विचार / लेख
-स्वराज करूण
कोरोना की परवाह किए बिना आज देश के कई बड़े शहरों में हजारों लोगों ने होली धूमधाम से मनाई। टीव्ही न्यूज चैनलों में उत्तरप्रदेश के वृंदावन स्थित बांकेबिहारी मंदिर में श्रद्धालुओं का सैलाब उमड़ता देखा गया। मथुरा में भी जन सैलाब उमड़ता रहा।
महाराष्ट्र के नांदेड़ में लॉक डाउन के बीच होली और होला मोहल्ला का पर्व मनाने के लिए लोगों की भीड़ ने कोविड के नियमों की धज्जियाँ उड़ा दी। रोकटोक करने पर भीड़ ने पुलिस के साथ झगड़ा भी किया। ऐसा नहीं होना चाहिए था। यह दुर्भाग्यपूर्ण घटना थी। और भी कई शहरों में होली के दिन कोरोना को ठेंगा दिखाकर भीड़ उमड़ती रही। रंग बरसते रहे। इनके भी रंगीन दृष्य चैनलों पर दिखाए गए। कोई मास्क नहीं, कोई दो गज की दूरी नहीं। और इधर हम हैं और हम जैसे लाखों लोग, जो आज कोरोना से डरकर घरों से निकले ही नहीं!
एक चैनल ने कोलकाता के किसी बड़े बागीचे में आयोजित वसंतोत्सव का आज शाम प्रसारण किया ,जो मॉडलों ,फोटोग्राफरों और वीडियोग्राफरों की किसी संस्था द्वारा आयोजित किया गया था ,जिसमें सीनियर और जूनियर मॉडल्स सज-धज कर तरह -तरह के लोकगीतों की सांगीतिक प्रस्तुतियों में ठुमके लगा रही थीं। इन महिला कलाकारों ने बागीचे की हर खाली जगह को अपना रंगमंच बना लिया था। किसी ने भी मास्क नहीं पहना था। दो गज की दैहिक दूरी भी बिल्कुल नहीं थी। सब लोग मजे से सेल्फी ले रहे थे, घूम रहे थे।
कोरोना के आतंक का वहाँ दूर -दूर तक कोई अता-पता नहीं था। सब बहुत खुश होकर समारोह को इंजॉय कर रहे थे। एंकर कलाकारों से हाथ भी मिला रहे थे। देखकर अच्छा लगा कि हमारे छत्तीसगढ़ और ओडिशा के लोकप्रिय सम्बलपुरी गीत ‘रोंगोबती’ का बांग्ला अनुवाद भी सम्बलपुरी लोकधुन में नृत्य के साथ प्रस्तुत किया गया। यह सब देखकर लगा कि तमाम दिशा -निर्देशों और ‘घर में रहें सुरक्षित रहें’ जैसी चेतावनियों के बावज़ूद लोगों ने जिस उत्साह के साथ बाहर निकलकर मौज -मस्ती के साथ होली मनाई ,उसे देखकर कोरोना वायरस भी जनता के आगे नतमस्तक हो गया!
यह वायरस तो पांच राज्यों में हो रही चुनावी रैलियों की भीड़ को देखकर भी नतमस्तक होकर वहाँ से गायब हो जाता है।
तमाम बड़े -बड़े नेता लोग भी इन रैलियों में मास्क पहने बिना,भाषण देते नजर आते हैं । किसानों की महापंचायतों से भी कोरोना घबराता है और वहाँ से दूर रहता है। अब तक तो किसी महापंचायत और किसी भी दल की चुनावी रैलियों में कोरोना विस्फोट जैसी कोई घटना देखने ,सुनने को नहीं मिली।
चलो अच्छा है, किसी को कुछ नहीं हुआ। लेकिन क्या यह सब देखकर ऐसा नहीं लगता कि कोरोना को लेकर दुनिया भर में जरूरत से ज़्यादा भय और भ्रम फैलाया जा रहा है और जनता ने अब इससे डरना छोड़ दिया है ?