राष्ट्रीय
लखनऊ, 20 जनवरी । बसपा की राष्ट्रीय अध्यक्ष मायावती ने आगामी लोकसभा चुनाव अपने बलबूते लड़ने संबंधी पार्टी के रूख को दोहराते हुए कार्यकर्ताओं को आगाह किया। उन्होंने कहा कि बसपा ने जितनी बार दूसरे दलों से गठबंधन किया, उतनी बार धोखा ही खाया है।
बसपा सुप्रीमो शनिवार को यूपी और उत्तराखंड के पदाधिकारियों के साथ बैठक करके चुनावी तैयारियों की समीक्षा कर रही थीं। बसपा सुप्रीमो मायावती ने एक बार फिर दोहराया है कि वह अब किसी भी दल से चुनावी गठबंधन या समझौता नहीं करेंगी। अब किसी भी दल से गठबंधन करना होशियारी भरा कदम नहीं होगा। गठबंधन के कड़वे अनुभवों के चलते कार्यकर्ताओं का मनोबल टूटता है, पार्टी का मिशन भी कमजोर होता है।
मायावती ने कहा कि ऐसी स्थिति में पार्टी के लोगों पर बेहतर परिणाम लाने की बड़ी जिम्मेदारी है और इसलिए कार्यकर्ताओं को मीडिया द्वारा फैलाई गई सभी प्रकार की अफवाहों से निपटना होगा। उन्होंने बसपा कार्यकर्ताओं से संगठित होकर काम करने और विपक्षी दलों के साम, दाम, दंड, भेद आदि हथकंडों से दूर रहने को कहा। पदाधिकारियों को हर दिन सेक्टर व बूथ स्तर पर छोटी-छोटी कैडर की मीटिंग के निर्देश दिए। यह मीटिंग प्रत्येक विधानसभा क्षेत्र में भी होगी और प्रत्येक जातियों को जोड़ने का काम होगा।
उन्होंने कहा कि पार्टी ने अकेले दम पर लोकसभा चुनाव लड़ने का फैसला किया है, इसलिए, कार्यकर्ताओं पर ही बेहतर परिणाम लाने की जिम्मेदारी है। देश में कमरतोड़ महंगाई, गरीबी, बेरोजगारी से करीब 81 करोड़ जनता बेहाल है। मौजूदा सरकार ने इन्हें सरकारी अनाज के भरोसे छोड़ दिया है। इनके स्थायी रोजी-रोटी की कोई व्यवस्था नहीं की जा रही है। देश के करोड़ों किसानों, मजदूरों, गरीबों और मेहनतकश लोगों का हित प्रभावित हो रहा है।
उन्होंने इन मुद्दों को लेकर पार्टी कार्यकर्ताओं को जनता के बीच जाने का भी निर्देश दिया है। बसपा सुप्रीमो ने कहा कि जिस तरह से पहले राजनीति का अपराधीकरण हुआ और इसके बाद अपराध का राजनीतिकरण किया गया। अब उसी तरह धर्म का भी राजनीतिकरण किया जा रहा है।
(आईएएनएस)
नई दिल्ली, 20 जनवरी । भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने 22 जनवरी को अयोध्या में होने जा रहे राम मंदिर के प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम में शामिल होने के निमंत्रण के लिए श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र न्यास का आभार व्यक्त किया है।
उन्होंने कहा है कि वे 22 जनवरी को नई दिल्ली के झंडेवालान मंदिर के प्रांगण से प्राण प्रतिष्ठा के कार्यक्रम के साक्षी बनेंगे और कार्यक्रम के बाद जल्द ही सपरिवार दर्शन के लिए अयोध्या जाएंगे।
नड्डा ने शनिवार को एक्स पर पोस्ट कर कहा, "मुझे श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र न्यास की तरफ से श्री अयोध्या जी में राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा के पावन कार्यक्रम का निमंत्रण प्राप्त हुआ है। निमंत्रण के लिए मैं श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र न्यास का आभार व्यक्त करता हूं।"
नड्डा ने आगे बताया, "500 साल के संघर्ष के बाद हमें राम मंदिर का भव्य निर्माण होते देखने का सौभाग्य प्राप्त हो रहा है। मैं प्राण प्रतिष्ठा के कार्यक्रम के बाद जल्द ही सपरिवार दर्शन के लिए अयोध्या जाऊंगा। 22 जनवरी को मैं झंडेवालान मंदिर, नई दिल्ली के प्रांगण से प्राण प्रतिष्ठा के कार्यक्रम का साक्षी बनूंगा।"
(आईएएनएस)
हावेरी (कर्नाटक), 20 जनवरी । यहां नैतिक पुलिसिंग की एक और घटना सामने आई। हावेरी जिले में नौ स्वयंभू धर्म रक्षकों ने एक अंतरधार्मिक जोड़े की पिटाई की। पुलिस ने यह जानकारी शनिवार को दी।
पुलिस के मुताबिक, घटना शुक्रवार को जिले के बयादागी शहर में हुई पीड़ितों की शिकायत के बाद सात लोगों को गिरफ्तार कर लिया गया है, जबकि बाकी दो आरोपियों की तलाश जारी है।
गिरफ्तार किए गए व्यक्तियों की पहचान अब्दुल खादर, मंसूर, मेहबूब खान, रियाज, अल्फ़ाज़, सलीम साब और मेहबूब अली के रूप में की गई। उन्हें न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है।
हावेरी के पुलिस अधीक्षक (एसपी) अंशू कुमार ने कहा कि एक अंतरधार्मिक जोड़े पर अल्पसंख्यक समुदाय के नौ लोगों के एक नैतिक पुलिसिंग गिरोह द्वारा हमला किया गया।
सात आरोपियों को गिरफ्तार कर न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है और अन्य दो आरोपियों की तलाश जारी है।
आरोपियों ने कस्बे के शिव मंदिर के पास बाइक पर सवार होकर आपस में बात कर रहे रुकसाना और जगदीश को निशाना बनाकर हमला किया था।
शोहदों ने लड़की से पूछा कि वह एक हिंदू से बात क्यों कर रही है और दोनों की पिटाई की। पुलिस ने जांच शुरू कर दी है।
पूर्व मुख्यमंत्री और भाजपा नेता बसवराज बोम्मई ने पहले दावा किया था कि आम लोग, विशेषकर महिलाएं, "बिना किसी डर के स्वतंत्र रूप से घूमने में सक्षम नहीं हैं"।
बोम्मई ने कहा था, "बलात्कार, अत्याचार और हिंसा के मामलों में वृद्धि हुई है। ग्रामीण इलाकों में भी महिलाएं सुरक्षित महसूस नहीं कर रही हैं... पुलिस मूकदर्शक बनी हुई है और अगर वे कानून के अनुसार कार्रवाई शुरू करते हैं, तो उन्हें सरकार के कोप का सामना करना पड़ रहा है। हावेरी जिले में संगठित गिरोह सक्रिय हैं और कांग्रेस सरकार की तुष्टीकरण नीति के कारण उनमें कोई डर नहीं है।”
(आईएएनएस)
गुवाहाटी, 20 जनवरी । केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने शनिवार को घोषणा की कि केंद्र सरकार बांग्लादेश सीमा की तरह ही म्यांमार सीमा पर लोगों की स्वतंत्र आवाजाही को रोकेगी और इसकी सुरक्षा करेगी।
गुवाहाटी में हाल ही में गठित पांच असम पुलिस कमांडो बटालियनों के पहले बैच के के पासिंग आउट परेड को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि केंद्र म्यांमार के साथ मुक्त आंदोलन समझौते पर पुनर्विचार कर रहा है।
उन्होंने कहा, “बांग्लादेश के साथ सीमा की तरह भारत और म्यांमार के बीच की सीमा की रक्षा की जाएगी। केंद्र सरकार म्यांमार के साथ अप्रतिबंधित आवाजाही समाप्त करने का इरादा रखती है।”
इस बीच, शाह ने यह भी दावा किया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कुशल नेतृत्व में पिछले 10 वर्षों के दौरान देश की कानून-व्यवस्था में भारी बदलाव आया है।
उन्होंने कांग्रेस पर हमला करते हुए कहा कि उसके कार्यकाल में लोगों को सरकारी नौकरियां हासिल करने के लिए रिश्वत देनी पड़ती थी। भाजपा के शासन में किसी को भी रोजगार पाने के लिए रिश्वत नहीं देनी पड़ती।
शाह ने कहा कि अयोध्या में आगामी प्राण प्रतिष्ठा अनुष्ठान के दौरान भगवान राम 550 "अपमानजनक" वर्षों के बाद घर लौटेंगे।
उन्होंने कहा कि यह आयोजन पूरे देश के लिए गर्व की बात है और यह महत्वपूर्ण है क्योंकि भारत एक महाशक्ति बनने की ओर अग्रसर है।
(आईएएनएस)
पटना, 20 जनवरी । चर्चित चुनावी रणनीतिकार और जन सुराज के सूत्रधार प्रशांत किशोर ने शनिवार को घोषणा करते हुए कहा कि अगले बिहार विधानसभा चुनाव में एक राजनीतिक प्लेटफॉर्म से अति पिछड़ा समाज के 75 लोगों को चुनाव लड़ाऊंगा।
इस घोषणा के बाद यह तय माना जा रहा है कि प्रशांत किशोर जल्द नई राजनीतिक पार्टी बनाने वाले हैं।
पटना में कर्पूरी ठाकुर जन्म शताब्दी समारोह में आए लोगों को संबोधित करते हुए प्रशांत किशोर ने कहा कि गरीबों का हक हर उस सरकार ने मारा है, जो पिछड़ों की बात कर पिछड़ों से सिर्फ वोट लेते आया है। 2025 के विधानसभा चुनाव में पहली बार आप देखेंगे कि किसी राजनीतिक प्लेटफॉर्म से कम से कम 75 लोग अति पिछड़े समाज से विधायक का चुनाव लड़ेंगे।
प्रशांत किशोर ने घोषणा करते हुए कहा कि जन सुराज प्रत्येक वर्ष अति पिछड़ा समाज के 500 मेधावी बच्चों को शिक्षा भी दिलाएगा। राज्य के प्रत्येक जिले से 10 से 15 बच्चों को चुना जाएगा और फिर वे चाहें तो उन्हें प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी करवाने में भी पूरी तरह से मदद करेगा।
शिक्षा के प्रति लोगों को जागरूक रहने की अपील करते हुए प्रशांत किशोर ने कहा कि नेताओं के लिए नारा लगाने से बात नहीं बनेगी। आपको अपने बच्चों के लिए खड़ा होना पड़ेगा तभी समाज में सुधार आएगा।
(आईएएनएस)
तिरुवनंतपुरम, 20 जनवरी । नए साल की शुरुआत केरल में भी हुई और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दो सप्ताह के भीतर राज्य में तीन दिन बिताए, जिससे अटकलें लगने लगी कि केरल भाजपा अपने एक सदस्य को नई लोकसभा में बैठा देख सकती है।
भाजपा के दिग्गज नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर, जो पार्टी की केरल इकाई के प्रभारी हैं, आश्वस्त हैं कि राज्य में भाजपा के लिए चीजें बेहतर होंगी।
उन्होंने भविष्यवाणी की है कि मोदी न सिर्फ केंद्र में तीसरी बार जीतेंगे, बल्कि केरल में भी बीजेपी अच्छा प्रदर्शन करेगी।
जावड़ेकर ने कहा, “केरल में भी बदलाव हो रहे हैं क्योंकि कई लोगों ने भाजपा के प्रति अपना रवैया बदलने का फैसला किया है।”
उन्होंने कहा कि वामपंथी सरकार के विपरीत जो लाभार्थी के राजनीतिक झुकाव को देखती है, मोदी जाति, पंथ या धर्म को नहीं देखते हैं, उनका एकमात्र एजेंडा समग्र विकास है और यह केरल में पहले से ही हो रहा है, जहां भाजपा का कोई विधायक या सांसद नहीं है।
जावड़ेकर के आशावाद के बावजूद, पारंपरिक रूप से भाजपा ने केरल में अच्छा प्रदर्शन नहीं किया है, अगर 20 लोकसभा सीटों और 140 विधानसभा सीटों पर पिछले चुनावों के आंकड़ों पर गौर किया जाए।
2019 के लोकसभा चुनावों में केरल भाजपा के नेतृत्व वाला एनडीए तीसरे स्थान पर रहा और मात्र 15.64 प्रतिशत वोट शेयर हासिल कर पाया।
यूडीएफ ने 47.48 फीसदी वोट शेयर हासिल कर 19 सीटें जीतीं, वहीं, तत्कालीन सत्तारूढ़ वाम मोर्चा को 36.29 फीसदी वोट और एक सीट मिली।
केरल में 2021 के विधानसभा चुनावों में, भाजपा का वोट शेयर 2016 के चुनावों की तुलना में 2.60 प्रतिशत कम होकर 12.36 प्रतिशत तक पहुंच गया और भाजपा एकमात्र मौजूदा सीट हार गई।
जावड़ेकर, जिन्होंने अभी-अभी उत्तरी केरल का दौरा समाप्त किया है, पारंपरिक सीपीआई (एम) मतदाताओं सहित लोगों से मिली जबरदस्त प्रतिक्रिया के कारण कोझिकोड जिले के कुछ हिस्सों का दौरा करने के बाद उत्साह से भरे हुए दिखाई दिए।
उनके मुताबिक, बीजेपी के लिए चीजें अच्छी दिख रही हैं और इस बार बड़ा आश्चर्य होगा।
लेकिन, जावड़ेकर यह भूल रहे हैं कि केरल में अल्पसंख्यक समुदाय - मुस्लिम 26 प्रतिशत और ईसाई 18 प्रतिशत - कुल मिलाकर राज्य की 3.30 करोड़ आबादी का 44 प्रतिशत हैं। यह राज्य में भाजपा के खिलाफ काम करने वाला एक प्रमुख कारक था।
इसमें हमास-इजरायल के बीच चल रहा संघर्ष और केरल में दोनों पारंपरिक प्रतिद्वंद्वियों द्वारा अपनाया गया राजनीतिक रुख भी शामिल है। भाजपा का केवल एक ही रुख है और वह सभी प्रकार के आतंकवाद के खिलाफ पूरी लड़ाई है।
हाल ही में मोदी द्वारा ईसाई नेताओं को दिए गए दोपहर के भोजन को भाजपा द्वारा एक सकारात्मक कारक के रूप में देखा जा रहा है क्योंकि कुछ निर्वाचन क्षेत्रों, विशेष रूप से त्रिशूर और तिरुवनंतपुरम में, चर्च एक महत्वपूर्ण कारक है।
इस पर उत्सुकता से नजर रखी जा रही है, भले ही चर्च के नेताओं ने कहा है कि किसी को भी दोपहर के भोजन को लेकर आधी रात को हंगामा करने की जरूरत नहीं है।
आने वाले हफ्तों में मोदी के फिर से केरल पहुंचने की उम्मीद के साथ, राज्य भाजपा नेतृत्व उत्साहित दिख रहा है, लेकिन यह देखना बाकी है कि क्या राज्य इकाई, जो अपनी गहरी गुटबाजी के लिए जानी जाती है, एकजुट होकर लड़ने में सक्षम होगी या नहीं।
(आईएएनएस)
बेंगलुरु, 20 जनवरी । कर्नाटक में मई 2023 के विधानसभा चुनावों में भाजपा के खिलाफ विजयी होने वाली कांग्रेस सरकार 22 जनवरी को अयोध्या में राम मंदिर में प्राण प्रतिष्ठा समारोह को लेकर हुए हंगामे के बाद घबराई हुई है।
और सबसे पुरानी पार्टी दलितों और अल्पसंख्यकों के अपने प्रमुख वोट आधार को बरकरार रखने के लिए हर तरह की कोशिश कर रही है।
कांग्रेस सूत्रों ने पुष्टि की है कि अयोध्या घटना की पृष्ठभूमि में अगर मुस्लिम उम्मीदवारों को टिकट दिया गया तो कर्नाटक में पार्टी के लिए लोकसभा सीटें जीतना मुश्किल होगा, क्योंकि इससे हिंदू वोटों का ध्रुवीकरण होगा।
कांग्रेस चिंतित है क्योंकि यह सलाह रणनीतिकार सुनील कनुगोलू की टीम से आई है, जिसने बजरंग दल पर प्रतिबंध लगाने और योजनाओं की गारंटी देने के प्रस्ताव के साथ पार्टी को कर्नाटक में अपनी जीत पक्की करने में मदद की थी।
चूंकि सरकार ने सभी पांच गारंटी लागू कर दी है और लगभग समाज के सभी वर्गों तक पहुंच गई है, इसलिए वह आम चुनाव लड़ने के लिए कम से कम पांच मुस्लिम उम्मीदवारों को टिकट प्रदान करने की योजना बना रही थी।
वह राज्य में 15 से 20 सीटें जीतने की रणनीति भी बना रही है।
हालाँकि, पार्टी अब इस मामले पर गंभीरता से विचार कर रही है और नेता इस घटनाक्रम को लेकर असमंजस में हैं।
दूसरी ओर, कांग्रेस सरकार ने एससी वर्ग के लिए आंतरिक आरक्षण को सक्षम करने के लिए संविधान के अनुच्छेद 341 (3) में संशोधन करने के लिए केंद्र को एक प्रस्ताव भेजने की दलित समुदायों की दो दशक पुरानी मांग को पूरा कर दिया है।
खाद्य मंत्री के.एच. मुनियप्पा ने कांग्रेस सरकार को धन्यवाद देते हुए कहा कि एससी श्रेणी के तहत सभी 101 जातियों को न्याय देना संभव होगा। यदि केंद्र सरकार संशोधन पर आगे नहीं बढ़ती है तो संशोधन होने तक संघर्ष किया जाएगा।
कांग्रेस सूत्रों ने यह भी कहा कि पार्टी ने अनुच्छेद 341(3) में संशोधन लाने और दलितों को भाजपा से अलग करने के मुद्दे पर केंद्र सरकार पर हमला करने की योजना बनाई है।
मुस्लिम समुदाय के कल्याण के लिए 10 हजार करोड़ रुपये देने की मुख्यमंत्री सिद्दारमैया की घोषणा की भी राज्य में मुस्लिम वोट बैंक पर मजबूत पकड़ जारी रखने के लिए एक हताश उपाय के रूप में आलोचना की जा रही है।
पूर्व मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई ने घोषणा की है कि भाजपा की कर्नाटक इकाई नैतिक निगरानीकर्ताओं द्वारा हंगल सामूहिक बलात्कार मामले की एसआईटी जांच की मांग को लेकर एक विरोध रैली आयोजित करेगी।
बोम्मई ने आरोप लगाया कि चूंकि आरोपी मुस्लिम हैं, इसलिए नैतिक पुलिसिंग के खिलाफ दृढ़ता से बोलने वाले सिद्दारमैया मामले पर चुप्पी साधे हुए हैं।
पूर्व मुख्यमंत्री ने यह भी आरोप लगाया कि पीड़िता को, जो अल्पसंख्यक समुदाय से है, धमकाया जा रहा है और पैसे लेकर मामला वापस लेने के लिए दबाव डाला जा रहा है।
कर्नाटक प्रदेश अध्यक्ष बी.वाई. विजयेंद्र का आरोप है कि पुलिस पीड़िता का मेडिकल कराने की बजाय आरोपी को अस्पताल ले गई।
सूत्रों ने बताया कि कांग्रेस सरकार मुस्लिम और दलित समुदायों को एक मजबूत संकेत भेजना चाहती है कि पार्टी उनके हितों की अंतिम रक्षक है।
सिद्दारमैया और उनके मंत्रिपरिषद हमले की मुद्रा में है।
उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को कर्नाटक के साथ हुए अन्याय पर सार्वजनिक बहस की चुनौती दी है।
सहकारिता मंत्री के.एन. राजन्ना, आबकारी मंत्री आर.बी. तिम्मापुर, दोनों दलित वर्ग के प्रमुख नेताओं ने भगवान राम के खिलाफ आपत्तिजनक बयान भी जारी किए हैं।
सिद्दारमैया हिंदू धर्म में जातिगत पदानुक्रम, अस्पृश्यता और असमानता पर सवाल उठाकर दलित और अन्य उत्पीड़ित वर्गों को सावधानीपूर्वक याद दिला रहे हैं।
पार्टी ध्रुवीकरण को रोकने के लिए राज्य भर में पिछड़े और दलित समुदायों के लिए सम्मेलन आयोजित कर रही है।
इसका उद्देश्य दलितों और पिछड़ों और उत्पीड़ित वर्गों के वोट बैंक को कांग्रेस के साथ रखना और यह सुनिश्चित करना है कि वर्तमान परिस्थितियों में उनका झुकाव भाजपा की ओर न हो।
सूत्र बताते हैं कि कांग्रेस, जिसने प्रचंड जीत के बाद कर्नाटक इकाई के लिए विपक्ष के नेता और प्रदेश अध्यक्ष की नियुक्ति नहीं करने के लिए भाजपा का उपहास किया था, अब भी बंटी हुई है।
पार्टी सूत्रों ने बताया कि सिद्दारमैया और उनके डिप्टी शिवकुमार के बीच प्रतिद्वंद्विता जल्द ही चरम बिंदु पर पहुंचने वाली है।
गृह मंत्री डॉ. जी. परमेश्वर ने संकेत दिया था कि जो लोग कांग्रेस की जीत सुनिश्चित करने में विफल रहेंगे, उन्हें बाहर का रास्ता दिखाया जाएगा।
इसके विपरीत, भाजपा ने जद (एस) के साथ गठबंधन किया है। पूर्व प्रधानमंत्री एच.डी. देवेगौड़ा और पूर्व मुख्यमंत्री एच.डी. कुमारस्वामी ने घोषणा की है कि दोनों पार्टियों के बीच सब कुछ सौहार्दपूर्ण है।
कुमारस्वामी और भाजपा प्रदेश अध्यक्ष बी.वाई. विजयेंद्र ने राज्य की सभी 28 लोकसभा सीटों पर जीत सुनिश्चित करने का भरोसा जताया है।
2019 के लोकसभा चुनाव में केवल एक सीट जीतने में कामयाब रही कांग्रेस फायरफाइटिंग मोड में है।
सरकार ने लिंगायत समुदाय के श्रद्धेय बसवन्ना को राज्य का सांस्कृतिक नेता घोषित किया है।
पार्टी उत्पीड़ित वर्गों और अल्पसंख्यकों को लुभाने के लिए विवादास्पद जाति जनगणना को स्वीकार करने के लिए पूरी तरह तैयार है।
दोनों पक्षों के नेताओं के अनुसार, यह भाजपा-जद (एस) गठबंधन और सत्तारूढ़ कांग्रेस दोनों के लिए एक कठिन लड़ाई होने जा रही है।
(आईएएनएस)
चेन्नई, 20 जनवरी । 2024 के लोकसभा चुनावों में दक्षिण भारतीय राज्यों तमिलनाडु, कर्नाटक, केरल, तेलंगाना और आंध्र प्रदेश से 50 सीटों पर नजर रखने वाली भाजपा तमिलनाडु में सफलता हासिल करने और कुछ सीटें जीतने की कोशिश कर रही है।
2019 के आम चुनावों में डीएमके के नेतृत्व वाले सेक्युलर प्रोग्रेसिव अलायंस ने 39 लोकसभा सीटों में से 38 सीटें जीतीं, जबकि, अन्नाद्रमुक (एआईएडीएमके) के नेतृत्व वाला राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन एनडीए केवल थेनी लोकसभा सीट जीत सका, जिसमें ओपी रवींद्रनाथ, तमिलनाडु के पूर्व मुख्यमंत्री ओ पन्नीरसेल्वम के बेटे ने कांग्रेस के वरिष्ठ नेता ईवीकेएस एलंगोवन को हराकर सीट जीती।
2019 के आम चुनावों में भाजपा को कोई फायदा नहीं हुआ और वह कुल वोटों का केवल 3.66 प्रतिशत ही हासिल कर सकी। इसके गठबंधन सहयोगियों अन्नाद्रमुक को 19.39 प्रतिशत वोट मिले, पट्टाली मक्कल काची (पीएमके) को 5.36 प्रतिशत और देसिया मुरपोक्कू द्रविड़ कड़गम (डीएमडीके) को 2.16 प्रतिशत वोट शेयर मिले।
इससे पता चलता है कि तमिलनाडु में तत्कालीन राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) में अन्नाद्रमुक की तुलना में भाजपा एक कमजोर जूनियर पार्टनर थी।
जबकि, भाजपा ने तमिलनाडु से सीटें जीती हैं, झारखंड के वर्तमान राज्यपाल सीपी राधाकृष्णन कोयंबटूर और पूर्व केंद्रीय मंत्री पोन राधाकृष्णन कन्याकुमारी लोकसभा सीट से जीते हैं, दोनों अपने-अपने निर्वाचन क्षेत्रों में अत्यधिक लोकप्रिय जमीनी नेता हैं।
दरअसल, सीपी राधाकृष्णन की अपने गौंडर समुदाय में मजबूत पकड़ है, पोन राधाकृष्णन की नादर समुदाय में अच्छी पकड़ है, जिससे वह आते हैं।
व्यापक परिप्रेक्ष्य में, भाजपा एक राजनीतिक दल है, जो गर्व से अपनी हिंदुत्व जड़ों और संस्कृति को प्रदर्शित करती है, लेकिन, सूक्ष्म स्तर पर अगर वह तमिलनाडु जैसे राज्य में चुनाव जीतना चाहती है, जहां स्थानीय राजनीति में जाति का बहुत बड़ा प्रभाव है, तो, भाजपा को जातिगत कारकों पर विचार करना होगा।
पहले के लोकसभा चुनावों में सीपी राधाकृष्णन और पोन राधाकृष्णन दोनों की जीत का श्रेय भाजपा के राजनीतिक समर्थन के अलावा उनकी जातियों को दिया गया है।
यह 2024 के चुनावों के लिए अपने चुनाव अभियान को आकार देने वाली भाजपा थिंक टैंक की विचार प्रक्रिया होगी।
पार्टी के पास अपने प्रदेश अध्यक्ष के अन्नामलाई के रूप में एक तुरुप का इक्का है, जिनकी भ्रष्टाचार के खिलाफ आक्रामक स्थिति और सत्तारूढ़ द्रमुक और विपक्षी अन्नाद्रमुक के खिलाफ मजबूत रुख ने उन्हें राज्य में भाजपा के हिंदू वोट बैंक में अच्छा समर्थन दिलाया है।
सितंबर 2021 में एक ऑपरेशन के दौरान पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया पर प्रतिबंध लगाकर और उसके वरिष्ठ नेताओं को हिरासत में लेकर राज्य में बड़े पैमाने पर इस्लामी चरमपंथ पर अंकुश लगाने के अपने मजबूत राजनीतिक बयान पर भी भाजपा को भरोसा होगा।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की राज्य की लगातार यात्राएं और तमिलनाडु में विभिन्न परियोजनाओं के लिए केंद्र का समर्थन भी द्रविड़ गढ़ में एक अलग राजनीतिक लाइन बनाने का एक चतुर कदम है, जहां भाजपा और कांग्रेस जैसी राष्ट्रीय पार्टियां दूसरी महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं।
साथ ही आईपीएस अधिकारी से राजनेता बने के अन्नामलाई ने बेहद सम्मानित द्रविड़ नेता सीएन अन्नादुरई के कुछ कार्यों की आलोचना की है।
सीएन अन्नादुराई तमिलनाडु की द्रविड़ पार्टी के पहले मुख्यमंत्री थे, जिन्होंने तमिल राजनीति में कांग्रेस को दूसरे या तीसरे स्थान पर पहुंचाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी।
अन्नामलाई तमिलनाडु की पूर्व मुख्यमंत्री दिवंगत डॉ. जे. जयललिता के भी खिलाफ खुलकर सामने आए, जबकि, बीजेपी एआईएडीएमके की गठबंधन सहयोगी थी और अंततः एआईएडीएमके एनडीए गठबंधन से बाहर हो गई।
गौरतलब है कि 2021 के विधानसभा चुनाव में बीजेपी ने एआईएडीएमके के साथ गठबंधन में चार विधानसभा सीटें जीती थीं। अब, 2024 के चुनावों में एआईएडीएमके एनडीए के साथ नहीं है, तो यह पार्टी के लिए एक बड़ी बाधा होगी।
राजनीतिक पंडित भविष्यवाणी कर रहे हैं कि प्रधानमंत्री सहित वरिष्ठ भाजपा नेताओं द्वारा अन्नाद्रमुक के साथ गठबंधन पर जोर देने की संभावना अधिक है।
अगर बीजेपी अपनी दक्षिण भारतीय सीटों को बढ़ाना चाहती है, तो उसे तमिलनाडु से कम से कम कुछ सीटें जीतनी होंगी और एआईएडीएमके के साथ गठबंधन को पुनर्जीवित करना ही राज्य से एक भी सीट जीतने की एकमात्र संभावना है।
(आईएएनएस)
बेंगलुरु, 20 जनवरी । कर्नाटक में मई 2023 के विधानसभा चुनावों में भाजपा के खिलाफ विजयी होने वाली कांग्रेस सरकार 22 जनवरी को अयोध्या में राम मंदिर में प्राण प्रतिष्ठा समारोह को लेकर हुए हंगामे के बाद घबराई हुई है।
और सबसे पुरानी पार्टी दलितों और अल्पसंख्यकों के अपने प्रमुख वोट आधार को बरकरार रखने के लिए हर तरह की कोशिश कर रही है।
कांग्रेस सूत्रों ने पुष्टि की है कि अयोध्या घटना की पृष्ठभूमि में अगर मुस्लिम उम्मीदवारों को टिकट दिया गया तो कर्नाटक में पार्टी के लिए लोकसभा सीटें जीतना मुश्किल होगा, क्योंकि इससे हिंदू वोटों का ध्रुवीकरण होगा।
कांग्रेस चिंतित है क्योंकि यह सलाह रणनीतिकार सुनील कनुगोलू की टीम से आई है, जिसने बजरंग दल पर प्रतिबंध लगाने और योजनाओं की गारंटी देने के प्रस्ताव के साथ पार्टी को कर्नाटक में अपनी जीत पक्की करने में मदद की थी।
चूंकि सरकार ने सभी पांच गारंटी लागू कर दी है और लगभग समाज के सभी वर्गों तक पहुंच गई है, इसलिए वह आम चुनाव लड़ने के लिए कम से कम पांच मुस्लिम उम्मीदवारों को टिकट प्रदान करने की योजना बना रही थी।
वह राज्य में 15 से 20 सीटें जीतने की रणनीति भी बना रही है।
हालाँकि, पार्टी अब इस मामले पर गंभीरता से विचार कर रही है और नेता इस घटनाक्रम को लेकर असमंजस में हैं।
दूसरी ओर, कांग्रेस सरकार ने एससी वर्ग के लिए आंतरिक आरक्षण को सक्षम करने के लिए संविधान के अनुच्छेद 341 (3) में संशोधन करने के लिए केंद्र को एक प्रस्ताव भेजने की दलित समुदायों की दो दशक पुरानी मांग को पूरा कर दिया है।
खाद्य मंत्री के.एच. मुनियप्पा ने कांग्रेस सरकार को धन्यवाद देते हुए कहा कि एससी श्रेणी के तहत सभी 101 जातियों को न्याय देना संभव होगा। यदि केंद्र सरकार संशोधन पर आगे नहीं बढ़ती है तो संशोधन होने तक संघर्ष किया जाएगा।
कांग्रेस सूत्रों ने यह भी कहा कि पार्टी ने अनुच्छेद 341(3) में संशोधन लाने और दलितों को भाजपा से अलग करने के मुद्दे पर केंद्र सरकार पर हमला करने की योजना बनाई है।
मुस्लिम समुदाय के कल्याण के लिए 10 हजार करोड़ रुपये देने की मुख्यमंत्री सिद्दारमैया की घोषणा की भी राज्य में मुस्लिम वोट बैंक पर मजबूत पकड़ जारी रखने के लिए एक हताश उपाय के रूप में आलोचना की जा रही है।
पूर्व मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई ने घोषणा की है कि भाजपा की कर्नाटक इकाई नैतिक निगरानीकर्ताओं द्वारा हंगल सामूहिक बलात्कार मामले की एसआईटी जांच की मांग को लेकर एक विरोध रैली आयोजित करेगी।
बोम्मई ने आरोप लगाया कि चूंकि आरोपी मुस्लिम हैं, इसलिए नैतिक पुलिसिंग के खिलाफ दृढ़ता से बोलने वाले सिद्दारमैया मामले पर चुप्पी साधे हुए हैं।
पूर्व मुख्यमंत्री ने यह भी आरोप लगाया कि पीड़िता को, जो अल्पसंख्यक समुदाय से है, धमकाया जा रहा है और पैसे लेकर मामला वापस लेने के लिए दबाव डाला जा रहा है।
कर्नाटक प्रदेश अध्यक्ष बी.वाई. विजयेंद्र का आरोप है कि पुलिस पीड़िता का मेडिकल कराने की बजाय आरोपी को अस्पताल ले गई।
सूत्रों ने बताया कि कांग्रेस सरकार मुस्लिम और दलित समुदायों को एक मजबूत संकेत भेजना चाहती है कि पार्टी उनके हितों की अंतिम रक्षक है।
सिद्दारमैया और उनके मंत्रिपरिषद हमले की मुद्रा में है।
उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को कर्नाटक के साथ हुए अन्याय पर सार्वजनिक बहस की चुनौती दी है।
सहकारिता मंत्री के.एन. राजन्ना, आबकारी मंत्री आर.बी. तिम्मापुर, दोनों दलित वर्ग के प्रमुख नेताओं ने भगवान राम के खिलाफ आपत्तिजनक बयान भी जारी किए हैं।
सिद्दारमैया हिंदू धर्म में जातिगत पदानुक्रम, अस्पृश्यता और असमानता पर सवाल उठाकर दलित और अन्य उत्पीड़ित वर्गों को सावधानीपूर्वक याद दिला रहे हैं।
पार्टी ध्रुवीकरण को रोकने के लिए राज्य भर में पिछड़े और दलित समुदायों के लिए सम्मेलन आयोजित कर रही है।
इसका उद्देश्य दलितों और पिछड़ों और उत्पीड़ित वर्गों के वोट बैंक को कांग्रेस के साथ रखना और यह सुनिश्चित करना है कि वर्तमान परिस्थितियों में उनका झुकाव भाजपा की ओर न हो।
सूत्र बताते हैं कि कांग्रेस, जिसने प्रचंड जीत के बाद कर्नाटक इकाई के लिए विपक्ष के नेता और प्रदेश अध्यक्ष की नियुक्ति नहीं करने के लिए भाजपा का उपहास किया था, अब भी बंटी हुई है।
पार्टी सूत्रों ने बताया कि सिद्दारमैया और उनके डिप्टी शिवकुमार के बीच प्रतिद्वंद्विता जल्द ही चरम बिंदु पर पहुंचने वाली है।
गृह मंत्री डॉ. जी. परमेश्वर ने संकेत दिया था कि जो लोग कांग्रेस की जीत सुनिश्चित करने में विफल रहेंगे, उन्हें बाहर का रास्ता दिखाया जाएगा।
इसके विपरीत, भाजपा ने जद (एस) के साथ गठबंधन किया है। पूर्व प्रधानमंत्री एच.डी. देवेगौड़ा और पूर्व मुख्यमंत्री एच.डी. कुमारस्वामी ने घोषणा की है कि दोनों पार्टियों के बीच सब कुछ सौहार्दपूर्ण है।
कुमारस्वामी और भाजपा प्रदेश अध्यक्ष बी.वाई. विजयेंद्र ने राज्य की सभी 28 लोकसभा सीटों पर जीत सुनिश्चित करने का भरोसा जताया है।
2019 के लोकसभा चुनाव में केवल एक सीट जीतने में कामयाब रही कांग्रेस फायरफाइटिंग मोड में है।
सरकार ने लिंगायत समुदाय के श्रद्धेय बसवन्ना को राज्य का सांस्कृतिक नेता घोषित किया है।
पार्टी उत्पीड़ित वर्गों और अल्पसंख्यकों को लुभाने के लिए विवादास्पद जाति जनगणना को स्वीकार करने के लिए पूरी तरह तैयार है।
दोनों पक्षों के नेताओं के अनुसार, यह भाजपा-जद (एस) गठबंधन और सत्तारूढ़ कांग्रेस दोनों के लिए एक कठिन लड़ाई होने जा रही है।
--आईएएनएस
चेन्नई, 20 जनवरी । 2024 के लोकसभा चुनावों में दक्षिण भारतीय राज्यों तमिलनाडु, कर्नाटक, केरल, तेलंगाना और आंध्र प्रदेश से 50 सीटों पर नजर रखने वाली भाजपा तमिलनाडु में सफलता हासिल करने और कुछ सीटें जीतने की कोशिश कर रही है।
2019 के आम चुनावों में डीएमके के नेतृत्व वाले सेक्युलर प्रोग्रेसिव अलायंस ने 39 लोकसभा सीटों में से 38 सीटें जीतीं, जबकि, अन्नाद्रमुक (एआईएडीएमके) के नेतृत्व वाला राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन एनडीए केवल थेनी लोकसभा सीट जीत सका, जिसमें ओपी रवींद्रनाथ, तमिलनाडु के पूर्व मुख्यमंत्री ओ पन्नीरसेल्वम के बेटे ने कांग्रेस के वरिष्ठ नेता ईवीकेएस एलंगोवन को हराकर सीट जीती।
2019 के आम चुनावों में भाजपा को कोई फायदा नहीं हुआ और वह कुल वोटों का केवल 3.66 प्रतिशत ही हासिल कर सकी। इसके गठबंधन सहयोगियों अन्नाद्रमुक को 19.39 प्रतिशत वोट मिले, पट्टाली मक्कल काची (पीएमके) को 5.36 प्रतिशत और देसिया मुरपोक्कू द्रविड़ कड़गम (डीएमडीके) को 2.16 प्रतिशत वोट शेयर मिले।
इससे पता चलता है कि तमिलनाडु में तत्कालीन राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) में अन्नाद्रमुक की तुलना में भाजपा एक कमजोर जूनियर पार्टनर थी।
जबकि, भाजपा ने तमिलनाडु से सीटें जीती हैं, झारखंड के वर्तमान राज्यपाल सीपी राधाकृष्णन कोयंबटूर और पूर्व केंद्रीय मंत्री पोन राधाकृष्णन कन्याकुमारी लोकसभा सीट से जीते हैं, दोनों अपने-अपने निर्वाचन क्षेत्रों में अत्यधिक लोकप्रिय जमीनी नेता हैं।
दरअसल, सीपी राधाकृष्णन की अपने गौंडर समुदाय में मजबूत पकड़ है, पोन राधाकृष्णन की नादर समुदाय में अच्छी पकड़ है, जिससे वह आते हैं।
व्यापक परिप्रेक्ष्य में, भाजपा एक राजनीतिक दल है, जो गर्व से अपनी हिंदुत्व जड़ों और संस्कृति को प्रदर्शित करती है, लेकिन, सूक्ष्म स्तर पर अगर वह तमिलनाडु जैसे राज्य में चुनाव जीतना चाहती है, जहां स्थानीय राजनीति में जाति का बहुत बड़ा प्रभाव है, तो, भाजपा को जातिगत कारकों पर विचार करना होगा।
पहले के लोकसभा चुनावों में सीपी राधाकृष्णन और पोन राधाकृष्णन दोनों की जीत का श्रेय भाजपा के राजनीतिक समर्थन के अलावा उनकी जातियों को दिया गया है।
यह 2024 के चुनावों के लिए अपने चुनाव अभियान को आकार देने वाली भाजपा थिंक टैंक की विचार प्रक्रिया होगी।
पार्टी के पास अपने प्रदेश अध्यक्ष के अन्नामलाई के रूप में एक तुरुप का इक्का है, जिनकी भ्रष्टाचार के खिलाफ आक्रामक स्थिति और सत्तारूढ़ द्रमुक और विपक्षी अन्नाद्रमुक के खिलाफ मजबूत रुख ने उन्हें राज्य में भाजपा के हिंदू वोट बैंक में अच्छा समर्थन दिलाया है।
सितंबर 2021 में एक ऑपरेशन के दौरान पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया पर प्रतिबंध लगाकर और उसके वरिष्ठ नेताओं को हिरासत में लेकर राज्य में बड़े पैमाने पर इस्लामी चरमपंथ पर अंकुश लगाने के अपने मजबूत राजनीतिक बयान पर भी भाजपा को भरोसा होगा।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की राज्य की लगातार यात्राएं और तमिलनाडु में विभिन्न परियोजनाओं के लिए केंद्र का समर्थन भी द्रविड़ गढ़ में एक अलग राजनीतिक लाइन बनाने का एक चतुर कदम है, जहां भाजपा और कांग्रेस जैसी राष्ट्रीय पार्टियां दूसरी महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं।
साथ ही आईपीएस अधिकारी से राजनेता बने के अन्नामलाई ने बेहद सम्मानित द्रविड़ नेता सीएन अन्नादुरई के कुछ कार्यों की आलोचना की है।
सीएन अन्नादुराई तमिलनाडु की द्रविड़ पार्टी के पहले मुख्यमंत्री थे, जिन्होंने तमिल राजनीति में कांग्रेस को दूसरे या तीसरे स्थान पर पहुंचाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी।
अन्नामलाई तमिलनाडु की पूर्व मुख्यमंत्री दिवंगत डॉ. जे. जयललिता के भी खिलाफ खुलकर सामने आए, जबकि, बीजेपी एआईएडीएमके की गठबंधन सहयोगी थी और अंततः एआईएडीएमके एनडीए गठबंधन से बाहर हो गई।
गौरतलब है कि 2021 के विधानसभा चुनाव में बीजेपी ने एआईएडीएमके के साथ गठबंधन में चार विधानसभा सीटें जीती थीं। अब, 2024 के चुनावों में एआईएडीएमके एनडीए के साथ नहीं है, तो यह पार्टी के लिए एक बड़ी बाधा होगी।
राजनीतिक पंडित भविष्यवाणी कर रहे हैं कि प्रधानमंत्री सहित वरिष्ठ भाजपा नेताओं द्वारा अन्नाद्रमुक के साथ गठबंधन पर जोर देने की संभावना अधिक है।
अगर बीजेपी अपनी दक्षिण भारतीय सीटों को बढ़ाना चाहती है, तो उसे तमिलनाडु से कम से कम कुछ सीटें जीतनी होंगी और एआईएडीएमके के साथ गठबंधन को पुनर्जीवित करना ही राज्य से एक भी सीट जीतने की एकमात्र संभावना है। (आईएएनएस)।
रांची, 20 जनवरी । एक तरफ रांची में सीएम हेमंत सोरेन के आवास में पहुंची ईडी की टीम जमीन घोटाले को लेकर उनसे पूछताछ कर रही है, तो दूसरी तरफ आवास से बमुश्किल 50 मीटर की दूरी पर झामुमो के कार्यकर्ता और सीएम के समर्थक भारी तादाद में जमा होकर नारेबाजी कर रहे हैं।
राज्य में कुछ अन्य स्थानों पर ईडी की कार्रवाई के खिलाफ प्रदर्शन की खबरें मिल रही हैं। गिरिडीह जिले के डुमरी में कार्यकर्ताओं ने सड़क जाम कर दी है। सीएम आवास के पास झामुमो के कार्यकर्ता और हेमंत सोरेन के समर्थकों का हूजूम दोपहर 12 बजे से जुटने लगा था। हालांकि, पुलिस ने उन्हें सीएम आवास के लगभग 50 मीटर पहले बैरिकेडिंग लगाकर रोक दिया है।
कुछ कार्यकर्ता तीर-धनुष लेकर भी पहुंचे हैं। ये लोग सीबीआई-ईडी का दुरुपयोग नहीं चलेगा, हेमंत हमारा स्वाभिमान हैं, जैसे नारे लगा रहे हैं। झामुमो कार्यकर्ताओं का कहना है कि महज सियासी रंजिश में उनके नेता को फंसाने की साजिश रची जा रही है, लेकिन, इसे जनता सफल नहीं होने देगी। यदि ईडी हेमंत को गिरफ्तार करती है, तो झारखंड के हर घऱ से हेमंत निकलेगा। विरोध प्रदर्शन को देखते हुए रांची के एसएसपी चंदन कुमार सिन्हा और एडीएम लॉ एंड आर्डर सहित तमाम अधिकारी सीएम आवास के पास मौजूद हैं।
बता दें कि ईडी रांची के बड़गाईं अंचल के जमीन घोटाले की जांच कर रही है। इस मामले में आईएएस छवि रंजन सहित डेढ़ दर्जन लोगों को ईडी पहले ही गिरफ्तार कर चुकी है। अब वह इस प्रकरण में हेमंत सोरेन की भूमिका के बारे में उनसे कई बिंदुओं पर पूछताछ करना चाहती है।
इस मामले में बयान दर्ज करने के लिए ईडी ने सीएम सोरेन को 13 जनवरी को आठवीं बार समन भेजकर 16 से 20 जनवरी के बीच हाजिर होने को कहा था। एजेंसी ने उन्हें कहा था कि वे दो दिनों के भीतर बयान दर्ज कराने के लिए समय और जगह निश्चित कर सूचित करें। ईडी ने सोरेन से कहा था कि अगर 16 से 20 जनवरी के बीच वे एजेंसी के समक्ष हाजिर नहीं होते हैं तो उसे खुद उनके पास आना पड़ेगा।
इसके बाद 16 जनवरी को हेमंत सोरेन ने ईडी को पत्र लिखकर सूचित किया था कि एजेंसी उनसे 20 जनवरी की दोपहर कांके रोड स्थित सीएम हाउस में आकर उनका बयान दर्ज कर ले। (आईएएनएस)।
भोपाल, 20 जनवरी मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव ने शनिवार को कहा कि अयोध्या में नए राम मंदिर का निर्माण 'अखंड भारत' या अविभाजित भारत की दिशा में एक कदम है।
उन्होंने यहां एक सामूहिक हनुमान चालीसा जाप कार्यक्रम में कहा कि अगर ईश्वर ने चाहा तो अखंड भारत का विस्तार अफगानिस्तान तक होगा। बैरागढ़ इलाके में यह कार्यक्रम 22 जनवरी को अयोध्या में राम मंदिर के प्राण प्रतिष्ठा समारोह से पहले आयोजित किया गया।
यादव ने सभा को संबोधित करते हुए कहा, "यह भगवान की इच्छा है, भगवान राम के मंदिर का निर्माण निश्चित रूप से 'अखंड भारत' की दिशा में एक बड़ा कदम है।"
उन्होंने कहा कि यह देश के नागरिकों के लिए सौभाग्य की बात है, मंदिर "1990-1992 से 30-32 वर्षों के संघर्ष" के बाद बन रहा है।उन्होंने कहा कि कई पीढ़ियों ने लगभग 500 वर्षों तक मंदिर के लिए संघर्ष किया।
उन्होंने कहा, सम्राट विक्रमादित्य द्वारा इस स्थान पर बनाया गया भगवान राम का पहला मंदिर "दुश्मनों की आंखों में कांटा" था, और जब भारत बुरे समय से गुजर रहा था, तो "अत्याचारियों ने इसे नष्ट कर दिया"।
मुख्यमंत्री ने कहा, इसी तरह, भारत ने सिंध खो दिया, पंजाब विभाजित हो गया और 1947 में विभाजन के बाद पाकिस्तान का गठन हुआ।
यादव ने आगे कहा, "ईश्वर ने चाहा तो आज नहीं तो कल फिर से अखंड भारत बनेगा; न केवल सिंध या पंजाब बल्कि अफगानिस्तान तक। यह हम सभी की इच्छा है कि हम ननकाना साहिब के दर्शन कर सकें।"
ननकाना साहिब, सिखों के महत्वपूर्ण धार्मिक स्थलों में से एक है।
मध्य प्रदेश सरकार ने 22 जनवरी को सरकारी कार्यालयों में आधे दिन और राज्य के सभी स्कूलों और कॉलेजों में छुट्टी की घोषणा कर दी है। (भाषा)
अयोध्या (उप्र),20 जनवरी रामानंद सागर के धारावाहिक रामायण में लक्ष्मण की भूमिका निभाने वाले अभिनेता सुनील लहरी ने 22 जनवरी को होने जा रहे राम मंदिर में प्राण प्रतिष्ठा को ऐतिहासिक दिन और इसे भारत के लिए सबसे बड़ी उपलब्धि बताया।
दिग्गज अभिनेता ने कहा कि जब वह तीन दशक पहले पहली बार अयोध्या गए थे, तो उन्होंने एक तंबू में भगवान राम की मूर्ति देखी थी और उन्हें बहुत बुरा लगा था।
लाहरी ने कहा, ‘‘मैंने खुद से कहा, इस जगह को देखो, यहीं भगवान राम का जन्म हुआ था और अब उन्हें ऐसी जगह पर रखा गया है। यह बहुत दयनीय है। मुझे लगता है कि समय के साथ न्याय सही दिशा में हुआ है।’’
प्राण प्रतिष्ठा के बारे में लहरी ने कहा ‘‘मैं इसे सबसे बड़ी उपलब्धि के तौर पर देखता हूं जिसके लिए हम भारतीय पिछले 500 साल से संघर्ष कर रहे थे। इस उपलब्धि को हासिल करने के लिए कई लोगों ने बलिदान दिया।’’
‘पीटीआई-भाषा’ के साथ साक्षात्कार में उन्होंने रामायण धारावाहिक को लेकर अपना स्मरण साझा करते हुए कहा कि शुरुआत में उनका चयन भगवान राम के सबसे छोटे भाई शत्रुघ्न की भूमिका निभाने के लिए हुआ था, लेकिन वह इसे करने के इच्छुक नहीं थे और उन्होंने निजी कारणों का हवाला देते हुए हाथ पीछे खींच लिया। हालांकि भाग्य को कुछ और मंजूर था और उन्हें लक्ष्मण की भूमिका मिली।
लहरी ने कहा कि उन्होंने रामायण में भगवान राम के छोटे भाई लक्ष्मण का किरदार निभाया। यह किरदार ईमानदारी, समर्पण, सादगी और सही पक्ष के साथ खड़े होने को प्रदर्शित करता है।
उन्होंने कहा ‘‘लक्ष्मण एक ऐसा किरदार है जो किसी भी गलत चीज़ का समर्थन नहीं करता।’’ (भाषा)
नयी दिल्ली, 20 जनवरी दिल्ली पुलिस ने शनिवार को कहा कि उसने अभिनेत्री रश्मिका मंदाना के 'डीपफेक' वीडियो के सिलसिले में एक व्यक्ति को गिरफ्तार किया है।
यह वीडियो सोशल मीडिया पर व्यापक रूप से प्रसारित हुआ था।
एक अधिकारी ने बताया कि आरोपी को दक्षिण भारत से गिरफ्तार किया गया और उसे दिल्ली लाया गया है। आरोपी पर संदेह है कि उसने ही वीडियो बनाया था।
अधिकारी के मुताबिक, आरोपी से पूछताछ की जा रही है।
पुलिस के मुताबिक, दिल्ली पुलिस के विशेष प्रकोष्ठ की इंटेलिजेंस फ्यूजन एंड स्ट्रैटेजिक ऑपरेशंस (आईएफएसओ) इकाई में 10 नवंबर को भारतीय दंड संहिता की धाराओं 465 (जालसाजी के लिए सजा), 469 (प्रतिष्ठा को नुकसान पहुंचाने के उद्देश्य से जालसाजी) और सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम की धाराओं 66सी और 66ई के तहत प्राथमिकी दर्ज की गयी थी।
अधिकारी ने बताया कि प्राथमिकी दर्ज करने के तुरंत बाद आईएफएसओ इकाई ने यूआरएल और अन्य विवरण प्राप्त करने के लिये ‘मेटा’ को पत्र लिखा, ताकि वीडियो बनाने वाले और सोशल मीडिया पर उसे डालने वाले आरोपी की पहचान की जा सके।
‘मेटा’ सोशल मीडिया मंच फेसबुक, व्हाट्सऐप, इंस्टाग्राम और थ्रेड्स की मूल कंपनी है। (भाषा)
भोपाल, 20 जनवरी मध्य प्रदेश कांग्रेस की अनुशासन समिति ने शुक्रवार को बैठक की और नवंबर 2023 के राज्य विधानसभा चुनावों के दौरान कथित तौर पर "पार्टी विरोधी" गतिविधियों में शामिल लगभग 150 स्थानीय नेताओं को कारण बताओ नोटिस जारी किया। इन चुनावों में कांग्रेस को हार का सामना करना पड़ा था।
पार्टी के एक पदाधिकारी ने कहा कि नोटिस का दस दिनों में जवाब देना है और संतोषजनक जवाब नहीं देने वालों को पार्टी से निष्कासित किया जाएगा।
कांग्रेस ने यह कदम विधानसभा चुनाव परिणाम घोषित होने के एक महीने से अधिक समय बाद उठाया है। पार्टी 230 सदस्यीय सदन में सिर्फ 66 सीटें जीतने में सफल रही थी। कांग्रेस का यह कदम आम चुनाव से पहले पार्टी में सब कुछ ठीक करने और यह स्पष्ट संदेश देने की कवायद का हिस्सा है कि भितरघात और अनुशासनहीनता बर्दाश्त नहीं की जाएगी।
कांग्रेस ने चुनाव हारने वाले 164 प्रत्याशियों में से अधिकतर से मिली शिकायतों के बाद यह सख्त रुख इख्तियार किया है। प्रत्याशियों ने अपनी हार के लिए ‘‘ भितरघात ’’ को जिम्मेदार ठहराया है।
यहां एक प्रेस विज्ञप्ति में, अनुशासन समिति के प्रमुख और प्रदेश कांग्रेस के कोषाध्यक्ष अशोक सिंह ने चेतावनी दी कि पार्टी उन लोगों के खिलाफ कार्रवाई करने पर विचार करेगी जो "पार्टी विरोधी" गतिविधियों में शामिल थे और निर्धारित समय के भीतर संतोषजनक जवाब देने में विफल रहते हैं।
कांग्रेस के एक वरिष्ठ पदाधिकारी ने ‘पीटीआई-भाषा’ को बताया, 'हमने जिन लोगों को नोटिस भेजा है, अगर उनसे संतोषजनक स्पष्टीकरण नहीं मिला तो हम उन्हें निष्कासित कर देंगे।' अनुशासन समिति की शुक्रवार की बैठक में इसके सदस्यों ने विधानसभा चुनाव लड़ने वाले पार्टी के बागियों को बाहर का रास्ता दिखाने के फैसले का समर्थन किया। कांग्रेस ने कई विद्रोहियों को निष्कासित कर दिया है जिन्होंने नेतृत्व की अवहेलना करते हुए आधिकारिक उम्मीदवारों के खिलाफ चुनाव लड़ा था।
सत्तारूढ़ भाजपा ने विधानसभा चुनावों में कुल 230 में से 163 सीटें जीतकर परचम लहराया, जबकि कांग्रेस की सीटें 66 पर सिमट गईं। (भाषा)
अलप्पुझा (केरल), 20 जनवरी केरल की एक अदालत ने तटीय जिले अलप्पुझा में दिसंबर 2021 में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) मोर्चा के एक नेता की हत्या के मामले में शनिवार को 15 लोगों को दोषी करार दिया।
दोषी ठहराये गए लोगों का संबंध अब प्रतिबंधित कट्टरपंथी इस्लामिक समूह ‘पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया’ (पीएफआई) से है।
ऐसा आरोप है कि भाजपा के ओबीसी मोर्चा के प्रदेश सचिव रंजीत श्रीनिवासन पर पीएफआई और ‘सोशल डेमोक्रेटिक पार्टी ऑफ इंडिया’ (एसडीपीआई) से जुड़े कार्यकर्ताओं ने 19 दिसंबर 2021 को उनके घर में उनके परिवार के सामने बुरी तरह पीटा था और उनकी हत्या कर दी थी।
इस मामले में मावेलिक्कारा की अतिरिक्त जिला सत्र अदालत संख्या एक ने फैसला दिया है। सजा पर फैसला सोमवार को सुनाया जाएगा।
भाजपा नेता की हत्या के कुछ घंटे पहले 18 दिसंबर की रात को एक गिरोह ने एसडीपीआई नेता के एस शान की हत्या कर दी थी। घटना के समय वह अलप्पुझा में अपने घर लौट रहे थे। (भाषा)
तेजपुर (असम), 20 जनवरी केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने शनिवार को कहा कि देश अगले तीन साल में नक्सलवाद की समस्या से मुक्त हो जाएगा।
शाह ने यहां सलोनीबारी में सशस्त्र सीमा बल के 60वें स्थापना दिवस को संबोधित करते हुए कहा कि सभी केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों में से एक एसएसबी ‘‘संस्कृति, इतिहास, भौगोलिक स्थिति और भाषा को बारीकी से एकीकृत करने’’ और सीमावर्ती क्षेत्रों के लोगों को देश के बाकी हिस्सों के करीब लाने में एक अद्वितीय भूमिका निभाता है।
उन्होंने कहा, ‘‘प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में अगले तीन साल में देश नक्सली समस्या से 100 फीसदी मुक्त हो जाएगा।’’
गृह मंत्री ने इस मौके पर एक डाक टिकट भी जारी की। (भाषा)
नई दिल्ली, 20 जनवरी । खालिस्तान समर्थक सिख फॉर जस्टिस (एसएफजे) के नेता गुरपतवंत सिंह पन्नू ने चेतावनी दी है कि अगर अगले महीने तक उनके सहयोगियों को रिहा नहीं किया गया तो दिल्ली और पंजाब के मुख्यमंत्रियों को राजनीतिक मौत का सामना करना पड़ेगा।
पन्नू की धमकी शुक्रवार को पंजाब पुलिस के राज्य विशेष ऑपरेशन सेल द्वारा राजपुरा के निवासियों जगदीश सिंह, मंजीत सिंह और दविंदर सिंह की गिरफ्तारी के कुछ घंटों बाद आई है।
शनिवार को साझा किए गए एक वीडियो संदेश में, पन्नू ने दावा किया कि तीन युवकों ने 26 जनवरी से शुरू होने वाले खालिस्तान जनमत संग्रह मतदाता पंजीकरण के लिए सीधे एसएफजे के साथ काम किया।
पन्नू ने चेतावनी दी कि दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल और पंजाब सीएम भगवंत मान को सिखों के क्रोध का सामना करना पड़ेगा जिन्होंने उनकी आम आदमी पार्टी (आप) को पंजाब में जीत दिलाने में मदद की।
पन्नू ने पंजाबी बोलते हुए कहा, "अगर 15 फरवरी तक तीन खालिस्तान समर्थक सिखों को रिहा नहीं किया गया तो केजरीवाल-मान की जोड़ी को 'राजनीतिक मौत' का सामना करना पड़ेगा। उन्हें उन सिखों के क्रोध का सामना करना पड़ेगा जिन्होंने आप को पंजाब जीतने में मदद की थी।"
उन्होंने दावा किया कि आप के दोनों नेताओं ने अमेरिका और कनाडा में खालिस्तान समर्थकों से 6 मिलियन डॉलर का चंदा इस समझ के साथ इकट्ठा किया कि वे पंजाब में उनकी गतिविधियों में हस्तक्षेप नहीं करेंगे।
पन्नू ने आगे केजरीवाल पर भगवंत मान को 1992 से 1995 तक पंजाब के मुख्यमंत्री रहे बेअंत सिंह के रास्ते पर चलने के लिए मजबूर करने का आरोप लगाया, जिनकी 31 अगस्त 1995 को खालिस्तान अलगाववादी समूह बब्बर खालसा इंटरनेशनल द्वारा हत्या कर दी गई थी।
पन्नू आगे कहा कि केजरीवाल-मान की जोड़ी को 31 अगस्त 1995 को नहीं भूलना चाहिए, खालिस्तान समर्थक सिखों को प्रताड़ित करने का परिणाम उन्हें भुगतना पड़ेगा। उन्होंने एक बार फिर मान की हत्या की धमकी देते हुए कहा कि 'जिन हाथों में खालिस्तान का झंडा है, वे रॉकेट लॉन्चर थामने से नहीं कतराएंगे।'
16 जनवरी के उस वीडियो पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए जिसमें पन्नू ने गैंगस्टरों से मान और पुलिस महानिदेशक गौरव यादव पर हमले के लिए एकजुट होने का आग्रह किया था, इस पर पंजाब के मुख्यमंत्री ने कहा कि वह इन धमकियों को गंभीरता से नहीं लेते हैं।
इस बीच, गिरफ्तार किए गए तीन लोगों ने पुलिस को बताया कि पन्नू ने उन्हें गणतंत्र दिवस से पहले खालिस्तान का झंडा फहराने और दीवारों पर खालिस्तान समर्थक चित्र बनाने और नारे लिखने के लिए कहा था।
भारत में आतंकवाद और राजद्रोह सहित लगभग दो दर्जन मामलों में वांछित पन्नू ने हाल ही में 22 जनवरी को राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा समारोह से पहले अमृतसर से अयोध्या तक हवाईअड्डों को बंद करने का आह्वान किया था। इसके अलावा, पन्नू देश में मुसलमानों से इस समारोह का विरोध करने का आह्वान किया था।
--आईएएनएस
मुंबई, 19 जनवरी । शेयर बाजारों में 22 जनवरी को इक्विटी, इक्विटी डेरिवेटिव्स, एसएलबी सेगमेंट में ट्रेडिंग अवकाश रहेगा।
बीएसई ने 22 जनवरी को सार्वजनिक अवकाश की घोषणा के संबंध में महाराष्ट्र सामान्य प्रशासन विभाग की 19 जनवरी की अधिसूचना और निगोशिएबल इंस्ट्रूमेंट एक्ट, 1981 के तहत 22 जनवरी को सार्वजनिक अवकाश के संबंध में आरबीआई की प्रेस विज्ञप्ति का हवाला दिया।
बीएसई ने कहा कि वह इक्विटी, एसएलबी और इक्विटी डेरिवेटिव सेगमेंट में अपनी प्राथमिक साइट (पीआर) से शनिवार 20 जनवरी को नियमित समय के अनुसार नियमित ट्रेडिंग सत्र आयोजित करेगा।
पीआर साइट से डीआर साइट पर कोई इंट्रा-डे स्विचओवर नहीं होगा।
इससे पहले, एक्सचेंजों ने शनिवार, 20 जनवरी को डीआर साइट पर इंट्राडे स्विच के साथ एक विशेष लाइव ट्रेडिंग सत्र की योजना बनाई थी। (आईएएनएस)।
नई दिल्ली, 19 जनवरी । दिल्ली उच्च न्यायालय ने शुक्रवार को कहा कि शादी के लिए धर्म परिवर्तन करने वाले व्यक्तियों को कानूनी परिणामों की पूरी जानकारी दी जानी चाहिए और ऐसे मामलों से निपटने के लिए निर्देश जारी किए जाने चाहिए।
अदालत ने एक बलात्कार मामले की सुनवाई के दौरान ये टिप्पणियाँ कीं, जहां आरोपी को उनकी शादी के समझौते के आधार पर अंतरिम जमानत दिए जाने के बाद पीड़िता ने इस्लाम धर्म अपना लिया था।
न्यायमूर्ति स्वर्ण कांता शर्मा ने धार्मिक सिद्धांतों और सामाजिक अपेक्षाओं की विस्तृत समझ सहित सूचित सहमति सुनिश्चित करने के महत्व पर जोर दिया।
अदालत ने विशेष विवाह अधिनियम के तहत मामलों को छोड़कर, धर्मांतरण के बाद अंतर-धार्मिक विवाह के दौरान उम्र, वैवाहिक इतिहास और दोनों पक्षों के साक्ष्य के संबंध में हलफनामा देना अनिवार्य कर दिया।
निहितार्थों को समझते हुए स्वैच्छिक रूपांतरण की पुष्टि करने वाले शपथ पत्र भी प्राप्त किए जाने चाहिए।
धर्मांतरण और विवाह के प्रमाणपत्र स्थानीय भाषाओं में होने चाहिए, साथ ही धर्मांतरित व्यक्ति की प्राथमिकता के आधार पर अतिरिक्त भाषा की आवश्यकताएं भी होनी चाहिए। हालाँकि, दिशानिर्देश मूल धर्म में वापसी पर लागू नहीं होते हैं।
अदालत ने धर्म परिवर्तन करने वालों के मूल धर्म के साथ टकराव से बचने के लिए सूचित धर्म परिवर्तन की आवश्यकता पर ध्यान दिया।
इसने विसंगतियों को ध्यान में रखते हुए याचिका को खारिज कर दिया और सीआरपीसी की धारा 164 के तहत यौन उत्पीड़न पीड़ितों के बयान दर्ज करते समय व्यक्तिगत और स्थानीय पूछताछ पर जोर देते हुए मजिस्ट्रेटों के लिए दिशानिर्देश जारी किए। अदालत ने यौन हिंसा के प्रति असहिष्णुता बनाए रखते हुए आपराधिक न्याय प्रणाली में विफलताओं को दूर करने के महत्व पर भी जोर दिया। (आईएएनएस)।
बेंगलुरु, 20 जनवरी । कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई ने कहा है कि अयोध्या में राम मंदिर में भगवान राम की मूर्ति की स्थापना के माध्यम से 'राम राज्य' की नींव रखी गई है।
बसवराज बोम्मई ने यहां जयश्री अरविंद द्वारा भगवान राम पर प्रकाशित एक सीडी जारी करने के बाद कहा, ''राम राज्य' का अर्थ है 'सभी के लिए अवसर और समृद्धि, और कहीं भी गरीबी का कोई निशान नहीं'। सभी के लिए न्याय।"
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा दिखाई गई प्रतिबद्धता के साथ, राम लला की 'प्राण प्रतिष्ठा' 22 जनवरी को आयोजित की जा रही है। पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा, "हम सभी विशेषाधिकार प्राप्त और भाग्यशाली हैं। 'राम राज्य' की स्थापना के कारण सभी लोग खुशी से रहें।"
उन्होंने कहा, ''हर चीज का एक समय आना चाहिए और भगवान राम को 500 साल से अधिक समय तक अयोध्या में उनके जन्मस्थान से बाहर रखा गया था। भगवान राम की प्राण प्रतिष्ठा 22 जनवरी को तय की गई है।
यह एक महान क्षण है। ऐसा लग रहा है कि सब कुछ पहले ही तय हो जाएगा क्योंकि गुरुवार को भगवान राम ने राम मंदिर के गर्भगृह में प्रवेश किया। आज, भगवान राम पर गाने रिलीज़ हुए जो काफी संयोग था।
उन्होंने कहा, "भगवान राम का अवतार बहुत खास है क्योंकि उनमें भगवान विष्णु का 'अवतार' था। लेकिन भगवान राम का अवतार सबसे अच्छा है क्योंकि यह बहुत महान था।"
जब भी उन्होंने गलतियां कीं, राम सही रास्ता दिखाते थे। राम के सिद्धांत के बिना कोई जीवन नहीं है। बचपन से लेकर वन जाने तक उन्होंने कभी अपने सिद्धांतों से समझौता नहीं किया। वे विचारधारा के बारे में बात करते हैं लेकिन अन्य लोग इसका पालन करते हैं।
उन्होंने आगे कहा कि वाल्मीकि रामायण सर्वश्रेष्ठ रामायण है क्योंकि इसमें पिता और पुत्र के बीच के रिश्ते को दिखाया गया है। भाइयों के बीच के रिश्ते को। लक्ष्मण ने भाई राम के साथ जंगल में 14 साल बिताए। एक अन्य भाई, भरत ने राम की 'पादुका' को अपने पास रखा। सिंहासन और राज्य पर शासन किया। इस तरह की संस्कृति केवल यहीं मौजूद थी।
अब कोई भी सत्ता किसी पर नहीं छोड़ता। इसमें भगवान राम और हनुमान के रूप में 'गुरु' और 'शिष्य' के बीच के रिश्ते को भी दिखाया गया है। उन्होंने कहा कि चूंकि मस्जिद राम मंदिर पर मौजूद थी, इसलिए पूजा नहीं की गई।
भगवान राम सही समय पर आये हैं। यह खुशी का क्षण है कि पीएम मोदी 22 जनवरी को 'प्राण प्रतिष्ठापना' करेंगे। भाजपा विधायक रवि सुब्रमण्यम एल.ए. और उत्तरादी मठ के संयोजक आचार्य कट्टी और गायक जयश्री अरविंद मौजूद थे।
(आईएएनएस)।
जयपुर, 20 जनवरी । जोधपुर में कुत्तों से बचने की कोशिश करते समय मालगाड़ी की चपेट में आने से दो चचेरे भाई-बहन की मौत हो गई।
हादसा शुक्रवार को शहर के माता का थान में हुआ। हादसे की सूचना मिलने पर एसीपी मंडोर पीयूष कविया भी मौके पर पहुंचे।
जानकारी के मुताबिक, छात्रा अनन्या (12) और छात्र युवराज सिंह (14) बनाड़ के गणेश पुरा के रहने वाले थे। वे दोनों आर्मी चिल्ड्रन अकादमी में 5वीं और 7वीं क्लास में पढ़ते थे।
जब वे तीन अन्य दोस्तों के साथ स्कूल से लौट रहे थे, तो कुत्तों ने उनका पीछा करना शुरू कर दिया और भयभीत बच्चे डरकर भागने लगे।
भागते समय पीड़ितों सहित उनमें से तीन रेलवे ट्रैक पर पहुंच गए। उसी दौरान अनन्या और युवराज एक मालगाड़ी की चपेट में आ गए। जिससे उनकी मौके पर ही दर्दनाक मौत हो गई।
हादसे की सूचना मिलने पर लड़की के पिता प्रेम सिंह और अन्य परिजन मौके पर पहुंचे। युवराज के पिता मदन सिंह कर्नाटक में हैं। उन्हें फोन के जरिए हादसे की जानकारी दी गई। जोधपुर नगर निगम की टीम द्वारा कुत्तों को पकड़ने के बाद ही परिजन शव ले गए। (आईएएनएस)।
शामली, 20 जनवरी । उत्तर प्रदेश के शामली जिले में मेरठ यूनिट की एंटी-नारकोटिक्स सेल और कैराना थाना पुलिस ने शुक्रवार शाम को क्षेत्र के अंतर्गत पानीपत रोड पर एक बड़ी छापेमारी की। जिसमें टीम ने 10.5 किलो चरस के साथ पांच कथित तस्करों को गिरफ्तार किया।
अधिकारियों ने बताया कि गिरफ्तार आरोपियों पहचान फरमान उर्फ घोलू , रवि, सलीम, यामीन और फरमान के रूप में हुई है। आरोपी हरियाणा और उत्तर प्रदेश के रहने वाले हैं। पुलिस उपाधीक्षक अमरदीप मौर्य ने बताया कि लोकल इंटेलीजेंस से गोपनीय जानकारी पर मेरठ एंटी-नारकोटिक्स सेल और कैराना थाना पुलिस की संयुक्त कार्रवाई में 10.5 किलो चरस को जब्त की गई।
अधिकारी ने कहा कि विश्वसनीय जानकारी के आधार पर आरोपी कई दिनों से एंटी-नारकोटिक्स सेल कर्मियों की रडार पर थे। पुलिस ने कहा, "सूचना की पुष्टि होने पर एक छापेमारी की योजना बनाई गई और जाल बिछाकर कार्रवाई की गई।
इसके बाद शुक्रवार शाम को कैराना थाना अंतर्गत पानीपत रोड पर आरोपियों को एक ईको कार व दो बाईकों के साथ पकड़ लिया गया। छापेमारी के दौरान आरोपियों के पास से नशीले पदार्थों की खेप मिली।
डीएसपी ने कहा कि पांचों आरोपियों ने पूछताछ के दौरान खुलासा किया कि वह नशीले पदार्थ की खरीद-फरोख्त करते हैं। इनके पास से 10.5 किलो चरस और तस्करी में इस्तेमाल एक ईको कार व दो बाईकों को जब्त की गई हैं। बरामद चरस की अंतरराष्ट्रीय कीमत 6 लाख रुपये आंकी गई है। पांचों आरोपियों के खिलाफ कैराना थाना में आईपीसी की संबंधित धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया है।
--आईएएनएस
ग्रेटर नोएडा, 20 जनवरी । जिला न्यायालय गौतमबुद्ध नगर ने सेक्टर 20 थाना क्षेत्र में 5 और 7 वर्ष की मासूम बच्चियों के दुष्कर्म के मामले में मकान मालिक चंद्रिका उर्फ कबाड़ी को दोषी करार दिया है और उसे 20 साल की जेल की सजा सुनाई है।
यह मामला अप्रैल 2019 का है। जब पीड़िता के पिता ने आरोपी के खिलाफ सेक्टर 20 थाने में मामला दर्ज कराया था। अदालत ने दोषी मकान मालिक पर 50 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया गया है। कोर्ट ने जुर्माने की राशि पीड़ित परिवार को देने के आदेश दिए हैं।
पुलिस में दर्ज कराई शिकायत के अनुसार, माता-पिता जब घर से बाहर काम के लिए निकल जाते थे तो उसे दौरान मकान मालिक 5 और 7 साल की दो बेटियों को बहला फुसला कर अपने घर ले जाता था।
मकान मालिक दोनों बच्चियों से दुष्कर्म करता था और उन्हें टॉफी का लालच दिया करता था। मकान मालिक पहले इन दोनों बच्चियों के साथ डिजिटल रेप करता था, लेकिन बाद में वह दोनों बच्चियों के साथ दुष्कर्म करने लगा। बच्चियों ने जब इसकी जानकारी अपने माता-पिता को दी,, तब मामला पुलिस तक पहुंचा था।
(आईएएनएस)।
नई दिल्ली, 20 जनवरी । घने कोहरे ने सड़क यातायात के साथ रेल मार्ग यातायात पर भी काफी असर डाला है जिसके चलते उत्तर रेलवे की करीब 11 ट्रेन देरी से चल रही हैं।
इन ट्रेनों के देरी से चलने के कारण इनमें सफर कर रहे यात्रियों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। रेलवे से मिली जानकारी के मुताबिक, 45 मिनट से लेकर 6 घंटे तक की देरी से यह ट्रेनें चल रही हैं। उत्तर रेलवे के मुताबिक, दिल्ली क्षेत्र में 11 ट्रेन हैं जो देरी से आ रही हैं।
लिस्ट के मुताबिक 1- 11841 खजराहो-कुरुक्षेत्र एक्सप्रेस- 1.20, 2 - 12801 पुरी-नई दिल्ली पुरूषोत्तम एक्सप्रेस - 02.15, 3- 12225 आज़मगढ़-दिल्ली जं. कैफियत एक्सप्रेस - 02.00, 4 - 12919 अम्बेडकरनगर-कटरा -01.00, 5- 12557 मुजफ्फरपुर-आनंदविहार एक्सप्रेस- 01.30, 6 - 12779 वास्को-निज़ामुद्दीन एक्सप्रेस - 06.00, 7 - 12615 चेन्नई-नई दिल्ली एक्सप्रेस - 01.00, 8 - 12447 मानिकपुर-निजामुद्दीन एक्सप्रेस - 01.15, 9 - 15658 कामाख्या-दिल्ली जंक्शन ब्रह्मपुत्र मेल -00.45, 10 - 12414 जम्मूतवी-अजमेर पूजा एक्सप्रेस - 00.45, 11 - 15707 कटिहार-अमृतसर एक्सप्रेस - 00.45 की देरी से चल रही हैं।
कोहरे और धुंध के चलते इन ट्रेनों में सफर करने वाले लोगों को काफी ज्यादा परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। लगातार रेलवे यह कोशिश करता है कि ट्रेनों का समय बिल्कुल ठीक रहे लेकिन इस मौसम में कोहरे के सामने तकनीक भी बेसर दिखाई देती है।
(आईएएनएस)।