइजर की एक बोतल, एक मास्क, एक फेस शील्ड और एक जोड़ी ग्लब्स होंगे। कोच में प्रवेश करने से पहले सभी यात्रियों की थर्मल स्क्रीनिंग होगी और हैंड सैनिटाइज करने होंगे।
आईआरसीटीसी ने पिछले साल लखनऊ-नई दिल्ली के बीच अपनी पहली तेजस एक्सप्रेस ट्रेन शुरू की थी, जबकि इस साल की शुरूआत में मुंबई-अहमदाबाद के बीच दूसरी ट्रेन शुरू की। इसके बाद फरवरी में वाराणसी-इंदौर के बीच काशी महाकाल एक्सप्रेस भी शुरू की थी।
हाथरस, 7 अक्टूबर (आईएएनएस)। जैसे-जैसे दिन बीतते जा रहे हैं, हाथरस की 'भयावह' घटना में कहानी करवट लेती जा रही है और आरोपियों को अब भाजपा नेताओं का समर्थन मिलने लगा है। पीड़िता के परिवार के कॉल डिटेल रिकॉर्डस (सीडीआर) से खुलासा हुआ है कि उन्होंने पांच महीने में 104 बार मुख्य आरोपी संदीप सिंह से बात की थी।
पुलिस सूत्रों ने कहा कि सीडीआर साबित करता है कि दोनों परिवारों में अच्छी खासी बातचीत हुई है।
कॉल रिकॉर्ड बताते हैं कि दो फोन नंबरों के बीच 62 आउटगोइंग कॉल और 42 इनकमिंग कॉल, यानी कुल 104 कॉल थे।
एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने नाम न बताने की शर्त पर कहा, "पीड़िता के परिवार ने हम सभी से इस जानकारी को छुपाया है। इस मामले की जांच करनी होगी और हम इस मुद्दे पर लड़की के भाइयों से पूछताछ करेंगे।"
पीड़िता के भाई ने स्वीकार किया है कि वह फोन नंबर उसी का है, लेकिन साथ ही उन्होंने आरोपी परिवार के किसी भी सदस्य से बात करने से इनकार किया है।
वहीं पीड़ित परिवार द्वारा नार्को-टेस्ट से मना करना भी उन्हें संदेह के घेरे में लाकर खड़ा कर दिया है।
एक स्थानीय निवासी ठाकुर सोमेश सिंह ने कहा, "यह ऑनर किलिंग का मामला है। सरकार ने पुष्टि की है कि दुष्कर्म नहीं हुआ था। मेडिकल रिपोर्ट में भी पाया गया कि दुष्कर्म नहीं हुआ। तो कुछ अन्य लड़कों ने उसका गला क्यों घोंट दिया।"
आरोपी राम कुमार के पिता राकेश कुमार ने कहा कि कथित घटना के समय उनका बेटा एक स्थानीय दूध संयंत्र में ड्यूटी पर था, जहां वह काम करता था।
उन्होंने कहा, "आप दूध संयंत्र में उसकी उपस्थिति की पुष्टि करने के लिए सीसीटीवी फुटेज और उपस्थिति रजिस्टर भी देख सकते हैं।"
वहीं आरोपी संदीप के पिता गुड्डू ने कहा कि उनका बेटा उनकी गायों को पानी दे रहा था, तभी कुछ लोग आए और कहा कि लड़की बेहोश पड़ी है। हमने उन्हें लड़की को होश में लाने के लिए पानी भी दिया और कुछ घंटों बाद पुलिस ने मेरे बेटे को गिरफ्तार कर लिया।
एक अन्य आरोपी लवकुश की मां मुन्नी देवी ने कहा कि जब वह पास के ही एक खेत में काम कर रही थी, तभी कुछ हंगामा हुआ। उन्होंने कहा, "मैंने वहां जाकर देखा कि लड़की बेहोश पड़ी है। मैंने उसे पानी पिलाया, लेकिन बाद में मेरे बेटे को पुलिस ले गई।"
घटना क्षेत्र यानी बुलगड़ी गांव के आस-पास के कई गांवों में अब ऊंची जाति की पंचायतें हो रही हैं और स्थानीय ठाकुर और ब्राह्मण एकमत होकर चारों आरोपियों की रिहाई की मांग कर रहे हैं।
सरकार ने मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट में जो हलफनामा दिया, उसमें दुष्कर्म होने की बात खारिज की गई है, जिससे अभियुक्त पक्ष के लिए अभियान को और मजबूती मिल गई है।
हाथरस की घटना 14 सितंबर को पीड़िता के एक खेत में काम करने के दौरान हुई थी और आरोपी द्वारा उसे पास के खेत में खींचकर ले जाने और वारदात को अंजाम देने की बात सामने आई थी। परिवार ने आरोप लगाया है कि लड़की के साथ सामूहिक दुष्कर्म किया गया और उसका गला घोंटा गया।
पीड़िता के गर्दन की हड्डियों और रीढ़ की हड्डी में गंभीर चोटों के कारण उसे अलीगढ़ के एक अस्पताल में भर्ती कराया गया था। बाद में उसे दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल में स्थानांतरित कर दिया गया, जहां 29 सितंबर को उसकी मौत हो गई। इस घटना से पूरे देश में आक्रोश फैल गया।
उत्तर प्रदेश पुलिस द्वारा रात में ही लड़की के शव का अंतिम संस्कार करवाए जाने के बाद पीड़िता को न्याय दिलाने की आवाज बुलंद हुई। परिजनों ने कहा कि शव का अंतिम संस्कार करने से पहले पुलिस ने उनकी सहमति नहीं ली, शव को देखने तक नहीं दिया।
चेन्नई, 7 अक्टूबर (आईएएनएस) | भारतीय अंतरिक्ष एजेंसी की ओर से अपने पुन: प्रयोज्य प्रक्षेपण यान (आरएलवी) के नवंबर या दिसंबर 2020 में जमीन पर उतरने का परीक्षण करने की संभावना है। एक वरिष्ठ अधिकारी ने यह जानकारी दी।
भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) कक्षा के उपग्रहों में भेजने और अगले मिशन के लिए वापस आने के लिए अमेरिका के स्पेस शटल के समान आरएलवी बनाने का लक्ष्य बना रहा है। यह उपग्रह प्रक्षेपण लागत को भी कम करेगा।
सेवा में दो भारतीय रॉकेट-पोलर सैटेलाइट लॉन्च व्हीकल (पीएसएलवी) और जियोसिंक्रोनस सैटेलाइट लॉन्च व्हीकल (जीएसएसवी) और आने वाले स्मॉल सैटेलाइट लॉन्च व्हीकल (एसएसएलवी) हैं।
इसरो के विक्रम साराभाई स्पेस सेंटर (वीएसएससी) के निदेशक एस. सोमनाथ ने आईएएनएस से कहा, "हम कर्नाटक में चित्रदुर्ग जिले में पुन: प्रयोज्य लॉन्च वाहन की लैंडिंग का परीक्षण करने की योजना बना रहे हैं। हम इस वर्ष नवंबर/दिसंबर में परीक्षण करना चाहते हैं।"
योजना के अनुसार, आरएलवी को एक हेलीकॉप्टर द्वारा उठाया जाएगा और चार किमी की ऊंचाई से इसे छोड़ा जाएगा।
सोमनाथ ने कहा कि हेलीकॉप्टर द्वारा इसे छोड़े जाने के बाद आरएलवी अपने पैराशूट को तैनात करते हुए चित्रदुर्ग जिले के एक हवाई क्षेत्र में हवाई पट्टी पर लैंड करेगा।
इसरो के अनुसार, हेलीकॉप्टर के साथ इंटरफेस करने के लिए आरएलवी इंटरफेस सिस्टम (आरआईएस) और लैंडिंग गियर का क्वालिफिकेशन मॉडल सिद्ध हुआ है।
सीधे शब्दों में कहें तो आरएलवी एक कक्षा में चढ़ेगा, वहां रहेगा, एक विमान की तरह रनवे पर फिर से प्रवेश करते हुए लैंड करेगा। प्रौद्योगिकी में दोनों की जटिलताओं को पूरा करने की चुनौतियां हैं-एक रॉकेट और एक विमान।
सोमनाथ के अनुसार, इसरो के लगभग 30-40 अधिकारियों को चित्रदुर्ग ले जाना है और उन्हें लगभग दो सप्ताह तक वहां रहना है।
2016 में इसरो ने आरएलवी पीढ़ी के यान का 65 किलोमीटर की ऊंचाई से सफलतापूर्वक परीक्षण किया था।
राजीव शर्मा
पाकिस्तानी पीएम इमरान खान अपनी सरकार और पाकिस्तानी जनरल बाजवा अपनी इज्जत बचाने के लिए भारतीय नेवी के पूर्व अफसर कुलभूषण यादव की हत्या करने (फांसी पर चढ़ाने) वाले हैं। अदालती कार्रवाई की आड़ में इमरान ने कुलभूषण को सूली पर चढ़ाने का प्लान बना लिया है। क्योंकि पाकिस्तानी वकीलों ने कुलभूषण का केस लड़ने से इनकार कर दिया है और इमरान सरकार ने भारतीय वकीलों या क्वींस काउंसलर की नियुक्ति से इनकार कर दिया है। इससे साफ है कि लाहौर कोर्ट की दी गयी मोहलत खत्म हो रही है। अगली तारीख पर कुलभूषण की ओर से कोई वकील पेश न होने पर यह मान लिया जाएगा कि भारत कुलभूषण की ओर से वकील खड़ा नहीं कर पाया। अदालत की औपचारिकता पूरी हो जाएगी और कुलभूषण को फांसी पर चढ़ाने का फैसला सुना दिया जाएगा। यह अदालत की औपचारिकता नहीं बल्कि इमरान खान और जनरल बाजवा की चाल है कि गिलगिट बालटिस्तान के चुनाव से पहले कुलभूषण की हत्या (फांसी पर चढ़ा) कर कट्टरपंथियों के वोट हासिल कर लिए जाएं।
इस्लामाबाद हाईकोर्ट ने पाकिस्तान के दो सबसे वरिष्ठ वकीलों आबिद हसन मिंटो और मखदूम अली खान से सहायता मांगी थी। दोनों ने खेद व्यक्त करते हुए कुलभूषण जाधव की ओर से कोर्ट में पेश होने से इनकार कर दिया है। उन्होंने हाईकोर्ट के रजिस्ट्रार कार्यालय को अपने फैसले के बारे में सूचित किया है। आबिद हसन मिंटो ने कहा कि वह सेवानिवृत्त हो गए हैं और अब वकालत नहीं करेंगे। वहीं, मखदूम अली खान ने अपनी व्यस्तताओं का हवाला दिया है।
पाकिस्तान कुलभूषण जाधव के मामले में कोई भारतीय वकील या क्वींस कांउसल नियुक्त किए जाने की भारत की मांग को पहले ही खारिज कर चुका है। पाकिस्तान ने कहा था कि हमने भारत को सूचित किया है कि केवल उन वकीलों को पाकिस्तानी अदालतों में उपस्थित होने की अनुमति है जिनके पास पाकिस्तान में वकालत करने का लाइसेंस है। इस परिस्थिति में कोई बदलाव नहीं किया जा सकता। क्वींस काउंसल एक ऐसा बैरिस्टर या अधिवक्ता होता है, जिसे लॉर्ड चांसलर की सिफारिश पर ब्रिटिश महारानी के लिये नियुक्त किया जाता है।
इससे पहले पाकिस्तान की संसद ने उस अध्यादेश को चार महीने के लिए विस्तार दे दिया जिसके तहत जाधव को हाई कोर्ट में अपील करने का मौका मिला है। इंटरनेशनल कोर्ट ऑफ जस्टिस ने आदेश पर पाकिस्तान यह अध्यादेश लाया था। जाधव तक राजनयिक पहुंच देने से मना किए जाने पर भारत ने 2017 में पाकिस्तान के खिलाफ आईसीजे का रुख किया था और एक सैन्य अदालत द्वारा उन्हें जासूसी और आतंकवाद के आरोप में अप्रैल 2017 में सुनाई गई मौत की सजा को चुनौती दी थी।
(यह लेख इंडियानैरेटिवडॉटकॉम से विशेष व्यवस्था के तहत लिया गया है।)
भुवनेश्वर, 7 अक्टूबर (आईएएनएस)| भुवनेश्वर के राजभवन के पास एक ईंधन स्टेशन पर बुधवार को एक विस्फोट के बाद आग लगने से कई लोग घायल हो गए। पुलिस ने जानकारी दी कि भूमिगत सीएनजी स्टोरेज टैंक में विस्फोट होने से ईंधन स्टेशन में आग लग गई। घटनास्थल से कुछ सौ मीटर की दूरी पर ही राजभवन स्थित है।
विस्फोट के कारण पेट्रोल पंप पर कई वाहन क्षतिग्रस्त हो गए और कई लोग घायल हो गए।
घटनास्थल पर आग पर काबू पाने के लिए पांच फायर टेंडर को भेजा गया।
पुलिस आयुक्त सुधांशु सारंगी ने बताया कि ईंधन स्टोरेज टैंक में से एक में विस्फोट होने से ये आग फैल गई।
उन्होंने कहा कि किसी भी अप्रिय घटना से बचने के लिए पुलिस ने राजभवन और कैपिटल अस्पताल के बीच सड़क के पूरे हिस्से को बंद कर दिया है।
विस्फोट की तीव्रता इतनी अधिक थी कि यह भूकंप की तरह महसूस हुआ। एक प्रत्यक्षदर्शी ने कहा कि आसपास के घरों में भी तेज झटके महसूस किए गए।
केपिटल अस्पताल के निदेशक लक्ष्मीधर साहू ने कहा कि अस्पताल में इलाज के लिए आठ घायल भर्ती हुए हैं।
उन्होंने कहा, "उनमें से दो गंभीर रूप से जल गए हैं और कटक में एससीबी मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में स्थानांतरित करने का प्रयास किया जा रहा है। अन्य छह को मामूली चोटें आई हैं।"
अनूपपुर/भोपाल, 7 अक्टूबर (आईएएनएस)| मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कमल नाथ का अनूपपुर में भारतीय जनता युवा मोर्चा (भाजयुमो) के कार्यकर्ताओं ने विरोध किया और काले झंडे दिखाए। वहीं, कांग्रेस के पूर्व प्रदेशाध्यक्ष अरुण यादव ने जेड सुरक्षा प्राप्त कमल नाथ पर भाजपा द्वारा पथराव करने का आरोप लगाया है। राज्य में 28 विधानसभा क्षेत्रों में उप-चुनाव होने वाले हैं, उनमें से एक अनूपपुर भी है। कमल नाथ यहां जनसभा को संबोधित करने पहुंचे थे। भाजयुमो कार्यकर्ताओं ने 'झूठ बोले कौवा काटे' अभियान के तहत कमल नाथ पर बेरोजगारों को चार हजार रूपये का भत्ता न देने को लेकर विरोध किया। भाजयुमो कार्यकर्ता हाथ में काले झंडे लिए हुए थे और उन्होंने कमल नाथ के काफिले के सामने आकर विरोध दर्ज कराया।
वहीं कांग्रेस की प्रदेश इकाई के पूर्व प्रदेशाध्यक्ष अरुण यादव ने एक वीडियो और तस्वीर साझा करते हुए कमल नाथ के काफिले पर भाजपा द्वारा पथराव करने का आरोप लगाया है। उन्होंने कहा, कमल नाथ (जेड प्लस सुरक्षा) की कार पर अनूपपुर यात्रा के दौरान हुए पथराव व विरोध प्रदर्शन उसकी पराजय, हताशा का प्रतीक, हिंसा के गर्भ से उत्पन्न विचारधारा से यही उम्मीद, ध्यान रहे हम अंग्रेजों से लड़े हैं। वीडियो स्पष्ट कर रहा है हिंसा प्रायोजित है।
नई दिल्ली, 6 अक्टूबर। हाथरस की एक और बेटी की दुष्कर्म के बाद मौत हो गई है। दरअसल, 15 दिन पहले सादाबाद क्षेत्र के मई जटोई निवासी 6 वर्षीय बालिका के साथ अलीगढ़ जिले के इगलास गांव में रेप की घटना हुई थी। लडक़ी का दिल्ली के एक अस्पताल में इलाज चल रहा था। लडक़ी की मौत हो गई है। घटना से गुस्साए परिजनों ने शव को सडक़ पर रखकर जाम लगा दिया है। परिजनों की मांग है कि जब तक सही आरोपी नहीं पकड़ा जाएगा और इगलास कोतवाल को निलंबित नहीं किया जाएगा, तब तक वे बच्ची का अंतिम संस्कार नहीं करेंगे।
श्रीनगर, 7 अक्टूबर (आईएएनएस)| दक्षिण कश्मीर के शोपियां जिले में बुधवार को जारी मुठभेड़ में एक और आतंकवादी के ढेर होने के साथ ही मारे गए आतंकवादियों की कुल संख्या तीन हो गई है। यह जानकारी अधिकारियों ने दी। सगुन क्षेत्र में जारी आतंकियों और सुरक्षाबलों के बीच यह मुठभेड़ मंगलवार शाम से शुरू हुई है। आतंकवादियों की उपस्थिति के बारे में एक विशेष जानकारी के आधार पर सुरक्षाबलों द्वारा इलाके में घेराबंदी करने और तलाशी अभियान शुरू करने के बाद गोलाबारी शुरू हुई।
पुलिस ने आतंकवादियों को आत्मसमर्पण करने के लिए कहा, लेकिन उन्होंने ऐसा करने से इनकार कर दिया।
जैसे ही सुरक्षाबलों ने घेराबंदी सख्त की वैसे ही छिपे हुए आतंकवादियों ने अधिक संख्या में सामने आकर गोलीबारी शुरू कर दी।
पुलिस ने कहा, "शोपियां जिले में एक और अज्ञात आतंकवादी मारा गया है, कुल ढेर हुए आतंकवादियों की संख्या तीन हो गई है। ऑपरेशन जारी है।"
शाहजहांपुर (उत्तर प्रदेश), 7 अक्टूबर (आईएएनएस)| उत्तर प्रदेश के शाहजहांपुर जिले से ऑनर किलिंग की एक घटना सामने आई है, जहां 16 वर्षीय एक गर्भवती दलित लड़की की उसके पिता व बड़े भाई ने बड़ी ही बेरहमी से हत्या कर दी और परिवार की इज्जत के खातिर उसके शव को क्षत-विक्षत कर दिया। पुलिस ने कहा कि लड़की के पिता ने अपना जुर्म कबूल कर लिया है और उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया है, जबकि उसका भाई फरार है। मंगलवार शव को बरामद किए जाने के कुछ ही घंटे बाद पुलिस ने मामले को सुलझा लिया।
लड़की 23 सितंबर से लापता थी, लेकिन बावजूद इसके परिवार द्वारा कोई शिकायत दर्ज नहीं कराई गई थी।
रपटों के मुताबिक, लड़की को पीटा गया और फिर गला घोंटकर हत्या कर दी गई। उसके सिर को धड़ से अलग कर दिया गया, जिसके बाद उसे नदी के किनारे दफना दिया गया।
शाहजहांपुर के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (एसएसपी) एस. आनंद ने संवाददाताओं को बताया, "पिता ने अपनी बेटी को मारने की बात कबूल कर ली है क्योंकि वह गर्भवती थी। लोगों ने सार्वजनिक रूप से उसका अपमान करना शुरू कर दिया था। हत्या में लड़की का बड़ा भाई भी शामिल है और हमने दोनों पर आईपीसी की धारा 302 (हत्या) और 201 (साक्ष्य मिटाने) के तहत मामला दर्ज किया है।"
उन्होंने कहा, "हमने मां सहित अन्य रिश्तेदारों से भी पूछताछ की है, लेकिन घटना में वे भागीदार नहीं रहे हैं।"
प्रारंभिक पूछताछ के दौरान, परिवार ने पुलिस को बताया कि लड़की अपने किसी रिश्तेदार संग रिश्ते में थी। लड़की को कभी स्कूल भी नहीं भेजा गया और अपने यौन संपर्क को लेकर उसने अपने परिवारवालों संग कभी बात भी नहीं की। जब उसका बेबी बंप बाहर आने लगा, तब जाकर लोगों को उसकी प्रेग्नेंसी के बारे में पता चला।
इसके लिए जिम्मेदार शख्स के नाम का अभी तक खुलासा नहीं किया गया है। पुलिस उसे ढूंढ़ने का प्रयास कर रही है, जो दुष्कर्मी है क्योंकि लड़की नाबालिग थी।
बाराबंकी, 7 अक्टूबर (आईएएनएस)| हाथरस की घटना को लेकर राजनीति दिन पर दिन उग्र होती जा रही है। बाराबंकी से भाजपा नेता रंजीत बहादुर श्रीवास्तव ने दावा किया है कि हाथरस में 19 वर्षीय दलित लड़की के साथ क्रूरतापूर्वक मारपीट करने के आरोपी चार ऊंची जाति के लोग 'निर्दोष' हैं और यह पीड़िता थी, जो 'आवारा' थी।
भारतीय जनता पार्टी के विवादास्पद नेता के खिलाफ 44 आपराधिक मामले दर्ज हैं। उन्होंने मंगलवार रात एक समाचार चैनल को दिए साक्षात्कार में यह चौंकाने वाला बयान दिया।
उन्होंने दावा किया कि किशोरी का 'आरोपी के साथ संबंध' था और किशोरी ने ही आरोपी को 14 सितंबर को अपराध वाले दिन बाजरा के खेत में बुलाया था।
साक्षात्कार में श्रीवास्तव ने कहा, "पीड़िता ने लड़के को खेत में बुलाया होगा, क्योंकि उनका चक्कर चल रहा था। यह खबर सोशल मीडिया और न्यूज चैनलों पर पहले से ही मौजूद है। उसके बाद वह पकड़ी गई होगी।"
हालांकि भाजपा नेता यही नहीं रूके। उन्होंने दावा किया कि "ऐसी महिलाएं कुछ खास जगहों में मृत पाई जाती हैं।"
उन्होंने पूछा, "'ऐसी' लड़कियां सिर्फ कुछ जगहों पर मृत पाई जाती हैं। वे गन्ने, मकई और बाजरे के खेतों में या झाड़ियों, गटर या जंगलों में मृत पाई जाती हैं। धान या गेहूं के खेतों में वे कभी मृत क्यों नहीं पाई जाती हैं?"
उन्होंने कहा कि गन्ने, मकई और बाजरा जैसी फसलें ऊंचाई में अधिक होती हैं और यह किसी भी व्यक्ति के छिपने के लिए अनुकूल होता है, जबकि गेहूं और धान सिर्फ तीन या चार फीट तक की ऊंचाई वाले होते हैं, इसलिए कोई वहां नहीं जाता।
इसके बाद भाजपा नेता ने भी दावा किया कि कोई भी ऐसे अपराध को होते हुए नहीं देख पाता है, या पीड़िता को अपराध स्थल तक घसीटते हुए दूर ले जाते हुए देख पाता है।
श्रीवास्तव ने अपराध के चारों आरोपियों का बचाव करते हुए कहा कि उन्हें जेल से तब तक रिहा किया जाना चाहिए जब तक सीबीआई मामले में चार्जशीट दाखिल नहीं कर देती।
उन्होंने मांग की, "मैं गारंटी के साथ कह सकता हूं कि ये लड़के निर्दोष हैं। अगर उन्हें समय पर रिहा नहीं किया गया तो वे मानसिक प्रताड़ना झेलते रहेंगे। उनकी खोई हुई युवावस्था को कौन लौटाएगा? क्या सरकार उन्हें मुआवजा देगी?"
श्रीवास्तव के बयानों पर ध्यान देते हुए राष्ट्रीय महिला आयोग की प्रमुख रेखा शर्मा ने कहा, "वह किसी भी पार्टी के नेता कहलाने के लायक नहीं हैं। वह अपनी आदिम और बीमार मानसिकता दिखा रहे हैं और मैं उन्हें नोटिस भेजने जा रही हूं।"
गौरतलब है कि इससे पहले बलिया से भाजपा विधायक सुरेंद्र सिंह ने कहा था कि "दुष्कर्म की घटनाओं को रोकने के लिए लड़कियों को उचित संस्कार देना चाहिए।"
नई दिल्ली, 7 अक्टूबर (आईएएनएस)| विवादित भारत-चीन सीमा से लगी हिमालय की महत्वपूर्ण पर्वत चोटियों और दरें में तापमान घटकर माइनस 20 डिग्री सेल्सियस तक गिर गया है, जिससे इन इलाकों में तैनात दोनों पक्षों के हजारों सैनिकों के सामने नई चुनौतियां खड़ी हो गई हैं।
इस बीच भारत और चीन के वरिष्ठ सैन्य अधिकारियों के पूर्वी लद्दाख के गतिरोध को लेकर सातवीं बार 12 अक्टूबर को मिलने की उम्मीद है। हालांकि, पिछली सभी वार्ताएं विफल रही हैं, जिससे मामले के जल्दी सुलझने की उम्मीदें घटी हैं।
बल्कि पिछले महीनों में सैनिकों को 17,000 फुट तक ऊंची चोटियों पर उतारा गया है, ये ऐसे दुर्गम इलाके हैं जहां सैनिकों को लाने ले-जाने में खासा समय लगता है।
इससे पहले 29 अगस्त को भारत ने अंधेरे में चुपके से एक ऑपरेशन चलाकर दक्षिणी तट पर पैंगोंग त्सो झील के पास 16,000 फुट की ऊंचाइयों और पर्वत के दरें पर कब्जा कर लिया था।
एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, "इन बिंदुओं पर केवल भोजन और पानी ही पहुंच पा रहा है।"
परमाणु-सशस्त्र राष्ट्रों के बीच छह महीने से चल रहा सीमा विवाद अब धैर्य की परीक्षा ले रहा है, क्योंकि दोनों ही पक्ष युद्ध के लिए तैयार नजर आते हैं।
एक महीने से अधिक समय से चोटियों पर जमे सैनिकों में स्पेशल फ्रंटियर फोर्स (एसएफएफ) के लोग शामिल हैं। यह एक विशेष बल है, जिसमें तिब्बती शरणार्थियों को शामिल किया गया था।
वहीं चीन ने भी भारतीय सेना से कुछ मीटर की दूरी पर अपने सैनिकों को तैनात किया हुआ है। एसएफएफ की टुकड़ियां 13 महत्वपूर्ण ऊंचाइयां हासिल कर चुकी हैं।
अधिकारी ने कहा, "इन ऊंचाइयों पर ना तो कोई अस्थायी ढांचा बनाया गया है, ना ही यहां कोई सड़क या बुनियादी ढांचा है।"
चीन भी ऐसी ही स्थिति में है और रसद आदि की समस्या झेल रहा है। हालांकि ऐसे मुश्किल हालातों में भी सेना हाई अलर्ट पर है क्योंकि पीएलए ने कुछ महत्वपूर्ण ऊंचाइयों पर सैनिकों को केवल कुछ मीटर की दूरी पर तैनात किया है।
एक सूत्र ने कहा कि जब तक चीन पूरी तरह से अपने सैनिकों को वापस नहीं ले लेता, तब तक इन ऊंचाइयों से भारत अपने सैनिकों में कोई कमी नहीं करेगा।
बता दें कि भारत और चीन के बीच एलएसी पर छह महीने से गतिरोध जारी है। कई स्तरों पर संवाद के बावजूद कोई सफलता नहीं मिली है और गतिरोध जारी है।
रांची/पटना, 7 अक्टूबर (आईएएनएस)| झारखंड में सरकार में शामिल राष्ट्रीय जनता दल (राजद) और झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) की दोस्ती बिहार में टूट गई है। महागठबंधन में झामुमो को सम्मानजनक सीट नहीं मिलने के कारण पार्टी ने अब अकेले चुनाव लड़ने का निर्णय लिया है।
झामुमो के महासचिव सुप्रियो भट्टाचार्य ने मंगलवार को कहा कि हमारी तैयारी थी कि बिहार में धर्मनिरपेक्ष ताकतों को मजबूत करते हुए, महागठबंधन में साथ मिल कर चुनाव लड़ेंगे। झारखंड की तरह ही बिहार में भी भाजपा जैसे दलों को रोका जाए, लेकिन यह नहीं हो सका। उन्होंने कहा कि झामुमो बिहार में अकेले चुनाव लड़ेगा।
उन्होंने कहा, "झामुमो सम्मान के साथ समझौता नहीं कर सकता है।"
राजद की वजूद के बारे में बताते हुए उन्होंने कहा कि झारखंड में उनका क्या वजूद था, फिर भी लोकसभा और विधानसभा में उनको हैसियत से ज्यादा दिया। उन्होंने कहा कि अपने संगठन के बूते बिहार में निर्णायक सीटों पर हम लड़ेंगे।
उन्होंने कहा कि झामुमो झारखंड को संघर्ष करके हासिल किया है, खैरात में नहीं पाया है।
पार्टी ने झाझा, चकाई, कटोरिया, धमदाहा, मनिहारी, पिरपैती और नाथनगर से प्रत्याशी उतारने का फैसला किया है।
उल्लेखनीय है कि राजद नेतृत्व वाले महागठबंधन से पहले हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा, उसके बाद राष्ट्रीय लोक समता पार्टी व विकासशील इंसान पार्टी और झामुमो ने भी किनारा कर लिया।