सामान्य ज्ञान
केन्द्र सरकार ने ‘स्वच्छ भारत मिशन’ 2 अक्टूबर 2014 को शुरू किया था। इसका लक्ष्य महात्मा गांधी की 150वीं जयंती यानी 2 अक्टूबर 2019 तक पूरे देश के 4041 वैधानिक शहरों और नगरों में पूरी तरह स्वच्छता सुनिश्चित करना है। शहरी क्षेत्रों में खुले में शौच की समस्या खत्म करने के लिए शौचालयों का निर्माण इस मिशन की प्राथमिकता है।
पांच वर्ष के स्वच्छता मिशन के तहत 62 हजार 9 करोड़ रुपये खर्च करने का प्रावधान किया गया है। इसके तहत घरों में 1.04 करोड़ शौचालयों, 2.51 लाख सामुदायिक शौचालय सीटों और 2.55 लाख सार्वजनिक शौचालय सीटों का निर्माण किया जाना है। इस योजना के अंतर्गत 37 करोड़ शहरी लोगों को ठोस कचरा प्रबंधन में सहायता दी जाएगी।
केंद्रीय शहरी विकास मंत्रालय ने ‘स्वच्छ भारत मिशन’ के क्रियान्वयन का मूल्यांकन 3 अप्रैल 2015 को जारी किया। इसके अनुसार वर्ष 2014-15 के दौरान गुजरात ‘स्वच्छ भारत मिशन’ को लागू करने में देश के सभी राज्यों एवं केंद्र शासित प्रदेशों में सबसे से आगे (प्रथम) रहा। ‘स्वच्छ भारत मिशन’ के तहत वर्ष 2014-15 में कुल 2 लाख 70 हजार 69 घरों में बने शौचालयों में से 60 प्रतिशत अकेले गुजरात में बने।
केंद्रीय शहरी विकास मंत्रालय ने स्वच्छ भारत मिशन के तहत प्राप्त प्रस्तावों के आधार पर वित्तवर्ष 2014-15 के दौरान 900 करोड़ रुपये की मंजूरी प्रदान की है। राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को 700 करोड़ रुपये दिए गए है।