राष्ट्रीय
नई दिल्ली, 11 अप्रैल। जब तक देश में कोरोना के संक्रमण की स्थिति में सुधार नहीं होता है तब तक इंजेक्शन रेमडीसीविर और रेमडीसीविर एक्टिव फ़ार्मास्युटिकल इंग्रीडिएंट्स के एक्सपोर्ट पर प्रतिबंध लगा दिया गया है. मरीजों और अस्पतालों के लिए रेमडीसीविर की आसान पहुंच सुनिश्चित करने के लिए केंद्र ने यह कदम उठाया है. गौरतलब है कि देश भर में इस दवा की कमी के कारण कोरोना संक्रमित मरीजों के इलाज में विलंब हो रहा है.
देश मे कोरोना के बढ़ते मामलों को देखते हुए केंद्र सरकार ने रेमडीसीविर और रेमडीसीविर एक्टिव इंजेक्शन के निर्यात पर रोक लगा दी है. ये रोक तब तक रहेगी जब तक कि देश में कोरोना की स्थिति में सुधार नही आ जाता.
केंद्र सरकार के मुताबिक कोरोना के केसों में अचानक बढ़ोतरी के चलते रेमडीसीविर इंजेक्शन की जरूरत बढ़ गई है और आगे भी इसकी जरूरत कोरोना के मरीजों के लिए पड़ेगी जिसकी वजह से इसके निर्यात पर रोक लगाई गई है. सात भारतीय कम्पनियां Remdesivir injection का उत्पादन करती हैं. इन कंपनियों की हर महीने 38.80 लाख यूनिटों की उत्पादन क्षमता है. सभी घरेलू मैन्युफैक्चरर्स को सलाह दी गई है कि वे अपनी वेबसाइटों पर Remdesivir injection के स्टॉक, इसके डिस्ट्रीब्यूशन आदि की जानकारी डिस्प्ले करें.
राज्यों के हेल्थ सचिवों को ड्रग इंस्पेक्टर के जरिए ये देखना होगा कि कहीं इसकी कालाबाजारी तो नही हो रही है. जरूरत के अनुसार उचित कार्रवाई करनी होगी. फार्मास्युटिकल डिपार्टमेंट मैन्युफैक्चरर्स के सम्पर्क में है और इस बात को सुनिश्चित कर रहा है कि Remdesivir का प्रोडक्शन ज्यादा से ज्यादा हो.