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रायपुर, 13 मार्च। छत्तीसगढ़ में यूनिसेफ के कर्मचारियों ने चीफ ऑफ ऑफिस जॉब जकरिया के नेतृत्व में यहां रायपुर मेडिकल कॉलेज में कोरोना टीकाकरण लिया।
लोगों से कोविड टीकाकरण लेने की अपील करते हुए, श्री जक़रिया ने कहा कि कोविड टीकाकरण से न सिर्फ लोगों, परिवारों और समुदायों की इस बीमारी से सुरक्षा होगी बल्कि इसके संचरण की श्रृंखला को तोड़ कर इसके प्रसार को भी रोका जा सकेगा। वयस्कों द्वारा टीकाकरण लिए जाने से बच्चों को भी लाभ होगा, क्योंकि कोरोना अप्रत्यक्ष रूप से उनके स्वास्थ्य, पोषण, शिक्षा और सुरक्षा को भी प्रभावित करता है। वैश्विक प्रमाणों से पता चलता है कि कोरोना के सामाजिक-आर्थिक प्रभाव से बाल मृत्यु, कुपोषण, स्कूल छोडऩे, बाल विवाह, बाल श्रम, बाल तस्करी और बच्चों के खिलाफ हिंसा की दर में वृद्धि होगी। इस भयावह स्थिति को कोरोना टीकाकरण से रोका जाना चाहिए । श्री जक़रिया ने कहा कि कोरोना टीकाकरण अभियान के अंतर्गत कमजोर, दूरदराज और आदिवासी परिवारों के लोगों पर विशेष ध्यान दिया जाना चाहिए।
ऐसा अनुमान है कि छत्तीसगढ़ में 35 लाख लोग इस चरण में कोरोना टीकाकरण लेने के लिया पात्र हैं। इसमें 5 लाख स्वास्थ्य और सीमावर्ती कार्यकर्ता और 30 लाख 60 साल से ऊपर के लोग और मधुमेह और रक्तचाप (उच्च रक्तचाप) जैसी बीमारियों से पीडि़त 45-59 वर्ष के लोग शामिल हैं।
डॉ अमर सिंह ठाकुर, राज्य टीकाकरणअधिकारी, ने कहा कि कोरोना टीकाकरण पाने के इच्छुक व्यक्ति आधार नंबर, नाम और उम्र की जानकारी देकर कोविन ऐप या कोविन पोर्टल पर पंजीकरण कर सकते हैं। जिनके पास इंटरनेट की व्यवस्था नहीं है, वे टीकाकरण केंद्रों पर पंजीकरण कर सकते हैं। छत्तीसगढ़ में 900 टीकाकरण केंद्र हैं, जहाँ प्रतिदिन टीकाकरण किये जा रहे है। इसमें प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र, जिला अस्पताल और निजी अस्पताल शामिल हैं। पंजीकरण के लिए आधार कार्ड या पहचान के अन्य प्रमाण को टीकाकरण स्थल पर प्रस्तुत किया जाना आवश्यक है। 45 वर्ष से अधिक आयु के व्यक्तियों को किसी पंजीकृत चिकित्सक द्वारा जारी प्रमाण पात्र लेकर आना होगा।