सामान्य ज्ञान
26 फरवरी 1993 को न्यूयॉर्क के वल्र्ड ट्रेड सेंटर की कार पार्किंग में बम धमाका हुआ था। शक्तिशाली बम धमाके में 6 लोग मारे गए थे और करीब एक हजार लोग जख्मी हुए।
आतंकियों ने न्यूयॉर्क के वल्र्ड सेंटर को निशाना बनाया था। यह हमला अमेरिका में इस तरह का पहला हमला था। जांचकर्ताओं को धमाके वाली जगह पर एक वैन की नंबर प्लेट मिली। इस नंबर प्लेट के जरिए पुलिस मोहम्मद सालामेह तक पहुंची। सालामेह ने वैन किराये पर ली थी और 25 फरवरी को इसकी चोरी की रिपोर्ट की थी। सालामेह के घर और दस्तावेजों की जांच के बाद दो और आरोपी पकड़े गए। इस दौरान न्यूजर्सी में भंडारण की सुविधा देने वाला एक शख्स सामने आया और उसने बताया कि 25 फरवरी को चार लोग वैन में कुछ भरते दिखे थे। जब पुलिस ने गोदाम की तलाशी ली तो उसे वहां केमिकल्स मिले। जांचकर्ताओं को गोदाम से वीडियो टेप भी मिला जिसमें बम बनाने का तरीका बताया गया था। इस अहम सबूत के मिलने के साथ ही चौथा आरोपी भी पुलिस के शिंकजे में आ गया था।
आतंकियों ने धमाके की जिम्मेदारी लेते हुए न्यूयॉर्क टाइम्स को एक चि_ी भी लिखी थी। एक आरोपी के दफ्तर से चि_ी के कुछ अंश मिले थे। आखिरकार डीएनए जांच से लिफाफे पर लगी लार एक आरोपी से मिल गई। आरोपियों को सजा दिलाने के लिए जांचकर्ताओं के पास ढेरों सबूत थे। कोर्ट ने सभी आरोपियों को दोषी पाया और हर एक को 240 सालों की सजा सुनाई। 11 सितंबर 2011 को एक बार फिर वल्र्ड ट्रेड सेंटर आतंकियों के निशाने पर आया। अलकायदा के आतंकियों ने एक के बाद एक दो विमान टावरों से टकरा दिए। इस आतंकी हमले में तीन हजार से ज्यादा लोग मारे गए। हमले के कुछ घंटों के बाद ही इस बिल्ंिडग के दोनों टावर जमींदोज हो गए थे।