विचार / लेख

एक साल पहले के कोरोना और आज के कोरोना की परिस्थितियों में जो बहुत बड़ा अंतर दिखाई दे रहा है वो निम्नानुसार है...
10-Apr-2021 7:47 PM
एक साल पहले के कोरोना और आज के कोरोना की परिस्थितियों में जो बहुत बड़ा अंतर दिखाई दे रहा है वो निम्नानुसार है...

-गिरीश मालवीय 

1) पिछली बार सरकार प्रो एक्टिव नजर आ रही थी..... लोगो को पकड़ पकड़ कर टेस्ट करने के लिए ले जा रही थी इस बार नजारा बदल गया है लोग खुद सामने आकर टेस्ट कराने को तैयार है लेकिन सरकार पर्याप्त संसाधन तक उपलब्ध नहीं करवा पा रही है.....टेस्ट कराने के लिए लोग दिन दिन भर इंतजार कर रहे हैं

2) पिछली बार सरकार ने कोविड सेंटर्स खोले थे क्वारंटाइन करने के लिए लोगो को गाड़ियों में भर भर कर वहाँ भेजा जा रहा था, उनके खाने पीने सोने की सारी व्यवस्था की थी.....रेल के डिब्बों को कोविड सेंटर्स में बदला गया, ......लेकिन इस बार कहीं से भी कोई खबर नहीं आ रही कि कहीं भी कोई भी कोविड सेंटर काम कर रहा हो.....बल्कि जो कोविड सेंटर चालू थे उन्हें भी एक एक कर के बन्द करवा दिया गया.... अब जिनके घर मे एक ही रूम है और उनके परिवार का सदस्य पॉजिटिव हो गया है वे लोग पूछ रहे हैं कि हमको अलग रखने के लिये सरकार ने क्या व्यवस्था की है सरकार के पास कोई जवाब नहीं है ?

3) पिछली बार सरकारी अधिकारियों ने लॉक डाउन के दौरान अपने रुकने के लिए महामारी एक्ट के नाम पर शहर के बड़े बड़े होटलों पर कब्जा जमा।लिया था, बाद में जब वो होटल खाली किये गए तो बुरी हालत में ऑनर को मिले ओर सबसे बड़ी बात तो यह कि आज तक होटल के मालिकों को सरकार की तरफ से कोई भुगतान नहीं किया गया, बिल दिए उनको महीने बीत गए हैं....... शायद इसलिए ही इस बार होटल गेस्ट हाउस के अधिग्रहण का कदम अभी तक नहीं उठाया गया है

4) पिछली बार सबसे ज्यादा हल्ला वेंटिलेटर को लेकर मचाया जा रहा था ओर उस हल्ले का फायदा उठाकर घटिया वेंटिलेटर की सप्लाई की गयी जो आज बन्द पड़े हुए हैं....PM केयर के फंड की रकम से गुजरात की कम्पनियो से खूब वेंटिलेटर खरीदे गए और जमकर घोटाला किया इस बार कोई वेंटिलेटर का नाम भी नहीं ले रहा......

5) पिछली बार एक लाख तक रोज मरीज मिल रहे थे लेकिन किसी भी हॉस्पिटल में ऑक्सीजन की सप्लाई को लेकर ऐसी खबरें नहीं आ रही थी जैसी खबरे अब आ रही है कई शहरों में हॉस्पिटल में ऑक्सीजन सप्लाई खत्म होने की कगार पर है....... यहाँ पूरे एक साल में सरकार सोती रही आक्सीजन सप्लाई की व्यवस्था पर कोई ध्यान नहीं दिया गया.

6) पिछली बार सड़को पर मच्छर मारने का धुंआ उड़ाकर कोरोना वायरस को मारने का खूब प्रयास किया गया लेकिन इससे कोरोना वायरस की सेहत पर कोई असर नहीं पड़ा..... इस बार सरकार ने वैसी कोई बेवकूफी नहीं की......

7) पिछली बार आपको याद होगा कि छूने से कोरोना फैलता है यह बात को खूब फैलाया गया इंदौर जैसे शहर में तो सब्जियों को बिकने से रोक दिया गया, पिछली बार तो आलू प्याज में भी कोरोना वायरस निकल रहा था, इस बार सरकार को थोड़ी अकल आयी है इस तरह की बेवकूफियां नहीं की जा रही, अब यह कहा जा रहा है कि यह सिर्फ साँस के जरिए फैल रहा है बाकी छूने से नहीं फैल रहा है.......

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