राष्ट्रीय
प्रयागराज, 27 अगस्त (आईएएनएस)| बाहुबली और पूर्व सांसद अतीक अहमद पर योगी आदित्यनाथ सरकार ने शिकंजा कस दिया है। गैंगस्टर अतीक अहमद के खिलाफ प्रयागराज में बड़ी कार्रवाई की गई है। यहां अतीक अहमद की करीब 25 करोड़ की पांच संपत्तियां को कुर्क किया गया है। इसके साथ ही अन्य संपत्तियों की भी नाप-जोख जारी है। प्रयागराज के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (एसएसपी) अभिषेक दीक्षित ने बताया, बाहुबली पूर्व सांसद अतीक अहमद की लगभग 25 करोड़ की पांच सम्पत्ति को कुर्क करने की कार्रवाई की गई है। अपराध से अर्जित सम्पत्तियों को डीएम के आदेश पर कुर्क किया गया। इनमें चकिया में ढाई करोड़ के दो मकान, ओम प्रकाश सभासद नगर और कालिंदीपुरम में ढाई करोड़ के दो मकान और सिविल लाइन एमजी रोड में बीस करोड़ की संपत्ति कुर्क की गई है। उन्होंने बताया कि जिले में भूमफि याओं द्वारा अर्जित की गयी संपत्ति कुर्क की कार्रवाई पुलिस द्वारा लगातार चलती रहेगी।
जेल में बंद प्रयागराज के फूलपुर से समाजवादी पार्टी के सांसद रहे माफि या डॉन अतीक अहमद के गैंग के सदस्यों की संपत्तियों को कुर्क करने की भी कार्रवाई की जा रही है।
प्रयागराज में बाहुबली अतीक अहमद की अपराध के जरिए बनायी गयी संपत्ति को कुर्क करने के लिए पुलिस और प्रशासन की टीमें सिविल लाइंस, खुल्दाबाद और धूमनगंज इलाके में छानबीन कर रही है। इन टीमों ने जब्त की गई सम्पत्तियों को कुर्क करने के लिए नोटिस चस्पा करने की कार्रवाई कर दी है। पुलिस की एक टीम अतीक अहमद के चकिया स्थित आवास पर भी कुर्की की कार्रवाई कर रही है।
प्रयागराज के डीएम भानु चन्द्र गोस्वामी ने अतीक अहमद के खिलाफ गैंगस्टर एक्ट के तहत 28 अगस्त तक सात संपत्तियों को कुर्क करने का आदेश दिया था। इसके साथ ही अभी 13 अन्य सम्पत्तियों को कुर्क करने का मामला भी प्रयागराज डीएम के समक्ष विचाराधीन है।
भोपाल, 27 अगस्त (आईएएनएस)| मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कमल नाथ ने गुरुवार को कहा कि आगामी समय में होने वाले विधानसभा के उप-चुनाव राज्य के भविष्य का चुनाव है। पूर्व मुख्यमंत्री कमल नाथ ने गुरुवार को संवाददाताओं से चर्चा करते हुए कहा कि, "आगामी समय में होने वाले विधानसभा के उप-चुनाव में कांग्रेस का मुकाबला भाजपा सरकार की उपलब्धियों से नहीं बल्कि भाजपा के संगठन से है। इसलिए बीते चार माह कांग्रेस के संगठन को मजबूत करने में लगाए हैं। यह चुनाव उप-चुनाव या आम चुनाव नहीं है, वास्तव में यह चुनाव राज्य के भविष्य का चुनाव है।"
भाजपा की सरकार पर हमला बोलते हुए कमल नाथ ने कहा कि, "बीते पंद्रह साल का चित्र मतदाता के सामने है और हमारे पंद्रह माह का चित्र उनके सामने है। इसमें से ढाई माह लेाकसभा चुनाव में और एक माह उथल-पुथल में निकल गए, कुल साढ़े 11 माह में हमने अपने काम से जो परिचय दिया नीति और नियत का वह सब के सामने है। भले ही कांग्रेस का साथ न दें, कमल नाथ का साथ न दें, मगर सच्चाई का साथ दें।"
उन्होंने आगे कहा कि जिन 27 विधानसभा सीटों पर उप-चुनाव होने वाले है वह राज्य के भविष्य से जुड़ा हुआ है। सौदे की राजनीति से मध्य प्रदेश कलंकित हुआ है। यह बोली से बनी हुई सरकार है, सौदा किया गया।
कमल नाथ ने किसानों की कर्ज माफी का जिक्र करते हुए कहा, "राज्य में साढ़े 26 लाख किसानों का कर्ज माफ हुआ है, उसकी पेनड्राइव हमारे पास है, इसमें हर किसान का ब्यौरा दर्ज है। इस पेनड्राइव को हम सभी को देना चाहते है।"
पूर्व केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया पर हमला बोले हुए कमल नाथ ने कहा कि अभी हाल ही में ग्वालियर में बड़े-बड़े भाषण हुए जिन्होंने खुद कर्ज माफी के कार्यक्रम किए, वे अब कहते हैं कि कर्ज माफ नहीं हुआ इसलिए कांग्रेस छोड़ दी। यह झूठ और मीडिया की राजनीति अपने प्रदेष में चलने वाली नहीं है।
कमल नाथ ने कहा कि राज्य को देश में नई पहचान बनाने का प्रयास किया था। राज्य की पहचान माफिया से न हो, मिलावट से पहचान न बने। इसके लिए माफिया और मिलावटखोरों के खिलाफ मोर्चा खोला था।
नई दिल्ली, 27 अगस्त। कांग्रेस के लेटर बम के बाद पार्टी की अंदरुनी कलह खुलकर सामने आई थी और कांग्रेस कार्यसमिति (सीडब्ल्यूसी) की बैठक में इसपर मंथन भी खूब हुआ। इस चिट्ठी के सामने आने के बाद अब पूर्व केंद्रीय मंत्री जितिन प्रसाद को निशाना बनाया जा रहा है। दरअसल कांग्रेस अध्यक्षा सोनिया गांधी को लिखे इस पत्र में जिन 23 नेताओं के दस्तखत थे, उनमें एक नाम जितिन प्रसाद का भी था। उत्तर प्रदेश कांग्रेस ने अब उनके खिलाफ कार्रवाई की मांग की है। जिसके बाद कांग्रेस के वरिष्ठ नेता कपिल सिब्बल ने इस मांग को ‘दुर्भाग्यपूर्ण’ बताया है।
कपिल सिब्बल ने ट्वीट किया, ‘दुर्भाग्यपूर्ण है कि जितिन प्रसाद को उत्तर प्रदेश में आधिकारिक तौर पर निशाना बनाया जा रहा है। कांग्रेस को अपनी ही पार्टी के नेताओं को निशाना बनाने में एनर्जी खत्म करने के बजाय बीजेपी पर सर्जिकल स्ट्राइक की तरह टारगेट करने की जरुरत है।' चिट्ठी पर जिन लोगों के दस्तखत थे, उनमें से एक कपिल सिब्बल भी हैं। यूपीए सरकार में मंत्री रह चुके मनीष तिवारी ने कपिल सिब्बल के ट्वीट पर एक शब्द लिखा- प्रेसिएंट (भविष्य ज्ञानी)। चिट्ठी लिखने वालों में मनीष तिवारी का भी नाम है।
उत्तर प्रदेश कांग्रेस की लखीमपुर खीरी इकाई ने सोनिया गांधी को नामित करते हुए एक प्रस्ताव रखा है। उन्होंने जितिन प्रसाद पर कार्रवाई की मांग की है। इतना ही नहीं, उन्होंने चिट्ठी लिखने वाले सभी नेताओं के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है। प्रस्ताव में लिखा है, पत्र पर हस्ताक्षर करने वाले उत्तर प्रदेश के जितिन प्रसाद एकमात्र व्यक्ति हैं। उनका पारिवारिक इतिहास गांधी परिवार के खिलाफ रहा है और उनके पिता स्वर्गीय जितेंद्र प्रसाद ने सोनिया गांधी के खिलाफ चुनाव लडक़र इसे साबित किया था। इसके बावजूद सोनिया गांधी ने जितिन प्रसाद को लोकसभा का टिकट दिया और मंत्री बनाया।
आगे लिखा है, उन्होंने जो किया वह घोर अनुशासनहीनता है और जिला कांग्रेस कमेटी उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई चाहती है और उनके कार्यों की निंदा करती है।
नई दिल्ली, 27 अगस्त (आईएएनएस)| सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) ने मानव तस्करों की मदद से अवैध रूप से भारत में प्रवेश करने वाले सात बांग्लादेशियों को पश्चिम बंगाल के नादिया जिले से पकड़ा है। बीएसएफ ने बुधवार को ये जानकारी दी।
बीएसएफ ने कहा कि, गजना के ग्रामीणों की खास सूचना पर कार्रवाई करते हुए नदिया में महेंद्र इलाके में बॉर्डर आउटपोस्ट पर तैनात बीएसएफ की आठवीं बटालियन के कर्मियों ने बांग्लादेशियों को पकड़ा। इनमें दो महिलाएं और एक तीन वर्षीय बच्चा भी शामिल था। यह दिन में करीब 11.30 बजे गजना-तारकपुर रोड पर वाहन की प्रतीक्षा कर रहे थे, तभी बीएसएफ के जवानों ने उन्हें पकड़ लिया।
जब बीएसएफ ने उन्हें अपनी पहचान पत्र दिखाने के लिए कहा, तो वे कोई भी वैध भारतीय पहचान पत्र या दस्तावेज नहीं दिखा सके, जिसके बाद उन्हें हिरासत में लिया गया।
प्रारंभिक पूछताछ पर उन्होंने खुलासा किया कि वे मंगलवार रात को बिना बाड़े वाले पैच से भारत में चले आए।
उनकी पहचान सकील शेख (30), मो. रहीम्ो(23), सूमी अक्तर (22), पारुल अक्तर (26), कोली बेगम (24), चंपा बेगम (26) और तीन वर्षीय यासीन सेख के तौर पर हुई है, उनके पास से कुल 2,106 बांग्लादेशी टाका बरामद किया गया है।
पूछताछ के दौरान, बीएसएफ अधिकारियों ने पाया कि दो महिलाएं हैदराबाद जा रही थीं और बाकी मजदूरी के काम के लिए चेन्नई जा रहे थे।
यह भी पता चला कि हैदराबाद जाने वाली महिलाएं पहले से ही सिकंदराबाद बस स्टैंड के पास एक घर में दाई के रूप में काम करती थीं, और चेन्नई जाने वाले व्यक्ति इलियास नाम के व्यक्ति से मिलने वाले थे, जिसने उनके लिए श्रम कार्य की व्यवस्था की थी।
बांग्लादेश से उन्हें भारत में भेजने वाले मुख्य व्यक्तियों की पहचान कालिक और किताब अली शिकदार के रूप में की गई ।
उनके बोडिर्ंग और लॉज के लिए पैसे का इंतजाम सिकंदराबाद के वारंगल और चेन्नई के इलियास द्वारा किया गया था, और सौकत अली मंडल की पत्नी जहांनारा बीबी मंडल के खाते में स्थानांतरित कर दिया गया था।
बीएसएफ ने कहा कि लेनदेन के विवरण के लिए बैंक अधिकारियों से संपर्क किया जा रहा है।
सभी सातों को पश्चिम बंगाल पुलिस के हवाले कर दिया गया है।
कन्नौज (उत्तर प्रदेश), 27 अगस्त (आईएएनएस)| एक विधवा और एक शारीरिक रूप से अक्षम व्यक्ति को गांव में उनके अवैध संबंध के सजा के रूप में पीटा गया, बाल मुंडवा दिए गए और चेहरे पर कालिख लगाकर परेड कराया गया। घटना कन्नौज के गुरसहायगंज कोतवाली क्षेत्र की है। यह महिला पांच बच्चों की मां है जिसे उसके चाचा और उनके बेटों ने अपने प्रेमी के साथ आपत्तिजनक स्थिति में देखा।
एक स्थानीय निवासी ने कहा, "उन्होंने प्रेमी जोड़े को एक कमरे में बंद कर दिया, उन्हें बुरी तरह से पीटा, उनके बाल मुंडवाए, जूतों की माला पहनाई गई और चेहरे पर कालिख लगाकर बुधवार को पूरे गांव में परेड कराया गया।"
स्थानीय लोगों ने ग्राम प्रधान को इसकी सूचना दी जिसके बाद उन्होंने जाकर दोनों को बचाया। घटना का एक वीडियो सोशल मीडिया पर काफी वायरल है। इसमें दंपति को गांव में घुमाते और छोटे बच्चों को हूटिंग करते देखा जा सकता है।
वायरल वीडियो की जानकारी मिलते ही पुलिस मौके पर पहुंची और जांच शुरू की। अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक (एएसपी) विनोद कुमार ने कहा, "घटना के बारे में पता लगते ही पुलिस की एक टीम को गांव भेजा गया और छानबीन शुरू की गई। जांच में दोषी पाए जाने वालों पर मुकदमा दर्ज कर उन्हें गिरफ्तार किया जाएगा।"
लखनऊ, 27 अगस्त (आईएएनएस)| पूर्वांचल के मफिया और मऊ से विधायक मुख्तार अंसारी पर लखनऊ विकास प्राधिकरण ने गुरूवार को बड़ी कार्रवाई की है। लखनऊ के डालीबाग में बने मुख्तार अंसारी की दो इमारतों को प्राधिकरण के आदेश पर ढहा दिया गया है। इसके लिए एलडीए और पुलिस प्रशासन समेत 250 से अधिक पुलिसकर्मी और 20 से अधिक जेसीबी लगी रहीं। मौके पर मुख्तार अंसारी के बेटे अब्बास व उमर अंसारी के टावर पर झड़प भी हो गई, जिसके बाद पुलिस ने उन्हें खदेड़ कर भगाया।
सरकार की ओर से जारी बयान में बताया गया, "यह दोनों बिल्डिंग पहले मुख्तार की मां के नाम था। गलत तरीके से रजिस्ट्री कराई गई थी। मूलत: यह निष्क्रांत संपत्ति यानी 1956 से पहले पाकिस्तान गए लोगों की है। इसमें बार-बार चेतावनी देने के बावजूद कोई कार्रवाई नहीं होने पर इसे तोड़ने की कार्रवाई की गई है। प्रशासन बिल्डिंग के तोड़ने का खर्चा, अब तक का किराया भी वसूलेगी। इस निर्माण के लिए जिम्मेदार रहे तत्कालीन अधिकारियों और कर्मचारियों के खिलाफ भी कार्रवाई होगी।
विधायक मुख्तार अंसारी के अवैध कब्जे को खाली कराने के लिए गुरुवार सुबह 7 बजे टीम डालीबाग पहुंच गई। इस दौरान 20 से ज्यादा जेसीबी मशीनों को भवन को गिराने में लगाया गया है। सबसे पहले टीम ने दो टावर के मेन गेट का ताला तोड़कर उसको जमींदोज किया और वहां बने निर्माण से सामान निकाल कर पुलिस ने कार्रवाई की है। बताया जा रहा टावर के मकान में कोई रह नहीं रहा था। लेकिन कुछ सामान रखा था, जिसे टीम ने उठाकर घर के बाहर फेंक दिया। टावर किसका है? किसने बनवाया था? यह जानकारी अभी नहीं दी गई है।
एलडीए संयुक्त सचिव ऋतु सुहास ने 11 अगस्त को ध्वस्तीकरण आदेश जारी किया था। यूपी पुलिस का शिकंजा मुख्तार गैंग पर कसता जा रहा है। पूवार्ंचल से लखनऊ तक मुख्तार से जुड़े लोगों पर पुलिस ताबड़तोड़ कार्रवाई कर रही है।
नई दिल्ली, 27 अगस्त (आईएएनएस)| सर्वोच्च न्यायालय ने भगोड़े कारोबारी विजय माल्या की दायर की गई याचिका पर गुरुवार को अपना आदेश सुरक्षित रख लिया है। माल्या ने कोर्ट के 2017 के फैसले के खिलाफ याचिका लगाई थी जिसमें उनको अदालत की अवमानना का दोषी ठहराया गया था। माल्या ने अदालत के आदेश पर अपनी संपत्ति का पूरा लेखा-जोखा सच्चाई से नहीं बताया था, लिहाजा शीर्ष अदालत ने उसे अदालत की अवमानना का दोषी ठहराया था। इसके अलावा माल्या को अदालत के आदेश का उल्लंघन कर अपने खाते से 40 मिलियन डॉलर की रकम निकालने का भी दोषी पाया गया। जबकि माल्या पर खातों से पैसे निकालने पर रोक लगाई गई थी।
सुप्रीम कोर्ट में इस मामले में चल रही सुनवाई से जुड़ा एक दस्तावेज फाइलों से गायब हो गया था। जिसके बाद जस्टिस यू.यू. ललित और अशोक भूषण की पीठ ने 20 अगस्त तक के लिए सुनवाई स्थगित कर दी थी। क्योंकि इस मामले में शामिल सभी पार्टियों ने नई प्रतियां दाखिल करने के लिए और समय मांगा था।
पीठ ने कहा है कि स्पष्टीकरण को दो सप्ताह के भीतर प्रस्तुत किया जाए। साथ ही कहा गया कि "उसके बाद समीक्षा की याचिका पर मेरिट के आधार पर विचार किया जाएगा"।
नई दिल्ली, 27 अगस्त (आईएएनएस)| भारत में गुरुवार को कोविड-19 के 75,760 नए मामले दर्ज किए गए, जो कि अब तक की सर्वाधिक संख्या रही है। वहीं अब तक किसी भी देश द्वारा एक दिन में इतने मामले दर्ज नहीं हुए हैं। नए मामलों के साथ देश में कोरोनावायरस के कुल मामले 33,10,234 हो गए हैं। वहीं पिछले 24 घंटों में 1,017 मौतें दर्ज की गई हैं, जिसके बाद मरने वाले लोगों की कुल संख्या 60,000 के पार हो गई है। स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार, कुल 33,10,234 मामलों में से सक्रिय मामलों की संख्या 7,25,991 हैं। वहीं अब तक 25,23,771 लोग घातक वायरस से उबर चुके हैं, जबकि कुल 60,472 लोगों की मौत हो चुकी है।
बीते दिन में 56,013 लोग इस संक्रमण से उबरे हैं, जिसके साथ रिकवरी दर 76.24 प्रतिशत हो गई है, वहीं मृत्यु दर 1.83 प्रतिशत है।
महाराष्ट्र कुल 7,18,711 मामलों और 23,089 मौतों के साथ सबसे प्रभावित राज्य बना हुआ है। तमिलनाडु 3,97,261 मामलों और 6,839 मौतों के साथ दूसरे स्थान पर है। इसके बाद आंध्र प्रदेश, कर्नाटक, उत्तर प्रदेश, दिल्ली, पश्चिम बंगाल और बिहार का स्थान है।
इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (आईसीएमआर) के ताजा आंकड़ों के अनुसार, पिछले 24 घंटों में कुल 9,24,988 नमूनों का टेस्ट किया गया है, जिसके बाद अब तक जांच किए गए नमूनों की कुल संख्या 3,85,76,510 तक पहुंच गई है।
पूरे देश में कुल 1,550 लैब कोविड-19 टेस्ट कर रही हैं। इन कुल लैबों में से 993 सरकारी लैब हैं, जबकि 557 निजी हैं।
कुल 795 लैब कोविड-19 के टेस्ट के लिए रियल-टाइम आरटी पीसीआर का प्रयोग कर रही हैं, जबकि कोविड -19 के लिए ट्रूनेट टेस्ट का प्रयोग 637 लैब द्वारा आयोजित किया जा रहा है। वहीं पूरे देश में सीबीएनएएटी टेस्ट 118 लैब द्वारा किया जा रहा है।
'मां हार्ट पेशेंट, पिता डायबिटीज के मरीज, ऐसे में कैसे रिस्क लूं परीक्षा का'
- ऐशलिन मैथ्यू
“प्लीज कुछ करिए, मेरे पिता को डायबिटीज है और मेरी मां को दिल की बीमारी है। ऐसे में मैं रिस्क नहीं ले सकता। मैं परीक्षा छोड़ दूंगा। आखिर सरकार को हमारी फिक्र क्यों नहीं है? हमने उनको वोट दिया था। प्लीज कुछ करिए।“ यह बात आशीष (बदला हुआ नाम) ने लिखी है।
“मैं बिहार से हूं। मैं लॉकडाउन के चलते परीक्षा नहीं दे पाऊंगी। मेरा पूरा साल और पैसा बरबाद हो जाएगा। मैं एक हॉस्टल में रहकर परीक्षा की तैयारी कर रही थी, लेकिन अब मैं अपने गांव वापस आ गई हूं। मेरा परीक्षा केंद्र घर से 200 किलोमीटर दूर है। मैं कैसे जाऊंगी? प्लीज मदद कीजिए।“ यह फातिमा ने लिखा है।
“मैं जेईई का अभ्यर्थी हूं। परीक्षा टालने की हमारी अपील को बीजेपी दबा रही है। कोई तो हमारी चिंताओं की बात उठाए। हम स्वामी सर (सुब्रहमण्यन स्वामी) की बात पर भरोसा नहीं कर सकते। वह सिर्फ भाषण दे सकते हैं। हम इन बयानों को आंकने की हालत में भी नहीं हैं। प्लीज हमारी बात उठाइए।“ यह बात अजय ने सोशल मीडिया पर लिखी है।
“हम चाहते हैं कि परीक्षाएं टाली जाएं। हमारी मदद करने के बजाय बीजेपी के लोग हमारी बातों को रोकने की कोशिश कर रहे हैं। उन्हें हमारी फिक्र ही नहीं है।” एक और छात्र ने यह बात अपना नाम न बताने की शर्त पर कही।
ये वे कुछ संदेश हैं जो जेईई और एनईईटी के अभ्यर्थी छात्र पत्रकारों और एक्टिविस्ट के साथ साझा कर रहे हैं। बहुत से एक्टिविस्ट इन छात्रों की काउंसिलिंग भी कर रहे हैं। वामदलों से जुड़ी छात्र इकाइयों ने इन छात्रों के लिए हेल्पलाइन भी शुरु की है, क्योंकि कुछ छात्रों ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर आत्मघाती संदेश भी शेयर किए हैं।
गौरतलब है कि इंजीनियरिंग छात्रों के लिए हर साल जेईई (मेन्स) परीक्षा अप्रैल में और मेडिकल छात्रों के लिए एनईईटी परीक्षा मई में होती है। इस साल इन दोनों परीक्षाओं को कोरोना महामारी के चलते हुए राष्ट्रव्यापी लॉकडाउन के कारण दो बार टाला जा चुका है
शिक्षा मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक कहते हैं कि जेईई और एनईईटी परीक्षाओं के लिए छात्रों और अभिभावकों ने ही दबाव डाला था। सुप्रीम कोर्ट ने भी कहा कि पूरा शिक्षा सत्र बरबाद नहीं किया जा सकता। निशंक के मुताबिक इस साल जेईई के लिए पंजीकृत कुल 8.58 लाख छात्रों में से 7.25 लाख छात्रों ने अपने प्रवेश पत्र डाउनलोड किए हैं। बुधवार को केंद्र सरकार ने एनईईटी के लिए भी 15 लाख छात्रों के प्रवेश पत्र जारी किए।
राष्ट्रीय परीक्षा एजेंसी या नेशनल टेस्टिंग एजेंसी, जो यह परीक्षाएं आयोजित कराती है, उसने इस बार परीक्षा केंद्रों की संख्या बढ़ा दी है, लेकिन फिर भी बहुत से छात्रों के लिए परीक्षा केंद्र तक पहुंचना मुश्किल है। एजेंसी ने जेईई के परीक्षा केंद्रों की संख्या 570 से बढ़ाकर 660 कर दी है जबकि एनईईटी के लिए संख्या 2,546 से बढ़ाकर 3,843 कर दी है। नेशनल टेस्टिंग एजेंसी का कहना है कि परीक्षा केंद्रों पर कोरोना की रोकथाम के सभी उपाय किए जाएंगे।
हालांकि छात्र कई महीने से इन परीक्षाओं को टालने की अपील कर रहे हैं। कोरोना के खतरे के अलावा बिहार, गुजरात, असम और केरल जैसे राज्यों में बाढ़ के हालात हैं ऐसे में इन छात्रों की न सिर्फ पढ़ाई प्रभावित हुई है बल्कि परीक्षा केंद्रों तक पहुंचना भी मुश्किल हो गया है। बहुत से छात्रों के परिवार को बाढ़ में काफी कुछ नुकसान भी हुआ है। इसके अलावा जम्मू-कश्मीर के छात्रों ने इंटरनेट कनेक्टिविटी न होने की बात भी उठाई है।
बहुत से छात्रों ने अपने कोचिंग सेंटर के नजदीक परीक्षा केंद्र का विकल्प चुना था। लेकिन लॉकडाऊन में कोचिंग सेंटर बंद होने के बाद छात्रों को अपने घरों को लौटना पड़ा है। ऐसे में उनके लिए मुश्किल कहीं ज्यादा है। एक छात्रा प्रिया बताती हैं, “बहुत से छात्र अपने गांवों को लौट गए। ऐसे में लॉकडाउन के बीच वह कैसे यात्रा करेंगे। हम सिटी सेंटर के नजदीक ही नहीं हैं। मैं असम में एक दूरदराज के गांव से आती हूं। वहां कोई परीक्षा केंद्र नहीं है। मुझे परीक्षा केंद्र तक पहुंचने के लिए बहुत सा पैसा खर्च करना पड़ेगा। इसके अलावा यात्रा करने में वायरस का खतरा भी है। सरकार को हमारी चिंता ही नहीं है। मुझे नहीं पता कि मैं परीक्षा दे भी पाऊंगी या नहीं। मुझे तो अपना भविष्य ही अंधकारमय लग रहा है।”
गौरतलब है कि देश के 753 जिलों में से 340 में किसी न किसी तरह का लॉकडाउन अभी भी है क्योंकि वायरस का खतरा लगातार मंडरा रहा है।
छात्रों की हताशा को देखते हुए ऑल इंडिया स्टूडेंट्स एसोसिएसन ने छात्रों से संपर्क करना शुरु किया है। आईसा के राष्ट्रीय अध्यक्ष एन साई बालाजी कहते हैं कि, “हममें से बहुत से लोग रात को सो नहीं पा रहे हैं क्योंकि हम लगातार परेशान छात्रों से बात कर उन्हें समझा-बुझा रहे हैं। हमारी छात्रों को यही सलाह है कि कुछ हो जाए उन्हें अपना धैर्य बनाए रखना है, भविष्य को लेकर पॉजिटिव रहना है। इससे परेशान होने की जरूरत नहीं है। हम छात्रों को कोई ऐसा-वैसा कदम न उठाने के लिए समझा रहे हैं।”
अभी 23 अगस्त को करीब 4000 छात्रों ने सरकार द्वारा परीक्षाएं कराने के खिलाफ धरना भी दिया था। आईसा ने भी एक प्रेस कांफ्रेंस कर करीब 15 राज्यों में इसका सीधा प्रसारण कर छात्रों को समझाने की कोशिश की थी। आईसा ने नेशनल टेस्टिंग एजेंसी द्वारा परीक्षा के लिए अपनाए जा रहे मानकों पर सवाल उठाया है।
आईसा के छात्रों के हक में सामने आने के बाद बीजेपी की आईटी सेल खुल कर परीक्षाओं के पक्ष में सामने आ गई है। बीजेपी आईटी सेल सुब्रह्मण्यन स्वामी के सोशल मीडिया पोस्ट, ट्वीट्स और हैशटैग आदि के माध्यम से छात्रों को परीक्षा के लिए तैयार करने की कोशिश कर रही है। इतना ही नहीं बीजेपी आईटी सेल आईसा की कोशिशों के खिलाफ भी अभियान चला रही है। नेशनल हेरल्ड ने ऐसी कई रिकॉर्डिंग सुनी हैं जिसमें छात्रों से ‘वी बिलीव न स्वामी जी’ हैशटैग को ट्रेंड करने को कहा जा रहा है। ऐसा न करने वाले छात्रों को सोशल मीडिया पर परेशान भी किया जा रहा है।(navjivan)
नयी दिल्ली 27 अगस्त (वार्ता) देश में कोरोना वायरस (कोविड-19) का प्रकोप थमने का नाम नहीं ले रहा है और बुधवार देर रात तक संक्रमण के 71 हजार से अधिक नये मामले सामने आने से कुल संक्रमितों का आंकड़ा 33 लाख के पार हो गया तथा करीब 969 और कोरोना मरीजों की मौत से मृतकाें की संख्या 60 हजार से अधिक हो गयी।
वायरस के बढ़ते कहर के बीच राहत की बात यह है कि मरीजों के स्वस्थ होने की संख्या में भी वद्धि जारी है और आज फिर रिकवरी दर में आंशिक सुधार दर्ज की गयी।
महाराष्ट्र, आंध्र प्रदेश और तमिलनाडु समेत विभिन्न राज्यों से मिली जानकारी के अनुसार आज देर रात तक 71,010 नये मामले सामने आने से संक्रमितों का कुल आंकड़ा 33,02,764 तथा मृतकों की संख्या 60,581 हो गयी है।
चिंता की बात यह है कि स्वस्थ होने वाले मरीजों की तुलना में नये मामलों में वृद्धि जारी है जिसके कारण सक्रिय मामलों में बढोतरी दर्ज की जा रही है। आज रिकॉर्ड 15,428 मरीज बढ़ने से सक्रिय मामले बढ़कर 7,22,695 पहुंच गये।
इस दौरान 51,561 लोगों के स्वस्थ होने से संक्रमण मुक्त हाेने वालों का आंकड़ा 25,18,813 पर पहुंच गया। इसके कारण स्वस्थ होने जिससे स्वस्थ होने वाले मरीजों की दर गत दिवस के 76.24 प्रतिशत से आज सुधरकर 76.26 फीसदी पर पहुंच गयी। मृत्यु दर भी घटकर 1.83 फीसदी रह जाने से भी राहत मिली है।
राज्यों से प्राप्त रिपोर्ट के मुताबिक महाराष्ट्र में सबसे अधिक 14,888 नये मामले सामने आये। इसके बाद आंध्र प्रदेश में 10830, कर्नाटक में 8580, तमिलनाडु में 5958, उत्तर प्रदेश में 5640, ओडिशा में 3371, पश्चिम बंगाल में 2974, केरल में 2476, बिहार में 2163, दिल्ली में 1693, पंजाब में 1513, हरियाणा में 1397, गुजरात में 1197, मध्य प्रदेश में 1064 तथा छत्तीसगढ़ में 1045 नये मामले सामने आये।
कोरोना महामारी से सबसे गंभीर रूप से प्रभावित महाराष्ट्र में पिछले 24 घंटों के दौरान संक्रमण के रिकॉर्ड 14,888 नये मामले सामने आने के बाद संक्रमितों की संख्या आज रात बढ़कर 7,18,711 पहुंच गयी। राज्य में इस दौरान नये मामलों की तुलना में स्वस्थ मामलों में भी गिरावट दर्ज की गयी और इस दौरान 7,637 और मरीजों के स्वस्थ होने से संक्रमण से मुक्ति पाने वालों की संख्या 5,22,427 पहुंच गयी है। इस दौरान 295 और मरीजों की मौत होने से मृतकों की संख्या बढ़कर 23,089 हो गयी है।
राज्य में मरीजों के स्वस्थ होने की दर आज आंशिक गिरावट के साथ 72.68 फीसदी हो गयी जो मंगलवार को 73.14 प्रतिशत पहुंच गयी थी जबकि मरीजों की मृत्यु दर कल के 3.23 प्रतिशत से घटकर 3.21 फीसदी रह गयी। चिंता की एक और बात यह भी है कि राज्य में आज सक्रिय मामलों में 6,952 की बढोतरी दर्ज की गयी। राज्य में कुल सक्रिय मामलों की संख्या आज 1,72,873 पहुंच गयी।
ग्वालियर, 27 अगस्त (आईएएनएस)| मध्यप्रदेश में कांग्रेस का दामन छोड़कर भाजपा में जाने वाले पूर्व केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया पर उनके ही गढ़ ग्वालियर पहुंचकर कांग्रेस के कई नेताओं ने जमकर हमले बोले। पूर्व मंत्री डॉ़ गोविंद सिंह, सज्जन सिंह वर्मा, लाखन सिंह, जयवर्धन सिंह और पूर्व विधानसभा अध्यक्ष एन.पी. प्रजापति सहित प्रदेश कांग्रेस कमेटी के कार्यकारी अध्यक्ष रामनिवास रावत ने संयुक्त संवाददाता सम्मेलन में भाजपा की शिवराज सरकार और राज्यसभा सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया पर जमकर निशाना साधा।
पूर्व मंत्री डॉ.सिंह ने भाजपा के सदस्यता अभियान पर तंज कसते हुए कहा कि ग्वालियर में भाजपा का तीन दिन का मेगा शो नहीं, बल्कि चूहों का शो था। उन्होंने कहा, "भाजपा द्वारा कमल नाथ सरकार के काल में ट्रांसफर उद्योग की जो बात कही जाती थी वह पूर्णत: गलत है। अगर तबादलों में भ्रष्ट्राचार के आरोप सही हैं तो वह प्रमाण दें।"
पूर्व मंत्री ने संधिया के लिए कहा, "अगर आप टाइगर हो तो आपको सुरक्षा की क्या जरूरत है? अब ये नकली टाइगर मध्यप्रदेश में नहीं चलेंगे।"
सिंधिया के राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के नागपुर मुख्यालय में जाने का जिक्र करते हुए पूर्व मंत्री सज्जन सिंह वर्मा ने कहा, "सिंधिया आरएसएस मुख्यालय गए, इधर रानी लक्ष्मीबाई की समाधि पर चले जाते, तो थोड़ा अपराध कम हो जाता।"
वहीं, पूर्व मंत्री जयवर्धन सिंह ने सिंधिया से सवाल करते हुए निशाना साधा और कहा, "आखिर कमल नाथ की क्या गलती थी जो आपने उनको दगा दिया और अपनी पार्टी से गद्दारी कर नई पार्टी में चले गए।"
इस दौरान पूर्व विधानसभा अध्यक्ष प्रजापति ने सिंधिया के भाजपा में जाने पर कहा, "हमें जनता ने 15 साल बाद चुनकर सदन में पहुंचाया। जनता ने बेरोजगारी, भ्रष्ट्राचार, भुखमरी और अपराध से परेशान होकर हम पर विश्वास जताया। लेकिन आप पीठ दिखाकर भाग गए, जो पीठ दिखाकर भागता है, रण छोड़कर भागता है, उसे गद्दार कहते हैं।"
उन्होंने आगे कहा, "आजादी के इतिहास में सबसे बड़ा भ्रष्टाचार हुआ, तो उसका सरगना ग्वालियर का था और इस सरगना के नेतृत्व में कांग्रेस के विधायक बिक गए। अगर बिके नहीं थे तो इन्हें भाजपा सरकार में मंत्री क्यों बनाया गया? इन विधायकों ने पैसा लिया।"
पटना, 27 अगस्त (आईएएनएस)| भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेता और बिहार के उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने राष्ट्रीय जनता दल (राजद) से हाल के दिनों में विधायकों और महागठबंधन से पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी की पार्टी हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा के नाता तोड़ने को लेकर राजद के 'अहंकार' को जिम्मेदार ठहराया है। मोदी ने बुधवार को कहा कि राजद के विधान परिषद सदस्य, विधायक, पदाधिकारी यदि एक साथ बड़ी संख्या में पार्टी छोड़ चुके हैं और राष्ट्रीय उपाध्यक्ष अपना इस्तीफा वापस लेने को तैयार नहीं हैं, तो यह पार्टी के दुर्दिन के संकेत हैं।
उन्होंने अपने अधिकारिक ट्विटर एकाउंट से ट्वीट करते हुए लिखा, "जो लोग 15 साल राज करने के 'नशे की खुमारी' से अब तक नहीं उबरे, वे छोड़ जाने वाले अपने साथियों का अपमान भी कर रहे हैं। लालू प्रसाद की पार्टी और महागठबंधन, दोनों में बिखराव की प्रक्रिया तेज हुई है, तो उसकी वजह केवल राजद का अहंकार है।"
मोदी ने एक अन्य ट्वीट में लिखा, "राजद के रवैये से अपमानित अनुभव करने के बाद सीनियर दलित नेता जीतनराम मांझी के महागठबंधन से बाहर आने से विपक्ष को जो नुकसान होगा, उसकी भरपायी वामपंथी दलों से हाथ मिलाने से नहीं होगी।"
भाजपा नेता ने आगे लिखा, "वर्ष 1962 से आज तक जो वामपंथी दल चीनी आक्रमण और अतिक्रमण को जायज ठहरा कर राष्ट्रीय हितों से विश्वासघात करते रहे और जिनके लाल झंडों ने बिहार में उद्योग-व्यापार-रोजगार को पनपने नहीं दिया, उनसे चुनावी तालमेल करना कोई काम नहीं आएगा। हिंसा में विश्वास करने वाले कम्युनिस्टों को बिहार पहले ही नकार चुका है।"
लखनऊ, 27 अगस्त (आईएएनएस)| कांग्रेस की बागी विधायक अदिति सिंह पर उनकी दादी कमला सिंह ने डरा-धमकाकर जमीन हड़पने का आरोप लगाया है। इस संबध में उन्होंने जिलाधिकारी से शिकायती पत्र भेजा है, जो सोशल मीडिया में वायरल हो रहा है। आठ अगस्त को पूर्व सदर विधायक अखिलेश सिंह की मां कमला सिंह ने डीएम को प्रार्थना पत्र भेजा। डीएम को भेजे पत्र में लिखा है कि "बेटे अखिलेश कुमार सिंह की अकाल मृत्यु के बाद मेरी बहू वैशाली सिंह, पोती अदिति सिंह और देवांशी सिंह ने 30 दिसंबर, 2019 की सुबह मेरे कमरे में आकर मुझे डराया धमकाया। मेरे नाम जो भी जमीन है, उसको अपने नाम करने का दबाव बनाया। मेरे कमरे का रखा सामान तोड़फोड़ दिया।"
उन्होंने लिखा, "मैं एक 85 साल की बुजुर्ग महिला हूं। बहुत बड़े दुख से गुजर रही हूं। मैं उनकी नाजायज शतोर्ं को नहीं मान रही हूं तो तीनों मुझे अलग-अलग तरीके से परेशान कर रही हैं। मेरे नौकरों को भी डराया धमकाया जा रहा है। उन्हें मेरी सेवा न करने को कहा जा रहा है। मेरे छोटे बेटे कमलेश ने मेरा बचाव किया। मुझे अच्छे से रख रहा है। मैंने अपनी सिधौना स्थित जमीन पर अपनी जमा पूंजी से बाउंड्री करवाई, जिसे वैशाली और देवांशी ने अपने गाडोर्ं से उखड़वाकर फिंकवा दी। "
पत्र में उन्होंने कुछ जमीन के गाटा संख्या नंबर आदि देते हुए लिखा है कि "उन्होंने अपने खेत के किनारे पिलर खड़ा कराकर उसकी सुरक्षा का इंतजाम किया था। जिसके बाद बहू और एक पोती ने जाकर वो पिलर हटवा दिए। आरोप लगाया है कि पैतृक संपत्ति हड़पने के लिए हमें इस अवस्था में डराया धमकाया भी गया है। हमारे बेटे कमलेश सिंह को भी दबाव में लिया गया। उसकी सुरक्षा की जाए। मामले में न्याय दिलाया जाए।"
इस बारे में अतरिक्त पुलिस अधीक्षक नित्यानंद राय ने बताया कि एक प्र्थना पत्र जमीन से संबधी 10 अगस्त को थाना स्तर से प्राप्त हुआ। उसमें जमीन से जुड़ा कुछ मामला है।
राय ने कहा, "इसे राजस्व के साथ मिलकर हम जांच कर रहे हैं। प्रार्थना पत्र के सभी बिन्दुओं की जांच हो रही है। "
इस मामले को लेकर विधायक अदिति सिंह को फोन में संपर्क करने का प्रयास किया गया लेकिन नहीं हो सका।
भुवनेश्वर, 27 अगस्त (आईएएनएस)| ओडिशा के स्कूल और कॉलेज दुर्गा पूजा की छुट्टियों तक बंद रहेंगे। ऐसा कोरोनावायरस से जुड़े मौजूदा हालात को देखते हुए किया गया है। मुख्यमंत्री नवीन पटनायक ने बुधवार को राज्य में कोरोना सम्बंधी हालात का जायजा लेने के बाद यह घोषणा की।
पटनायक ने कहा कि राज्य में स्कूल एवं कॉलेज अक्टूबर के अंतिम सप्ताह तक बंद रहेंगे। यह फैसला पैरेंटेस और छात्रों की चिंता को ध्यान में रखते हुए किया गया है।
राज्य में कोरोना के कराण 17 मार्च से ही शिक्षण संस्थाएं बंद हैं।
नई दिल्ली/जम्मू, 27 अगस्त (आईएएनएस)| जैश-ए-मोहम्मद (जेईएम) के आतंकवादियों ने पाकिस्तान में अपने हैंडलर्स को पुलवामा आतंकी हमले का वीडियो तैयार करने के लिए कहा था, जिसमें भारतीय सैनिकों के विकृत (क्षत-विक्षत) शरीर दिखें, ताकि इनकी मदद से कश्मीरी युवाओं को भारत के खिलाफ आतंकवादी गतिविधियों में शामिल करने के लिए प्रेरित किया जा सके।
जेईएम कमांडरों ने मार्च 2019 में सुरक्षा काफिले पर पुलवामा जैसे एक और हमले की भी योजना बनाई थी और यहां तक कि इसके लिए अन्य व्यवस्थाओं के साथ 'फिदायीन' (आत्मघाती हमलावर) की पहचान भी की गई थी। लेकिन 26 फरवरी, 2019 को बालाकोट एयर स्ट्राइक के बाद योजना विफल हो गई।
जम्मू में विशेष एनआईए अदालत में दायर एक 13,800 पन्नों के आरोप पत्र (चार्जशीट) में यह खुलासा किया गया। इस आरोप पत्र में जेईएम प्रमुख मौलाना मसूद अजहर, उसके भाई अब्दुल रऊफ असगर और अम्मार अल्वी, मारे गए आतंकवादी मोहम्मद उमर फारूक (आईसी 814 फ्लाइट अपहरणकर्ता इब्राहिम अतहर का बेटा) के साथ 19 लोगों के नाम शामिल हैं।
जांच से जुड़ी एक शीर्ष राष्ट्रीय जांच एजेंसी के अधिकारी ने आईएएनएस को बताया, "अप्रैल 2018 में भारत में घुसपैठ करने वाले और पुलवामा हमले की साजिश में शामिल फारूख ने पाकिस्तान में अपने हैंडलर्स से भारतीय सैनिकों के क्षत-विक्षत शवों की वीडियो क्लिप तैयार करने के लिए कहा था।"
अधिकारी ने बताया कि आत्मघाती हमलावर को 'शहीद' करार देते हुए कश्मीरी युवाओं को बरगलाते हुए आतंकी गतिविधियों में शामिल करने के लिए कहा गया था।
अधिकारी ने कहा कि जेईएम आतंकवादी घाटी में युवकों को प्रेरित करने के लिए आत्मघाती हमलावर आदिल अहमद डार पर कश्मीरी भाषा में एक ऑडियो-वीडियो क्लिप बनाना चाहते थे, जिसने विस्फोटकों से भरी कार से 14 फरवरी 2019 को सुरक्षा काफिले की बस में टक्कर मार दी थी।
संदेशों को पाकिस्तानी सिम काडरें में व्हाट्सएप के माध्यम से ऑडियो क्लिप के रूप में साझा किया गया था, जिसे फारूक ने भारत में प्रवेश के बाद इस्तेमाल किया था।
अधिकारी ने कहा कि हालांकि, बालाकोट हवाई हमलों के कारण इस योजना को समाप्त कर दिया गया था।
अधिकारी ने कहा कि यह अदालत में आतंकवाद-रोधी जांच एजेंसी द्वारा दायर चार्जशीट का हिस्सा है।
पुलवामा जिले के लेथपोरा में जम्मू-श्रीनगर राष्ट्रीय राजमार्ग पर 14 फरवरी 2019 को हुए आत्मघाती हमले में केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) के 40 जवान शहीद हो गए थे। इसमें हमलावर की भी मौत हो गई थी।
एनआईए के एक अन्य अधिकारी ने बताया कि जेएम आतंकवादियों को एक अन्य एनआईए अधिकारी ने कहा कि जैश आतंकियों को बुरहान वानी के समर्थन (सपोर्ट) के बारे में भी अच्छी तरह से पता था, जिसे आठ जुलाई 2016 को भारतीय सुरक्षा बलों के साथ मुठभेड़ में मार गिराया गया था। उस समय वानी की मुठभेड़ में हुई मौत के खिलाफ तत्कालीन जम्मू एवं कश्मीर राज्य में काफी प्रदर्शन और पथराव की घटनाएं भी देखने को मिली थी।
अधिकारी ने कहा कि पाकिस्तान में जैश कमांडर आदिल को कश्मीरी युवकों का समर्थन हासिल करने के लिए वानी की तरह ही शहीद के रूप में भी प्रदर्शित करना चाहते थे।
चार्जशीट में दावा किया गया है कि पुलवामा हमले के लिए 5.7 लाख रुपये खर्च किए गए थे, जिसका खुलासा फारूक और पाकिस्तान में एक जेईएम हैंडलर के बीच हुई बातचीत में हुआ। इस बातचीत (चैट) की एक प्रति आईएएनएस के पास भी है।
एनआईए की चार्जशीट में दावा किया गया है कि मसूद अजहर के भाई असगर ने भी बालाकोट हमले के बाद फारूक से कश्मीर में लड़ाकू जेट की आवाजाही के बारे में भी पूछा था।
चार्जशीट में कहा गया है कि फारूक अपने सहयोगियों के साथ चर्चा कर रहा था कि भारत और पाकिस्तान के बीच युद्ध होना चाहिए ताकि सीमा पर घुसपैठ करने वालों को भारत में धकेला जा सके।
नई दिल्ली, 27 अगस्त (आईएएनएस)| राष्ट्रीय राजमार्गो पर वाहनों के संचालन के दौरान टोल शुल्क में सभी तरह की छूट के लिए फास्टैग का इस्तेमाल अनिवार्य कर दिया गया है। अगर वाहन चालक 24 घंटे के भीतर वापसी करने के लिए छूट चाहते हैं तो उन्हें वाहन पर फास्टैग लगाना जरूरी होगा। दरअसल, राष्ट्रीय राजमार्ग शुल्क (दरों का निर्धारण और संग्रह) नियम, 2008 में संशोधन करने के लिए 24 अगस्त को इस बारे में एक अधिसूचना मंत्रालय ने जारी की है। जिसके बाद से अब सभी तरह की छूट के लिए फास्टैग को अनिवार्य कर दिया गया है। दरअसल राष्ट्रीय राजमार्गों के शुल्क प्लाजा पर डिजिटल भुगतान को बढ़ावा देने में सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय जुटा है। इस दिशा में यह पहल की गई है। किसी भी तरह की छूट हासिल करने के लिए टोल फीस का भुगतान केवल स्मार्ट कार्ड, फास्टैग या ऑनबोर्ड यूनिट या इसी तरह के किसी अन्य उपकरण के जरिए किया जाएगा।
नियमों में संशोधन के बाद 24 घंटे के भीतर रिटर्न यात्रा पर डिस्काउंट प्राप्त करने के लिए फास्टैग के स्थान पर किसी पास की जरूरत नहीं होगी। अन्य सभी मामलों में छूट या डिस्काउंट प्राप्त करने के लिए, एक वैध फास्टैग होना अब अनिवार्य कर दिया गया है। जिन मामलों में 24 घंटे के भीतर वापसी के लिए डिस्काउंट उपलब्ध है, उनमें पूर्व रसीद या सूचना की कोई जरूरत नहीं होगी।
नई दिल्ली, 26 अगस्त। फ्लाइट में कोविड-19 संक्रमण होने की संभावना बहुत कम है। नागरिक उड्डयन मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बुधवार को यह बात कही।
नागरिक उड्डयन की संयुक्त सचिव उषा पाढे ने आईएएनएस को बताया कि घरेलू उड़ानें फिर से शुरू होने के बाद 24 अगस्त तक लगभग 60 लाख से अधिक लोगों के अपने गंतव्य तक पहुंचने के बाद लगभग 2,000 यात्रियों के ही कोविड पॉजिटिव होने की सूचना मिली है।
उन्होंने कहा, "इस आंकड़े में ऐसे व्यक्ति भी शामिल हैं, जिन्हें संपर्क ट्रेसिंग के माध्यम से पहचाना गया है।"
अधिकारी ने कहा, "यदि आप प्रयोग सिद्ध (एम्पिरिकल) डेटा देखते हैं, तो हम निश्चित रूप से कह सकते हैं कि हवाई यात्रा सफर का सबसे सुरक्षित और तीव्र माध्यम है।"
25 मई से 24 अगस्त तक कुल 65 लाख यात्रियों ने सफर किया है।
फिलहाल केंद्र ने 27 जून से घरेलू क्षेत्र में केवल 45 प्रतिशत क्षमता के उपयोग की अनुमति दी है।
इसके अलावा, विशेष और चार्टर उड़ानें भारतीयों को स्वदेश लाने और विदेशी नागरिकों को वापस भेजने के लिए सरकार की अनुमति के साथ संचालित की जा रही है।
उषा ने कहा, "जब और स्थिति में सुधार होगा तो अधिक क्षमता की अनुमति दी जाएगी। अब तक, यात्री यातायात में एक क्रमिक वृद्धि देखी जा सकती है।"
उन्होंने कहा, "वर्तमान में औसतन 90,000 से अधिक यात्री दैनिक रूप से यात्रा कर रहे हैं। यह संख्या निश्चित रूप से बढ़ेगी। हमने एक किराया बैंड भी बनाया है, जो यात्रियों के साथ-साथ उद्योग के लिए भी एक जीत है।"
पिछले महीने, केंद्र ने सीमित घरेलू यात्री उड़ान संचालन और हवाई किराया कैप की समय अवधि 24 नवंबर तक बढ़ा दी थी।
किराया संरचना के संदर्भ में, हवाई मार्गो को यात्रा के समय के आधार पर सात वर्गो में विभाजित किया गया है। ऐसे प्रत्येक खंड का अलग न्यूनतम और अधिकतम किराया निर्धारित किया गया है।(IANS)
पटना, 26 अगस्त। बिहार में राष्ट्रीय जनता दल (राजद) में सबकुछ ठीकठाक नहीं चल रहा है। एक ओर जहां राजद के वरिष्ठ नेता रघुवंश प्रसाद सिंह पूर्व सांसद रामा सिंह के पार्टी में प्रवेश की सुगबुहाट के बीच पहले से ही नाराज बताए जा रहे हैं, वहीं बुधवार को रामा सिंह ने रघुवंश सिंह पर 'नकारात्मक राजनीति' करने का आरोप लगा दिया। इधर, पूर्व मंत्री तेजप्रताप भी रघुवंश प्रसाद सिंह के पार्टी छोड़ने की चर्चा के बीच पार्टी को समुद्र कहते हुए सिंह को 'एक लोटा पानी' बता दिया। इस बीच, तेजप्रताप बुधवार को अपने पिता लालू प्रसाद से मिलने रांची रवाना हो गए। राजद के सूत्रों के मुताबिक, तेजप्रताप अपनी महुआ सीट को छोड़कर हसनपुर से लड़ने को लेकर लालू प्रसाद से भेंट करने गए हैं। इधर, सूत्र यह भी कहते हैं कि रघुवंश प्रसाद सिंह के खिलाफ तेजप्रताप के दिए गए बयान से लालू प्रसाद नाराज बताए जा रहे हैं और इसी को लेकर उन्हें रांची बुलाया गया है।
रांची रवाना होने के पहले तेजप्रताप ने पत्रकारों से चर्चा करते हुए कहा, लालू जी के स्वास्थ्य का हाल लेने रांची जा रहा हूं। पार्टी की रणनीति बनाने के लिए हम और तेजस्वी जी लगातार चर्चा करते हैं।"
उन्होंने रघुवंश प्रसाद सिंह को चाचा बताते हुए कहा कि सब लोग साथ में हैं। रघुवंश प्रसाद अभी बीमार हैं। पिता लालू की नाराजगी पर तेजप्रताप ने कहा कि यह अफ वाह मीडिया द्वारा फैलाया गया है।
इधर, लोजपा से सांसद रह चुकी रामा सिंह राजद की सदस्यता को लेकर इंतजार में हैं। उन्होंने बुधवार को कहा, पार्टी किसी की जागीर नहीं होती है और पार्टी से ऊ पर कोई नहीं होता है। हमने कुछ दिन पहले राजद में शामिल होने की अर्जी लगाई थी जिसके बाद मुझे इसकी अनुमति मिल गई। कौन मेरे आने का विरोध करता है इसको लेकर मुझे कुछ ज्यादा नहीं कहना है।
उन्होंने कहा कि रघुवंश प्रसाद सिंह प्रारंभ से ही नकारात्मक राजनीति करते हैं।
इस बीच रामा सिंह के इस बयान के बाद तय माना जा रहा है कि रघुवंश प्रसाद सिंह की नाराजगी और बढेगी। सिंह फि लहाल दिल्ली में हैं और स्वास्थ्य लाभ ले रहे हैं। सिंह कुछ दिन पूर्व कोरोना संक्रमित हुए थे।
सूत्र कहते हैं कि लालू प्रसाद खुद रघुवंश प्रसाद सिंह की नाराजगी दूर करने में जुटे हैं। लालू चारा घोटाले के मामले में फिलहाल रांची में सजा काट रहे हैं। उल्लेखनीय है कि पिछले दिनों रामा सिंह के राजद की सदस्यता ग्रहण करने की खबरों के मीडिया में आने के बाद रघुवंश प्रसाद सिंह ने पार्टी के सभी पदों से इस्तीफो दे दिया था।
गौरतलब है कि तेजप्रताप ने दो दिन पहले एक प्रश्न के उत्तर में कहा था कि राजद एक समुद्र है। रघंवुश प्रसाद सिंह एक लोटा (एक प्रकार का बर्तन) पानी की तरह है, जिससे निकल जाने से समुद्र पर कोई फ र्क नहीं पड़ता।
इधर, सूत्रों का कहना है कि पूर्व केंद्रीय मंत्री रघुवंश प्रसाद सिंह की नाराजगी दूर करने में राजद सफ ल नहीं होता है, तो वे जदयू का दामन भी थाम सकते हैं।(IANS)
नई दिल्ली, 26 अगस्त। वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) परिषद की गुरुवार को बैठक होने जा रही है जिसमें केद्र सरकार द्वारा राज्यों को जीएसटी मुआवजा देने पर विचार-विमर्श होगा। यह बात बैठक के एजेंडा की जानकारी रखने वाले एक अधिकारी ने कही। यह बैठक पहले जुलाई में ही होने वाली थी। वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने कोरोना काल में जून में जीएसटी की बैठक के बाद इसकी घोषणा भी की थी।
अधिकारी ने बताया, परिषद का सिंगल प्वाइंट एजेंडा जीएसटी के मुआवजे पर विचार-विमर्श है। जीएसटी की दरों या उपकर की संरचना में किसी भी प्रकार का बदलाव का मसला भी इस बात से जुड़ा होगा कि राज्यों को किस प्रकार समय से मुआवजे का भुगतान हो।
कोरोना महामारी की रोकथाम को लेकर किए गए देशव्यापी लॉकडाउन और उससे देशभर में आर्थिक गतिविधियों के प्रभावित होने के चलते जीएसटी संग्रह में भारी कमी आई है। इसलिए केंद्र सरकार के पास एक विकल्प यह है कि वह अपनी उधारी का एक हिस्से का उपयोग राज्यों को जीएसटी मुआवजे के भुगतान के रूप में कर सकती है।
मार्च के बाद राज्यों को मुआवजे का भुगतान नहीं किया गया है। यहां तक कि मार्च के मुआवजे के भुगतान में भी विलंब हुआ और जुलाई के आखिर में ही भुगतान हो पाया।
केंद्र सरकार ने इस मसले पर कानूनी राय भी मांगी थी जिसमें सुझाव दिया गया था कि केंद्र पर राज्यों को जीएसटी मुआवजे में कमी का भुगतान करने का कोई दायित्व नहीं है, बलिक जीएसटी परिषद पर्याप्त राशि की व्यवस्था करके वस्तु एवं सेवा कर मुआवजा कोष में कमी को पूरा करने का निर्णय ले सकती है।
सूत्रों ने बताया कि न्यायविदों के सुझाव के अनुसार, जीएसटी परिषद केंद्र को मुआवजा कोष से राज्यों को उधारी लेने की अनुमति देने की सिफारिश कर सकती है।
हालांकि संविधान के अनुच्छेद 293 (3) के तहत इस मामले में आखिरी फैसला केंद्र सरकार को लेना होगा।(IANS)
नई दिल्ली, 26 अगस्त। दिल्ली बाल अधिकार संरक्षण आयोग (डीसीपीसीआर) ने दिल्ली के आर के पुरम में पुलिस द्वारा एक किशोर की पिटाई करने के वायरल वीडियो का संज्ञान लिया है। इस मामले में दो पुलिसकर्मियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने का निर्देश दिया गया है। डीसीपीआर ने कहा, एसएचओ आरके पुरम पुलिस को नोटिस जारी किया गया है, जिसमें वीडियो में दिख रहे दोनों पुलिसकर्मियों की पहचान करने और आईपीसी की धारा 166, 321, 322 और धारा 75, जेजे एक्ट, 2015 के तहत उनके खिलाफ केस दर्ज करने का निर्देश दिया है।
दिल्ली सरकार के मुताबिक सरकारी अधिकारियों द्वारा इस तरह का कार्य भारत के संविधान की भावना के खिलाफ है और बच्चों के मौलिक अधिकारों का हनन है।
दिल्ली बाल अधिकार संरक्षण आयोग ने ट्विटर पर प्रकाशित एक स्टोरी का संज्ञान लेते हुए यह निर्देश दिया। डीसीपीसीआर ने कहा, ट्विटर पर संलग्न किए गए इस वीडियो से पता चला है कि आरके पुरम एरिया में एक पुलिसकर्मी द्वारा एक किशोर के साथ मारपीट की गई है और पूरे घटनाक्रम को एक अन्य पुलिसकर्मी खड़ा देख रहा है। कथित तौर पर लड़का भोजन की तलाश में देर रात सड़क पर भटक रहा था।
आयोग ने पुलिस अधिकारियों की इस तरह की मनमानी और उदासीनता की कड़ी निंदा की है। डीसीपीसीआर ने एसएचओ आरके पुरम को एक नोटिस जारी किया है, जिसमें इस घटना में शामिल दोनों अधिकारियों की पहचान करने का निर्देश दिया गया है। किसी लोक सेवक द्वारा नियमों की अवहेलना करने के आरोप में उन पुलिस कर्मियों पर आईपीसी की धारा-166 के तहत केस दर्ज करने के लिए भी कहा गया है। साथ ही, किसी को चोट पहुंचाने के लिए आईपीसी की धारा 321, 322 (स्वेच्छा से गंभीर रूप से आहत) और किशोर न्याय (बच्चों की देखभाल और संरक्षण) अधिनियम, 2015 की धारा 75, बच्चे को क्रूरता के लिए दंड से संबंधित धारा भी शामिल करने का निर्देश दिया गया है।
डीसीपीसीआर ने आधिकारिक बयान जारी करते हुए कहा, सरकारी अधिकारियों द्वारा इस तरह के कृत्य भारत के संविधान की भावना के खिलाफ हैं और बच्चों के मौलिक अधिकारों का उल्लंघन करते हैं, क्योंकि संविधान का अनुच्छेद 21 सभी व्यक्तियों को सम्मान के साथ जीवन जीने का अधिकार देता है। इस तरह की हरकतें पुलिस बल की छवि को धूमिल करती हैं। आयोग इस मामले को आगे बढ़ाएगा और न्याय दिलाएगा।(IANS)
नई दिल्ली, 26 अगस्त। देशभर के जिन लोगों को मानसिक स्वास्थ्य सेवाओं की तलाश है, वे गुरुवार से 'किरण' के माध्यम से इस सुविधा का लाभ उठा सकते हैं। यह एक फ्री हेल्पलाइन है, जिसे केंद्र सरकार द्वारा शुरू किया गया है। सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय व इसके सहयोगियों द्वारा तैयार हेल्पलाइन 1800-599-0019 का मकसद शुरुआती जांच, प्राथमिक उपचार, मनोवैज्ञानिक समर्थन, तनाव प्रबंधन, मानसिक स्वास्थ्य की बेहतरी, विचलित व्यवहार के रोकथाम और मनोवैज्ञानिक क्षेत्र में संकट प्रबंधन को उपलब्ध कराना है।
मानसिक स्वास्थ्य पुनर्सुधार संबंधी सेवाएं उपलब्ध कराने के साथ ही हेल्पलाइन का उद्देश्य तनाव, चिंता, डिप्रेशन, पैनिक अटैक, एडजस्टमेंट डिस्ऑर्डर, पोस्ट ट्रॉमैटिक स्ट्रेस डिस्ऑर्डर, सब्सटेंस एब्यूज, सुसाइडल थॉट्स, महामारी के चलते पैदा हुए मानसिक स्वास्थ्य से जुड़ी आपातकालीन सेवाएं उपलब्ध कराना है।
यह हेल्पलाइन 13 भाषाओं में किसी भी एक व्यक्ति, परिवार, एनजीओ, डीपीओ, अभिभावक संघ, प्रोफेशनल एसोसिएशन, पुनर्वास केंद्र, अस्पतालों के साथ ही साथ लद्दाख, जम्मू व कश्मीर, आठ उत्तर-पूर्वी राज्य, अंडमान और निकोबार द्वीपपुंज और लक्ष्यदीप सहित पूरे देश में जरूरत में पड़े किसी के लिए भी उपलब्ध होगा।
देश के केंद्रीय सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्री थावरचंद गहलोत गुरुवार को वर्चुअली 'किरण' को लॉन्च करेंगे। इस दौरान हेल्पलाइन के पोस्ट, ब्रोशर और रिसोर्स बुक भी जारी किए जाएंगे।
प्रति घंटे 300 लोगों को संभालने की क्षमता के साथ 660 वॉलेंटियर्स नैदानिक और पुनर्वास मनोवैज्ञानिक, 668 वॉलेंटियर मनोचिकित्सकों के साथ-साथ 75 विशेषज्ञ हेल्पलाइन के 25 केंद्रों में शामिल किए जाएंगे।(IANS)
शिवपुरी, 26 अगस्त। मध्यप्रदेश के पूर्व मंत्री और पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह के बेटे जयवर्धन सिंह ने कांग्रेस छोड़कर भाजपा का दामन थामने वाले पूर्व विधायकों पर बड़ा हमला बोला है, और कहा है कि विधायक 35-35 करोड़ में बिके हैं। शिवपुरी में जयवर्धन सिंह ने कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए बुधवार को आरोप लगाया कि "जो विधायक कांग्रेस छोड़कर गए हैं, उन्होंने 35-35 करोड़ रुपए लिए हैं।"
मप्र के पूर्व कैबिनेट मंत्री जयवर्धन सिंह ने आगे कहा कि, "कांग्रेस को जनता ने पांच साल के लिए जनादेश दिया था, मगर विधायकों के बिक जाने से उपचुनाव हो रहे हैं। कोरोना काल में चुनाव के लिए कांग्रेस से भाजपा में गए तत्कालीन विधायक जिम्मेदार हैं। कोरोना काल में मतदाता को कतार में लगना होगा और इसके लिए कोई और नहीं कांग्रेस छोड़ने वाले विधायक जिम्मेदार हैं।"
कार्यकर्ताओं से पूर्व मंत्री ने कहा अब परिस्थितियां बदल गईं हैं, आप के लिए हम हर समय तैयार हैं।(IANS)
नयी दिल्ली, 26 अगस्त (वार्ता)। देश के नये स्टार्टअप पिक्साहाइव ने फोटोग्राफी के शौकीन लोगों की आय बढ़ाने में सहायता करने और स्वदेशी फोटोग्राफी समुदाय को एकजुट करने की पहल शुरू की है।
पिक्साहाइव के संस्थापक रोहित त्रिपाठी ने यहां जारी एक विज्ञप्ति में कहा, “ पिक्साहाइव से अब तक उन लोगों को सबसे ज्यादा फायदा हुआ है जो फोटोग्राफी शौकिया तौर पर करते हैं क्योंकि ऐसे फोटोग्राफर काफी समय से एक ऐसे प्लेटफॉर्म का इंतजार कर रहे थे जहां वे अपने काम का प्रदर्शन करके अपनी नयी पहचान बना सकें। अन्य पेशेवर वेबसाइट जैसे शटरस्टॉक, 500पीएक्स और ड्रिबल ने फोटोग्राफरों के लिए बहुत कड़े नियम बनाये हैं जिन्हें नये फोटोग्राफरों को पालन करने में बहुत मुश्किल होती है।”
नयी दिल्ली 26 अगस्त (वार्ता)। नोबेल पुरस्कार विजेता कैलाश सत्यार्थी सितंबर 2020 में बाल अधिकारों पर अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन का आयोजन करेंगे जिसमें कई नोबेल पुरस्कार विजेता और विश्व नेता भाग लेंगे।
कैलाश सत्यार्थी चिल्ड्रेन्स फाउंडेशन ने बुधवार को यहां बताया कि आगामी नौ सितंबर और 10 सितंबर को तीसरा ‘लॉरियेट््स एंड लीडर्स फॉर चिल्ड्रेन्स सम्मेलन’ का आयोजन किया जाएगा। कोरोना महामारी के कारण इस बार का सम्मेलन ऑनलाइन होगा। इस शिखर सम्मेलन में शामिल होने के लिए बहुत सारे नोबेल पुरस्कार विजेताओं और विश्व नेताओं ने अपनी स्वीकृति दी है।
सम्मेलन में कोरोना महामारी से प्रभावित बच्चों की दशा-दिशा को सुधारने और बच्चों को उनके प्राकृतिक अधिकार देने जैसे मुद्दों पर विचार-विमर्श होगा। इसके अलावा सम्मेलन में बाल श्रम, बाल दासता, मानव तस्करी , शिक्षा, खाद्य असुरक्षा तथा युद्ध और प्राकृतिक आपदा की स्थिति में बच्चों पर विशेष रुप से चर्चा होगी।
श्री सत्यार्थी ने कहा कि यह सम्मेलन विश्व सरकारों को सभी बच्चों के अधिकारों को सुरक्षित करने के लिए आगाह करेगा। कोरोना महामारी के दौरान उन बच्चों पर उन्हें विशेष ध्यान दिया जाना चाहिए जो समाज के कमजोर वर्ग से और हाशिए पर हैं। यदि इन लाखों बच्चों को नहीं बचा गया तो बाल श्रम, शिक्षा और स्वास्थ्य के क्षेत्र की प्रगति धराशायी हो सकती है।
‘लॉरियेट््स एंड लीडर्स फॉर चिल्ड्रेन्स’ बाल अधिकारों के संरक्षण का एक मंच है जो नोबेल पुरस्कार विजेताओं और विश्व नेताओं को इस मुद्दे पर एकजुट करता है।
नई दिल्ली, 26 अगस्त (आईएएनएस)| चीनी स्मार्टफोन निर्माण कंपनी-विवो ने बुधवार को किफायती स्मार्टफोन विवो वाय20 को एआई ट्रिपल कैमरा सेटअप और 5000एमएएच बैटरी के साथ 12,990 रुपये में भारत में लॉन्च किया। विवो वाय20 को खरीद के लिए 28 अगस्त से ओब्सीडियन ब्लैक और डॉन व्हाइट रंगों में उपलब्ध कराया जाएगा।
विवो इंडिया में ब्रांड रणनीति के निदेशक निपुण मार्या ने एक बयान में कहा, "विवो के नए वाय सीरीज का मकसद उत्पादों की एक ऐसी विस्तृत श्रेणी को नवीनतम फीचर्स के साथ उपलब्ध कराना है जो अलग-अगल प्राइस रेंज में विशेष जरूरतों को पूरा करें।"
स्मार्टफोन को 1600 गुना 720 पिक्सल रेजॉल्यूशन के साथ 6.51 इंच के एचडीप्लस हैलो आईव्यू डिस्प्ले के साथ पेश किया गया है जिसका आस्पेक्ट रेशियो 20:9 है।
यह डिवाइस क्वालकॉम स्नैपड्रैगन 460 प्रोसेसर द्वारा संचालित है जिसमें 4जीबी और 64जीबी का इंटरनल स्टोरेज है। इसमें एक साइड-फिंगरप्रिंट स्कैनर भी है जिसके द्वारा फोन को महज 0.22 सेकेंड में अनलॉक किया जा सकता है।
फोन में 18वॉट के फ्लैशचार्ज तकनीक के साथ 5000एमएएच की एक शक्तिशाली बैटरी दी गई है जो कंपनी के मुताबिक एचडी फिल्म के देखने के साथ 16 घंटे और गेमिंग वगैरह के साथ 11 घंटे तक चलेगी।
डिवाइस में 13एमपी का कैमरा सेटअप है। सेल्फी के लिए आगे की ओर 8एमपी का एक कैमरा भी है।
इसी के साथ कंपनी ने 5000एमएएच की बैटरी, साइड-फिंगरप्रिंट स्कैनर और एआई ट्रिपल मैक्रो कैमरा के साथ 11,490 रुपये में वाय20 आई स्मार्टफोन की भी घोषणा की है।
कंपनी ने बताया कि अपने पार्टनर रिटेल स्टोर्स में 3 सितंबर से इन्हें बिक्री के लिए उपलब्ध कराया जाएगा।